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सौर ऊर्जा संबंधी सभी कार्य क्रेडा के माध्यम से कराने के निर्देश

रायपुर- नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने राज्य के सभी नगर निगमों के आयुक्तों तथा नगर पालिकाओं एवं नगर पंचायतों के मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को परिपत्र जारी कर सौर ऊर्जा से संबंधित सभी तरह के कार्य क्रेडा (छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण) के माध्यम से कराने के निर्देश दिए हैं। विभाग ने मंत्रालय से जारी परिपत्र में ऊर्जा विभाग के पत्र का उल्लेख करते हुए नगर निगमों, नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों के क्षेत्रान्तर्गत सौर ऊर्जा से संबंधित किसी भी प्रकार का कार्य सीधे न कराकर राज्य शासन द्वारा नामित नोडल एजेंसी क्रेडा के माध्यम से कराने को कहा है।

उल्लेखनीय है कि उप मुख्यमंत्री तथा नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री अरुण साव ने नगरीय निकायों में ऊर्जा लागत में कमी लाने ऊर्जा की खपत और बिजली बिल के ऑडिट के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बिजली बचाने और इसके खर्च में कमी लाने के लिए नगरीय निकायों में पारंपरिक ऊर्जा के बदले सौर ऊर्जा और ग्रीन एनर्जी के उपयोग को बढ़ावा देने को कहा है। इससे निकायों का खर्च घटने के साथ ही पर्यावरण भी सुधरेगा।

फोर्टिफाइड चावल पोषक तत्व से भरपूर, अन्त्योदय, प्राथमिकता, निराश्रित एवं निःशक्तजन राशनकार्डधारियों को किया जा रहा वितरित

रायपुर-   प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अंतर्गत राज्य के उचित मूल्य दुकानों के माध्यम से पात्र हितग्राहियों को राशन का वितरण किया जा रहा है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देश पर आगामी 5 वर्षों तक निःशुल्क चावल का वितरण जाएगा हितग्राहियों में एनीमिया एवं अन्य पोषक तत्वों की कमी को दूर करने हेतु पोषक तत्वों से युक्त (आयरन, फोलिक एसिड, विटामिन बी-12) फोर्टिफाइड चावल लोगों के लिए बहुत ही लाभदायक है। अन्त्योदय एवं प्राथमिकता राशनकार्डधारी परिवार, मध्याह्न भोजन योजना एवं पूरक पोषण आहार योजना के हितग्राहियों को लाभान्वित किया जा रहा है।

खाद्य विभाग ने बताया कि प्रदेश के प्राथमिकता राशनकार्डो की खाद्यानन पात्रता 1 सदस्यीय परिवार के लिए 10 किलो, 2 सदस्यीय परिवार के लिए 20 किलो खाद्यान्न 3 से 5 सदस्यीय परिवार के लिए 35 किलो तथा 5 से अधिक सदस्य वाले परिवार के लिए 7 किलो प्रति सदस्य प्रतिमाह चावल 1 रूपए प्रति किलो निर्धारित की गई है। अन्त्योदय राशनकार्डधारियों को 35 किलो प्रति माह चावल दिया जाता है। प्रदेश में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अंतर्गत लगभग 67 लाख 72 हजार हितग्राहियों को लाभान्वित किया जा रहा है।

फोर्टिफाइड चावल वितरण योजना के तहत पीडीएस के हितग्राहियों को खाद्य सुरक्षा के साथ पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए देश में फोर्टिफाइड चावल वितरण योजना लागू की गई है। इस योजना के जरिए पीडीएस मध्याह्न भोजन योजना एवं पूरक पोषण योजना के हितग्राहियों में एनीमिया एवं अन्य पोषक तत्वों की कमी को दूर करने के लिए वितरण किया जा रहा है। प्रदेश के समस्त जिलों में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत अन्त्योदय, प्राथमिकता, निराश्रित एवं निःशक्तजन राशनकार्डधारियों को फोर्टिफाइड चावल का वितरण किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री के हाथों सम्मानित हुईं बगिया की मितानिन दीदी माधुरी पैकरा, राजधानी रायपुर में आयोजित “नवा सौगात” कार्यक्रम में मिला सम्मान, 9 बच्चों

रायपुर-   मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ की सरकार महिला सशक्तिकरण को आगे बढ़ाने के लिए लगातार प्रयासरत है । इसी बीच साय सरकार ने मितानिनों के हित में एक पहल की है। मुख्यमंत्री श्री साय ने आज मितानिनों के खाते में प्रोत्साहन राशि आनलाइन ट्रांसफर की है। राजधानी रायपुर के पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में आयोजित “नवा सौगात” कार्यक्रम में मुख्मंत्री श्री साय ने उपस्थित होकर प्रदेश की लगभग 73 हजार 831 मितानिनों, प्रशिक्षकों और समन्वयकों के खाते में कुल 90 करोड़ 8 लाख 84 हजार रुपये की मितानिन प्रोत्साहन राशि का अंतरित किया। सीधे खाते में पैसे पाकर मितानिनों में खुशी की लहर है।

स्वास्थ्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाली मितानिनों को सीएम ने किया सम्मानित

“नवा सौगात” कार्यक्रम में राज्य के विभिन्न हिस्सों से आई हुई मितानिन बहनों को स्वास्थ्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सम्मानित भी किया। सम्मानित होने वाली मितानिनों में जशपुर जिले के ग्राम बगिया की मितानिन दीदी माधुरी पैंकरा भी शामिल हैं। जिन्हें मुख्यमंत्री ने “मितानिन पासबुक” के साथ शाल एवं श्री फल देकर सम्मानित किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री साय ने कई मितानिन बहनों से बातचीत की। इसी बीच जशपुर जिले के तहसील कुनकुरी के ग्राम पंचायत बेहराखार (रेंगारी) निवासी मितानिन दीदी मुलिका बाई से मुख्यमंत्री जी ने सीधा संवाद किया।

इस दौरान मुख्यमंत्री श्री साय ने सभी मितानिन बहनों को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हमारी सरकार पूरी पारदर्शिता के साथ काम कर रही है और वो राज्य में सुशासन की राह पर आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनके इस सफर में राज्य भर में काम कर रही 70 हजार से अधिक मितानिन बहनों का भी अमूल्य योगदान है जिनके दम पर राज्य मातृ मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर में अभूतपूर्व सुधार हासिल करने मे कामयाब हुआ है। उन्होंने कहा कि मितानिन बहनें छत्तीसगढ़ की स्वास्थ्य व्यवस्था का आधार हैं जो सुदूर क्षेत्रों में जाकर भी इमानदारी से काम करती हैं।

माधुरी पैकरा ने 9 बच्चों को कुपोषण से मुक्ति दिलाने में निभाई अहम भूमिका

कुनकुरी के ग्राम बगिया की मितानिन दीदी माधुरी पैकरा को स्वास्थ्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सम्मानित भी किया है । माधुरी पैकरा ने बेहतर सेवा भाव से कार्य कर 9 बच्चों को कुपोषण से मुक्ति दिलाने में अहम भूमिका निभाई हैं। वह अपने क्षेत्र में विगत कई वर्षों से कार्य कर रही हैं और कुपोषण मुक्ति, मातृत्व सुरक्षा सहित स्वास्थ्य विभाग की विभिन्न योजनाओं को जन-जन तक पहुँचाने पूरी इमानदारी से काम कर रही हैं।

सफलता की कहानी - छिंदई नदी में बना उच्च स्तरीय पुल, ग्रामीणों के लिए आवागमन का रास्ता गया खुल, परेशानियों को दूर करने के साथ रिश्तों को भी मजबूत

रायपुर-  बारिश के साथ ही उफान पर रहने वाले मदवानी के इस छिंदई नदी को पार कर पाना आसपास के ग्रामीणों के लिए कितना जोखिम भरा होता था, यह तो ग्रामीण ही जानते हैं। उन्हें एक गांव से दूसरे गांव जाना हो या फिर अपने किसी परिचित के घर जाना हो, लंबे समय तक पुल नहीं होने का खामियाजा भुगतना पड़ता था। बारिश आते ही महीनों तक बहुत से लोगों की या तो भेंट मुलाकात बंद हो जाती थी, या फिर लंबी दूरी तय कर एक गांव से दूसरे गांव जाना पड़ता था। इस लंबी दूरी को तय करने के लिए उन्हें अतिरिक्त पैसे तो खर्च करने ही पड़ते थे, इसके साथ ही बहृत ज्यादा समय भी देना पड़ता था। अब जबकि इस छिंदई नदी में पुल बन गया है, ग्रामीणों का आवागमन आसान बन गया है। वे आसानी से घंटों की दूरी मिनटों में तय कर पहुंच जाते हैं।

करतला विकासखंड के ग्राम मदवानी-कछार-तराईमार-कुदमुरा मार्ग में छिंदई नदी में लगभग 17 करोड़ 17 लाख की राशि से बने उच्च स्तरीय पुल का हाल ही में प्रदेश के उप मुख्यमंत्री और जिले के प्रभारी मंत्री अरूण साव ने लोकार्पण किया था। रामपुर, मदवानी सहित आसपास के अनेक गांव को कुदमुरा, हाटी सहित प्रमुख मार्गों से जोड़ने में यह पुल ग्रामीणों के लिए बहुत मददगार साबित हो रही है। इस पुल के बन जाने से विकास के नए द्वार खुल गए हैं। वर्षों से इस नदी में पुल की मांग थी जो अब पूरी हो गई है। इससे आसपास के अनेक गाँव जुड़ गए हैं। एक दूसरे से सम्पर्क भी बढ़ गया है। यह पुल आवागमन का पुल होने के साथ ही विकास का भी पुल बन गया है।

इस पुल को पार करते हुए ग्रामीण कमल सिंह चौहान ने बताया कि पहले उन्हें लंबी दूरी तय करके एक गांव से दूसरे गांव जाना पड़ता था। उन्हें पांच से 10 किलोमीटर अतिरिक्त वाहन बाइक घुमाना पड़ता था। इससे उनके अतिरक्त रूपये और समय का नुकसान होता था। उन्होंने बताया कि गर्मी के दिनों में नदी में पानी कास्तर कम होने पर बहुत से ग्रामीण जोखिम उठाकर नदी पार कर लेते थे। बारिश में नदी का स्तर बढ़ने पर पुल पार करना खतरनाक बन जाता था। अब जबकि पुल बन गया है। आवागमन में आसानी होने के साथ ग्रामीणों को बहुत सहूलियत होने लगी है। ग्राम मदवानी के किसान भुनेश्वर राठिया का कहना है कि गांव में रहने वाले लोगों का दूसरे गांव तक रिश्तेदारों के पास सुख-दुख में आना-जाना रहता है। पुल नहीं होने से विपरीत परिस्थितियों को सहते हुए कुछ लोग जोखिम उठाकर पुल पार करने की कोशिश करते थे, वहीं कुछ लोग अपना बहुत समय बर्बाद कर दूसरे रास्तों से आवागमन करते थे।

इस पुल से मदवानी, कछार, महराजगंज, चारमार, रामपुर, कुदमुरा, करतला, चांपा सहित अन्य गांव के ग्रामीणों को लाभ पहुंचा है। उन्होंने बताया कि आसपास के गांव में लड़के-लड़कियों की शादी तय होती है और रिश्ते बनते हैं। ग्राम मदवानी-कछार-तराईमार-कुदमुरा मार्ग के छिंदई नदी में पुल सिर्फ आवगमन का पुल ही नहीं है। यह पुल हमारे रिश्तों को मजबूत बनाने वाले और हमारी परेशानियों को दूर करते हुए खर्च को कम कर खुशियां देने वाला पुल भी है।

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री के दिशा-निर्देशन में कोरबा जिले में दूरस्थ एवं पहुंच विहीन क्षेत्रों में तथा आवश्यकतानुसार नदी नालों में आवागमन हेतु पुल निर्माण हेतु कार्यवाही की जा रही है। कलेक्टर अजीत वसंत ने भी आवागमन हेतु ऐसे स्थानों को चिन्हित करने और प्रस्ताव प्रस्तुत करने के भी निर्देश दिए हैं, जहां पुल निर्माण की आवश्यकता है।

छत्तीसगढ़ विजन डाक्यूमेंट 2047 तैयार करने सुशासन विषय पर गठित वर्किंग ग्रुप की बैठक

रायपुर-  छत्तीसगढ़ विजन डाक्यूमेंट 2047 को लेकर राज्य नीति आयोग में बैठकों और विचार-विमर्श का सिलसिला लगातार जारी है। नवा रायपुर स्थित आयोग के कार्यालय में सुशासन और पारदर्शिता को लेकर हुई बैठक में सुशासन विषय पर गठित वर्किंग समूह के सदस्यों ने महत्वपूर्ण सुझाव दिए। सुशासन पर गठित वर्किंग समूह की द्वितीय बैठक में रोजगार, जनभागीदारी, पारदर्शिता, नवाचार, तकनीकीकरण, स्थानीय निकायों को सशक्त बनाने विकेन्द्रीकरण, नागरिक सेवाओं में गुणवत्ता सुधार जैसे विषयों पर गहन विचार-विमर्श हुआ। बैठक में राज्य नीति आयोग के सदस्य सचिव अनूप श्रीवास्तव,सदस्य डॉ. के. सुब्रमण्यम, उद्योग विभाग के सचिव अंकित आनंद, चिप्स के सीईओ रितेश अग्रवाल मौजूद थे।

बैठक में समानता और समावेशन, एकीकृत सेवाएं, जमीनी स्तर पर लोकतंत्र को सशक्त बनाने,सही नौकरी के लिए सही व्यक्ति का चयन ,प्रभावी और व्यापक प्रशिक्षण केंद्र के माध्यम से क्षमता निर्माण, दक्षता और निरंतर सुधार को ट्रैक करने के लिए प्रभावी तंत्र विकसित करने, गवर्नमेंट प्रोसेस री इंजीनियरिंग, नवाचार को बढ़ावा देने ,उभरते प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने जैसे विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई।

इसी तरह डाटा संचालित निर्णय लेने, जन सेवा पोर्टल, सुगम व्यापार पोर्टल, एक परिवार-एक पहचान कर्ता, लोक सेवा गारंटी को सेवा वितरण से जोड़ना, सभी नागरिक सेवाओं के लिए गुणवत्ता सुधार रेटिंग के आधार पर नागरिक प्रतिक्रिया का प्रकाशन, पेपरलेस शासन, रणनीतिक साझेदारी के माध्यम से डिजिटल और डाटा बैकबोन का निर्माण, सभी विभागों में डाटा रिकॉर्ड रूम की स्थापना, सभी ग्रामीण और दूरस्थ अंचलों में इंटरनेट कनेक्टिविटी बढ़ाने तथा जन भागीदारी जैसे विषयों पर विस्तार से चर्चा कर उन महत्वपूर्ण बातों को दस्तावेज में शामिल कराने मंथन किया है।

सदस्य सचिव अनूप श्रीवास्तव ने गुड गवर्नेंस, स्थानीय सरकारों को सशक्त बनाने, जन सेवा पोर्टल और सहभागी शासन के बारे में अपना महत्वपूर्ण सुझाव दिए। नीति आयोग के सदस्य डॉ. के. सुब्रमण्यम ने कहा की आम नागरिकों के जीवन को आसान बनाने वाली सभी विषयों को दस्तावेज में शामिल किया जाना चाहिए। उन्होंने कार्मिकों के प्रशिक्षण और नवाचार पर अपने विचार रखे। उद्योग विभाग के सचिव अंकित आनंद ने सभी के लिए प्रभावशाली सरकार ,निरंतर विकास, स्मार्ट गवर्नेंस, एकीकृत सेवाएं, प्रभावी और व्यापक प्रशिक्षण तंत्र के माध्यम से क्षमता निर्माण जैसे विषयों पर महत्वपूर्ण सुझाव दिए।

नीति आयोग में आयोजित बैठक में सुशासन के लिए निर्धारित प्रमुख लक्ष्यों, प्रमुख चुनौतियों तथा विभागीय विजन के संबंध में विस्तार से चर्चा की गई। इस अवसर पर बैठक में जिलों के कलेक्टर और एन.जी.ओ. के प्रतिनिधि वर्चुअल रूप से शामिल हुए। नीति आयोग के संयुक्त संचालक डॉ. नीतू गौरडिया, नगरीय प्रशासन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, चिप्स के अधिकारी तथा राज्य नीति आयोग के सलाहकार संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

देश के विकास और जीवन को खुशहाल बनाने जल, नारी और पेड़ संरक्षित करना हैै आवश्यक : मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े

रायपुर-   देश के विकास और जीवन को खुशहाल बनाने जल, नारी और पेड़ का संरक्षण करना बहुत आवश्यक है। यह वक्तव्य महिला बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने आज जल शक्ति से नारी शक्ति एवं ‘एक पेड़ मां के नाम’ महावृक्षारोपण अभियान के शुभारंभ के दौरान कही। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान पर भारत एवं छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा लगातार एक पेड़ माँ के नाम कार्यक्रम चलाकर महावृक्षारोपण अभियान चलाया जा रहा है। इसी तारतम्य में महिला बाल विकास विभाग द्वारा यह महावृक्षारोपण अभियान शुरू किया गया है। जिसके अंतर्गत प्रदेश के समस्त आंगनबाड़ियों में 12 जुलाई से तीन लाख से अधिक पौधों का रोपण किया जाएगा।

आज महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा रायपुर के ग्राम टेमरी के शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला परिसर में वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े शामिल हुई। कार्यक्रम की अध्यक्षता रायपुर ग्रामीण विधायक मोतीलाल साहू ने किया। इस दौरान महिला एवं बाल विकास विभाग की सचिव शम्मी आबिदी, संचालक तूलिका प्रजापति, डीपीओ निशा मिश्रा, विद्यालय के प्राचार्य, शिक्षक और विद्यार्थियों सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।

गौरतलब है कि महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े की पहल पर 12 जुलाई 2024 से प्रदेश के सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों में जल शक्ति से नारी शक्ति एवं एक पेड़ मां के नाम कार्यक्रम का आयोजन प्रारंभ किया गया है। जल शक्ति से नारी शक्ति के तहत जल संरक्षण विषय पर जन जागरूकता कार्यकम का आयोजन किया जाएगा। जिसमें महतारी वंदन योजना के लाभार्थी महिलाओं एवं प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के हितग्राहियों को आमंत्रित करते हुए जल संरक्षण विषय अंतर्गत जल का महत्व, साफ और सुरक्षित जल का उपयोग, जल के संरक्षण के सही उपाय, जल संग्रहण की उपयोगी तकनीकों, जल स्त्रोतों के आस-पास साफ-सफाई एवं स्वच्छता का महत्व, साफ-सुथरे शौचालय के उपयोग के महत्व की जानकारी दी जाएगी। साथ ही कार्यक्रम में पौधारोपण से जल संरक्षण के विषयों पर जानकारी देते हुए जागरूक किया जाएगा। कार्यक्रम में महिलाओं को जल शक्ति से नारी जल आंदोलन को जन आंदोलन बनाने के लिए जल संरक्षण के संबंध में शपथ दिलाई जाएगी। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के संबंध में महिलाओं को जानकारी दी जाएगी। साथ ही महिलाओं को पात्रता, अपात्रता तथा योजना का लाभ लेने के लिए जानकारी दी जाएगी। इस दौरान एक पेड़ मां के नाम कार्यक्रम के तहत आंगनबाड़ी केन्द्रों में महिलाओं एवं बच्चों द्वारा 5-5 फलदार पौधरोपण कराया जाएगा। महिला एवं बाल विकास विभाग की कोशिश रहेगी की, महावृक्षारोपण अभियान के तहत आंगनबाड़ी के परिसरों और आस-पास 3 लाख पौधे छत्तीसगढ़ में लगाए जाए, जिससे पर्यावरण का संरक्षण हो सके और वातावरण भी साफ रहे।

केंद्रीय वित्त आयोग के दल ने देखा नवा रायपुर, रेल्वे स्टेशन, इंटिग्रेटेड कमाण्ड एण्ड कंट्रोल सेंटर, जंगल सफारी का भ्रमण किया

रायपुर-  16वें केंद्रीय वित्त आयोग के छत्तीसगढ़ प्रवास के दौरान आज आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरविंद पनगढ़िया सहित अन्य सदस्यों ने नवा रायपुर के विभिन्न स्थानों का भ्रमण किया। नवा रायपुर विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सौरभ कुमार ने आयोग के सदस्यों को नवा रायपुर के विभिन्न स्थानों और शासन की संचालित परियोजनाओं के विषय में विस्तार से जानकारी दी।

भ्रमण के दौरान नवा रायपुर में निर्माणाधीन रेल्वे स्टेशन देखा वहां पर अधिकारियों ने प्रेजेन्टेशन के जरिए यहां दी जाने वाली यात्री सुविधाओं के विषय में विस्तार से बताया। दल ने नवा रायपुर केपिटल कम्पलेक्स स्थित इंटिग्रेटेड कमाण्ड कंट्रोल सेंटर का अवलोकन किया। सेंटर द्वारा वाटर, पॉवर और सीवरेज सिस्टम के डिजिटल कंट्रोल और ट्रांसपोर्ट बस इत्यादि के डिजिटल देख-रेख का काम किया जा रहा है। प्रस्तुतीकरण में स्मार्ट डेटा सेंटर भी दिखाया गया। वित्त आयोग की टीम ने नवा रायपुर स्थित जंगल सफारी का भ्रमण किया गया। सदस्यों द्वारा जंगल सफारी में पौधे भी लगाए गए। दल के सदस्यों ने नवा रायपुर के व्यवस्थित बसाहट की प्रशंसा की और यहां किए गए नवाचारों को भी सराहा।

बिलासपुर हाई कोर्ट में अवमानना मामलों की पेंडेंसी में आई कमी

रायपुर-  बिलासपुर हाई कोर्ट में लगातार अवमानना मामलों की पेंडेंसी में कमी आई है। मार्च 2023 में चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा के प्रभार संभालने के बाद से ही अभी तक 1143 मामलों का निराकरण किया जा चुका है, जिससे आम लोगों को राहत मिली है। वर्तमान में 10 जुलाई की स्थिति में 944 मामले ही लंबित है। खास बात है कि यह पहली बार हुआ है कि अवमाननों मामलों की सुनवाई और निराकरण के लिए चीफ जस्टिस श्री सिन्हा ने पहल करते हुए अलग से रोस्टर जारी किया है। इससे अब अवमानना मामलों की सुनवाई दो से अधिक कोर्ट में हो रही है, जिससे प्रकरणों का त्वरित गति से निराकरण हो रहा है।

गौरतलब है कि नवंबर 2022 में हाई कोर्ट में 2299 मामले अवमानना के लंबित थे। इसके बाद मार्च 2023 में चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने ज्वाइन करने के साथ ही इसके लिए अलग से व्यवस्था की। पिछले करीब एक सालों में 720 और मामले अवमानना के दायर हुए। उसके बाद भी लंबित प्रकरणों की संख्या नहीं बढ़ी और तेजी से निराकरण किया गया।

वर्ष 2015 में 611 केस का रजिस्ट्रेशन किया गया था, जिसमें 814 डिस्पोजल केस, 324 पेंडिंग केस है। इसी तरह वर्ष 2016 में 650 रजिस्ट्रेशन, जिसमें 597 डिस्पोजल केस, 377 पेंडिंग केस, वर्ष 2017 में 792 रजिस्ट्रेशन, 736 डिस्पोजल केस, 433 पेंडिंग केस, वर्ष 2018 में 1329 रजिस्ट्रेशन, 1019 डिस्पोजल केस, 743 पेंडिंग केस, वर्ष 2019 में 1209 रजिस्ट्रेशन, 958 डिस्पोजल केस, 994 पेंडिंग केस, वर्ष 2020 में 1023 रजिस्ट्रेशन, 507 डिस्पोजल केस, 1510 पेंडिंग केस, वर्ष 2021 में 1016 रजिस्ट्रेशन, 538 डिस्पोजल केस, 1988 पेंडिंग केस, वर्ष 2022 में 1282 रजिस्ट्रेशन, 946 डिस्पोजल केस, 2324 पेंडिंग केस, वर्ष 2023 में 1194 रजिस्ट्रेशन, 2623 डिस्पोजल केस, 895 पेंडिंग केस और वर्ष 2024 में 720 रजिस्ट्रेशन, जिसमें से 649 केस का निराकरण किया जा चुका है और 966 केस बाकी है, जो पूर्व के पेंडिंग केस से काफी कम है।

नेशनल लोक अदालत का आयोजन 13 जुलाई को, आपसी सुलह (राजीनामा) के जरिए होगा मामलों का निपटारा

रायपुर-   आपसी सुलह (राजीनामा) के जरिए मामलों का निपटारा करने के लिए राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) नई दिल्ली के तत्वावधान में शनिवार 13 जुलाई 2024 को देशव्यापी नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा। राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (सालसा) बिलासपुर द्वारा प्रदेश के सभी जिला न्यायालयों एवं व्यवहार न्यायालयों में भी लोक अदालत आयोजित किए जाएंगे। यह वर्ष 2024 की द्वितीय लोक अदालत होगी। राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया कि आगामी लोक अदालत 21 सितंबर 2024 एवं 14 दिसंबर 2024 को आयोजित होगी।

लोक अदालत के दिन जिला न्यायालय, एवं तालुका न्यायालय (व्यवहार न्यायालय) में लंबित शमनीय अपराध के प्रकरण मोटर दुर्घटना दावा से संबंधित प्रकरण, 138 एनआई एक्ट, के अंतर्गत चेक बाउंस का प्रकरण धारा 125 दण्ड प्रक्रिया संहिता तथा मेट्रोमोनियल डिस्प्युट के अलावा जल कर, संपत्ति कर, राजस्व संबंधी प्रकरण ट्रैफिक चालान, भाड़ा नियंत्रण आबकारी से संबंधित प्रकरण एवं बैंक विद्युत संबंधी प्री-लिटिगेशन प्रकरण, राजस्व न्यायालय खंडपीठ में खातेदारों के मध्य आपसी बंटवारे, वारिसों के मध्य बटवारे का निराकरण किया जाएगा। न्यायालयों में बड़ी संख्या में लंबित प्रकरणों में कमी लाने के उद्देश्य से तथा प्रभावित पक्षकारों को त्वरित एवं सुलभ न्याय प्रदान करने की दिशा में नेशनल लोक अदालत एक प्रभावशाली कदम है।

नेशनल लोक अदालत के लिए खण्डपीठों का गठन कर विभिन्न प्रकरणों तथा प्री.लिटिगेशन का निराकरण किया जाएगा। लोक अदालत के माध्यम से न्यायालय में राजीनामा योग्य आपराधिक प्रकरणों धारा. 138, परक्राम्य लिखत अधिनियम मोटर दुर्घटना दावा प्रकरणों, बैंक रिकवरी प्रकरण, सिविल प्रकरण, निष्पादन प्रकरण, विद्युत संबंधी मामलों तथा पारिवारिक विवाद के मामलों का निराकरण किया जाता हैं। इसके अतिरिक्त राजस्व, बैंक, विद्युत विभाग दूरसंचार विभाग, नगर निगम, नगर पालिका परिषद, नगर पंचायत में वसूली संबंधी लंबित प्रकरण प्री.लिटिगेशन प्रकरण जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में प्रस्तुत किए जाएंगे। जो विधिवत पंजीयन उपरांत संबंधित पक्षकारों के प्रकरण लोक अदालत खण्ड पीठ में निराकृत किए जाएंगे। इस तरह पक्षकार अपने न्यायालयीन प्रकरणों का निराकरण लोक अदालत के माध्यम से करा सकते हैं। इसके अलावा लोक अदालत में दूरसंचार विभाग, नगर निगम, नगर पालिका परिषद् में वसूली संबंधी लंबित प्रकरण प्री-लिटिगेशन प्रकरण, याददाश्त के आधार पर बंटवारा, मोटर दुर्घटना दावा प्रकरण, बैंक रिकवरी प्रकरण, कब्जे के आधार पर बंटवारा, भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस-2023) के अंतर्गत कार्यवाही के मामले, रेन्ट कंट्रोल एक्ट, सूखाधिकार से संबंधित मामलों के साथ-साथ विक्रय पत्र, दानपत्र और वसीयतनामा के आधार पर नामांतरण के मामले तथा अन्य प्रकृति के सभी मामले सम्मिलित और चिन्हांकित कर आपसी राजीनामा के आधार पर नेशनल लोक अदालत के माध्यम से निराकृत किया जावेगा।

माता शबरी की पवित्र धरती शिवरीनारायण के बेर लेकर रामलला के दर्शन करने कैबिनेट के सदस्यों के साथ अयोध्या जाएंगे मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और उनके कैबिनेट के सहयोगी श्रीरामलला के दर्शन करने शनिवार को अयोध्याधाम जाएंगे। मुख्यमंत्री इस अवसर पर माता शबरी की पवित्र धरती शिवरीनारायण से बेर फल की टोकरी भी उपहार स्वरूप रामलला को भेंट करेंगे। इसके साथ ही मुख्यमंत्री श्री साय विष्णुभोग चावल, कोसा वस्त्र, कारी लड्डू, अनरसा और सीताफल सहित अन्य सामग्री भी रामलला को भेंट करेंगे।

उल्लेखनीय है कि प्रभु श्रीराम ने शिवरीनारायण में ही माता शबरी के जूठे बेर खाये थे। यह ननिहाल से अपने भांचा राम को भेंट होगी। उल्लेखनीय है कि प्रभु श्रीराम का छत्तीसगढ़ के जनजातीय लोगों से गहरा स्नेह था। माता शबरी के जूठे बेर की कहानी रामायण की सबसे मर्मस्पर्शी कहानियों में से एक है।

मुख्यमंत्री अपने कैबिनेट के साथ प्रभु श्रीराम के दर्शन करेंगे और प्रदेशवासियों की सुख समृद्धि की कामना करेंगे। उल्लेखनीय है कि अयोध्या धाम में श्रीरामलला के दर्शन के लिए प्रदेश के श्रद्धालुओं हेतु अयोध्याधाम श्रीरामलला दर्शन योजना भी संचालित की जा रही है जिससे हजारों श्रद्धालु रामलला के दर्शन कर चुके हैं। योजना के शुभारंभ के समय मुख्यमंत्री ने कहा था कि शीघ्र ही वे कैबिनेट के साथ अयोध्या धाम में रामलला के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त करने जाएंगे।