नवादा :- बढ़ती गर्मी से लोगों को पीने के पानी के लिए भटकना पड़ रहा है, नदी में गड्ढा खोदकर समस्त ग्रामीण बुझा रहे हैं परिवार व अपनी प्यास।
रोहिणी नक्षत्र का प्रवेश हो चुका है भूगर्भीय जलस्तर में गिरावट का दौर जारी है और। ऐसे में जंगल पहाड़ में निवास करने वालों के लिए पेयजल एक समस्या है।जिले के उग्रवाद प्रभावित रजौली प्रखंड क्षेत्र के सवैयाटांड़ पंचायत की टोपा पहाड़ी, फगुनी व टिटहियां गांव में गर्मी के मौसम में पानी का संकट गहराता जा रहा है।
गांव से कुछ दूर पर पहाड़ी नदी है। वर्षा होने से नदी में पानी का बहाव होता है, वरना वो भी सूखा ही रहता है। उसी नदी में गढा खोद ग्रामीण पानी का इंतजाम करते हैं। ग्रामीण बताते हैं कि नदी में गढ्ढा खोद कर छोड़ दिया जाता है। रात भर रिसाव के कारण पानी से भर जाता है। फिर ग्रामीण उसी पानी का इस्तेमाल करते हैं। बरसात को छोड़ कर सालों भर यही हाल है। इन गांवों में पानी की परेशानी रोजमर्रा की बात है। सुबह होते ही गांव की महिलाएं व पुरूष बर्तन-गैलन लेकर नदी की ओर दौड़ पड़ते हैं। कटोरी- प्लेट के जरिए गढ्ढा से पानी निकालते हैं और तसला, बाल्टी आदि में पानी भरते हैं।
ग्रामीणों की कोशिश होती है कि सभी लोगों को पर्याप्त मात्रा में पानी मिल जाए, जिससे दिन भर का काम चल जाए। हालांकि जरूरत पड़ने पर दिन में भी गढ्ढा के पास दौड़ लगानी पड़ती हैं। ग्रामीण बताते हैं गर्मी का मौसम आफत बनकर आता है। पानी की समस्या विकराल हो जाती है। बरसात का मौसम पानी की समस्या से निजात तो दिलाता है, लेकिन जिंदगी गंदे पानी पर ही कटती है। बारिश होने पर इधर-उधर पानी जम जाता है। अभ्रक खदानों में भी पानी भर जाता है जिससे प्यास बुझाने में मदद मिलती है।
फगुनी गांव में एक कुआं है जिसमें बीरिश होने पर पानी रहता है। गर्मी में वह कुआं भी सूख जाता है। ग्रामीण बताते हैं कि बसरौन गांव में नल-जल योजना के तहत काम कराया गया है लेकिन समुचित लाभ नहीं मिल पा रहा है ।
एक घंटे में मुश्किल से एक बाल्टी पानी भर पाता है। जानकारी के अनुसार सवैयाटांड़ पंचायत की बसरौन, टोपा पहाड़ी, फगुनी व टिटहियां गांवों की आबादी तकरीबन पांच हजार की है जो पानी के लिए रोजाना कड़ी मशक्कत करते हैं। वैसे बसरौन गांव स्थित सरकारी स्कूल में चापाकल है। साथ ही गांव में एक और चापाकल है।
निजी घरों में भी एक-दो घरों में चापाकल है कुआं भी है जिससे बसरौन के लोगों को राहत मिलती है, लेकिन फगुनी, टोपा पहाड़ी व टिटहियां में पानी की घोर किल्लत है। मुखिया नारायण सिंह बताते हैं कि जिला प्रशासन से टैंकर उपलब्ध कराया गया है,
लेकिन उसमें भी पानी भरने की चुनौती है। सपही में एक पुराना कुआं है, जिससे पानी भरने की तैयारी की जा रही है। पानी की सफाई की व्यवस्था की जा रही है।
ब्लीचिंग पाउडर, दवा आदि का छिड़काव कराने की तैयारी है, जिससे पानी पीने लायक हो जाए, तभी उस कुएं से टैंकर में पानी भरकर प्रभावित गांवों तक पहुंचाया जाएगा।
नवादा से राकेश कुमार चंदन की रिपोर्ट !
May 31 2024, 20:13