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मुस्लिम आबादी पर मध्यप्रदेश के IAS नियाज खान ने दिया ऐसा बयान कि मच गया बवाल, अब दी ये सफाई

मध्य प्रदेश में भारतीय प्रशासनिक सेवा के अफसर नियाज खान अपने बयानों से हमेशा में ख़बरों में रहते हैं. अब एक बाद फिर से उन्होंने ऐसा बयान दे डाला कि उन्हें उस पर सफाई भी देनी पड़ गई. IAS नियाज खान ने मुसलमानों की बढ़ती आबादी पर सवाल उठाया. इसके लिए मौलवी तथा मदरसा एजुकेशन को जिम्मेदार बताया.

अपने X अकाउंट पर उन्होंने लिखा, “दुनियां में जिस प्रकार मुस्लिम आबादी बढ़ी है उसने बड़ी परेशानी पैदा कर दी है. अफ्रीका में तो दस-दस बच्चे हो रहे हैं. हमारे देश में भी निचले तबके में यही हाल है. जब तक मौलवी-मदरसा सिस्टम चलेगा तार्किक सोंच नहीं आयेगी. सिर्फ सही शिक्षा ही इसे नियंत्रण कर सकती है.” उनका इशारा सीधे तौर पर आर्थिक रूप से पिछड़े मुसलमान की तरफ था. मगर बाद में जब इस पोस्ट पर विवाद बढ़ा तो IAS नियाज खान ने इस पर अपनी सफाई भी पेश की. उन्होंने कहा कि दुनिया में इस समय तकरीबन 8 अरब आबादी है, जिसमें मुसलमानों की संख्या तकरीबन 2 अरब के आसपास है. दक्षिण अफ्रीकी देश, पकिस्तान एवं अफगानिस्तान में लोग 10- 15 बच्चे तक पैदा कर रहे हैं.

उनका जीवन स्तर बेहद खराब है. नियाज खान ने कहा कि उनका सन्दर्भ पूरी दुनिया के मुसलमानों को लेकर था, न कि केवल भारत के मुसलमानों को लेकर. खान ने कहा कि यदि आबादी कम होगी, परिवार की संख्या सिमित होगी, तो बच्चे को अच्छी शिक्षा देने में लोग सक्षम होंगे. नियाज खान इससे पहले भी अपने कुछ बयानों को लेकर ख़बरों में रहे थे. उन्होंने मध्य प्रदेश में धर्मांतरण को लेकर चल रहे विवाद के वक़्त भी कहा था कि मुस्लिम भाई भी गौ रक्षक बनें. धर्म परिवर्तन का विरोध करें. किसी का धर्म न बदलवाएं. जबरन धर्म बदलवाना इस्लाम में प्रतिबंधित है. यदि शाकाहार अपना सकें तो यह एक बेहतरीन कोशिश होगी. यद्यपि शाकाहारी बनने को बाध्य नहीं किया जा सकता. प्रत्येक मुस्लिम भाई ब्राह्मणों से मधुर संबंध रखें. नियाज खान ने अपनी किताब ‘ब्राह्मण द ग्रेट’ जारी कर भी जमकर सुर्खियां बटोरी थीं.

धराशाई हुआ उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में बना पहला सिग्नेचर ब्रिज, 70 करोड़ की लागत से हुआ था तैयार, बाल बाल बचे मजदूर

 उत्तराखंड के रूद्रप्रयाग से एक बड़ी खबर सामने आई है. यहां ऋषिकेश बदरीनाथ हाईवे के पास एक पुल गिर गया. हाईवे 58 पर नरकोटा के पास बन रहा नया सिगनेचर वैली ब्रिज बृहस्पतिवार की शाम अचानक गिर गया. पुल टूटने के चलते यहां मजदूर काम कर रहे थे मगर गनीमत रही कि सभी मजदूर सुरक्षित हैं. किसी प्रकार की कोई जानमाल की हानि नहीं हुई, वरना बड़ी दुर्घटना हो सकती थी.

वही एक तरफ उत्तराखंड के विकास के बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं, वहीं कार्यदायी संस्था एवं एनएच लोनिवि की कार्यशैली भी सवालों के घेरे में आ गई है. बृहस्पतिवार की शाम 4 बजकर 10 मिनट पर पुल टूटा तो आसपास के लोग यहां जमा हो गए. खबर प्राप्त होने पर जिला आपदा प्रबंधन अफसर नंदन सिंह रजवार के साथ ही प्रशासनिक अफसर भी मौके पर पहुंच रहे हैं. पुल गिरते ही मौके पर अफरा-तफरी मच गई. उस समय वहां मजदूर काम कर रहे थे, जैसे-तैसे सबने अपनी जान बचाई तथा कोई बड़ी दुर्घटना नहीं हुई. वहीं SDM एवं एनएच के अफसर मौके पर निरीक्षण के लिए पहुंचे, तो वहीं पुलिस की टीम भी मौके पर पहुंची. 

जानकारी के अनुसार, यह दुर्घटना 4 बजे के आस-पास हुई है. इस मामले पर फिलहाल किसी भी अफसर ने कुछ खास नहीं कहा है. ऑलवेदर रोड परियोजना के तहत ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे पर नरकोटा में 110 मीटर का सिग्नेचर ब्रिज बनाया जा रहा है. ब्रिज का ऊपरी फ्रेम तैयार किया जा रहा था. पुल का रुद्रप्रयाग की ओर वाला टॉवर ढह गया, जिससे फ्रेम भी नष्ट हो गया. टॉवर एवं फ्रेम के ध्वस्त होने की वजह से अधिक वजन होना माना जा रहा है. वर्ष 2022 जुलाई में भी इस ब्रिज की शटरिंग ध्वस्त हो गई थी. तब, 4 श्रमिकों की मौत भी हुई थी. ये पुल 70 करोड़ की लागत से बनाया जा रहा था.

AAP मंत्री आतिशी मार्लेना ने केंद्र सरकार से मांगे 10000 करोड़, कहा- दिल्ली के बुनियादी प्रोजेक्ट्स के लिए धन की है जरूरत

 दिल्ली की वित्त मंत्री आतिशी मार्लेना ने केंद्र सरकार से दिल्ली में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 10,000 करोड़ रुपये आवंटित करने का आग्रह किया है। उन्होंने तर्क दिया है कि पिछले साल आयकर में 2 लाख करोड़ रुपये का योगदान देने के बावजूद शहर को कोई लाभ नहीं मिला है। 

उन्होंने एक प्रेस वार्ता में दावा किया कि, इसके अलावा, दिल्ली ने केंद्रीय GST पूल में 25,000 करोड़ रुपये का योगदान दिया है। आतिशी ने कहा कि सड़कों, परिवहन प्रणालियों और बिजली सुविधाओं में सुधार के साथ-साथ शहर के समग्र स्वरूप को बढ़ाने सहित महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए धन की आवश्यकता है। केजरीवाल सरकार में कई मंत्रालय संभाल रहीं आतिशी मार्लेना ने बताया कि 2001 से दिल्ली को केंद्रीय कर पूल से केवल 325 करोड़ रुपए मिले हैं। पिछले साल यह भुगतान बंद कर दिया गया, जिससे राष्ट्रीय राजधानी को कोई केंद्रीय फंड नहीं मिला है।

बता दें कि, दिल्ली की मंत्री आतिशी ने ये मांग ऐसे समय में की है, जब केंद्र सरकार अगले कुछ दिनों में अपना सालाना बजट जारी करने वाली है। इस बजट में राज्यों के लिए भी फंड जारी किया ही जाएगा, लेकिन उससे पहले AAP सरकार में मंत्री आतिशी ने केंद्र के सामने अपनी मांग रख दी है।

चीन-अमेरिका को पछाड़कर आगे निकला भारत, रफ़्तार देख दुनिया हैरान, पढ़िए, IMF और ADB की यह ताजा रिपोर्ट

भारतीय अर्थव्यवस्था लगातार उल्लेखनीय विकास प्रदर्शित कर रही है, जो संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन जैसी अन्य प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं से आगे निकल गई है। जुलाई 2024 के लिए अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के नवीनतम पूर्वानुमान के अनुसार, भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था के रूप में अपनी स्थिति बनाए रखने के लिए तैयार है। बता दें कि, इन्ही अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों ने 2013 में भारत की अर्थव्यवस्था को दुनिया की Fragile-5 यानी विश्व की 5 सबसे नाजुक अर्थव्यवस्थाओं में रखा था, जो कभी भी चरमराकर ध्वस्त हो सकती थी, आज भारत टॉप-5 में गर्व के साथ खड़ा है।

IMF ने 2024 के लिए भारत की विकास दर को प्रभावशाली 7 प्रतिशत पर अनुमानित किया है, जो उनके अप्रैल के अनुमान से 0.2 प्रतिशत अधिक है। पिछले अनुमानों के अनुरूप, 2025 के लिए विकास दर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है। इसकी तुलना में, 2024 के लिए चीन की विकास दर 5 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो पिछले पूर्वानुमान से 0.4 प्रतिशत अधिक है, जबकि 2025 के लिए विकास अनुमान 4.5 प्रतिशत है। संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) के 2024 में 2.6 प्रतिशत और 2025 में 1.9 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद है। जर्मनी, फ्रांस, यूके, कनाडा और जापान जैसी अन्य उन्नत अर्थव्यवस्थाओं के बहुत धीमी दर से बढ़ने का अनुमान है।

IMF के अलावा एशियाई विकास बैंक (ADB) ने भी चालू वित्त वर्ष के लिए भारत के लिए अपने विकास पूर्वानुमान को 7 प्रतिशत पर बरकरार रखा है, जो देश की मजबूत राजकोषीय स्थिति को एक महत्वपूर्ण विकास चालक के रूप में उजागर करता है। ADB ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भारत की जीडीपी वृद्धि 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। भारत के मजबूत आर्थिक प्रदर्शन का श्रेय वर्तमान सरकार की कई प्रमुख नीतियों और पहलों को दिया जा सकता है। सार्वजनिक निवेश, औद्योगिक विकास और अनुकूल राजकोषीय नीतियों पर सरकार के जोर ने अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। औद्योगिक क्षेत्र, विशेष रूप से विनिर्माण और निर्माण में मजबूत वृद्धि देखने को मिलने की उम्मीद है। इसके अतिरिक्त, सामान्य से अधिक मानसून के पूर्वानुमानों की बदौलत कृषि क्षेत्र में भी उछाल आने की उम्मीद है, जिससे किसानों को अच्छा खासा मुनाफा होगा।

मार्च 2024 को समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था ने 8.2 प्रतिशत की प्रभावशाली वृद्धि दर्ज की, जो सरकारी नीतियों के प्रभावी कार्यान्वयन को दर्शाता है। बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, निवेश को बढ़ावा देने और स्थिर आर्थिक माहौल सुनिश्चित करने पर सरकार के फोकस ने इस विकास प्रक्षेपवक्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। ADB के मुख्य अर्थशास्त्री अल्बर्ट पार्क ने कहा कि एशिया और प्रशांत क्षेत्र के अधिकांश भाग में पिछले वर्ष की दूसरी छमाही की तुलना में तेज़ आर्थिक वृद्धि देखी जा रही है। उन्होंने नीति निर्माताओं को भू-राजनीतिक तनाव और आर्थिक अनिश्चितताओं सहित संभावित जोखिमों के बारे में सतर्क रहने की आवश्यकता पर बल दिया।

क्षेत्र की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन से इस वर्ष 4.8 प्रतिशत की वृद्धि दर बनाए रखने की उम्मीद है, जो सेवाओं की खपत में सुधार और मजबूत निर्यात से प्रेरित है। हालांकि, चीनी संपत्ति क्षेत्र चिंता का विषय बना हुआ है। विकासशील एशिया और प्रशांत क्षेत्र में मुद्रास्फीति इस वर्ष धीमी होकर 2.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जिसे वैश्विक खाद्य कीमतों में कमी और उच्च ब्याज दरों से सहायता मिलेगी। हालांकि, प्रतिकूल मौसम और निर्यात प्रतिबंधों के कारण दक्षिण एशिया और दक्षिण पूर्व एशिया जैसे क्षेत्रों में खाद्य मुद्रास्फीति उच्च बनी हुई है।

भारत की निरंतर आर्थिक सफलता सरकार की आर्थिक नीतियों और रणनीतिक पहलों की प्रभावशीलता को रेखांकित करती है। चूंकि देश वैश्विक विकास दरों में अग्रणी बना हुआ है, इसलिए सतत विकास और रणनीतिक निवेश पर ध्यान केंद्रित करने से इसकी आर्थिक स्थिति और मजबूत होने की उम्मीद है।

योगी की राह पर धामीःयूपी के बाद उत्तराखंड में भी कांवड़ यात्रा को लेकर आदेश जारी, दुकान पर लिखना होगा नाम

#kanwar_yatra_uttarakhand_compulsory_for_shops_owner_to_display_their_name

उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा के मार्गों पर दुकान और ठेले लगाने वाले लोगों से कहा गया है कि वे दुकान-ठेले के बाहर अपनी नेमप्लेट लगाएं। अब ऐसा ही फरमान उत्तराखंड में भी जारी होता हुआ नजर आ रहा है। उत्तराखंड सरकार ने भी फैसला लिया है कि राज्‍य में कांवड़ रूट के दुकानदारों को अपनी दुकान के आगे नाम लिखना होगा। हरिद्वार एसएसपी ने इसकी पुष्टि की है।

समाचार एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए हरिद्वार के एसएसपी प्रमेंद्र डोभाल ने कहा, "कांवड़ यात्रा के दौरान दुकानों में मालिकों के नाम प्रदर्शित करने को लेकर अक्सर विवाद हो जाता है। कांवड़ यात्री इस बात को लेकर आपत्ति भी जताते रहे हैं। इस संबंध में हरिद्वार पुलिस जितने भी कांवड़ मार्ग हैं, वहां मौजूद रेस्तरां, दुकान, रेहड़ी-पटरी वालों का सत्यापन करके उनके मालिकों के नाम को शामिल करने का प्रयास कर रहे हैं। उनके पेमेंट के जो क्यूआर कोड हैं, उनको भी शामिल करने का प्रयास हो रहा है।"

वहीं, बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव और उत्तराखंड प्रभारी दुष्यंत गौतम ने बताया है कि कांवड़ मार्ग पर दुकानदारों की नेमप्लेट लगाने के फैसले को लागू करने का मकसद क्या है। उन्होंने कहा कि फैसला देश भर के लिए नहीं है बल्कि सिर्फ उस रूट के लिए है जहां पर से कांवड़ यात्रा निकलती हैं। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सालों में ऐसी घटनाएं सामने आई हैं, जिसके बाद यह फैसला लिया गया। मुझे नहीं लगता इस पर किसी को आपत्ति होनी चाहिए।

इससे पहले उत्तर प्रदेश में भी इस तरह का आदेश जारी हो चुका है। खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी आदेश जारी कर दिए हैं कि कांवड़ मार्ग पर आने वाली सभी दुकानों के मालिकों को अपनी दुकान, ढाबे, खोमचे, ठेले के बाहर मालिक का नाम लिखना ही होगा। सीएम का कहना है कि कांवड़ यात्रियों की आस्था के चलते ये फैसला लिया गया है। इसके साथ ही सीएम योगी आदित्‍यनाथ की ओर से कहा गया कि हलाल सर्टिफिकेशन वाले प्रोडक्ट बेचने वालों पर भी एक्‍शन लिया जाएगा।

मध्यप्रदेश में अब राज्य सरकार की अनुमति के बिना CBI नहीं कर पाएगी जांच, लेनी होगी अनुमति, नोटिफिकेशन जारी

 सीबीआई को अब मध्य प्रदेश में जांच के लिए राज्य सरकार से अनुमति लेनी होगी। साथ ही सरकारी अधिकारी-कर्मचारियों के अपराधिक मामले की जांच के लिए उन्हीने राज्य सरकार की अनुमति की जरुरत होगी। बिना लिखित अनुमति के बिना वे जांच नहीं कर सकेंगे। राज्य सरकार ने दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम की धारा 3 की शक्तियों का उपयोग किया है। जिसके बाद गृह विभाग ने गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। 

राज्य सरकार के फैसले के बाद गृह विभाग के सेक्रेटरी गौरव राजपूत ने आदेश कर दिया है। सरकार का नया आदेश 1 जुलाई से प्रभावी रहेगा। आदेश के मुताबिक सीबीआई को राज्य सरकार से लिखित में अनुमति लेनी होगी। इसके बाद ही निजी, सरकारी और अन्य लोगों के खिलाफ सीबीआई जांच होगी। 

गृह विभाग ने अपने आदेश में लिखा, ‘मध्य प्रदेश शासन, केन्द्र सरकार, केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के कर्मचारियों और निजी व्यक्तियों द्वारा किए गए (चाहे वे अलग से काम कर रहे हों,या केन्द्र सरकार या फिर केन्द्र सरकार के उपक्रमों के कर्मचारियों के साथ मिलकर) समय-समय पर यथासंशोधित दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम 1946 की धारा 3 के अधीन अधिसूचित अपराधों या अपराधों की श्रेणियों की जांच के लिए संपूर्ण मध्य प्रदेश राज्य में दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना के सदस्यों की शक्तियों और अधिकार क्षेत्र के विस्तार के लिए अपनी सहमति प्रदान करता है। 

इसलिए इस अधिनियम की धारा 3 द्वारा प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लेते हुए, शासन द्वारा नियंत्रित लोकसेवकों से संबंधित मामलों में ऐसी कोई जांच राज्य सरकार की पूर्व लिखित अनुमति के बिना नहीं की जाएगी. किन्हीं भी अपराधों के लिए पिछली सभी सामान्य सहमति और राज्य सरकार द्वारा किसी अन्य अपराध के लिए मामले -दर-मामले के आधार पर दी गई सहमति भी लागू रहेगी. यह नोटिफिकेशन 1 जुलाई से प्रभावी समझा जाएगा।’

मध्यप्रदेश के हर थाने में सुंदर कांड और बकरीद दोनों मनाएंगे, गुरु नानक जी का भी पढ़ाएंगे पाठ, दिग्विजय सिंह ने किया ऐलान

मध्य प्रदेश में अब सुंदर कांड के रूप में नई जंग छिड़ गई है. राज्य के पूर्व सीएम एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने घोषणा की है कि पार्टी के कार्यकर्ता मध्य प्रदेश के सभी थानों में सुंदरकांड का पाठ करेंगे. इसके साथ ही दिग्विजय सिंह ने यह भी कहा कि थानों में बकरीद मनाने से लेकर गुरु नानक जी का पाठ भी पढ़ाया जाएगा. उनका यह बयान तब सामने आया है जब राज्य के पुलिस की तरफ से एक थाना परिसर के अंदर सुंदरकांड का पाठ करवाया जा रहा था.

दरअसल, राज्य की राजनीति में कथित नर्सिंग घोटाले को लेकर माहौल गरमाया हुआ है. कांग्रेस इस मुद्दे पर आक्रामक मोड में है तथा पार्टी ने राज्य सरकार में मंत्री विश्वास सारंग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. कांग्रेस की तरफ से नारंग के खिलाफ FIR दर्ज कराए जाने को लेकर निरंतर मांग भी की जा रही है. दिग्विजय सिंह भी इस प्रदर्शन में सम्मिलित हुए. उन्होंने कांग्रेस के कई अन्य नेताओं के साथ मंत्री विश्वास सारंग के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की मांग को लेकर अशोका गार्डन थाने तक पैदल मार्च किया. किन्तु जब वह अशोका गार्डन थाने में पहुंचे तो उन्होंने देखा कि वहां पर सुंदर कांड का पाठ करवाया जा रहा है. उन्होंने इसे नियम के खिलाफ बताया.

थाने में सुंदर कांड का पाठ के आयोजन को लेकर दिग्विजय सिंह भड़क गए तथा उन्होंने कहा, “हम थाने में FIR दर्ज करवाने आए थे, मगर वहां सुदंर पाठ कराया जा रहा था. मैं भी 10 वर्षों तक सीएम के पद पर रहा और यह नियम नहीं है.” उन्होंने कहा, “पुलिस अफसर का कहना था कि उन्होंने सुंदर पाठ का आयोजन करवाया. एक आम शख्स का जन्मदिन था इस उस उपलक्ष्य में वहां पर सुंदर पाठ कराया जा रहा था. हमारे भी कार्यकर्ताओं का जन्मदिन आता है, अब उनका जन्मदिन भी हम थानों में मनाएंगे. साथ ही बकरीद का आयोजन भी हम थानों में ही करेंगे.” उन्होंने नियमों का हवाला देते हुए कहा कि थाने के अंदर सुंदर पाठ कराया जाना नियमों का घोर उल्लंघन है. थाने के अंदर सुंदर पाठ कराने की अनुमति किसने दी उसका भी नाम साफ होना चाहिए. कांग्रेस पार्टी अब हर थाने में सुंदर पाठ करवाने का आवेदन पुलिस अफसरों को देगी.

हालांकि दिग्विजय सिंह के इस बयान पर भाजपा नेता ने जोरदार पलटवार किया. नरेंद्र सलूजा ने कहा, “वो तो वैसे ही सनातन विरोधी रहे हैं. यदि वो कह रहे हैं कि 10 वर्षों तक राज्य के सीएम रहे हैं तथा उन्हें नियम पता है. ऐसे में जब कभी सड़क पर नमाज अदा होती थी तो उसका विरोध क्यों नहीं किया. मदरसों में जो गलत हो रहा उसका विरोध क्यों नहीं किया. थाने में केवल सुंदर कांड हो गया तो इन्हें आपत्ति हो गई.”

क्या राष्ट्रपति चुनाव की रेस से बाहर होंगे बाइडन? जल्द ले सकते हैं बड़ा फैसला

#joe_biden_expected_to_major_announcement_on_us_president_race 

अमेरिका में पिछले कई महीनों से नवंबर में होने जा रहे राष्ट्रपति पद के चुनावों को लेकर हलचल मची हुई है। इसी बीच खबर आ रही है कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन राष्ट्रपति पद की दौड़ से बाहर हो सकते हैं।माना जा रहा है कि वह जल्द ही चुनावी रेस से हटने का फैसला ले सकते हैं। बाइडन पर उनकी पार्टी के कई सीनियर नेताओं की ओर से चुनावी मैदान से हटने का दबाव डाला जा रहा है। बता दें कि पूर्व डोनाल्ड ट्रंप में हुए जानलेवा हमले के बाद बाइडन प्रशासन की मुश्किलें और भी बढ़ गईं हैं। पूरे देश को ट्रंप को बंपर समर्थन और सहानुभूति मिल रही है।

कुछ दिनों पहले अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन कोविड-19 पॉजिटिव पाए गए थे, जिसके बाद से उन पर चुनावी रेस से बाहर निकलने का दबाव बनाया जा रहा है। हाल ही में इस बाइडेन के चुनावी रेस से बाहर निकलने की खबर में बहुत तेजी आ गई है और अब कहा जा रहा है कि बाइडेन इस चुनाव से हटने को लेकर कभी भी फैसला कर सकते हैं, यहां तक कि बाइडेन के टीम से जुड़े एक सोर्स ने कहा है कि इस बात का ऐलान इस रविवार यानी 21 जुलाई को ही हो सकता है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, राष्ट्रपति बाइडन के कई करीबी लोगों ने गुरुवार को कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति को भी अब लगने लगा है कि वह नवंबर में होने वाले चुनाव में जीत नहीं पाएंगे। ऐसे में उन्हें अपनी पार्टी के कई सदस्यों के भारी दबाव के आगे झुकते हुए दौड़ से बाहर होना पड़ सकता है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक प्रेसिडेंशियल डिबेट में खराब प्रदर्शन, खराब सेहत और प्रतिद्वंद्वी ट्रंप पर गोली चलने के बाद कई डेमोक्रेटिक नेताओं ने सुझाव दिया है कि बाइडन अपनी उम्मीदवारी छोड़ दें। बाइडन को राष्ट्रपति पद की रेस छोड़ने के लिए कहने वालों में पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा, पूर्व हाउस स्पीकर नैन्सी पेलोसी और चक शूमर जैसे डेमोक्रेटिक पार्टी के शीर्ष नेता शामिल हैं।

अधिकांश मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि बाइडन की फिर से चुनाव लड़ने या न लड़ने को लेकर घोषणा मिल्वौकी में रिपब्लिकन नेशनल कन्वेंशन के समापन के बाद हो सकती है। हालांकि, यह भी बताया जा रहा है कि उनके करीबी लोगों में से एक ने चेतावनी दी है कि राष्ट्रपति ने अपनी बात पर अडिग हैं कि वे ही राष्ट्रपति पद के लिए पार्टी के उम्मीदवार होंगे। उन्होंने अभी तक दौड़ से बाहर होने का मन नहीं बनाया है। कुछ भी उन्हें इस रेस से बाहर नहीं कर सकता।

माइक्रोसॉफ्ट के सर्वर में खराबी, भारत और अमेरिका समेत दुनियाभर में एयरलाइंस, बैंकिग समेत कई सेवाएं प्रभावित

#microsoft_reports_major_service_outage_affecting_users_worldwide_airlines 

आज दुनियाभर के तमाम कंप्यूटर और लैपटॉप अचानक बंद पड़ गए हैं। इसके चलते तमाम विमान कंपनियों, माडिया हाउस और बैंक का कामकाज ठप पड़ गया है। देश और दुनिया में सर्वर ठप से हाहाकार मच गया है। माइक्रोसॉफ्ट के सर्वर में आई समस्या के चलते ऐसा हो रहा है। माइक्रोसॉफ्ट की क्लाउड सर्विस के ठप होने के कारण भारत और अमेरिका समेत दुनिया के कई देशों की एयरलाइंस प्रभावित हुई हैं। कई एयरलाइंस कंपनियों की फ्लाइट कैंसिल हुई हैं। इस आउटेज के कारण फ्लाइट बुकिंग, कैंसिलेशन से लेकर चेक-इन तक की सेवाएं प्रभावित हुईं हैं। 

माइक्रोसॉफ्ट ने बताया कि वो इस समस्या की जांच कर रहे हैं जिसके कारण उपयोगकर्ताओं को विभिन्न ऐप्स और सेवाओं तक पहुंचने में परेशानी हो रही है। साइबर सिक्योरिटी कंपनी क्राउडस्ट्राइक ने एक अपडेट जारी किया था जिसके बाद MS विंडोज पर चलने वाले सभी कंप्यूटर्स और लैपटॉप अचानक क्रैश कर रहे हैं। माइक्रोसॉफ्ट विंडोज में आई दिक्कत की वजह से अन्य सेवाओं पर भी असर पड़ा है। लोगों को माइक्रोसॉफ्ट 360, माइक्रोसॉफ्ट विंडोज, माइक्रोसॉफ्ट टीम, माइक्रोसॉफ्ट Azure, माइक्रोसॉफ्ट स्टोर और माइक्रोसॉफ्ट क्लाउड-पावर्ड सर्विस के इस्तेमाल में दिक्कत हो रही है। 74% यूजर्स को माइक्रोसॉफ्ट स्टोर में लॉगिन नहीं कर पा रहे हैं। वहीं 36% यूजर्स को ऐप में प्रॉब्लम आ रही है।

दिल्ली एयरपोर्ट की तरफ से जानकारी दी गई है कि दिल्ली एयरपोर्ट में चेक इन का काम मैन्युअल मॉड से हो रहा है। सर्वर ठप का बहुत ज्यादा असर नहीं है लेकिन काम धीरे-धीरे हो रहे हैं। इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट के टर्मिनल 3 की तुलना में t2 टर्मिनल पर ज्यादा असर देखने को मिल रहा है।बताया जा रहा है कि जो भी कंपनियां माइक्रोसॉफ्ट के विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम पर निर्भर हैं, उनके कामों पर असर पड़ रहा है।

माइक्रोसॉफ्ट के सर्वर में गड़बड़ी की वजह से अमेरिका की फ्रंटियर एयरलाइन सबसे ज्यादा प्रभावित हुई है। फ्रंटियर एयरलाइन ने बयान जारी कर कहा है कि सर्वर में आई समस्या की वजह से 131 फ्लाइट रद्द कर दी गई है। 200 से ज्यादा उड़ानों में देरी हुई है। इस गड़बड़ी के चलत अमेरिकी इमरजेंसी सर्विस भी प्रभावित हुई है।

चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस दुर्घटना पर राहुल गांधी ने सरकार को घेरा, कुप्रबंधन और उपेक्षा को ठहराया जिम्मेदार

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उत्तर प्रदेश के गोंडा में हुए रेल हादसे पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने दुख जताया है। उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से राहत और बचाव कार्य में सहयोग की अपील की। साथ ही हादसे के लिए सरकार को घेरा। कांग्रेस सांसद ने रेल हादसे को सरकार के कुप्रबंधन और लापरवाही का नतीजा बताया।बता दें कि उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में बृहस्पतिवार को चंडीगढ़ से डिब्रूगढ़ जा रही एक ट्रेन के आठ डिब्बे मोतीगंज तथा झिलाही रेलवे स्टेशनों के बीच पटरी से उतर गये। इस घटना में 3 यात्रियों की मौत हो गयी तथा 30 अन्य घायल हो गये।

नेता प्रतिपक्ष ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, उत्तर प्रदेश के गोंडा में चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस के पटरी से उतरने से कई यात्रियों की मौत की खबर बेहद दुखद है। मैं शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। कांग्रेस कार्यकर्ताओं से अनुरोध है कि वे राहत एवं बचाव कार्यों में हर संभव सहायता प्रदान करें।

कांग्रेस सांसद ने आरोप लगाया कि लगातार हो रही रेल दुर्घटनाएं अत्यंत चिंताजनक हैं और सरकार के कुप्रबंधन और उपेक्षा का परिणाम है। राहुल गांधी ने कहा, लगातार हो रही रेल दुर्घटनाएं बेहद चिंताजनक हैं और ये सरकार के कुप्रबंधन और लापरवाही का नतीजा हैं। कुछ दिन पहले लोको पायलटों से हुई चर्चा और हाल ही में हुई रेल दुर्घटनाओं पर रेलवे सुरक्षा आयुक्त की रिपोर्ट से भी यह बात स्पष्ट होती है। उन्होंने कहा, सरकार को तत्काल इसकी पूरी जिम्मेदारी लेनी चाहिए और यात्रियों की सुरक्षा तथा दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए अपनी रणनीति देश को बतानी चाहिए।

बता दें कि यूपी के गोंडा में गुरुवार को चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस ट्रेन के कई डिब्बे पटरी से उतर गए। रेलवे अधिकारियों के अनुसार यह हादसा बुधवार दोपहर करीब 2.35 बजे हुआ। हादसे में तीन यात्रियों की मौत हो गई, जबकि करीब 30 लोग घायल हो गए। यह दुर्घटना उत्तर प्रदेश के गोंडा और झिलाही के बीच स्थित पिकौरा में हुई। गोंडा के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक दुर्घटनास्थल पर पहुंच गए हैं। दुर्घटना के कारण कई ट्रेनों का मार्ग परिवर्तित कर दिया गया है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी अधिकारियों को घटनास्थल पर पहुंचने और तुरंत राहत उपायों में तेजी लाने का निर्देश दिया था। यूपी के सीएम ने जिला प्रशासन को घायलों का उचित इलाज करने का आदेश दिया है।