/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png StreetBuzz कांवड़ यात्रा नेमप्लेट विवाद में बीजेपी की बढ़ी टेंशन, सहयोगी होने लगे फैसले को लेकर बागी India
कांवड़ यात्रा नेमप्लेट विवाद में बीजेपी की बढ़ी टेंशन, सहयोगी होने लगे फैसले को लेकर बागी


डेस्क: उत्तर प्रदेश में इन दिनों कांवड़ यात्रा से जुड़ा एक विवाद शुरू हो गया है. यूपी सरकार ने पहले मुजफ्फरनगर जिले में 240 किलोमीटर लंबे कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित सभी होटलों, ढाबों और ठेलों सहित भोजनालयों को अपने मालिकों या इन दुकानों पर काम करने वालों के नाम प्रदर्शित करने के आदेश दिया. हालांकि, फिर सरकार ने शुक्रवार (19 जुलाई) को पूरे राज्य में कांवड़ मार्गों के दुकानदारों के लिए ऐसा ही आदेश जारी कर दिया. 

हालांकि, बीजेपी सरकार के इस फैसले की आलोचना होना शुरू हो गई है. जहां विपक्ष के नेता इस फैसले को विभाजनकारी बता रहे हैं तो वहीं अब बीजेपी के सहयोगी भी उसके ऊपर हमलावर हो गए हैं. बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने भी अपनी ही पार्टी को नसीहत दी है. नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जेडीयू, जयंत चौधरी की आरलेडी और चिराग पासवान की एलजेपी (आर) ने यूपी सरकार के फैसले को गलत बताया है. ऐसे में आइए जानते हैं कि किस सहयोगी ने क्या कहा है. 

सबका साथ, सबका विकास मंत्र के खिलाफ सरकार का फैसला: जेडीयू

जेडीयू ने कहा कि यूपी सरकार का फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सबका साथ, सबका विकास मंत्र के खिलाफ है. पार्टी के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने कहा, "यह मुसलमानों की पहचान करने और लोगों को उनसे सामान न खरीदने के लिए प्रोत्साहित करने जैसा है. इस प्रकार का आर्थिक बहिष्कार समाज के लिए अनुचित है. दरअसल ये पीएम मोदी के 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास' के मंत्र के खिलाफ है." उन्होंने इस फैसले को वापस लेने की मांग की.

केसी त्यागी ने कहा, "बिहार में यहां (यूपी) से बड़ी कांवड़ यात्रा निकलती है, लेकिन नीतीश कुमार की सरकार ने कभी ऐसा आदेश पारित नहीं किया. एनडीए के सहयोगी के तौर पर हमारा फर्ज है कि हम इस मुद्दे को उठाएं. मेरी पार्टी यूपी सरकार का हिस्सा नहीं है."

सरकार का फैसला गैर-संवैधानिक: आरएलडी

यूपी में बीजेपी की सहयोगी आरएलडी ने भी योगी सरकार के फैसले के खिलाफ नाराजगी जाहिर की. आरएलडी ने कहा कि सरकार को इसे वापस लेना चाहिए, क्योंकि ये फैसला गैर-संवैधानिक है. आरएलडी के यूपी अध्यक्ष रामाशीष राय ने कहा, "इस तरह के भेदभाव और एक समुदाय के बहिष्कार से बीजेपी और राज्य का कोई भला नहीं होगा. कुछ पुलिस अधिकारी और नौकरशाह सरकार को गुमराह कर रहे हैं और मैं मुख्यमंत्री से ऐसे आदेश को वापस लेने की अपील करता हूं."

रामाशीष राय ने एक ट्वीट में कहा, "उत्तर प्रदेश प्रशासन का दुकानदारों को अपनी दुकान पर अपना नाम और धर्म लिखने का निर्देश देना संप्रादायिकता को बढ़ावा देने वाला कदम है. प्रशासन इसे वापस ले. यह गैर-संवैधानिक निर्णय है."

जाति या धर्म के नाम पर किसी भी विभेद का समर्थन नहीं करता: चिराग पासवान

एलजेपी अध्यक्ष चिराग पासवान ने भोजनालयों के मालिकों से उनके नाम प्रदर्शित करने संबंधी मुजफ्फरनगर पुलिस के आदेश का खुलकर विरोध किया और कहा है कि वह जाति या धर्म के नाम पर भेद किए जाने का कभी भी समर्थन नहीं करेंगे. पीटीआई को दिए एक इंटरव्यू में उनसे पूछा गया कि क्या वह मुजफ्फरनगर पुलिस के आदेश से सहमत हैं. इस पर उन्होंने कहा, "नहीं, मैं बिलकुल सहमत नहीं हूं."

चिराग ने कहा कि समाज में अमीर और गरीब दो श्रेणियों के लोग मौजूद हैं और विभिन्न जातियों एवं धर्मों के व्यक्ति इन दोनों ही श्रेणियों में आते हैं. पासवान ने कहा, "हमें इन दोनों वर्गों के लोगों के बीच की खाई को पाटने की जरूरत है. गरीबों के लिए काम करना हर सरकार की जिम्मेदारी है, जिसमें समाज के सभी वर्ग जैसे दलित, पिछड़े, ऊंची जातियां और मुस्लिम भी शामिल हैं. समाज में सभी लोग हैं. हमें उनके लिए काम करने की आवश्यकता है."

उन्होंने कहा, "जब भी जाति या धर्म के नाम पर इस तरह का विभेद होता है, तो मैं न तो इसका समर्थन करता हूं और न ही इसे प्रोत्साहित करता हूं. मुझे नहीं लगता कि मेरी उम्र का कोई भी शिक्षित युवा, चाहे वह किसी भी जाति या धर्म से आता हो, ऐसी चीजों से प्रभावित होता है."

नकवी ने भी की फैसले की आलोचना, फिर मारी पलटी

बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी तक ने योगी सरकार के फैसले पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा, "कुछ अति-उत्साही अधिकारियों के आदेश हड़बड़ी में गडबड़ी वाली..अस्पृश्यता की बीमारी को बढ़ावा दे सकते हैं...आस्था का सम्मान होना ही चाहिए, पर अस्पृश्यता का संरक्षण नहीं होना चाहिए." 

हालांकि, फिर उन्होंने अपना स्टैंड भी बदल लिया और कहा कि यह एक स्थानीय प्रशासनिक निर्देश था. राज्य सरकार ने निर्देश पर स्पष्टीकरण जारी किया है. ये निर्देश कांवड़ यात्रियों की आस्था का सम्मान करने के लिए जारी किए गए थे, इसे सांप्रदायिक मुद्दा नहीं बनाया जाना चाहिए.

जिंदल स्टील के सीईओ पर महिला ने लगाए गंभीर इल्जाम, कंपनी के चेयरमैन ने दिया जांच का भरोसा

#woman_accused_jindal_steel_executive_sexual_assault_on_flight 

फ्लाइट में यौन उत्पीड़न का मामला सामने आया है। एक महिला ने जिंदल ग्रुप की तरफ से प्रोमोटेड फर्म के एक शीर्ष अधिकारी पर कोलकाता से अबू धाबी की उड़ान के दौरान उसके साथ छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया है। इतनी ही नहीं महिला ने कथित अधिकारी पर फोन में पोर्न दिखाने का भी आरोप लगाया। अपने आरोपों की जानकारी उसने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शेयर किया। इस पर सांसद और जिंदल स्टील के अध्यक्ष नवीन जिंदल ने कहा कि उन्होंने अपनी टीम को मामले की जांच करने का आदेश दिया है।

सोशल मीडिया पर महिला ने आरोप लगाया है कि उनके साथ कलकत्ता से अबू धाबी जाने के रास्ते में फ्लाइट में छेड़छाड़ हुई। महिला ने अपने ट्वीट में लिखा, “मैं एक उद्योगपति के बगल में बैठी थी (दिनेश कुमार सारोगी, जिंदल स्टील के सीईओ) उनकी उम्र करीबन 65 रही होगी। उन्होंने बताया कि वो ओमान में रहते हैं और ट्रैवल करते रहते हैं। उन्होंने मुझसे बातचीत शुरू की। बहुत सामान्य बातचीत जैसे परिवार के बारे में, हमारी जड़ों पर आदि।”

अनन्या छाछरिया नामक एक सोशल मीडिया यूजर महिला के मुताबिक, “उस व्यक्ति ने उन्हें बताया वह चुरू राजस्थान से है। उनके दोनों बेटों की शादी हो गई है, वो अमेरिका में सेटल हैं। इसके बाद बातचीत आदतों पर आ गई। उन्होंने पूछा कि क्या मुझे मूवीज देखना पसंद है। मैंने कहा- ‘हाँ’ क्यों नहीं। उन्होंने मुझे कहा कि उनके फोन में कुछ मूवी क्लिप हैं। उन्होंने अपना फोन, ईयरफोन निकाला और मुझे पोर्न दिखाने लगा। इसके बाद वह अश्लील तरीके से मुझे छूने लगा।”

महिला ने आगे लिखा कि इससे 'मैं सदमे और डर से जम गई थी। मैं आखिरकार वॉशरूम भाग गई और एयर स्टाफ से शिकायत की। शुक्र है कि एतिहाद की टीम बहुत सक्रिय थी और उसने तुरंत कार्रवाई की। उन्होंने मुझे अपने बैठने की जगह पर बैठाया और मुझे चाय और फल दिया। स्टाफ ने अबू धाबी में पुलिस को भी सूचित किया जो विमान के गेट खुलते ही इंतजार कर रहे थे। मैं शिकायत नहीं कर सकती थी क्योंकि मैं बोस्टन के लिए अपनी कनेक्टिंग फ्लाइट मिस कर देती।

यूजर के बायो पर मौजूद जानकारी के मुताबिक वह हार्वर्ड में इंडिया कॉन्फ्रेंस की को-फाउंडर हैं। उसने जिंदल स्टील के चेयरमैन और सांसद नवीन जिंदल से ज़रूरी कार्रवाई करने की अपील की ताकि उन्हें पता चले कि नेतृत्व के पदों पर किस तरह के लोग हैं। इस मामले को देखते हुए जिंदल ग्रुप के चेयरमैन नवीन जिंदल ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कार्रवाई का भरोसा दिया है।

उन्होंने लिखा कि प्रिय अनन्या, हमसे संपर्क करने और अपनी बात कहने के लिए आपका धन्यवाद! आपने जो किया, उसके लिए बहुत हिम्मत की ज़रूरत होती है और मैं आपको बताना चाहता हूँ कि ऐसे मामलों में हमारी नीति बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करने की है। मैंने टीम से मामले की तुरंत जांच करने को कहा है और उसके बाद सख्त और ज़रूरी कार्रवाई की जाएगी।

लक्षद्वीप में बनेगा दो मिलिट्री एयरफील्ड, अरब सागर में भारत का बढ़ेगा दबदबा*

#india_clears_major_plans_to_build_two_military_airfields_in_lakshadweep 

हाल के कुछ सालों में भारत ने सैन्य रूप से काफी विकास किया है। अपनी सीमा सुरक्षा को और भी ज्यादा मजबूत करने के क्रम में केन्द्र की मोदी की सरकार ने लक्षद्वीप के अगाती और मिनिकॉय द्वीपों पर दो मिलिट्री एयरफील्ड्स बनाने की अनुमति दे दी है। भारत सरकार ने एक उच्चस्तरीय बैठक के दौरान लक्षद्वीप में दो सैन्य वायुक्षेत्र (मिलेट्री एयरफील्ड) बनाने को मंजूरी दे दी है। इस समुद्री क्षेत्र में चीनी गतिविधियां बढ़ते देखकर भारत सरकार ने यह फैसला लिया है। रक्षा सूत्रों के अनुसार रक्षा मंत्रालय के नेतृत्व में तीनों सेनाओं ने यह प्रस्ताव रखा था जिसे गुरुवार को केंद्र सरकार की एक उच्चस्तरीय बैठक में हरी झंडी दे दी गई है।

सरकार ने लक्षद्वीप के दक्षिणी-सबसे बड़ा द्वीप मिनिकॉय द्वीप में नया एयरबेस बनाने और लक्षद्वीप के अगत्ती द्वीप में मौजूदा एयरफील्ड को अपग्रेड करने की अनुमति दी है, अगत्ती द्वीप में मौजूदा एयरफील्ड को एयरबेस के रूप में अपग्रेड होने के बाद से मिलिट्री ऑपरेशन किए जा सकेंगे। यह योजना काफी ज्यादा अहम मानी जा रही है क्योंकि समुद्री सीमा के आस-पास के क्षेत्रों में चीन की सेना की गतिविधियां काफी तेजी से बढ़ रही हैं।

यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब चीनी नौसेना हिंद महासागर क्षेत्र में अपनी उपस्थिति बढ़ा रही है और इस क्षेत्र में पाकिस्तानी नौसेना के साथ मिलकर काम कर रही है। अब इन दोनों पट्टियों के निर्माण के बाद भारत की पकड़ इन इलाकों पर मजबूत हो जाएगी और वो आस-पास के इलाकों पर भी निगरानी में सक्षम हो जाएगा। इन पट्टियों का उपयोग सेना के तीनों अंगों के साथ ही तटरक्षक बल (कोस्ट गार्ड) भी करेगा। कोस्ट गार्ड ने ही इन पट्टियों को बनाने का सुझाव रक्षा मंत्रालय को दिया था।

सरकार द्वारा पास किए गए प्रस्ताव के मुताबिक, मिनिकॉल हवाई पट्टी का इस्तेमाल मूल रूप से एयरफोर्स करेगी। मिनिकॉय में हवाई अड्डा रक्षा बलों को अरब सागर में निगरानी के अपने क्षेत्र का विस्तार करने की क्षमता भी प्रदान करेगा। मिनिकॉय में हवाई अड्डा क्षेत्र में पर्यटन को भी बढ़ावा देगा, जैसा कि सरकार ने योजना बनाई है।

मिनिकॉय द्वीप जो कि मालदीव से लगभग 50 मील की दूरी पर स्थित है, वहां पर तैयार होने वाले दोहरे उद्देश्य वाले इन एयरफील्ड को कमर्शियल एयरलाइंस के लिए खोल दिया जाएगा। इसके अलावा इस एयरफील्ड पर हर तरह के जेट फाइटर प्लेन और ट्रांसपोर्टेशन के लिए इस्तेमाल होने वाले प्लेन के साथ लंबी दूरी के ड्रोन को तैनात किया जाएगा। इन सभी विमानों को तैनाती से इस क्षेत्र में भारतीय बलों को बढ़त मिलेगी।

फिर से बढ़ रहे कोरोना के केस, क्या है अमेरिका में तेजी से फैला नया और खतरनाक KP.3 वेरिएंट?

#covid_cases_are_again_raising

दुनिया के कई देशों में एक बार फिर से कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में तेजी देखी जा रही है।हालांकि केस का ग्राफ ज्यादा नहीं है, लेकिन मामलों में कुछ इजाफा हुआ है। अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम सहित कई देशों में पिछले कुछ महीनों से कोरोना के मामले धीमी रफ्तार से ही सही, लेकिन बढ़ते हुए रिपोर्ट किए जा रहे हैं। कुछ अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जाता रहा है कि गर्मियों की शुरुआत ने कोविड-19 के फिर से उभरने की आशंकाओं को जन्म दे दिया है।

संयुक्त राज्य अमेरिका में नए वेरिएंट- FLiRT और अब KP.3 के साथ COVID-19 की संख्या फिर से बढ़ने लगी है। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, अमेरिका में 23 जून से 6 जुलाई के बीच 36.9 प्रतिशत कोविड मामले KP.3 वेरिएंट के थे। अमेरिका के राष्ट्पति जो बाइडन भी कोरोना से संक्रमित पाए गए हैं। अमेरिका के कैलिफोर्निया, मैरीलेंड और टेक्सास में कोविड के मामलों में इजाफा देखा गया है। अमेरिका के रोग नियंत्रण और रोकथाम विभाग ने यह रिपोर्ट जारी की है। दुनिया के कई देश इसे नए खतरे की चेतावनी की तरह देख रहे हैं।

केपी.3 वैरिएंट क्या है?

रिपोर्ट्स के अनुसार KP.3 वैरिएंट COVID-19 के JN.1 वैरिएंट जैसा ही है। यह FLiRT वैरिएंट KP.1 और KP. 2 से भी मिलता-जुलता है। हालांकि CDC ने अभी तक KP.3 वैरिएंट की विशेषताओं के बारे में जानकारी नहीं दी है, लेकिन स्वास्थ्य विशेषज्ञ अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए मामलों पर बारीकी से नज़र रख रहे हैं।

केपी.3 वैरिएंट के लक्षण

रिपोर्टों में कहा गया है कि KP.3 COVID-19 स्ट्रेन के लक्षण JN.1 वैरिएंट के समान हैं। लक्षणों में शामिल हैं:

• बुखार या ठंड लगना

• खाँसी

• सांस लेने में तकलीफ या सांस लेने में कठिनाई

• थकान

• मांसपेशियों या शरीर में दर्द

• सिरदर्द

• स्वाद या गंध की हानि

• गला खराब होना

• नाक बंद होना या नाक बहना

• मतली या उलटी

• दस्त

बंगाल के राज्यपाल की बढ़ सकती हैं मुश्किलें, जानें किया है अनुच्छेद 361, जिसकी समीक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट तैयार

#bengal_governor_sexual_assault_case_supreme_court_issued_notice

पश्चिम बंगाल राजभवन की एक महिला कर्मचारी द्वारा दायर याचिका की जांच करने के लिए सुप्रीम कोर्च सहमत हो गया है। महिला ने राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। जिसमें संविधान के अनुच्छेद 361 के तहत राज्यपाल को दी गई छूट को चुनौती दी गई थी। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट संविधान के अनुच्छेद 361 के उन प्रावधानों की समीक्षा करने पर सहमत हो गया जो राज्यपालों को किसी भी तरह के आपराधिक मुकदमे से ‘‘पूर्ण छूट'' प्रदान करते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में अटॉर्नी जनरल से सहायता मांगी है और महिला कर्मचारी द्वारा दायर याचिका पर नोटिस जारी किया है। 

महिला से यौन उत्पीड़न के आरोप में बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। बता दें कि यह अनुच्छेद संविधान के अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार) का अपवाद है और यह प्रावधान करता है कि राष्ट्रपति या राज्यपाल अपने पद की शक्तियों और कर्तव्यों के प्रयोग के लिए किसी भी अदालत के प्रति जवाबदेह नहीं हैं। इसी के खिलाफ महिला याचिकाकर्ता ने विशिष्ट दिशा-निर्देश तैयार करने के निर्देश मांगे हैं, जिसके तहत राज्यपालों को आपराधिक अभियोजन से छूट प्राप्त 

याचिका में कहा गया है कि पश्चिम बंगाल सरकार को राज्य पुलिस के माध्यम से मामले की जांच करने और राज्यपाल का बयान दर्ज करने का निर्देश दिया जाए। सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत दायर की गई है। याचिकाकर्ता की मांग है कि अनुच्छेद 361 के तहत मिली छूट का राज्यपाल किस तरह से इस्तेमाल कर सकता है इस पर भी दिशा-निर्देश तैयार किए जाएं।

याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील श्याम दीवान ने कहा कि संविधान का अनुच्छेद 361 जांच के खिलाफ बाधा नहीं बन सकता. दीवान ने कहा कि ऐसा नहीं हो सकता कि जांच ही न हो, साक्ष्य अभी जुटाए जाने चाहिए। उन्होंने अदालत से मांग की कि राज्यपाल के खिलाफ जांच को अनिश्चितकाल के लिए नहीं टाला जा सकता।याचिकाकर्ता ने तर्क दिया है कि राज्यपाल आपराधिक कृत्यों को लेकर इस छूट का दावा नहीं कर सकते। याचिकाकर्ता ने तर्क दिया है कि इस इम्यूनिटी से उन्हें मुकदमा शुरू करने के लिए राज्यपाल का पद छोड़ने का इंतजार करना पड़ेगा, जो अनुचित है और उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है।

पश्चिम बंगाल के राजभवन की महिला कर्मचारी ने 2 मई को राज्यपाल सीवी आनंद बोस पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। महिला का आरोप है कि वो 24 मार्च को स्थायी नौकरी का निवेदन लेकर राज्यपाल के पास गई थी. तब राज्यपाल ने उसके साथ बदसलूकी की थी।

दुबई की इस राजकुमारी ने अपने पति को दिया “तीन तलाक”, साल भर भी नहीं चली शादी

#dubai_princess_shaikha_mahra_declared_divorce_from_her_husband

दुबई में तलाक का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। संयुक्त अरब अमीरात के उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री और दुबई के शासक शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम की बेटी शेखा माहरा ने सार्वजनिक रूप से अपने तलाक का ऐलान किया है। शेख माहरा ने सोशल मीड‍िया पर अपने पति को “तीन तलाक”दिया है। उन्होंने अपने पोस्ट में मुस्लिम परंपरा के अनुसार डिवोर्स लिया है और अपने पति को तीन तलाक दिया है। शेख महरा के इस ऐलान ने इस्‍लाम‍िक देशों में हंगामा खड़ा कर द‍िया है।

दुबई की इस राजकुमारी ने अपने पति पर बेवफाई और ‘अपने दूसरे पार्टनर के साथ ब‍िजी रहने’ का आरोप लगाया। माहरा ने अपने सोशल मीड‍िया पोस्‍ट में ल‍िखा है, ‘डीयर हस्‍बैंड, अब क्‍योंकि आप अपने कई अन्‍य ‘साथ‍ियों’ के साथ बहुत व्‍यस्‍त हैं, इसलि‍ए मैं हमारे तलाक का ऐलान करती हूं। मैं तुम्‍हें तलाक देती हूं, मैं तुम्‍हें तलाक देती हूं, मैं तुम्‍हें तलाक देती हूं। अपना ध्‍यान रखें। आपकी पूर्व पत्‍नी।’

दुबई की राजकुमारी ने अपनी पति से तलाक लेने के साथ-साथ उन्हें सोशल मीडिया पर भी अनफॉलो कर दिया है। निकाह के दौरान ली गई तस्वीरों को भी उन्होंने अपने इंस्टाग्राम से हटा लिया है।

शेख माहरा ने मई 2023 में शेख माना बिन मोहम्मद बिन राशिद बिन माना अल मकतूम से शादी की थी। उन्होंने इसी साल मई में एक बेटी को जन्म दिया था, जिसका नाम उन्होंने शेख माहरा बिंत माना बिन मोहम्मद अल मकतूम रखा है। हालांकि बेटी के जन्म के दो महीने बाद ही उन्होंने तलाक का ऐलान कर दिया।

मालूम हो कि शेखा माहरा दुबई के प्रधानमंत्री और शासक मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम की बेटी हैं वह यूएई में महिला सशक्तिकरण के समर्थकों में से एक हैं। माहरा के पास यूके के एक विश्वविद्यालय से अंतरराष्ट्रीय संबंध विषय में डिग्री है।

बहुत जल्द शादी कर सकते हैं बॉलीवुड अभिनेता ऋतिक रोशन, इस खूबसूरत अभिनेत्री के साथ लेंगे सात फेरे

 एक्टर ऋतिक रोशन और सबा आजाद अकसर रोमांटिक डिनर डेट, बॉलीवुड पार्टी या आउटिंग में एक साथ नजर आते हैं। ये कपल अपने रिलेशनशिप को लेकर लाइमलाइट में बने रहते हैं। हाल ही में सबा आजाद ने सोशल मीडिया में अपनी एक फोटो शेयर की है। जिसमें ऋतिक रोशन ने ऐसा कमेंट किया है जिसको पढ़ने के बाद लग रहा है कि दोनों अपने रिश्ते को एक अलग मुकाम पर ले जाने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।

दरअसल, गुरुवार को सबा आजाद ने अपने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर की है। जिसमें वह अपने रिंग फिंगर में एक मेटालिक रिंग फ्लॉन्ट करती दिख रही हैं। इस पोस्ट पर उन्होंने कैप्शन लिखा है, ‘रिवीलिंग सून’, जिसपर बॉयफ्रेंड ऋतिक रोशन ने कमेंट करते हुए लिखा है कि ‘इंतजार नहीं कर सकता’. इसके बाद सोशल मीडिया पर एक महौल बन गया है।

इस पोस्ट और कमेंट के बाद से हर जगह सिर्फ इनकी शादी के ही चर्चे हो रहे हैं। हालांकि, इस बात की अभी दोनों सेलब्स की तरफ से कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। यह पोस्ट किसी अपकमिंग इवेंट या प्रोजेक्ट के लिए भी हो सकता है।

बता दें कि एक म्यूचुअल फ्रेंड के जरिए ऋतिक रोशन और सबा आजाद की पहली मुलाकात हुई थी। इसके बाद दोनों की बातचीत शुरू हुई और दोनों एक दूसरे को दिल दे बैठे। कई समय तक चोरी-छुपके एक दूसरे को डेट करने के बाद दोनों ने कुछ वक्त पहले ही अपने रिश्ते को ऑफिशियल कर दिया था और अब अब जल्द ही वह अपने रिश्ते को अलग स्तर पर ले जा सकते हैं।

ऋतिक रोशन ने साल 2014 में अपनी पहली पत्नी सुजैन खान से तलाक ले लिया था। वहीं, अब सुजैन खान भी सुजैन खान के साथ अपने रिश्ते को आगे बढ़ा रही हैं। कई बार तो यह चारों एक साथ क्वालिटी टाइम स्पैंड करते भी स्पॉट किया जाता है।

दिल्ली में पकड़ा गया एक और किडनी ट्रांसप्लांट रैकेट, 8 अरेस्ट, डिटेल में जानिए किन 5 राज्यों से है कनेक्शन

 दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक बार फिर किडनी ट्रांसप्लांट रैकेट का पर्दाफाश किया है। क्राइम ब्रांच की टीम ने इस मामले में आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया है जो फर्जी दस्तावेजों के आधार पर अवैध तरीके से किडनी ट्रांसप्लांट का रैकेट चला रहे थे। यह पूरा रैकेट फर्जी दस्तावेजों के आधार पर देश के 5 राज्यों- दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, एमपी और गुजरात में स्थित अस्पतालों में चलाया जा रहा था।

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने इस पूरे रैकेट का पर्दाफाश कर मामले में 8 आरोपियों की गिरफ्तारी करने के बाद इसमें आगे की जांच भी शुरू कर दी है। इस रैकेट में और लोगों की संल‍िप्तता होने की संभावनाओं को भी तलाशा जा रहा है। इस पूरे मामले को लेकर क्राइम ब्रांच की ओर से प्रेस कांफ्रेंस की गई है। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच के डीसीपी अमित ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि कैसे ये पूरा रैकेट चलाया जाता था।

सोशल मीडिया के माध्यम से डोनर से करते थे संपर्क, आरोपी रोहित 122 ग्रुप में जुड़ा हुआ था

किडनी रैकेट का मुख्य आरोपी संदीप आर्य, जो 7 साथियों के साथ रैकेट को चला रहा था। 5 मरीज और दो किडनी डोनर की पहचान कर ली गई है और भारी मात्रा में नकली स्टैंप, सील भी बरामद हुई है जिनका इस्तेमाल फर्जी कागज बनाने के लिए किया जाता था।

एक महिला ने शिकायत की थी

 संदीप आर्या मास्टरमाइंड ने महिला के पति की किडनी ट्रांसप्लांट कराने के लिए 35 लाख रुपये लिए थे। महिला की शिकायत पर क्राइम ब्रांच ने जांच की। जिसमें संदीप और उसके साथ सुमित के बारे में जानकारी हाथ लगी। सुमित की निशानदेही पर संदीप और देवेंद्र को गोवा से ट्रेस किया गया। पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो मालूम चला पूरा एक नेटवर्क चलाया जा रहा है। इसमें 3-4 लोग पुनीत, चीका ट्रांसप्लांट कॉरडिनेटर का काम किया करते थे। पुनीत नकली दस्तावेज बनाने का काम करता था, अस्पताल में ट्रांस्प्लांट कॉर्डिनेटर का भी काम करता था, 50 हजार से 1 लाख रुपये लेता था। चीका प्रशांत, हनीफ शेख, और तेज प्रकाश मरीज लेकर आते थे या डोनर लेकर आते थे।

इस पूरे रैकेट में सुमित, चीका और हनीफ खुद भी किडनी डोनर रह चुके हैं, इन तीनों ने पहले पैसों के लिए किडनी डोनेट की थी

आरोपी चीका को नकली कागजात के जरिए अस्पताल में नौकरी भी दिलवाई गई, ये हर केस का एक लाख रुपया लेता था

सुमित डोनर के ग्रूमिंग का काम भी करता था, 50 हजार रुपये हर केस के लिए लेता था। संदीप आर्या हर केस का 35 से 40 लाख रुपये लेता था, जिसमें से 7-8 लाख ये बचा लेता था। जो मरीज लेकर आते थे वो हर केस का 5 लाख रुपये लेते थे, डोनर से एक लाख रुपये लिये जाते थे

डोनर को 4 से 5 लाख रुपये दिए जाते थे। बताया जा रहा है कि 11 अस्पताल में 34 किडनी ट्रांसप्लांट करा चुके हैं। 5 राज्यों से इनका कनेक्शन जुड़ा है। दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, एमपी और गुजरात में किडनी ट्रांसप्लांट कराए गए। ये भी जानकारी सामने आ रही है कि होमवर्क करके जाते थे आरोपी इसके बाद पेपर्स में गड़बड़ी करते थे। फोटो असली व्यक्ति की होती थी, लेकिन डिटेल किसी और व्यक्ति की। 

अस्पतालों की भूमिका की भी हो रही जांच

आरोपी खुद ही फर्जी कागज़ात तैयार करते थे

9 जुलाई को पकड़ा गया था इंटरनेशनल किडनी ट्रांस्प्लांट रैकेट, बांग्लादेश से जुड़े थे तार

बता दें कि दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने पिछले दिनों 9 जुलाई को एक इंटरनेशनल किडनी ट्रांसप्लांट रैकेट का भी भंडाफोड़ किया था। जिसमें ऑर्गन ट्रांसप्लांट रैकेट एक किडनी डोनर से 4 से 5 लाख रुपए में क‍िडनी लेते थे और रिसीवर को 20 से 30 लाख रुपए में देते थे। इसमें जाने-माने अस्पतालों की एक महिला डॉक्टर समेत 7 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में गिरफ्तार लोगों के तार बांग्लादेश से जुड़े हुए थे. यह इंटरनेशनल रैकेट भी फर्जी दस्तावेजों के आधार पर किडनी रैकेट चला रहा था और बताया गया था क‍ि यह पूरा रैकेट नोएडा के एक निजी अस्पताल में करीब 15 से 16 किडनी ट्रांसप्लांट भी 2021 और 2023 के बीच में कर चुका था।

मुस्लिम आबादी पर मध्यप्रदेश के IAS नियाज खान ने दिया ऐसा बयान कि मच गया बवाल, अब दी ये सफाई

मध्य प्रदेश में भारतीय प्रशासनिक सेवा के अफसर नियाज खान अपने बयानों से हमेशा में ख़बरों में रहते हैं. अब एक बाद फिर से उन्होंने ऐसा बयान दे डाला कि उन्हें उस पर सफाई भी देनी पड़ गई. IAS नियाज खान ने मुसलमानों की बढ़ती आबादी पर सवाल उठाया. इसके लिए मौलवी तथा मदरसा एजुकेशन को जिम्मेदार बताया.

अपने X अकाउंट पर उन्होंने लिखा, “दुनियां में जिस प्रकार मुस्लिम आबादी बढ़ी है उसने बड़ी परेशानी पैदा कर दी है. अफ्रीका में तो दस-दस बच्चे हो रहे हैं. हमारे देश में भी निचले तबके में यही हाल है. जब तक मौलवी-मदरसा सिस्टम चलेगा तार्किक सोंच नहीं आयेगी. सिर्फ सही शिक्षा ही इसे नियंत्रण कर सकती है.” उनका इशारा सीधे तौर पर आर्थिक रूप से पिछड़े मुसलमान की तरफ था. मगर बाद में जब इस पोस्ट पर विवाद बढ़ा तो IAS नियाज खान ने इस पर अपनी सफाई भी पेश की. उन्होंने कहा कि दुनिया में इस समय तकरीबन 8 अरब आबादी है, जिसमें मुसलमानों की संख्या तकरीबन 2 अरब के आसपास है. दक्षिण अफ्रीकी देश, पकिस्तान एवं अफगानिस्तान में लोग 10- 15 बच्चे तक पैदा कर रहे हैं.

उनका जीवन स्तर बेहद खराब है. नियाज खान ने कहा कि उनका सन्दर्भ पूरी दुनिया के मुसलमानों को लेकर था, न कि केवल भारत के मुसलमानों को लेकर. खान ने कहा कि यदि आबादी कम होगी, परिवार की संख्या सिमित होगी, तो बच्चे को अच्छी शिक्षा देने में लोग सक्षम होंगे. नियाज खान इससे पहले भी अपने कुछ बयानों को लेकर ख़बरों में रहे थे. उन्होंने मध्य प्रदेश में धर्मांतरण को लेकर चल रहे विवाद के वक़्त भी कहा था कि मुस्लिम भाई भी गौ रक्षक बनें. धर्म परिवर्तन का विरोध करें. किसी का धर्म न बदलवाएं. जबरन धर्म बदलवाना इस्लाम में प्रतिबंधित है. यदि शाकाहार अपना सकें तो यह एक बेहतरीन कोशिश होगी. यद्यपि शाकाहारी बनने को बाध्य नहीं किया जा सकता. प्रत्येक मुस्लिम भाई ब्राह्मणों से मधुर संबंध रखें. नियाज खान ने अपनी किताब ‘ब्राह्मण द ग्रेट’ जारी कर भी जमकर सुर्खियां बटोरी थीं.

धराशाई हुआ उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में बना पहला सिग्नेचर ब्रिज, 70 करोड़ की लागत से हुआ था तैयार, बाल बाल बचे मजदूर

 उत्तराखंड के रूद्रप्रयाग से एक बड़ी खबर सामने आई है. यहां ऋषिकेश बदरीनाथ हाईवे के पास एक पुल गिर गया. हाईवे 58 पर नरकोटा के पास बन रहा नया सिगनेचर वैली ब्रिज बृहस्पतिवार की शाम अचानक गिर गया. पुल टूटने के चलते यहां मजदूर काम कर रहे थे मगर गनीमत रही कि सभी मजदूर सुरक्षित हैं. किसी प्रकार की कोई जानमाल की हानि नहीं हुई, वरना बड़ी दुर्घटना हो सकती थी.

वही एक तरफ उत्तराखंड के विकास के बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं, वहीं कार्यदायी संस्था एवं एनएच लोनिवि की कार्यशैली भी सवालों के घेरे में आ गई है. बृहस्पतिवार की शाम 4 बजकर 10 मिनट पर पुल टूटा तो आसपास के लोग यहां जमा हो गए. खबर प्राप्त होने पर जिला आपदा प्रबंधन अफसर नंदन सिंह रजवार के साथ ही प्रशासनिक अफसर भी मौके पर पहुंच रहे हैं. पुल गिरते ही मौके पर अफरा-तफरी मच गई. उस समय वहां मजदूर काम कर रहे थे, जैसे-तैसे सबने अपनी जान बचाई तथा कोई बड़ी दुर्घटना नहीं हुई. वहीं SDM एवं एनएच के अफसर मौके पर निरीक्षण के लिए पहुंचे, तो वहीं पुलिस की टीम भी मौके पर पहुंची. 

जानकारी के अनुसार, यह दुर्घटना 4 बजे के आस-पास हुई है. इस मामले पर फिलहाल किसी भी अफसर ने कुछ खास नहीं कहा है. ऑलवेदर रोड परियोजना के तहत ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे पर नरकोटा में 110 मीटर का सिग्नेचर ब्रिज बनाया जा रहा है. ब्रिज का ऊपरी फ्रेम तैयार किया जा रहा था. पुल का रुद्रप्रयाग की ओर वाला टॉवर ढह गया, जिससे फ्रेम भी नष्ट हो गया. टॉवर एवं फ्रेम के ध्वस्त होने की वजह से अधिक वजन होना माना जा रहा है. वर्ष 2022 जुलाई में भी इस ब्रिज की शटरिंग ध्वस्त हो गई थी. तब, 4 श्रमिकों की मौत भी हुई थी. ये पुल 70 करोड़ की लागत से बनाया जा रहा था.