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छत्तीसगढ़ में आज बारिश के आसार : मौसम विभाग ने 8 जिलों में जारी किया अलर्ट

रायपुर- छत्तीसगढ़ में बारिश को लेकर मौसम विभाग ने अलर्ट जारी किया है. अगले 3 घंटों के लिए दंतेवाड़ा, सुकमा, बीजापुर में ऑरेंज अलर्ट और गरियाबंद, धमतरी, बस्तर, कोंडागांव, नारायणपुर के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है.

सोमवार को प्रदेश के अधिकांश स्थानों पर बारिश हुई. इनमें राजिम में 150 मिमी हुई वर्षा, अंबिकापुर में 92 मिमी , पेंड्रा रोड में 70, गोबरा नवापारा में 90 मिमी, मैनपुर- अभनपुर में 70 मिमी वर्षा दर्ज की गई. राजधानी रायपुर में भी झमाझम बारिश हुई. आज भी राजधानी में गरज चमक के साथ बारिश की संभावना है. मौसम विभाग के मुताबिक, दक्षिण छत्तीसगढ़ में 17 जुलाई के बाद मानसूनी गतिविधियों में वृद्धि होगी.

राज्य शासन के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा बनाए गए राज्य स्तरीय नियंत्रण कक्ष से मिली जानकारी के मुताबिक एक जून 2024 से अब तक राज्य में 248.5 मिमी औसत वर्षा दर्ज की जा चुकी है. राज्य के विभिन्न जिलों में 01 जून 2024 से आज 15 जुलाई सवेरे तक रिकार्ड की गई वर्षा के अनुसार बीजापुर जिले में सर्वाधिक 410.7 मिमी और सरगुजा जिले में सबसे कम 135.3 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गई है.
राहुल गांधी के बयान से देश के 110 करोड़ हिंदू आहत : अरुण साव

रायपुर-  उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि लगातार तीसरी बार फेल और बार-बार लॉन्च के बावजूद फेल हो चुके राहुल गाँधी का नेता प्रतिपक्ष के रूप में पहला ही भाषण झूठ, निराशा और तथ्यहीन बातों से भरा हुआ था। इतना ही नहीं, उनका अपने भाषण के दौरान आचरण भी संसदीय गरिमा के अनुरूप बिलकुल भी नहीं था।

उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि लोक सभा में चर्चा राष्ट्रपति जी के अभिभाषण हो रही थी लेकिन राहुल गाँधी ने उस बाबत औपचारिकतावश भी एक शब्द नहीं बोला। सदन में राहुल गाँधी ने केवल और केवल झूठ बोला। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को राहुल गांधी का ज्ञानवर्धन करना चाहिए और समझाना चाहिए कि भारत की संसदीय गरिमा को कम न करें।

उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि राहुल गाँधी ने अपने भाषण में न केवल हिंदुओं का घोर अपमान किया, न केवल हिंदुओं को हिंसक, नफरती और झूठा बताया बल्कि अग्निवीर, किसान, अयोध्या, माइक – सब पर झूठ और केवल झूठ बोला। राहुल गाँधी को अविलंब हिंदुओं का अपमान करने के लिए और सदन में झूठा बयानबाजी करने के लिए देश की जनता से अविलंब माफी मांगनी चाहिए।

उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि राहुल गाँधी झूठ बोल कर भाग जाने में माहिर हैं। राहुल जी, आप सदन में झूठ नहीं बोल सकते, आपको अपनी बातों को साबित करना होगा। आप ऐसे हिंदुओं का अपमान नहीं कर सकते।

हिंदुओं का घोर अपमान

आज संसद में राहुल गांधी ने सम्पूर्ण हिंदू समाज को हिंसक और असत्यवादी बताकर, हिंदू समाज का घोर अपमान किया है। इसकी जितनी भी निंदा की जाय, कम है। ये कांग्रेस की पुरानी आदत है। कांग्रेस ने यह भी पहली बार नहीं किया है।

अब कांग्रेस और उनका गैंग राहुल गाँधी को सही ठहराने के लिए कई बहाने बनायेंगे कि लेकिन सदन में राहुल गाँधी ने स्पष्ट कहा है कि जो लोग अपने आपको हिंदू कहते हैं वो 24 घंटे हिंसा-हिंसा-हिंसा, नफरत-नफरत-नफरत, असत्य-असत्य-असत्य की बात करते हैं।

99 सीटें जीतने पर ये हिंदुओं को हिंसक, नफरती और झूठा बता रहे हैं, ये बताता है कि इनकी असल मंशा क्या है? सच्चाई सबको पता है कि 1984 में सिखों का नरसंहार किसने किया था। सच्चाई ये है कि आपातकाल में आम लोगों को प्रताड़ित किसने किया था? सच्चाई ये है कि संतों पर गोलियां किसने चलवाई थी?

राहुल गाँधी पश्चिम बंगाल में हुई घटनाओं पर कुछ नहीं बोलते, तमिलनाडु में Hizb-ut-Tahir की मंशा पर कुछ नहीं बोलते, केरल में अपने सहयोगी की हिंसा भड़काने की तहरीरों पर कुछ नहीं बोलते लेकिन हिंदुओं को हर बार बदनाम करते हैं।

2010 में तत्कालीन गृह मंत्री पी चिदंबरम ने हिंदुओं को आतंकवादी कहा था। 2013 में पूर्व गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने भी हिंदुओं को आतंकवादी बताया था।

2021 में राहुल गांधी ने कहा था कि हिन्दुत्ववादियों को देश से बाहर निकालने को कहा था और आज सम्पूर्ण हिंदुओं को असत्यवादी और हिंसक कहा। राहुल गाँधी ने पहले भी कहा था कि मंदिर जाने वाले लड़कियों को छेड़ते हैं।

राहुल गांधी ने नेता प्रतिपक्ष के पद की गरिमा को नीचा और कमजोर करने का काम किया है। समूचा देश राहुल गांधी के इस बयान से दुखी है और इस बयान की जितनी निंदा की जाए वह कम है।

हिंदुओं को हिंसक और असत्यवादी बताना, संसद की बहस के दौरान ईश्वर के चित्रों को सामने रखना और राजनीति को इससे जोड़ना एक नेता प्रतिपक्ष को शोभा नहीं देता।

20 जनवरी 2013 को यूपीए सरकार में तत्कालीन गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने जयपुर में यह कहा था कि भाजपा और आरएसएस की तरफ से हिंसक गतिविधियां और ट्रेनिंग कैम्प चलाए जा रहे हैं। जब सदन पटल पर उनसे इस विषय पर सवाल पूछा गया, तो 20 फरवरी 2013 को सुशील कुमार शिंदे ने खेद व्यक्त किया था। राहुल गांधी को सुशील कुमार शिंदे से सीख लेते हुए खेद व्यक्त करना चाहिए।

जब आप सत्ता में थे, तो आपके पास सभी चीजें थी, तब भी आपने झूठ बोला और सदन के पटल पर अपनी गलती मानी। आज भी आप झूठ बोल रहे हैं।

कर्नाटक कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष, जो इस समय पीडब्लूडी मंत्री है, सतीश जारकीहोली भी हिंदू शब्द को गंदा बोल चुके हैं। इनकी भारत जोड़ो यात्रा में जॉर्ज पोन्नैया ने कहा था कि भारत की धरती को इतना अपवित्र मानता हूँ कि मैं जूते पहनता हूँ ताकि इसका स्पर्श न हो जाए। इनके गठबंधन के लोगों ने ही हिंदू धर्म के नाश और उसकी तुलना कोरोना वायरस के साथ की थी।

सदन में भगवान् शंकर, गुरु नानक देव के चित्र दिखाना गलत, अभय मुद्रा पर भी गलत बातें की

आज राहुल गांधी ने अभय मुद्रा की बात करते हुए इस्लाम में भी अभय मुद्रा बता दी जबकि इस्लाम में कोई चित्र नहीं होता है, तो उन्हें अभय मुद्रा कहाँ से दिख गई? राहुल गाँधी को कोई इल्म हुआ है या ऊपर से कोई ऊपर से कोई फजल हुआ है कि उन्हें अभय मुद्रा दिख गई?

संसद में जिस तरह से भगवान शंकर के चित्र को दिखाया जा रहा था, वह बेहद ही आपत्तिजनक था। इसपर लोकसभा अध्यक्ष ने भी कहा था कि जिनको हम पूजते हैं, उनके ऐसे चित्र यहाँ प्रस्तुत नहीं कर सकते हैं।

राहुल गांधी शिव जी की तस्वीर दिखा रहे थे और कहते हैं कि हम हिंदू धर्म की शक्ति से लड़ेंगे, जबकि शिव और शक्ति एक ही हैं।

राहुल गांधी ने बहुत सारे ईश्वर का नाम लिया लेकिन राहुल गांधी ने लोकसभा में ईश्वर के नाम की शपथ क्यों नहीं ली? जब राहुल गांधी ईश्वर के नाम की शपथ नहीं ले रहे हैं और ईश्वर में निष्ठा नहीं रख रहे हैं, तो फिर ईश्वर के चित्र क्यों दिखा रहे हैं?

2014 में राहुल गांधी ने शपथ ईश्वर के नाम की ली थी, तो फिर 2014 से 2024 में ऐसा क्या बदल गया कि वे ईश्वर के नाम की शपथ से सत्यनिष्ठा पर आ गए हैं और फिर सदन के पटल पर ईश्वर के चित्र दिखाने लगे? इसलिए राहुल गांधी को गंभीरता और परिपक्वता के साथ अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करें और आचरण रखें।

अग्निवीर पर झूठ

राहुल गाँधी ने कहा कि अग्निवीर योजना में शहीदों को कोई मुआवजा नहीं दिया जाता, मगर इससे बड़ा झूठ हो नहीं सकता है। माननीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तुरंत राहुल गांधी के झूठ को एक्सपोज़ करते हुए कहा कि अग्निवीर योजना में शहीदों को 1 करोड़ रुपए की सहायता राशि प्रदान की जाती है।

राहुल जी को केस स्टडी कर अपने तथ्यों को दोबारा देखना चाहिए। ऐसा पहली बार नही है जब कांग्रेस ने सेना पर सवाल खड़े किए हो, कांग्रेस पार्टी ने पहले भी सेना पर सवाल उठाए हैं और देश को भ्रमित करने का प्रयास किया है। बाद में उन्हें माफी भी मांगनी पड़ी है।

माइक बंद करने पर झूठ

राहुल गांधी ने स्पीकर महोदय को माइक बंद करने, सांसदों को बर्खास्त करने बात करते हैं जबकि जिसे आसन से बोलने को कहा जाता है, उसका माइक कभी बंद नहीं होता।

आसन पर सभी दलों के सांसद समयानुसार बैठते हैं, कभी भी इस तरह से नहीं किया गया कि माइक बंद किया जाता है। वैसे भी आसन के पास माइक को बंद करने या ओपन करने का कोई स्विच नहीं होता।

अयोध्या में मुआवजे पर झूठ

राहुल गांधी ने अयोध्या में मुआवजे पर भी भ्रामक बातें की। राहुल गाँधी ने कहा कि अयोध्या में लोगों की जमीनें ली गई लेकिन मुआवजा नहीं दिया गया जबकि सच्चाई कुछ और है।

उत्तर प्रदेश सरकार और प्रशासन ने अयोध्या में लोगों को दिए गए मुआवजे के आंकड़े जारी किये हैं। करीब 4,215 दुकानदारों को 1,253 करोड़ रुपए प्रदान किया गए हैं। इसके अलावा दुकानों का स्थानांतरण में भी प्रशासन ने जनभागीदारी के साथ कार्य किया है।

किसानों को आतंकवादी बताने का झूठ

राहुल गाँधी ने कहा कि सरकार ने किसानों को आतंकवादी बताया। राहुल गाँधी के इस झूठ का भी तुरंत खुलासा हो गया और इसका सबूत देने की मांग की गई। आप सदन के पटल पर झूठी बातें नहीं कर सकते, आपको इसे authenticate करना होता है।

राहुल गाँधी ने कहा कि सरकार किसानों को एमएसपी नहीं देती। राहुल गाँधी के इस झूठ की पोल स्वयं कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खोला कि ये गलत बयानी कर रहे हैं। एमएसपी पर खरीद जारी है। उनकी सरकार थी तब बताएं कि एमएसपी पर कितनी खरीद होती थी। ये सत्यापित करें कि एमएसपी पर खरीद नहीं हो रही। इस पर राहुल गाँधी ने बात पलट दी।

आसन का अपमान

राहुल गांधी ने संवैधानिक पद लोकसभा अध्यक्ष के पद पर भी गैर जिम्मेदाराना टिप्पणी की, जो बहुत ही दुखद है। यह भी पहली बार नहीं हुआ। राहुल गांधी ने प्रेस क्लब में स्वयं अपनी पार्टी की गठबंधन सरकार के पारित ऑर्डिनेन्स की प्रति को फाड़ दिया था।

यूपीए सरकार के समय देश की संवैधानिक व्यवस्था को कांग्रेस की गैर-संवैधानिक व्यवस्था नेशनल अड्वाइज़री कमेटी (एनएसई) के अध्यक्षा के रूप में सोनिया गांधी चलाती थी।

कांग्रेस का चरित्र देश की संवैधानिक व्यवस्थाओं को कमजोर करने का रहा है। इंदिरा गांधी ने भी संसद, न्याय प्रणाली और नौकरशाही जैसी देश की संवैधानिक व्यवस्थाओं को कमजोर करने का कार्य किया।

राहुल गांधी भारतीय संस्कृति के अनुरूप किए गए व्यवहार को नहीं समझ सकते हैं, क्योंकि उन्हें संस्कृति के बारे में जानकारी ही नहीं है।

संसदीय गरिमा का अपमान

2004 से जब राहुल गांधी कोई पद पर नहीं थे, तो उनके व्यवहार में नाटकीय और मजाक झलकता था लेकिन आज राहुल गांधी लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष हैं और एक संवैधानिक पद पर हैं, तो हम लोग उम्मीद कर रहे हैं कि वे परिपक्वता के साथ अपने व्यवहार और आचरण में सकारात्मक बदलाव लाएंगे।

आज राहुल गांधी के भाषण के दौरान जो हमने देखा है, बार-बार पीठासीन अधिकारी की कुर्सी से उन्हें बोला गया कि आप बात करते समय तर्क और पीठ स्पीकर की तरफ न करें, क्योंकि नियमानुसार जब कोई सांसद सदन में बोलता है तो उसकी पीठ, पीठासीन अधिकारी की तरफ नहीं होनी चाहिए। बहस का लेवल इस तरह गिर गया है कि आज से पहले किसी ने इसके बारे में सोचा भी नहीं होगा।

अटल बिहारी वाजपेयी, लाल कृष्ण आडवाणी, जॉर्ज फर्नांडीस और प्रणब मुखर्जी से नए सांसद बहुत कुछ सीखते थे लेकिन राहुल गांधी के नेता प्रतिपक्ष होते हुए नए सांसदों के पास सीखने के लिए कुछ बचा ही नहीं है।

नए सांसद अपने पहले सत्र में वरिष्ठ सांसदों से सीखते हैं लेकिन 282 नए सांसदों को अपने पहले सत्र में उचित माहौल देखने को नहीं मिला। राहुल गांधी ने संसदीय लोकतंत्र के स्तर को पूरी तरह गिरा दिया। संसद किसी नेता या परिवार से नहीं अपितु नियम और व्यवहार से चलता है।

पत्रकार वार्ता मे प्रदेश महामंत्री संजय श्रीवास्तव, प्रदेश मीडिया प्रभारी अमित चिमनानी, सह मीडिया प्रभारी अनुराग अग्रवाल मौजूद रहे।

कांग्रेस हार की समीक्षा कर रही है या समीक्षा का नाटक: पुरंदर मिश्रा

रायपुर- भारतीय जनता पार्टी के विधायक पुरंदर मिश्रा ने कांग्रेस की समीक्षा बैठक को लेकर कटाक्ष करते हुए यह सवाल दागा है कि क्या कांग्रेस नेता केवल समीक्षा के नाम पर खानापूर्ति ही करते रहेंगे? विधानसभा के बाद हाल ही लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली करारी शिकस्त के लिए आखिर कब तक जिम्मेदारी तय की जाएगी? मिश्रा ने कहा कि समीक्षा बैठक में भी कांग्रेस की आपसी जूतम-पैजार के नजारे देखकर यह प्रतीत हो रहा है कि कांग्रेस के लोग अपनी हार से सबक लेने के लिए अब भी तैयार नहीं है और कांग्रेस को रसातल का रास्ता दिखाने पर आमादा हैं।

भाजपा विधायक मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस में हार का हार पहनने के लिए जब कोई तैयार नहीं है और कांग्रेस नेतृत्व भी इस मसले पर गोलमोल बातें करके जिम्मेदारी तय करने से बच रहा है, तब इस तरह की समीक्षा बैठकें सिर्फ जुबानी जमाखर्च ही साबित होंगी। कांग्रेस की हालत तो यह है कि लोकसभा चुनाव के नतीजों के परिप्रेक्ष्य में बजाय शर्मनाक पराजय के कारणों की समीक्षा करने के कांग्रेस के लोग आपसी जूतमपैजार में लग गए हैं और अपनी चमड़ी बचाने के लिए एक-दूसरे पर ठीकरा फोड़ रहे हैं। मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस का संगठनात्मक ढाँचा इस बुरी तरह चरमरा गया है कि वहाँ अब कोई किसी सुनने को तैयार ही नहीं है। आत्म-चिंतन के नाम पर कांग्रेस के लोग अब एक-दूसरे पर आरोप लगाने का ही काम कर रहे हैं। विधानसभा चुनाव में करारी शिकस्त के बाद भी यही नजारा कांग्रेस में नजर आता रहा और हालत यह थी कि पराजय से सबक लेकर संगठनात्मक ढाँचे और अपने सिकुड़ते जनाधार को दुरुस्त करने पर कांग्रेस का कोई ध्यान नहीं रहा और पूरे लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ऊहापोह, आपसी अंतर्कलह और बिखराव की शिकार रही और नतीजा सबके सामने है।

भाजपा विधायक मिश्रा ने नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत, कवासी लखमा और पूर्व मंत्री धनेंद्र साहू के बयानों का हवाला देते हुए कहा कि भूपेश बघेल चुनाव लड़े वहां कार्यकर्ताओं ने मंच से कहा कि वह बाहरी हैं। दरअसल कांग्रेस में जो सत्ता से लेकर संगठन तक भ्रष्टाचार व्याप्त है, वहीं कांग्रेस की अंतर्कलह का बड़ा कारण है। सत्ता में रहकर कांग्रेसी केवल छत्तीसगढ़ को लूटते रहे और इसके कारण आज अंतर्कलह सामने दिखाई दे रही है। मिश्रा ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज कांग्रेस की हार के लिए किसी एक नेता को जिम्मेदार नहीं मान रहे हैं, पर वे यह बताने से गुरेज कर रहे हैं कि अगर कोई एक नेता जिम्मेदार नहीं है तो जो-जो नेता जिम्मेदार हैं, उनकी जवाबदेही कब तक तय की जा रही है? चुनाव में प्रत्याशी चयन से लेकर अन्य मामलों में पहले भी नाराजगी सामने आई थी। हार के बाद अब वरिष्ठ नेताओं ने कई लोकसभा में बाहर से प्रत्याशी उतारे जाने और स्थानीय लोगों को दरकिनार करने का मुद्दा बना लिया है।

भाजपा विधायक मिश्रा ने कहा कि अब प्रदेश कांग्रेस कमेटी में फेरबदल की सुगबुगाहट इस बात का साफ संकेत है कि हार का ठीकरा फोड़ने के लिए मत्था तलाशा जा रहा है। प्रदेश प्रभारी और कांग्रेस हाईकमान को चुनाव के समय कांग्रेस पदाधिकारियों ने पत्र लिखकर संगठन में अनियमितता सहित कई मामलों से अवगत कराया था। लोकसभा चुनाव हारने के बाद प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कामकाज पर भी उंगली उठ रही है। लोकसभा चुनाव को लेकर संगठन की ओर से कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं को अपने ही प्रत्याशियों पर टिप्पणी किए जाने पर पार्टी से निलंबन और निष्कासन की कार्रवाई की गई थी। मिश्रा ने कहा कि खुद बघेल राजनांदगांव में चुनाव हार गए, उनके नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की शर्मनाक हार हुई। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने शिव डहरिया को शिव बताकर शिव और राम के बीच लड़ाई की बात कही, उसका क्या नतीजा सामने आया? आखिर बघेल समेत कांग्रेस के नेता मीडिया का सामना क्यों नहीं कर रहे और क्यों नहीं बता रहे कि बघेल, लखमा, डहरिया, देवेंद्र यादव क्यों हारे और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की शर्मनाक हार क्यों हुई? मिश्रा ने यह दो टूक सवाल भी किया है कि बघेल समेत कांग्रेस के नेता कब तक ‘एक्स’ में ही पोस्ट करेंगे? छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की यह जो प्रचंड हार हुई है, उसका आखिर जिम्मेदार कौन है, कांग्रेस के बड़े नेता पहले इस सवाल का जवाब दें।

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के बयान को सीएम साय ने बताया आपत्तिजनक, कहा- हिंदू समाज को हिंसक कहना बेहद निंदनीय

रायपुर-  कांग्रेस सासंद और 

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के संसद में हिंदू समाज पर दिए बयान पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा है कि राहुल गांधी का​ हिंदू समाज को हिंसक कहना बेहद निंदनीय और आपतिजनक है।

सीएम साय ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर लिखा है कि राहुल गांधी द्वारा संसद में पूरे हिंदू समाज को हिंसक कहना बेहद निंदनीय और आपत्तिजनक है। उन्होंने देश के करोड़ों हिंदुओं का अपमान किया है। राहुल गांधी को भारत की परंपरा और हिंदुओं की संस्कृति की कोई जानकारी नहीं है। उनके इस बयान से पूरा देश क्षुब्ध है। कांग्रेस की हिंदुओं के प्रति यह नफ़रत बंद होनी चाहिए। अपने इस वक्तव्य के लिए राहुल गांधी और कांग्रेस पूरे देश से माफी मांगें।

थाना प्रभारियों का तबादला, SP ने आदेश जारी कर किया इधर से उधर

बलौदाबाजार-   पुलिस विभाग में तबादले का दौर जारी है. इस बीच बीते दिनों बलौदाबाजार में हुए हिंसा के बाद पुलिस अधीक्षक विजय अग्रवाल ने थाना प्रभारियों का फेरबदल किया है. जिसमें पांच निरीक्षकों को इधर से उधर किया गया है. यह ट्रांसफर प्रशासनिक कसावट लाने की दृष्टिकोण से किया गया है।

ट्रांसफर आदेश के अनुसार, जिन पांच निरीक्षकों का तबादला हुआ है. उसमें निरीक्षक योगिता खापर्डे भाटापारा शहर से सिमगा थाना, कसडोल से निरीक्षक परिवेश तिवारी को भाटापारा शहर, निरीक्षक रितेश मिश्रा भाटापारा यातायात से कसडोल थाना प्रभारी, निरीक्षक गोपाल धुव सिमगा थाना से प्रभारी यातायात शाखा भाटापारा, निरीक्षक प्रणाली वैघ रक्षित केंद्र से सायबर सेल प्रभारी के पद पर पदस्थापना मिली है.

छत्तीसगढ़ के लोगो को नकली शराब पिलाकर कांग्रेस ने बड़ा अपराध किया: केदार गुप्ता

रायपुर-  भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता केदारनाथ गुप्ता ने कांग्रेस की पिछली भूपेश सरकार के कार्यकाल में हुए शराब घोटाले को लेकर ताजा खुलासे के मद्देनजर कांग्रेस के अष्ट कारनामों को लेकर तीखा हमला बोलते हुए कहा है कि कांग्रेस सरकार ने शराब के गोरखधंधे को बढ़ावा देकर जितनी काली करतूतें की हैं, वह अब सामने आ रही हैं। गुप्ता ने कहा कि भूपेश सरकार न केवल शराब की कोचियागिरी कर रही थी, बल्कि नकली और अवैध शराब के जरिए एक तरफ जान-माल के साथ घिनौना खिलवाड़ तक कर रही थी तो दूसरी तरफ प्रदेश के सरकारी खजाने पर डाका डाल रही थी।

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता गुप्ता ने कहा कि छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले से जुड़े नकली होलोग्राम मामले में उत्तरप्रदेश एसटीएफ द्वारा गिरफ्तार किए गए अनवर ढेबर और छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड के निलंबित एमडी अरुणपति त्रिपाठी ने पूछताछ के दौरान जो खुलासे के किए हैं, उससे यह बात अब आईने की तरह साफ हो गई है कि प्रदेश का शराब घोटाला पिछली कांग्रेस सरकार की छत्रछाया में ही फल-फूल रहा था। गुप्ता ने कहा कि जाँच के दौरान इस मामले की कलई खुलने से सशंकित तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कांग्रेस नेता अनर्गल प्रलाप कर जाँच एजेंसियों को केंद्र सरकार की एजेंट बताकर भ्रम फैलाते रहे, लेकिन अब जाँच के दौरान हुई पूछताछ में ढेबर और त्रिपाठी ने यह स्वीकार किया है कि इस घोटाले की सबसे बड़ी बेनिफिशियरी शराब निर्माता कम्पनियों थी जिनमें भाटिया वाइन एंड मर्चेंट प्रा. लि., छत्तीसगढ़ डिस्टलरीज और वेलकम डिस्टलरीज शामिल हैं। इन आरोपियों ने यह भी बताया कि नोएडा स्थित विधु गुप्ता की कम्पनी मे. प्रिज्म होलोग्राफी सिक्योरिटी फिल्म्स प्रा. लि. को होलोग्राम बनाने का टेंडर मिला था और उसी कंपनी से नकली होलोग्राम बनाकर उक्त शराब कंपनियों को भेजा जाता था, जहाँ अवैध शराब पर ये नकली होलोग्राम लगाए जाते थे। जिस कंपनी को होलोग्राम बनाने का टेंडर दिया गया था, उसमें भी प्रक्रिया का खुला उल्लंघन किया गया, जिसमें अरुणपति त्रिपाठी, तत्कालीन आबकारी कमिश्नर निरंजन दास और तत्कालीन आईएएस अनिल टुटेजा की भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता गुप्ता ने कहा कि ढेबर-त्रिपाठी द्वारा किए गए खुलासे तो अभी इस पूरे घोटाले का ट्रेलर भर है, पूरी पिक्चर तो पर्दे पर अब आएगी। नित-नए चौंकाने वाले खुलासों की ऐसी खबरें तो अब लगातार आएंगी। पूर्व मुख्यमंत्री बघेल, जो भ्रष्टाचार के तमाम खुलासों के मौकों पर भ्रष्टाचार के आरोपियों के वकील बनकर खड़े होते रहे हैं, शराब घोटाले को लेकर लगातार झूठ बोलकर प्रदेश को गुमराह करते रहे। गुप्ता ने इस पूरे मामले में भी बघेल की भूमिका को भी जाँच के दायरे में लाने की मांग करते हुए भूपेश बघेल पर सवाल दागा कि शराब घोटाले के लिए ढेबर परिवार को संरक्षण देने के एवज में वह कितनी कीमत वसूल रहे थे? प्रदेश सरकार की जानकारी में इतना बड़ा घोटाला फल-फूल रहा था और भूपेश इस मामले को लेकर अनभिजता का पाखंड रचते रहे। गुप्ता ने कहा कि इससे पहले कोयला घोटाले में भी भूपेश बघेल की भूमिका को लेकर भी सवाल खड़े हुए हैं और उस पूरे घोटाले के ‘पोलिटिकल मास्टर’ के तौर पर भूपेश बघेल का नाम हर जुबान पर है, तो अब बघेल प्रदेश को यह बताएँ कि क्या कोयला घोटाला की तरह ही शराब घोटाला के भी ‘पोलिटिकल मास्टर’ वह खुद ही थे?

महतारी वंदन योजना: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने लगभग 70 लाख माताओं-बहनों के खाते में 653 करोड़ 85 लाख रुपए की राशि अंतरित की

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की महत्वाकांक्षी योजना महतारी वंदन योजना की पांचवी किश्त महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आज जारी की गई। महिलाओं के खाते में सीधे पैसे आने से उनमें गजब का उत्साह देखने को मिल रहा है। महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने राज्य की महिलाओं को बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 10 मार्च 2024 को महतारी वंदन योजना की शुरूआत की गई थी। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने बटन दबाकर प्रथम किश्त की राशि जारी की थी। इस योजना के शुरू होने से प्रदेश की महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त हुई हैं। साथ ही छोटी मोटी जरूरतों के लिए उन्हें दूसरों पर निर्भर नहीं रहना पड़ता है, इस बात की उन्हे खुशी है। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा मार्च से जून तक 04 माह की सहायता राशि 2612 करोड़ 18 लाख रूपए की राशि का भुगतान महिलाओं के खाते में किया जा चुका है।

आज जुलाई 2024 को कुल 69 लाख 96 हजार 556 हितग्राहियों को 653 करोड़ 85 लाख रूपए की सहायता राशि का भुगतान सीधे उनके बैंक खाते में अंतरित कर दिया गया है। इनमें से 66 लाख 16 हजार 618 हितग्राहियों को आधार लिंक खातों के आधार पर डीबीटी के माध्यम से भुगतान किया गया तथा 3 लाख 79 हजार 938 हितग्राहियों जिनके खाते आधार से लिंक नहीं है, उन्हें एनईएफटी के माध्यम से उनके खाते में भुगतान किया जा रहा है। रायपुर जिले में सर्वाधिक 5 लाख 33 हजार 511 महिलाओं के खाते में राशि अंतरित हुई है।

महतारी वंदन योजना के तहत बालोद जिले की 2 लाख 52 हजार 228 महिला हितग्राहियों को राशि अंतरित की गई है। इसी तरह बालौदाबाजार-भाटापारा जिले की 3 लाख 30 हजार 111 महिलाओं, बलरामपुर जिले की 2 लाख 14 हजार 624 महिलाओं, बस्तर जिले की 1 लाख 93 हजार 666 महिलाओं, बेमेतरा जिले की 2 लाख 54 हजार 294 महिलाओं, बीजापुर जिले की 38 हजार 471 महिलाओं, बिलासपुर जिले की 4 लाख 25 हजार 243 महिलाओं तथा दंतेवाड़ा जिले की 54 हजार 815 महिलाओं को राशि अंतरित कर दी गई है।

इसी प्रकार धमतरी जिले की 2 लाख 35 हजार 598 महिलाओं, दुर्ग जिले की 4 लाख 3 हजार 323 महिलाओं, गरियाबंद जिले की 01 लाख 83 हजार 469 महिलाओं, गौरेला-पेड्रा-मरवाही जिले की 95 हजार 922 महिलाओं, जांजगीर-चांपा जिले की 2 लाख 90 हजार 716 महिलाओं, जशपुर जिले की 2 लाख 32 हजार 375 महिलाओं, कबीरधाम जिले की 2 लाख 54 हजार 865 महिलाओं, कांकेर जिले की 01 लाख 84 हजार 779 महिलाओं, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले की 01 लाख 17 हजार 23 महिलाओं, कोंडागांव जिले की 01 लाख 40 हजार 796 महिलाओं तथा कोरबा जिले की 02 लाख 94 हजार 563 महिलाओं को के खाते में राशि अंतरित कर दी गई है।

कोरिया जिले की 59 हजार 913 महिलाओं, महासमुंद जिले की 3 लाख 25 हजार 256 महिलाओं, मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले की 01 लाख 14 हजार 11 महिलाओं, मोहला-मानपुर-अम्बागढ़ चौकी जिले की 82 हजार 366 महिलाओं, मुंगेली जिले की 02 लाख 13 हजार 942 महिलाओं, नारायणपुर जिले की 27 हजार 581 महिलाओं, रायगढ़ जिले की 03 लाख 5 हजार 831 महिलाओं, राजनांदगांव जिले की 02 लाख 58 हजार 126 महिलाओं तथा सक्ती जिले की 01 लाख 99 हजार 578 महिलाओं के खाते में राशि अंतरित कर दी गई है।

सांरगढ़-बिलाईगढ़ जिले की 01 लाख 90 हजार 579 महिलाओं, सुकमा जिले की 52 हजार 305 महिलाओं, सूरजपुर जिले की 02 लाख 16 हजार 657 महिलाओं तथा सरगुजा जिले की 02 लाख 32 हजार 619 महिलाओं के खाते में राशि अंतरित कर दी गई है।

उप मुख्यमंत्री अरुण साव शाला प्रवेशोत्सव में हुए शामिल, विद्यार्थियों को पूरी लगन और मेहनत से पढ़ाई करने की दी सीख

रायपुर-  उप मुख्यमंत्री अरुण साव मुंगेली जिले के लोरमी विकासखंड के ग्राम गोड़खाम्ही में विकासखंड स्तरीय शाला प्रवेश उत्सव में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। उन्होंने नए शिक्षा सत्र के शुभारंभ पर शिक्षकों और विद्यार्थियों को बधाई और शुभकामनाएं दीं। उन्होंने नव प्रवेशित विद्यार्थियों को गणवेश और पाठ्य पुस्तक वितरित किए। श्री साव ने कार्यक्रम में कक्षा 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले, राष्ट्रीय बॉक्सिंग प्रतियोगिता और स्काउट-गाइड एडवेंचर मनाली में भाग लेने वाले छात्र-छात्राओं को पुरस्कृत किया। उन्होंने अपनी विधायक निधि से विद्यालय परिसर में शेड निर्माण के लिए दस लाख रूपए देने की घोषणा की। श्री साव ने स्कूल परिसर में आम का पौधा लगाकर पर्यावरण को हरा-भरा रखने वृक्षारोपण करने का संदेश दिया।

उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने गोड़खाम्ही के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय परिसर में आयोजित विकासखंड स्तरीय शाला प्रवेश उत्सव में विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि जीवन की सफलता का पहला राज अनुशासन है। सभी विद्यार्थी पूरी लगन और मेहनत के साथ अनुशासित होकर समर्पण भाव से पढ़ाई करें। उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाला विद्यार्थी जितनी मेहनत करता है, उतनी ही मेहनत सभी विद्यार्थियों को करना चाहिए। स्कूल से ही हमारी नींव का निर्माण होता है। उन्होंने विद्यार्थियों को पढ़ाई के साथ स्वस्थ रहने के लिए खेलों में भी सक्रिय रहने के लिए प्रेरित किया।

उप मुख्यमंत्री श्री साव ने बच्चों को प्रेरित करते हुए कहा कि जिस तरह भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम ने एक छोटी सी जगह से देश के राष्ट्रपति तक का सफर तय किया। उसी तरह हर विद्यार्थी को अपने लक्ष्य के अंतिम छोर तक पहुंचने का प्रयास करना चाहिए। आप जिस क्षेत्र में भी जाएं, उसमें अपना शत-प्रतिशत दें। कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं ने मनमोहक सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी। स्थानीय जनप्रतिनिधि और गणमान्य नागरिक भी इस दौरान बड़ी संख्या में मौजूद थे।

छत्तीसगढ़ हेल्थ कॉन्क्लेव में शामिल हुए स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल

रायपुर-  छत्तीसगढ के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल आज रायपुर में चिकित्सक दिवस के उपलक्ष्य पर "द सुश्रुत अवार्ड" छत्तीसगढ़ हेल्थ कॉन्क्लेव कार्यक्रम में शामिल हुए और चिकित्सक दिवस के अवसर पर चिकित्सकों के बीच उपस्थित रहकर विभिन्न मुद्दों पर महत्वपूर्ण चर्चा की।" द सुश्रुत अवार्ड" कार्यक्रम का उद्देश्य चिकित्सकों के उत्कृष्ट कार्यों को पहचानना और उन्हें प्रोत्साहित करना है।

श्री जायसवाल ने इस अवसर पर सभी उपस्थित चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों को चिकित्सक दिवस की शुभकामनाएं दी । इस मौके पर मानव सेवा में निरंतर समर्पित होकर कार्य कर रहे डॉक्टर्स बंधुओं का विशेष रूप से सम्मान भी किया गया।

श्री जायसवाल ने चिकित्सकों के योगदान की सराहना की और उनकी निस्वार्थ सेवा को सम्मानित करने के महत्व पर बल दिया। छत्तीसगढ़ हेल्थ कॉन्क्लेव में स्वास्थ्य क्षेत्र में नए विचारों और नवाचारों पर चर्चा की गई ताकि राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं का स्तर और ऊंचा उठने में सहायता मिले।

मुख्यमंत्री श्री साय की अपील: स्कूल में बच्चे और शिक्षक ’एक पेड़ अपनी मां के नाम’ लगाएं

रायपुर-  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को मन की बात में देशवासियों से ’एक पेड़ मां के नाम’ लगाने के आह्वान पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने स्कूली बच्चों को पर्यावरण संरक्षण से जोड़ने के लिए एक पेड़ अपनी मां के नाम लगाने की अपील की है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा है कि एक पेड़ मां के नाम के आह्वान से बच्चों का पर्यावरण से जुड़ाव बढ़ेगा। इसमें पालकों और शिक्षकों को शामिल करने से निश्चित ही बड़े पैमाने पर पौध रोपण हो सकेगा। चूंकि सभी मां के नाम पर पेड़ लगाएंगे अतएव इसकी रख-रखाव भी बड़ी जिम्मेदारी से हो सकेगी।

मुख्यमंत्री की अपील के अनुपालन में स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी ने समस्त कलेक्टरों को विभागीय निर्देश जारी कर दिए हैं। अपने निर्देश में उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री साय की मंशा के अनुरूप हरियाली का दायरा बढ़ाने के लिए व्यापक स्तर पर काम करना है। चूंकि छात्र-छात्राएं देश का भविष्य है। अतः इन्हे जोड़कर पर्यावरण संरक्षण के लिए भी उपयोगी कार्य किया जा सकता है।

निर्देशों के अंतर्गत ऐसे स्कूल जहाँ अहाता है, उनके किनारे-किनारे छायादार पेड़ जैसे नीम, गुलमोहर, करंज, अशोक, अर्जुन आदि लगाये जाने कहा गया है। विद्यार्थी, शिक्षक तथा पालक अपने द्वारा लगाए गए पौधे का वृक्ष बनते तक पालन पोषण एवं सुरक्षा करेंगे। पौधारोपण हेतु उचित ऊँचाई के पौधे वन विभाग से प्राप्त किया जाना सुनिश्चित करने कहा गया है। पौधारोपण हेतु उचित मापदण्ड के गड्ढे कराने तथा आवश्यक मात्रा में मिट्टी एवं खाद स्थानीय स्तर पर उपलब्ध कराने कहा गया है। पौधारोपण शाला प्रवेश उत्सव के दौरान किया जाएगा। इस हेतु जिले का शालावार कलेण्डर तैयार किया जाएगा। विद्यालयों में पौधारोपण के दौरान जन प्रतिनिधियों को भी आमंत्रित किया जाएगा। पौधारोपण के समय शिक्षक एवं छात्र-छात्राओं से पौधों को सुरक्षित रखने बाबत् शपथ ग्रहण भी कराएं जाने के निर्देश दिए गए हैं।