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देश छोड़ने के बाद भारत पहुंचीं शेख हसीना, गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पर उतरा विमान
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बांग्लादेश में स्थिति लगातार खराब होती जा रही है। सेना ने वहां पर अंतरिम सरकार बनाने का ऐलान किया है। इससे पहले हजारों प्रदर्शनकारी सोमवार को राजधानी ढाका में शेख हसीना के सरकारी आवास में घुस गए और जमकर लूटपाट तथा तोड़फोड़ की। उनके पिता मुजीबुर रहमान की प्रतिमा को हथौड़ों से तोड़ डाला। यही नहीं पार्टी के कार्यालयों में आग लगा दी गई। वहीं, तख्तापलट के बाद प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस्‍तीफा दे दिया और देश छोड़ दिया। बांग्लादेश छोड़ने के बाद शेख हसीना भारत पहुंची हैं और यहां से लंदन रवाना होने वाली हैं। थोड़ी देर पहले उनका प्‍लेन गाजियाबाद के ह‍िंडन एयरबेस पर उतरा।

कहा जा रहा है कि शेख हसीना भारत के रास्ते लंदन जा सकती हैं।हालांकि अभी यह तय नहीं है कि अगर शेख हसीना भारत से लंदन जाएंगी तो उसी विमान का इस्तेमाल करेंगी या किसी दूसरी फ्लाइट का सहारा लेंगी।


बांग्लादेश के अस्थिर हालात और शेख हसीना के हिंडन एयरबेस पहुंचने के बाद भारत मामले पर गहरी नजर रखे हुए है। विदेश मंत्री डॉक्टर एस जयशंकर पीएम मोदी से मिलने के लिए संसद भवन पहुंचे हैं। वे उन्हें पूरे घटनाक्रम से ब्रीफ कर रहे हैं।

वहीं, दूसरी ओर कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा में विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात की। जानकारी के मुताबिक दोनों नेताओं के बीच बांग्लादेश के हालात पर चर्चा हुई है।

बता दें कि बांग्‍लादेश के हालात को देखते हुए भारत ने सतर्कता बढ़ा दी है। बीएसएफ को पूरे बॉर्डर पर 24 घंटे पहले ही अलर्ट रहने को कहा गया है। बॉर्डर पर ट्रुप्स की संख्या भी बढ़ाई है। डीजी बीएसएफ पश्चिम बंगाल के दौरे पर हैं। वहां हालात का जायजा ले रहे हैं।
बांग्लादेश की 'आयरन लेडी' को क्यों छोड़ना पड़ा देश?
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बांग्लादेश की आयरन लेडी कही जाने वाली शेख हसीना 5 बार देश के प्रधानमंत्री का पद संभाल चुकी हैं। बांग्लादेश की प्रमुख राजनीतिक नेता और अवामी लीग पार्टी की प्रमुख, शेख हसीना, को उनके समर्थनकर्ताओं ने 'आयरन लेडी' का टाइटल दिया है। हालांकि, बांग्लादेश में भड़की हिंसा ने शेख हसीना को पद छोड़ने पर मजबूर कर दिया। यही नहीं उन्हें देश भी छोड़ना पड़ा है।

बांग्लादेश में छात्रों ने सरकारी नौकरियों में मुक्ति संग्राम के सेनानियों के परिजनों के लिए 30 प्रतिशत के आरक्षण को समाप्त करने की मांग के साथ विरोध शुरू किया था। ये आरक्षण 1971 स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिजनों के लिए लागू था। हाई कोर्ट के इस विवादित कोटा व्यवस्था को बरक़रार रखने के बाद छात्रों के प्रदर्शन और तेज़ हो गए। सत्ताधारी दल के कार्यकर्ताओं के प्रदर्शनकारियों पर हमला करने के बाद ये प्रदर्शन और उग्र हो गए। हालांकि, बाद में बांग्लादेश के सुप्रीम कोर्ट ने इस कोटा व्यवस्था को लगभग समाप्त ही कर दिया।

सुप्रीम कोर्ट के 21 जुलाई के फैसले के बाद माना जा रहा था कि विरोध प्रदर्शन खत्म हो जाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। आंदोलन और भी उग्र हो गया। मामले ने तूल और तब पकड़ लिया जब प्रधानमंत्री हसीना ने अदालती कार्यवाही का हवाला देते हुए प्रदर्शनकारियों की मांगों को पूरा करने से इनकार कर दिया। सरकार के इस कदम के चलते छात्रों ने अपना विरोध तेज कर दिया।

बांग्लादेश में दोबारा हुए संग्राम में प्रदर्शनकारी उन छात्रों की रिहाई की मांग पर अड़े हुए हैं, जिन्हें आरक्षण की मांग को लेकर हुई हिंसा में गिरफ्तार कर लिया गया था। शुक्रवार को बांग्लादेश में जुमे की नमाज के बाद बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी सड़क पर उतर आए थे और सरकार के खिलाफ नारेबाजी और हंगामा शुरू किया था। शनिवार होते होते हजारों की संख्या में लोग सड़क पर उतर आए और जमकर विरोध प्रदर्शन किया। रविवार को बांग्लादेश की राजधानी ढाका में प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे लोगों और सत्तारूढ़ अवामी लीग के समर्थकों में झड़प हो गई।

हिंसा को रोकने के लिए देश में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई, देश में कर्फ्यू लगा दिया गया। सरकार ने तीन दिन की सार्वजनिक छुट्टी घोषित कर दी। इन सब के बाद हालात काबू में नहीं आ सके। बांग्लादेश में जारी हिंसा के चलते भारत, अमेरिका समेत कई देशों ने अपने नागरिकों के लिए नई एडवाइजरी जारी कर दी। उधर संयुक्त राष्ट्र संगठन ने भी हिंसा पर चिंता जताते हुए इसे तत्काल रोकने की अपील की है।

रविवार (4 अगस्त) को देश भर में हुई हिंसा में करीब 100 लोग मारे गए और सैकड़ों घायल हो गए। पुलिस ने हजारों प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस और रबर की गोलियां चलाईं, जिसके चलते ये मौतें हुईं। रविवार को हुई मौतों की संख्या, जिसमें कम से कम 14 पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। यह आंकड़ा बांग्लादेश के हाल के इतिहास में किसी भी विरोध प्रदर्शन में एक दिन में सबसे अधिक है। इससे पहले 19 जुलाई को 67 लोगों की मौत हुई थी। उत्तर-पश्चिमी शहर सिराजगंज के इनायतपुर थाने पर हुए हमले में 13 पुलिसकर्मी मारे गये। लगातार हो रही हिंसा और अब तक इस आंदोलन के कारण हुई 200 से ज्यादा मौतों के बीच प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस्तीफा दे दिया है।
बांग्लादेश में राजनीतिक संकट, पीएम शेख हसीने के देश छोड़ने के बाद आर्मी चीफ ने अंतरिम सरकार बनाने का किया ऐलान
#bangladesh_army_cheif_waker_uz_zaman_says_interim_govt_to_be_formed


बांग्लादेश में आरक्षण के मसले पर शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन अब बेकाबू हो गया है। देश के सियासी हालात बिगड़ गए हैं। पीएम पद से शेख हसीना ने इस्तीफा दे दिया है और वह देश छोड़कर भाग गईं हैं।वहीं इसके बाद देश के सेना प्रमुख ने कहा है कि वो सभी से बातचीत करके देश में अंतरिम सरकार बनवाएंगे।

पीएम शेख हसीना के पद से इस्तीफे और देश छोड़ने के बाद आर्मी चीफ ने लोगों से शांति की अपील की है। बांग्लादेश के आर्मी चीफ वकार-उज-जमान ने एक वीडियो जारी करते हुए कहा कि शेख हसीना ने पीएम पद छोड़ दिया है और देश छोड़कर चली गई हैं। ऐसे में राजनीतिक उथलपुथल को देखते हुए सभी राजनीतिक दलों से बात की गई है और अब राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन से मिलकर अंतरिम सरकार बनाने के लिए कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ उनकी बैठक में हसीना की पार्टी अवामी लीग से कोई शामिल नहीं हुआ। बैठक में जमात और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। सभी से देश के मौजूदा हालात पर चर्चा हुई है। उन्होंने कहा कि अंतरिम सरकार सभी दलों की भागीदारी से बनेगी।

वहीं, बांग्लादेश के सेना प्रमुख वकर-उज-जमान ने कहा कि उन्होंने सेना और पुलिस दोनों से कोई गोली न चलाने को कहा है। उन्होंने कहा कि हिंसा से देश को नुकसान हुआ है। हालांकि, सेना देश के हालात को पूरी तरह संभाल लेगी। सेना ने देश में अंतरिम सरकार के गठन के साथ शांति स्थापित करने की भी बात कही। प्रदर्शनकारियों से कानून अपने हाथ में न लेने की अपील भी की गई।
बांग्लादेशी घुसपैठियों का नया अड्डा बना त्रिपुरा, 3 महिलाओं सहित 12 अवैध प्रवासी गिरफ्तार





कोलकाता और चेन्नई जाते समय अगरतला रेलवे स्टेशन पर दो भारतीय दलालों और छह बांग्लादेशी नागरिकों को हिरासत में लिए जाने के ठीक एक दिन बाद, 4 अगस्त को पश्चिमी त्रिपुरा जिले में बिना अनुमति के भारतीय क्षेत्र में घुसने के आरोप में बारह और विदेशी घुसपैठियों को गिरफ्तार किया गया। इनमे तीन महिलाएं भी शामिल थीं।


रिपोर्ट के अनुसार, पश्चिम अगरतला पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर एसके बर्धन ने बताया है कि, 12 बांग्लादेशी घुसपैठियों को राज्य की राजधानी के बाहरी इलाके लंकामुरा और शानमुरा इलाकों में अंतरराष्ट्रीय सीमा के नजदीक से हिरासत में लिया गया। उन्होंने कहा कि, "हम हिरासत में लिए गए लोगों से पूछताछ कर रहे हैं। पासपोर्ट और विदेशी अधिनियमों के तहत केस दर्ज किया गया है।'' गिरफ्तार बांग्लादेशी घुसपैठियों को स्थानीय अदालत में पेश किया गया और अदालत ने उन्हें आगे की जांच के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया।

अगरतला रेलवे स्टेशन, चंद्रपुर अंतरराज्यीय बस टर्मिनस, महाराजा बीर बिक्रम हवाई अड्डा और त्रिपुरा के अन्य स्थानों पर, राजकीय रेलवे पुलिस, सीमा सुरक्षा बल, पुलिस और अन्य अधिकारियों ने पिछले कुछ महीनों में 200 से अधिक बांग्लादेशी नागरिकों और 32 रोहिंग्या व्यक्तियों को हिरासत में लिया है। देश में घुसपैठ करने वाले विदेशी नागरिकों की बढ़ती संख्या के जवाब में, मुख्यमंत्री माणिक साहा ने जुलाई में वरिष्ठ बीएसएफ कर्मियों के साथ मुलाकात की। कमांडर और सीमा चौकी स्तर पर, बॉर्डर गार्ड्स बांग्लादेश (बीजीबी) और बीएसएफ के बीच कई बार बातचीत हुई है।

इससे पहले 1 अगस्त 2024 को अगरतला रेलवे स्टेशन पर आठ बांग्लादेशी नागरिकों और दो भारतीय दलालों को हिरासत में लिया गया था। बांग्लादेश के दलालों की मदद से बांग्लादेश के नागरिक अवैध रूप से भारत में घुसे थे। त्रिपुरा पुलिस ने गिरफ्तार किए गए अवैध घुसपैठियों के खिलाफ विशेष मामला दर्ज किया है। इससे पहले 27 जुलाई को अगरतला रेलवे स्टेशन पर पुलिस ने 23 अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों को गिरफ्तार किया था।
महाकाल की नगरी उज्जैन ने रचा इतिहास, 1500 लोगों ने एक साथ डमरू बजाकर बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड






महाकाल की नगरी उज्जैन ने एक अद्वितीय उपलब्धि हासिल की है। 1500 लोगों ने एक साथ 10 मिनट तक डमरू बजाकर नया वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है। इस रिकॉर्ड को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में भी दर्ज किया गया है। यह रिकॉर्ड सावन के तीसरे सोमवार, आज के दिन बनाया गया। गिनीज बुक की तरफ से ऋषि नाथ ने सांसद अनिल फिरोजिया, विधायक सतीश मालवीय और स्थानीय संतों को सर्टिफिकेट सौंपा।

महाकाल लोक के पास शक्ति पथ पर 1500 वादकों ने एक साथ डमरू बजाया, तथा उज्जैन का नाम सबसे ज्यादा लोगों के डमरू बजाने के रिकॉर्ड के रूप में गिनीज बुक में दर्ज हो गया। इससे पहले, इस रिकॉर्ड का नाम न्यूयॉर्क स्थित फेडरेशन ऑफ इंडियन एसोसिएशन के 488 डमरू वादकों के नाम था। सावन के तीसरे सोमवार को उज्जैन में श्री महाकालेश्वर मंदिर के महाकाल लोक स्थित शक्ति पथ पर 1500 डमरू वादकों ने बेहतरीन प्रस्तुति दी। महादेव के प्रिय वाद्य यंत्र डमरू की ध्वनि से अवंतिका नगरी गूंज उठी। सीएम डॉ. मोहन यादव की पहल से यह रिकॉर्ड स्थापित किया गया। गिनीज बुक के एडिटर ऋषिनाथ ने डमरू वादन के वर्ल्ड रिकॉर्ड का सर्टिफिकेट प्रदान किया।

सीएम डॉ. मोहन यादव ने इस उपलब्धि के लिए उज्जैन को बधाई दी। सोमवार की शाम महाकाल सवारी महाकाल मंदिर से शिप्रा नदी तक चलेगी, जिसमें सीएम के नेतृत्व में कई विशिष्ट व्यक्ति सम्मिलित होंगे। महाकाल सवारी को भव्यता प्रदान करने के लिए सीएम की विशेष पहल रही। बीते 2 सालों की सवारियों में जनजातीय लोकनृत्यों और 350 सदस्यीय पुलिस बैंड की प्रस्तुति दी गई थी। इस साल तीसरी सवारी में डमरू वादन को सम्मिलित किया गया है। महाकाल लोक के शक्ति पथ पर 1500 डमरू वादकों ने एक साथ 10 मिनट तक डमरू बजाकर नया विश्व रिकॉर्ड स्थापित किया। महापौर मुकेश टटवाल ने बताया, बीते 3 दिनों से दो सत्रों में इस रिकॉर्ड के लिए प्रैक्टिस की जा रही थी। इसके अतिरिक्त, 25-25 डमरू वादकों के विभिन्न दल भी शाम की सवारी के चलते डमरू बजाते हुए साथ चलेंगे।

पहले का रिकॉर्ड 498 लोगों द्वारा एक साथ डमरू बजाने का था, जो अब उज्जैन में 1500 लोगों के रिकॉर्ड से तोड़ा गया है। मंदिर प्रशासक मृणाल मीणा ने पुष्टि की है कि गिनीज बुक से आई टीम ने 1390 लोगों द्वारा 10 मिनट तक डमरू बजाने की पुष्टि की है।
2029 में कौन होगा प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार? अमित शाह ने कर दिया बड़ा ऐलान, कहा- विपक्ष को जो मन हो करे...




केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने चंडीगढ़ के मनीमाजरा में चौबीस घंटे जलापूर्ति सुनिश्चित करने वाली परियोजना का रविवार को उद्धाटन किया। कुल 75 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित इस परियोजना से मनीमाजरा के एक लाख से अधिक निवासियों को लाभ मिलेगा, जिनमें मॉडर्न हाउसिंग कॉम्प्लेक्स, शिवालिक एन्क्लेव, इंदिरा कॉलोनी और शास्त्री नगर में रहने वाले लोग भी शामिल हैं। इस दौरान उन्होंने विपक्षी दलों पर हमला बोला और कांग्रेस को आईना दिखाते हुए यह दावा किया कि 2029 में भी एनडीए की सरकार बनेगी और नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बनेंगे।

पंजाब के राज्यपाल एवं केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया भी इस अवसर पर उपस्थित थे। ‘स्मार्ट सिटी मिशन’ के तहत शुरू की गई इस परियोजना का उद्देश्य निरंतर उच्च दबाव आपूर्ति के माध्यम से इसके भंडारण को कम करके पानी की बर्बादी को रोकना है। परियोजना के अन्य उद्देश्यों में रिसाव में कमी, ‘स्मार्ट मीटरिंग’, भूजल पर सीमित निर्भरता और ऊर्जा खपत की निगरानी के माध्यम से जल संवर्धन शामिल हैं। इस परियोजना के लिए कुल 22 किलोमीटर लंबी जलापूर्ति पाइपलाइन बिछाई गई है और दो भूमिगत जलाशय बनाए गए हैं।


अमित शाह ने कहा, "मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि विपक्ष को जो करना है करने दीजिए। 2029 में एनडीए आएगा, मोदी जी आएंगे। उन्हें (विपक्ष को) पता नहीं है कि कांग्रेस को 3 चुनावों में जितनी सीटें मिलीं, उससे ज्यादा सीटें इस चुनाव में भाजपा ने जीती हैं। ये लोग जो अस्थिरता फैलाना चाहते हैं, बार-बार कहते हैं कि यह सरकार चलने वाली नहीं है। मैं उन्हें विश्वास दिलाने आया हूं कि न केवल सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी बल्कि अगली सरकार एनडीए की होगी और विपक्ष में बैठने के लिए तैयार रहें और विपक्ष में काम करने का तरीका ठीक से सीखें।"
बांग्‍लादेश में भारी हिंसा के बाद पीएम शेख हसीना ने दिया इस्‍तीफा, देश छोड़ने का दावा, तख्तापलट की अटकलें
#bangladesh_protests_updates_sheikh_hasina_leaves_country

बांग्लादेश हिंसा की आग में जल रहा है। आरक्षण के खिलाफ छात्रों का प्रदर्शन लगातार जारी है। सैंकड़ों लोगों की जानें जा चुकी हैं। वहीं, प्रदर्शनकर्ता देश की प्रधानमंज्ञी शेख हसीना से इस्तीफें की मांग कर रहे हैं। इस बीच बड़ी खबर आ रही है कि  बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। इस तरह के दावे भी किए जा रहे हैं कि हसीना ढाका पैलेस छोड़कर किसी सुरक्षित स्थान पर चली गईं हैं।रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबित वह हेलीकॉप्टर से भारत के लिए रवाना हो गई हैं।

इससे पहले सेना प्रमुख वकार-उज-जमान हसीना को 45 मिनट के अंदर इस्‍तीफा देने के लिए अल्‍टीमेटम दिया था। इस बीच बांग्लादेश में तख्तापलट की अटकलें भी चल रही हैं। खबर है कि सेना प्रमुख ने सभी दलों के नेताओं से बैठक की है। थोड़ी देर में सेना प्रमुख देश को संबोधित करेंगे।

कहा जा रहा है क‍ि प्रधानमंत्री शेख हसीना लगभग 2:30 बजे एक सैन्य हेलीकॉप्टर से बंगभवन से रवाना हुईं। उनके साथ उनकी छोटी बहन शेख रेहाना भी थीं। इस बीच, सूत्रों के अनुसार, वे भारत के पश्चिम बंगाल जा सकती हैं। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में उनके अगरतला आने की भी बात कही जा रही है। वहीं अन्य रिपोर्ट में यह भी कहा जा रहा है कि वह लंदन जा सकती हैं।

बांग्लादेश के हालात बद से बदतर हो गए हैं। यहां के प्रधानमंत्री आवास में प्रदर्शनकारी घुस गए हैं। इससे एक दिन पहले बांग्लादेश में प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों और सत्तारूढ़ पार्टी के समर्थकों के बीच देश के विभिन्न हिस्सों में झड़प में 100 से अधिक लोगों की मौत हो गयी थी। वहीं, एक महीने में करीब 300 लोगों की मौत हो चुकी है। हिंसक झड़पें रविवार की सुबह हुईं जब प्रदर्शनकारी ‘स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन’ के परचम तले आयोजित ‘असहयोग कार्यक्रम’ में भाग लेने पहुंचे। अवामी लीग, छात्र लीग और जुबो लीग के कार्यकर्ताओं ने उनका विरोध किया तथा फिर दोनों पक्षों के बीच झड़प हुई। प्रदर्शनकारी सरकारी नौकरियों में आरक्षण व्यवस्था के मुद्दे को लेकर हसीना का इस्तीफा मांग रहे हैं।
राजेंद्र नगर हादसे पर सुप्रीम कोर्ट की तीखी टिप्पणी, कहा- डेथ सेंटर बनते जा रहे कोचिंग, केंद्र-दिल्ली से मांगा जवाब
#supreme_court_delhi_coaching_centre_death_chamber

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के एक कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भरने से तीन सिविल सेवा अभ्यर्थियों की मौत पर आज स्वत: संज्ञान लिया। देश की सबसे बड़ी अदालत ने केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार दोनों से जवाब तलब किया है। वहीं, कोर्ट ने हादसे को लेकर सख्त टिप्पणी करते हुए कहा, देश के विभिन्न हिस्सों से आए छात्रों के जीवन के साथ कोचिंग सेंटर खेल रहा है। साथ ही कोर्ट ने कहा कि जब तक इस तरह की कोचिंग में सेफ्टी के सारे इंतजाम न हो तब तक इस तरह की कोचिंग ऑनलाइन की जानी चाहिए।

जज जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में हाल में घटी यह घटना सभी के लिए आंखें खोलने वाली है। पीठ ने कहा, ये जगहें (कोचिंग सेंटर) ‘डेथ चैंबर (मौत का कुआं)’ बन गई हैं। कोचिंग संस्थान का तब तक ऑनलाइन संचालन किया जा सकता है, जब तक वे सुरक्षा मानदंडों और गरिमापूर्ण जीवन के लिए बुनियादी मानदंडों का पूर्ण अनुपालन सुनिश्चित न करें। कोचिंग सेंटर देश के विभिन्न हिस्सों से आने वाले अभ्यर्थियों के जीवन से खिलवाड़ कर रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने ये टिप्पणी दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ कोचिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया की याचिका की सुनवाई के दौरान की। हाई कोर्ट ने 2023 में अपने आदेश में दिल्ली सरकार और एमसीडी को फायर डिपार्टमेंट से एनओसी लिए बगैर चल रहे कोचिंग सेंटरों को बंद करने का निर्देश दिया था। इस आदेश के खिलाफ फेडरेशन सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी। आज सुप्रीम कोर्ट ने फेडरेशन की मांग को ठुकराते हुए राजधानी में कोचिंग सेंटर के हालत के मद्देनजर इस पर स्वत: संज्ञान लेने का फैसला लिया।

बता दें कि दिल्ली हाई कोर्ट ओल्ड राजेंद्र नगर में ‘राव आईएएस स्टडी सर्कल’ की इमारत के ‘बेसमेंट’ में पानी भर जाने के कारण तीन सिविल सेवा अभ्यर्थियों की मौत के मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि जनता को जांच पर कोई संदेह न हो। इस घटना मारे गए सिविल सेवा अभ्यर्थियों की पहचान उत्तर प्रदेश की श्रेया यादव (25), तेलंगाना की तान्या सोनी (25) और केरल के नेविन डेल्विन (24) के रूप में हुई थी।
बाजार में हाहाकार, मंदी की आशंका में बाजार में जोरदार गिरावट, मिनटों में लाखों करोड़ स्वाहा

#share_market_crash

अमेरिका में मंदी का खतरा, ईरान-इजरायल में बढ़ते तनाव के चलते भारतीय बाजारों में आज जबरदस्त बिकवाली देखने को मिल रही है।दो दिन की छुट्टी के बाद जैसे ही बाजार खुला सेंसेक्स, निफ्टी में बड़ी गिरावट दर्ज की गई। प्री ओपनिंग में सेंसेक्स 4100 अंक तक गिर गया, वहीं निफ्टी में 600 अंक कर गिरावट आई। कुछ ही मिनटों में निवेशकों के 10 लाख करोड़ रुपये खास हो गए। भारत में बीएसई सेंसेक्स में कारोबार के दौरान करीब 2,600 अंक की गिरावट आई और निवेशकों के 17 लाख करोड़ रुपये एक झटके में स्वाहा हो गए। दरअसल, अमेरिका ने शुक्रवार को बाजार बंद होने के बाद जॉब से जुड़े आंकड़े जारी किए। इसके मुताबिक देश में जुलाई में लोगों को उम्मीद के मुताबिक नौकरियां नहीं मिली और बेरोजगारी दर तीन साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई। इससे अमेरिका में एक बार फिर मंदी की आशंका तेज हो गई है। 

दुनिया की ताकतवर अर्थव्यवस्था अमेरिका में मंदी की आहट ने बाजार का मूड बिगाड़ दिया। इस खबर ने वैश्विक स्तर पर निवेशकों की जोखिम उठाने की क्षमता को गंभीर झटका दिया, जिसका असर बाजार पर दिखा। वैश्विक बाजार में भारी बिकवाली के बीच सोमवार की सुबह भारतीय शेयर बाजार में हाहाकार दिखा और सेंसेक्स अपनी पिछली क्लोजिंग 80,981.95 से 2,686.09 अंक टूटकर 78,295.86 के निम्नतम स्तर तक चला गया। शुरुआती काराबार के दौरान टाइटन के शेयरों में 9% तक की गिरावट दिखी।इस बीच, बीएसई पर सभी सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 10.24 लाख करोड़ रुपये घटकर 446.92 लाख करोड़ रुपये रह गया। सोमवार को रुपया अपने सर्वकालिक निचले स्तर 83.7525 पर पहुंच गया।

जापान के शेयर मार्केट में इतिहास की सबसे बड़ी गिरावट देखने को मिली है। बेंचमार्क निक्केई 225 इंडेक्स 4,451 अंक की गिरावट के साथ बंद हुआ। यह अंक के हिसाब से इसकी अब तक की सबसे बड़ी गिरावट है।निक्केई 225 इंडेक्स 12 फीसदी से अधिक गिरावट के साथ बंद हुआ। जुलाई की शुरुआत से यह 24 फीसदी गिर चुका है। जापान और साउथ कोरिया में भारी गिरावट के बीच कुछ समय के लिए ट्रेडिंग रोकनी पड़ी।

एशिया-पैसिफिक के दूसरे बाजारों में भी भारी गिरावट देखने को मिली। कोरिया एक्सचेंज के बेंचमार्क Kospi में आठ फीसदी से ज्यादा गिरावट के बाद कुछ देर के लिए ट्रेडिंग रोकनी पड़ी। ताइवान का Taiex भी 8.4% गिरकर बंद हुआ जो इसकी अब तक की सबसे बड़ी गिरावट है। हॉन्ग कॉन्ग के Hang Seng इंडेक्स में 2.6% और चीन के Shanghai Composite में 1.2% गिरावट आई है।

'आपके भाई के घर में आग लगी है और आप..', हिंसा पर बोले नोबल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस, कहा, बांग्लादेश सरकार की आलोचना करे भारत





बांग्लादेश में स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों के लिए सरकारी नौकरियों में आरक्षण समाप्त करने की मांग को लेकर छात्रों का विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया है। पिछले रविवार को प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग कर रहे प्रदर्शनकारी छात्रों और सरकार समर्थकों के बीच हिंसक झड़पों में कम से कम 100 लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों लोग घायल हो गए। नोबेल पुरस्कार विजेता और बांग्लादेशी अर्थशास्त्री मोहम्मद यूनुस ने स्थिति पर अपनी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने विरोध प्रदर्शनों पर भारत की प्रतिक्रिया की भी आलोचना की है और चेतावनी दी है कि बांग्लादेश में अशांति पड़ोसी देशों तक फैल सकती है।

पिछले महीने भारत ने बांग्लादेश में विरोध प्रदर्शनों पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया था। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इसे बांग्लादेश का घरेलू मुद्दा बताया और साप्ताहिक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान कोई भी बयान देने से परहेज किया। यूनुस ने अब भारत के रुख पर अपनी निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि इस मुद्दे को घरेलू मामले के रूप में देखना निराशाजनक है। उन्होंने तर्क दिया कि अगर आपके भाई के घर में आग लगी है, तो इसे केवल उनका आंतरिक मुद्दा मानकर खारिज नहीं किया जा सकता। यूनुस ने इस बात पर जोर दिया कि 170 मिलियन की आबादी वाले बांग्लादेश में संघर्ष में काफी हिंसा और बिगड़ती कानून व्यवस्था शामिल है, और इसका निश्चित रूप से पड़ोसी देशों पर असर पड़ेगा। हालाँकि, गौर करने वाली बात ये भी है कि, बांग्लादेश में अक्सर अल्पसंख्यक हिन्दुओं को निशाना बनाए जाने की खबरें आती रहती हैं, लेकिन उन पर नोबल प्राइज विजेता मोहम्मद यूनुस की प्रतिक्रिया देखने को नहीं मिलती। आज जब बांग्लादेश सरकार कह रही है कि, पाकिस्तानी साजिश से उनके देश में हिंसा भड़काई जा रही है और वो उसे रोकने का प्रयास कर रही है, तो यूनुस कह रहे हैं कि, भारत शेख हसीना सरकार की आलोचना करे। 


बता दें कि, यूनुस हसीना सरकार के मुखर आलोचक रहे हैं। शेख हसीना ने यूनुस पर गरीबों का शोषण करने का आरोप लगाया है, और वर्तमान में उन पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं, जिनके बारे में उनके समर्थकों का दावा है कि वे राजनीति से प्रेरित हैं। यूनुस ने भारत से बांग्लादेश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया का समर्थन करने और चुनावों में पारदर्शिता की कमी के लिए बांग्लादेशी सरकार की आलोचना करने का आग्रह किया। उन्होंने भारत की सफल चुनावी प्रक्रिया की प्रशंसा की और बांग्लादेश में लोकतांत्रिक उद्देश्यों के लिए भारत के समर्थन की कमी पर दुख व्यक्त किया। यूनुस ने इन मुद्दों पर भारत सरकार के साथ चर्चा करने की योजना बनाई है।

बांग्लादेश में विरोध प्रदर्शन पिछले महीने शुरू हुए, जो सरकारी नौकरियों में 1971 के स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों के लिए 30 प्रतिशत आरक्षण कोटा समाप्त करने की मांग पर केंद्रित थे। हिंसा के जवाब में न्यायालय द्वारा आरक्षण सीमा कम करने के बावजूद, छात्र पुलिस की बर्बरता और सरकार की असंवेदनशीलता को लेकर लगातार आक्रोशित होते गए, और अंततः प्रधानमंत्री हसीना के इस्तीफे की मांग करने लगे।

विरोध प्रदर्शनों के जवाब में, बांग्लादेशी सरकार ने इंटरनेट बंद कर दिया है। चल रहे विरोध प्रदर्शन प्रधानमंत्री हसीना के 20 साल के कार्यकाल के लिए सबसे बड़ी चुनौती हैं। आलोचकों और मानवाधिकार समूहों ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ अत्यधिक बल प्रयोग करने के लिए हसीना सरकार की निंदा की है, हालांकि सरकार इन आरोपों से इनकार करती है।

बांग्लादेश में हिंसा को देखते हुए भारत सरकार ने अपने नागरिकों के लिए एक सलाह जारी की है, जिसमें उन्हें पड़ोसी देश की यात्रा करने से बचने की सलाह दी गई है। सलाह में वर्तमान में बांग्लादेश में मौजूद भारतीयों से अत्यधिक सावधानी बरतने, घर के अंदर रहने और आपातकालीन फोन नंबरों के माध्यम से ढाका में भारतीय उच्चायोग से संपर्क बनाए रखने का भी आग्रह किया गया है।