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मतदान के प्रति उदासीनता, को दूर करने, तथा मतदाताओं को जागरूक करने के लिए मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने जिले के प्रभारी संग की बैठक

सरायकेला : शहरी क्षेत्रों में मतदान के प्रति उदासीनता,निम्न मतदान प्रतिशत की प्रवृति के निराकरण और मतदान प्रतिशत में वृद्धि के उद्देश्य से लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 135 ख में वर्णित सवैतनिक अवकाश के प्रावधान के विषय में जानकारी देने हेतु आज वीडियो कान्फ्रेंसिंग के द्वारा मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी,

झारखण्ड के द्वारा सभी जिलों के जिला निर्वाचन पदाधिकारियों के साथ बैठक की ।

 सराइकेला खरसावां जिले से उक्त बैठक में जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह उपायुक्त रविशंकर शुक्ला, प्रशासक, नगर निगम, आदित्यपुर, उप विकास आयुक्त, उप निर्वाचन पदाधिकारी एवं विभिन्न औद्योगिक प्रतिष्ठानों में गठित मतदाता जागरूकता समूहों के नोडल अधिकारी जुड़े थे।

लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 135 ख के माध्यम से किसी भी व्यवसायिक उद्यम, कारखाने, औद्योगिक उपक्रम या अन्य प्रतिष्ठान में नियोजित और मतदान के लिए योग्य व्यक्ति को मतदान दिवस पर एक दिन के सवैतनिक अवकाश का प्रावधान किया गया है।

 लोक उपक्रमों, रेलवे,निजी क्षेत्र के औद्योगिक उपक्रमों एवं इकाइयों में नियोजित कर्मियों को मतदान पंजीकरण, निर्वाचन प्रक्रिया के बारे में जागरूक करने,  मतदान तिथि को सवैतनिक अवकाश के प्रावधान के बारे में जागरूकता के प्रसार और मतदान के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से उक्त संस्थानों में गठित मतदाता जागरूकता समूहों के साथ बैठक करने का निर्देश मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी महोदय द्वारा दिया गया।

शहरी क्षेत्रों और औद्योगिक इकाइयों में नियोजित कामगारों के मध्य मतदान के प्रति जागरूकता के प्रसार हेतु वोटर अवेयरनेस फोरम एक प्रभावी मंच हैं, जो अपने संस्थान के कर्मियों को वोटर हेल्पलाइन एप एवं वोटर सर्विस पोर्टल डाउनलोड करने, एप के माध्यम से मतदाता सूची में अपने नाम की जांच करने, क्विज, गेम्स,विमर्श आदि के माध्यम से मतदाता जागरूकता एवं सवैतनिक अवकाश संबंधी प्रावधानों का प्रचार कर मतदान प्रक्रिया को अधिक समावेशी बना सकते हैं।

मतदान के उपरांत वोटर अवेयरनेस फोरम के सदस्य ग्रुप सेल्फी लेने, मतदान के अनुभवों को साझा करने जैसी गतिविधियों में भाग ले सकते हैं।

जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह उपायुक्त नें सभी बीएलओ सुपरवाइजर के साथ की बैठक


सरायकेला : लोकसभा चुनाव को शांतिपूर्ण एवं निष्पक्ष तरीके से संपन्न कराने तथा मतदान केन्द्रो में मतदाताओं को बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने के उद्देश्य से आज समाहरणालय सभागार मे जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह उपायुक्त श्री रवि शंकर शुक्ला ने सभी बीएलओ सुपरवाइजर के साथ बैठक की। 

इस दौरान उन्होंने बिंदुवार चर्चा करते हुए BLO सुपरवाइजर को उनके भूमिका से अवगत कराते हुए बूथ मैनेजमेंट पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए। साथ हीं वोटर अवेयरनेस फोरम के माध्यम से शहरी मतदाताओं को मतदान करने के लिए जागरूक करने का निर्देश दिया। 

इसके अतिरिक्त पर्सन विद डिसेबिलिटी (पीडब्ल्यूडी) तथा 85 वर्ष से अधिक उम्र के मतदाताओं को चिन्हित कर उन्हें सूचीबद्ध करने, उनसे व्यक्तिगत संपर्क कर उन्हें पोस्टल बैलट से मतदान करने के बारे में जानकारी प्रदान करने एवं मतदान करने के लिए प्रेरित करने का भी निर्देश दिया।

    इसके अतिरिक्त उपायुक्त ने चुनाव के दौरान फोर्स के आवागमन, आवसान व अन्य सुविधाओं को लेकर सभी सम्बन्धित पदाधिकारी एवं बीएलओ सुपरवाइजर को निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव को निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराने के लिए जिला प्रशासन पूरी तरह से तैयार है। सभी प्रतिनियुक्त पदाधिकारी एवं कर्मी अपने जिम्मेदारियों का निर्वहन पूरी निष्ठा, लगन एवं ईमानदारी से करें। शहरी क्षेत्र समेत ऐसे मतदान केंद्र जँहा पूर्व के निर्वाचन मे मतदान प्रतिशत कम रहा है वैसे क्षेत्रो मे जागरूकता उदेश्य से मतदान प्रतिशत बढ़ाने हेतु लोगों को विभिन्न माध्यम से प्रेरित करें।

बैठक मे उपायुक्त के साथ मुख्य रुप से अपर नगर आयुक्त -सह- वरीय पदाधिकारी स्वीप एवं प्रशिक्षण निर्वाचन कोषांग श्री आलोक कुमार दुबे, निर्वाची निबंधन पदाधिकारी खरसावां विधानसभा -सह- अपर उपायुक्त श्री संजय कुमार दास, उप निर्वाचन पदाधिकारी श्री गौतम प्रसाद साहू एवं अन्य सम्बन्धित पदाधिकारी उपस्थित रहें।

सरायकेला: 12 वैकल्पिक फोटोयुक्त दस्तावेज दिखा कर,कर सकेंगे मतदान,

सरायकेला : लोकसभा आम निर्वाचन 2024 के तहत चुनाव का पर्व-देश का गर्व मतदान होना है। आगामी 13 मई 2024 को 10 सिंहभूम संसदीय निर्वाचन क्षेत्र एवं 11 खूंटी संसदीय निर्वाचन क्षेत्र मे मतदान होगा वही 08 रांची संसदीय निर्वाचन क्षेत्र मे आगामी 25 मई 2024 को मतदान होगा। 

ऐसे में मतदाताओं को मतदान करने से पहले मतदाता फोटो युक्त पहचान पत्र (ईपीक) प्रस्तुत करना है। यादि किसी कारणवश मतदाता मतदान केंद्र में ईपीक प्रस्तुत नहीं कर पाते हैं तो ऐसी स्थिति में मतदाता वैकल्पिक फोटो युक्त पहचान पत्र दिखाकर अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकते हैं।

12 अन्य दस्तावेज मान्य

मतदान के लिए ईपीक के अलावा 12 अन्य वैकल्पिक दस्तावेज मान्य हैं। इसमें पासपोर्ट, ड्राइविग लाइसेंस, राज्य या केंद्र सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों/पब्लिक लिमिटेड कंपनियों द्वारा अपने कर्मचारियों को जारी किए गए फोटोयुक्त सेवा पहचान पत्र, बैंकों या डाकघरों द्वारा जारी की गई फोटोयुक्त पासबुक, पेन कार्ड, राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) द्वारा जारी किए गए कार्ड, मनरेगा जॉब कार्ड, स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड (श्रम मंत्रालय), फोटोयुक्त पेंशन दस्तावेज,आधार कार्ड,सांसद/विधायक पार्षद को जारी कार्ड एवं विशिष्ट दिव्यांगता पहचान पत्र (यूडीआइडी) शामिल है।

झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा के लोकसभा प्रत्याशी दामोदर सिंह हांसदा का आदित्यपुर में किया गया स्वागत

सरायकेला : झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा के लोकसभा प्रत्याशी दामोदर सिंह हांसदा का आदित्यपुर इमली चौक के समीप हुआ जोरदार स्वागत ।

यहां दामोदर सिंह हांसदा ने सिधु-कान्हू ओर बाबा तिलका माझी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और कहा कि झारखंड में लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा का जो गठन हुआ है, और इसका उद्देश्य है कि झारखंड में अव्यवस्था कायम है उसके ऊपर बहुत मुखर होकर हमलोगों ने आवाज उठाया है ।

पहले यहाँ टाइगर जयराम महतो आवाज उठाते थे आज उनके साथ कई टाइगर ओर बूढ़े शेर भी शामिल है ।

उन्होंने कहा कि भूमि अधिग्रहण अधिनियम का बिना संसोधन किए लोगो का जमीन लूटा जा रहा है । उन लुटेरों का कड़ा जवाब देने के लिए झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा बनाया गया है। हर जगह सिर्फ लूट ही लूट मचा हुआ है ।

उन्होंने बताया कि 1994 से 2006 तक का गेल का रिपोर्ट है कि सिर्फ कोल्हान से साढ़े 14 हजार करोड़ का लूट हुआ है। तो आज 2006 से अब तक कितना हजार करोड़ का लूट हुआ होगा इसका अंदाजा लगाया जा सकता है जिसका अब तक कोई जांच नही हुआ है ।

जिसमे कॉरपोरेट राजनेता और सरकारी अधिकारी की मिली भगत है ओर सब मिलकर लूट मचाए हुए है झारखंड के इन लुटेरों से बचाने के लिए झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा के गठन हुआ है वही दामोदर सिंह हांसदा ने कहा कि आज आदित्यपुर के हाथियाडीह में जमीन अधिग्रहण कर प्लांट बनाया जा रहा जिसका विरोध ग्रामीणों ने प्रदर्शन व वह ग्रामीण थे जिनका जमीन उसमे गया है।

 वैसे विरोधियों या ग्रामीणों को जेल भेजने का काम किया जो सरकार जल जंगल जमीन की लड़ाई लड़ रही थी वह सरकार आज उन लुटेरों के साथ मिलकर झारखंड की भूमि को अधिग्रहण कर रही है ।

ग्रामीणों को जेल भेजने का काम कर रही है वही पक्षिम सिंहभूम की सांसद गीता कोड़ा को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि जिस सांसद को ग्रामीणों का साथ देना चाहिए व कांग्रेस को छोड़ अब नरेंद्र मोदी के पार्टी में चली गयी जो दुर्भाग्य की बात है ।

वही उन्होंने कहा कि हमारी तैयारी लोकसभा को लेकर हो चुकी है अभी तो हम सिर्फ लोगो से मिल रहे है लोगो का जो प्यार मिल रहा आप खुद देख रहे है।

 वहीं चुनाव में विस्थापन का मुद्दा है आदित्यपुर इंड्रस्ट्री एरिया में कई कंपनियां है और यहाँ के स्थानीय को उन कंपनियों में स्थायी नोकरी नही मिल रही है जबकि यहां स्थानीय नीति ही नही बनी है।

हल्की बारिश में आदित्यपुर नगर निगम की पोल खुली,पानी निकासी नही होने से जल जमाव,लोगों को हो रही परेशानी


सरायकेला : आदित्यपुर नगर निगम के वार्ड नंबर 17 की खुली पोल पानी निकासी न होने पर हल्की बारिश से ही सड़कों पर जलजमा होने लगा ।

लोगो को चलने में कठिनाई हो रही है। ऐसे में आदित्यपुर नगर निगम प्रशासक के बेहतर पानी निकासी के दावे खोखले नजर आ रहे हैं ।

नगर निगम 17 वार्ड ,सड़कों का हाल देखने वाला है बारिश अधिक होने पर शहर की कॉलोनियों में जलभराव होना लाजमी है पर नगर निगम कई महीनों से दावे कर रहा है, लेकिन नालों की सफाई तक नहीं कर पाया है ।

कॉलोनियों में नालियों की सफाई का कार्य अभी भी अधूरा पड़ा है कई स्थान तो ऐसे हैं, जहां नालियों के ऊपर गंदगी के ढेर लगे हैं और लोग नरकीय जीवन जीने को मजबूर है ।

 तीन दिन से कॉलोनियों में डंपर न होने से जहां-तहां गंदगी के ढेर लगे हुए हैं जहां से कूड़ा बारिश के साथ बह कर नालियों व नालों में जा रहा मौसम विभाग की माने तो अगले कुछ दिन तक मानसून सक्रिय रहेगा और हलकी व मध्यम बारिश होने की संभावना है पर जिस तरह से सडको पर पानी भर जाना और ऐसे में सड़क पर चलने वाले राहगीर भी जलजमाव ओर गंदगी से परेशान है ।

इधर नगर निगम में पानी और गंदगी कोई आम बात नही नगर निगम क्षेत्र के किसी कोने में नजर से देखिएगा तो आपको गंदगी और पानी का जलजमाव सभी जगह दिख जाएगा सिर्फ नगर निगम क्षेत्र का वार्ड 17 ही नही बल्कि किसी भी वार्डो पर आपकी नजर दौड़ेगी तो गंदगी और पानी एक साथ मिल जाएंगे और यह बारिश के दिनों की बात नही बल्कि आए दिन भी जलजमाव ओर गंदगी नगर निगम में ब्याप्त है सिर्फ नगर निगम का सिस्टम पूरी तरह से फेल है जहाँ तहा पानी सडको पर नजर आने लगे ।

सरायकेला : गर्मी के दस्तक देने से पहले ही सूखने लगे हैं दलमा पर्वत के जलस्रोत,


करोडों खर्च करने के बाद भी वन विभाग की नाकामी के कारण प्यासे रहेंगे जंगली जानवर,

रिपोर्ट: विजय कुमार की।

सरायकेला : कोल्हान के बहु चर्चित सेंचुरी गज परियोजना के नाम से जाना जाता हे। गर्मी का मौसम दस्तक देने से पहले ही सरायकेला जिला के चांडिल अनुमंडल अंतर्गत दलमा वन्य प्राणी आश्रयणी के विभिन्न जलस्रोत सूखने लगे हैं। जल स्रोत ,झील और झरनों के प्राकृतिक स्रोत सुख रहे हैं। अभी ठीक तरह से गर्मी का मौसम का प्रभाव नहीं पड़ा और यह स्थिति बहुत चिंताजनक रहा है।

कोई जलस्रोतों के सूखने पर दलमा सेंचुरी के जंगलों में रहने वाले जंगली जीव जंतु हाथी ,रॉयल बंगाल टाईगर,तेंदुआ,भालू,सियार,लोमड़ी,लकड़बाघा , पशु पक्षियों को काफी परेशानी होगी। यह और बात है कि पशु पक्षियों के लिए वन विभाग गर्मी के मौसम में वैकल्पिक व्यवस्था कर सकती हैं। लेकिन सदियों से जो प्राकृतिक जलस्रोत हैं, उनमें जलस्तर कम होना भविष्य के लिए खतरा है। आखिर दलमा वाइल्ड लाइफ सेंचुरी में मौजूद जलस्रोतों के सूखने के क्या कारण है ? यह सवाल हर किसी के मन में है। 

बता दें कि दलमा वन्य प्राणी आश्रयणी में 193.22 वर्ग क्षेत्र फल फैले हे साथ लगभग 79 छोटे बड़े प्राकृतिक जलस्रोत महजूद हैं। इन 79 जलस्रोत में जल स्रोत, झील, झरना, तालाब शामिल हैं। समय समय पर इनका जीर्णोद्धार वन विभाग द्वारा किया जाता है। वहीं, विभाग द्वारा सेंचुरी में अनेकों चेक डैम निर्माण कराया गया है। परंतु, विभाग द्वारा वन्य जीव जंतु की सुविधा और सुरक्षा के लिए खर्च किए जा रहे लाखों करोड़ों रुपए बर्बाद होता दिख रहा है। 

इस समय दलमा के अधिकांश जलस्रोत सुख चुके हैं और कई जलस्रोत का जलस्तर काफी आपने पुराने आकार सिमट कर कम हो चुका है। यदि अगले एक - दो माह में भारी बारिश नहीं हुई तो दलमा में सुखाड़ की स्थिति से इंकार नहीं किया जा सकता है। जलस्रोतों से सूखने के पीछे कहीं न कहीं वन विभाग की लापरवाही और नाकामी झलक रही हैं। दलमा के प्राकृतिक जलस्रोतों का संरक्षण करने में विभाग नाकाम साबित हुआ है।

 इसके चलते इस समय जलस्रोत सुख रहे हैं। दो दशक पहले दलमा में ऐसी स्थिति नहीं थी। तब सभी जलस्रोत लबालब पानी हुआ करते थे। दोपहर के समय जलस्रोतों में पशु पक्षियों को देखा जाता था। केंद्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा प्रति बर्ष करोड़ो रुपया वन एब पर्यावरण विभाग को जंगल एब वन्य जीव जंतु के संरक्षण के करोड़ों रुपया मुहैया करते हे।

बहरहाल, अब देखने वाली बात होगी कि इस साल गर्मी के मौसम में हाथी के साथ वन्य प्राणियों को जल क्रीड़ा के पेयजल और की व्यवस्था मिलेगी या नहीं ? वन्य प्राणियों के सुविधा के लिए वन विभाग क्या उपाय करेगी? 

आखिर दलमा में वन्य प्राणियों और ईको टूरिज्म ;(पर्यटकों) के नाम पर खर्च किए जा रहे करोड़ों रुपए का सदुपयोग हो रहा है या बंदरबांट ?

सरायकेला : गर्मी के दस्तक देने से पहले ही सूखने लगे हैं दलमा पर्वत के जलस्रोत,


करोडों खर्च करने के बाद भी वन विभाग की नाकामी के कारण प्यासे रहेंगे जंगली जानवर,

रिपोर्ट: विजय कुमार की।

सरायकेला : कोल्हान के बहु चर्चित सेंचुरी गज परियोजना के नाम से जाना जाता हे। गर्मी का मौसम दस्तक देने से पहले ही सरायकेला जिला के चांडिल अनुमंडल अंतर्गत दलमा वन्य प्राणी आश्रयणी के विभिन्न जलस्रोत सूखने लगे हैं। जल स्रोत ,झील और झरनों के प्राकृतिक स्रोत सुख रहे हैं। अभी ठीक तरह से गर्मी का मौसम का प्रभाव नहीं पड़ा और यह स्थिति बहुत चिंताजनक रहा है।

कोई जलस्रोतों के सूखने पर दलमा सेंचुरी के जंगलों में रहने वाले जंगली जीव जंतु हाथी ,रॉयल बंगाल टाईगर,तेंदुआ,भालू,सियार,लोमड़ी,लकड़बाघा , पशु पक्षियों को काफी परेशानी होगी। यह और बात है कि पशु पक्षियों के लिए वन विभाग गर्मी के मौसम में वैकल्पिक व्यवस्था कर सकती हैं। लेकिन सदियों से जो प्राकृतिक जलस्रोत हैं, उनमें जलस्तर कम होना भविष्य के लिए खतरा है। आखिर दलमा वाइल्ड लाइफ सेंचुरी में मौजूद जलस्रोतों के सूखने के क्या कारण है ? यह सवाल हर किसी के मन में है। 

बता दें कि दलमा वन्य प्राणी आश्रयणी में 193.22 वर्ग क्षेत्र फल फैले हे साथ लगभग 79 छोटे बड़े प्राकृतिक जलस्रोत महजूद हैं। इन 79 जलस्रोत में जल स्रोत, झील, झरना, तालाब शामिल हैं। समय समय पर इनका जीर्णोद्धार वन विभाग द्वारा किया जाता है। वहीं, विभाग द्वारा सेंचुरी में अनेकों चेक डैम निर्माण कराया गया है। परंतु, विभाग द्वारा वन्य जीव जंतु की सुविधा और सुरक्षा के लिए खर्च किए जा रहे लाखों करोड़ों रुपए बर्बाद होता दिख रहा है। 

इस समय दलमा के अधिकांश जलस्रोत सुख चुके हैं और कई जलस्रोत का जलस्तर काफी आपने पुराने आकार सिमट कर कम हो चुका है। यदि अगले एक - दो माह में भारी बारिश नहीं हुई तो दलमा में सुखाड़ की स्थिति से इंकार नहीं किया जा सकता है। जलस्रोतों से सूखने के पीछे कहीं न कहीं वन विभाग की लापरवाही और नाकामी झलक रही हैं। दलमा के प्राकृतिक जलस्रोतों का संरक्षण करने में विभाग नाकाम साबित हुआ है।

 इसके चलते इस समय जलस्रोत सुख रहे हैं। दो दशक पहले दलमा में ऐसी स्थिति नहीं थी। तब सभी जलस्रोत लबालब पानी हुआ करते थे। दोपहर के समय जलस्रोतों में पशु पक्षियों को देखा जाता था। केंद्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा प्रति बर्ष करोड़ो रुपया वन एब पर्यावरण विभाग को जंगल एब वन्य जीव जंतु के संरक्षण के करोड़ों रुपया मुहैया करते हे।

बहरहाल, अब देखने वाली बात होगी कि इस साल गर्मी के मौसम में हाथी के साथ वन्य प्राणियों को जल क्रीड़ा के पेयजल और की व्यवस्था मिलेगी या नहीं ? वन्य प्राणियों के सुविधा के लिए वन विभाग क्या उपाय करेगी? 

आखिर दलमा में वन्य प्राणियों और ईको टूरिज्म ;(पर्यटकों) के नाम पर खर्च किए जा रहे करोड़ों रुपए का सदुपयोग हो रहा है या बंदरबांट ?

एन.आर प्लस टू हाई स्कूल सरायकेला में मतदान कर्मियों को दिया गया प्रशिक्षण, त्रुटि रहित मतदान के लिए विभिन्न बिन्दुओ पर की गई चर्चा


सरायकेला : आगामी लोकसभा चुनाव 2024 के तहत प्रशिक्षण कोषांग सरायकेला खरसावां द्वारा द्वितीय चरण का प्रशिक्षण जारी है । इसी क्रम में आज N. R प्लस टू हाई स्कूल सरायकेला में प्रथम पारी में गम्हरिया प्रखंड के PO एवं P1 का प्रशिक्षण संपन्न हुआ। गम्हरिया प्रखंड से 237 PO एवं 236 P1 सम्मिलित हुए। 

इसी प्रखंड से प्रथम पारी में 41 महिला PO एवं 84 महिला P1 प्रशिक्षण में सम्मिलित हुए। आज द्वितीय पारी में गम्हरिया प्रखंड के ही P2 एवं P3 मतदान पदाधिकारी का प्रशिक्षण हुआ जिसमें 136 पुरुष द्वितीय मतदान पदाधिकारी तथा 75 द्वितीय महिला मतदान पदाधिकारी तथा 299 पुरुष तृतीय मतदान पदाधिकारी एवं 95 तृतीय महिला मतदान पदाधिकारी प्रशिक्षण प्राप्त किए। 

आज के प्रशिक्षण का अवलोकन करने के लिए प्रशिक्षण कोषांग के वरीय पदाधिकारी सह अपर उपायुक्त एन आर प्लस टू उच्च विद्यालय पहुंचे।उन्होंने प्रशिक्षण के संबंध में कई महत्वपूर्ण बातें बताई तथा चार प्रकार के ए,बी,सी,डी ईवीएम की विस्तृत जानकारी दी। आज के प्रशिक्षण में मास्टर ट्रेनर्स के द्वारा डमी पेपर के माध्यम से मतदान पदाधिकारी को विभिन्न प्रपत्र भरने की पूरी जानकारी दी गई साथ ही ईवीएम हैंड्स ऑन में जो भी शंका रह गई थी उसका समाधान किया गया।

उक्त प्रशिक्षण तरुण कुमार सिंह, ब्रजमोहन यादव, मनोज कुमार सिंह, राजेश मिश्रा ,अजीत कुंभकार, जयदेव त्रिपाठी ,अविनाश कुमार मिश्रा, श्याम सुंदर पाल ,अरविंद कुमार, नयन मणि दास, आशीष कुमार मल्लिक, दिनेश कुमार दास, सुदीप मुखर्जी ,सुधाकर ठाकुर, प्रभाशंकर तिवारी, परमेश्वर महतो, विचित्रा प्रधान, गणेश सरदार, अनूप कुमार मंडल, प्रदीप कुमार माजी ,पूर्ण चंद्र रजक, आलोक कुमार ,घनश्याम महतो, इंदू भूषण प्रसाद, सुभाशिष कुमार सेन आदि के द्वारा दिया गया ।

सरायकेला : मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के. रवि कुमार ने खरसावा विधानसभा क्षेत्र के विभिन्न मतदान केन्द्रो का किया निरीक्षण

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सरायकेला : लोकसभा आम चुनाव को लेकर राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री के.रवि कुमार तथा अवर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्रीमती नेहा अरोड़ा ने खरसावां विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत विभिन्न मतदान केन्द्रो का निरिक्षण किया। 

चिलकु पंचायत अंतर्गत मतदान संख्या 189 एवं 190 तथा आदर्श मध्य विद्यालय खरसावां मतदान संख्या 166 का निरिक्षण कर सभी मतदान केन्द्रो पर सभी आवश्यक मुलभुत सुविधाए सुदृढ़ करने के निर्देश दिए। निरिक्षण के क्रम में मतदान केंद्र पर शौचालय तथा पेयजल की व्यवस्था को दुरुस्त करने तथा कक्षाओं में आवश्यकतनुसार और लाइट की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। 

इस क्रम में उन्होंने सभी सम्बन्धित पदाधिकारी एवं ERO/AERO को ऐसे मतदान केंद्र जहां मतदान प्रतिशत कम है में विशेष रूचि लेकर विभिन्न माध्यम से लोगो को मतदान के प्रति प्रेरित करने तथा सभी मतदान केन्द्रो पर बेहतर सुविधाए (ख़ासकर महिला, बुजुर्ग एवं दिव्यांग मतदाताओं को) मुहैया कराने के दिशा में कार्य करने के निर्देश दिए।

निरिक्षण क्रम में जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह उपायुक्त श्री रवि शंकर शुक्ला, पुलिस अधीक्षक श्री मनीष टोप्पो, अनुमंडल पदाधिकारी सरायकेला, जिला उप निर्वाचन पदाधिकारी, अंचलाधिकारी खरसावां, अंचलधिकारी सरायकेला एवं अन्य उपस्थित रहे।

मौन की शक्ति से कई समस्याओं का किया जा सकता समाधान...!

सरायकेला : अक्सर लोग मौन की शक्ति से अनभिज्ञ रहते हैं , जबकि यह शक्ति सफलता की ओर ले जा सकती है । इस शक्ति का उपयोग करके आप बाहरी शोर को अनसुना करके अपना लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं ! चुप्पी एक ऐसी शक्ति है जिसकी सहायता से हम किसी भी बात को गहरे से समझते हैं , गहराई से समझकर समस्या का निदान पा सकते हैं ,भविष्य के अच्छे निर्णय ले सकते हैं । लोगों को आजकल के इस तनाव भरे माहौल में अपनी आंतरिक शक्ति का उपयोग करने में दिक्कत आ रही हैं । यदि आप आंतरिक शक्ति का उपयोग करना चाहते हैं तो सबसे बड़ी शक्ति "चुप्पी" है इसका उपयोग करना सीखें !

 अक्सर आपने देखा होगा कि महान हस्तियां , धनवान दार्शनिक , बोलते कम कार्य अधिक करते हैं। इसका मुख्य कारण वे अपने आसपास शांति बनाए रखते है , जिसकी वजह से अपने लक्ष्य पर ध्यान फोकस कर पाते हैं, सफल होते जाते हैं ! जो लोग अक्सर नकारात्मक विचार रखते हैं वे छोटी छोटी बातों से परेशान हो जाते हैं जबकि जो लोग सकारात्मक विचार रखते हैं ,जब भी उनके सामने कोई दिक्कत आती है तो वे चुप्पी साध लेते हैं , अपनी परेशानी का निदान पा लेते हैं।

     चुप्पी की शक्ति से आप दूसरों के मन की बात भी जान सकते हैं एवम अपना रिश्ता परमात्मा से भी जोड़ सकते हैं । मौन का अर्थ यह नहीं कि आप चुप शांत ही रहेंगे , इसका अर्थ है कि कब , किस समय , कितना बोलना व्यक्त करना सार्थक है ! इसके विपरीत जिस व्यक्ति को यह ज्ञात नही होता कि कब किस समय कितना बोलना है वह समस्या में घिरता जाता है ।

    मौन में रहने से आप लोगों को विचारों में उलझा सकते हो 

आपने देखा ही होगा जो लोग मौन रहते हैं लोग उसकी बात को ध्यान से सुनते हैं ,जबकि जो हमेशा बकबक करता रहता है लोग उसकी बातों को भाव नही देते । खरीदारी करते समय , मोल भाव करते समय , मौन का सहारा लेना चाहिए , जब आप खरीदारी कर रहे हों और मोलभाव भी नही करना चाहते तो मौन हो जाएं । ऐसा करने पर विक्रेता हड़बड़ाहट में वस्तु का मूल्य कम कर देता है क्योंकि उसको लगता है कि कहीं आप वस्तु खरीदने से मना ही न कर दें यह तो आपने आजमाया या देखा ही होगा। इस मौन के कारण ही आप वस्तु को कम दाम पर खरीद पाते हैं और आपका धन भी बचता है ।

  बोले कम सुने ज्यादा : अधिकतर झगडे या पारिवारिक संबंध में कटुतता तब आती है जब लोग एक दूसरे की बात ही नही सुनते , यदि एक दूसरे की बात को ध्यान से सुनेंगे और मौन की शक्ति का सहारा लेंगे तो झगड़ा और दरार दूर होगा ।

  मानसिक शांति : मानसिक शांति के लिए चुप्पी की शक्ति को पहचानना होगा । जब भी कभी व्यक्ति मौन का अनुभव करता है तो उसके वो सारे विचार जो उसे परेशान करते हैं वो विचार दूर होने लगते हैं जिससे मन शांत होता जाता है क्योंकि आप मौका देते हैं खुद को खुद से जुड़ने के लिए । 

 आत्म प्रतिष्ठा : अपनी आत्म प्रतिष्ठा बनाएं ! जब आपको चुप्पी की शक्ति का ज्ञान हो जायेगा तो आप इसे अपनी दिनचर्या में शामिल कर लेंगे , जिससे आपकी आत्म प्रतिष्ठा बढ़ेगी ।आप अपनी पॉवर ऑफ साइलेंस से सेल्फ रिस्पेक्ट बढ़ा सकते हैं ।

जब आप मौन रहते हैं तब आप अपने विचारों को अच्छे से समझ पाते हैं आपकी विचार शक्ति बढ़ती है , मन शांत होने पर भीतर की उथल पुथल पर अंकुश लगता है जिसके कारण आप समस्याओं से बाहर आते हैं । आपने अक्सर देखा होगा कि आप अपनी किसी समस्या का समाधान के लिए बुद्धिमान व्यक्ति से मार्गदर्शन लेते हैं ।वह बुद्धिमान अपनी मौन शक्ति के कारण ही आपको उचित निर्णय लेने में सहायक होता है ।

अतः मौन की शक्ति को पहचाने ।