इन पांच योगासन कामकाजी महिलाओं के लिए है फायदेमंद,
चाहे घर की जिम्मेदारियां हों या ऑफिस का कामकाज, महिलाऐं अपनी हर जिम्मेदारी को बखूबी निभाती हैं। लेकिन इन सभी कामों की व्यस्तता के बीच वे अक्सर अपनी सेहत का ध्यान नहीं रख पाती हैं। जो महिलाऐं जॉब करती हैं, उनका अधिकतर समय डेस्क पर बैठकर गुजरता है। ऐसे में उन्हें अपने आप को फिट, हेल्दी और एक्टिव रखने के लिए योग जरूर करना चाहिए। दिनभर एक ही जगह बैठे रहने से पीठ में दर्द, मोटापा, डायबिटीज और दिल से संबंधी समस्याओं का जोखिम बढ़ सकता है।
इन सभी समस्याओं से छुटकारा पाने और बचाव करने के लिए नियमित रूप से योग का अभ्यास करना बहुत जरूरी है। योग करने से न सिर्फ शरीर स्वस्थ रहता है, बल्कि मन भी चुस्त रहता है। रोजाना योग अभ्यास करने से तनाव, अवसाद और चिंता जैसी समस्याएं भी दूर होती हैं। आज इस लेख में हम आपको ऐसे 5 योगासनों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो कामकाजी महिलाओं को जरूर करने चाहिए -
1. पश्चिमोत्तानासन
इस आसन को करने के लिए सबसे पहले सुखासन में बैठ जाएं।
अब अपने दोनों पैरों को सामने की ओर सीध में खोलकर बैठ जाएं, दोनों एड़ी और पंजे मिले रहेंगे।
अब सांस छोड़ते हुए और आगे की ओर झुकते हुए दोनों हाथों से दोनों पैरों के अंगूठे पकड़ लें।
माथे को घुटनों से लगाएं और दोनों कोहनियां जमीन पर लगी रहेंगी, जैसा कि आप तस्वीरों में देख सकते हैं।
इस पोजिशन में आप खुद को 30 से 60 सेकेंड तक रखें, धीमी सांसें लेते रहें।
अब अपने पूर्व की मुद्रा में वापस आ जाएं और आराम करें।
फायदे
इस आसान को करने से हड्डियों में लचीलापन आता है। नियमित रूप से इसका अभ्यास करने से पाचन-तंत्र दुरुस्त रहता है और पेट से जुड़ी समस्याएं दूर होती हैं। वजन घटाने और पेट की चर्बी को कम करने के लिए भी यह आसन बहुत फायदेमंद माना जाता है।
2. मार्जरी आसन
इस आसन को करने के लिए वज्रासन की मुद्रा में बैठ जाएं।
अब अपने दोनों हाथों को फर्श पर आगे की ओर रखें।
अपने दोनों हाथों पर थोड़ा सा भार डालते हुए, अपने हिप्स को ऊपर उठाएं।
अपनी जांघों को ऊपर की ओर सीधा करके पैर के घुटनों पर 90 डिग्री का कोण बनाएं।
अब सांस भरते हुए, अपने सिर को नीचे की ओर झुकाएं और मुंह की ठुड्डी को अपनी छाती से लगाने का प्रयास करें।
इस स्थिति में अपने घुटनों के बीच की दूरी को देखें।
अब फिर से अपने सिर को पीछे की ओर करें और इस प्रक्रिया को दोहराहएं।
इस प्रक्रिया को आप 10-20 बार दोहराएं।
फायदे
इस आसन के नियमित अभ्यास से रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है और पीठ के दर्द से राहत मिलती है। यह आसान पेट की चर्बी को कम करने में मददगार साबित हो सकता है। इस आसन करने से तनाव को दूर करने में बहुत मदद मिलती है।
3. भुजंगासन
इस आसान को करने के लिए जमीन पर पेट के बल लेट जाएं।
अपनी कोहनियों को कमर से सटा के रखें और हथेलियां ऊपर की ओर रखें।
अब धीरे-धीरे सांस भरते हुए, अपनी छाती को ऊपर की ओर उठाएं।
उसके बाद अपने पेट वाले हिस्से को धीरे-धीरे ऊपर उठा लें। इस स्थिति में 30 सेकंड तक रहें।
अब सांस छोड़ते हुए, अपने पेट, छाती और फिर सिर को धीरे-धीरे जमीन की ओर नीचे लाएं।
फायदे
कंप्यूटर और लैपटॉप पर काम करने वाली महिलाओं को अक्सर कमर और गर्दन में दर्द की शिकायत रहती है। इस आसान को करने से मांसपेशियों को आराम मिलता है, जिससे दर्द से राहत मिलती है।
4. बालासन
इस आसान को करने के लिए सबसे पहले योगा मैट पर घुटनों के बल बैठ जाएं।
अपने शरीर का सारा भार एड़ियों पर डाल दें।
अब गहरी सांस भरते हुए आगे की ओर झुकें। ध्यान रहे कि आपका सीना जांघों से छूना चाहिए।
फिर अपने माथे से फर्श को छूने की कोशिश करें।
कुछ सेकंड तक इस स्थिति में रहने के बाद वापस सामान्य अवस्था में आ जाएं।
आप इस प्रक्रिया को 3-5 बार कर सकते हैं।
फायदे
इस आसन को को करने से पीठ और कमर के दर्द से आराम मिलता है। इसके अभ्यास से मन को शान्ति मिलती है और नींद अच्छी आती है।
5. वीरभद्रासन
इस आसान को करने के लिए सबसे पहले योग मैट पर सीधे खड़े हो जाएं।
अब अपने दोनों पैरों को फैलाएं। पैरों के बीच 2-3 फीट की दूरी रखें।
अब दोनों हाथों को कंधे के समानांतर रखें।
फिर अपने दाएं पैर को 90 डिग्री के कोण पर घुमाएं। यानी घुटने से मोड़ते हुए तलवे के जमीन पर रखें।
बाएं पैर को पीछे की तरफ स्ट्रेच करें।
अपने सिर को दाएं पैर और हाथ की तरफ रखें। फिर सामने की तरफ देखें।
इस अवस्था में 50-60 सेकेंड्स तक रुकें।
फिर प्रारंभिक स्थिति में आ जाएं।
आप इस प्रक्रिया को 3-5 बार कर सकते हैं।
फायदे
इस आसान को करने से कंधे, सीने, हिप्स और जांघों की मांसपेशियों में खिंचाव पैदा होता है। यह योगासन शरीर में संतुलन और स्थिरता बनाने में मदद करता है।



उम्र बढ़ना प्रकृति का नियम है। जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती जाती है, त्वचा से लेकर पूरे शरीर पर इसका असर दिखना शुरू हो जाता है। 50 की उम्र आते-आते त्वचा की कसावट कम होने लगती है, चेहरे पर झुर्रियां हो जाती हैं, बाल सफेद होने लगते हैं, मसलन आप बूढ़े दिखने लगते हैं। इसे रोका नहीं जा सकता है पर जीवनशैली के कुछ उपाय हैं जो इन लक्षणों को कुछ साल के लिए आगे बढ़ा सकते हैं।
इसलिए संतुलित और पोषक तत्वों से भरपूर आहार का सेवन करें। फलों, सब्जियों, अनाज और प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ आपको स्वस्थ और जवां बनाए रखने में सहायक हैं।
शारीरिक गतिविधि की कमी जैसे लंबे समय तक बैठे रहने, व्यायाम की कमी और कम चलने की आदत कई प्रकार की क्रोनिक बीमारियों की प्रमुख वजह मानी जाती है। इससे मोटापा, हृदय रोग, और मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ सकता है। ये बीमारियां शरीर को अंदर-अंदर खोखला बनाती जाती हैं जिसका असर आपकी लुक पर भी दिखने लगता है।
गड़बड़ आदतों से बचाव करके आप न केवल अपनी उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा कर सकते हैं, बल्कि एक स्वस्थ और लंबा जीवन भी जी सकते हैं।
ब्लड ग्रुप मुख्यरूप से चार प्रकार का- ए, बी, एबी और ओ होता है। ब्लड ग्रुप ओ को यूनिवर्सल डोनर भी माना जाता है। यानी कि इस ब्लड ग्रुप वाले लोग किसी दूसरे ब्लड ग्रुप वाले लोगों को रक्तदान कर सकते हैं। दुर्घटनाओं के समय जब समान ब्लड ग्रुप नहीं मिल पाता है तो ब्लड ग्रुप ओ वाला रक्त देकर किसी भी रोगी की जान बचाई जा सकती है।
एक अन्य अध्ययन में स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने बताया कि ब्लड ग्रुप ओ वाले लोगों को कई प्रकार के कैंसर का भी जोखिम कम हो सकता है। ब्लड ग्रुप ए, एबी और बी वाले लोगों में ओ ब्लड ग्रुप की तुलना में पैट के कैंसर का अधिक जोखिम देखा गया हैं। शोधकर्ताओं का मानना है कि ऐसा इसलिए हो सकता है क्योंकि एच. पाइलोरी संक्रमण ए रक्त समूह वाले लोगों में अधिक आम है। यह एक बैक्टीरिया है जो आमतौर पर पेट में पाया जाता है और यह सूजन और अल्सर का कारण बन सकता है।
ब्लड ग्रुप ओ वाले लोगों का मानसिक स्वास्थ्य की समस्याओं का जोखिम भी कम देखा जाता रहा है। अध्ययन में पाया गया कि टाइप ए ब्लड वाले लोगों के शरीर में कॉर्टिसोल (स्ट्रेस हार्मोन) का स्तर अधिक होता है, जबकि टाइप ओ वाले लोगों में कॉर्टिसोल की मात्रा सबसे कम पाई गई है। जब एड्रेनल ग्रंथि रक्त में अधिक मात्रा में कॉर्टिसोल रिलीज करती है तो लोगों की तनाव की समस्या अधिक होती है। ब्लड ग्रुप ओ वाले लोगों को इससे भी सुरक्षित पाया गया है।
Jul 28 2024, 09:51
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