/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1727793660458980.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1727793660458980.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1727793660458980.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1727793660458980.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1727793660458980.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1727793660458980.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1727793660458980.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1727793660458980.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1727793660458980.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1727793660458980.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1727793660458980.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1727793660458980.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1727793660458980.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1727793660458980.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1727793660458980.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1727793660458980.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1727793660458980.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1727793660458980.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1727793660458980.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1727793660458980.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1727793660458980.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1727793660458980.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1727793660458980.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1727793660458980.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1727793660458980.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1727793660458980.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1727793660458980.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1727793660458980.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1727793660458980.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1727793660458980.png StreetBuzz आरजेडी की महिला विधायक पर विधानसभा में भड़के नीतीश कुमार veer
आरजेडी की महिला विधायक पर विधानसभा में भड़के नीतीश कुमार

बिहार विधानसभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपना आपा खो दिया. जातीय जनगणना पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री ने आरजेडी की महिला विधायक को लेकर विवादित बयान दिया है. जिसके बाद सदन में जमकर हंगामा हुआ.

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर एक बार अपने विवादित बयान को लेकर विपक्ष के निशाने पर हैं. नीतीश कुमार विधानसभा के मॉनसून सत्र में चर्चा के दौरान RJD की महिला विधायक रेखा देवी पर काफी भड़क गए. मुख्यमंत्री ने रेखा देवी को फटकार लगाते हुए RJD की महिला विधायक से कहा, “तुम क्यों बोल रही हो, अरे महिला हो कुछ जानती नहीं हो.”

नीतीश कुमार यहीं नहीं रुके बल्कि हंगामे के बीच वो अपनी बात कहते रहे. नीतीश ने RJD नेताओं पर तंज कसते हुए कहा कि “क्या हुआ सुनोगे नहीं…हम तो सुनाएंगे और अगर नहीं सुनिएगा तो आपकी गलती है.”सीएम के बयान को लेकर RJD हमलावर है और उन पर महिला विरोधी होने का आरोप लगा रही है. इससे पहले भी नीतीश कुमार के कई बयानों को लेकर सियासी बवाल हो चुका है.

RJD विधायक की आपत्तिजनक टिप्पणी

उधर RJD के विधायक भाई वीरेंद्र सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की आलोचना करते हुए आपत्तिजनक टिप्पणी कर डाली. दरअसल सदन के अंदर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विपक्ष के हंगामे के बीच अपनी बात कह रहे थे जातीय जनगणना को लेकर इस बीच उन्होंने कहा कि बिहार में महिलाओं का आरक्षण सबसे अधिक हमारी ही सरकार ने दी है और महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए सरकार काम करती है. मुख्यमंत्री के इस बयान को लेकर विधायक भाई वीरेंद्र ने कहा है कि, “मुख्यमंत्री नीतीश कुमार महिला प्रेमी हैं, इसलिए महिलाओं की बात करते हैं.”

आख़िर क्यूं भोलेनाथ ने अपने मस्तक पर धारण कर रखा है चंद्रमा, जानें यहां

हिंदू धर्म के सभी देवताओं में भगवान शिव ही एक ऐसे अनोखे देवता हैं जिनका श्रृंगार सबसे अलग और अद्भुत होता है. भोलेनाथ अपने शरीर पर भस्म, नाग, रुद्राक्ष, बाघ चर्म, जटा और अपने मस्तक पर चंद्रमा को धारण करते हैं. 

भगवान शिव के द्वारा अपने मस्तक पर चंद्रमा को धारण करने का एक अलग ही रहस्य है. चंद्रमा को धारण करना बहुत सी चीजों का प्रतीक भी माना जाता है. भगवान शिव अपने मस्तक पर चंद्रमा को क्यों धारण करते हैं, इसका वर्णन कुछ पौराणिक कथाओं में किया गया है.

भगवान शिव के द्वारा अपने मस्तक पर चंद्रमा को धारण करने के पीछे का कारण कई पौराणिक कथाओं में बताया गया है.

 इन सब कथाओं में 2 पौराणिक कथा सबसे ज्यादा प्रचलित हैं. पहली पौराणिक कथा का जिक्र शिव पुराण में किया गया है.

पौराणिक कथा के अनुसार

शिव पुराण के अनुसार, जब अमृत प्राप्त करने के लिए देवताओं और असुरों में समुद्र मंथन हुआ, तब इस मंथन में से अमृत के साथ साथ अत्यंत जहरीला विष भी निकला था, जो संपूर्ण सृष्टि को नष्ट करने में सक्षम था. इस विष से सृष्टि की रक्षा करने के लिए भगवान शिव ने स्वयं इस विष को अपने कंठ में ग्रहण कर लिया था.

 विष के अत्यंत जहरीले होने के कारण भगवान शिव के शरीर का तापमान अत्यधिक गर्म होने लगा और उनका कंठ विष के प्रभाव से नीला पड़ गया. इसी कारण भगवान शिव को नीलकंठ के नाम से भी जाना जाता है.

विष के प्रभाव के कारण भगवान 

शिव का शरीर अत्याधिक गर्म होता जा रहा था. तब चंद्रदेव के साथ साथ अन्य देवी-देवताओं ने भगवान शिव से प्रार्थना करी कि वें अपने शरीर के तापमान को सामान्य करने के लिए अपने मस्तक पर चंद्रमा को धारण करें. क्योंकि चंद्रमा का स्वभाव शीतलता प्रदान करने वाला होता है. चंद्रमा को धारण करने से भगवान शिव के शरीर में शीतलता बनी रहेगी. तब भगवान शिव ने सभी देवी-देवताओं के अनुरोध पर अपने मस्तक पर चंद्रमा को धारण किया. माना जाता है कि तभी से भगवान शिव के मस्तक पर चंद्रमा विराजमान हैं

एक अन्य पौराणिक कथा

एक और कथा के अनुसार, दक्ष प्रजापति की 27 कन्याएं थीं, जिनका विवाह चंद्रदेव (चंद्रमा) के साथ हुआ था. लेकिन चंद्रमा केवल रोहिणी को ही अधिक प्रेम करते थे, और अन्य पत्नियों की उपेक्षा करते थे. इस कारण अन्य पत्नियाँ दुखी होकर अपने पिता दक्ष प्रजापति के पास गईं. दक्ष प्रजापति को अपनी बाकी 26 पुत्रियों के बारे में जानकर बहुत दुख हुआ. तब उन्होंने चंद्रदेव को समझाया, लेकिन चंद्रदेव के स्वभाव पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा.

तब दक्ष प्रजापति ने चंद्रदेव को श्राप दिया कि वे धीरे-धीरे क्षीण हो जाएंगे. श्राप से बचने के लिए चंद्रदेव ने भगवान शिव की आराधना की और उनसे श्राप से मुक्ति दिलाने की प्रार्थना की. तब भगवान शिव ने चंद्रमा को श्राप से मुक्ति दिलाने के लिए उनको अपने मस्तक पर धारण कर लिया. मान्यता है कि दक्ष प्रजापति के श्राप के प्रभाव से ही चंद्रमा क्षीण हो जाते हैं लेकिन भगवान शिव के आशीर्वाद के कारण बाद में पुनः पूर्ण हो जाते हैं.

कांवड़ यात्रा के कारण,27 जुलाई से 2 अगस्त तक बंद रहेंगे स्कूल

हरिद्वार के जिलाधिकरी धीरज सिंह गबरियाल ने ने जानकारी देते हुए बताया कि जिले में कक्षा एक से लेकर 12 वीं तक के सभी सरकारा और गैर सरकारी स्कूलों समेत आंगनबाड़ी केन्द्रों में 27 जुलाई से 2 अगस्त तक छुट्टी घोषित की गई है. उन्होंने बताया कि हरिद्वार में गंगा जल लेने के लिए शिवभक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है वहीं आने वाले दिनों में इस भीड़ के और भी ज्यादा बढ़ने की उम्मीद है.

सोमवार से कांवड़ यात्रा शुरू हो गई है. गंगाजल भरने के लिए श्रद्धालु जिन्हें कांवड़िये भी कहा जाता है निकल पड़े है. ऐसे में कांवड़ियों की भीड़ को देखते हुए हरिद्वार प्रशासन ने बड़ा फैसला किया है. जिसके मुताबिक जिले में कक्षा एक से लेकर 12वीं तक के स्कूलों को 27 जुलाई से दो अगस्त तक एक सप्ताह के लिए बंद रखे जाने के आदेश दिया गया है. कांवड़ियों की सुविधा के लिए जिले भर में यातायात योजना को लागू किया गया है.

हरिद्वार के जिलाधिकरी धीरज सिंह गबरियाल ने जानकारी देते हुए बताया कि जिले में कक्षा एक से लेकर 12 वीं तक के सभी सरकारा और गैर सरकारी स्कूलों समेत आंगनबाड़ी केन्द्रों में 27 जुलाई से 2 अगस्त तक छुट्टी घोषित की गई है. उन्होंने बताया कि हरिद्वार में गंगा जल लेने के लिए शिवभक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है वहीं आने वाले दिनों में इस भीड़ के और भी ज्यादा बढ़ने की उम्मीद है.

जिलाधिकारी ने कहा कि भीड़ को देखते हुए यातायात योजना को लागू होने से छात्रों को स्कूल आने-जाने में होने वाली परेशानी को देखते हुए स्कूलों को बंद करने का फैसला लिया गया है. कांवर यात्रा शुरू होने के साथ ही हरिद्वार में गंगा नदी से जल लेने के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है. कांवर यात्रा में ‘कांवर’ गंगा नदी के पानी से भरे एक बर्तन भरा जाता है जिसे एक सजावटी बांस की छड़ी पर लटकाया जाता है और कंधों पर टांगा जाता है.

कांवड़ यात्रा को लेकर विवाद

इस साल कांवड़ यात्रा शुरू होने से पहले ही काफी विवाद हुआ, जिसकी शुरुआत उत्तर प्रदेश में मुजफ्फरनगर पुलिस द्वारा एक आदेश जारी करने के साथ हुई, जिसमें रेस्तरां और होटल मालिकों को कांवड़ यात्रा के मार्ग पर भोजनालयों के सामने अपना नाम प्रदर्शित करना अनिवार्य करने का आदेश दिया गया. इस फैसले को बाद में यूपी सरकार ने पूरे राज्य में लागू कर दिया.

सुप्रीम कोर्ट ने लगाई अंतरिम रोक

सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी. इस आदेश को उत्तराखंड सरकार ने भी पारित किया था, जिसमें भोजनालय मालिकों को मालिकों और उनके द्वारा नियोजित कर्मचारियों के नामों का खुलासा करने का निर्देश दिया गया था. कांवड़ यात्रा सावन (श्रावण) महीने के पहले दिन सोमवार को शुरू हुई और 2 अगस्त को समाप्त होगी.

वैज्ञानिकों का चौंकाने वाला खुलासा,ब्राजील में शार्क के अंदर पाया गया कोकेन

ब्राजील के तट पर शार्क में कोकेन पाया गया है और वैज्ञानिकों का मानना ​​है कि यह ड्रग्स उनके व्यवहार को बदल सकती है. रियो डी जेनेरियो के पास के पानी से 13 ब्राजीलियाई शार्पनोज़ शार्क पर किए गए एक अध्ययन में, समुद्री जीव वैज्ञानिकों ने उनकी मांसपेशियों और लिवर में कोकेन के उच्च स्तर पाया है.

इस तरह समुद्र में पहुंचा ड्रग

हालांकि यह पता नहीं चला कि शार्क ने किस तरह से ड्रग का सेवन किया है. वैज्ञानिकों का मानना ​​है कि कोकेन संभवतः अवैध प्रयोगशालाओं के ड्रेनेज से आया है जो ड्रग्स का उत्पादन करते हैं या ड्रग यूजर्स के मलमूत्र से सीवेज के जरिए मछलियों तक पहुंचा है.

 यह भी हो सकता है कि शार्क ने कोकेन के वो बंडल खाए हों जो ड्रग तस्करों से समुद्र में खो गए हों या फेंक दिए गए हों. एक वैज्ञानिक ने टेलीग्राफ को बताया, "हम आमतौर पर मेक्सिको और फ्लोरिडा के विपरीत, यहां समुद्र में कोकेन की बंडल्स फेंकी या खोई हुई नहीं देखते हैं." 

उन्होंने जोर देकर कहा कि यह बहुत कम संभावना है कि शार्क डंप किए गए पैकेजों से कोकेन खा रहे थे.

वैज्ञानिकों के अनुसार, परीक्षण के परिणामों से शार्क में कोकेन के "दीर्घकालिक संपर्क" का पता चला. जबकि उनका अनुमान है कि कोकेन उनके लिए हानिकारक है, यह ज्ञात नहीं है कि दवा ने उनके व्यवहार को किस हद तक प्रभावित किया होगा या क्या इसने उन्हें अधिक आक्रामक और अप्रत्याशित बना दिया होगा.

शार्क के ब्रेन पर असर

डॉ एनरिको मेंडेस सैगियोरो, एक इकोटॉक्सिकोलॉजिस्ट ने कहा, "यह मामला हो सकता है, क्योंकि कोकेन ब्रेन को टारगेट करता है और अन्य जानवरों में अतिसक्रिय और अनियमित व्यवहार देखा गया है. यह एक संभावना है और आगे के अध्ययन की आवश्यकता है."

रियो डी जेनेरो के पास मछली पकड़ने के दौरान पानी से छोटे शार्क को चुनने वाले रिसर्चर्स ने उन्हें उनके अंगों का परीक्षण किया. एक चिंताजनक खोज में, उन्होंने पाया कि कोकेन की सांद्रता अन्य समुद्री जानवरों में पहले पाए गए कोकेन की तुलना में 100 गुना अधिक थी

उन परीक्षणों के परिणामों से पता चला कि शार्क के हर एक नमूने में कोकेन के लिए सकारात्मक परीक्षण किया गया, जिसमें 92 प्रतिशत मांसपेशियों के नमूने और 23 प्रतिशत लिवर के नमूने भी दवा के मुख्य तत्वों में से एक के लिए सकारात्मक परीक्षण किए गए.

शार्क की आंखों पर असर!

जबकि कोकेन से जानवरों को होने वाले नुकसान की सीमा ज्ञात नहीं है, वैज्ञानिकों को संदेह है कि दवा शार्क को प्रभावित करने का एक तरीका उनके विजन को नुकसान पहुंचाना है, जिससे उनकी शिकार करने की क्षमता प्रभावित होती है. एक वैज्ञानिक ने कहा, वे कोकेन से पागल नहीं हो सकते हैं, लेकिन यह उनकी जीवन प्रत्याशा को कम कर सकता है.

राजस्थान की डिप्टी सीएम दिया कुमारी ने केंद्रीय बजट की प्रशंसा करते हुए कहा विकसित भारत लक्ष्य का रोडमैप

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को मोदी सरकार के तीसरे टर्म का पहला पूर्ण बजट पेश किया. इस बजट में देश के अलग-अलग वर्ग और समूहों के लिए कई बड़ी घोषणाएं की गई है.

 राजस्थान की डिप्टी सीएम सह वित्त मंत्री दिया कुमारी ने केंद्रीय बजट की सराहना करते हुए इसे विकसित भारत लक्ष्य का रोडमैप बताया. 

उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री दिया कुमारी ने कहा है कि किसानों, महिलाओं, युवा औऱ गरीब को ध्यान में रख कर बनाया गया 2024-25 का केन्द्रीय बजट, विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने का रोडमैप है. उन्होंने कहा कि यह देश के सभी वर्गों की आशाओं पर खरा उतरने वाला बजट है.

उपमुख्यमंत्री ने बजट घोषणों पर प्रसन्नता जताते हुए कहा कि महिला और बालिकाओं के लिए केन्द्रीय बजट में 3 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के चौथे चरण की भी घोषणा की गई है, जिसके अन्तर्गत 25000 गांवों तक रोड बनाई जाएगी. 

विष्णुपद और महाबोधि कॉरिडोर से आकर्षित होंगे पर्यटक

गया के विष्णुपद मंदिर और बोधगया के महाबोधि मंदिर कॉरिडोर को काशी विश्वनाथ की तर्ज पर विकसित करने, राजगीर और नालंदा को विकसित करने की घोषणा की भी उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी ने प्रशंसा की. उन्होंने कहा कि ये दोनों कॉरिडोर, देश-विदेश से श्रृद्धालुओं औऱ पर्यटकों को भारत की ओर आकर्षित करेंगे. 

रोजगार और कौशल विकास पर बजट में बड़ी घोषणाएं

दिया कुमारी ने कहा कि केन्द्रीय बजट में रोज़गार और कौशल विकास के अवसर बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया गया है. इसी के साथ-साथ छोटे और मध्यम उद्योगों और मध्यम वर्ग के लिए भी कई घोषणाएँ की गई है. देश में युवाओं को अगले पाँच साल में कौशल विकास के विभिन्न अवसर प्राप्त होंगे और एक करोड़ युवाओं को देश के टॉप 500 कपंनियों में इंटर्नशिप करने का मौक़ा मिलेगा. इसके साथ ही देश के विभिन्न संस्थानों में उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे युवाओं को दस लाख तक का ऋण उपलब्ध हो सकेगा. अनुसंधान नेशनल रिसर्च फंड के माध्यम से युवाओ को रिसर्च के क्षेत्र मे नए मौक़े उपलब्ध होगे.

आइए जानते हैं शिवलिंग पर क्या चढ़ाने से किन-किन फलों की होती है प्राप्ति

सावन माह को हिंदू धर्म में विशेष महत्व दिया जाता है। इस माह में भगवान शिव के साथ-साथ समस्त शिव परिवार की आराधना करने से साधक को शुभ फलों की प्राप्ति हो सकती है। सावन सोमवार के दिन शिवलिंग का जलाभिषेक करना बहुत ही पुण्यकारी माना जाता है। इसके साथ ही साधक अलग-अलग इच्छाओं की पूर्ति के लिए शिवलिंग पर अलग-अलग चीजें अर्पित करते हैं।

दूर होती है धन की समस्या

सावन सोमवार के विशेष अवसर पर शिवलिंग का गन्ने के रस ने से अभिषेक करने से साधक की धन संबंधी समस्याएं दूर हो सकती हैं। वहीं, मूंग दाल अर्पित करने से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होत है।

मिलता है ये फल

ऐसा माना गया है कि यदि किसी तीर्थ स्थान से जल लाकर शिवलिंग का अभिषेक किया जाए, तो इससे साधक को मोक्ष की प्राप्ति होती है। वहीं, गंगाजल से अभिषेक करना भी बहुत ही पुण्यकारी माना गया है।

मिलेगा स्वास्थ्य का आशीर्वाद

यदि आप सावन के सोमवार पर जल में इत्र मिलाकर शिवलिंग का अभिषेक करते हैं, तो इससे व्यक्ति को रोगों से छुटकारा मिलता है और अच्छे स्वास्थ्य का आशीर्वाद मिलता है।

एश्वर्य में होती है वृद्धि

शिवलिंग पर गेहूं और चावल चढ़ाना भी शुभ माना जाता है। इससे साधक के जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है। वहीं अगर आप शिवलिंग पर शक्कर अर्पित करते हैं, तो इससे एश्वर्य के साधनों में वृद्धि हो सकती है।

नहीं होती धन की कमी

सावन सोमवार के दिन शिवलिंग पर गन्ने का रस और गुड़ चढ़ाने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है, जिससे व्यक्ति की सभी प्रकार की धन संबंधी समस्याएं दूर हो जाती हैं। वहीं शिवलिंग पर सरसों का तेल अर्पित करने से रोग व शत्रुओं का नाश होता है।

चढ़ा सकते हैं ये चीजें

सावन में शिवलिंग का रुद्राभिषेक करते समय सुपारी भी अर्पित करना भी शुभ माना जाता है। ऐसा करने से जीवन में आ रही समस्याएं दूर हो सकती हैं। वहीं, अगर आप शिवलिंग पर लौंग चढ़ाते हैं, तो इससे आपके रुके हुए काम बनने लगते हैं।

यूपीआई यूजर्स को मिली नई सर्विस,जाने कहां पर कर पाएंगे इस्तेमाल

यूपीआई वन वर्ल्ड वॉलेट को पिछले साल भारत द्वारा आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान पहली बार पेश किया गया था, अब कई और देशों से आने वाले लोगों के लिए उपलब्ध होगा। विदेशी लोग मेड इन इंडिया तकनीक की सुविधा उपयोग कर सकते हैं। इससे नकदी ले जाने की आवश्यकता और विदेशी मुद्रा लेनदेन की मुश्किलें काफी हद तक खत्म हो जाएंगी।

कहां कर पाएंगे इस्तेमाल

यूपीआई वन वर्ल्ड वॉलेट का लाभ पासपोर्ट और वैध वीजा के आधार पर पूर्ण केवाईसी प्रक्रिया के बाद हवाई अड्डों, होटलों और दूसरे टचपॉइंट्स पर अधिकृत पीपीआई जारीकर्ताओं के माध्यम से उठाया जा सकता है।एनपीसीआई के प्रवक्ता ने कहा इस सर्विस को शुरू करने के पीछे का मकसद विदेशों से आने वाले लोगों की मुश्किलों को कम करना है। इसे यूपीआई से लैस करके उनके अनुभव को बेहतर बनाना है, जो भारतीयों के बीच सबसे पसंदीदा पेमेंट ऑप्शन है। अंतर्राष्ट्रीय यात्री यूपीआई वन वर्ल्ड का उपयोग करके अपनी वित्तीय जरूरतों को पूरा कर सकते हैं।

यह सुविधाजनक लोडिंग की अनुमति देता है। विदेशी यात्रियों को भारत द्वारा विकसित वास्तविक समय भुगतान प्रणाली का अनुभव करने के लिए डिजिटल पेमेंट सिस्टम को बेहतर बनाने पर जोर दिया गया है। अंतर्राष्ट्रीय यात्री केवल क्यूआर कोड स्कैन करके मर्चेंट स्थानों पर भुगतान करने के लिए यूपीआई वन वर्ल्ड ऐप का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह सुविधा भारतीय रिजर्व बैंक के मार्गदर्शन में एनपीसीआई, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक और ट्रांसकॉर्प इंटरनेशनल लिमिटेड के संयुक्त प्रयासों से संभव हुई है।

नीतीश कुमार की मांगें, जो पूरी नहीं हुई, जानें

लोकसभा चुनाव 2024 के जब नतीजे आए तो बीजेपी अपने दम पर बहुमत हासिल करने में विफल रही नरेंद्र मोदी को सरकार बनाने के लिए अपने गठबंधन के साथियों नीतीश कुमार की जेडीयू और चंद्रबाबू नायडू की तेलुगू देशम पार्टी यानी टीडीपी पर निर्भर रहना पड़ा बिहार में भी एनडीए की सरकार है. बीजेपी के समर्थन से ही नीतीश कुमार फ़िलहाल सीएम की कुर्सी पर हैं.

लेकिन नीतीश कुमार एनडीए से दो बार दूरी बना चुके हैं नीतीश कुमार साल 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले साल 2013 में एनडीए से अलग हुए थे. बाद में नीतीश ने आरजेडी और कांग्रेस के साथ मिलकर महागठबंधन बनाया था 2017 में नीतीश कुमार महागठबंधन से अलग होकर फिर से एनडीए में शामिल हुए.

बाद में 2022 में नीतीश एनडीए से नाता तोड़कर फिर महागठबंधन में आए इसी साल जनवरी में लोकसभा चुनाव से पहले नीतीश कुमार एक बार फिर एनडीए में शामिल हो गए थे.

बिहार विधानसभा की 243 सीटों में से आरजेडी के पास 77 , बीजेपी के पास 78 और जेडीयू के पास 44 विधायक हैं नीतीश कुमार एनडीए और महागठबंधन में आते-जाते रहे हैं हालाँकि इसबार नीतीश कुमार कई बार कह चुके हैं कि वे अब हमेशा के लिए एनडीए में आ गए हैं.

संसद के मॉनसून सत्र से पहले 21 जुलाई को जब सर्वदलीय बैठक हुई थी, तब भी जेडीयू की ओर से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने का मुद्दा उठाया गया था जून महीने में जेडीयू ने अपनी पार्टी की बैठक में भी इस संबंध में प्रस्ताव पास किया था.

सात जून को जब संसद के सेंट्रल हॉल में एनडीए की बैठक हुई थी, तब भी नीतीश कुमार ने कहा था, ''10 साल तक पीएम मोदी ने देश की सेवा की. पूरा भरोसा है कि जो कुछ भी बचा है, अगली बार ये सब पूरा कर देंगे जो भी हर राज्य का है. हम लोग पूरे तौर पर सब दिन इनके साथ रहेंगे.''

नीतीश ने कहा था, ''बिहार और देश बहुत आगे बढ़ेगा. अब बिहार का भी सब काम हो ही जाएगा. जो कुछ भी बचा हुआ है, उसको भी कर देंगे. इसलिए हम पूरी तरह से, जो आप चाहिएगा हम लगे रहेंगे. बहुत अच्छा होगा. ''नीतीश के इस बयान को बिहार को विशेष दर्जा दिए जाने की मांग से ही जोड़कर देखा गया था.

पटना यूनिवर्सिटी से जुड़ी नीतीश की मांग

नीतीश कुमार ने इससे पहले सार्वजनिक तौर पर पीएम मोदी से पटना यूनिवर्सिटी को सेंट्रल यूनिवर्सिटी बनाने की मांग की थी अक्तूबर 2017 में पीएम मोदी पटना यूनिवर्सिटी पहुंचे थे.

तब पीएम मोदी की मौजूदगी में ही नीतीश कुमार ने मंच से कहा था, ''आज कम से कम आपकी मदद से फिर ऊंचाइयों पर चढ़ जाएं. केंद्रीय विश्वविद्यालय का रुतबा इसको मिल जाए तो बहुत बड़ी बात होगी.''

इसी मंच से पीएम मोदी ने इशारों में नीतीश कुमार की मांग को तभी नज़रअंदाज़ कर दिया था.

पीएम मोदी ने कहा था, ''आने वाले पांच साल में बिहार की यूनिवर्सिटी को 10 हज़ार करोड़ रुपया दिया जाएगा, पटना यूनिवर्सिटी इसमें पीछे नहीं रहनी चाहिए. ये निमंत्रण देने मैं आपके पास आया हूं.''

इस वाक़ये को सात साल हो चुके हैं. लेकिन पटना यूनिवर्सिटी को अब तक केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा नहीं मिला है.

जिस यूनिवर्सिटी को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा मिलता है, उसकी वित्तीय ज़िम्मेदारी केंद्र की होती है.

हीरा व्यापारी ने कोलाबा में ताज होटल के पास समुद्र में कूदकर की आत्महत्या

मुंबई में 65 वर्षीय एक हीरा व्यापारी ने कोलाबा में ताज होटल के पास समुद्र में कूदकर कथित तौर पर आत्महत्या कर ली. पुलिस के एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी. 

कोलाबा थाने के अधिकारी ने बताया कि संजय शांतिलाल शाह आर्थिक नुकसान के कारण तनाव में थे, उन्होंने अपने परिवार से कहा था कि वह सुबह की सैर के लिए जा रहे हैं और रविवार सुबह उन्होंने समुद्र में छलांग लगा दी.

अधिकारी ने बताया, "अपनी इमारत से नीचे आने के बाद उन्होंने एक टैक्सी बुक की और बांद्रा वर्ली सी लिंक गए. वहां तीन-चार चक्कर लगाने के बाद उन्होंने टैक्सी चालक से गेटवे ऑफ इंडिया जाने को कहा." अधिकारी ने बताया, "उन्होंने ताज होटल के पास समुद्र में छलांग लगा दी. सूचना मिलने के बाद पुलिस और दमकल कर्मी मौके पर पहुंचे. उन्हें पानी से बाहर निकालकर नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया."

अधिकारी ने कहा, "हम जल्द ही उनके परिवार के बयान दर्ज करेंगे. शाह महालक्ष्मी मंदिर के पास भूलाभाई देसाई रोड पर एक इमारत में रहते थे. वह हीरे की खरीद-बिक्री का व्यवसाय करते थे. पिछले दो-तीन साल से उन्हें अपने व्यवसाय में काफी घाटा हो रहा था, जिसके कारण वह आर्थिक तंगी से जूझ रहे थे." कोलाबा थाने के अधिकारी ने कहा कि घटना के सिलसिले में मामला दर्ज कर लिया गया है और जांच जारी है.

बजट 2024 से पहले ही टमाटर की कीमत 100 रुपए पार, जाने सब्जियों की कीमत

देश की राजधानी दिल्ली में मदर डेयरी के रिटेल स्टोर सफल पर टमाटर की कीमत 100 रुपए प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई हैं. जबकि सरकारी आंकड़ों में दिल्ली में टमाटर की कीमतें 93 रुपए प्रति किलोग्राम पर उपलब्ध है

अधिकारियों ने बताया कि पहले गर्मी और अब बारिश की वजह से टमाटर की कीमतों में उछाल देखने को मिल रहा है. वहीं दूसरी ओर आलू प्याज के दाम भी हाफ सेंचुरी पर दिखाई दे रहे हैं. इसका मतलब है कि आलू-प्याज और टमाटर की कीमतों नें आम लोगों का बजट ऐसे समय पर बिगाड़ दिया है, जब देश की वित्त मंत्री कुछ दिनों में देश का आम बजट संसद में पेश करने वाली हैं. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर देश की राजधानी दिल्ली में टमाटर के साथ-साथ आलू और प्याज के दाम कितने हो गए हैं.

दिल्ली में टमाटर 100 रुपए

देश के विभिन्न हिस्सों में बारिश के कारण खाद्य पदार्थों की आपूर्ति प्रभावित होने से शनिवार को राष्ट्रीय राजधानी में टमाटर का भाव 100 रुपए प्रति किलोग्राम तक पहुंच गया. दिल्ली में मदर डेयरी के खुदरा बिक्री केंद्र ‘सफल’ पर टमाटर 100 रुपए प्रति किलोग्राम के भाव पर उपलब्ध हैं. उपभोक्ता मामलों के विभाग के आंकड़ों के अनुसार शनिवार को दिल्ली में टमाटर की खुदरा कीमत 93 रुपए प्रति किलोग्राम थी. सरकारी आंकड़ों के अनुसार 20 जुलाई को टमाटर का अखिल भारतीय औसत मूल्य 73.76 रुपए प्रति किलोग्राम था.

क्यों हो रहा है इजाफा

विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अत्यधिक गर्मी और उसके बाद अत्यधिक बारिश से आपूर्ति में व्यवधान के चलते पिछले सप्ताह कीमतों में तेज वृद्धि हुई. अधिकारी ने बताया कि दिल्ली और कुछ अन्य शहरों में टमाटर, आलू और प्याज की कीमतें बहुत ज़्यादा हैं. अत्यधिक गर्मी और उसके बाद अत्यधिक बारिश के कारण आपूर्ति बाधित हुई, जिससे खुदरा कीमतों में उछाल आया.

आलू और प्याज के दाम

पश्चिमी दिल्ली में मदर डेयरी स्टोर पर शनिवार को प्याज 46.90 रुपए प्रति किलोग्राम और आलू 41.90 रुपए प्रति किलोग्राम के भाव पर बेचा जा रहा था. सरकारी आंकड़ों के अनुसार दिल्ली में प्याज 50 रुपए प्रति किलोग्राम और आलू 40 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से मिल रहा है. प्याज का अखिल भारतीय औसत मूल्य 44.16 रुपए प्रति किलोग्राम और आलू का औसत मूल्य 37.22 रुपए प्रति किलोग्राम है.

हरी सब्जियों की कीमत में भी तेजी

दूसरी हरी सब्जियों के दाम भी बढ़े हुए हैं. मदर डेयरी में शनिवार को तोरी 59 रुपए प्रति किलो, करेला 49 रुपए प्रति किलो, फ्रेंच बीन्स 89 रुपए प्रति किलो, भिंडी 49 रुपए प्रति किलो, टिंडा 119 रुपए प्रति किलो, हरी शिमला मिर्च 119 रुपए प्रति किलो, बैंगन (छोटा) 49 रुपए प्रति किलो, बैंगन (बड़ा) 59 रुपए प्रति किलो, परवल 49 रुपए प्रति किलो, लौकी 39 रुपए प्रति किलो और अरवी 69 रुपए प्रति किलो की दर से मिल रही थी.