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बिहार में कंपनियों को मिलेगा रोजगार सृजन अनुदान, इन शर्तों को करना होगा पूरा

डेस्क : बिहार में कंपनियों को रोजगार सृजन अनुदान मिलेगा। हालांकि इसके लिए कुछ शर्ते रखी गई है। उद्योग विभाग ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है। विभाग ने अनुदान देने की प्रक्रिया निर्धारित कर दी है। 

कंपनियों को बिहार निवासी कर्मचारी रखने पर अनुदान दिया जाएगा। अनुदान का लाभ स्थायी कर्मचारी रखने पर ही मिलेगा। जिन इकाइयों का निवेश प्रस्ताव राज्य निवेश प्रोत्साहन पर्षद की ओर से अनुमोदित है, उन्हीं को लाभ दिया जाएगा। 

वस्त्रत्त् एवं चमड़ा उद्योग की कंपनियों को ज्यादा लाभ होगा। इन्हें ईपीएफ का 300 प्रतिशत सीमा तक नियोजन लागत अनुदान मिलेगा। वस्त्रत्त् एवं चर्म नीति के तहत शुरू इकाई 7 साल तक अनुदान ले सकती हैं। अन्य इकाइयों को पांच साल तक अनुदान मिलेगा। 

सरकार ने औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति, इथेनॉल उत्पादन प्रोत्साहन नीति, ऑक्सीजन उत्पादन प्रोत्साहन नीति, बायोफ्यूल उतपादन प्रोत्साहन नीति, लॉजिस्टिक पॉलिसी, औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन (वस्त्रत्त् एवं चर्म) में नियोजन लागत अनुदान या रोजगार सृजन अनुदान का प्रावधान किया गया है। 

औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति, इथेनॉल उत्पादन नीति, ऑक्सीजन उत्पादन प्रोत्साहन नीति, लॉजिस्टिक पॉलिसी के तहत खुली इकाइयों के लिए एक समान दर तय की गई है। इन कंपनियों की ओर से ईएसआई, ईपीएफ योजना में जमा किए गए अंशदान के लिए व्यय की राशि का पुरुष के मामले में 50 फीसदी और महिला के मामले में सौ फीसदी मिलेगा। 

बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन (वस्त्रत्त् एवं चर्म) नीति के तहत खुली इकाइयों को सबसे ज्यादा लाभ होगा। हालांकि, यह सीमा पांच हजार प्रति माह से अधिक नहीं होगी। अर्द्ध कुशल कर्मियों के लिए 3000 प्रति माह, कुशल कर्मियों के लिए 4000 प्रति माह व उच्च कुशल कर्मियों के लिए 5000 प्रतिमाह तक लाभ दिया जाएगा। औद्योगिक इकाई में 75 फीसदी कर्मचारी बिहार के होने चाहिए।

पूर्व सीएम राबड़ी देवी का विप में नेता विरोधी दल के रुप में हुआ मनोनय, विप सचिवालय ने जारी की अधिसूचना

डेस्क : बिहार विधान परिषद में नेता विरोधी दल, सत्तारूढ़ दल के उप नेता, सचेतक और उपमुख्य सचेतक का मनोनयन हो गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सहमति के बाद विधान परिषद सचिवालय ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है।

विधान परिषद सचिवालय की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार विधान परिषद में नेता विरोधी दल के रूप में पूर्व सीएम राबड़ी देवी का मनोनयन हुआ है। विप के कार्यकारी सभापति अवधेश नारायण सिंह की अनुमति पर मनोनयन लागू हो गया है। 

वहीं भाजपा के प्रो. राजेन्द्र गुप्ता और जदयू के ललन सर्राफ विप में सत्तारूढ़ दल के उप नेता बनाए गए है। जदयू के नीरज कुमार व रीना देवी को सत्तारूढ़ दल का सचेतक तो भाजपा के संजय प्रकाश को सत्तारूढ़ दल का उप मुख्य सचेतक बनाया गया है। 

जबकि राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के पत्र के आलोक में पूर्व सीएम राबड़ी देवी को नेता विरोधी दल के रूप में मनोनीत किया गया है।

बिहार में एक नया राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान होगा स्थापित, इन जिलों में रेशम, हथकरघा और हस्तशिल्प के खुलेंगे नए केंद्र : गिरिराज सिंह

डेस्क : बिहार में उद्योग को बढ़ावा देने और निवेश आकर्षित करने के लिए पटना में दो दिवसीय टेक्सटाइल इन्वेस्टर मीट का आयोजन किया गया। मीट के दूसरे दिन आज शुक्रवार को उद्घाटन सत्र के बाद केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि बिहार में एक नया राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान (निफ्ट) स्थापित किया जाएगा। इसके अलावा भागलपुर, नवादा, नालंदा, गया और पटना में रेशम, हथकरघा और हस्तशिल्प के नए केंद्र खोले जाएंगे। साथ ही बेतिया और मुजफ्फरपुर के बाद बेगूसराय में भी बड़ा टेक्सटाइल क्लस्टर विकसित किया जाएगा।

गिरिराज सिंह ने कहा कि टेक्सटाइल सेक्टर में अभी 176 बिलियन डॉलर का कारोबार है। इसे बढ़ाकर 350 बिलियन डॉलर करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसमें से 100 बिलियन डॉलर का निर्यात करने का भी लक्ष्य है। कहा कि आगामी समय में बिहार टेक्सटाइल सेक्टर का बड़ा केंद्र बन कर उभरेगा। क्योंकि हमारे पास इस सेक्टर का सबसे बड़ा वर्क फोर्स है।

केंद्रीय मंत्री गिरिराज ने कहा कि अक्तूबर-नवंबर में बिहार में हैंडलूम का बड़ा एक्सपो आयोजित किया जायेगा। देश में कृषि के बाद सबसे सबसे बड़ा उद्योग देने वाला सेक्टर वस्त्र उद्योग है। इसमें करीब साढ़े चार करोड़ लोगों को रोजगार मिला हुआ है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में पचास लाख रोजगार और बढ़ा कर इस सेक्टर में पांच करोड़ रोजगार करने का लक्ष्य हासिल करेंगे। इस लक्ष्य को हासिल करने में बिहार की बड़ी भूमिका होगी।

बिहार कैबिनेट की बैठक में एक ऐसे प्रस्ताव पर लगी मुहर, जिससे पूर्व केन्द्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस को होगा लाभ, जानिए...

डेस्क : पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस की पार्टी रालोजपा के लिए एक अच्छी खबर है। पिछले एक महीने से पटना स्थित कार्यालय के आंवटन को लेकर चल रहे विवाद के बीच अब पार्टी कार्यालय उनके पास ही रहने की पूरी संभावना बन गई है। या यू कहें कि पार्टी कार्यालय का आवंटन उन्हें मिल जायेगा। 

दरअसल आज नीतीश कैबिनेट की बैठक हुई। कैबिनेट की बैठक में 27 महत्वपूर्ण एजेंडो पर मुहर लगी। जिसमें नीतीश कैबिनेट ने राजनीतिक दलों को कार्यालय आवंटन के लिए आवासीय भवन के रिन्यूअल नीति की बाध्यता खत्म कर दी है। 

नीतीश सरकार ने नीति को संशोधित कर दिया है। इसका फायदा सीधे तौर पर पशुपति पारस को मिलेगा और उन्हें फिर से पार्टी कार्यालय का आवंटन मिल जाएगा।

बता दें कि कार्यालय का आवंटन रिन्यूअल नहीं कराने के कारण पिछले महीने पशुपति पारस की पार्टी रालोजपा के पटना प्रदेश कार्यालय का आवंटन सरकार ने रद्द कर दिया था। जिसके बाद पारस ने सरकार के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। जिसके बाद पारस की पार्टी और नीतीश सरकार के बीच तनातनी बढ़ गई थी।

प्रदेश में बढ़ते अपराध को लेकर सीएम नीतीश कुमार ने पुलिस अधिकारियों के साथ की हाई लेवल मीटिंग, दिए यह सख्त निर्देश

डेस्क : बिहार में अपराधियों का मनोबल काफी बढ़ गया है। कोई ऐसा दिन नहीं होगा जिस दिन आपराधिक वारदातें नहीं होती होगी। जिसे लेकर विपक्ष नीतीश सरकार पर हमलावर है। वहीं बिहार के पूर्व मंत्री और वीआईपी सुप्रीमो मुकेश सहनी के पिता जीतन सहनी की घर में घुसकर निर्मम हत्या किये जाने की घटना के बाद विपक्ष नीतीश सरकार पर और हमलावर हो गया है। तेजस्वी यादव लगातार ट्वीट कर नीतीश सरकार पर निशाना साध रहे हैं। वही बिहार में बढ़ते अपराध के खिलाफ इंडिया गठबंधन ने भी 20 जुलाई को प्रतिरोध मार्च निकाले जाने की घोषणा कर दी है। 

बिहार में बढ़ते अपराध को लेकर विपक्ष के लगातार हमले और पुलिस की विफलता को देखते हुए अबन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक्शन में आ गए हैं। उन्होंने आज सीएम हाउस में हाई लेबल क्राइम मीटिंग बुलाई। डीजीपी, मुख्य सचिव सहित पुलिस मुख्यालय के कई बड़े अधिकारी मुख्यमंत्री आवास में आयोजित क्राइम मीटिंग में शामिल हुए। 

वहीं इस दौरान एसएसपी, एसपी,आईजी, डीआईजी, कमिश्नर सहित बड़े अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़े। हाई लेबल क्राइम मीटिंग में तमाम आलाधिकारी शामिल हुए। बढ़ते अपराध पर अंकुश लगाने के लिए मुख्यमंत्री ने अधिकारियों के साथ बैठक कर विधि व्यवस्था की समीक्षा करते हुए आवश्यक निर्देश जारी किये। 

बैठक के दौरान पुलिस अधिकारियों की बातों को सुनने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिये। सीएम नतीश कुमार ने साफ शब्दों में कहा कि किसी भी हालत में आपराधिक घटनाओं पर अंकुश लगाईए।

अब मुखिया और पंचायत सचिवों की नहीं चलेगी मनमानी, कैबिनेट की बैठक में पंचायत निर्माण कार्य नियमावली पर लगी मुहर

डेस्क : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में आज कैबिनेट की बैठक हुई। कैबिनेट इस बैठक में विभिन्न विभागों से जुड़े कुल 27 एजेंडों को मंजूरी दी गई है।

राज्य मंत्रिपरिषद ने भवन निर्माण, पंचायती राज, वित्त विभाग, स्वास्थ्य विभाग, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, वाणिज्य कर विभाग, परिवहन विभाग, कला संस्कृति एवं युवा विभाग, जल संसाधन विभाग, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग, कृषि विभाग, खेल विभाग, नगर विकास एवं आवास विभाग, ग्रामीण कार्य विभाग, भवन निर्माण विभाग, खान एवं भूतत्व विभाग, सूचना एवं जन संपर्क, अल्पसंख्यक कल्याण और शिक्षा विभाग से जुड़े कई अहम प्रस्तावों पर अपनी मंजूरी दी है।

कैबिनेट के अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ ने कैबिनेट की बैठक में लिए फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि अब गया और मोतिहारी के बाद अब भागलपुर के विक्रमशिला में राज्य के तीसरे केंद्रीय विश्वविद्यालय खुलने का भी रास्ता साफ हो गया है। सरकार ने 205 एकड़ जमीन अधिग्रहित करने के लिए 87.99करोड़ रुपये की मंजूरी दी है। 

बिहार फ़िल्म प्रोत्साहन नीति 2024 की भी स्वीकृति मंत्रीमंडल ने दे दी है। शहरों में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए नीतीश सरकार ने एक नई योजना मुख्यमंत्री समग्र शहरी विकास योजना को भी कैबिनेट में मंजूरी दे दी है।

पंचायतों में राशि की बंदरबांट रोकने के लिए भी अहम फैसले लिए गए। पंचायतों में अब 15 लाख रुपए से कम की योजनाओं का भी टेंडर होगा। नीतीश सरकार ने पंचायत निर्माण कार्य नियमावली को स्वीकृत दी है। सरकार के इस फैसले से अब अब मुखिया और पंचायत सचिवों की मनमानी नहीं चलेगी। 

अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ ने बताया कि नियमावली में अब यह प्रावधान है जिससे मुखिया और पंचायत सचिवों की मनमानी पर रोक लगेगी। छोटे कामों के भी ठेकेदारों का पैनल बनेगा। उसकी बिड लगेगी और बोली में ही चयनित व्यक्ति को वह काम दिया जाएगा।

राज्य के सभी 38 जिला में जिला परिषद की जमीन को लीज पर देने के लिए भी सरकार ने अब नीति बना दी है। 30 से 50 साल यानी लांग टर्म नीति के लिए राज्य सरकार की अनुमति लेनी होगी। बताया कि अब खेती-किसानी के लिए भी लीज बाजार मूल्य पर देना होगा जो अधिकतम 5 साल का होगा।

बिहार कैबिनेट की बैठक खत्म, इन 27 महत्वपूर्ण एजेंडों पर लगी मुहर

डेस्क : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में चल रही कैबिनेट की बैठक खत्म हो गई है। कैबिनेट इस बैठक में विभिन्न विभागों से जुड़े कुल 27 एजेंडों को मंजूरी दी गई है।

सरकार ने भवन निर्माण, पंचायती राज, वित्त विभाग, स्वास्थ्य विभाग, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, वाणिज्य कर विभाग, परिवहन विभाग, कला संस्कृति एवं युवा विभाग,

जल संसाधन विभाग, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग, कृषि विभाग, खेल विभाग, नगर विकास एवं आवास विभाग, ग्रामीण कार्य विभाग, भवन निर्माण विभाग, खान एवं भूतत्व विभाग, सूचना एवं जन संपर्क, अल्पसंख्यक कल्याण और शिक्षा विभाग से जुड़े कई अहम प्रस्तावों पर अपनी मंजूरी दी है।

विपक्ष के बिहार में अपराध चरम पर आरोप के बीच एडीजी का बड़ा दावा, पिछले 24 वर्ष के दौरान प्रदेश में हत्या जैसे अपराध में आई है भारी कमी

डेस्क : पिछले कुछ दिनों से विपक्ष द्वारा लगातार बिहार में अपराध चरम पर होने का आरोप लगाया जा रहा है। इसी बीच वीआईपी सुप्रीमो व बिहार के पूर्व मंत्री मुकेश सहनी के पिता जीतन सहनी की उनके घर में ही निर्मम हत्या के बाद विपक्ष और हमलावर हो गया है। नेता प्रतिपक्ष ने जहां बिहार में गुंडाराज है और रिटायर्ड अधिकारी शासन चला रहे जैसे बयान दिए है। वहीं अपराध के खिलाफ इंडिया गठबंधन द्वारा कल यानि 20 जुलाई को प्रतिरोध मार्च का एलान किया गया है।

इस बीच पुलिस मुख्यालय की ओर से बिहार में अपराध को लेकर बड़ा दावा किया गया है। एडीजी (मुख्यालय) जितेंद्र सिंह गंगवार ने बीते गुरुवार को प्रेस वार्ता का आयोजन कर कहा कि बिहार में पिछले 24 वर्षों के दौरान हत्या की दर घटकर आधी हो गई है। 2001 में प्रति लाख आबादी पर हत्या की दर 4.4 थी, जो 2024 में घटकर 2.1 हो गई है। इसी तरह पिछले छह साल में भी हत्या की स्थिति को देखें, तो इसमें भी कमी आई है।

उन्होंने कहा कि बीच के कोरोना काल वर्ष 2021 को छोड़ दें, तब भी 2018 में हत्या के 2933 दर्ज किए गए थे। 2022 में 2929 एफआईआर और 2023 में 2844 मामले दर्ज किए गए। बीच के कोरोना काल को छोड़कर पिछले 24 वर्षों के आंकड़े को देखें, तो 2023 में हत्या समेत अन्य अपराधों की संख्या में कमी दर्ज की गई है। 

एडीजी ने कहा कि हत्या के कारणों पर नजर डालें, तो 72.2 फीसदी हत्याएं निजी कारणों से ही की गईं हैं। इसमें जमीन समेत अन्य कारणों से उपजा आपसी विवाद, प्रेम प्रसंग, अवैध रिश्ता सबसे मुख्य कारण हैं। मसलन 2022 में 2930 हत्या की घटनाएं हुईं, जिसमें 804 हत्याएं निजी विवाद, 980 विवाद, 132 अवैध रिश्ते और 171 प्रेम प्रसंग के कारण हत्याएं की गईं थी। एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक, सिर्फ हत्या के मामले में बिहार का स्थान देश में 14वां और सभी तरह के मामले में 21वां है।

उन्होंने बताया कि बिहार पुलिस की सभी तरह की घटनाओं में चार्जशीट दायर करने की रफ्तार काफी अच्छी है। हत्या के मामलों में चार्जशीट दायर करने की रफ्तार 95.2 फीसदी है। सभी तरह के अपराध में चार्जशीट दायर करने की दर 92 फीसदी है।

देश के बहुत कम राज्य हैं, जहां चार्जशीट दायर करने की रफ्तार 90 फीसदी से अधिक है।

BPSC शिक्षक नियुक्ति परीक्षा के तीसरे चरण की आज से हो रही शुरुआत, पूरे प्रदेश में 404 केन्द्रों 2.13 लाख अभ्यर्थी परीक्षा में होंगे शामिल

डेस्क : बीपीएससी की ओर से शिक्षक नियुक्ति परीक्षा के तीसरे चरण की आज शुक्रवार से शुरुआत हो रही है। आयोग ने पेपर लीक को रोकने के लिए कई बदलाव किये हैं। प्रश्न-पत्रों की कलर कोडिंग करायी गई है। प्रत्येक जिला में अलग-अलग कलर कोडिंग के हिसाब से प्रश्न-पत्र भेजे जाएंगे। डीएम को भी तीन घंटें पहले ही कलर कोडिंग की जानकारी दी जाएगी। 

आज शुक्रवार को कक्षा छठी से कक्षा आठवीं के लिए परीक्षा होनी है। इसमें गणित एवं विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, हिन्दी, अंग्रेजी, संस्कृत और ऊर्दू विषय की परीक्षा होगी। परीक्षा दोपहर 12 बजे से दोपहर 2.30 बजे तक चलेगी। अभ्यर्थियों को एक घंटा पहले प्रवेश करना होगा। इसके बाद आने वाले अभ्यर्थियों को प्रवेश नहीं मिलेगा।

परीक्षा नियंत्रक सत्य प्रकाश शर्मा ने बताया कि परीक्षा की तैयारी पूरी हो चुकी है। शुक्रवार को 404 केन्द्रों पर परीक्षा होगी। वहीं पटना में 26 केन्द्रों पर परीक्षा आयोजित होगी। परीक्षा में 2 लाख 13 हजार अभ्यर्थी शामिल होंगे।

तीन स्तरों पर पर होगी अभ्यर्थियों की जांच

इसबार आयोग काफी सतर्क है। सभी डीएम को कदाचारमुक्त परीक्षा कराने का निर्देश दिया गया है। जैमर के साथ ही आयोग कार्यालय से लाइव मॉनिटीरिंग होती रहेगी। परीक्षा हॉल में प्रवेश से पहले कई स्तर पर जांच होगी। सभी तरह के इलेक्ट्रॉनिक्स गैजेट पर प्रतिबंध रहेगा।

बताते चलें कि 20 जुलाई को कक्षा 1-5 के लिए तो 21 जुलाई को 9वीं और 10वीं के सभी विषय तो 22 जुलाई को 11वीं-12वीं के सभी विषयों की परीक्षा आयोजित होगी। तीसरे चरण में कुल 87774 पदों पर नियुक्ति होनी है।

अब मरीजों को IGIMS आने-जाने में नही होगी परेशानी : अस्पताल कैंपस से 3 तीन प्रमुख मार्गों पर 6 सिटी बसों के परिचालन की हुई शुरुआत

डेस्क : राजधानी पटना के आईजीआईएमएस मे इलाज कराने आने वाले मरीजों को अब अस्पताल और फिर अपने गंतव्य तक पहुंचने में परेशानी नहीं होगी। मरीजों को अब परिसर से ही सरकारी सिटी बसों की सुविधा मिलेगी। वे अस्पताल परिसर से पटना जंक्शन, दानापुर स्टेशन, बैरिया स्थित पाटलिपुत्र बस स्टैंड, राजेन्द्र नगर टर्मिनल, इनकम टैक्स और गांधी मैदान आ-जा सकेंगे। इन जगहों पर जानेवाली अन्य सरकारी सिटी बसें भी अस्पताल परिसर स्थित स्टैंड में रुकेगी, यहां से खुलेगी। 

बीते गुरुवार को आईजीआईएमएस बस स्टैंड से स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय, परिवहन विभाग के मंत्री शीला मंडल, विधायक संजीव चौरसिया,सचिव संजय कुमार अग्रवाल, संस्थान के निदेशक डॉ. बिंदे कुमार, उपनिदेशक डॉ. विभूति प्रसन्न सिन्हा, अधीक्षक डॉ. मनीष मंडल ने हरी झंडी दिखाकर बसों को रवाना किया। परिचालन बिहार राज्य पथ परिवहन निगम की ओर से छह रूटों पर किया जाएगा। मौके पर परिवहन आयुक्त विशाल राज, प्रशासक अभय झा समेत अन्य उपस्थित थे। उपनिदेशक डॉ. विभूति ने बताया कि मरीजों की सुविधा के लिए बसों का न्यूनतम किराया 6 रुपये और अधिकतम 37 रुपये रखा गया है।

मरीज व परिजनों को आने-जाने में मिलेगी राहत स्वास्थ्य मंत्री

इस मौके पर स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि परिवहन विभाग की मदद से इन बसों का नियमित परिचालन होगा। इससे मरीजों को आने-जाने में काफी सुविधा मिलेगी। अब कैंपस से करीब डेढ़ किमी पैदल चलकर मेन गेट तक नहीं जाना पड़ेगा। 

परिवहन मंत्री शीला मंडल और सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि मरीजों के हित में बसों की संख्या और बढ़ाई जाएगी। परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि आईजीआईएमएस कैंपस से कुल छह सीएनजी बसें विभिन्न मार्गों पर 52 ट्रिप चलेंगी। बसों में ई-टिकटिंग की व्यवस्था होगी तथा सभी बसों में 65 प्रतिशत सीट महिलाओं के लिए आरक्षित होगी।