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लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा के साथ पूरे देश में लग जाएगा आदर्श आचार संहिता, जानें किन-किन चीजों पर रहेगी पाबंदी

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लोकसभा चुनाव का आगाज अब जल्द ही होने जा रहा है। चुनाव आयोग की ओर से शनिवार 16 मार्च की तारीख को प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन होने जा रहा है। जानकारी के मुताबिक, आम चुनाव 2024 और कुछ राज्य विधानसभाओं के कार्यक्रम की घोषणा करने के लिए चुनाव आयोग द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस कल यानी शनिवार, 16 मार्च को दोपहर 3 बजे आयोजित की जाएगी।संभावना जताई जा रही है कि इस बार लोकसभा चुनाव का आयोजन 6 से 7 चरण में कराया जा सकता है। बता दें कि चुनाव तारीखों की घोषणा होने के साथ ही पूरे देश में आदर्श आचार संहिता लागू हो जाएगी। 

क्या आपके मन में भी सवाल उठ रहे हैं कि आचार संहिता आखिर होती क्या है? कब तक ये प्रभावशाली रहती है और इस दौरान क्या-क्या काम नहीं किए जा सकते? दरअसल आदर्श आचार संहिता का मतलब पार्टियों और उम्मीदवारों के लिए बनी गाइडलाइंस से है। आचार संहिता चुनाव की घोषणा से प्रक्रिया पूरी होने यानी नतीजे जारी होने तक लागू रहती है।

क्या है आचार संहिता

आचार संहिता एक नियमावली है, जिसके तहत चुनाव को निष्पक्ष और स्वतंत्र ढंग से करने के लिए चुनाव आयोग कुछ नियम-शर्तें तय करता है। या ये भी कह सकते हैं कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग कुछ नियम बनाता है। चुनाव आयोग के इन्हीं नियमों को आचार संहिता कहते हैं। चुनाव के दौरान इन नियमों का पालन करना सरकार, नेता और राजनीतिक दलों की जिम्मेदारी होती है। चुनाव आयोग की वेबसाइट पर उपलब्‍ध जानकारी के अनुसार, आदर्श आचार संहिता 'राजनीतिक दलों एवं उम्‍मीदवारों के मार्गदर्शन हेतु' है। इसमें सामान्‍य आचरण से लेकर बैठकों, जुलूसों से जुड़ी गाइडलाइंस हैं। चुनावी घोषणापत्र में कैसे-कैसे किए जा सकते हैं, उसके भी नियम हैं।

आचार संहिता में किन कामों पर होती है पाबंदी

इलेक्शन कमीशन की नियमावली के मुताबिक आचार संहिता लगने के बाद कई तहर के कामों पर रोक लगा दी जाती है। ये ऐसे काम होते हैं जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से मतदान को प्रभावित कर सकते हैं। आचार संहिता लागू होते ही दीवारों पर लिखे गए सभी तरह के पार्टी संबंधी नारे व प्रचार सामग्री हटा दी जाती है। होर्डिंग, बैनर व पोस्टर भी हटा दिए जाते हैं। इस दौरान सरकार नई योजना और नई घोषणाएं नहीं कर सकती। भूमिपूजन और लोकार्पण भी नहीं हो सकते। चुनाव प्रचार के लिए सरकारी संसाधनों का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। सरकारी गाड़ी, बंगला, हवाई जहाज आदि का उपयोग वर्जित होगा। राजनीतिक दलों को रैली, जुलूस या फिर मीटिंग के लिए परमिशन लेनी होती है। धार्मिक स्थलों और प्रतीकों का इस्तेमाल चुनाव के दौरान नहीं किया जाएगा। मतदाताओं को किसी भी तरह से रिश्वत नहीं दी जा सकती है। किसी भी चुनावी रैली में धर्म या जाति के नाम पर वोट नहीं मांगे जाएंगे। किसी भी प्रत्याशी या पार्टी पर निजी हमले नहीं किए जा सकते हैं। मतदान केंद्रों पर वोटरों को लाने के लिए गाड़ी मुहैया नहीं करवा सकते हैं। मतदान के दिन और इसके 24 घंटे पहले किसी को शराब वितरित नहीं की जा सकती है। 

आचार संहिता कब से कब तक प्रभावशाली रहती है

चुनाव आयोग प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जब चुनाव प्रोग्राम की तारीखें घोषित करता है, उसी के साथ ही आचार संहिता भी प्रभावशाली हो जाती है। यह निर्वाचन प्रक्रिया के पूर्ण होने तक प्रवृत्त रहती है। या यूं कहें कि रिजल्ट आने तक ये प्रभाव में रहती है। चुनाव में हिस्सा लेने वाले राजनीतिक दल, उम्मीदवार, सरकार और प्रशासन समेत चुनाव से जुड़े सभी लोगों पर इन नियमों का पालन करने की जिम्मेदारी होती है। 

आचार संहिता के उल्लंघन पर चुनाव आयोग क्या कर सकता है?

यदि कोई प्रत्याशी या राजनीतिक दल आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करता है तो चुनाव आयोग नियमानुसार कार्रवाई कर सकता है। उम्मीदवार को चुनाव लड़ने से रोका जा सकता है। ज़रूरी होने पर आपराधिक मुक़दमा भी दर्ज कराया जा सकता है। आचार संहिता के उल्लंघन में जेल जाने तक के प्रावधान भी हैं।

ममता बनर्जी को कैसे लगी चोट, क्या किसी ने पीछे से धक्का दिया? एसआईटी करेगी जांच

#mamata_banerjee_injury_is_there_any_conspiracy 

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी गुरुवार 14 मार्च की शाम को कोलकाता में कालीघाट स्थित अपने घर में गिर गईं। इससे वे गंभीर रूप से चोटिल हो गईं। उन्हें एसएसकेएम अस्पताल ले जा गया, जहां उनके माथे पर तीन और नाक पर एक, सहित कुल 4 टांके लगे हैं। कुछ घंटों बाद रात करीब 9.30 बजे उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया। हालांकि, ममता के चोटिल होने को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। अब इस घटना की जांच बंगाल पुलिस की एसआईटी टीम करेगी

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोलकाता के पुलिस आयुक्त को बताया है कि उन्हें बेडरूम में पीछे से धक्का मारा गया है, जिसकी वजह से वह गिर गईं और शोकेस से उनका सिर टकरा गया। एसएसकेएम अस्पताल के डायरेक्टर मणिमोय बंद्योपाध्याय ने अपने मेडिकल बुलेटिन में कहा है कि बंगाल सीएम को किसी ने पीछे से धक्का दिया था, जिसके कारण वह गिर गईं।सवाल यह है कि सुरक्षा प्रोटोकॉल के बीच सीएम ममता के बेडरूम में कौन घुसा था, जबकि उनके पास जेड प्लस सुरक्षा है। 

हालांकि तृणमूल द्वारा पहले साझा की गई जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री गुरुवार शाम अपने आवास पर टहलते समय फिसल गईं। तृणमूल की सोशल मीडिया सेल ने एक तस्वीर भी जारी की थी, जिसमें मुख्यमंत्री के माथे से खून बहता देखा जा सकता है।उनकी पार्टी ने लिखा कि हमारी चेयरपर्सन को गंभीर चोट आई है, उनके लिए दुआ कीजिए।

पहले भी लग चुकी हैं ममता को चोटें

इससे पहले भी कई बार ममता बनर्जी चोटिल हो चुकी हैं। इसी साल जनवरी में बर्धमान से एक बैठक से ममता लौट रही थीं तभी उनको चोट लगी गई थी। उस समय कार का अचानक ब्रेक लगाने से ममता के माथे में चोट आई थी। मुख्यमंत्री की कार जब चल रही थी तो उसी दौरान रास्ते में एक ऊंची जगह आ गई। इसके चलते ड्राइवर को तेजी से ब्रेक लगाना पड़ा। अचानक ब्रेक लगने से कार में बैठे लोग असंतुलित हो गए, जिसके चलते ममता के माथे पर हल्की चोट लग गई थी।

ममता बनर्जी को 27 जून को विदेश यात्रा के दौरान बाएं घुटने में चोट लग गई थी। इसी घुटने में उन्हें साल 2023 की शुरुआत में हेलिकॉप्टर से उतरते समय भी चोट लगी थी। उनके घुटनों की जांच एसएसकेएम अस्पताल में की गई। जांच में ममता के बाएं पैर के घुटने के लिगामेंट में चोट का पता चला था। साथ ही उनके बाएं कूल्हे के जोड़ में भी चोट के निशान थे। अस्पताल में उन्हें भर्ती होने की सलाह दी गई थी, लेकिन उन्होंने अपना इलाज घर पर ही करवाया था।

10 मार्च 2021 को ममता नंदीग्राम में विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने के दौरान घायल हुई थीं। ममता के पैर में चोट लग गई थी। इसके बाद उन्हें कोलकाता के एसएसकेएम हॉस्पिटल में तीन दिन तक एडमिट रहना पड़ा। डॉक्टरों ने उनके पैर पर प्लास्टर चढ़ाया था। इसके बाद ममता ने व्हीलचेयर पर बैठकर ही विधानसभा चुनाव प्रचार किया था।

तमिलनाडु में विपक्ष पर जमकर बरसे पीएम मोदी, गिनाए विपक्षी गठबंधन के स्कैम

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लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कल यानी शनिवार को किया जाएगा। लोकसभा चुनाव की तैयारियों के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दक्षिण भारत के दौरे पर हैं। पीएम मोदी और भाजपा का फोकस दक्षिण की करीब 129 लोकसभा सीटों पर है। इस कड़ी में आज पीएम मोदी तमिलनाडु पहुंचे हैं। पीएम मोदी ने शुक्रवार को दावा किया कि तमिलनाडु की धरती पर उन्हें ‘बहुत बड़े परिवर्तन’ की आहट महसूस हो रही है और आगामी लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का प्रदर्शन विपक्षी गठबंधन इंडिया का सारा घमंड तोड़कर रख देगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने खास अंदाज में संबोधन की शुरुआत की। उन्‍होंने कन्‍याकुमारी में उमड़े लोगों के हुजूम का तमिल भाषा में अभ‍िवादन कर भाषण की शुरुआत की। प्रधानमंत्री ने कन्‍याकुमारी में विपक्ष को लगातार अपने निशाने पर लिया। पीएम मोदी ने कहा, आज कन्याकुमारी से देश के इस दक्षिणी छोर से जो लहर उठी है ये लहर बहुत दूर तक जाने वाली है। मैं 1991 में एकता यात्रा लेकर कन्याकुमारी से कश्मीर गया था, इस बार मैं कश्मीर से कन्याकुमारी आया हूं। उन्‍होंने कहा, देश को तोड़ने का सपना देखने वालों को जम्मू कश्मीर के लोगों ने नकार दिया है। अब तमिलनाडु के लोग भी ऐसा ही करने जा रहे हैं। मैं तमिलनाडु में बहुत बड़े परिवर्तन की आहट देख रहा हूं। डीएमके औऱ कांग्रेस के इंडी अलांयस का सारा घमंड बीजेपी तोड़कर रख देगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डीएमके पर भी निशाना साधा। उन्होंने डीएमको को तमिलनाडु का दुश्मन बताया है। सभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, डीएमके तमिलनाडु के भविष्य की ही दुश्मन नहीं है, डीएमके तमिलनाडु के अतीत की, उसकी विरासत की भी दुश्मन है। उन्होंने आगे कहा, डीएमके और कांग्रेस तब भी चुप बैठी रही, जब जल्लीकट्टू पर पाबंदी लगी थी। ये लोग तमिल संस्कृति को नष्ट करना चाहते हैं। ये हमारी सरकार है, एनडीए की सरकार है जिसने जल्लीकट्टू को पूरे उत्साह के साथ मनाए जाने का रास्ता साफ किया।

पीएम मोदी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, हमने ऑप्टिकल फाइबर और 5जी दिया, हमारे नाम पर डिजिटल इंडिया स्कीम है। इंडी अलायंस के नाम पर लाखों करोड़ रुपए का 2 जी का स्कैम है और डीएमके उस लूट की सबसे बड़ी हिस्सेदार थी। हमारे नाम पर उड़ान स्कीम है, इंडी अलायंस के नाम हेलीकॉप्टर स्कैम है। हमारी खेलो इंडिया और टीओपीएस स्कीम्स से देश ने खेलों में ऊंचा मुकाम हासिल किया, लेकिन उनके नाम पर सीडब्लयूजी स्कैम का दाग है। उन्होंने कहा, इंडी अलायंस कभी भी तमिलनाडु को विकसित नहीं बना सकता। इन लोगों का इतिहास घोटालो का है। इन लोगों की राजनीति का आधार लोगों को लूटने के लिए सत्ता में आना है। एक तरफ भाजपा की कल्याणकारी योजनाएं होती हैं, तो दूसरी ओर इनके करोड़ों के घोटाले होते हैं।

इलेक्टोरल बॉन्ड मामले में सरकार पर बरसे कपिल सिब्बल, बताया अब तक सबसे बड़ा घोटाला, एसआईटी जांच की मांग

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भारतीय चुनाव आयोग ने इलेक्टोरल बॉन्ड यानी चुनावी बॉन्ड को जारी कर दिया है।चुनाव आयोग द्वारा भारतीय स्टेट बैंक द्वारा साझा किए गए चुनावी बांड डेटा प्रकाशित करने के एक दिन बाद, राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने इसे लेकर केन्द्र सरकार पर हमला बोला है। कपिल सिब्बल ने इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम को देश का सबसे बड़ा घोटाला करार दिया है। साथ ही उन्होंने इस मामले की जांच एक विशेष जांच दल यानी (एसआईटी) से कराने की मांग की।

सिब्बल ने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा कि जांच होगी, इसकी संभावना ही कम है। उन्होंने कहा कि जांच होगी ही नहीं। ना तो सीबीआई और ना ही ईडी जांच करेगी। तो अब जिम्मेदारी कोर्ट पर है। सिब्बल ने 2जी स्कैम की जांच के लिए गठित एसआईटी का हवाला देकर कहा कि इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए किस पार्टी को, किसने कितना चंदा दिया है और उसे बदले में क्या फायदा पहुंचाया गया, इसकी जांच के लिए भी एसआईटी बननी चाहिए। समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने कहा कि जैसे टूजी (स्कैम) में हुआ, उसी तरह कोर्ट को एक एसआईटी बनानी चाहिए। कोर्ट को खुद ही एसआईटी के सदस्यों की नियुक्ति करनी चाहिए। जिस-जिस कंपनी ने डोनेशन दिया है, उसकी जांच होनी चाहिए क्योंकि कई ऐसी कंपनियां हैं जो घाटे में हैं या जिनका मुनाफा बहुत कम है, उन्होंने भी चंदा दिया है। अगर चंदे के बदले कंपनियों को फायदा पहुंचाया गया है तो इसकी जांच होनी चाहिए। यह अवैध है और ऐसे चंदे के पैसे जो इमारतें बनी हैं, वो भी अवैध हैं।

नोटबंदी बड़ा घोटाला, उससे भी बड़ा स्कैम बॉन्ड स्कीम-सिब्ब्ल

सिब्बल ने दावा किया कि नोटबंदी देश का बहुत बड़ा घोटाला था और उससे भी बड़ा घोटाला अब सामने आया है। उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान में दो बहुत बड़े स्कैम हुए। एक दो नोटबंदी का, जहां करोड़ों रुपये जो कैश में थे लोगों के, किसी ने कोई ऐतराज नहीं किया और सभी ने पैसा बदल लिया। उसकी आज तक जांच नहीं हुई। वो बहुत बड़ा स्कैम था। उससे भी बड़ा स्कैम ये है।

पीएम मोदी पर कसा तंज

कपिल सिब्बल ने आगे कहा कि ‘सरकार ने नींद की गोलियों का ओवरडोज ले लिया है।’ इसके साथ ही सिब्बल ने इशारों इशारों में पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘किसी ने कहा था कि वे स्विस बैंक से काला धन लाएंगे और लोगों के खातों में 15-15 लाख रुपये ट्रांसफर करेंगे, लेकिन ऐसा लगता है कि उन्होंने वह पैसा अपने खातों में ट्रांसफर कर लिया है।पीएम मोदी पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि किसी ने कहा था- 'ना खाऊंगा ना खाने दूंगा'। हालांकि, इलेक्टोरल बॉन्ड की डिटेल्स से पता चलता है कि कहीं न कहीं 'लाभ के बदले लाभ देने' का काम हुआ है।

दरअसल, चुनाव आयोग ने गुरुवार (14 मार्च) को इलेक्टोरल बॉन्ड की डिटेल्स सार्वजनिक की। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का पालन करते हुए भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने 12 मार्च को चुनाव आयोग को बॉन्ड की डिटेल्स दी, जिसे फिर सार्वजनिक कर दिया गया। भारत के चुनाव आयोग द्वारा गुरुवार को अपनी वेबसाइट पर अपलोड किए गए आंकड़ों से पता चला है कि फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज, जिसके निदेशक लॉटरी मैग्नेट सैंटियागो मार्टिन चुनावी बांड के शीर्ष खरीदार हैं। उन्होंने 1368 करोड़ रुपये के बांड खरीदे हैं। यह डेटा 2019-2024 की अवधि से संबंधित है। मेघा इंजीनियरिंग इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने 966 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे।

पीएम मोदी का मिशन साउथ, आज तेलंगाना, तमिलनाडु और केरल में करेंगे रोड शो

 लोकसभा चुनावों से पहले दक्षिणी राज्यों में एक मजबूत आधार बनाने के प्रयास में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी आज केरल, तमिलनाडु और तेलंगाना में रोड शो करेंगे, भाजपा रैलियों और सार्वजनिक बैठकों को संबोधित करेंगे। केरल में, प्रधान मंत्री सुबह लगभग 10.30 बजे दक्षिणी शहर पथानामथिट्टा पहुंचेंगे और एक सार्वजनिक बैठक को संबोधित करेंगे, जिसमें लगभग 1 लाख लोगों के शामिल होने की उम्मीद है।

बैठक के दौरान, वह भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के उम्मीदवारों - वी मुरलीधरन, अनिल के एंटनी, शोभा सुरेंद्रन और बैजू कलासाला के लिए प्रचार करेंगे। इस बीच, कांग्रेस के दिग्गज नेता और केरल के पूर्व मुख्यमंत्री के करुणाकरण की बेटी पद्मजा वेणुगोपाल, जो इस महीने की शुरुआत में भाजपा में शामिल हुईं, भी बैठक में मौजूद रहेंगी। जनवरी और फरवरी में पिछली तीन यात्राओं के बाद यह मोदी की केरल की चौथी यात्रा है।

तमिलनाडु में, वह कन्नियाकुमारी में एक भाजपा रैली को संबोधित करेंगे, क्योंकि भाजपा आगामी चुनावों से पहले राज्य में धीरे-धीरे अपनी उपस्थिति बढ़ा रही है। अपने दक्षिणी आउटरीच के हिस्से के रूप में, प्रधान मंत्री ने हाल के दिनों में तमिलनाडु की कई यात्राएँ कीं। शुक्रवार शाम को मोदी का हैदराबाद में शहर के मिर्जालगुडा इलाके से मल्काजगिरी चौरास्ता तक रोड शो करने का कार्यक्रम है। तेलंगाना भाजपा के महासचिव जी प्रेमेंदर रेड्डी के अनुसार, प्रधानमंत्री कल नागरकुर्नूल में एक सार्वजनिक बैठक को भी संबोधित करेंगे और 18 मार्च को जगतियाल में एक रैली में भाग लेंगे।

ड्रोन हमलों से निपटने के लिए तेलंगाना पुलिस ने तैयार किए 3 बाज़ ! क्या सिद्ध होगा काज ?

 तेलंगाना पुलिस VVIP यात्राओं और सार्वजनिक समारोहों के दौरान ड्रोन के बढ़ते खतरे से निपटने के लिए प्रशिक्षित ईगल तैनात करके इतिहास रचने के लिए तैयार है। नीदरलैंड और फ्रांस जैसे यूरोपीय देशों से प्रेरणा लेते हुए, जहां ईगल्स (बाज़) को दुश्मन के ड्रोन को रोकने के लिए प्रशिक्षित किया गया है, तेलंगाना पुलिस ने इस उद्देश्य के लिए तीन ईगल्स तैयार करने में पिछले तीन साल बिताए हैं।

हाल ही में हैदराबाद के बाहरी इलाके में मोइनाबाद में इंटीग्रेटेड इंटेलिजेंस ट्रेनिंग अकादमी (IITA) में पुलिस महानिदेशक रवि गुप्ता और वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों द्वारा देखे गए एक प्रदर्शन में, प्रशिक्षित ईगल्स ने प्रभावी ढंग से ड्रोन को मार गिराया। यह देश में किसी भी पुलिस बल द्वारा इस तरह के ऑपरेशन के लिए ईगल का उपयोग करने का पहला उदाहरण है।

ऐसी खबरें आई हैं कि भारतीय सेना दुश्मन के ड्रोनों को निशाना बनाने के लिए प्रशिक्षित पतंगबाजों का इस्तेमाल कर रही है। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने कथित तौर पर संकेत दिया है कि भारत-पाकिस्तान सीमा पर हथियारों, गोला-बारूद और दवाओं की तस्करी करने वाले मानव रहित हवाई वाहनों से जुड़ी घटनाएं 2021 के बाद से दोगुनी से अधिक हो गई हैं। हालाँकि, अब ये देखना भी दिलचस्प होगा की तेलंगाना पुलिस की ये पहल कितनी कारगर सिद्ध होती है।

केंद्र सरकार ने घटाए पेट्रोल-डीजल के दाम तो कांग्रेस के वरिष्ठ नेता चिदंबरम बोले- ये पुरानी वाली चालाकी..

वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने बहुप्रतीक्षित लोकसभा चुनावों से पहले ईंधन की कीमतें कम करने के फैसले पर केंद्र पर कटाक्ष करते हुए कहा कि इस महीने की शुरुआत में "हाथ की वही चालाकी" देखी गई थी, जब प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में 100 रुपये की कटौती की घोषणा की थी। 

केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्रालय ने गुरुवार को अपनी घोषणा में कहा कि पेट्रोल और डीजल की कीमत में 2 रुपये की कटौती की गई है और नई दरें 15 मार्च (शुक्रवार) सुबह 6 बजे से प्रभावी होंगी। मंत्रालय ने कहा कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी से उपभोक्ता खर्च को बढ़ावा मिलेगा और डीजल से चलने वाले 58 लाख से अधिक भारी माल वाहनों, 6 करोड़ कारों और 27 करोड़ दोपहिया वाहनों की परिचालन लागत भी कम होगी।

केंद्र की घोषणा पर प्रतिक्रिया देते हुए, चिदंबरम ने कहा कि उन्होंने "पिछले हफ्ते एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा था कि पेट्रोल और डीजल की कीमतें कम की जाएंगी। यह आज किया गया।" गुरुवार रात एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने कहा, "क्या सरकार कहेगी कि चुनाव के बाद (अगर बीजेपी दोबारा सत्ता में आई) कीमतें नहीं बढ़ाई जाएंगी? बीजेपी सरकार ने एलपीजी सिलेंडर की कीमत में 700 रुपये की बढ़ोतरी की थी और फिर चुनाव की पूर्वसंध्या पर 100 रुपये कम कर दिये गये।'' कांग्रेस नेता ने कहा, "पेट्रोल और डीजल के मामले में भी इसी तरह की चालाकी अपनाई गई है।"

पेट्रोल और डीजल की कीमत में यह कटौती प्रधानमंत्री मोदी द्वारा 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में 100 रुपये की कटौती की घोषणा के एक हफ्ते से भी कम समय बाद आई है। घोषणा करते समय, पीएम मोदी ने कहा कि कटौती से "देश भर के लाखों परिवारों पर वित्तीय बोझ काफी कम हो जाएगा, विशेष रूप से हमारी नारी शक्ति को लाभ होगा"।

विपक्ष ने एलपीजी की कीमत में कटौती पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी, नेताओं ने इस कदम के समय पर सवाल उठाया था। एनसीपी (एसपी) नेता सुप्रिया सुले ने सुझाव दिया कि यह कदम एक राजनीतिक चाल हो सकता है और इसे 'जुमला' (झूठा वादा) कहा था। तृणमूल कांग्रेस (TMC) के सांसद साकेत गोखले ने भी समय पर सवाल उठाया और सवाल किया कि पिछले सात महीनों में कीमत कम क्यों नहीं की गई।

कल होगा लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान, जानिए, इतने बजे होगी चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस

2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है। लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कल किया जाएगा। जानकारी के मुताबिक, कल दोपहर 3 बजे चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस होने वाली है। इसमें लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया जाएगा। पुरे देश को लोकसभा चुनाव का इंतजार है। आम चुनाव 2024 और राज्य विधानसभाओं के कार्यक्रम की घोषणा करने के लिए चुनाव आयोग शनिवार 16 मार्च को प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगा। यह दोपहर 3 बजे आयोजित की जाएगी। इसे ईसीआई के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लाइवस्ट्रीम किया जाएगा।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में गठित कमेटी द्वारा नियुक्त किए गए दोनों चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार (Gyanesh Kumar) और सुखबीर संधू (Sukhbir Sandhu) ने कार्यभार संभाल लिया है। दो चुनाव आयुक्त के पद खाली होने के कारण लोकसभा चुनाव की तारीखों के एलान में देरी हो रही थी। बता दें कि 14 फरवरी को चुनाव आयुक्त अनूप चंद्र पांडे रिटायर हो गए वहीं 8 मार्च को अरुण गोयल ने अचानक इस्तीफा दे दिया। ऐसे में दोनों चुनाव आयुक्तों के पद खाली होने के कारण चुनाव की तारीखों के ऐलान में देरी हो रही थी।

जानिए कौन हैं सबसे ज्यादा चुनावी चंदा देने वाले सैंटियागो मार्टिन, जिनकी कंपनी ने दिया 1368 करोड़ रुपए का चंदा

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भारतीय चुनाव आयोग ने इलेक्टोरल बॉन्ड यानी चुनावी बॉन्ड को जारी कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 14 मार्च को चुनावी चंदे की जानकारी को सार्वजनिक कर दिया गया है। देश की कंपनियों और कुछ लोगों ने व्यक्तिगत स्तर पर 2019 से अब तक चुनावी बॉन्ड के जरिये राजनीतिक दलों को 1,27,69,08,93,000 रुपये दान में दे दिये। चुनावी बॉन्ड के माध्यम से राजनीतिक दलों को दान देने वालों में कई कंपनियां और व्यक्ति शामिल हैं।चुनाव आयोग की वेबसाइट पर मौजूद डेटा के दो भागों में बंटी हुई है, जिसमें कुल 763 पन्ने हैं। एक लिस्ट में बॉन्ड खरीदने वाली कंपनियां, बॉन्ड खरीदने की तारीख और बॉन्ड की कुल राशि की बात की गई है। वहीं दूसरी लिस्ट में तारीख, राजनीतिक पार्टी और उनके चंदे को दर्शाया गया है।

चुनाव आयोग की वेबसाइट पर डाली गई लिस्ट में वह सारे नाम हैं, जिन्होंने राजनीतिक पार्टियों को चंदा देने के लिए इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे थे। इस लिस्ट में सबसे ज्यादा चंदा देने वाली कंपनियों में पहले नंबर पर फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज (Future Gaming And Hotel Services) का नाम शामिल है। कंपनी ने बॉन्ड के जरिए करीब 1,368 करोड़ रुपये दिए हैं। कंपनी ने साल 2019 से 2024 के बीच ये बॉन्ड खरीदे हैं। वहीं दूसरे स्थान है मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड जिसने 980 करोड़ रुपये चुनावी दान में दिए हैं।

इस फ्यूचर गेमिंग कंपनी को सैंटियागो मार्टिन चलाते हैं, जिन्हें लॉटरी किंग के नाम से जाना जाता है। फ्यूचर गेमिंग कोयंबटूर स्थित एक कंपनी है। इसकी स्थापना साल 1991 में हुई थी और इससे पहेल मार्टिन लॉटरी एजेंसीस लिमिटेड के नाम से इसे जाना जाता था। फर्म की वेबसाइट के मुताबिक मार्टिन ने 13 साल की उम्र में ही लॉटरी व्यवसाय में अपनी किस्मत आजमाई थी

कौन हैं सैंटियागो मार्टिन?

मार्टिन चैरिटेबल ट्रस्ट की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, सैंटियागो मार्टिन मार्टिन ग्रुप ऑफ कंपनीज के संस्थापक और अध्यक्ष हैं, जिन्होंने बहुत कम उम्र में लॉटरी इंडस्ट्री में अपनी यात्रा शुरू की थी। मार्टिन को भारत का ‘लॉटरी किंग’ माना जाता है क्योंकि उन्होंने सालों के इनोवेशन और मार्केटिंग के माध्यम से व्यवसाय में लिडरशीप की पोजिशन हासिल की। सैंटियागों ने लॉटरी के जरिए आम लोगों को सपने और भाग्य बेचते हुए हजारों करोड़ रुपये कमाए हैं।

मजदूर से बना लॉटरी किंग

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सैंटियागो मार्टिन कभी म्यांमार के यांगून में एक मजदूर हुआ करते थे। इसके बाद साल 1988 में वह भारत लौटे और तमिलनाडु में लॉटरी बिजनेस की शुरुआत की। उन्होंने पूर्वोत्तर जाने से पहले कर्नाटक और केरल में कारोबार का विस्तार किया। नॉर्थ ईस्ट में लॉटरी बिजनेस को शुरू करने के बाद सैंटियागो मार्टिन ने भूटान और नेपाल में भी कंपनी शुरू की और जल्द ही लॉटरी बिजनेस वहां भी शुरू कर दिया। सैंटियागो मार्टिन ने लॉटरी के अलावा कंस्ट्रक्शन, टेस्सटाइल्स, हॉस्पिटैलिटी और कंस्ट्रक्शन जैसे सेक्टर में भी विस्तार किया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, वह ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ लॉटरी ट्रेड एंड एलायज इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष भी हैं।

इलेक्टोरल बॉन्ड के नंबर जारी न करने पर एसबीआई पर भड़ा सुप्रीम कोर्ट, दिया ये बड़ा आदेश

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सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई को बॉन्ड नंबर का खुलासा करने का आदेश दिया है। इलेक्टोरल बॉन्ड मामले को लेकर चुनाव आयोग की ओर से दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों की संविधान पीठ में आज यानी शुक्रवार को सुनवाई हुई। सीजेआई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने एसबीआई को फिर से नोटिस जारी किया और इलेक्टोरल बॉन्ड नंबर का खुलासा करने का आदेश दिया। साथ ही, सुप्रीम कोर्ट ने रजिस्ट्रार को आदेश दिया है कि वो सुप्रीम कोर्ट में जमा डाटा को कल शाम 5 बजे तक चुनाव आयोग को सौंपे।

कोर्ट में वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और प्रशांत भूषण ने सवाल उठाया। एसबीआई ने बॉन्ड का यूनिक नंबर जारी नहीं किया गया है। कोर्ट में एसबीआई की ओर से कोई मौजूद नहीं था। अब शीर्ष अदालत ने एसबीआई से जवाब मांगा है। सोमवार को फिर होगी मामले की सुनवाई। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को स्पष्ट रूप से कहा कि भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को बान्ड की खरीद और भुनाने के संबंध में पहले से बताए गए विवरणों के अलावा, चुनावी बान्ड संख्या यानी यूनिक नम्बर का भी खुलासा करना होगा। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने सुनवाई के दौरान ये आदेश दिया।

सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने की 15 तारीख को इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम अभियान ही को असंवैधानिक करार दे दिया था. साथ ही, एसबीआई को आदेश दिया था कि वह 12 अप्रैल 2019 के बाद जारी हुए और भुनाए गए सभी बॉन्ड की जानकारी चुनाव आयोग को दे जिसको चुनाव आयोग को 15 मार्च की शाम 5 बजे तक अपनी वेबसाईट पर पब्लिश करना था। 

चुनाव आयोग ने एसबीआई से मिली जानकारी तो पब्लिश कर दी लेकिन जानकारी में बॉन्ड का नंबर न होने से राजनीतिक तापमान गर्म हो गया। कुछ लोगों का कहना था कि प्राप्त हुई जानकारी से ये तो साफ हुआ कि किसने चंदा दिया और किसको चंदा मिला लेकिन दानदाता और दान हासिल करने वालों का मिलान करने के लिए जिस अल्फा न्यूमेरिक नंबर की जरुरत थी, एसबीआई ने उसको अब तक नहीं बताया है।