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पत्नी कांग्रेस विधायक, पति बसपा उम्मीदवार ! बालाघाट में घर तक आई चुनावी लड़ाई, अलग-अलग रहने की नौबत

मध्य प्रदेश की बालाघाट लोकसभा सीट पर मुंजारे परिवार के भीतर राजनीतिक मुकाबला एक अनोखे परिदृश्य में बदल गया है। इधर, कांग्रेस विधायक अनुभा मुंजारे को उनके पति बसपा प्रत्याशी कंकर मुंजारे ने 19 अप्रैल को मतदान वाले दिन तक दूरी बनाए रखने की हिदायत दी है।

अनुभा मुंजारे ने खुलासा किया कि उनके पति ने अलग-अलग राजनीतिक विचारधाराओं के कारण एक साथ रहने पर मिलीभगत की संभावित धारणाओं पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने 2023 के विधानसभा चुनावों में अपनी साझा भागीदारी को याद किया, जहां उन्होंने बालाघाट सीट से कांग्रेस के लिए चुनाव लड़ा था, जबकि उन्होंने जिले की परसवाड़ा सीट से गोंडवाना गणतंत्र पार्टी का प्रतिनिधित्व किया था। अनुभा ने अचानक अलग होने की आवश्यकता पर भी सवाल उठाए, उन्होंने कहा कि जब हम पिछली बार अलग नहीं रहे थे, तो अब क्या जरुरत पड़ गई ?

33 साल से शादीशुदा होने और अपने बेटे के साथ खुशी से रहने के बावजूद, अनुभा ने अपने वैवाहिक सद्भाव और वर्तमान स्थिति के बीच विरोधाभास पर प्रकाश डाला। उन्होंने ग्वालियर के सिंधिया जैसे परिवारों के उदाहरण बताए, जो अलग-अलग राजनीतिक संबद्धताओं के बावजूद सह-अस्तित्व में हैं। जबकि अनुभा ने बालाघाट लोकसभा सीट के लिए कांग्रेस उम्मीदवार सम्राट सरस्वर को अपना पूरा समर्थन देने का वादा किया, और कहा कि प्रचार अभियान के दौरान वे अपने पति के बारे में गलत नहीं बोलेंगी। उन्होंने कहा कि हम बालाघाट में भाजपा को हराने पर जोर देंगे। 

वहीं, कंकर मुंजारे ने अपना रुख दोहराते हुए जोर देकर कहा कि परस्पर विरोधी विचारधारा वाले व्यक्तियों का सहवास 'मैच फिक्सिंग' के संदेह को आमंत्रित करेगा। उन्होंने अपनी पत्नी को अल्टीमेटम जारी करते हुए 19 अप्रैल तक अनुपस्थित रहने या घर से अलग रहने की हिदायत दी।

सिंधिया परिवार का गढ़ गुना, राजघराने के आगे जातिवाद की राजनीति का भी असर नहीं

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गुना सीट का गणित है काफी दिलचस्प

गुना में नहीं होता जातिवाद की राजनीति का असर

यहां पार्टी नहीं, सिंधिया उम्मीदवार रखता है मायने

नेहरू के कहने पर चुनावी मैदान में उतरा सिंधिया परिवार

1957 में राजमाता ने पहली बार जीता लोकसभा चुनाव

कभी ग्वालियर रियासत का हिस्सा रही गुना लोकसभा सीट मध्य प्रदेश की हाई प्रोफाइल सीट मानी जाती है। भले ही सिंधिया परिवार राजशाही से लोकशाही में आ गया हो पर यहां के लोग इस खानदान को काफी सम्मान देते हैं। गुना सीट का गणित काफी दिलचस्प है। यहां पार्टी कोई मायने नहीं रखती, दिखता है बस सिंधिया उम्मीदवार का नाम। शायद यही वजह है कि 1977 में माधवराव सिंधिया निर्दलीय चुनाव में उतरे तो भी बड़े अंतर से जीते।

नेहरु ने सिंधिया परिवार को मनाया

सिंधिया राजपरिवार का चुनावी संबंध भारत के आजाद होने के बाद से शुरु हुआ है। राजतंत्र समाप्त होने के बाद जीवाजी राव सिंधिया का कद गुना क्षेत्र में बढ़ रहा था। उनकी उभरती हुई छवि को देखते हुए पंडित जवाहरलाल नेहरु उन्हें गुना सीट से चुनाव लड़ाना चाहते थे। लेकिन जब वे तैयार नहीं हुए तो ग्वालियर की राजमाता विजयाराजे सिंधिया को चुनाव लड़ने के लिए मनाया गया। साल 1957 में राजमाता ने कांग्रेस के टिकट से पहली बार लोकसभा का चुनाव जीता।

सिंधिया परिवार में दिखा तनाव

राजमाता सिंधिया के बाद उनके बेटे माधवराव सिंधिया भी बहुत जल्द राजनीति में उतर गए थे। मात्र 26 साल की युवा उम्र में माधवराव सिंधिया ने जनसंघ के टिकट पर चुनाव जीता। साल 1977 में माधवराव ने जनसंघ से किनारा कर लिया और निर्दलीय ही चुनावी मैदान में उतरने का फैसला किया। उन्होंने निर्दलीय खड़े होकर भी गुना सीट पर जीत हासिल की। आगे चलकर साल 1980 में उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीता। राजनीति के चलते माधवराव और उनकी मां राजमाता विजयाराजे सिंधिया के बीच राजनीतिक मतभेद शुरु हो गया और विचारधारा अलग-अलग हो जाने के कारण दोनों विरोधी पार्टियों में चले गए। साल 1989 में गुना लोकसभा सीट से विजयाराजे सिंधिया ने भाजपा के टिकट से चुनाव लड़कर कांग्रेस के महेंद्र सिंह को करारी मात दी। विजयाराजे सिंधिया ने इसके बाद लगातार चार बार भाजपा के टिकट से चुनाव जीता।

ज्योतिरादित्य संभाल रहे राजनीतिक विरासत

माधवराव सिंधिया ने गुना सीट से कुल चार चुनाव जीते। साल 1999 में उन्होंने आखिरी बार चुनाव जीता था। इसके बाद साल 2001 में एक विमान हादसे में उनकी असमय मौत हो गई थी। जिसके बाद उनके बेटे ज्योतिरादित्य सिंधिया का सियासी सफर शुरु हुआ। साल 2002 के उप-चुनाव में उन्हें मैदान में उतारा गया और उन्होंने अपने पिता की सीट से कांग्रेस को जीत दिलाई।

गुना में जातिवाद की राजनीति का असर नहीं

गुना सीट के चुनावी इतिहास देखने पर पता चलता है कि यहां पर सिंधिया राजघराने का वर्चस्व रहा है। राजमाता विजयाराजे यहां से 6 बार सांसद रहीं, उनके बेटे माधवराव चार बार लोकसभा का चुनाव जीतकर यहां से सांसद बने। फिर ज्योतिरादित्य सिंधिया भी तीन बार गुना सीट से सांसद रहे। फिर भी जातिवाद की राजनीति यहां बेअसर रही। जातिवाद का कार्ड यहां नहीं चल पाने का सबसे बड़ा कारण ही सिंधिया परिवार है। सिंधिया परिवार के प्रति लोगों का प्रेम अब भी बरकरार है और स्थानीय लोग अब भी रियासत के हिसाब से सिंधिया परिवार को देखते हैं।

केजरीवाल की मंत्री आतिशी का बड़ा दावा, बोलीं- मुझे बीजेपी ज्वाइन करने के लिए संपर्क किया, चार और गिरफ्तारियों की भी कही बात

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दिल्ली मंत्री आतिशी ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा कि ईडी मेरे घर पर छापेमारी कर सकती है और आने वाले दिनों में मुझे भी जेल में डाला जा सकता है। वहीं उन्होंने यह भी कहा कि सौरभ भारद्वाज, राघव चड्ढा और दुर्गेश पाठक को भी गिरफ्तार किया जा सकता है। आतिशी ने दावा करते हुए कहा, मुझे बताया गया कि अगर एक महीने में बीजेपी ज्वाइन नहीं की तो ईडी गिरफ्तार कर लेगी।

2 महीने में पार्टी के 4 नेताओं की गिरफ्तारी का प्लान

प्रेस कॉन्फ्रेंस में आतिशी ने कहा कि पहले हमारे बड़े नेताओं को गिरफ्तार किया गया। अब इनका प्लान है कि आने वाले 2 महीने में आम आदमी पार्टी के 4 नेताओं को और गिरफ्तार करें। आतिशी ने कहा कि मुझे बताया गया कि आने वाले कुछ ही दिनों में मेरे और मेरे रिश्तेदारों के घर में ईडी की रेड होगी। उसके बाद हम सब लोगों को समन भेजे जाएंगे और उसके कुछ ही समय बाद हमें गिरफ्तार किया जाएगा। मेरे अलावा आप सांसद राघव चड्‌ढा, सौरभ भारद्वाज, दुर्गेश पाठक को भी गिरफ्तार करने की तैयारी है। आतिशी ने कहा ईडी ने कल कोर्ट में मेरा और सौरभ भारद्वाज का नाम लिया। उस बयान के आधार पर जो ईडी और सीबीआई के पास पिछले डेढ़ साल से है। ये स्टेटमेंट ईडी की चार्जशीट में भी है।

बीजेपी ज्वाइन नहीं की तो कसेगा ईडी का शिकंजा

आप नेता ने कहा, मुझे बताया गया कि अगर एक महीने में बीजेपी ज्वाइन नहीं की तो ईडी गिरफ्तार कर लेगी। मुझसे कहा गया है कि आप अपना पॉलिटकल करियर बचा लीजिए या फिर जेल जाने के लिए तैयार रहिए। आतिशी ने कहा कि, कल शाम को मैंने ट्वीट करके बताया था कि आज बहुत ही सनसनीखेज खबर आपके सामने रखूंगी। मैं बताना चाहती हूं कि बीजेपी ने मेरे बहुत ही करीबी व्यक्ति के जरिए बीजेपी ज्वाइन करने के लिए कहा गया।

जब तक सजा ना हो इस्तीफा नहीं देने का कानून नहीं-आतिशी

वहीं, केजरीवाल को सीएम पद छोड़ने को लेकर आतिशी ने कहा, जनप्रतिनिधि कानून कहता है कि जब तक सजा ना हो इस्तीफा नहीं देना होगा। उनके पास पूरा बहुमत है। अगर वो इस्तीफा देते तो बीजेपी के लिए एक एसओपी हो जाएगा। तो वो कहीं भी किसी भी मुख्यमंत्री को गिरफ्तार कर कह सकते हैं कि संवैधानिक संकट हो गया इसलिए राष्ट्रपति शासन लगा दो। आतिशी ने आगे कहा कि ईडी को पूछताछ करनी थी तो 11 दिनों तक पूछताछ कर ली। फिर कल न्यायिक हिरासत में क्यों भेजा? क्योंकि अरविंद केजरीवाल को चुनावों से दूर रखना था।

वीवीपैट पर्चियों की पूरी गिनती की मांग, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और चुनाव आयोग से मांगा जवाब

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सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव में सभी वोटर वेरिफिएबल पेपर आडिट ट्रेल यानी वीवीपैट पर्चियों की गिनती की मांग करने वाली याचिका पर निर्वाचन आयोग और केंद्र से सोमवार को जवाब मांगा है। वर्तमान में परिस्थितियों में वीवीपैट पर्चियों के माध्यम से किसी भी पांच चयनित ईवीएम का सत्यापन किया जाता है। दरअसल, वीवीपैट एक स्वतंत्र वोट सत्यापन प्रणाली है, जो मतदाता को यह देखने की अनुमति देता है कि उसका वोट सही तरीके से डाला गया है या नहीं। 

सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में चुनाव आयोग के दिशानिर्देश को चुनौती दी गई है, जिसमें कहा गया है कि वीवीपैट सत्यापन क्रमिक रूप से किया जाएगा। याचिका में कहा गया है कि चुनाव न केवल निष्पक्ष होना चाहिए बल्कि दिखना भी चाहिए, क्योंकि सूचना के अधिकार को भारत के संविधान के आर्टिकल 19(1) (ए) और 21 के संदर्भ में भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का हिस्सा माना गया है।

जस्टिस बीआर. गवई और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने चुनाव में सभी वीवीपैट पर्चियों की गिनती का अनुरोध करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता अरुण कुमार अग्रवाल के वकीलों की दलीलों पर गौर करने के बाद याचिका पर आयोग और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया। मामले में अगली सुनवाई 17 मई को हो सकती है।

सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिका में कहा गया है कि यदि वीवीपैट पार्चियों का एक साथ सत्यापन किया जाता है तो प्रत्येक लोकसभा क्षेत्र में गिनती के लिए अधिक अधिकारी तैनात करने होंगे और पूरा सत्यापन पांच से छह घंटे में किया जा सकता है। याचिका में बताया कि सरकार ने 24 लाख वीवीपैट खरीदे हैं, जिसमें लगभग पांच हजार करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं, बावजूद इसके करीब 20 हजार वीवीपैट की पर्चियां ही सत्यापित हो सकती हैं।

वीवीपीएटी वोट सत्यापन प्रणाली है जो मतदाता को यह देखने की अनुमति देती है कि उसका वोट उसी उम्मीदवार को गया है या नहीं, जिसे उसने वोट दिया है। वीवीपैट के जरिये मशीन से कागज की पर्ची निकलती है जिसे मतदाता देख सकता है।इस पर्ची को एक सीलबंद डिब्बे में रखा जाता है और विवाद की स्थिति में इसे खोला जा सकता है। बता दें, आठ अप्रैल 2019 को शीर्ष अदालत ने प्रत्येक लोकसभा में वीवीपैट पर्चियों के माध्यम से गुजरने वाली ईवीएम की संख्या को एक से बढ़ाकर पांच करने का आदेश दिया था।

अरूणाचल प्रदेश का नाम बदलने पर एस जयशंकर की चीन को दो टूक, बोले-आपके घर का नाम बदलने से वो मेरा नहीं होगा

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चीन ने एक बार फिर भारत के पूर्वोतर में स्थित राज्य अरूणाचल प्रदेश को लेकर अपनी निगाहैं टेढ़ी की है। चीन ने अरुणाचल प्रदेश के 30 स्थानों को नया नाम दिया है। इस पर भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने करारा जवाब दिया है। 

चीन की तरफ से अरुणाचल प्रदेश को अपना बताने के दावे पर सोमवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर कहा, अगर आज मैं किसी घर का नाम बदल दूं तो क्या वो मेरा हो जाएगा। अरुणाचल प्रदेश हमेशा से भारत का राज्य था, है और रहेगा। नाम बदलने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा। आप सब जानते हैं कि हमारी सेना वहां (एलएसी पर) तैनात है. सेना के लोग जानते हैं कि उन्हें वहां क्या करना है।

दरअसल, चीन की सरकारी मीडिया ‘ग्लोबल टाइम्स’ ने रविवार को बताया कि चीनी नागरिक मामलों के मंत्रालय ने जंगनान में भौगोलिक नामों की चौथी लिस्ट जारी की है। मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट पर इस क्षेत्र के लिए 30 अतिरिक्त नाम पोस्ट किए गए हैं। इनमें 11 रिहायशी इलाके, 12 पर्वत, 4 नदियां, एक तालाब और एक पहाड़ों से निकलने वाला रास्ता शामिल है। नामों को चीनी, तिब्बती और रोमन में जारी किया गया था।

जब चीन ने अरुणाचल की जगहों का नाम बदला हो। चीन ने अप्रैल 2023 में अपने नक्शे में अरुणाचल प्रदेश की 11 जगहों के नाम बदल दिए थे। चीन ने पिछले 5 साल में तीसरी बार ऐसा किया था। इसके पहले 2021 में चीन ने 15 जगहों और 2017 में 6 जगहों के नाम बदले थे।

दरअसल, चीन ने कभी अरुणाचल प्रदेश को भारत के राज्य के तौर पर मान्यता नहीं दी। वो अरुणाचल को ‘दक्षिणी तिब्बत’ का हिस्सा बताता है और उसे जांगनान कहता है। उसका आरोप है कि भारत ने उसके तिब्बती इलाके पर कब्जा करके उसे अरुणाचल प्रदेश बना दिया है। हालांकि, चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश के स्थानों का नाम बदलने की कवायद को भारत खारिज करता रहा है।

केजरीवाल पहुंच गए जेल पर कहां हैं राघव चड्ढा ? चर्चाओं का बाजार है गर्म

#where_is_raghav_chadha_after_arvind_kejriwal_s_arrest 

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल किहाड़ पहुंच गए हैं। दिल्ली शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने सोमवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया। जहां से उन्हें अब न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। कोर्ट ने केजरीवाल को 15 अप्रैल तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेजा है।

गिरफ़्तारी के बाद से ही आम आदमी पार्टी के समर्थक और कार्यकर्ता सड़कों पर हैं। केजरीवाल के बाद आतिशी, सौरभ भारद्वाज, संदीप पाठक, गोपाल राय सहित अन्य नेताओं ने मोर्चा संभाले रखा है। खुद अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल भी अब सामने हैं। हालांकि, पार्टी पर आए इस गंभीर संकट के बीच अक्सर सीएम केजरीवाल के साथ दिखने वाले पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा कहीं नजर नहीं आ रहे हैं। 

आम आदमी पार्टी का मुखर चेहरा माने जाने वाले राघव चड्ढा को लेकर सोशल मीडिया पर कई सवाल किए जा रहे हैं। लोकसभा चुनाव सिर पर है, वहीं, मुख्यमंत्री और पार्टी के संयोजक की गिरफ़्तारी हो चुकी है। इस अहम मौके पर भी राघव चड्ढा चुप्पी सौ सवाल कर रही है। ऐसे में चर्चाओं का होना लाजमी है।

मीडिया रिपोर्टों में ये कहा जा रहा है कि राघव आँखों की सर्जरी के लिए लंदन में हैं।अरविंद केजरीवाल की गिरफ़्तारी के अगले दिन अंग्रेज़ी अख़बार टाइम्स ऑफ़ इंडिया ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी, जिसके अनुसार राघव चड्ढा आठ मार्च से ही लंदन में हैं। राघव चड्ढा ने नौ मार्च को लंदन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स के लंदन इंडियन फ़ोरम में भी भाषण दिया था। इसकी जानकारी राघव चड्ढा ने ख़ुद ट्वीट करके दी थी।राघव चड्ढा ने इसके बाद किए ट्वीट में बताया कि उन्होंने अपनी पत्नी और अभिनेत्री परिणीति चोपड़ा के साथ 20 मार्च को ब्रिटेन की संसद में साप्ताहिक होने वाले 'प्राइम मिनिस्टर क्वेश्चन्स' का हिस्सा बने। पीएमक्यू के दौरान ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक विपक्षी सांसदों के सवालों के जवाब देते हैं।

इस बीच ब्रिटेन की लेबर पार्टी की सांसद प्रीत कौर गिल ने राघव चड्ढा के साथ हुई मुलाक़ात की एक तस्वीर ट्वीट की। जिसके बाद बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने राघव चड्ढा की प्रीत गिल के साथ तस्वीर को शेयर करते हुए सवाल किया, भारत में चुनावों का एलान हो गया है लेकिन अरविंद केजरीवाल की आंखों का तारा माने जाने वाले राघव चड्ढा लंदन में हैं। क्यों? चड्ढा प्रीत गिल से संपर्क में क्यों हैं?

खास बात है कि दिल्ली शराब नीति से जुड़े घोटाले में सीएम केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय से लगातार एक के बाद एक 9 समन भेजे जा चुके थे। इस मामले पर एक्स पर राघव चड्ढा की तरफ से कोई खास रिएक्शन देखने को नहीं मिल रहा था। ऐसा नहीं था कि आप सांसद राजनीति से जुड़े मामलों से दूरी बनाए हुए थे। वे लगातार चंडीगढ़ मेयर चुनाव से जुड़े घटनाक्रमों पर अपनी राय व्यक्त कर रहे थे। चंडीगढ़ मेयर चुनाव में बीजेपी की कथित बेईमान से लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर उन्होंने लगातार पार्टी की आवाज को मजबूती से रखा था। इतना ही नहीं इंडिया गठबंधन की बैठक से लेकर समझौते पर भी अपनी राय जताई थी।

अरविंद केजरीवाल के सबसे क़रीबी लोगों में से एक माने जाने वाले राघव चड्ढा की ये चुप्पी सामान्य नहीं मानी जा रही है। सवाल उठ रहे हैं कि क्या राघव चड्ढा को गिरफ्तारी का डर सता रहा है ? शायद इसी वजह से उन्होंने इस मसले से किनारा कर लिया है। दरअसल, अरविंद केजरीवाल की गिरफ़्तारी के अगले दिन वरिष्ठ अधिवक्ता और कांग्रेस के पूर्व नेता कपिल सिब्बल ने प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने इस दौरान कहा था कि गिरफ़्तार होने वालों में अब अगला नंबर राघव चड्ढा का है। 

अरविंद केजरीवाल समेत आम आदमी पार्टी के बड़े चेहरे जैसे मनीष सिसोदिया, सतेन्द्र जेल में बंद है। ऐसे में अपने नाम का जिक्र सुन शायद राघव चड्ढा डर गए हैं? सवाल ये भी उठ रहे हैं कि क्या अपने बचाव के लिए राघव बीजेपी की शरण में तो नहीं आने वाले?

विदेशी लड़कियों के साथ रंगरलियां मनाते पकडे गए IAS अफसर के पति, पुलिस ने पत्नी को किया कॉल, जानिए क्या बोली IAS पत्नी


पंजाब के लुधियाना में एक ऐसी घटना सामने आई है, जिसने प्रशासनिक महकमे में हलचल मचा दी है. पूरे सूबे में एक महिला आईएएस अफसर के पति के करतूतों के बारे में चर्चा हो रही है. उसको एक होटल में एक विदेशी महिला के साथ रंगरलियां मनाते हुए धरा गया है. फिलहाल लुधियाना पुलिस ने आरोपी के खिलाफ अनैतिक तस्करी (रोकथाम) अधिनियम के तहत केस दर्ज कर लिया है. इस मामले की जांच की जा रही है.

जानकारी के मुताबिक, लुधियाना के थाना डिवीजन नंबर पांच की पुलिस को सूचना मिल रही थी कि सराभा नगर के एक होटल में सेक्स रैकेट संचालित किया जा रहा है. यहां अक्सर कुछ लोग देशी-विदेशी लड़कियों के साथ आते-जाते देखे जाते हैं. यहां तक कि नकली आईडी पर लोगों को कमरे किराए पर दिए जाते हैं. बीते शुक्रवार को भी स्थानीय लोगों से पुलिस को सूचना मिली कि कुछ लोग होटल में विदेशी लड़की के साथ दाखिल हुए हैं. 

इसके बाद पुलिस ने देर रात लुधियान के पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के गेट के सामने स्थित होटल में छापा मार दिया. वहां से दो पुरुष और दो महिला को रंगे हाथ रंगरेलियां मनाते हुए पकड़ लिया गया. पूछताछ में पता चला कि एक पुरुष की पत्नी पंजाब में आईएएस अफसर हैं. पुलिस ने उनको फोन करके इस मामले की सूचना दी, तो उन्होंने आरोपी के खिलाफ केस दर्ज करने के लिए कह दिया. पुलिस ने आरोपियों को हिरासत में ले लिया है.

बताते चलें कि पिछले साल सितंबर में भी इसी इलाके से पुलिस ने एक हाई प्रोफाइल सेक्स रैकेट का भंडाफोड़ किया था. पुलिस को सूचना मिली थी कि सराभा नगर इलाके में एक स्पा सेंटर की आड़ में सेक्स रैकेट चलाया जा रहा है. यूनिसेक्स डे स्पा सेंटर के मालिक इंद्रजीत सिंह, मैनेजर पल्लवी हांडा और एजेंट किरतप्रीत कौर सेंटर में अपने ग्राहकों के लिए लड़कियों की सप्लाई कर रहे हैं. सूचना के आधार पर पुलिस ने स्पा सेंटर पर छापा मार दिया.

एडीसीपी (अपराध) रूपिंदर कौर सरां ने बताया था कि एंटी नारकोटिक्स सेल और पुलिस की संयुक्त टीम ने स्पा सेंटर पर छापा मारा था. पुलिस ने मौके से मालेरकोटला के मो दिलशाद, राशिद, मॉडल टाउन एक्स के गुरमनप्रीत सिंह, मेहरबान के सोहम कुमार, पुनीत नगर के अमित वर्मा, थरीके की पल्लवी हांडा और अमृतसर की किरतप्रीत कौर को गिरफ्तार कर लिया था. यहां पुलिस देहव्यापार के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रही है.

आबकारी मामले में तिहाड़ जेल भेजे गए दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल, बैरक में अकेले रहेंगे, यहीं होगा उनका मेडिकल

आबकारी मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सोमवार को राउज एवेन्यू कोर्ट ने 15 अप्रैल तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. केजरीवाल को अब तिहाड़ जेल शिफ्ट किया जा रहा है. जहां उनको जेल नंबर-2 में रखा जाएगा. तिहाड़ में इस तरह की कुल 16 जेल हैं. इसमें 9 जेल तो तिहाड़ में ही मौजूद हैं जबकि 1 जेल रोहिणी और 6 जेल मंडोली में हैं. रोहिणी और मंडोली की जेलें भी तिहाड़ के अधीन आती हैं.

आबकारी मामले में ही जेल में बंद दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को तिहाड़ की जेल नंबर 1 में जबकि के.कविथा को महिला जेल नंबर 6 में और राज्यसभा सांसद संजय सिंह को जेल नंबर 5 में रखा गया है. जेल नंबर 6 तिहाड़ में है जबकि जेल नंबर 16 मंडोली में है. जेल भेजे जाने से पहले सारे कैदियों का जेल में ही मेडिकल होता है. मेडिकल की यह सुविधा 24 घंटे और सातों दिन उपलब्ध है. ऐसे में अरविंद केजरीवाल का मेडिकल भी तिहाड़ जेल में ही होगा. यहां पर दो मुख्य अस्पताल भी मौजूद है.

बताया जा रहा है कि केजरीवाल का मेडिकल एक डॉक्टर और उनकी टीम करेगी. जिसमें बीपी, शुगर चेक करेंगे, बाकी मेडिकल हिस्ट्री पूछा जाएगा. केजरीवाल की पूरी मेडिकल रिपोर्ट जेल रिकार्ड में रखी जाएगी. मेडिकल जांच पूरी होने के बाद केजरीवाल को जेल नंबर 2 में शिफ्ट कर दिया जाएगा. मेडिकल जांच की इस पूरी प्रक्रिया में कई घंटे का समय लगता है.

आबकारी मामले में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रही ईडी ने केजरीवाल को पेश करते हुए राउज एवेन्यू कोर्ट में कई हैरान करने वाले दावे भी किए. ईडी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने पूछताछ के दौरान बताया कि विजय नायर मुझे रिपोर्ट नहीं करता था, बल्कि आतिशी और सौरभ भारद्वाज को रिपोर्ट करता था. इस पर आम आदमी पार्टी के नेता जैस्मिन शाह ने पलटवार करते हुए ईडी की इस दलील पर सवाल उठाया. जैस्मिन शाह ने कहा कि जब विजय नायर को हिरासत में लिया गया था तब भी उन्होंने यही कहा था कि मैं मुख्यमंत्री को रिपोर्ट नहीं करता, मैं आतिशी और सौरभ भारद्वाज को रिपोर्ट करता हूं.

जैस्मिन शाह ने कहा कि अब सवाल उठता है कि ED ने डेढ़-दो साल बाद उस बयान को क्यों उठाया जो लिखित में उसके पास है? हमारे इन दो वरिष्ठ नेताओं आतिशी और सौरभ का नाम जो दिल्ली सरकार में मंत्री हैं, किस लिए लिया गया यह समझ में आ गया है. उन्होंने कहा, अरविंद केजरीवाल को जेल में डालने से पार्टी बंद नहीं होगी.

ज्ञानवापी केस में मस्जिद पक्ष को लगा तगड़ा झटका, जारी रहेगी पूजा, सुप्रीम कोर्ट ने दिया बड़ा फैसला

ज्ञानवापी मामले में मुस्लिम पक्ष को बड़ा झटका लगा है. शीर्ष अदालत ने कहा है कि व्यास जी तहखाने में पूजा जारी रहेगी. सुप्रीम कोर्ट ने व्यास तहखाने में पूजा करने के वाराणसी कोर्ट के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. इसके साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट ने हिंदू पक्ष को नोटिस भी जारी किया है. कोर्ट ने यथा स्थिति को लेकर आदेश जारी करते हुए मस्जिद का गूगल अर्थ इमेज पेश करने को कहा है.

आज हुई सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष की तरफ से वकील हुजैफा अहमदी ने कहा कि व्यास तहखाने के मामले में कब्जा देने के आदेश में 7 दिन का समय दिया गया। हाईकोर्ट ने राहत नहीं दी. वहां पूजा हो रही है. अहमदी ने कहा कि पिछले 30 साल से पूजा नहीं हुआ थी. ऐसे में यह अदालत निचली अदालत के आदेश पर रोक लगाए. यह मस्जिद के परिसर में है और इसको इजाजत देना उचित नहीं.

अहमदी ने कहा कि राज्य सरकार के आदेश पर 1993 से कब्जा हमारे पास था. पिछले 30 साल से पूजा नहीं हो रही थी. इस पर रोक लगाई जानी चाहिए. जिस पर सीजेआई ने कहा कि हाईकोर्ट ने यह पाया है कि पहले कब्जा व्यास परिवार के पास था. जिसके बाद अहमदी ने कहा कि यह उनका दावा है. कोई साक्ष्य नहीं है. यह मस्जिद की जगह है. मैं इतिहास में नहीं जाना चाहता. ऐसा आदेश सिविल कोर्ट कैसे दे सकती है.

अहमदी ने सुप्रीम कोर्ट के सामने दलील देते हुए कहा कि मामले में वाराणसी कोर्ट ने सिविल दावे से आगे जाकर आदेश दिया है. अहमदी ने कहा कि 1993 से 2023 तक कोई पूजा नहीं होती थी और 2023 में दावा किया गया और उस पर अदालत ने आदेश कर दिया और पूजा स्थल कानून को ध्यान में रखते हुए दिया गया.

अहमदी ने सुप्रीम कोर्ट के सामने दलील देते हुए कहा कि मामले में वाराणसी कोर्ट ने सिविल दावे से आगे जाकर आदेश दिया है. अहमदी ने कहा कि 1993 से 2023 तक कोई पूजा नहीं होती थी और 2023 में दावा किया गया और उस पर अदालत ने आदेश कर दिया और पूजा स्थल कानून को ध्यान में रखते हुए दिया गया.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी के पीएम मोदी सरकार पर ईवीएम फिक्सिंग के आरोप पर भाजपा ने चुनाव आयोग से की शिकायत

दिल्ली के रामलीला मैदान में रविवार को हुई INDIA गठबंधन की रैली में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ईवीएम फिक्सिंग के आरोप लगाते हुए मोदी सरकार को घेरा था. राहुल के इस बयान के खिलाफ बीजेपी ने अब चुनाव आयोग में शिकायत दी है.

दरअसल, राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी पर लोकसभा चुनावों में मैच फिक्सिंग करने की कोशिश करने का आरोप लगाते हुए कहा कि अगर भाजपा अपने प्रयासों में सफल हो गई, तो देश का संविधान बदल दिया जाएगा और लोगों के अधिकार छीन लिये जाएंगे. राहुल ने लोगों से अपील की थी कि वे इस मैच फिक्सिंग को रोकने के लिए पूरी ताकत से मतदान करें, क्योंकि यह संविधान और लोकतंत्र को बचाने का चुनाव है.

राहुल गांधी ने विपक्ष की रैली को संबोधित करते हुए कहा था, नरेन्द्र मोदी जी इस चुनाव में मैच फिक्सिंग करने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा था, ये बिना मैच फिक्सिंग, बिना ईवीएम (छेड़छाड़) एवं सोशल मीडिया और प्रेस पर दबाव डाले बिना 180 पार नहीं होने जा रहे हैं.

राहुल गांधी ने कहा था, कांग्रेस सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी है. चुनाव के बीच में ही सबसे बड़े विपक्षी दल के खाते फ्रीज कर दिए. उन्होंने दावा किया, धमकाया जाता है, सरकारों को गिराया जाता है, नेताओं को जेल में डाल दिया जाता है…यह मैच फिक्सिंग नरेन्द्र मोदी और तीन-चार सबसे बड़े अरबपति मिलकर कर रहे हैं.

बीजेपी ने राहुल के आरोपों पर निशाना साधते हुए कहा कि अतीत में कांग्रेस सरकार ने पार्टी के प्रथम परिवार को लाभ पहुंचाने के लिये पड़ोसी देश श्रीलंका के साथ एक सौदा करके कच्चातिवु द्वीप उसे सौंप दिया था. बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि विभाजनकारी राजनीतिक कांग्रेस के ‘डीएनए’ में है. पूनावाला ने कहा, कांग्रेस ने 1947 में धर्म के आधार पर देश का विभाजन और जम्मू-कश्मीर के एक हिस्से को पाकिस्तान के कब्जे में छोड़ने भी संकोच नहीं किया।