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भूपेश सरकार में सम्मान के लिए लड़ते रहे मीसाबंदी, अब विष्‍णुदेव सरकार में मिली पांच साल की पेंशन

रायपुर-  पूर्ववर्ती कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार के दौरान छत्तीसगढ़ में आपातकाल के मीसाबंदी (लोकतंत्र सेनानी) पांच साल तक अपने सम्मान निधि के लिए लड़ते रहे। पिछली सरकार ने सम्मान निधि यानी पेंशन देना बंद कर दिया था। पेंशन बहाल करने के लिए मीसाबंदी उच्च न्यायालय और उच्च्चतम न्यायालय न्याय के लिए दरवाजा खटखटाते रहे। इस दौरान प्रदेश में भाजपा की विष्णुदेव साय सरकार आते ही उन्हें पांच साल की एकमुश्त पेंशन मिली है।

बतादें कि भाजपा 25 जून को आपातकाल काला दिवस मनाने जा रही है। इसमें मीसाबंदी मोर्चा संभालेंगे। आपातकाल काला दिवस के पहले राज्य सरकार ने लोकनायक जयप्रकाश नारायण सम्मान निधि के भुगतान के लिए वित्तीय वर्ष 2019-20 से 2023-24 तक एरियर्स और चालू वित्तीय वर्ष में 35 करोड़ 42 लाख 68 हजार रुपये का भुगतान करा दिया है। प्रदेश में 350 मीसाबंदियों को तीन अलग-अलग श्रेणियों में 10,000 रुपये, 15,000 रुपये और 25,000 रुपये की पेंशन मिली है।

कोर्ट ने सरकार के निर्णय को बताया था गलत

लोकतंत्र सेनानी संघ के राष्ट्रीय सह संयोजक सच्चिदानंद उपासने ने बताया कि भूपेश सरकार में बंद हुई आपातकाल के मीसाबंदियों की पेंशन 2019 में यह कह कर बंद कर दी गई थी कि इन आवेदनों की नए सिरे से सत्यापन कराया जाएगा, लेकिन सत्यापन नहीं किया और सम्मान निधि भी नहीं दी। मीसाबंदियों ने प्रदर्शन किया और जब सरकार नहीं मानी तो सभी हाई कोर्ट में अर्जी लगाई। हाई कोर्ट बिलासपुर ने सत्यापन के निर्देश दिए।

हाई कोर्ट के आदेश के बाद भूपेश सरकार ने पूर्ववर्ती डा. रमन सिंह की सरकार में मीसाबंदियों के लिए पेंशन देने वाले आदेश को ही निरस्त करा दिया। इसके बाद भी मीसाबंदी हाई कोर्ट के सिंगल बेंच में गए। कोर्ट ने भी सरकार के निर्णय को गलत बताया और इसके बाद डबल बेंच ने सुनवाई की और सिंगल बेंच के आदेश को यथावत किया। सरकार मीसाबंदियों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची तो यहां मामला लंबित रहा। हालांकि विष्णु देव सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से अपील वापस की और पिछले पांच साल की राशि एक साथ दी।

संसद भवन में छत्तीसगढ़ के सांसदों के साथ मिले मुख्यमंत्री श्री साय

रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने संसद भवन में छत्तीसगढ़ के नवनिर्वाचित सांसदों के साथ मुलाकात की। साथ ही उन्होंने सांसदों के साथ भोजन भी किया। उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व मुख्यमंत्री श्री साय ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से सौजन्य मुलाकात भी की।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय करेंगे साप्ताहिक ‘जनदर्शन’ 27 जून से होगा शुरू, हर सप्ताह गुरुवार को पूर्वाह्न 11 बजे से दोपहर 01 बजे तक मुख्यमंत्री


रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का आम जनों से मुलाकात का कार्यक्रम ‘जनदर्शन’ 27 जून से शुरू हो रहा है। यह कार्यक्रम हर गुरुवार को मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में पूर्वान्ह 11 बजे से दोपहर 01 बजे तक आयोजित किया जाएगा। मुख्यमंत्री के जनदर्शन कार्यक्रम में जन सरोकारों की बातें होंगी। श्री साय जनदर्शन में समस्याओं को सुनकर उसका यथोचित निराकरण भी करेंगे। इसके साथ ही जनता के सुझाव, शासकीय योजनाओं की उन तक पहुंच की जानकारी आदि भी इस माध्यम से प्राप्त करेंगे।

जनदर्शन में आमजन सीधे मुख्यमंत्री से मुलाकात कर उन्हें अपनी समस्या से अवगत करा सकेंगे। मुख्यमंत्री श्री साय वहीं पर समस्याओं के निराकरण के लिए अधिकारियों को दिशा निर्देश भी जारी करेंगे। जनदर्शन को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं।

हार्डकोर नक्सलियों के चार सहयोगी गिरफ्तार, माओवादियों का ट्रैक्टर चलाते थे किराए पर

मोहला-मानपुर-  नक्सलियों का सहयोग करने वाले 4 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इसमें एक ग्राम पंचायत सचिव भी शामिल है, जो नक्सलियों की मदद करता था। मोहला पहुंचे राजनांदगांव रेंज के आईजी दीपक झा ने बताया कि जिला पुलिस व आईटीबीपी ने मानपुर ब्लॉक के मदनवाडा क्षेत्र में संयुक्त रूप से कार्रवाई की और नक्सलियों के 4 सहयोगियों को पकड़ा और एक ट्रैक्टर जब्त किया। नक्सलियों का यह ट्रैक्टर सहयोगी किराए से चलाते थे। किराए की आय से नक्सली अपनी दैनिक जरूरतों की पूरा करते थे।

यह ट्रैक्टर हार्डकोर नक्सली बलदेव ऊर्फ अशोक रेड्डी, विजय रेड्डी ऊर्फ शंकर, लोकेश सलामे उर्फ हरसिंग के इशारे पर चलता था। नक्सलियों ने ट्रैक्टर लेवी के पैसे से खरीदा था। सुरक्षाबलों ने सहयोगियों के पास कैश, मेमोरी कार्ड, पेन ड्राइव, बैंक पास बुक समेत अन्य सामान जब्त किए। आईजी झा ने बताया कि नक्सल सहयोगी अरविंद तुलावी, रामकिशन यादव, सुशील साहू व ग्राम पंचायत सचिव महेश मेश्राम है, जो राजनांदगांव और कारेकट्टा गांव के निवासी है। इन चारों पर पुलिस ने विभिन्न धाराओं के तहत कार्रवाई की गई।

इमरजेंसी पर सियासत: पूर्व सीएम बघेल के बयान पर मंत्री कश्यप का पलटवार, कहा- कांग्रेस ने संविधान के साथ किया खिलवाड़


रायपुर- काला दिवस को लेकर पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने बयान दिया. पूर्व सीएम बघेल ने कहा कि आज आपातकाल से बदतर स्थिति है. मुख्यमंत्रियों का जेल भेजा जा रहा है. इस पर मंत्री केदार कश्यप ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि जिन्होंने संविधान के साथ खिलवाड़ किया, जिन्होंने संविधान खत्म करने की साजिश रची, वह आज संविधान का किताब लेकर घूम रहे हैं. कांग्रेस को यह शोभा नहीं देता.

मंत्री कश्यप ने कहा कि कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में संविधान की किताब को लेकर प्रचार किया. संविधान बनाने में कितना समय लगा शायद कांग्रेस को पता नहीं है. कांग्रेस ने संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर को प्रताड़ित किया था. बॉम्बे में चुनाव में बाबा साहेब आंबेडकर के खिलाफ कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी खड़ा किया था. तत्कालीन प्रधानमंत्री ने उनके खिलाफ प्रचार भी किया था.

वहीं विधानसभा सत्र के सवाल पर मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि विधानसभा सत्र शुरू हो रहा है. सरकार पूरी तरह से तैयार है. सरकार का दायित्व जनहित में काम करना है. कांग्रेस पार्टी के पास मुद्दा नहीं है. मंत्रिमंडल विस्तार पर उन्होंने कहा कि यह मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है.

उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने बिलासपुर जिले के कोनी आईटीआई का किया निरीक्षण


रायपुर-  उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने आज बिलासपुर जिले के कोनी स्थित आदर्श आईटीआई का निरीक्षण किया। वर्तमान में लगभग 1200 विद्यार्थी इसमें विभिन्न प्रकार के 33 ट्रेडों में पढ़ाई कर रहे हैं। श्री शर्मा ने विभिन्न शाखाओं का निरीक्षण कर पढ़ाई कर रहे बच्चों से बातचीत की। उन्होंने इस संस्थान के विकास को लेकर अधिकारियों की बैठक भी ली। उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने कहा कि जनप्रतिनिधियों से सलाह लेकर इस प्राचीन संस्थान की गरिमा को पुनःस्थापित करने के लिए एक कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश भी दिए। इस अवसर पर विधायक सुशांत शुक्ला, जिला पंचायत अध्यक्ष अरूण सिंह चौहान एवं कलेक्टर अवनीश शरण सहित अन्य अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।

निरीक्षण के दौरान उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि बच्चों की सुविधा के लिए एक और हॉस्टल बनाये जाने की जरूरत है। फिलहाल केवल सवा सौ छात्र-छात्राओं के लिए दो हॉस्टल सुविधा है, जो कि अपर्याप्त है। उन्होंने संचालित इन दोनों छात्रावासों में मेस सुविधा भी शुरू करने के निर्देश दिए। उन्होंने समय की मांग के अनुरूप नये ट्रेड्स खोलने की जरूरत भी बताई। जिन ट्रेडों में रोजगार एवं नौकरी की संभावनाएं बंद हो गई हैं, उन्हें बंद करने का प्रस्ताव भी संचालनालय भेजने को कहा। आईटीआई वर्तमान में 60 एकड़ भूमि पर फैला हुआ है। इसके सामने के कुछ हिस्से को व्यावसायिक उद्देश्य के लिए परिवर्तित कर संस्थान की आमदनी बढ़ाई जा सकती है। श्री शर्मा ने कहा कि चूंकि यह एशिया की सबसे पहली आईटीआई के रूप में पहचान रखती है। इसलिए इसे हैरिटैज बिल्डिंग के रूप में संरक्षित रखने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने संस्थान के परिसर की साफ-सफाई करने के निर्देश भी दिए।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से की मुलाक़ात

नई दिल्ली-  छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संसद भवन में मुलाकात की। इस मौके पर उन्होंने नरेंद्र मोदी को तीसरी बार देश का प्रधानमंत्री बनने पर बधाई दी।

मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री श्री साय ने प्रधानमंत्री को अमृतकाल : छत्तीसगढ़ विजन ‘विजन डॉक्यूमेंट’ के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इसका निर्माण राज्य नीति आयोग द्वारा किया जा रहा है जिसे एक नवंबर को राज्य की जनता को समर्पित किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने विगत छह माह में माओवादी विरोधी अभियानों में की गयी कार्रवाई की जानकारी भी प्रधानमंत्री को दी। नियद नेल्लानार योजना (आपका आदर्श गाँव) के बारे में जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि इस योजना के तहत नक्सलियों के आधार को कमजोर करने व शासन-प्रशासन व ग्रामीणों के बीच परस्पर विश्वास बहाली का कार्य किया जा रहा है। इस योजना के तहत वर्तमान में 23 कैंप खोले गए हैं, जिनमें 90 ग्राम शामिल हैं तथा भविष्य में 29 कैंपों को प्रारंभ करने की योजना है।

छत्तीसगढ़ राज्य निर्वाचन आयुक्त के तौर पर अजय सिंह ने संभाला कार्यभार

रायपुर-  छत्तीसगढ़ राज्य निर्वाचन आयोग के पाँचवे निर्वाचन आयुक्त के तौर पर आज अजय सिंह ने कार्यभार संभाल लिया है। 1983 बैच के आई.ए.एस. अधिकारी अजय सिंह फरवरी 2020 में शासकीय सेवा से निवृत्त हुए हैं। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ राज्य निर्वाचन आयुक्त के पद पर नियुक्ति से पहले वे उपाध्यक्ष, राज्य योजना आयोग के तौर पर सेवाएं दे रहे थे। वहाँ से पदमुक्त होकर उन्होंने आज राज्य निर्वाचन आयुक्त का पदभार ग्रहण किया है।

स्वागत के इस मौके पर सचिव, डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे ने राज्य निर्वाचन आयोग के अधिकारियों से आयुक्त श्री सिंह का संक्षिप्त परिचय कराते हुए इन अधिकारियों को सौंपे गये दायित्वों की भी जानकारी दी। आयुक्त श्री सिंह ने इसके बाद आयोग के सभी कक्षों का मुआयना किया और आने वाले समय में होने वाले नगरीय निकाय और त्रिस्तरीय पंचायतों के आम निर्वाचन के लिए तैयारियां करने पर जोर दिया है।

राज्य निर्वाचन आयुक्त श्री सिंह के पदभार ग्रहण करने पर आयोग की ओर से उनका आत्मीय स्वागत किया गया। इस मौके पर सचिव डॉ. भुरे, उप सचिव डॉ. नेहा कपूर, अवर सचिव डॉ. अनुप्रिया मिश्रा तथा अपर सचिव प्रणय कुमार वर्मा सहित आयोग के अन्य अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे।

अनुकंपा नियुक्ति मिलते ही मां को भूला बेटा, हाईकोर्ट ने कहा- अब वेतन से कटकर मां के खाते में ट्रांसफर होंगे पैसे

बिलासपुर-  एक मामले की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कहा कि पिता की मौत के बाद मां की देखभाल बेटे का नैतिक और कानूनी दायित्व है. एसईसीएल में अनुकंपा नियुक्ति पाने के कुछ दिन बाद बेटे ने मां की देखभाल और खर्च देना बंद कर दिया था. मामले में पुत्र की अपील खारिज कर कोर्ट ने फटकार लगाई, और दस हजार रुपये प्रति माह देने का आदेश दिया है. भुगतान न करने पर एसईसीएल प्रबंधन को पुत्र के वेतन से कटौती कर सीधे मृतक के आश्रित के खाते में जमा कराने का निर्देश दिया है.

दरअसल, कोरबा क्षेत्र में रहने वाली महिला का पति एसईसीएल दीपका में कर्मचारी था. सेवाकाल के दौरान पति की मौत होने पर उसने अपने बड़े पुत्र को अनुकंपा नियुक्ति देने सहमति दी। एसईसीएल के नियमों के अनुसार अनुकंपा नियुक्ति पाने वाला मृतक के आश्रितों की देखभाल करेगा, यदि वह अपने नैतिक व कानूनी दायित्व का उल्लंघन करता है, तो उसके वेतन से 50 प्रतिशत राशि काट कर आश्रितों के खाते में जमा की जाएगी. अनुकंपा नियुक्ति पाने के बाद कुछ दिनों तक वह अपनी माँ और भाई का देखभाल करता रहा। 2022 से उसने मां और भाई को छोड़ दिया।

जिस पर मां ने हाईकोर्ट में एसईसीएल की नीति के अनुसार बेटे के वेतन से कटौती कर 20 हजार रुपए प्रति माह दिलाये जाने याचिका दायर की. मामले में एसईसीएल ने जवाब में कहा कि नीति के अनुसार सहमति का उल्लंघन करने पर 50 प्रतिशत राशि काट कर मृतक के आश्रितों के खाते में जमा की जा सकती है. एसईसीएल के जवाब पर पुत्र ने कहा की याचिकाकर्ता को 5500 रुपये पेंशन मिल रही है. इसके अलावा मृतक के सेवानिवृत्त देयक की राशि भी उन्हें मिली है. इससे वह अपनी देखभाल कर सकती है, पुत्र ने 10 हजार रुपए प्रतिमाह देने कोर्ट में सहमति दी. हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने मां के पक्ष में फैसला दिया. हाईकोर्ट की एकल पीठ के निर्णय के खिलाफ बेटे ने डीबी में अपील की.

उसने अपील में कहा कि उसे 79 हजार नहीं बल्कि 47 हजार रुपये वेतन मिलता है, इसमें भी ईएमआई कट रही है. चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस सचिन सिंह राजपूत की डीबी ने कहा, मां की सहमति से नियुक्ति मिली है, 10 हजार रुपए देने की पुत्र ने सहमति भी दी है. इसलिए खर्च के लिए राशि देना होगा, कोर्ट ने फटकार लगाते हुए पुत्र की अपील को खारिज कर दिया.

छत्तीसगढ़: महिला सशक्तिकरण के लिए ग्राम पंचायतों में बनाए जाएंगे ‘महतारी सदन’

रायपुर-   छत्तीसगढ़ में ग्रामीण महिलाओं को स्वावलंबी और आत्मनिर्भर बनाने के लिए महतारी सदन का निर्माण किया जाएगा. उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने बताया कि इस परियोजना का उद्देश्य महिलाओं के लिए सामूहिक कार्यक्रमों में भागीदारी बढ़ाना और महिला सशक्तिकरण को प्रोत्साहित करना है.

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि न्यू इंडिया के विकास में महिलाओं की भागीदारी बढ़ रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आत्मनिर्भर भारत अभियान महिलाओं की क्षमता को देश के विकास से जोड़ रहा है. ग्राम पंचायतों में महतारी सदन का निर्माण इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.

ग्राम भ्रमण के दौरान महिलाओं ने बैठने के स्थान की कमी की शिकायत की थी. इसके समाधान के लिए प्रदेश सरकार गांवों में महतारी सदन बना रही है. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय सरकार ने इस परियोजना के लिए बजट में व्यवस्था भी कर दी है.

5 वर्षों में सभी ग्राम पंचायतों में महतारी सदन बनाने की योजना

प्रदेश के सभी ग्राम पंचायतों में महतारी सदन बनाए जाएंगे. इस परियोजना के पहले चरण में हर विकासखंड में महतारी सदन का निर्माण प्रारंभ होगा और अगले 5 वर्षों में सभी ग्राम पंचायतों में यह सुविधा उपलब्ध होगी.

महतारी सदन का निर्माण लगभग 2500 वर्गफुट में किया जाएगा. इसमें कमरा, शौचालय, बरामदा, हाल, किचन और स्टोररूम जैसी सुविधाएं होंगी. पानी के लिए ट्यूबवेल और वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था भी की जाएगी. महिलाओं की सुरक्षा के लिए बाउंड्रीवाल का निर्माण भी होगा. साथ ही, सामुदायिक शौचालय भी बनाए जाएंगे.

इस परियोजना से ग्रामीण महिलाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे और वे आत्मनिर्भर बन सकेंगी. यह कदम महिला सशक्तिकरण और ग्रामीण विकास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा.