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प्रदेश की खराब सड़कों को लेकर हाईकोर्ट में हुई सुनवाई, सीएस और एसडीओ ने प्रस्तुत ​की कंप्लाएन्स रिपोर्ट

बिलासपुर- प्रदेश की खराब सड़कों को लेकर हाईकोर्ट में आज सुनवाई हुई। मामले में आज मुख्य सचिव अमिताभ जैन और एसडीओ बिलासपुर की ओर से अपनी कंप्लाएन्स रिपोर्ट हाईकोर्ट में प्रस्तुत की गई। इस रिपोर्ट में बताया गया कि रायपुर स्थित धनेली रोड के लिए टेंडर प्रोसेस पूरा हो चुका है। लोएस्ट प्राइज के आधार पर जिस कंपनी को ठेका दिया गया है उसकी ओर से सुरक्षा निधि जमा करते ही काम शुरू किया जाएगा। इस रोड पर पुलिया, बिजली खंभे आदि कार्य भी पूरा कराया जाएगा।

बिलासपुर एसडीओ ने सेंदरी रोड निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण पूरा होने की जानकारी दी। एसडीओ ने बताया कि कुछ जमीन ग्राम निरतू की भी ली गई है। एसडीओ ने जमीन अधिग्रहण सही होने की जानकारी देते हुए कहा कि वहां पर काम शुरू कराया जा सकता है। इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि हम आशा और विश्वास करते हैं कि शपथपत्र में दी गई जानकारी और कोर्ट के निर्देशों के अनुसार कार्य होगा। प्रकरण की अगली सुनवाई 29 जुलाई को रखी गई है। मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रविन्द्र अग्रवाल के कोर्ट में हुई।

वहीं हाईकोर्ट ने प्रदेश की खराब सड़कों पर स्वतः संज्ञान मामले में सुनवाई के दौरान कोर्ट के समक्ष रायपुर एयरपोर्ट जाने वाले नेशनल हाइवे में धनेली के पास से विधानसभा मार्ग के खराब होने की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई । इस पर हाईकोर्ट ने तत्काल स्टेटस रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया। राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि सड़क निर्माण के लिए साढ़े 22 करोड़ रुपए की स्वीकृत दी गई है। लेकिन चुनाव आचार संहिता लागू हो जाने के कारण टेंडर की प्रक्रिया शुरू नहीं की जा सकी थी। अब सड़क बनाने के लिए प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है।

हाईकोर्ट ने प्रदेश की सड़कों पर संज्ञान लेते हुए कहा है कि ये दुख की बात है कि खराब सड़कों से होने वाली दुर्घटनाओं को हम रोक नहीं पा रहे हैं। राज्य शासन को तुरंत सभी गड्ढे भरने चाहिए ताकि भविष्य में दुर्घटनाओं को रोका जा सके। हाईकोर्ट ने शासन और एजेंसी को यह भी आदेश दिया है कि जिस सड़क में कार्य चल रहा हो, उस सड़क में कार्य प्रारंभ होने की तारीख व कार्य पूर्ण होने की तारीख और जिस सड़क का टेंडर ही जारी न हुआ हो, उसकी स्टेटस रिपोर्ट प्रस्तुत करें।

राज्य महिला आयोग ने कहा- ‘शादीशुदा व्यक्ति के साथ रहने से पहले हजार बार सोचें महिलाएं’, पहली पत्नी को घर से निकालकर पत्नी बनने का प्रयास ना

रायपुर-  छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक की अध्यक्षता में 253वीं सुनवाई हुई. इस दौरान एक मामले में सुनवाई करते हुए डॉ. किरणमयी नायक ने कहा कि महिलाएं शादीशुदा पुरूष के साथ रहने से पहले हजार बार सोचे और उसकी पहली पत्नि को घर से निकलवाकर दूसरी पत्नी बनने का प्रयास ना करें और बसा-बसाया घर उजाड़ने का प्रयास ना करें. ऐसी महिलाओं को महिला आयोग सुधारने की दिशा में सक्त प्रयास करती है. यह कहते हुए उन्होंने दो महिलाओं को नारी निकेतन भेज दिया है.

दरअसल, मंगलवार को राज्य महिला आयोग में सुनवाई में आवेदिका ने बताया कि उसके पति ने आवेदिका से बिना तलाक लिये दूसरी महिला को अपनी पत्नी बनाकर रखा है, जबकि दूसरी महिला ने भी अपने पति से तलाक नहीं लिया है. वर्तमान में दूसरी महिला के पास अपने रहने के लिए सुरक्षित स्थान नहीं था, इसलिए उसे नारी निकेतन सुरक्षा की दृष्टि से भेजा गया. दूसरी महिला के पति या उसके परिवार वालों के द्वारा आवेदन या शपथ पत्र दिये जाने पर ही उसे नारी निकेतन से वापस भेजा जा सकेगा. अनावेदक को समझाइश दिया गया कि वह आवेदिका से अपना व्यवहार सही रखे, अगर आवेदिका को कोई परेशानी हो तो वह पुलिस थाना में एफआईआर दर्ज करा सकेगी.

इसी तरह एक अन्य प्रकरण में भी दूसरी महिला आवेदिका के बसे- बसाये घर को उजाड़ने के लिए अवैध रूप से आवेदिका के पति के साथ रह रही थी और आवेदिका को घर से निकाल दिया है. दूसरी महिला ने भी यह स्वीकार किया है कि वह आवेदिका के पति के साथ अवैध रूप से रह रही है और विवाह नहीं किया है. अनावेदिका (दूसरी महिला) के पूर्व पति की मृत्यु हो चुकी है. सुरक्षा के दृष्टिकोण से उसे सुधरने का मौका देकर 2 माह के लिए नारी निकेतन रायपुर भेजे जाने का आदेश आयोग द्वारा दिया गया.

एक प्रकरण में सुनवाई के दौरान अनावेदक ने बताया कि आवेदिका पक्ष की शिकायत पर उसके विशब्द धारा 306 आईपीसी का अपराध थाना तेलीबांधा में लगा है जिसमें अनावेदक 36 दिन जेल में रहा है और रायपुर जिला सत्र न्यायालय में अगली सुनवाई है. अनावेदक के अधिवक्ता ने पुष्टि की कि अनावेदक के विरुसब्द कोर्ट में पेशी चल रही है. इस स्तर पर आवेदिका पक्ष को समझाइश दिया गया कि यह अधिवक्ता की मदद लेकर अनावेदक के खिलाफ न्यायालय में चल रहे प्रकरण की पैरवी उचित तरह से कराये. इस सलाह के बाद प्रकरण नस्तीबंद किया गया.

लोक अदालतों में राजीनामा योग्य प्रकरणों का हो अधिक से अधिक निराकरण : मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा

रायपुर-  छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश एवं छत्तीसगढ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के मुख्य संरक्षक न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा की अध्यक्षता में आगामी 13 जुलाई को आयोजित होने वाली नेशनल लोक अदालत की तैयारियों के संबंध में आज छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में बैठक आयोजित की गई। बैठक में न्यायाधीश, छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय एवं कार्यपालक अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण न्यायमूर्ति श्री गौतम भादुड़ी तथा न्यायाधीश, छत्तीसगढ उच्च न्यायालय एवं अध्यक्ष, उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति न्यायमूर्ति संजय के. अग्रवाल विशेष रूप से उपस्थित थे। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय से वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से समस्त जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों के प्रधान जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष, सचिव, फैमिली कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश, न्यायाधीश, स्थायी लोक अदालत के चेयरमेन, सीजेएम, लेबर जज बैठक में शामिल हुए।

बैठक में मुख्य न्यायाधीश, न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा ने सभी न्यायाधीशों से आगामी नेशनल लोक अदालत में सिविल, आपराधिक एवं अन्य राजीनामा योग्य प्रकरणों को अधिक से अधिक संख्या में चिन्हांकित कर निराकृत किये जाने के निर्देश दिये। उन्होंने न्यायालयों में 5 वर्ष एवं 10 वर्ष से अधिक समय से लंबित राजीनामा योग्यप्रकरणों पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता बताई। बैंक एवं अन्य वित्तीय संस्थाओं, विद्युत वितरण कंपनियों, बीएसएनएल, बीमा कंपनियों एवं अन्य के द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाले प्री-लिटिगेशन आवेदनों के पक्षकारों की प्री-सिटिंग करा अधिक-से-अधिक प्री-लिटिगेशन मामलों के निराकरण की आवश्यकता बताई ताकि ऐसे मामले न्यायालय में संस्थित होने से पहले ही निराकृत हो जाये। उन्होंने कहा कि पक्षकारों की सहमति से एवं विधि अनुसार अधिक-से-अधिक राजीनामा योग्य मामलों का निराकरण करने के लिए लोक अदालतों का आयोजन किया जाता है। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए सभी का यथोचित प्रयास अपेक्षित है।

मुख्य न्यायाधिपति ने उच्चतम न्यायालय में 29 जुलाई 2024 से 03 अगस्त 2024 तक विशेष लोक अदालत के आयोजन की महत्वपूर्ण पहल पर उच्चतम न्यायालय द्वारा छत्तीसगढ राज्य से संबंधित चिन्हांकित प्रकरणों में राजीनामा की संभावनाओं पर राज्य के समस्त जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों द्वारा की जा रही कार्यवाहियों की समीक्षा की और समस्त प्रधान जिला न्यायाधीशों को निर्देशित किया कि विशेष रूचि लेकर पक्षकारों को नोटिस तामीली करा उनकी प्री-काउसिंलिंग इत्यादि हेतु समुचित कार्यवाही करें और सतत् निगरानी करें।

इस वर्चुअल बैठक में न्यायमूर्ति गौतम भादुड़ी, न्यायाधीश, छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय एवं कार्यपालक अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने वीडियो कान्फ्रेंस में शामिल जिलों के समस्त न्यायाधीशों को प्रोत्साहित करते हुए उन्हें लोक अदालतों में पूर्ण उत्साह और पूर्ण क्षमता से योगदान देने का आह्वान किया। उन्होंने न्यायिक अधिकारियों से टीम वर्क के साथ कार्य करने को कहा साथ ही पिछली लोक अदालत में निराकरण हुए प्रकरणों की संख्या को बढ़ाने कहा।

बैठक में न्यायमूर्ति संजय के. अग्रवाल, न्यायाधीश, छत्तीसगढ उच्च न्यायालय एवं अध्यक्ष, उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति ने भी ज्यादा से ज्यादा संख्या में मामलों को चिन्हांकित कर उन्हें विधि अनुसार निराकृत करने पर जोर दिया। ज्ञातव्य है कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा), नई दिल्ली के निर्देशानुसार वर्ष 2024 हेतु निर्धारित कैलेण्डर अनुसार आगामी नेशनल लोक अदालत का आयोजन 13 जुलाई 2024 को किया जा रहा है। यहां यह उल्लेखनीय होगा कि लोक अदालत उच्च न्यायालय से लेकर तहसील न्यायालयों के साथ साथ राजस्व न्यायालयों में भी आयोजित किये जाते हैं।

पुलिस परिवार के बच्चों को स्कूल आने जाने के लिए मिली बस की सुविधा, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने बस को दिखाई हरी

रायपुर-   ये आपके पापा के बॉस है और इन्हीं के प्रयासों से आप सभी को स्कूल बस मिला है। आप सभी अब आराम से और सुरक्षित ढंग से स्कूल आ जा सकेंगे। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज पुलिस परिवार के स्कूली बच्चों से चर्चा के दौरान गृहमंत्री का परिचय कराते हुए ये बातें कहीं। सभी बच्चों ने बस मिलने की खुशी में ताली बजाकर मुख्यमंत्री और गृहमंत्री को थैंक यू कहा। मुख्यमंत्री ने बच्चों से कहा कि आप सभी अच्छे से पढ़ाई करें और खूब तरक्की करें।

दरअसल आज राजधानी रायपुर के अमलीडीह स्थित पुलिस कॉलोनी में रहने वाले पुलिस परिवार के बच्चों को उनकी स्कूल बस मिल गई। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और गृहमंत्री विजय शर्मा ने मुख्यमंत्री निवास परिसर में आयोजित कार्यक्रम में पुलिस परिवार की नन्हीं छात्रा मारिया भतपहरी को बस की चाबी सौंपी। उन्होंने पुलिस परिवार के सदस्यों के साथ विधिवत पूजा अर्चना कर बस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

इस मौके पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि यह बड़ी अच्छी पहल है। बच्चों की परेशानी दूर हुई है और अब बच्चे सुरक्षित स्कूल आ जा सकेंगे। उन्होंने कहा कि हमारे पुलिस के जवान बड़ी मुस्तैदी के साथ 24 घंटे सातों दिन अपनी सेवाएं देते हैं। इस पहल से निश्चित रूप से उनकी चिंता दूर हुई होगी। यह बस सीएसआर मद से बच्चों के लिए उपलब्ध करायी गई है। मैं अन्य औद्योगिक संस्थानों से भी आग्रह करूंगा कि वे अपने सीएसआर मद से ऐसे कार्यों में सहयोग करें और इसे बढ़ावा दें।

इसके बाद मुख्यमंत्री और गृहमंत्री ने पुलिस परिवार के बच्चों से मुलाकात की और उनका हालचाल जाना। चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री ने बस के संचालन सहित पुलिस आवासीय कॉलोनी की सुविधाओं के बारे में जानकारी ली। पुलिस परिवार के आग्रह पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जल्द आप लोगों से मिलने और चाय के साथ ठेठरी- खुरमी भी खाने आऊंगा।

गौरतलब है कि पुलिस कॉलोनी आवासीय समिति अमलीडीह, रायपुर द्वारा उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा को पत्र लिखकर स्कूली बच्चों के लिए बस उपलब्ध कराने का आग्रह किया गया था। उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने आग्रह को स्वीकार करते हुए मुख्यमंत्री को इसकी जानकारी दी। मुख्यमंत्री के निर्देश पर गृहमंत्री ने तत्काल अंबुजा सीमेंट के प्रतिनिधि को सीएसआर मद से बस उपलब्ध कराने को कहा। इसी कड़ी में आज पुलिस परिवार के बच्चों के लिए 52 सीटर एसी बस उपलब्ध कराई गई है। जिसे मुख्यमंत्री और गृह मंत्री ने आज हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस पहल से पुलिस परिवार के लगभग 150 से अधिक बच्चें सुरक्षित स्कूल आ जा सकेंगे। इस मौके पर अंबुजा सीमेंट के प्रतिनिधि, पुलिस परिवार के सदस्य और स्कूली बच्चे मौजूद रहे।

कानून व्यवस्था पर कांग्रेस का प्रदर्शन, डिप्टी सीएम शर्मा बोले – हमारी सरकार में सभी की शिकायत सुनी जा रही

रायपुर- छत्तीसगढ़ में कानून व्यवस्था को लेकर कांग्रेस बड़ा आंदोलन करने जा रही. इस मामले में उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा, पहले आंकड़ों के फेर में लोगों की बात नहीं सुनी जाती थी. हमारी सरकार में हर किसी की शिकायत दर्ज की जा रही है. प्रकरणों की सुनवाई और निराकरण किया जा रहा है.

हाथरस की घटना के बाद बड़े आयोजनों को लेकर डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने कहा, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस विषय पर चिंता व्यक्त की है. सभी आयोजनों में अतिरिक्त सतर्कता बरती जाएगी. कहीं भी भगदड़ जैसी स्थिति न बने यह सुनिश्चित करेंगे.

PHQ में कई अफसरों के पास वर्कलोड, कुछ अफसर के पास काम नहीं, इस मामले में उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा, अफसरों के बीच जल्द नए सिरे से कार्य विभाजन होगा. सभी को कार्य का बराबर अवसर मिले, ऐसा निर्णय लेंगे.

IPS अरुणदेव गौतम और हिमांशु गुप्ता ADG से प्रमोट होकर बने DG, गृह विभाग ने जारी किया आदेश

रायपुर- राज्य सरकार ने दो आईपीएस अधिकारियों का प्रमोशन किया है. IPS अरुणदेव गौतम और हिमांशु गुप्ता को ADG से प्रमोट कर DG बनाए गए हैं. इसका आदेश आज गृह विभाग छग शासन ने जारी किया.

बता दें कि आईपीएस अरुणदेव गौतम 1992 बैच के आईपीएस अधिकारी और हिमांशु गुप्ता 1994 बैच के भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी हैं.

उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने सभी नगरीय निकायों के कार्यों की समीक्षा की, अब हर महीने होगी सभी नगरीय निकायों के कार्यों की समीक्षा

रायपुर-  उप मुख्यमंत्री तथा नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री अरुण साव ने वरिष्ठ विभागीय अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए प्रदेश के सभी नगरीय निकायों के कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने बैठक में सभी नगर निगमों के आयुक्तों तथा नगर पालिकाओं एवं नगर पंचायतों के मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को शहरों के सुनियोजित और संतुलित विकास के लिए काम करने को कहा। उन्होंने नगरीय निकायों की कार्यप्रणाली में बदलाव लाते हुए परिणाममूलक कार्य करने के निर्देश दिए। श्री साव ने स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने को कहा। उन्होंने कहा कि स्वच्छता सर्वे में हर निकाय की रैंकिंग में सुधार आना चाहिए। उन्होंने नगरीय निकायों के कार्यों की समीक्षा के लिए अब हर महीने बैठक आयोजित करने के निर्देश दिए। नगरीय प्रशासन विभाग के सचिव डॉ. बसवराजु एस. और संचालक कुंदन कुमार भी समीक्षा बैठक में शामिल हुए।

उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने मंत्रालय में वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से हुई समीक्षा बैठक में कहा कि किसी भी राज्य की प्रतिष्ठा शहरों के विकास पर निर्भर करती है। दूसरे प्रदेशों के लोग शहरों में आते हैं और स्थानीय शहरों को देखकर अपने मन में राज्य की छवि गढ़ते हैं। लिहाजा आप लोगों के ऊपर बड़ी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि नगरीय निकायों के विकास के लिए संसाधनों की कमी नहीं है। आप लोग इन संसाधनों का बेहतर से बेहतर उपयोग सुनिश्चित करें। श्री साव ने नगरीय निकायों द्वारा किए जा रहे विकास और निर्माण कार्यों में तेजी लाते हुए उन्हें समय पर पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को शहरों को विकसित करने और नागरिकों के लिए जन सुविधाएं बढ़ाने गंभीरता और सक्रियता से काम करने को कहा। उन्होंने काम में लापरवाही और लेट-लतीफी पर संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए।

उप मुख्यमंत्री श्री साव ने समीक्षा बैठक में शहरों में साफ-सफाई की स्थिति पर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने नगरीय निकायों में डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण, उनके पृथक्कीकरण, प्रोसेसिंग, रिसाइक्लिंग और गीले कचरे से कंपोस्ट बनाने के काम में सुधार लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कड़े शब्दों में कहा कि आगामी स्वच्छता सर्वेक्षण में हर नगरीय निकाय की रैंकिंग में सुधार आना चाहिए। अच्छी स्वच्छता रैंकिंग राज्य का सम्मान है। शहरों को स्वच्छ और सुंदर बनाकर राज्य का सम्मान बढ़ाना नगरीय निकायों की जिम्मेदारी है। उन्होंने 15वें वित्त आयोग और स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) की राशि का उपयोग कर शहरों की सफाई व्यवस्था में सुधार लाने को कहा। उन्होंने निकायों द्वारा राशि व्यय करने के दौरान शासन के सभी नियमों और प्रक्रियाओं का कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिए।

उप मुख्यमंत्री श्री साव ने बैठक में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी), अफोर्डेबल हाउसिंग प्रोजेक्ट्स, राजस्व वसूली की स्थिति, अधोसंरचना मद और 15वें वित्त आयोग के अंतर्गत स्वीकृत कार्यों की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना के अप्रारंभ कार्यों को तत्काल शुरू करने तथा प्रगतिरत कार्यों को यथाशीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए। साथ ही अफोर्डेबल हाउसिंग प्रोजेक्ट्स के अंतर्गत निर्मित मकानों में पात्र परिवारों का व्यवस्थापन जल्द से जल्द करने को कहा। श्री साव ने सभी मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को अपने मुख्यालय में ही निवास करने के निर्देश दिए। इससे कार्यों की निगरानी नियमित रूप से और सूक्ष्मता से हो सकेगी। उन्होंने बैठक में पर्याप्त तैयारी के साथ नहीं आने वाले अधिकारियों के प्रति नाखुशी जाहिर की। उन्होंने अधिकारियों को जिम्मेदारी से और अपने पद की गरिमा के अनुरूप काम करने को कहा।

नगरीय प्रशासन विभाग के सचिव डॉ. बसवराजु एस. ने बैठक में राजस्व वसूली में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने बड़े बकायादारों को नोटिस जारी करने को कहा। उन्होंने राजस्व वसूली की नियमित समीक्षा करते हुए सप्ताह में एक दिन इसके लिए विशेष अभियान संचालित करने के निर्देश दिए। उन्होंने राजस्व वसूली में रूचि नहीं लेने वाले आर.आई. और ए.आर.आई. पर कार्रवाई करने को कहा। नगरीय प्रशासन विभाग के संचालक कुंदन कुमार ने सभी नगरीय निकायों को 15वें वित्त आयोग की शेष राशि से किए जाने वाले कार्यों की योजना बनाकर शीघ्र संचालनालय को भेजने के निर्देश दिए। उन्होंने अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरणों पर संबंधित निकायों को जल्द कार्यवाही करने को कहा। उन्होंने संभागीय संयुक्त संचालकों और वहां पदस्थ कार्यपालन अभियंताओं को निर्माण कार्यों के नियमित निरीक्षण के निर्देश दिए। उन्होंने विभागीय जांच के लंबित प्रकरणों का निराकरण भी तेजी से करने को कहा। उप मुख्यमंत्री श्री साव के साथ मंत्रालय में समीक्षा बैठक में राज्य शहरी विकास अभिकरण (सूडा) के सीईओ शशांक पाण्डेय और नगरीय प्रशासन विभाग के अपर संचालक पुलक भट्टाचार्य भी मौजूद थे। वहीं नगर निगमों के आयुक्त, नगर पालिकाओं एवं नगर पंचायतों के मुख्य नगर पालिका अधिकारी, स्वास्थ्य अधिकारी, अभियंता तथा संभागीय संयुक्त संचालक अपने-अपने जिला मुख्यालयों से वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए समीक्षा बैठक में जुड़े।

भाजपा प्रदेश कार्यालय में पुनः खुलेगा सहायता केंद्र

रायपुर-   भारतीय जनता पार्टी प्रदेश कार्यालय कुशाभाऊ ठाकरे परिसर में कार्यकर्ताओं एवं जनमानस की समस्याओं के निराकरण के लिए सहायता केन्द्र की पुनः शुरुआत की जा रही है। सहायता केंद्र प्रभारी एवं प्रदेश महामंत्री संजय श्रीवास्तव ने बताया कि सहायता में 4 जुलाई को मंत्री लखनलाल देवांगन एवं प्रदेश महामंत्री भरत लाल वर्मा, 5 जुलाई को मंत्री दयालदास बघेल एवं प्रदेश उपाध्यक्ष शिवरतन शर्मा, 8 जुलाई को उप मुख्यमंत्री अरुण साव एवं प्रदेश उपाध्यक्ष लक्ष्मी वर्मा, 9 जुलाई को मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल एवं प्रदेश महामंत्री रामजी भारती कार्यकर्ताओं एवं जनमानस की समस्याओं का निराकरण करने मौजूद रहेंगे।

सहायता केंद्र प्रभारी एवं प्रदेश महामंत्री संजय श्रीवास्तव ने बताया कि सहायता के माध्यम से प्रदेश के मंत्री गण भाजपा प्रदेश कार्यालय में बैठेंगे। सहायता केंद्र में कार्यकर्ताओं एवं आम जनों की समस्याओं के समाधान के लिए प्रदेश सरकार की ओर से मौजूद रहेंगे। सहायता केंद्र में लोगों के समस्याओं का त्वरित निराकरण करने और शिकायत दर्ज किया जायेगा।

शालाओं का सघन निरीक्षण किया जाएगा, स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव ने जारी किया परिपत्र

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने अधिकारियों को स्कूलों के सघन निरक्षण करने के निर्देश दिए हैं। इस तारतम्य में स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी ने प्रदेश के सभी कलेक्टरों को परिपत्र जारी कर आवश्यक निर्देश दिए है। जारी परिपत्र में कहा गया है कि 26 जून 2024 से नवीन शिक्षा सत्र 2024-25 प्रारंभ हो चुका है। शिक्षा सत्र प्रारंभ से पहले ही छात्र-छात्राओं को निःशुल्क पाठ्य पुस्तक एवं गणवेश उपलब्ध करा दिया गया है। मध्यान्ह भोजन योजना का संचालन प्रथम दिन से ही प्रारंभ कर दिया गया है। स्कूूल शिक्षा विभाग स्कूलों के लिए वार्षिक शैक्षणिक कैलेण्डर जारी कर दिया गया है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने 01 जुलाई को 2024 को विभागीय समीक्षा बैठक के दौरान समस्त विद्यालयों का सघन निरीक्षण करने के निर्देश दिये हैं। मुख्यमंत्री के स्पष्ट निर्देश है कि छात्र-छात्राओ को उच्च गुणवत्तायुक्त व परिणाम मूलक शिक्षा दी जाये एवं राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को पूर्ण रूप से प्रदेश के स्कूलों में प्रभावी बनाया जाये। इसलिए यह अनिवार्य हो जाता है कि आप और आपके अधीनस्थ अधिकारियों के द्वारा स्कूलों का निरीक्षण नियमित रूप से किया जाये।

निरीक्षण के संबंध में निम्नानुसार निर्देश दिए गए हैं-

शाला निरीक्षण कलेण्डर जिला स्तर पर तैयार किया जाये, जिला स्तर पर एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाये। जिला शिक्षा अधिकारी, जिला समन्वयक, विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी, संकुल समन्वयकों से नियमित रूप से शालाओं का निरीक्षण कर प्रतिवेदन संबंधित जिला कलेक्टर को उपलब्ध करायेंगे। स्कूल शिक्षा विभाग के अलावा अन्य विभाग के अधिकारियों को भी निरीक्षण का दायित्व दिए जाएं, शाला निरीक्षण के दौरान अधिकारी छात्र-छात्राओं को अच्छी शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रेरित और प्रोत्साहित करेंगे। निरीक्षण के दौरान अधिकारी चाहें तो किसी भी एक कक्षा में अध्यापन कर सकते हैं। जारी पत्र में कहा गया है कि निरीक्षण के दौरान दोषी पाये गये कर्मचारियों-अधिकारियों के विरूद्ध तत्काल अनुशासनात्मक कार्यवाही करें एवं की गई कार्यवाही से अवगत कराने कहा गया।

भूपेश तो कहते थे शराब घोटाला नही हुआ अब आरोपी नकली होलोग्राम की बात स्वीकार कर चूके है : केदार कश्यप

रायपुर-   छत्तीसगढ़ के वन मंत्री केदार कश्यप ने कहा है कि लोकसभा में मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी के सांसद संतोष पांडेय द्वारा महादेव एप का जिक्र किए जाने पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का बिफरना चोर की दाढ़ी में तिनका की कहावत की पुष्टि करने के लिए पर्याप्त है। कश्यप ने इस भाषण के लिए बघेल द्वारा भाजपा सांसद पांडेय के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की धमकी को निरा हास्यास्पद व बघेल के संसदीय प्रक्रिया के अल्पज्ञान का परिचायक बताया।

प्रदेश के वन मंत्री कश्यप ने कहा कि बघेल पाँच साल मुख्यमंत्री रहे हैं और फिर भी संसदीय प्रक्रिया को भूल रहे हैं, यह विडम्बना ही है। दरअसल, समूची कांग्रेस के राजनीतिक चरित्र का संसदीय गरिमा और मर्यादा से दूर-दूर तक वास्ता नहीं रहा है, इसलिए बघेल अपने अल्पज्ञान का परिचय दे रहे हैं। कश्यप ने कहा कि बघेल को फिर भी इतना सामान्य ज्ञान तो होना ही चाहिए कि संसद के भीतर कहे गये किसी भाषण के लिये बाहर कारवाई नहीं हो सकती। अगर कहीं ऐसा संभव होता तो राहुल गांधी हमेशा जेल में ही रहते। भाजपा सांसद पांडेय ने संसद में किसी का नाम नहीं लिया है, और पूर्व मुख्यमंत्री तो कांग्रेस के भी और भी रहे हैं, लेकिन भूपेश बघेल द्वारा पांडेय के कथन को स्वयं पर लेना चोर की दाढ़ी में तिनका ही है। कश्यप ने कहा कि न केवल महादेव एप, बल्कि शराब समेत अन्य तमाम घोटाले में किंगपिन किसे कहा गया है, पॉलिटिकल मास्टर कौन है, यह किसी से छिपा थोड़े है! कोर्ट ने भी प्रथम दृष्टया मान लिया है कि तब के मुख्यमंत्री की उप सचिव दोषी हैं। गूगल पर केवल 508 करोड़ टाइप करते ही समझ जायेंगे कि कौन सरग़ना और प्रोटेक्शन मनी खाने वाला है?

प्रदेश के वन मंत्री कश्यप ने कहा कि शराब घोटाले में भी भूपेश बघेल कहते थे कि इसमें तानाशाही हो रही है, सरकार को बदनाम करने की कोशिश हो रही है। पर अब शराब घोटाले के जो आरोपी हैं और जो गिरफ्तार हुए हैं, उन्होंने बता दिया है कि हम नकली होलोग्राम बनाते थे। सौम्या चौरसिया, जो मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उप सचिव रही है, उसको आज तक जमानत नहीं मिली है। कश्यप ने कहा कि भूपेश बघेल ही इन घोटालेबाजों के संरक्षक हैं, महादेव एप घोटाला भी उनका, शराब घोटाला भी उनका और कोयला घोटाला भी उनका। कश्यप ने कहा कि घोटालेबाज जो हैं, उनके बारे में विषय उठाने बहुत जरूरी हैं, छत्तीसगढ़ की जनता के हित में है और बघेल अब जो यह प्रपंच रच रहे हैं, यह पाखंड बघेल का विधानसभा चुनाव में फेल हो गया और जनता ने भी भूपेश सरकार को खारिज कर दिया।