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टीम इंडिया को बड़ा झटका, आईपीएल के बाद टी20 विश्वकप भी नहीं खेलेंगे शमी

#mohammed_shami_will_not_play_in_t20_world_cup

भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी आईपीएल 2024 के बाद इस साल जून में खेले जाने वाले 2024 टी20 वर्ल्ड कप में नहीं खेल पाएंगे। बीसीसीआई सचिव जय शाह ने इसकी पुष्टि की है। शमी फिलहाल अपने टखने की चोट से उबर रहे हैं।बता दें कि शमी 2023 वनडे वर्ल्ड कप के बाद से इंटरनेशनल क्रिकेट से दूर हैं। हाल ही में शमी अपने टखने की सर्जरी कराने के लिए यूके गए थे।

शमी को लेकर जय शाह ने कहा, शमी की सर्जरी हो गई है। वह भारत वापस आ गए हैं। बांग्लादेश के खिलाफ घरेलू सीरीज के लिए शमी की वापसी की संभावना है। भारत बनाम इंग्लैंड सीरीज के पहले टेस्ट के बाद चोटिल हुए केएल राहुल को लेकर भी जय शाह ने बात की। उन्होंने कहा, विकेटकीपर बल्लेबाज को इंजेक्शन की जरूरत है, उन्होंने रिहैब शुरू कर दिया है और एनसीए में हैं। दरअसल, दाहिने क्वाड्रिसेप्स में दर्द की शिकायत के बाद राहुल इंग्लैंड सीरीज के आखिरी चार टेस्ट में नहीं खेल पाए थे। लंदन में इलाज कराने के बाद उनके आईपीएल में लखनऊ सुपर जाइंट्स के लिए खेलने की उम्मीद है।

जय शाह का मानना है कि ऋषभ पंत के लिए टी20 वर्ल्ड कप टीम के दरवाज़े खुले हैं। उन्होंने कहा, अगर वह विकेटकीपिंग कर सकते हैं, तो वह विश्व कप खेल सकते हैं। पहले देखते हैं कि वह आईपीएल 2024 में कैसा प्रदर्शन करता है।

सीएए लागू होने के बाद ममता ने दिखाए तल्ख तेवर, जानें किसने क्या कहा?

#reactionafterimplementationofcaainthe_country

देश में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) लागू कर दिया गया है। सोमवार (11 मार्च) को इसकी अधिसूचना जारी कर दी गई। लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार ने यह कानून लागू करके सबको चौंका दिया है। सरकार के इस दांव से विपक्षी दल भड़क गए हैं। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सीएए को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी है। ममता बनर्जी ने कहा है कि सीएए से अगर किसी नागरिकता रद्द हुई तो उसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि अगर सीएए दिखाकर एनआरसी लाकर यहां के लोगों की नागरिकता खत्म की जाएगी तो हम विरोध करेंगे। मैं एनआरसी को स्वीकार नहीं कर सकती। ममता बनर्जी ने कहा कि जब चुनाव आता है तो कुछ न कुछ देने की कोशिश करते हैं। सीएए 2020 में पारित किया गया था। इसमें चार साल क्यों लगे? आज चुनाव से पहले इसकी घोषणा क्यों की जा रही है? क्या यह कोई राजनीतिक योजना है? अगर कोई भेदभाव हो तो उसे स्वीकार न करें। ममता के आगे कहा कि कोई भेदभाव स्वीकार नहीं किया जाएगा। धर्म, जाति, लिंग भेदभाव स्वीकार नहीं है। यह दिखावा जैसा लगता है। उन्होंने यह भी पूछा कि प्रधानमंत्री उन लोगों के वोटों से चुने गए जिनके लिए सीएए बनाया गया था। क्या उनका वोट बेकार है? जब किसी की नागरिकता रद्द की जाएगी तो हम चुप नहीं रहेंगे।

कांग्रेस ने सीएए को लागू करने के समय पर उठाया सवाल

वहीं, कांग्रेस ने भी सीएए को लागू करने के समय पर सवाल उठाया है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल से पोस्ट किया, ''दिसंबर 2019 में संसद द्वारा पारित नागरिकता संशोधन अधिनियम के नियमों को अधिसूचित करने में मोदी सरकार को चार साल और तीन महीने लग गए। प्रधानमंत्री दावा करते हैं कि उनकी सरकार बिल्कुल प्रोफेशनल ढंग से और समयबद्ध तरीके से काम करती है।''

उन्होंने लिखा, ''सीएए के नियमों को अधिसूचित करने में लिया गया इतना समय प्रधानमंत्री के सफेद झूठ की एक और झलक है। नियमों की अधिसूचना के लिए नौ बार एक्सटेंशन मांगने के बाद घोषणा करने के लिए जानबूझकर लोकसभा चुनाव से ठीक पहले का समय चुना गया है।''

ये उनका आखिरी खेल चल रहा है-संजय राउत

सीएए की अधिसूचना जारी करने पर शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने कहा, "...ये उनका (भाजपा) आखिरी खेल चल रहा है। चलने दो, लागू होने दो, वे लोग ये खेल करते रहते हैं, जब तक चुनाव है तब तक वे सीएए- सीएए खेलेंगे, खेलने दो।"

चाहे कुछ हो जाए कल ‘इलेक्टोरल बांड’ का हिसाब तो देना ही पड़ेगा-अखिलेश यादव

सीएए लागू होने के बाद सपा प्रमुख व उत्तर प्रदेश पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने केंद्र की भाजपा सरकार पर प्रहार करते हुए पोस्ट किया है। अखिलेश यादव ने एक्स पर पोस्ट किया है, जब देश के नागरिक रोजी-रोटी के लिए बाहर जाने पर मजबूर हैं तो दूसरों के लिए ‘नागरिकता कानून’ लाने से क्या होगा? जनता अब भटकावे की राजनीति का भाजपाई खेल समझ चुकी है। भाजपा सरकार ये बताए कि उनके 10 सालों के राज में लाखों नागरिक देश की नागरिकता छोड़ कर क्यों चले गये। चाहे कुछ हो जाए कल ‘इलेक्टोरल बांड’ का हिसाब तो देना ही पड़ेगा और फिर ‘केयर फंड’ का भी।

लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार का बड़ा फैसला, देश भर में लागू हुआ सीएए, नोटिफिकेशन जारी

#caaruleimplementedinindiamodigovernmentissuednotification 

नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) नियमों की अधिसूचना आज सोमवार को जारी हो गई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा सोमवार को शाम छह बजे सीएए के नियमों को लेकर अधिसूचना जारी की गई है। लोकसभा चुनाव की घोषणा से पहले नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) नियमों की अधिसूचना जारी होना केंद्र सरकार का बड़ा फैसला है। सरकार ने नोटिफिकेशन में स्पष्ट कहा है कि यह नागरिक छीनने नहीं बल्कि नागरिकता देने वाला कानून है।

बता दें कि हाल ही में केंद्रीय गृह मत्री अमित शाह ने ऐलान किया था कि आम चुनाव से पहले सीएए लागू होगा। अमित शाह ने कहा था, ''लोकसभा चुनाव से पहले सीएए को लागू करने को लेकर नोटिफिकेशन जारी कर दिया जाएगा। मैं ऐसे मैं साफ कर देना चाहता हूं कि सीएए से किसी भी शख्स की नागरिकता नहीं ली जाएगी। 

सीएए लागू करने को लेकर पूरी थी तैयारी

बता दें कि सीएए लागू करने को लेकर पूरी तैयारी की जा चुकी थी। इसके लिए एक पोर्टल भी तैयार कर लिया गया था। पात्र पड़ोसी देशों से आने वाले विस्थापितों को सिर्फ पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी और आवेदक अपने मोबाइल फोन से भी आवेदन कर सकते हैं। आवेदकों को वह वर्ष बताना होगा, जब उन्होंने यात्रा दस्तावेजों के बिना भारत में प्रवेश किया था। आवेदकों से कोई दस्तावेज नहीं मांगा जाएगा। गृह मंत्रालय इसकी जांच कर नागरिकता जारी कर देगा। बता दें कि नागरिकता देने का अधिकार पूरी तरह से केंद्र सरकार के पास है।

क्या है सीएए

सीएए यानी नागरिकता (संशोधन) अधिनियम को 2019 में संसद से पारित किया गया है। इसका उद्देश्य 31 दिसंबर 2014 से पहले पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए अल्पसंख्यक शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता देना है। इसका फायदा उन हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, ईसाई और पारसी समुदाय के लोगों को मिलेगा जो इन तीनों पड़ोसी देशों में प्रताड़ना का शिकार होकर भारत आए हैं। खास बात ये है कि इन्हें भारतीय नागरिकता लेने के लिए किसी दस्तावेज की जरूरत नहीं होगी। कानून के तहत नागरिकता मिलते ही ऐसे व्यक्तियों को देश के मौलिक अधिकार भी मिल जाएंगे। मुस्लिमों को इस कानून से बाहर रखा गया है।

BIG_BREAKING देशभर में लागू हुआ सीएए

केंद्र सरकार ने जारी की सीएए की अधिसूचना

लोकसभा चुनाव से पहले केन्द्र सरकार का बड़ा फैसला

शरणार्थियों को मिल सकेगी देश की नागरिकता

भारत के तीन पड़ोसी मुल्कों के अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने का प्रावधान

देशभर में लागू हुआ सीएए केंद्र सरकार ने जारी की सीएए की अधिसूचना

BIG_BREAKING 

लोकसभा चुनाव से पहले केन्द्र सरकार का बड़ा फैसला

शरणार्थियों को मिल सकेगी देश की नागरिकता

भारत के तीन पड़ोसी मुल्कों के अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने का प्रावधान

देशभर में लागू हुआ सीएए केंद्र सरकार ने जारी की सीएए की अधिसूचना

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नई तकनीक से लैस अग्नि-5 का सफल परीक्षण, पीएम मोदी ने डीआरडीओ के वैज्ञानिकों को दी बधाई

#pm_on_first_test_of_indigenously_developed_agni_5_missile

लोकसभा चुनावों से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की सामरिक शक्ति को लेकर बड़ी खुशखबरी दी है। भारत ने वह तकनीकी क्षमता हासिल कर ली है जिसमें एक मिसाइल कई टारगेट्स को निशाना बनाती है।प्रधानमंत्री ने बताया कि डीआरडीओ वैज्ञानिकों ने 'मिशन दिव्यास्त्र' के तहत मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल (एमआईआरवी) तकनीक के साथ स्वदेशी रूप से विकसित अग्नि -5 मिसाइल की पहली उड़ान परीक्षण कर लिया है। पीएम मोदी ने सोमवार को सोशल मीडिया साइट एक्स पर एक पोस्ट में यह जानकारी दी

पीएम मोदी ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट कर डीआरडीओ वैज्ञानिकों को बधाई दी है। पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा, "मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल" (एमआईआरवी) तकनीक के साथ स्वदेशी रूप से विकसित अग्नि -5 मिसाइल का पहला उड़ान परीक्षण मिशन दिव्यास्त्र के लिए हमारे डीआरडीओ वैज्ञानिकों पर गर्व है।

मिशन दिव्यास्त्र के सफल होने के बाद अब अग्नि 5 मिसाइलों से अब एक समय में कई टार्गेट पर निशाना लगाया जा सकता है। मिसाइल के ऊपर एक ऐसी प्रणाली लगाई जाएगी, जिससे एक समय पर तीन अलग अलग टारगेट को इंगेज किया जा सकता है।

अग्नि-5 तीन चरणों वाली, पूरी तरह ठोस ईंधन से चलने वाली मिसाइल है। मिसाइल की लंबाई 17.5 मीटर और वजन 50 टन है। यह कई लक्ष्यों के लिए 11 क्विंटल हथियार ले जा सकती है। "मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल" (एमआईआरवी) तकनीक के जरिए डीआरडीओ ने यह सुनिश्चित किया कि हर वारहेड अलग टारगेट को हिट कर सकता है। ये टारगेट एक-दूसरे से सैकड़ों किलोमीटर दूर हो सकते हैं।

मिशन दिव्यास्त्र के परीक्षण के साथ ही भारत उन चुनिंदा देशों के समूह में शामिल हो गया है जिनके पास एमआईआरवी क्षमता है।भारत के अलावा यह तकनीक चीन, फ्रांस, अमेरिका, इजरायल, रूस और यूके के पास है।

इससे पहले खबरें आईं कि पीएम मोदी देश को संबोधित करने वाले हैं। इस दौरान कई तरह के कयास लगाए जाने लगे। कहा जाने लगा कि पीएम मोदी सीएए, एमएसपी जैसे मुद्दों पर बड़ा एलान कर सकते हैं। हालांकि, पीएम मोदी ने ट्वीट के बाद इस अटकलों पर विराम लग गया और यह बात साफ हो गई कि पीएम मोदी आज देश को संबोधित नहीं करेंगे।

*नई तकनीक से लैस अग्नि-5 का सफल परीक्षण, पीएम मोदी ने डीआरडीओ के वैज्ञानिकों को दी बधाई*

#pm_on_first_test_of_indigenously_developed_agni_5_missile 

लोकसभा चुनावों से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की सामरिक शक्ति को लेकर बड़ी खुशखबरी दी है। भारत ने वह तकनीकी क्षमता हासिल कर ली है जिसमें एक मिसाइल कई टारगेट्स को निशाना बनाती है।प्रधानमंत्री ने बताया कि डीआरडीओ वैज्ञानिकों ने 'मिशन दिव्यास्त्र' के तहत मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल (एमआईआरवी) तकनीक के साथ स्वदेशी रूप से विकसित अग्नि -5 मिसाइल की पहली उड़ान परीक्षण कर लिया है। पीएम मोदी ने सोमवार को सोशल मीडिया साइट एक्स पर एक पोस्ट में यह जानकारी दी

पीएम मोदी ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट कर डीआरडीओ वैज्ञानिकों को बधाई दी है। पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा, "मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल" (एमआईआरवी) तकनीक के साथ स्वदेशी रूप से विकसित अग्नि -5 मिसाइल का पहला उड़ान परीक्षण मिशन दिव्यास्त्र के लिए हमारे डीआरडीओ वैज्ञानिकों पर गर्व है।

मिशन दिव्यास्त्र के सफल होने के बाद अब अग्नि 5 मिसाइलों से अब एक समय में कई टार्गेट पर निशाना लगाया जा सकता है। मिसाइल के ऊपर एक ऐसी प्रणाली लगाई जाएगी, जिससे एक समय पर तीन अलग अलग टारगेट को इंगेज किया जा सकता है।

अग्नि-5 तीन चरणों वाली, पूरी तरह ठोस ईंधन से चलने वाली मिसाइल है। मिसाइल की लंबाई 17.5 मीटर और वजन 50 टन है। यह कई लक्ष्यों के लिए 11 क्विंटल हथियार ले जा सकती है। "मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल" (एमआईआरवी) तकनीक के जरिए डीआरडीओ ने यह सुनिश्चित किया कि हर वारहेड अलग टारगेट को हिट कर सकता है। ये टारगेट एक-दूसरे से सैकड़ों किलोमीटर दूर हो सकते हैं।

मिशन दिव्यास्त्र के परीक्षण के साथ ही भारत उन चुनिंदा देशों के समूह में शामिल हो गया है जिनके पास एमआईआरवी क्षमता है।भारत के अलावा यह तकनीक चीन, फ्रांस, अमेरिका, इजरायल, रूस और यूके के पास है।

इससे पहले खबरें आईं कि पीएम मोदी देश को संबोधित करने वाले हैं। इस दौरान कई तरह के कयास लगाए जाने लगे। कहा जाने लगा कि पीएम मोदी सीएए, एमएसपी जैसे मुद्दों पर बड़ा एलान कर सकते हैं। हालांकि, पीएम मोदी ने ट्वीट के बाद इस अटकलों पर विराम लग गया और यह बात साफ हो गई कि पीएम मोदी आज देश को संबोधित नहीं करेंगे।

थोड़ी देर में पीएम मोदी का देश के नाम संबोधन, कर सकते हैं बड़ा ऐलान, क्या देश में आज से लागू हो जाएगा सीए?

#pm_modi_address_to_nation_big_announcement

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी थोड़ी देर में देश को संबोधित करने वाले हैं। इस दौरान पीएम मोदी बड़े एलान कर सकते हैं। कयास लगाया जा रहा है कि पीएम मोदी अपने संबोधन में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लागू करने का ऐलान कर सकते हैं। इससे पहले खबरें आई थीं कि आज देर रात सीएए को लेकर अधिसूचना जारी हो सकती है।

हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि सीएए का कार्यान्वयन कोई नहीं रोक सकता। वहीं, केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर ने कहा था कि एक हफ्ते के अंदर देश में सीएए लागू कर दिया जाएगा। बोनगांव से भाजपा सांसद ठाकुर ने कहा था कि सात दिनों के भीतर कानून का तेजी से कार्यान्वयन किया जाएगा।

सीएए दिसंबर 2019 में पारित हुआ था और बाद में इसे राष्ट्रपति की मंजूरी भी मिल गई थी लेकिन इसके खिलाफ देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हुए। यह कानून अब तक लागू नहीं हो सका है क्योंकि इसके कार्यान्वयन के लिए नियमों को अधिसूचित किया जाना है। सीएए का उद्देश्य बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाइयों सहित सताए गए गैर-मुस्लिम प्रवासियों को भारतीय नागरिकता प्रदान करना है। जिन्होंने 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत में प्रवेश किया था।ऐसा इसलिए क्योंकि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में मुस्लिम बहुसंख्यक हैं और बाकी सभी धर्म को लेकर अल्पसंख्य की श्रेणी में आते हैं।

टीएमसी ने अधीर के सामने यूसुफ पठान को मैदान में उतारा, तो क्या बहरामपुर में होने जा रहा है खेला ?

#adhir_ranjan_vs_yusuf_pathan

देश चुनावी रंग में रंगता जा रहा है। सभी राजनीतिक पार्टियां चुनावी मोड में आ चुकी हैं। सभी दल धीरे-धीरे चुनावी दंगाल में अपने-अपने “पहलवानों” को उतारनें में लगी हुई हैं। इसी क्रम में पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया। कुल 42 सीटों पर टीएमसी ने एक साथ उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया है। पहले ही बंगाल में टीएमसी ये कह चुकी है कि वो अकेले चुनाव लड़ेगी और जीत का लक्ष्य लिए उम्मीदवारों के नाम का भी ऐलान कर दिया गया। 

टीएमसी की ओर से लिस्ट जारी होने के बाद अगर किसी सीट की सबसे ज्यादा चर्चा हो तो वो है मुर्शिदाबाद जिले की बहरामपुर सीट। टीएमसी की ओर से यहां से क्रिकेटर यूसुफ पठान को उतारे जाने की चर्चा गुजरात तक हो रही है। एक तरफ सियासत के दिग्गज, दूसरी तरफ क्रिकेट के धुरंधर। बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले की बहरामपुर लोकसभा सीट पर इस बार बेहद जबरदस्त मुकाबला होगा, जहां पांच बार के कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी को पूर्व विस्फोटक बल्लेबाज यूसुफ पठान तृणमूल कांग्रेस से चुनौती देंगे।

टीएमसी नेतृत्व ने यूसुफ पठान के तौर पर कांग्रेस के दिग्गज नेता अधीर रंजन चौधरी के सामने कड़ी चुनौती पेश कर दी है। केकेआर के लिए खेलने के कारण यूसुफ राज्य में जाना-पहचाना चेहरा हैं। बंगाल में क्रिकेट बेहद लोकप्रिय है। यूसुफ न सिर्फ क्रिकेट जगत का चर्चित चेहरा हैं, बल्कि अल्पसंख्यक समुदाय से भी हैं। मालूम हो कि मुर्शिदाबाद की 65 प्रतिशत से अधिक मुस्लिम आबादी है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या दीदी ने कांग्रेस के इस दिग्गज को उनकी मौजूदा संसदीय सीट पर ही फंसा दिया है?

दरअसल, कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी हमेशा से तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ बयानबाजी में एक्टिव रहे। इंडिया अलायंस के दौरान भी कांग्रेस नेतृत्व की कोशिश ममता बनर्जी को साथ रखने की थी लेकिन अधीर रंजन का अंदाज बिल्कुल अलग था। उन्होंने इस गठबंधन का लगातार विरोध किया। खुद टीएमसी की ओर से साफ कर दिया गया था कि कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं होने में बड़ा रोल अधीर रंजन चौधरी का था। अब जिस तरह से 2024 के रण में टीएमसी ने बहरामपुर की सियासी पिच पर पूर्व क्रिकेटर यूसुफ पठान को उतारा वो किसी मास्टरस्ट्रोक से कम नहीं लग रहा।

बता दें कि बहरामपुर को बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष अधीर का गढ़ माना जाता है। उनका हर बार भारी वोटों से जीतने का रिकॉर्ड रहा है।2014 में केंद्र में कांग्रेस की अगुआई वाली संप्रग सरकार के खिलाफ सत्ता विरोधी कारक और 2019 में मोदी लहर के बावजूद अधीर को कोई हिला नहीं पाया था। अब देखना है कि 2007 में टी-20 विश्वकप व 2011 में वनडे विश्वकप जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा रहे यूसुफ तृणमूल को बहरामपुर सीट जिता पाते हैं या नहीं।