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छत्तीसगढ़ जीएसटी विभाग द्वारा लाँच किया गया “ई-संवीक्षा” पोर्टल

रायपुर-  छत्तीसगढ़ राज्य कर (जीएसटी) विभाग द्वारा सूचना एवं प्रौद्योगिकी का उपयोग कर नई पहल करते हुए “ई-संवीक्षा” पोर्टल लाँच किया गया है। यह पोर्टल रजत बंसल, आयुक्त, राज्य कर, छत्तीसगढ़ की पहल पर राज्य कर मुख्यालय, नवा रायपुर के डायरी कक्ष एवं कम्प्यूटर कक्ष द्वारा तैयार किया गया है जिसके अंतर्गत मैदानी कार्यालयों के समुचित अधिकारियों द्वारा जीएसटी अधिनियम की धारा 61 एवं धारा 73 और/ अथवा धारा 74 के अंतर्गत की जाने वाली कार्यवाहियों की रिपोर्टिंग आनलाईन की जानी है।

प्रारंभिक चरण में “ई-संवीक्षा” के अंतर्गत “स्क्रूटनी माड्यूल” बनकर तैयार है एवं लाईव किया जा चुका है तथा “एड्जुडिकेशन माड्यूल” तैयार किया जा रहा है। इससे न केवल विभागीय अधिकारियों द्वारा किए जा रहे कार्यों की मानिटरिंग की जा सकेगी बल्कि ऐसे अधिकारियों द्वारा प्रस्तुत की जाने वाली मासिक डायरी भी आनलाईन होगी और एनालीटिक्स में इससे प्राप्त होने वाले आँकड़ों का राजस्व हित में उपयोग किया जाएगा।

इसके अलावा राज्य के व्यापारियों को होने वाली व्यवहारिक परेशानियों का निराकरण करने मे भी “ई-संवीक्षा” माड्यूल कारगर साबित होगा।

गौरतलब है कि, राज्य कर आयुक्त के ध्यान में कुछ ऐसे प्रकरण आये थे जिनमें एक ही व्यवसायी की एक ही अवधि के प्रकरण में एक से अधिक अधिकारियों द्वारा अलग-अलग समय पर नोटिस जारी किए गये थे, जिसके बाद आयुक्त द्वारा “ई-संवीक्षा” माड्यूल की आवश्यकता को ध्यान मे रखते हुए इसे तत्काल प्रभाव से लागू करवाया गया है।

क्या बदल जाएंगे कांकेर लोकसभा सीट के परिणाम ? कांग्रेस ने की 4 विधानसभा क्षेत्रों में ईवीएम की दोबारा गिनती कराने की मांग

कांकेर-   हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में कांकेर लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी बीरेश ठाकुर बहुत कम वोटों के अंतर से हारे. जिसे लेकर बीरेश ठाकुर ने चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए हैं. बीरेश ठाकुर ने 4 केंद्रों के ईवीएम बदले जाने के आरोप लगाते हुए जिला कलेक्टर नीलेश क्षीरसागर को ज्ञापन सौंपा हैं और चारों केंद्रों के ईवीएम की जांच की मांग की है. जिसमें बालोद विधानसभा के दो, गुंडरदेही के एक और सिहावा विधानसभा के एक केंद्र के ईवीएम की जांच की मांग की गई है.

बिरेश ठाकुर ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि मतदान के बाद जो ईवीएम के नंबर एजेंट को दिए गए थे. मतगणना के दिन वो नंबर बदल कैसे गए इसका जवाब निर्वाचन आयोग को देना होगा. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार जिस ईवीएम पर गड़बड़ी को आशंका हो उसकी जांच करवाई जा सकती है, इसलिए उन्होंने 4 ईवीएम जहां ईवीएम नंबर अलग-अलग रहे है उनके जांच के लिए आवेदन किया है. बीरेश ठाकुर ने तत्कालीन कांकेर कलेक्टर अभिजीत सिंह पर भी आरोप लगाते हुए कहा कि 16वें राउंड के बाद 2 घंटे तक मतगणना का कोई अपडेट ही नहीं दिया गया. बीरेश ठाकुर ने कांकेर कलेक्टर के मोबाइल डिटेल जांच करने की भी मांग करते हुए कहा कि उन्हें ऊपर से फोन आने लगे थे. अगर उनके काल डिटेल की जांच की जाए तो सब साबित हो जाएगा.

इसके साथ ही बीरेश ठाकुर ने यह भी आरोप लगाया है कि कांग्रेस को हराने में अहम भूमिका रही है और इसलिए तत्कालीन कलेक्टर को आचार संहिता हटते ही प्रमोशन कर गृह और जेल विभाग का सचिव बनाया गया है.

1884 वोटों से हारे बीरेश ठाकुर

आपको बता दें कि कांकेर लोकसभा सीट से भाजपा ने भोजराज नाग को उम्मीदवार बनाया था और कांग्रेस ने बीरेश ठाकुर को उम्मीदवार बनाया था. चुनाव में भोजराज नाग को 5 लाख 97 हजार 624 वोट मिले और बीरेश ठाकुर 5 लाख 95 हजार 740 वोट मिले. चुनाव में भाजपा प्रत्याशी भोजराज नाग 1884 वोटों से जीतकर सांसद बन गए हैं.

सतनामी समाज के बाद अब पटेल समाज हुआ उग्र, एसपी कार्यालय का किया घेराव, जानिए क्या है मामला

महासमुंद-  बलौदाबाजार जिले में सोमवार को सतनामी समाज के प्रदर्शन में हुए हिंसा के बाद महासमुंद जिले में भी पटेल समाज के लोग उग्र हो गए और एसपी कार्यालय का घेराव किया. पटेल समाज का आरोप है कि 4 महीने पहले हुई हत्या के मामले में पुलिस ने निष्पक्ष जांच नहीं की है, जिसको लेकर समाज में आक्रोश है. इसको लेकर ही आज समाज के लोगों ने बड़ी संख्या में एसपी कार्यालय का घेराव कर ज्ञापन सौंपा है.

जानकारी के अनुसार, महासमुंद के सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र के नांदगांव में बीते 18 मार्च 2024 को एक युवक पूनम पटेल की गला रेतकर हत्या कर दी गई थी. इस मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने 19 मार्च को एक आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. हत्या के मामले में पुलिस की इस कार्रवाई से मरार पटेल समाज के लोग असंतुष्ट थे. जिसके चलते 4 महीने बाद समाज के लोग और ग्रामीण बड़ी संख्या में एकत्रित होकर एसपी कार्यालय घेराव करने पहुंचे.

समाज का आरोप है कि पूनम पटेल की हत्या किसी एक व्यक्ति ने नहीं की है, बल्कि इसमें अन्य लोग भी शामिल हैं. समाज के पदाधिकारियों ने एसपी से मिलकर पूनम पटेल की हत्या की निष्पक्ष जांच करने की मांग की है. पदाधिकारियों को एसपी ने हत्या की जांच पूरी पारदर्शिता से करने का आश्वासन दिया. जिसके बाद समाज के लोगों ने प्रदर्शन को समाप्त किया.

प्रधानमंत्री ई-बस सेवा योजना : रायपुर में चलेंगी 100 इलेक्ट्रिक सिटी बसें, इन स्थानों पर बना रहे डिपो…

रायपुर- राजधानी रायपुर की जनता को जल्द ही प्रदूषण मुक्त ई-बसों से आवाजाही की सुविधा मिलेगी. प्रधानमंत्री ई-बस सेवा के तहत रायपुर को 100 नई बसें मिलने जा रही है. इन बसों के संचालन के लिए शहर के आमानाका और पंडरी में दो नए बस डिपो बनाए जा रहे हैं, जो बसों के लिए सेंटर पॉइंट होंगे. 

इन दोनों डिपो से ही शहर के अलग-अलग स्थानों के लिए सिटी बसें चलेंगी. डिपो स्थलों पर इन बसों की बैट्री चार्ज करने के लिए चार्जिंग पॉइंट भी बनाने की तैयारी है. इससे रायपुर शहर के अंदर ट्रांसपोर्ट सुविधा और भी आसान होगी. ये सभी बसें केंद्र सरकार की ओर से रायपुर सिटी को मिल रही हैं. नए डिपो बनाने की तैयारी रायपुर नगर निगम ने शुरू कर दी है. इसके अलावा यात्रियों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए वेटिंग एरिया और अन्य व्यवस्थाएं होंगी.

ज़िला प्रशासन ने किया निरीक्षण

रायपुर कलेक्टर डॉ गौरव सिंह ने आमानाका में स्थापित होने वाले बस डिपो में की जा रही तैयारियों का जायजा लिया. उन्होंने ई-बसों की चार्जिंग के साथ मेंटेनेंस के लिए सभी ज़रूरी इंतज़ाम जल्द करने के निर्देश अधिकारियों को दिए. इसके साथ कलेक्टर ने आज आईएसबीटी का भी निरीक्षण किया, इसमें 1 एकड़ जगह को सिटी बस के स्टैंड के लिए फाइनल किया गया है. निरीक्षण के दौरान रायपुर नगर निगम आयुक्त अबिनाश मिश्रा सहित अन्य अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे.

बलौदाबाजार हिंसा: गिरफ्तारी देने एसपी दफ्तर पहुंचे पूर्व मंत्री गुरु रूद्र, कहा- बीजेपी के मंत्री मांगे माफी, नहीं तो करूंगा मानहानि का दावा

रायपुर- बलौदाबाजार में बीते 10 जून को सतनामी समुदाय के प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में करोड़ों की संपत्ति जलकर खाक हो गई. राज्य सरकार ने मामले में एक्शन लेते हुए जिले के कलेक्टर और SP को हटा दिया गया है. वहीं मामले की जांच के लिए विशेष पुलिस टीम भी गठित की है. हिंसा के पीछे सरकार ने कांग्रेस की राजनीतिक साजिश बताया है. आरोप लगाया गया है कि कांग्रेस के विधायकों, पूर्व मंत्रियों और नेताओं ने लोगों को भड़काने का काम किया है. सरकार के इस बयान के बाद छत्तीगसगढ़ में भूपेश सरकार के दौरान मंत्री रहे गुरु रूद्र कुमार रायपुर के एसपी दफ्तर गिरफ्तारी देने पहुंचे है.

पूर्व मंत्री गुरु रूद्र ने तीन मंत्रियों के खिलाफ मानहानि का केस दर्ज करने की बात भी कही है. उन्होंने बताया कि तीन-तीन मंत्रियों ने मुझ पर षड्यंत्र करने का आरोप लगाया है, इसलिए मैं खुद गिरफ्तारी देने आया हूं. गिरोधपुरी में हमारे समाज के सबसे बड़े तीर्थ स्थल में जैत खाम को तोड़ा जाता है. इस मामले पर झूठी गिरफ्तारी की जाती है. हम पूरे मामले पर CBI जांच की मांग कर रहे थे. राज्य से लेकर केंद्र तक में उनकी सरकार है. लेकिन फिर भी मामले पर ढिलाई बरती गई है. जिसकी वजह से हिंसा भड़की.

सरकार सिर्फ़ राजनीति कर रही है – पूर्व मंत्री गुरु रूद्र

पूर्व मंत्री गुरु रूद्र ने कहा- हम शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने पहुंचे हुए थे. हमारा समाज परम पूज्य गुरु घासीदास जी का अनुयायी है. हम सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलते है. हमारे समाज के द्वारा एसी निंदनीय घटना नहीं की जा सकती है. यही सब जांच का विषय है. इस घटना में असामाजिक तत्वों की संलिप्तता रही. लेकिन सरकार जांच न कर सिर्फ़ राजनीति कर रही है. दोषियों को पकड़ना छोड़ हमारे ऊपर षड्यंत्र का आरोप लगा रहे है. न सिर्फ छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे देश में जहां भी मेरा समाज मुझे याद करेगा मैं जरुर उस जगह पर जाऊंगा. मैंने वहां भाषण दिया, फिर भी मेरे ऊपर इतना घिनौना आरोप लगाया गया है. जिससे पूरा समाज आहत. हमारी मांग है की तीनों मंत्री हमसे माफ़ी मांगे नहीं तो मानहानि का दावा करूंगा और जब तक मेरी गिरफ्तारी नहीं कर ली जाती है. तब तक एसपी कार्यालय में बैठे रहूंगा.

पूर्व मंत्री गुरु रूद्र के गिरफ़्तारी देने पहुंचने के सवाल पर सिविल लाइन सीएसपी अनुराग झा ने कहा कि एसपी साहब मीटिंग में व्यस्त है. इनका कहना है, इन्हें गिरफ्तार किया जाए. सभी चीजे प्रक्रिया के तहत की जाती है. कानून के दायरे में रहते हुए पुलिस सारा काम करती है.

नेता प्रतिपक्ष के बयान पर आखिर क्यों मंत्री ओपी चौधरी ने कहा- “मैं गंवइहा हूं”

रायपुर-  नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत के बयान पर वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने पलटवार करते हुए चुनौती दी है. जिसमें उन्होंने कहा है कि मैं तो गंवइहा हूं. चरणदास महंत को बड़ी-बड़ी सुख-सुविधाओं की आदत पड़ गई है. मैं बिना एसी-कूलर के रह सकता हूं. इसके साथ ही उन्होंने चरणदास महंत को चुनौती देते हुए कहा है कि इस गर्मी में 10 दिन तक बिना एसी, कूलर, पंखा के रह कर दिखाएं.

दरअसल हुआ ये कि डॉ. चरणदास महंत ने हाल ही में वित्त मंत्री ओपी चौधरी पर टिप्पणी करते हुए उन्हें गंवइहा कहा था. जिसको लेकर मंत्री ओपी चौधरी ने अपने एक्स अकाउंट पर एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा, मैं तो गर्व से कहता हूं कि मैं गंवइहा हूं. महंत जी को बड़ी-बड़ी सुख-सुविधाओं की आदत पड़ गई है. मैं तो आज भी बिना चप्पल के खेत में चलता हूं, बिना एसी-कूलर के रह सकता हूं. महंत जी को चुनौती देता हूं कि इस गर्मी में 10 दिन बिना एसी, कूलर, पंखा के रह कर दिखाएं… मैं तैयार हूं.

कैशलेस चिकित्सा को लेकर संघ ने की वित्त मंत्री से मुलाकात, मंत्री ने दिया पहल का ठोस आश्वासन

रायपुर- कर्मचारियों को कैशलेस चिकित्सा सुविधा का लाभ छत्तीसगढ़ में चल मिल सकता है। स्वास्थ्य मंत्री के बाद अब वित्त मंत्री ने भी छत्तीसगढ़ कैशलेस चिकित्सा संघ की मांगों पर मुहर लगायी है। वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने आश्वस्त किया है कि वो कर्मचारी संघ की इस मांग लेकर आगे पहल करेंगे। इससे पहले आज प्रदेश अध्यक्ष ऊषा चंद्राकर और संरक्षक राकेश सिंह, संभाग सचिव देव साहू ने वित्त मंत्री ओमप्रकाश चौधरी से मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल की बातों को सुनने के बाद मंत्री ओपी चौधरी ने जल्द ही कैशलेस चिकित्सा बहाल करने के संकेत दिए।

छत्तीसगढ़ कैशलेश चिकित्सा सेवा कर्मचारी कल्याण संघ के प्रदेश प्रतिनिधि एवं संभाग प्रतिनिधियों के द्वारा स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल और वित्त मंत्री ओपी चौधरी से मुलाकात की। छत्तीसगढ़ के समस्त कर्मचारी एवं उनके परिवार साथ ही पेंशन धारी कर्मचारियों के लिए मेडिकल कैशलेस जल्द से जल्द बहाल करने की मांग की। इससे पहले भी वित्त मंत्री से इस योजना के बहाली हेतु मुलाकात की गई थी, जहां उन्हें आश्वासन दिया गया था की लोकसभा चुनाव के पश्चात जल्द ही कर्मचारी हित में मेडिकल कैशलेस की बहाली की घोषणा की जाएगी।

प्रदेश अध्यक्ष उषा चंद्राकर ने यह भी कहा कि आज स्वास्थ्य ऐसी समस्या है, जिसमें शारीरिक रूप के साथ-साथ मानसिक एवं आर्थिक रूप से मरीज और उसके परिवार पीड़ित होते हैं। सरकार के द्वारा जो प्रतिपूर्ति दी भी जाती है उसकी प्रक्रिया इतनी जटिल है कि आज कई सालों से कुछ कर्मचारियों की प्रतिपूर्ति की फाइल अटकी हुई है। साथ ही किसी कर्मचारी या उसके परिवार के इलाज में प्राइवेट हॉस्पिटलों में जिस प्रकार आर्थिक व्यय होता है शासन की प्रति पूर्ति में उसका आधा राशि भी प्राप्त नहीं होता। कभी-कभी कर्मचारी अपने इलाज के लिए अपनी जमा पूंजी को भी खर्च कर देते कभी उन्हें अपने रिश्तेदारों या साथियों से कर्ज लेना पड़ता है।

संघ की तरफ से कैशलेस चिकित्सा को लेकर जिस तरह का प्रयास किया जा रहा है, उससे यही कयास लग रहे हैं कि जल्द ही सरकार इस दिशा में कोई निर्णय लेगी। वित्त मंत्री से मुलाकात के दौरान भी वो संघ की बातों से पूर्ण रूप से सहमत दिखे, उन्होंने माना कि क्लेम लेने में कर्मचारियों को काफी दिक्कत होती है, लिहाजा उसे दूर किया जाना जरूरी है। ऐसे में माना जा रहा है कि कैशलेस बीमा की तरफ सरकार कदम बढ़ा सकती है।

बलौदाबाजार हिंसा पर सियासत : डिप्टी सीएम के आरोप पर पूर्व मंत्री का पलटवार, कहा- अपना दोष दूसरों पर न थोपे बीजेपी, प्रदेश में कानून व्यवस्था की

रायपुर-   बलौदाबाजार में हुई हिंसक घटना को लेकर प्रदेश में सियासत गरमाई हुई है. पक्ष और विपक्ष एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं. वहीं उपमुख्यमंत्री अरूण साव के बयान पर पूर्व मंत्री शिवकुमार डहरिया ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि उपमुख्यमंत्री ने बलौदाबाजार घटनाक्रम पर कांग्रेस की संलिप्तता का जो आरोप लगाया है. भाजपा अपना दोष दूसरों पर थोपने का काम ना करे. आरोप लगाना बेहद शर्मनाक है. सरकारी मशीनरी और सरकार पूरी तरीके से फेल है. प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति खराब हो चुकी है.

डहरिया ने आगे कहा कि धरना प्रदर्शन में बीजेपी के कई लोग शामिल थे. उनका नाम क्यों नहीं लिया जा रहा है. आरोपों को समाज बर्दाश्त नहीं करेगा. कांग्रेस पार्टी सभी समाज को लेकर चलने वाली पार्टी है. बीजेपी ने ध्यान ही नहीं दिया इसलिए ऐसा हुआ. भाजपा के जनप्रतिनिधि, सरकारी मशीनरी और इंटेलिजेंस कहां थे. सरकार के सभी मंत्री कहां थे, शर्म आनी चाहिए. औरंगजेब के समय में ऐसा नहीं हुआ लेकिन बीजेपी काल में ऐसा हो रहा है.

शिवकुमार डहरिया ने कहा कि मामले में जिन लोगों को गिरफ्तार कर धारा लगाई गई है उसकी जानकारी होनी चाहिए. समाज के लोगों को अगर गिरफ्तार करके रखा गया है तो यह अन्याय है. जांच के बाद गिरफ्तारी करें, फिर कार्रवाई करें. निर्दोष लोगों को अगर गिरफ्तार किया जाएगा तो कांग्रेस पार्टी आंदोलन करेगी.

जांच समिति निष्पक्षता से करेगी जांच – शिवकुमार डहरिया

बलौदाबाजार हिंसा पर कांग्रेस ने जांच समिति का गठन किया है. जांच दल को लेकर पूर्व मंत्री शिवकुमार डहरिया ने कहा कि कमेटी के सभी सदस्यों से चर्चा की गई है. घटनास्थल पर जाएंगे चर्चा करेंगे. मामले की निष्पक्षता के साथ जांच करेंगे. मामले की जांच कर प्रदेश कांग्रेस कमेटी को रिपोर्ट सौंपी जाएगी.

सरकार में अनुभवी लोगों को पूछा नहीं जा रहा – शिवकुमार डहरिया

मुख्यमंत्री विभागों की समीक्षा करेंगे, इस पर शिवकुमार डहरिया ने कहा कि मंत्री समीक्षा लगातार कर रहे हैं, लेकिन रिजल्ट नहीं आ रहा है. मुख्यमंत्री अगर समीक्षा करें रिजल्ट आए तो देखते हैं. बिना रिजल्ट के समीक्षा कर रहे हैं. अनुभवी लोगों को पूछा नहीं जा रहा है. अनुभवहीन लोग सरकार चला रहे हैं. अनुभवी नेताओं को दरकिनार किया गया है. सुधरने का समय दिया गया था, 6 महीने सरकार के हो चुके हैं. इतनी समझ आ जानी चाहिए कि सरकार कैसे चलाई जाती है.

भाजपा अपना आज ठीक करें, भविष्य की चिंता न करे- डहरिया

विजन 2047 को लेकर पूर्व मंत्री शिव डहरिया ने कहा कि बीजेपी भविष्य बाद में तय करें पहले वर्तमान में रहकर बात करे, 2047 किसने देखा है. भाजपा अपना आज ठीक करें, भविष्य की चिंता न करे. तोखन साहू केंद्रीय राज्य मंत्री बन गए हैं. उम्मीद है अब हालत ठीक होगी, ऐसा उम्मीद करते हैं. समय आने दीजिए तब पता चलेगा क्या-क्या होता है.

सिविल सेवा मुख्य परीक्षा 2023 की तिथि में संशोधन की मांग, अभ्यर्थियों ने सीएम साय को लिखा पत्र

रायपुर- सीजीपीएससी के अभ्यर्थियों ने सीएम विष्णुदेव साय काे पत्र लिखकर सिविल सेवा मुख्य परीक्षा 2023 की तिथि में संशोधन की मांग की है. पत्र में बताया गया है कि JOINT CSIR UGC NET परीक्षा 2024, 25,26,27 जून 2024 को आयोजित की जा रही है. MPPSC की ओर से आयोजित सिविल सेवा परीक्षा 2024, वन सेवा परीक्षा 2024 की तिथि 23 जून 2024 निर्धारित की गई है. CGPSC ने सिविल सेवा मुख्य परीक्षा 2023 का आयोजन 24 जून से 27 जून तक आयोजित की है. इन परीक्षाओं में शामिल अभ्यर्थियों को समय प्रबंधन में बहुत परेशानी हो रही है, क्योंकि परीक्षाओं की तिथियां समान है.

अभ्यर्थियों ने कहा है कि CGPSC की ओर से आयोजित मुख्य परीक्षा 2023 की तिथि में संशोधन (लगभग 7 दिवस पश्चात की तिथि) किया जाना चाहिए. तिथि संशोधन से अभ्यर्थियों को परीक्षाओं में सम्मिलित होने में आसानी होगी. वहीं छत्तीसगढ़ पीएससी का कहना है कि एमपीपीएससी ने सीजीपीएससी के बाद अधिसूचना प्रकाशित की है, जो गलत है, क्योंकि एमपीपीएससी की अधिसूचना प्रशासन की तिथि 20 मार्च 2024 है, जबकि छत्तीसगढ़ पीएससी की प्रकाशन की तिथि 21 (22 मार्च )2024 थी.

सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 - शासन-प्रशासन के कार्यों को और अधिक पारदर्शी बनाने सहित कुशल क्रियान्वयन के लिए प्रशिक्षण संपन्न

रायपुर-  छत्तीसगढ़ शासन, सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा मंत्रालय महानदी भवन में मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव, विशेष सचिव, संयुक्त सचिव, उप सचिव तथा अवर सचिव की निजी स्थापना में पदस्थ स्टेनो संवर्ग, स्टाफ ऑफिसर, निज सचिव, निज सहायक, शीघ्रलेखक, स्टेनो टायपिस्ट सहित अन्य अधिकारियों-कर्मचारियों को सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 विषय पर दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।

प्रशिक्षण के शुभारंभ अवसर पर सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव अन्बलगन पी. ने सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 विषय पर प्रशिक्षण की आवश्यकता एवं उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज सूचना क्रांति के दौर में नित नई-नई सूचनाएं हमें मिलती रहती है। उन्होंने कहा कि शासन के नियमों और अधिनियमों की जानकारी सभी शासकीय सेवकों को मिलनी चाहिए। निजी स्टाफ को शासन-प्रशासन की महत्वपूर्ण जानकारी के रूप में सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 से परिचित होना जरूरी है। उन्हें जन सूचना अधिकारी व अपीलीय अधिकारी के नाम व विभाग में किस पद पर कार्यरत है, उसकी जानकारी होना चाहिए ताकि वह सीधे संबंधित अधिकारी से पत्राचार कर सके। निजी स्टाफ जितना जानकार होगा, शासन-प्रशासन के कार्यों में और अधिक पारदर्शी व तेजी से कार्य का संचालन संभव होगा। सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 शासन-प्रशासन की पारदर्शिता एवं जवाबदेही हेतु मुख्यालय से लेकर हर स्तर पर शासकीय कार्यालय में लागू किया गया है, जिसे जानना हर एक शासकीय सेवक का दायित्व एवं कर्तव्य है।

छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयोग से प्रशिक्षक के रूप में उपस्थित डॉ. गीता दीवान, अतुल वर्मा, जे. अग्रवाल व लोकेश के द्वारा सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 के तहत् प्राप्त होने वाले पत्रों की जानकारी, उस पर कार्यवाही तथा जनसूचना अधिकारी एवं प्रथम अपीलीय अधिकारी के दायित्वों व कर्तव्यों से संबंधित विषय पर विभिन्न विभागों के उदाहरण के साथ विस्तार से जानकारी दी गयी। सामान्य प्रशासन विभाग की अवर सचिव अंशिका ऋषि पाण्डेय के द्वारा सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 की विभिन्न धाराओं की जानकारी के बारे में प्रशिक्षणाथियों से सवाल-जवाब किया गया। साथ ही प्रशिक्षण के बारे में फीडबैक भी प्रदान करने कहा गया ताकि आने वाले समय में और अधिक प्रभावी रूप से अधिकारियों-कर्मचारियों को उचित प्रशिक्षण प्रदान किया जा सके।

प्रशिक्षण सत्र के अंत में देवलाल भारती, अवर सचिव इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के द्वारा राज्य सूचना आयोग के प्रशिक्षकों के साथ ही सभी उपस्थित अधिकारियों-कर्मचारियों को प्रशिक्षण में भाग लेने तथा सामान्य प्रशासन विभाग के द्वारा अधिक सजग एवं जागरूक करने के उद्देश्य से सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 विषय पर प्रशिक्षण कार्यकम आयोजन करने के लिए आभार व्यक्त किया गया। साथ ही ऐसे प्रशिक्षण हर एक स्तर पर शासकीय सेवकों को दिए जाने के लिए कहा गया।