सरायकेला:भाजपा के कार्यकर्ताओं ने कोड़ा दंपति के खिलाफ खोल दिया मोर्चा।
चाईबासा:- लोकसभा चुनाव से पूर्व भाजपा में शामिल कोड़ा दंपती को भाजपा कार्यकर्ता स्वीकार करने के मूड में नही दिख रहे हैं. शायद यही कारण है कि पूर्व सांसद गीता कोड़ा को भाजपा कार्यकर्ताओं का समर्थन नहीं मिला और हर का मुंह देखना पड़ा.
इधर मंगलवार को जगन्नाथपुर के भाजपा कार्यकर्ताओं ने रांची स्थित पार्टी कार्यालय जाकर भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से मिलकर लिखित एवं मौखिक रूप पूर्व सांसद गीता कोड़ा को विधानसभा चुनाव में जगन्नाथपुर सीट से प्रत्याशी नहीं बनाने का मांग किया है.
जगन्नाथपुर से विधानसभा लड़ने की मंशा पाले नेता और उनके समर्थक लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कग्रेस छोड़कर भाजपा मैं शामिल होने और भाजपा के टिकट से लोक सभा चुनाव लड़ने और चुनाव में करारी हार का सामना करने वाली गीता कोड़ा को जगन्नाथपुर विधानसभा से टिकट नही देने की मांग की है । जब की पूर्व सांसद गीता कोड़ा और पूर्व मुख्यमंत्री मधुकोडा का जगन्नाथपुर विधानसभा गढ़ रहा है और कोड़ा दंपति यहां से लगातार चुनाव जीतकर विधायक बनते रहे हैं।
बीते चुनाव में कोडा दंपति ने अपने खासम खास सोनाराम सिंकु को टिकट दिलाया और चुनाव जीताकर विधायक बनाया। अब वही सोनाराम सिंकु भी कोडा दंपति के खिलाफ चुनाव लड़ने की घोषणा, और लगातार कोड़ा दंपति और भाजपा के खिलाफ बयान बाजी कर रहे हैं जिससे राजनीतिक माहौल गर्म हो गया है।
लोकसभा चुनाव हारने के बाद गीता कोड़ा जगन्नाथपुर विधान सभा से हर हाल में चुनाव लड़ेंगे यह तय माना जा रहा है। यही कारण है कि जगन्नाथपुर विधानसभा से चुनाव लड़ने का सपना देख रहे नेता और उनके समर्थक कोडा दंपति और गीता कोड़ा केखिलाफ मोर्चा खोल दिया है और खुलकर विरोध में उतर आए हैं।
जगन्नाथपुर के कार्यकर्ताओं ने नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी व भाजपा संगठन महामंत्री कर्मवीर सिंह को दिये लिखित आवेदन में कहा है कि वर्ष 2004 में अपने सारे कार्यकर्ताओं के साथ पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा ने भाजपा छोड़ दिया था. पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा पार्टी छोड़ने के बाद पार्टी में मुश्किल से दर्जन भर कार्यकर्ता ही बचे थे. पार्टी में बचे कार्यकर्ताओं ने पुनः विधानसभा क्षेत्र संगठन को खड़ा करने का काम किया. लेकिन केंद्रीय व प्रदेश नेतृत्व के द्वारा हमेशा से समर्पित कार्यकर्ताओं का भावना को चुनाव में धोखा देने का काम किया गया.
ज्ञापन सौंपते कार्यकर्ता
कार्यकर्ताओं को नहीं बल्कि बोरो को बनाया जाता है प्रत्याशी
जब जब विधानसभा चुनाव आता है, पार्टी के कार्यकर्ताओं को प्रत्याशी नहीं बनाकर दूसरे बोरो को प्रत्याशी बनाया जाता है.
आवेदन में कहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा व पूर्व सांसद कोड़ा ने सिंहभूम सहित जगन्नाथपुर विधानसभा में लगभग 25 वर्षों से एक तरफा राज किया. इतने लम्बे समय तक शासन करने के वावजूद क्षेत्र का विकास नहीं कर पाया. आज भी क्षेत्र के युवा रोजगार के तलाश में पलायन को मजबूर हैं. लोग आज भी मूलभूत सुविधा से वंचित हैं. इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा के ऊपर 4000 करोड़ घोटाला का आरोप भी लगा.
इस मुद्दे को लेकर हम सभी भाजपा कार्यकर्ता गाँव-गाँव में उनके खिलाफ माहौल बनाया गया था. उनके विपरीत माहौल को देखते हुए चुनाव हारने डर से भाजपा में शामिल हो गये. जनता ने पहले से चुनाव हराने का मन बना लिया था, इसी का परिणाम रहा कि वह बुरी तरह चुनाव हार गई.
भाजपा पार्टी कार्यालय में कार्यकर्तागण
पत्र में कहा गया है कि हाईकमान के द्वारा थोपा गया प्रत्याशी के लिये हमेशा से तन, मन के साथ काम किया. लेकिन इस बार किसी भी हाल में थोपा हुआ प्रत्याशी गीता कोड़ा को मंजूर नहीं किया जायेगा. नहीं मानने पर कार्यकर्ताओं ने अन्य विकल्प के साथ हर हाल में चुनाव लड़ने की बात कही.
इन्होंने की मांग
इस दौरान भाजपा एसटी मोर्चा जिला अध्यक्ष मंजीत कोड़ा, एसटी मोर्चा प्रदेश सदस्य मंगल सिंह गिलुवा, सारंडा मण्डल अध्यक्ष कैलाश दास, जगन्नाथपुर पूर्व मण्डल अध्यक्ष बंगाली प्रधान, पूर्व महामंत्री निर्मल प्रधान, मण्डल उपाध्यक्ष अर्जुन भैंसा, सह संयोजक उमेश गोप, वरिष्ठ नेता रविंद्र प्रधान, नोवामुंडी युवा मोर्चा अध्यक्ष सुबीर पान, सारंडा मण्डल किसान मोर्चा अध्यक्ष हेमंत गोप, किसान मोर्चा जिला उपाध्यक्ष राजेश प्रधान, मनोज सिंह, बंटी सिंह, मिश्रो गागराई आदि मौजूद थे.
जगन्नाथपुर विधानसभा सीट अब तक लड़ाया गया चुनाव
वर्ष 2004 में चाईबासा के पूर्व प्रत्याशी को चुनाव लड़ाया गया था
वर्ष 2009 में कांग्रेस नेता स्वo सोनाराम बिरुआ को भाजपा से प्रत्याशी बनाया गया था
वर्ष 2014 में झामुमो के पूर्व प्रत्याशी मंगल सिंह सुरेन को भाजपा ने प्रत्याशी बनाया गया था
वर्ष 2019 में पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा के करीबी कांग्रेसी नेता सुधीर सुंडी को भाजपा ने प्रत्याशी बनाया गया था ।
Jul 31 2024, 13:33