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कार्य में कोताही बरतना डीपीओ को पड़ा महंगा, शिक्षा विभाग ने सस्पेंड करते हुए मांगा स्पीष्टीकरण

डेस्क : जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना अरुण कुमार मिश्रा को कार्य में लापरवाही और शिथिलता बरतने के आरोप में शिक्षा विभाग ने निलंबित कर दिया है। अपर मुख्य सचिव को मिली शिकायतों के बाद कार्य में अनियमितता को लेकर साक्ष्य मिले थे। वहीं, जिला शिक्षा पदाधिकारी से पर्यवेक्षण संबधी दायित्वों की चूक के मामले में स्पष्टीकरण मांगा गया है।

15 जुलाई को डीईओ कार्यालय का निरीक्षण किया गया था। इसमें पदस्थापित लिपिकों द्वारा शिक्षक- शिक्षिकाओं से प्राप्त मातृत्व अवकाश और बकाया वेतन आदि के भुगतान से संबंधित संचिकाओं की जांच की गई। जांच में डीईओ कार्यालय से स्थानांतरण होने के बावजूद प्रतिस्थानी लिपिकों को पदभार नहीं सौंपने सहित अन्य आरोप में लिपिक दिलीप कुमार और गोपाल कुमार को निलंबित किया गया है। 

वहीं, ऐसे ही आरोप में लिपिक सुनील कुमार को भी निलंबित किया गया है। साथ ही लापरवाही व समुचित अनुश्रवण नहीं करने पर प्रधान लिपिक करुण सिन्हा व आलोक वर्मा के खिलाफ विभागीय कार्रवाई का आदेश दिया गया है।

प्रतिरोध मार्च के जरिए अपनी राजनीतिक रोटी सेंकने का काम कर रहा है राजद : अरविन्द सिंह

डेस्क : बिहार में बीते कुछ दिनों से बढ़े अपराध को लेकर विपक्ष सरकार पर हमलावर है। वहीं वीआईपी सुप्रीमो मुकेश सहनी के पिता की हत्या के बाद अब पूरा विपक्ष सरकार पर हमलावर हो गया है। विपक्ष प्रदेश में कानून-व्यवस्था को पूरी तरह से विफल बता रही है। इसी कडी में आज इंडिया गठबंधन द्वारा प्रतिरोध मार्च निकाला गया। इस प्रतिरोध में मार्च में विपक्ष के सभी दल शामिल हुए। इस विपक्ष के इस प्रतिरोध मार्च पर बीजेपी ने हमला बोला है।  

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अरविन्द सिंह ने कहा है कि राजद प्रतिरोध मार्च नहीं, लगातार चुनावों में जनता द्वारा नकारे जाने के कारण खबरों में बने रहने के लिए अपनी राजनीतिक रोटी सेकने का काम कर रहा हैं। 

कहा कि 2005 के पहले की तरह लालू यादव के शासनकाल के जैसा सता का संरक्षण अपराधियों को नहीं दिया जाता हैं। अब एनडीए सरकार में यहां त्वरित कार्रवाई की जाती है, अपराधियों को गिरफ्तार करके सलाखों के अंदर पहुंचाया जाता हैं, और उन पर कठोर कार्रवाई की जाती है। एनडीए सरकार ने लालू राज के बदहाल शासनकाल से मुक्ति दिलाकर अब चहुंओर विकास के नए आयाम गढ़ रही हैं। 

श्री अरविन्द ने कहा कि एनडीए सरकार खेलों को बढ़ावा दे रही इसी क्रम में राजगीर में अंतरराष्ट्रीय अकादमी बनकर तैयार हो गया हैं खेल दिवस के दिन इसका उद्घा टन होगा। अब प्रत्येक पंचायत में खेल मैदान बनाए जाएंगे। वहीं पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रत्येक जिले में पार्क का निर्माण होगा, पटना में मरीन ड्राइव के पास करीब 250 एकड़ में बनेगा पार्क।

और तो और नए आपराधिक कानून के पालन के लिए और डिजिटल एविडेंस कलेक्शन के लिए एनडीए सरकार राज्य पुलिस के इन्वेस्टिगेटिंग ऑफिसरों को लैपटॉप और स्मार्ट फोन देगी और पुलिसकर्मियों को इसके लिए ट्रेनिंग मिल रही हैं। एनडीए सरकार में जनता की सुरक्षा के लिए नए भारत के सबसे दमदार वर्जन में दिखेगी बिहार पुलिस।

 वहीं एनडीए सरकार हर हाल में हर खेत तक सिंचाई का पानी पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसी क्रम में निजी बोरवेल और पंपसेट के लिए अनुदान देकर किसानों को सशक्त करने में लगी हैं। साथ ही अब एनडीए सरकार नौ स्टेट हाईवे का निर्माण 5153 करोड़ रूपये की लागत से करने जा रही हैं।

श्री अरविंद ने कहा कि जहां लालू यादव ने अपने शासनकाल में बिहार को बीमारू और पिछड़ा राज्य बनाकर बदहाल कर दिए थे वहीं मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी के नेतृत्व में एनडीए सरकार ने बिहार में चहुंओर विकास कर के विकास के नए आयाम गढ़ने का काम किया है। और सुशासन से कोई कंप्रोमाइज ना करते हुए अपराधियों पर त्वरित कार्रवाई कर रही हैं और बिहारवासियों को भय मुक्त वातावरण प्रदान करने का काम कर रही हैं।

केन्द्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने दिया ऐसा बयान, एनडीए में मच सकता है बवाल

डेस्क : बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व वर्तमान में केन्द्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने आज एक ऐसा बयान दिया है जिससे एनडीए में बवाल मच सकता है। एनडीए की मुख्य घटक जदयू को इसपर घोर आपत्ति हो सकती है।

जीतन राम मांझी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होने कहा है कि नीतीश कुमार मेरा राजनीतिक जीवन खत्म करना चाहते थे। लेकिन पीएम मोदी ने मुझे बचा लिया। 

दरअसल पटना में आज हम पार्टी ने केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी का अभिनंदन समारोह आयोजित किया था। कार्यक्रम में अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं के बीच जीतन राम मांझी का दर्द छलक उठा। मांझी बोले-नीतीश कुमार मेरी राजनीति खत्म करना चाहते थे, लेकिन नरेंद्र मोदी ने बहुत कुछ दे दिया। मांझी बोले-अभी भी लोग जल रहे हैं कि एकमात्र एमपी होने के बावजूद जीतन राम मांझी को केंद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री बना दिया गया। लेकिन उनके जलने से कुछ नहीं होने वाला है।

नीतीश कहते थे पार्टी का विलय करो

हम पार्टी की ओर से पटना में आयोजित अभिनंदन समारोह में जीतन राम मांझी ने कहा कि वे नीतीश कुमार के गठबंधन में शामिल थे। लेकिन नीतीश कुमार ने बुलाकर कहा था कि पार्टी का जेडीयू में विलय कर दीजिये। लेकिन मैंने पार्टी का विलय नहीं किया। जीतन राम मांझी बोले-मैं नीतीश कुमार के गठबंधन से बाहर हो गया और एनडीए में शामिल हो गया। उसका नतीजा देखिये-आज मैं केंद्र में मंत्री बन गया। संतोष सुमन(मांझी के पुत्र) को 6 साल के लिए विधान पार्षद बना दिया गया है। पहले संतोष सिर्फ एक विभाग के मंत्री हुआ करते थे लेकिन अब तीन विभाग को चला रहे हैं।

मेरी पार्टी दौड़ रही है

जीतन राम मांझी ने कहा कि मैंने जब पार्टी बनायी थी तो नीतीश कुमार ने कहा था कि जीतन मांझी पार्टी कैसे चलायेगा। उसके पास पैसा है जो पार्टी चलायेगा। लेकिन आज मेरी पार्टी दौड़ रही है। बीजेपी के लोग भी कहते हैं कि लोकसभा चुनाव में हम पार्टी के कार्यकर्ताओं ने बहुत इमानदारी से काम किया।

भागलपुर पहुंचे मंत्री नितिन नवीन : श्रावणी मेला को लेकर अधिकारियों के साथ की बैठक, गंगा घाटों का निरीक्षण कर दिए कई जरुरी निर्देश

डेस्क : 22 जुलाई से श्रावण का पावन महीना शुरु होने जा रहा है। इस दौरान भागलपुर सुलतानगंज के अजगैवीनाथ धाम में शनिवार को श्रावणी मेला को लेकर की गई तैयारियों का जायजा लेने पहुंचे बिहार सरकार के नगर विकास मंत्री नितिन नवीन का एनडीए कार्यकर्ताओं ने भव्य स्वागत किया गया। 

इस दौरान नगर विकास मंत्री नितिन नवीन ने नगर परिषद के सभागार में अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक करते हुए श्रावणी मेला में हो रही समस्या के बारे में जानकारी ली। इसके साथ ही नगर विकास मंत्री नितिन नवीन ने अधिकारियों के साथ नमामि गंगे घाट एंव अजगैबीनाथ गंगा घाट का निरीक्षण किया। 

इस दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए मंत्री नितिन नवीन ने कहा कि इसबार श्रावणी मेला में कांवरियों को बेहतर सुविधा के लिए विभाग के सभी अधिकारियों के साथ बैठक की गई। जो गंगा घाट से कांवरिया मार्ग तक पानी, शौचालय, विश्राम स्थल, रेंन सेंटर, स्वास्थ्य शिविर प्रयाप्त मात्रा में सुविधा देने का आवश्यक दिशा निर्देश पदाधिकारियों को दिए गए है। 

साथ ही सीसीटीवी कैमरे, सडक मार्ग को दुरुस्त करने के लिए भी दिशा निर्देश दिए गए और कांवरिया पथ में गंगा बालू बिछाई गई है, साथ ही तेज धूप में बालू के गर्म होने पर पानी का छिड़काव करने के लिए भी पदाधिकारियों को कहा गया है। इसके खर्चे के लिए राशि स्वीकृत किए जाने की बात कही।

बिहार के इस जिले में मानसून की बेरुखी से किसान त्रस्त, नहर व राजकीय नलकूप से भी नहीं मिल रही सिंचाई की सुविधा

डेस्क : बिहार में एकबार फिर मानसून सुस्त पर गया है। बीते सप्ताह भर से प्रदेश के किसी भी जिले में बारिश नहीं हुई है। वहीं उमश भरी गर्मी ने जीना बेहाल कर रखा है। सबसे ज्यादा परेशानी किसानों को हो रही है। 

बिहार के गोपालगंज जिले के किसान मानसून की बेरुखी से त्रस्त हैं। पिछले नौ दिनों से बारिश नहीं होने से बिचड़े तैयार रहने के बाद किसान धान की रोपनी नहीं कर रहे हैं। जिले में 1 लाख 10 हजार 400 हेक्टेयर में खरीफ की खेती का लक्ष्य है। इसमें 90 हजार हेक्टेयर में धान की रोपनी होनी है। लेकिन,अब भी 40 हजार हेक्टेयर में धान की रोपनी नहीं हो सकी है। पहले रोपी गई करीब 50 हजार हेक्टेयर धान की फसल झुलस कर बर्बाद हो रही है। ऐसे में आधे से अधिक गांवों में नहर व राजकीय नलकूपों से भी सिंचाई की सुविधा नहीं मिल पा रही है।

विभाग मुख्य नहर में पानी छोड़ दिया है। लेकिन नहरों की बदतर स्थिति के कारण अब तक अंतिम छोर तक पानी नहीं पहुंचा है। सभी वितरणियों व उपवितरणियों में पानी नहीं आने से किसानों को सिंचाई के लिए परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

नहरों से पानी नदारद

मिली जानकारी के अनुसार अब तक जिले में सौ से अधिक गांवों से गुजरने वाली नहरों में पानी नहीं है। वितरणी व शाखा नहर में सिंचाई के लायक पर्याप्त नहीं है। विशुनपुर , सिधवलिया , कटेया, गोपालगंज, थावे , देवापुर, बतरदेह, सलोना आदि वितरणियों में कम पानी रहने से खेतों की सिंचाई करना मुश्किल बना हुआ है।

स्थानीय किसानों का कहना है कि नहर में आधा फीट से भी कम पानी बह रहा है। पानी से किसी भी हाल में सिंचाई नहीं होगी।

125 नलकूप हैं बंद 

सरकारी स्तर पर भोरे और गोपालगंज सारण नहर प्रमंडल तथा नलकूप से सिंचाई की व्यवस्था की गई है। दोनों व्यवस्था से 42 प्रतिशत सिंचाई का लक्ष्य है। हकीकत यह है कि जिले के 96 सरकारी नलकूप और उद्वह सिंचाई के 29 नलकूप सहित कुल 125 नलकूप बंद हैं। नहरों के पानी का लाभ नहर क्षेत्र के 27 प्रतिशत किसानों को मिल पाता है।

बिहार में बढ़ते अपराध को लेकर सीएम नीतीश का अधिकारियों को सीधा अल्टीमेटम : किसी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं, जल्द करें 1.22 लाख पुलिसकर्मियों की नियुक्ति


डेस्क : पिछले कुछ दिनों से बिहार में बढ़ते अपराध और इस मामले को लेकर विपक्ष के सरकार पर हमलावार होने के बाद अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इसके लिए सख्त कदम उठाया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि अपराध काबू करने में किसी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को स्पष्ट कर दिया कि विधि व्यवस्था सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। लिहाजा, कानून व्यवस्था को बनाये रखने के लिए पुलिस और प्रशासन मुश्तैदी से कार्य करें और अपराध नियंत्रण के लिए पूरी सख्ती से कार्रवाई करें।

बीते शुक्रबार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक, अणे मार्ग स्थित संकल्प में विधि व्यवस्था की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। इसमें उन्होंने लापरवाह पुलिसकर्मियों को चेतावनी भी दी और कहा कि कार्य में लापरवाही बरतने वाले पुलिस कर्मियों पर सख्त कार्रवाई होगी।

1.22 लाख पुलिस की शीघ्र करें नियुक्ति

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को 1.22 लाख पुलिसकर्मियों की नियुक्ति शीघ्र करने का निर्देश दिया। कहा कि बिहार पुलिस की संख्या बढ़ाने के लिये विभिन्न श्रेणियों में 229139 पद स्वीकृत किये जा चुके हैं। 106436 पुलिसकर्मी कार्यरत हैं। शेष रिक्त पदों पर बहाली शीघ्र करें।

हर थाने में महिला अफसर व कर्मियों का पदस्थापन हो

सीएम ने कहा है कि हर थाने में महिला पदाधिकारी एवं महिला पुलिसकर्मियों का पदस्थापन करें। थाने आने वालों के साथ अच्छा व्यवहार हो, उनकी बातें सुनी जाय। हमने वर्ष 2013 से ही पुलिस में महिलाओं के लिये 35 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया है। अभी बिहार पुलिस में महिलाओं की संख्या लगभग 30 हजार हो गयी है। पुलिस बल में महिलाओं की संख्या बढ़ने से थानों में शिकायत लेकर आने वाली महिलाओं को समस्याओं के समाधान में सहूलियत हो रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गश्ती में किसी प्रकार की लापरवाही नहीं बरतें। रात्रि गश्ती और तेज करें। रात्रि एवं पैदल गश्ती को और प्रभावी बनाने के लिये वरीय पदाधिकारी क्षेत्र में जाकर रात्रि में स्वयं औचक निरीक्षण करें। उन्होंने कहा कि शराबबंदी के क्रियान्वयन पर विशेष नजर रखें, गड़बड़ी करने वालों को चिह्नित कर कार्रवाई करें। इसमें जो पदाधिकारी संलिप्त हैं, उनको भी चिह्नित कर कठोर कार्रवाई सुनिश्चित करें। इसी तरह अवैध खनन को रोकने के लिये सख्ती से कार्रवाई सुनिश्चित की जाय। बिहार में साम्प्रदायिक सद्भाव का माहौल कायम है। इसके लिये पुलिसकर्मियों ने अच्छा काम किया है। प्रशासन और पुलिस पूरी मुश्तैदी के साथ असामाजिक तत्वों पर नजर बनाये रखें।

बिहार में कंपनियों को मिलेगा रोजगार सृजन अनुदान, इन शर्तों को करना होगा पूरा

डेस्क : बिहार में कंपनियों को रोजगार सृजन अनुदान मिलेगा। हालांकि इसके लिए कुछ शर्ते रखी गई है। उद्योग विभाग ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है। विभाग ने अनुदान देने की प्रक्रिया निर्धारित कर दी है। 

कंपनियों को बिहार निवासी कर्मचारी रखने पर अनुदान दिया जाएगा। अनुदान का लाभ स्थायी कर्मचारी रखने पर ही मिलेगा। जिन इकाइयों का निवेश प्रस्ताव राज्य निवेश प्रोत्साहन पर्षद की ओर से अनुमोदित है, उन्हीं को लाभ दिया जाएगा। 

वस्त्रत्त् एवं चमड़ा उद्योग की कंपनियों को ज्यादा लाभ होगा। इन्हें ईपीएफ का 300 प्रतिशत सीमा तक नियोजन लागत अनुदान मिलेगा। वस्त्रत्त् एवं चर्म नीति के तहत शुरू इकाई 7 साल तक अनुदान ले सकती हैं। अन्य इकाइयों को पांच साल तक अनुदान मिलेगा। 

सरकार ने औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति, इथेनॉल उत्पादन प्रोत्साहन नीति, ऑक्सीजन उत्पादन प्रोत्साहन नीति, बायोफ्यूल उतपादन प्रोत्साहन नीति, लॉजिस्टिक पॉलिसी, औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन (वस्त्रत्त् एवं चर्म) में नियोजन लागत अनुदान या रोजगार सृजन अनुदान का प्रावधान किया गया है। 

औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति, इथेनॉल उत्पादन नीति, ऑक्सीजन उत्पादन प्रोत्साहन नीति, लॉजिस्टिक पॉलिसी के तहत खुली इकाइयों के लिए एक समान दर तय की गई है। इन कंपनियों की ओर से ईएसआई, ईपीएफ योजना में जमा किए गए अंशदान के लिए व्यय की राशि का पुरुष के मामले में 50 फीसदी और महिला के मामले में सौ फीसदी मिलेगा। 

बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन (वस्त्रत्त् एवं चर्म) नीति के तहत खुली इकाइयों को सबसे ज्यादा लाभ होगा। हालांकि, यह सीमा पांच हजार प्रति माह से अधिक नहीं होगी। अर्द्ध कुशल कर्मियों के लिए 3000 प्रति माह, कुशल कर्मियों के लिए 4000 प्रति माह व उच्च कुशल कर्मियों के लिए 5000 प्रतिमाह तक लाभ दिया जाएगा। औद्योगिक इकाई में 75 फीसदी कर्मचारी बिहार के होने चाहिए।

पूर्व सीएम राबड़ी देवी का विप में नेता विरोधी दल के रुप में हुआ मनोनय, विप सचिवालय ने जारी की अधिसूचना

डेस्क : बिहार विधान परिषद में नेता विरोधी दल, सत्तारूढ़ दल के उप नेता, सचेतक और उपमुख्य सचेतक का मनोनयन हो गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सहमति के बाद विधान परिषद सचिवालय ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है।

विधान परिषद सचिवालय की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार विधान परिषद में नेता विरोधी दल के रूप में पूर्व सीएम राबड़ी देवी का मनोनयन हुआ है। विप के कार्यकारी सभापति अवधेश नारायण सिंह की अनुमति पर मनोनयन लागू हो गया है। 

वहीं भाजपा के प्रो. राजेन्द्र गुप्ता और जदयू के ललन सर्राफ विप में सत्तारूढ़ दल के उप नेता बनाए गए है। जदयू के नीरज कुमार व रीना देवी को सत्तारूढ़ दल का सचेतक तो भाजपा के संजय प्रकाश को सत्तारूढ़ दल का उप मुख्य सचेतक बनाया गया है। 

जबकि राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के पत्र के आलोक में पूर्व सीएम राबड़ी देवी को नेता विरोधी दल के रूप में मनोनीत किया गया है।

बिहार में एक नया राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान होगा स्थापित, इन जिलों में रेशम, हथकरघा और हस्तशिल्प के खुलेंगे नए केंद्र : गिरिराज सिंह

डेस्क : बिहार में उद्योग को बढ़ावा देने और निवेश आकर्षित करने के लिए पटना में दो दिवसीय टेक्सटाइल इन्वेस्टर मीट का आयोजन किया गया। मीट के दूसरे दिन आज शुक्रवार को उद्घाटन सत्र के बाद केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि बिहार में एक नया राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान (निफ्ट) स्थापित किया जाएगा। इसके अलावा भागलपुर, नवादा, नालंदा, गया और पटना में रेशम, हथकरघा और हस्तशिल्प के नए केंद्र खोले जाएंगे। साथ ही बेतिया और मुजफ्फरपुर के बाद बेगूसराय में भी बड़ा टेक्सटाइल क्लस्टर विकसित किया जाएगा।

गिरिराज सिंह ने कहा कि टेक्सटाइल सेक्टर में अभी 176 बिलियन डॉलर का कारोबार है। इसे बढ़ाकर 350 बिलियन डॉलर करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसमें से 100 बिलियन डॉलर का निर्यात करने का भी लक्ष्य है। कहा कि आगामी समय में बिहार टेक्सटाइल सेक्टर का बड़ा केंद्र बन कर उभरेगा। क्योंकि हमारे पास इस सेक्टर का सबसे बड़ा वर्क फोर्स है।

केंद्रीय मंत्री गिरिराज ने कहा कि अक्तूबर-नवंबर में बिहार में हैंडलूम का बड़ा एक्सपो आयोजित किया जायेगा। देश में कृषि के बाद सबसे सबसे बड़ा उद्योग देने वाला सेक्टर वस्त्र उद्योग है। इसमें करीब साढ़े चार करोड़ लोगों को रोजगार मिला हुआ है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में पचास लाख रोजगार और बढ़ा कर इस सेक्टर में पांच करोड़ रोजगार करने का लक्ष्य हासिल करेंगे। इस लक्ष्य को हासिल करने में बिहार की बड़ी भूमिका होगी।

बिहार कैबिनेट की बैठक में एक ऐसे प्रस्ताव पर लगी मुहर, जिससे पूर्व केन्द्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस को होगा लाभ, जानिए...

डेस्क : पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस की पार्टी रालोजपा के लिए एक अच्छी खबर है। पिछले एक महीने से पटना स्थित कार्यालय के आंवटन को लेकर चल रहे विवाद के बीच अब पार्टी कार्यालय उनके पास ही रहने की पूरी संभावना बन गई है। या यू कहें कि पार्टी कार्यालय का आवंटन उन्हें मिल जायेगा। 

दरअसल आज नीतीश कैबिनेट की बैठक हुई। कैबिनेट की बैठक में 27 महत्वपूर्ण एजेंडो पर मुहर लगी। जिसमें नीतीश कैबिनेट ने राजनीतिक दलों को कार्यालय आवंटन के लिए आवासीय भवन के रिन्यूअल नीति की बाध्यता खत्म कर दी है। 

नीतीश सरकार ने नीति को संशोधित कर दिया है। इसका फायदा सीधे तौर पर पशुपति पारस को मिलेगा और उन्हें फिर से पार्टी कार्यालय का आवंटन मिल जाएगा।

बता दें कि कार्यालय का आवंटन रिन्यूअल नहीं कराने के कारण पिछले महीने पशुपति पारस की पार्टी रालोजपा के पटना प्रदेश कार्यालय का आवंटन सरकार ने रद्द कर दिया था। जिसके बाद पारस ने सरकार के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। जिसके बाद पारस की पार्टी और नीतीश सरकार के बीच तनातनी बढ़ गई थी।