अमेरिका ने भारत पर फिर लगाया धार्मिक भेदभाव का आरोप, अल्पसंख्यकों को लेकर कही ये बात
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अमेरिका ने एक बार फिर भारत पर धार्मिक भेदभाव का आरोप लगाया है। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने भारत पर धार्मिक भेदभाव का आरोप लगाया है। दरअसल, अमेरिका के विदेश विभाग ने साल 2023 के लिए धार्मिक स्वतंत्रता रिपोर्ट जारी की है। दुनिया भर में धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने साल 2023 के लिए अपनी रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में भारतीय अल्पसंख्यकों के खिलाफ होने वाली हिंसा का जिक्र है। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने इस रिपोर्ट को जारी करते हुए विशेष तौर पर भारत का नाम लिया। भारत के खिलाफ ब्लिंकन का बयान मोदी 3.0 में अमेरिका द्वारा देश पर आरोप लगाने का पहला उदाहरण है। ब्लिंकन ने बिना नाम लिए मोदी सरकार और बीजेपी पर मुस्लिम और ईसाई अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाया है।
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अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर सालाना रिपोर्ट जारी करते हुए अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि दुनिया भर में लोग इसकी रक्षा करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। इस रिपोर्ट में दुनिया के क़रीब 200 देशों में धार्मिक स्थिति का आकलन किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि आज की तारीख़ में करोड़ों लोग धार्मिक स्वतंत्रता का सम्मान नहीं कर रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक़ भारत में हेट स्पीच, धार्मिक रूप से अल्पसंख्यक समुदायों के घरों और पूजास्थलों को ध्वस्त करने के मामले बढ़े हैं।रिपोर्ट में भारत धर्मांतरण विरोधी क़ानून को लेकर भी चिंता जताई गई है।
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने बुधवार को कहा कि भारत में धर्मांतरण विरोधी कानूनों, अभद्र भाषा, अल्पसंख्यक धार्मिक समुदायों के सदस्यों के घरों और पूजा स्थलों को ध्वस्त करने में चिंताजनक वृद्धि हुई है। इसके अलावा, अंतरराष्ट्री धार्मिक स्वतंत्रता के लिए अमेरिकी राजदूत रशद हुसैन ने भारतीय पुलिस पर ईसाइयों को निशाना बनाने के दौरान मूकदर्शक बने रहने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, उदाहरण के लिए, भारत में, ईसाई समुदायों ने बताया कि स्थानीय पुलिस ने धर्मांतरण गतिविधियों के आरोपों पर पूजा सेवाओं को बाधित करने वाली भीड़ की सहायता की, या भीड़ द्वारा उन पर हमला किए जाने के दौरान मूकदर्शक बनी रही और फिर पीड़ितों को धर्मांतरण के आरोप में गिरफ्तार कर लिया।
रिपोर्ट के मुताबिक़ भारत में साल 2023 में भी धार्मिक स्वतंत्रता की स्थितियां लगातार ख़राब रही हैं। इसमें कहा गया है कि भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार ने भेदभावपूर्ण राष्ट्रवादी नीतियों को बढ़ावा देने का काम किया, जिसने समाज में घृणा को बढ़ाने का काम किया है।रिपोर्ट कहती है कि मुसलमानों, ईसाइयों, सिखों, दलितों, यहूदियों और आदिवासियों के ख़िलाफ हो रही सांप्रदायिक हिंसा से निपटने में बीजेपी नाकाम रही है। रिपोर्ट के मुताबिक़ भारत में यूएपीए, एफसीआरए, सीएए, धर्मांतरण विरोधी और गोहत्या को लेकर जो क़ानून हैं, उनके चलते धार्मिक अल्पसंख्यकों और उनकी वकालत करने वालों लोगों को निशाना बनाया गया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि जिन भी न्यूज़ आउटलेट या एनजीओ ने धार्मिक अल्पसंख्यकों को लेकर बात की है, उन पर एफसीआरए के तहत सख्त निगरानी रखी गई है। इसमें सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च नाम की एक एनजीओ के एफसीआरए लाइसेंस को फ़रवरी, 2023 में रद्द करने का ज़िक्र किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक़ ये एनजीओ सामाजिक, धार्मिक और जातीय स्तर पर हो रहे भेदभाव पर रिपोर्ट करने का काम करते हैं, लेकिन गृह मंत्रालय ने इसका एफसीआरए लाइसेंस रद्द कर दिया।







गयाना में टी20 वर्ल्ड कप 2024 के दूसरे सेमीफाइनल में टीम इंडिया ने इंग्लैंड को 68 रनों से रौंदते हुए फाइनल में जगह बनाई है।एडिलेड में करीब 2 साल पहले जिस इंग्लैंड ने सेमीफाइनल में टीम इंडिया को एकतरफा अंदाज में हराकर बाहर किया था, उसी इंग्लैंड को रोहित शर्मा की टीम इंडिया ने उतने ही बुरे अंदाज में हराकर हिसाब बराबर कर लिया।गयाना में खेले गए मुकाबले में पहले बल्लेबाजी करते हुए टीम इंडिया 20 ओवर में सात विकेट गंवाकर 171 रन बनाए थे। जवाब में इंग्लैंड की टीम 16.4 ओवर में 103 रन पर सिमट गई। अब फाइनल में भारत का सामना 29 जून को बारबाडोस में दक्षिण अफ्रीका से होगा। मैच की बात की जाए तो भारत ने पहले बैटिंग करते हुए निर्धारित 20 ओवरों में सात विकेट के नुकसान पर 171 रन बनाए. रोहित शर्मा ने अर्धशतक जड़ा. हालांकि सूर्यकुमार यादव अपनी फिफ्टी से चूक गए. लक्ष्य का पीछा करने के दौरान इन मुश्किल परिस्थितियों में इंग्लैंड की टीम भारतीय स्पिनरों का सामना नहीं कर पाई. अक्षर पटेल और कुलदीप यादव के तीन-तीन विकेट और जसप्रीत बुमराह के दो विकेट के चलते इंग्लैंड ने कोई चुनौती पेश नहीं की और शुरुआत 10 ओवरों में ही घुटने टेक दिए। भारत की शुरुआत खास अच्छी नहीं रही. विराट कोहली 9 रन बनाकर आउट हुए। फिर जल्द ही विकेटकीपर बैटर ऋषभ पंत भी कैच आउट हो गए। इसके बाद कप्तान रोहित शर्मा ने सूर्यकुमार यादव के साथ मिलकर रन बनाने की जिम्मेदारी उठाई। दोनों ने तीसरे विकेट के लिए साथ मिलकर 73 रन जोड़े। 39 गेंदों पर 57 रनों की पारी खेलने के बाद 14वें ओवर में हिटमैन आदिल राशिद की गेंद पर बोल्ड हो गए। जल्द ही सूर्यकुमार यादव भी 36 गेंदों पर 47 रन बनाने के बाद जोफ्रा आर्चर की गेंद पर सूर्या भी आउट हो गए। यहां से आगे हार्दिक पंड्या और रवींद्र जडेजा ने रन बनाने की जिम्मेदारी उठाई। हार्दिक ने 13 गेंदों पर 23 रन ठोक दिए। जडेजा के बैट से भी 9 गेंदों पर नाबाद 17 रन आए। अंत में अक्षर पटेल ने भी छह गेंदों पर 10 रन की पारी खेली, जिसके दम पर भारत ने स्कोर को 171/7 तक पहुंचा दिया इंग्लैंड के लिए आदिल रशीद और लियम लिविंगस्टन की स्पिन जोड़ी ने 8 ओवरों में सिर्फ 49 रन दिए थे और इससे ही तय हो गया था कि टीम इंडिया के स्पिन अटैक के सामने इंग्लैंड को ज्यादा संघर्ष करना पड़ेगा।इंग्लैंड के लिए कप्तान जॉस बटलर (23) ने तेज शुरुआत की लेकिन चौथे ओवर में अक्षर पटेल (3/23) की पहली ही गेंद को रिवर्स स्वीप करने की गलती उन पर भारी पड़ी। वो इसमें पूरी तरह फेल हुए और ऋषभ पंत ने आसान कैच ले लिया। बस यहीं से इंग्लैंड का पतन शुरू हो गया।अगले ही ओवर में जसप्रीत बुमराह ने बेहतरीन स्लोअर बॉल पर फिल सॉल्ट को बोल्ड कर दिया, जबकि अगले ओवर की पहली गेंद पर फिर अक्षर ने जॉनी बेयरस्टो को बोल्ड कर दिया। पावरप्ले में ही इंग्लैंड की हालत बुरी हो गई थी। अक्षर ने 8वें ओवर में आकर फिर पहली बॉल पर मोईन अली का विकेट हासिल कर लिया।इसके बाद कुलदीप यादव ने पहले सैम करन और फिर हैरी ब्रूक के विकेट झटक लिए। इसके बाद तो बचे हुए बल्लेबाज भी धीरे-धीरे कर निपटते गए और पूरी टीम सिर्फ 16.4 ओवरों में ऑल आउट हो गई। इसके साथ ही भारतीय टीम तीसरी बार टी20 विश्व कप के फाइनल में पहुंची। इससे पहले 2007 और 2014 में टीम इंडिया ने फाइनल खेला था। दोनों संस्करण में महेंद्र सिंह धोनी कप्तान रहे थे। अब टीम इंडिया 10 साल बाद रोहित शर्मा की कप्तानी में फाइनल में पहुंची है। भारतीय टीम एक साल के अंदर लगातार दूसरे आईसीसी टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंची है। इससे पहले 2023 वनडे विश्व कप में भी टीम इंडिया फाइनल में पहुंची थी। वहीं, इंग्लैंड को भारत ने लगातार दूसरे आईसीसी टूर्नामेंट में शिकस्त दी है। इससे पहले टीम इंडिया ने 2023 वनडे विश्व कप में भी इंग्लैंड को हराया था।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार को संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त बैठक को संबोधित का। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद के दोनों सदनों की बैठक को संबोधित करते हुए आपातकाल का जिक्र किया। उन्होंने आपातकाल को संविधान पर हमला बताया। अब विपक्षी गठबंधन ने इसे लेकर अपनी नाराजगी जताई है। राष्ट्रपति के अभिभाषण में आपातकाल का जिक्र आने के बाद विपक्षी दलों के कई नेताओं ने बयान दिया है। *सपा सुप्रीमो की प्रतिक्रिया* राष्ट्रपति के संबोधन के बाद समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने उन लोगों के लिए क्या किया, जिन्हें आपातकाल के दौरान जेल में डाला गया था? जबकि, समाजवादी पार्टी ने उन लोगों को सम्मान और पेंशन दी। अखिलेश यादव ने आगे कहा ‘सत्तारूढ़ दल द्वारा भारत को विश्व की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बताया जाता है। क्या इसने देश के किसानों को समृद्धि बनाया? अगर भारत दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है , तो इतने सारे युवा बेरोजगार क्यों हैं? देश में अग्निवीर योजना क्यों है? महंगाई पर लगाम क्यों नहीं लगाई जा रही? *राष्ट्रपति के अभिभाषण पर ओवैसी का बीजेपी पर निशाना* एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण को लेकर सवाल उठाते हुए बीजेपी पर निशाना साधा है। ओवैसी ने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में कहीं भी अल्पसंख्यक शब्द का इस्तेमाल नहीं हुआ। साथ ही देश के बेरोजगार नौजवानों की हालत पर भी सवाल उठाया। ओवैसी ने कहा, 'बीजेपी अभी भी ये समझ रही है कि वो 2019 के नतीजों में है। इस पूरे राष्ट्रपति के भाषण में कहीं भी अल्पसंख्यक शब्द का इस्तेमाल नहीं हुआ। आखिर क्यों?...इतनी नफरत क्यों है? देश में सबसे ज्यादा बेरोजगार नौजवान हैं, उनके बारे में सिर्फ बातें हो रही हैं।' *राष्ट्रपति ने केंद्र द्वारा उपलब्ध स्क्रिप्ट पढ़ा-महुआ मोइत्रा* तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद महुआ मोइत्रा का कहना है कि राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में ऐसी स्क्रिप्ट को पढ़ा, जिसे केंद्र सरकार द्वारा उपलब्ध कराया गया था। मोइत्रा ने कहा ‘भाजपा नेताओं को यह अहसास नहीं है कि उनके पास बहुमत नहीं है।’ *कांग्रेस ने क्या कहा?* कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि उनकी स्पीच में इसका कोई जिक्र नहीं है कि चुनाव किस तरह से कराए गए। प्रधानमंत्री को कोई पछतावा नहीं है. आज जो अघोषित आपातकाल लागू है, उसका क्या? कांग्रेस नेता तारिक अनवर का कहना है कि राष्ट्रपति के संबोधन में कुछ भी नया नहीं था। उन्होंने कहा ‘आपातकाल के बाद भी देश में कई बार लोकसभा चुनाव हुए और भाजपा को हार मिली। उनके पास कहने के लिए कुछ नहीं बचा है। *राष्ट्रपति का संबोधन पूरी तरह से झूठ से भरा-सुदामा प्रसाद* सीपीआई (एमएल) सांसद सुदामा प्रसाद का कहना है कि राष्ट्रपति का संबोधन पूरी तरह से झूठ से भरा हुआ था। सुदामा प्रसाद ने कहा कि राष्ट्रपति के संबोधन को सुनकर ऐसा लगा जैसे वह भाजपा को पूर्ण बहुमत की सरकार कह रहीं हों। उन्होंने आगे कहा कि यह गठबंधन की सरकार है। उन्होंने आगे कहा ‘राष्ट्रपति को मणिपुर के हालातों पर बात करनी चाहिए थी क्योंकि मणिपुर में हालात बहुत बुरे हो गए हैं। सुदामा प्रसाद ने मणिपुर के हालातों का हवाला देते हुए कहा कि ‘वर्ष 1995 के आपातकाल की पहले से घोषणा की गई थी लेकिन यह अघोषित आपातकाल है। सत्तारूढ़ दल के नेता बार बार आपातकाल की बात कर रहे हैं लेकिन इस समय देश उससे भी बड़े आपातकाल का सामना कर रहा है।’
संयुक्त राष्ट्र में खुली बहस के दौरान पाकिस्तान क बार फिर जम्मू कश्मीर को अपना “हथियार” बनाया। दरअसल, पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र के एक सत्र के दौरान जम्मू कश्मीर का मुद्दा उठाया। इस पर भारत की ओर से तीखी आलोचना की गई। भारत ने कहा कि जम्मू-कश्मीर पर उसकी बेबुनियाद टिप्पणियां राजनीति से प्रेरित हैं। भारत ने कहा कि पाकिस्तान का ये बयान आदतन, राजनीति से प्रेरित और भारत के खिलाफ दुर्विचार रखने की वजह से है। भारत इस निराधार और बेतुके बयान को सिरे से खारिज करता है। भारत ने कहा कि पाकिस्तान बार-बार संयुक्त राष्ट्र का ध्यान भटकाने के लिए इस मुद्दे को उठाता है। जबकि पाकिस्तान का आरोप निराधार, बेतुका और ध्यान भटकाने के लिए किया जाने वाला आदतन प्रयास है। पाकिस्तान अपने देश में बच्चों के साथ हो रहे घनघोर अपराधों से दुनिया का ध्यान भटकाने के लिए ऐसा कर रहा है। बच्चों और सशस्त्र संघर्ष पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में आयोजित बहस के दौरान यूएन में भारत के उप-प्रतिनिधि आर. रविंद्रन ने कहा कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत के अभिन्न और अलग हिस्से हैं। बहस के दौरान अपनी टिप्पणी समाप्त करने से पहले आर रवींद्र ने कहा, मैं इन आधारहीन टिप्पणियों को उस अवमानना के साथ स्पष्ट रूप से खारिज और निंदा करता हूं जिसके वे हकदार हैं। उन्होंने साफ कहा कि यह और कुछ नहीं बल्कि बच्चों के खिलाफ पाकिस्तान में गंभीर उल्लंघनों से ध्यान हटाने का एक और आदतन प्रयास है जो उनके अपने देश में बेरोकटोक जारी है। यह बात महासचिव की रिपोर्ट में भी उजागर हुई है। जहां तक केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का सवाल है, वे भारत के अभिन्न और अविभाज्य अंग थे, हैं, हमेशा रहेंगे, भले ही यह विशेष प्रतिनिधि या उनका देश कुछ भी मानता हो या इच्छा रखता हो। यूएनएससी में वर्षों से बच्चों पर होने वाली बहस ने सशस्त्र संघर्ष स्थितियों के चलते बच्चों पर आने वाली चुनौतियों को सामने लाकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की मदद की है। लिहाजा अंतरराष्ट्रीय समुदाय बच्चों के खिलाफ होने वाले उल्लंघनों को रोकने और उसे समाप्त करने के महत्व को पहचाने।
Jun 28 2024, 13:41
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