रॉबर्ट वाड्रा के बाद अमेठी पर राहुल गांधी का बड़ा बयान
गाजियाबाद: कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद राहुल गांधी ने बुधवार को कहा कि वह लोकसभा चुनाव के लिए अमेठी से उम्मीदवारी पर पार्टी के फैसले से सहमति दिखाई है। यह बयान उनके बहनोई रॉबर्ट वाड्रा की टिप्पणी के कुछ दिनों बाद आई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि अमेठी के लोग चाहते हैं कि उत्तर प्रदेश की सीट से वह चुनाव लड़ें। 2019 के आम चुनाव तक अमेठी कांग्रेस का गढ़ था, जब बीजेपी की स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी को हराया था। राहुल गांधी ने 2019 में केरल के वायनाड से चुनाव जीता था। उन्हें कांग्रेस ने इस निर्वाचन क्षेत्र से फिर से उम्मीदवार बनाया है।
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अखिलेश यादव के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जब राहुल गांधी से अमेठी में उनकी योजनाओं के बारे में पूछा गया , तो कांग्रेस नेता ने कहा, "अमेठी पर पार्टी फैसला करेगी। मुझे जो भी आदेश मिलेगा, मैं उसका पालन करूंगा।" राहुल गांधी ने दावा किया कि कांग्रेस पार्टी में चुनावी फैसले केंद्रीय चुनाव समिति लेती है।
अमेठी और वायनाड दोनों में 26 अप्रैल को मतदान होगा।ऐसी अटकलें हैं कि राहुल गांधी अमेठी से और प्रियंका गांधी वाड्रा अपनी मां सोनिया गांधी की सीट रायबरेली से लोकसभा चुनाव लड़ेंगी।वही सोनिया गांधी को राज्यसभा के लिए चुना गया है ।
कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने कहा कि राहुल गांधी चुनाव से नहीं डरते हैं और पार्टी अमेठी पर फैसला लेगी। वह इस देश के एक बड़े सेनानी हैं...उनके पास बहुत अच्छी जानकारी है क्योंकि उन्होंने पूरे देश में दौरा किया है।' मैंने ऑन रिकॉर्ड यह भी कहा कि एनडीए अपनी सरकार नहीं बनाने जा रहा है, भारत अपनी सरकार बनाएगा।'' राहुल गाँधी के वायनाड दौरे के पहले उन्होंने कहा “ मुझे पता है, कल मैं चुनाव प्रचार के लिए वायनाड जा रहा हूं। मुझे लगता है कि (सीईसी) इस पर फैसला लेगा।
रॉबर्ट वाड्रा ने क्या कहा?
प्रियंका गांधी वाद्रा के पति रॉबर्ट वाद्रा ने हाल ही में कहा था कि देश में एक धर्मनिरपेक्ष सरकार बननी चाहिए. अमेठी से चुनाव लड़ने के सवाल पर उन्होंने कहा कि देश के कई हिस्सों से लोग चाहते हैं कि वह चुनाव मैदान में उतरें। “मुझे इस निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने की मांग देश के विभिन्न कोनों से आ रही है। लोग मेरी कड़ी मेहनत को समझते हैं और चाहते हैं कि मैं उनके निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करूं ताकि विकास हो सके और उनके सामने आने वाली समस्याओं का समाधान हो सके, ”वाड्रा ने एक सवाल के जवाब में कहा। उन्होंने कहा, "चाहे मैं राजनीति में रहूं या नहीं, मैं जनता के लिए कड़ी मेहनत करना जारी रखूंगा।"







अयोध्या में आज अध्यात्म और विज्ञान के संगम का विहंगम दृश्य देखने को मिला। रामनवमी के खास मौके पर अयोध्या के राम मंदिर में उस वक्त अद्भूत नजारा देखने को मिला, जब प्रभु श्री राम के ललाट पर सूर्य तिलक किया गया। दोपहर 12 बजकर 01 मिनट से शुरू हुआ यह सूर्य अभिषेक करीब पांच मिनट तक होता रहा। इस घटना को दुनिया कौतुक से देखती रही।आज 500 साल बाद अयोध्या वासियों और देश के लिए ये खास अवसर आया है। राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद ये पहली रामनवमी है। इस खास मौके पर अयोध्या में रामनवमी के मौके पर रामलला का सूर्य की किरणों ने तिलक किया गया। इस मौके पर रामलला का विशेष श्रृंगार भी किया गया। 500 साल बाद अभिजीत मुहूर्त में रामलला के विग्रह का सूर्याभिषेक किया गया।इस सूर्याभिषेक के दौरान तकरीबन 4 से 6 मिनट तक रामलला की मूर्ति के मस्तक पर सूर्य तिलक किया गया। सूर्य की रोशनी रामलला पर इस तरह पड़ीं, मानो भगवान राम को सूर्य तिलक लगाया हो। इस दृश्य ने हर किसी का मन मोह लिया।इस सूर्य तिलक के लिए वैज्ञानिकों ने कई महीने से तैयारी की थी। इसके लिए कई ट्रायल किए गए। आज दोपहर में जैसे ही घड़ी में 12 बजकर 01 मिनट हुए सूर्य की किरणें सीधा राम के चेहरे पर पहुंच गईं। 12 बजकर एक मिनट से 12 बजकर 6 मिनट तक सूर्य अभिषेक होता रहा। पूरे पांच मिनट तक यह प्रक्रिया चली। वैज्ञानिकों ने बीते 20 वर्षों में अयोध्या के आकाश में सूर्य की गति अध्ययन किया है। सटीक दिशा आदि का निर्धारण करके मंदिर के ऊपरी तल पर रिफ्लेक्टर और लेंस स्थापित किया है। सूर्य रश्मियों को घुमा फिराकर रामलला के ललाट तक पहुंचाया गया। सूर्य की किरणें ऊपरी तल के लेंस पर पड़ीं। उसके बाद तीन लेंस से होती हुई दूसरे तल के मिरर पर आईं। अंत में सूर्य की किरणें रामलला के ललाट पर 75 मिलीमीटर के टीके के रूप में दैदीप्तिमान होती रहीं और ये लगभग पांच मिनट तक टिकी रहीं। सूर्य तिलक होने के बाद भगवान श्री राम की विशेष पूजा की गईं और आरती उतारी गई।आज अयोध्या में लगभग 25 लाख भक्तों के पहुंचने का अनुमान लगाया गया है।रामनवमी में भक्तों की भीड़ को देखते हुए दर्शन का समय बढ़ाकर 19 घंटे कर दिया गया है, जो मंगला आरती से प्रारंभ होकर रात्रि 11 बजे तक चलेगा। रामनवमी के मौके पर मंदिर रात 11 बजे तक खुला रहेगा। बीच-बीच में भोग और आरती भी होगी।


Apr 17 2024, 15:25
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