नीट-यूजी विवादःसुप्रीम कोर्ट ने माना पेपर लीक हुआ है, कहा-बड़े पैमाने पर छात्र हुए प्रभावित तो रद्द होगी परीक्षा
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नीट यूजी पेपर लीक विवाद से संबंधित 38 याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने सोमवार को सुनवाई की।उनमें से ज्यादातर याचिकाएं नीट यूजी परीक्षा को रद्द करने की मांग वाली हैं। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच इन याचिकाओं पर सुनवाई की।शीर्ष कोर्ट ने कहा, 'एक बात तो साफ है कि प्रश्न-पत्र लीक हुआ है। सवाल यह है कि इसकी पहुंच कितनी व्यापक है? अगर हमें यह पता नहीं चलता कि कितने स्टूडेंट इसमें शामिल थे, तब दोबारा परीक्षा का आदेश देना पड़ेगा।
सीजेआई ने रीटेस्ट की मांग वाली सभी याचियाओं के अधिवक्ताओं को अपने-अपने प्रत्यावेदन अधिकतम 10 पन्ने में बृहस्पतिवार, 11 जुलाई से पहले सबमिट करने के निर्देश दिए। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि अदालत नीट परीक्षा की 'पवित्रता' को लेकर चिंतित है ताकि ऐसी घटनाएं फिर से न हों। यदि इसकी जांच के लिए कोई विशेषज्ञ समिति सरकार द्वारा गठित की गई है तो उसकी विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि पेपर लीक होना एक स्वीकार्य तथ्य है। लीक की प्रकृति कुछ ऐसी है, जिसका हम पता लगा रहे हैं। आप केवल इसलिए पूरी परीक्षा रद्द नहीं कर सकते, क्योंकि दो छात्र धांधली में शामिल थे। इसलिए हमें लीक की प्रकृति के बारे में सावधान रहना चाहिए। दोबारा परीक्षा का आदेश देने से पहले हमें लीक की सीमा के बारे में जानना होगा। ऐसा इसलिए, क्योंकि हम 23 लाख छात्रों के मामले को सुन रहे हैं।
सीजेआई ने एनटीए को पेपर प्रिंटिंग से लेकर परीक्षा कक्ष तक पहुंचाने की प्रक्रिया से संबंधित 11 सवालों पर जवाब देने को कहा है. उन्होंने कहा कि हम यह जनना चाहते हैं कि पेपर लीक की टाइमलाइन और पेपर के बीच के अंतराल कितना है। 23 लाख से ज्यादा छात्र हैं और बड़े पैमाने पर अगर इसमें गड़बड़ी है तो हमें पेपर रद्द करना होगा। सीजेआई ने पूछा बैंक लॉकर में पेपर कब भेजे गए, क्या समय था परीक्षा का? एनटीए के वकील ने कहा कि 5 मई, दोपहर 2 बजे, देश में 4700 और 15 केंद्र विदेश में बनाए गए थे। इस परीक्षा में 24 लाख कैंडिडेट बैठे। सीजेआई ने पूछा विदेश कैसे भेजे गए? एनटीए ने कहा कि एंबेसी के जरिए।सीजेआई ने पूछा देश में किसी अधिकारी के जरिए या किस तरह शहरों में पेपर भेजे गए? एनटीए ने कहा हम जानकारी करके बताते हैं।
सीजेआई ने कहा, याचिकाकर्ताओं के अनुसार पेपर लीक के संबंध में बिहार पुलिस द्वारा एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई थी। दूसरी ओर एडीशनल डीजीपी, ईओयू ने यह कहा गया है कि इस संबंध में कोई आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति जारी नहीं की गई थी। क्या ये चूक कुछ केंद्रों तक सीमित थी या फिर बड़े पैमाने पर. यह मामला 23 लाख से ज्यादा परीक्षा देने वाले छात्रों से जुड़ा है. इसलिए यह जरूरी है कि इस पर पूरी जानकारी हमारे पास हो।
भविष्य में पेपर लीक जैसी घटनाएं न हों, इसको लेकर कैसी तैयारियां हैं, सीजेआई ने इससे जुड़े कुछ सवाल किए। उन्होंने पूछा, साइबर क्राइम से निपटने वाली कौन सी तकनीक हमारे पास है? क्या डेटा एनालिटिक्स से हम मार्क कर सकते हैं? हम क्या कर सकते हैं जिससे भविष्य में पेपर लीक न हो? क्या हम मल्टी डिसिप्लिनरी कमेटी बना सकते हैं?
Jul 08 2024, 19:45