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महतारी वंदन योजना : हितग्राहियों के खातों में डीबीटी के माध्यम से पहली बार मार्च माह में आएगी राशि

रायपुर-  महतारी वंदन योजना के प्रथम चरण में 20 फरवरी को शाम 6 बजे के बाद आवेदन लेने का सिलसिला थम जाएगा। आवेदनों के सत्यापन के उपरांत जल्द ही अनंतिम सूची जारी की जाएगी। अनंतिम सूची जारी करने के बाद दावा आपत्ति भी ली जाएगी। दावा आपत्ति के निराकरण के बाद अंतिम सूची जारी की जाएगी। पहले चरण में जितने भी आवेदन आएंगे, उनके सत्यापन के बाद प्रथम बार डीबीटी के माध्यम से आधार लिंक बैंक खातों में मार्च माह की राशि, मार्च माह में ही अंतरित की जाएगी।

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की छत्तीसगढ़ की जनता को दी गई गारंटी पूरी करने जा रही है। योजना के तहत छत्तीसगढ़ की पात्र विवाहित महिलाओं के खाते में प्रति माह एक हजार रूपए, इस प्रकार साल में 12 हजार रूपए अंतरित किए जाएंगे।

महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार प्रदेश में अब तक 70 लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हो चुके है। महतारी वंदन योजना के प्रथम चरण में आवेदनों के प्राप्त होने के साथ-साथ सत्यापन की कार्यवाही भी की जा रही है। प्रथम चरण के बाद फिर से अगले चरण में पात्र हितग्राहियों को आवेदन करने का अवसर प्रदान किया जाएगा। यह प्रक्रिया सतत् चलती रहेगी।

तखतपुर- प्रदेश के बाद नगर सरकार भी गई कांग्रेस के हाथ से, अविश्वास प्रस्ताव लाकर BJP ने कुर्सी पर जमाया कब्जा…

तखतपुर-     प्रदेश में सत्ता परिवर्तन होते ही नगरीय निकायों में भी सत्ता परिवर्तन का दौर शुरू हो गया है. तखतपुर नगर पालिका में भी सत्ता परिवर्तन के लिए प्रस्ताव पारित हो गया है. तखतपुर में भाजपा पार्षद दल ने अविश्वास प्रस्ताव लाया है.

बता दें कि तखतपुर में 4 साल से कांग्रेस की अध्यक्ष थी. विधानसभा चुनाव के बाद पार्षदों के दल बदल के कारण समीकरण बदल गया और भाजपा पार्षद दल ने कांग्रेस अध्यक्ष के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाया.

कलेक्टर के निर्देश पर पीठासीन अधिकारी एसडीएम वैभव कुमार क्षेत्रज्ञ के द्वारा मंगलवार को अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा और मतदान हुआ और प्रस्ताव 5 के मुकाबले 10 मत से अविश्वास प्रस्ताव पारित हो गया. इस तरह नगर में भी कांग्रेस सत्ता से दूर हो गई. अब आने वाले समय में अध्यक्ष की कुर्सी पर भाजपा किसे बिठाती है, यह आने वाला समय ही बताएगा.

वित्त मंत्री ओपी चौधरी की सदन में घोषणा, प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए मिलेगी नि:शुल्क रेत…

रायपुर- विधानसभा में मंगलवार को अवैध रेत उत्खनन पर चर्चा के दौरान वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने बड़ी घोषणा की. विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह के सवाल पर उन्होंने कहा कि गांव वालों को खुद के उपयोग के लिए प्रधानमंत्री आवास बनाने छोटे ट्रेक्टर से रेत निःशुल्क दिया जाएगा.

कांग्रेस विधायक शेषराज हरवंश ने मामला उठाते हुए कहा कि अवैध रेत खदान की शिकायत आई है. क्या रेत खदानों में मशीनों से लोडिंग की अनुमति है? मुख्यमंत्री की अनुपस्थिति में वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने कहा कि किसी को मशीन से लोडिंग की अनुमानित नहीं है. बिना अनुमति के अगर कहीं खनन चल रहा है तो इस पर कठोर कार्यवाही की जाएगी. भाजपा विधायक धर्मजीत सिंह ने कहा कि आप अभी हेलीकॉप्टर से अभी चलिए, अगर 200 से ज़्यादा पोकलेन उत्खनन करती नहीं मिली तो मैं अपनी विधायिका से इस्तीफ़ा दे दूंगा.

धर्मजीत सिंह ने पंद्रह दिन तक अभियान चलाने का निवेदन करते हुए कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने रेत का बड़ा खेल खेला है. बेहतर है कि पूर्व की तरह इसका अधिकार पंचायत को दिया जाए. वित्त मंत्री ने कहा कि विभाग इस पर नज़र रखे हुए है, और उचित कार्यवाही की जा रही है. आसंदी ने मंत्री से कहा कि आप ऐसी कठोर कार्यवाही कीजिए कि नजीर बने. इसके साथ ही मंत्री चौधरी ने आगामी 15 दिनों तक रोज कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए.

भाजपा-कांग्रेस के कई विधायकों ने रेत के अवैध उत्खनन को लेकर सदन में बात रखी. बिलासपुर में अरपा से रेत के अवैध उत्खनन का मामला भी उठा. ग्रामीणों को आ रही परेशानी को लेकर भी उठे सवाल. विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि क्या प्रधानमंत्री आवास के लिए रेत ले जाने की गांव वालों को अनुमति देते हैं? ये बड़ी बात होगी. इस पर मंत्री ओपी चौधरी ने सदन में घोषणा करते हुए कहा कि गांव वाले खुद के उपयोग के लिए, प्रधानमंत्री आवास बनाने के लिए छोटे ट्रेक्टर से रेत निःशुल्क दिया जाएगा।

पूर्व नेता प्रतिपक्ष और भाजपा विधायक धरमलाल कौशिक ने कहा कि रेत से तेल निकालने वालों पर कार्रवाई होनी चाहिए. रिकेश सेन ने कहा कि खनिज जब्त होता है, तो कहां रखा जाता है? इस पर मंत्री ने कहा कि खनिज का मूल्य और फाइन दोनों उसमें रहता है. फाइन लेकर खनिज उसी व्यक्ति को वापस दे दिया जाता है. रिकेश सेन ने कहा कि पिछले 5 सालों में रेत खनन में बड़ा भ्रष्टाचार हुआ है.

मंत्री चौधरी ने कहा कि जो खनिज जप्त होता है, ट्रक को पकड़ते हैं, उसको वापस लेकर ऑक्शन नहीं करते हैं. खनिज की राशि और पेनाल्टी दोनों लेने के बाद उसे ही खनिज दे दिया जाता है. इस पर रिकेश सेन ने जिला सरगुजा, बलरामपुर और सूरजपुर में जितने भी खनिज जप्त हुए हैं, उस पर जांच के साथ शिकायत सही पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की मांग की.

बिना लीज के और एनवायरमेंट क्लीयरेंस के, जो खोदाई की जाता है, या जो क्षेत्र निर्धारित किया गया है उसे क्षेत्र से बाहर खुदाई चल रही है, उसे अवैध कहा जाता है. कोई ट्रक चल रहा है, कोई डंपर चल रहा है, बिना रॉयल्टी दिए तो सड़क पर पकड़ते हैं, तो उसे अवैध परिवहन का केस रजिस्टर होता है.

मंत्री ने कहा कि जो दूसरा कंसर्न है कि छोटे ट्रैक्टर हैं हम ध्यान रखेंगे कि बड़े-बड़े बाहुबली बड़े माफिया पर कार्रवाई हो. यह विष्णु देव की सरकार है. कोई बाहुबली नहीं बचाने वाला, यह हम सुनिश्चित करेंगे. अगर कोई ग्राम पंचायत के काम के लिए या कोई स्थानीय अपने काम के लिए रेत ले जा रहा है, तो माइनिंग नियमों में ऐसे स्थानीय नियमों के तहत छूट गया दिया गया है. उसमें परिवहन कर रहे हैं, और उनको कोई अगर तंग कर रहा है तो उनको हम नहीं करने देंगे.

मंत्री ने कहा कि कई जरूरी कंसर्न अभी सामने आए हैं, अभी प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जो घर बन रहा उनको परेशान नहीं किया जाएगा. इस पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि आप सहमत हैं तो बोल दीजिए, सदन में इसकी घोषणा कर दीजिए. इस पर मंत्री ओपी चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए हम निशुल्क रेत उपलब्ध करेंगे.

शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों के खिलाफ पुलिस ने शुरू किया धरपकड़ अभियान, दो दिन में 100 से अधिक चालकों को पकड़ा

रायपुर- शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों के खिलाफ रायपुर पुलिस ने फिर से विशेष धरपकड़ अभियान शुरू कर दिया है। पिछले दो दिनों के भीतर शहर के अलग-अलग स्थानों पर यातायात पुलिस ने 100 से अधिक शराबी वाहन चालकों को पकड़ा। वहीं एक हफ्ते के भीतर 200 से अधिक चालकों को नशे की हालत में गाड़ी चलाते हुए पकड़ा गया है। इनके खिलाफ मोटर व्हीकल एक्ट की कार्रवाई कर वाहन को जब्त कर लिया गया। अब ये प्रकरण नौ मार्च को होने वाली लोक अदालत शिविर में पेश करने की तैयारी है।

एडिशनल एसपी ट्रैफिक सचिंद्र चौबे ने बताया कि जिले में लगातार सड़क हादसे में हो रही मौतों को रोकने पुलिस ने कमर कस ली है। शराब के नशे में बिना हेलमेट दोपहिया और बिना सीट बेल्ट लगाए चार पहिया वाहन चलाने से ज्यादातर हादसे में मौतें हो रही हैं। इसे ध्यान में रखकर यातायात अमले को अलर्ट कर शराबी वाहन चालकों की धरपकड़ करने के निर्देश दिए गए हैं।

शहर के भीतर चौक-चौराहे और आउटर इलाके में तैनात यातायात के जवान खासकर रात के समय ब्रेथ-एनालाइजर मशीन से टेस्ट यानी सांसों में एल्कोहल की मात्रा जांचने का परीक्षण कर आसानी से यह पता लगा लेते हैं कि वाहन चालक नशे में हैं या नहीं। इसके आधार पर शराबी चालक की पहचान कर मौके पर ही उसके वाहन को जब्त कर लिया जा रहा है। इसी कड़ी में पिछले दो दिनों में सौ से अधिक और हफ्ते भर में दो सौ से अधिक शराबी वाहन चालकों को पकड़कर उनके वाहनों को जब्त कर लिया गया है। मामले में एमवी एक्ट की धारा 185 के तहत कार्रवाई कर प्रकरण न्यायालय में पेश करने की तैयारी की गई है।

शराब पीकर वाहन चलाने वालों पर न्यूनतम दस हजार रुपये जुर्माना होने के कारण वाहन चालक पुलिस को चौक-चौराहे पर खड़े देखकर दाएं-बाएं होकर भागने की कोशिश भी करते हैं। वहीं पुलिस के हत्थे चढ़ने पर मामला कोर्ट में करने का प्राविधान है। यहां से अधिकतम जुर्माना भरने का आदेश होने से वाहन चालक दोबारा शराब पीकर वाहन चलाने से तौबा भी करने लगे हैं।

माडिफाइड साइलेंसर से फर्राटा भर रहे बाइकर्स

एएसपी ट्रैफिक ने बताया कि फर्राटा भरने वाले ज्यादातर स्पीड बाइकर्स अपने बुलेट, स्टाइलिश और महंगे दोपहिया वाहनों के साइलेंसर को मा़डिफाइ़ड करा लेते हैं। इन साइलेंसरों से पटाखा फूटने जैसी आवाज निकलती है। ऐसे 80 माडिफाइड साइलेंसर वाले वाहनों पर पुलिस ने कार्रवाई की है। वहीं रंगीन फिल्म लगे 42 वाहन को पकड़ा गया है, जबकि बिना हेलमेट के दोपहिया वाहन चलाते 2,500 चालकों का चालान काटकर जुर्माना वसूला गया है।

शहर में बाइक और कारों में छेड़छाड़ करके उनकी आवाज को बदला जा रहा है। बाइक में मोडिफाइड साइलेंसर लगाकर पटाखे फोड़ने, गोली चलने और धमाका होने जैसी आवाज निकाली जा रही है। इनकी कर्कश आवाज से राहगीर विचलित तो हो ही रहे हैं, गली-मुहल्लों में महिलाएं और बीमार बुजुर्ग भी बहुत परेशान हैं। कोई भी बड़ी कंपनी मोडिफाइड साइलेंसर नहीं बनाती, लेकिन बाजार में एससी, एक्रापाल, इंडोरेंस, पंजाब ढोलकी, इंदौर आदि कई नाम से मोडिफाइड साइलेंसर धड़ल्ले से दुकानों में बिक रहे हैं। इनकी कीमत 1,500 से 4,500 रुपये तक की है, जबकि फिटिंग चार्ज अलग से लिया जाता है।

व्यापम ने व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए परीक्षाओं की संभावित तिथि जारी की

रायपुर-  छतीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मण्डल (व्यापम) ने राज्य के विभिन्न व्यावसायिक पाठ्यक्रमों एवं विषयों में शैक्षणिक सत्र 2024-25 में प्रवेश हेतु आयोजित होने वाली प्रवेश परीक्षाओं की संभावित तिथियां जारी कर दी है। तकनीकी शिक्षा, चिकित्सा शिक्षा, एनसीईआरटी तथा कृषि विभाग के शैक्षणिक सत्र 2024-25 में विभिन्न व्यावसायिक विषयों में प्रवेश के लिए व्यापम मई एवं जून माह में परीक्षाएं आयोजित की जाएगी।

प्राप्त जानकारी के अनुसार प्री. एम.सी.ए. एमसीए 24 तथा एम.एससी. नर्सिंग एमएससीएन 2024 में प्रवेश के लिए परीक्षा की संभावित तिथि 30 मई 2024 रखी गई है। इसी तरह प्री. बीएड, प्री. डीएलडी, के लिए 2 जून 2024, पीईटी एवं पीपीएचटी के लिए परीक्षा की संभावित तिथि 6 जून 2024 होगी। बीएससी नर्सिंग, प्री बीए बीएड/प्री बीएससी बीएड के लिए 13 जून, पीएटी/पीव्हीपीटी प्रवेश परीक्षा की संभावित तिथि 16 जून तथा पीपीटी प्रवेश परीक्षा की संभावित तिथि 23 जून 2024 है।

उक्त प्रवेश परीक्षाओं के लिए छत्तीसगढ़ राज्य के निवासी प्रतिभागियों से किसी भी प्रकार का परीक्षा शुल्क नहीं लिया जाएगा। ऑनलाईन आवेदन की प्रारंभिक एवं अंतिम तिथि, सुधार की तिथि एवं परीक्षा का समय व्यापम के वेबसाईट पर बाद में घोषित किए जाएंगे। इस संबंध में विस्तृत जानकारी व्यापम की वेबसाइट vyapam.cgstate.gov.in एवं https://vyapamaar.cgstate.gov.in/ पर उपलब्ध रहेगी।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की सरकार पंचतत्वों विकास, विश्वास, सुरक्षा, न्याय और सेवा पर कर रही काम

रायपुर-    जगरगुंडा थाने के पूवर्ती तथा इसके निकटवर्ती गांवों को दंडकारण्य में माओवादियों की सबसे सुरक्षित पनाहगार कहा जाता था। पूवर्ती टॉप नक्सल कमांडर हिड़मा और पीएलजीए बटालियन कमांडर देवा का गांव भी है। इन्हीं इलाकों से ही नक्सलवादी आतंकवाद का नासूर पूरे दंडकारण्य में पनपता था। माओवादी आतंकवाद के केंद्र इन गांवों में विकास की बुरी स्थिति थी।

लोगों को विकास का लाभ देने का तथा इन इलाकों को नक्सलवाद के दंश से मुक्त कराने का दृढ़ संकल्प मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की सरकार ने लिया और इन संवेदनशील इलाकों में 14 नये कैंप आरंभ किये गये। इसी कड़ी में सीआरपीएफ, एसटीएफ, कोबरा, डीआरजी, बस्तर फाइटर एवं स्थानीय पुलिस द्वारा 16 फरवरी को जगरगुंडा थाना के पूवर्ती में भी सुरक्षा कैंप खोला गया। कैंप खोलने का मकसद सुरक्षा व्यवस्था के साथ ही स्थानीय लोगों के लिए बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित करना भी है। इस पर काम भी आरंभ हो गया है। पूर्वती में कैंप खोलने के पश्चात स्वास्थ्य शिविर लगाया गया। इसमें सभी से स्वास्थ्य जांच की अपील की गई। इसमें हिड़मा की मां तथा देवा की माँ ने भी स्वास्थ्य जांच कराया।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री साय लगातार नक्सल मोर्चे पर विकास, विश्वास और सुरक्षा, न्याय और सेवा के पंचतत्वों की रणनीति के माध्यम से बढ़ रहे हैं। उप मुख्यमंत्री एवं गृह मंत्री विजय शर्मा भी लगातार नक्सल मोर्चे पर जवानों से मिलकर उनका हौसला बढ़ा रहे हैं। लोगों का विश्वास जीतने के इसी क्रम में प्रशासनिक अमला पूवर्ती गांव में पहुंचा। लोगों को बताया कि किस तरह सरकार नियद नेल्लानार योजना के माध्यम से आप लोगों के लिए बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित करने काम करने वाली है।

शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल जैसी बुनियादी सुविधाओं का लाभ देने इन 14 कैंपों के पांच किमी के दायरे में नियद नेल्लानार योजना अर्थात आपका अच्छा गांव योजना आरंभ की गई है। इस योजना के माध्यम से 25 से अधिक मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं और इनके माध्यम से 32 तरह की व्यक्तिमूलक योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। "नियद नेल्लानार" ऐसी योजना है जिसमें प्रधानमंत्री जनमन योजना की तरह ही बुनियादी सुविधाओं से संबंधित लाभ हितग्राहियों को दिये जाते हैं। इसके लिए 20 करोड़ रुपए का बजट रखा गया है।

पुलिस महानिरीक्षक, बस्तर रेंज सुन्दरराज पी. द्वारा बताया गया कि जिला बीजापुर में नवीन सुरक्षा कैम्प पालनार, डुमरीपालनार, चिंतावागू, कावड़गांव, मुतवेण्डी एवं गुंडम तथा जिला सुकमा में नवीन सुरक्षा कैम्प मुलेर, परिया, सलातोंग, मुकराजकोण्डा, दुलेड़, टेकलगुड़ेम एवं पूवर्ती व जिला कांकेर में नवीन सुरक्षा कैम्प पानीडोबीर कुल 14 सुरक्षा कैम्प स्थापित किये गये हैं, जिसमें नवस्थापित कैम्प पूवर्ती में आयोजित स्वास्थ्य शिविर में शीर्ष माओवादी कैडर के परिजनों सहित अन्य ग्रामीणजन द्वारा शामिल होकर स्वास्थ्य शिविर का लाभ उठाना, जनहित में किये जा रहे पुलिस, सुरक्षा बल व स्थानीय प्रशासन द्वारा की जा रही पहल का सकारात्मक परिणाम है। उन्होंने बताया कि बस्तर क्षेत्र में आगामी दिनों में शासन के मंशानुरूप विश्वास, विकास, सुरक्षा, न्याय और सेवा के पंचतत्वों के आधार पर पुलिस, सुरक्षा बल व स्थानीय प्रशासन द्वारा लगातार कार्य करते हुये क्षेत्र के हजारों ग्रामीणों को नक्सल आतंक से मुक्ति दिलाने के साथ-साथ शासन की अनेक प्रकार की विकास एवं कल्याणकारी योजनाओं का लाभ जनता तक पहुंचाया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि विगत् एक सप्ताह में जिला सुकमा एवं बीजापुर के सीमावर्ती क्षेत्र के ग्राम टेकलगुडे़म, गुण्डम एवं पूवर्ती में कैम्प स्थापना किरण जी. चव्हाण पुलिस अधीक्षक जिला सुकमा, जितेन्द्र कुमार यादव पुलिस अधीक्षक जिला बीजापुर, कमलोचन कश्यप पुलिस उप महानिरीक्षक दन्तेवाड़ा रेंज, अरविन्द राय पुलिस उप महानिरीक्षक सीआरपीएफ सुकमा, एस.के. मिश्रा पुलिस उप महानिरीक्षक सीआरपीएफ बीजापुर तथा सीआरपीएफ व कोबरा के सेनानीगण एवं अन्य बल के सदस्यों द्वारा लगातार मैदान में जवानों का हौसला बुलंद करने के साथ-साथ शासन-प्रशासन के प्रति ग्रामीणों का विश्वास अर्जित करने का कार्य भी किया जा रहा है।

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के विरुद्ध लड़ाई में जगरगुंडा के बेहद संवेदनशील और नक्सलप्रभावित इलाकों पर केंद्रीय बलों के और राज्य पुलिस के सुरक्षा बल यहां अपने नये कैंप के साथ तैनात हो गये हैं और स्थानीय लोगों की सुरक्षा के लिए ढाल की तरह खड़े हो गये हैं। वे लोगों का दिल जीत रहे हैं। उनसे लगातार संवाद कर रहे हैं। इसका निश्चित ही अच्छा प्रभाव माओवाद के विरुद्ध लड़ाई में मिलेगा।

विधानसभा बजट सत्र : प्रश्नकाल में गूंजा DMF का मुद्दा, कांग्रेस विधायक ने किया सवाल – हमारी बातों को कितनी गंभीरता से लिए जाएगा,

रायपुर- छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के दौरान मंगलवार को प्रश्नकाल में बस्तर में DMF से प्राप्त राशि का मुद्दा गूंजा. कांग्रेस विधायक ने सवाल किया कि शासी परिषद की बैठक में उनकी बातों को कितनी गंभीरता से लिया जाएगा. इस पर वित्त मंत्री ओपी चौधरी के जवाब पर सदन में मौजूद विधायकों की हंसी फूट पड़ी.

कांग्रेस विधायक लखेश्वर बघेल ने प्रश्नकाल के दौरान मुद्दा उठाते हुए DMF से बस्तर में स्वीकृत कार्यों की जानकारी मांगी. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अनुपस्थिति में मंत्री ओपी चौधरी ने जवाब देते हुए कहा कि 34 करोड़ के काम बस्तर में स्वीकृत किए गए हैं. राज्यस्तर से कोई काम अस्वीकृत नहीं किया गया है. शासी परिषद की बैठक लेने के निर्देश दिए गए हैं.

नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर चरणदास महंत ने पूछा कि शासी परिषद की बैठक में पुराने स्वीकृत कार्य यथावत रहेंगे या फिर से निर्णय लिया जाएगा? इस पर मंत्री ओपी चौधरी ने कहा कि बैठक में विधायक भी रहेंगे, उनके निर्णय से काम स्वीकृत होंगे. इस पर कांग्रेस के विधायक द्वारिकाधीश यादव ने पूछा कि हमारी बातों को कितने प्रतिशत गंभीरता से लिया जाएगा. इस पर मंत्री ओपी चौधरी ने कहा की हमारे यहां प्रतिशत नहीं चलता. इस पर सदन में मौजूद विधायकों की हंसी निकल गई.

नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत ने पूछा कि अगर कलेक्टर कार्यों को निरस्त करें तो कहां शिकायत करें? इस पर मंत्री ओपी चौधरी ने कहा- मुख्यमंत्री या जिले के प्रभारी मंत्री को जानकारी दी जा सकती है. लखेश्वर बघेल ने बताया कि बस्तर कलेक्टर से 6 काम स्वीकृत हुए थे, लेकिन उसे निरस्त कर दिया. इस पर मंत्री ओपी चौधरी ने कहा कि कलेक्टर का शासी परिषद में स्वीकृति लेना जरूरी है.

केन्द्रीय शिक्षा मंत्री ने छत्तीसगढ़ के 211 स्कूलों में पीएम श्री योजना का शुभारंभ किया

रायपुर-  केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने आज छत्तीसगढ़ में पीएम श्री योजना का शुभारंभ करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने शिक्षा को अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता में रखा है। भारत सरकार शिक्षा के विकास के लिए छत्तीसगढ़ सरकार के साथ कदम से कदम मिलाकर चलेगी। पीएम श्री योजना के द्वितीय चरण में छत्तीसगढ़ की अपेक्षाओं के अनुरूप अधिक से अधिक स्कूलों को शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के 211 स्कूलों में पीएम श्री योजना की आज शुरूआत की गई है। जिसके तहत 2-2 करोड़ प्रति स्कूल राशि खर्च कर स्कूलों को बड़े शहरों और विश्व स्तर के आदर्श स्कूल के रूप में विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ‘प्रधानमंत्री स्कूल फॉर राईजिंग इंडिया’ प्रधानमंत्री श्री मोदी के विकसित भारत की परिकल्पना का प्रमुख आधार है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। छत्तीसगढ़ के स्कूल शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल अतिविशिष्ट अतिथि के रूप में कार्यक्रम में उपस्थित थे। कार्यक्रम में सांसद सुनील सोनी, विधायक पुरंदर मिश्रा, गुरू खुशवंत साहेब, मोतीलाल साहू, राज्य औषधि बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष रामप्रताप सिंह भी उपस्थित थे।

कार्यक्रम के पहले अतिथियों ने आयोजन स्थल पर पीएम श्री योजना सहित शिक्षा से संबंधित योजनाओं पर लगाए गए स्टालों का अवलोकन किया। केन्द्रीय मंत्री ने केन्द्रीय विद्यालय डोंगरगढ़ में डिजिटल लाइब्रेरी, रामानुज मैथ्स पार्क और नवोदय विद्यालय में वर्चुअल रियलटी का शुभारंभ किया। पीएम श्री योजना में छत्तीसगढ़ के चयनित 211 स्कूलों में एलीमेन्ट्री स्तर पर 193 और सेकेंडरी स्तर पर 18 स्कूल शामिल हैं। विद्यार्थियों को इन स्कूलों में आईसीटी, डिजिटल क्लास रूम के माध्यम से प्रदान की जाएगी। इन स्कूलों के विद्यार्थियों को व्यावसायिक शिक्षा एवं स्थानीय उद्योगों के साथ इंटर्नशिप, उद्यमिता के अवसरों से जोड़ा जाएगा। अतिथियों ने उत्कृष्ट उपलब्धियां हासिल करने वाले विद्यार्थियों को स्मृति चिन्ह और प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया।

केन्द्रीय मंत्री श्री प्रधान ने कहा कि स्टॉलों के अवलोकन के दौरान उनकी विद्यार्थियों से चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों का आत्मविश्वास और ज्ञान का स्तर देखकर मैं यह कह सकता हूं कि छत्तीसगढ़ के आदिवासी बच्चे दूसरे राज्यों के बच्चों से काफी आगे हैं। यही छत्तीसगढ़ की सबसे बड़ी पूंजी है। बच्चों ने मुझसे आटोग्राफ भी लिया। चर्चा के दौरान बच्चों में क्रिटिकल थिंकिंग का रिफलेक्शन देखने को मिला। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में समग्र शिक्षा के विकास के लिए केन्द्र सरकार हरसंभव सहयोग देगी। उन्होंने कहा कि हर स्कूल में बागवानी हो, बच्चों को पोषण के साथ खेलकूद और योगा भी सिखाया जाए ताकि बच्चे स्वस्थ्य रहें। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति 2020 में कक्षा 8वीं तक बच्चों को मातृभाषा और स्थानीय भाषा में शिक्षा दी जाएगी। इसके लिए केन्द्र सरकार सरकारी चैनल शुरू करेगी, जिसमें छत्तीसगढ़ी सहित हल्बी, गोंडी, भतरी, सरगुजिया जैसी भाषाएं भी शामिल होंगी। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ी सहित सभी स्थानीय भाषाएं राष्ट्रीय भाषाएं हैं। नई शिक्षा नीति में कौशल विकास और टेक्नालॉजी पर विशेष जोर दिया गया। 6वीं से 12वीं तक सभी विद्यार्थियों को भाषा, गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, आर्ट, स्पोर्टस, पेंटिंग, संगीत-नृत्य जैसे विषय पढ़ाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि स्कूली बच्चों को 10 दिनों का शैक्षणिक भ्रमण कराया जाएगा, जिसमें बच्चों को जंगल, एयरपोर्ट, अबूझमाड़ क्षेत्र, टेक्सटाइल्स, पंडवानी जैसे लोककलाओं आदि को नजदीक से जानने और समझने का मौका मिलेगा। यह सभी क्षेत्र अपने आप में ओपन यूनिवर्सिटी हैं। उन्होंने 2036 में होने वाले ओलंपिक खेलों का उल्लेख करते हुए कहा कि इसकी तैयारी छत्तीसगढ़ से प्रारंभ हो, यहां के खिलाड़ी 10 प्रतिशत मेडल लेकर आएं। हर स्कूल में खेल का मैदान हों, खेलकूद प्रतियोगिताएं आयोजित हो। उन्होंने कहा कि बच्चे स्वयं एंकरिंग कर अपने गांव और उनकी विशेषताओं पर एक मिनट की रील बनाएं।

केन्द्रीय मंत्री श्री प्रधान ने कहा कि 10वीं और 12वीं के विद्यार्थियों को शिक्षा सत्र 2025-26 से बोर्ड परीक्षा देने के दो अवसर मिलेंगे। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में नवाचार पर जोर दिया गया है। इसका पहला उद्देश्य बच्चों को परीक्षा के तनाव से मुक्त करना है। बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान कर उन्हें भविष्य के लिए तैयार करना है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज छत्तीसगढ़ के लिए ऐतिहासिक दिन है, जब प्रदेश में पीएम श्री योजना प्रारंभ हो रही है। इसकेे लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति के अनुरूप छत्तीसगढ़ में हम शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार कर बच्चों को आने वाले जीवन के लिए तैयार करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री सबका साथ सबका विकास के ध्येय वाक्य के साथ विकसित भारत बनाने का लक्ष्य दिया है। इसे प्राप्त करने के लिए हम विकसित छत्तीसगढ़ बनाएंगे। पिछले 5 वर्षों में छत्तीसगढ़ में शिक्षा का जो हाल है, वह किसी से छिपा नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा विकास का मूलमंत्र है। शिक्षा के विकास के लिए बजट में 33 हजार शिक्षकों की भर्ती के साथ स्कूल भवनों के निर्माण सहित अनेक प्रावधान किए गए हैं। हमें खाली खजाना मिला लेकिन चिन्ता की बात नहीं है। जब डबल इंजन की सरकार है। हम सब मिलकर छत्तीसगढ़ को एक समृद्ध प्रदेश बनाने में सफल होंगे। उन्होंने कहा कि पीएम श्री योजना के तहत छत्तीसगढ़ के चयनित 211 स्कूलों में व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास और स्कूलों की अधोसंरचना विकास के कार्य किए जाएंगे। ताकि विद्यार्थी आने वाले जीवन के लिए तैयार हों।

स्कूल शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राज्य सरकार के बजट में 33 हजार शिक्षकों की भर्ती का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास होगा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप छत्तीसगढ़ में मल्टीलेंग्वेज एजुकेशन बच्चों को दिया जाए। पीएम श्री योजना प्रधानमंत्री का विकसित भारत का सपना है। उन्होंने इस योजना में छत्तीसगढ़ के अधिक से अधिक स्कूलों को शामिल करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि पीएम उषा योजना के तहत बस्तर विश्वविद्यालय को 100 करोड़, रविशंकर विश्वविद्यालय और अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय बिलासपुर को 20-20 करोड़ रूपए का अनुदान स्वीकृत किया गया है। इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री और केन्द्रीय शिक्षामंत्री के प्रति आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि हम अगले पांच वर्षों में प्रदेश के 25 हजार स्कूलों को स्मार्ट स्कूल के रूप विकसित करेंगे। दूरस्थ अंचल के प्रायमरी और मिडिल स्कूल के बच्चों को निःशुल्क जूता-मोजा और बैग देना चाहते हैं। 10 हजार स्कूलों के जर्जर भवनों और नए स्कूल भवन का निर्माण करना चाहते हैं, इसके लिए उन्होंने केन्द्र से मदद का आग्रह किया। उन्होंने यह भी कहा कि हम 11वीं और 12वीं के बच्चों को भी निःशुल्क पुस्तकें देने जा रहे हैं। हमारा यह आग्रह है कि प्रदेश के हर जिले में केन्द्रीय विद्यालय और नवोदय विद्यालय हों। उन्होंने कहा कि हम प्रधानमंत्री के भावनाओं के अनुरूप छत्तीसगढ़ की शिक्षा के स्तर को देश की शिक्षा के स्तर पर लाएंगे। कार्यक्रम को केन्द्रीय शिक्षा सचिव संजय कुमार, छत्तीसगढ़ के शिक्षा सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी ने भी सम्बोधित किया।

पूर्व सीएम के बयान पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष किरणदेव का पलटवार, कहा-

रायपुर- भाजपा प्रदेश अध्यक्ष किरणदेव ने सोमवार को पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बयानों पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की. उन्होंने कहा कि भूपेश बघेल का बयान हास्यास्पद है. पहले भी वे झीरम नक्सल घाटी का सबूत जेब में रखने की बात करते थे. लेकिन खुद मुख्यमंत्री रहते हुए पांच साल तक जेब से उस सबूत को नहीं निकाल पाए. बस मीडिया में सुर्खियां पाने के लिए कुछ भी बयान दे देते है.

किरणदेव ने कहा कि अब भाजपा उनसे जानना चाहती है कि आखिर कौन कांग्रेस विधायक है? जिन्हें भाजपा प्रवेश को लेकर ऑफर मिला है और किसने उनसे संपर्क किया, उसका पार्टी में स्तर क्या है? बीजेपी चीफ देव ने कहा कि भूपेश बघेल इस सवाल का जवाब कभी नहीं देंगे, क्योंकि वे जानते हैं कि उनकी बातें कोरी अफवाह से ज्यादा कुछ नहीं है. यह तो कांग्रेस का दुर्भाग्य है कि वे अपने नेताओं को संभाल नहीं पा रहे है. इसलिए एक-एक कर कांग्रेस छोड़ने का सिलसिला जारी है.

उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस के प्रति कांग्रेस नेताओं की कितनी आस्था है? यह पूरा देश देख रहा है, कांग्रेस पहले से टूटी हुई है और उसे तोड़ने की किसी को कोई जरूरत नहीं है. इसलिए भूपेश बघेल ऐसा कोई बयान न दें कि उन्हें ही अपनी पार्टी में आस्था को लेकर सवालों का सामना करना पड़े.

केंद्रीय शिक्षा सचिव ने शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल से मुलाकात की, छत्तीसगढ़ में शिक्षा से संबंधित विभिन्न विषयों पर चर्चा की

रायपुर-   सोमवार को भारत सरकार के शिक्षा सचिव, संजय कुमार और अतिरिक्त सचिव स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग भारत सरकार बिपिन कुमार ने रायपुर में शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल से मुलाकात की। इस अवसर पर बृजमोहन अग्रवाल ने छत्तीसगढ़ में शिक्षा से संबंधित विभिन्न विषयों पर चर्चा की।

श्री अग्रवाल ने छत्तीसगढ़ में नए केंद्रीय विद्यालय और नवोदय विद्यालय खोलने की मांग करते हुए कहा कि, छत्तीसगढ़ में लगभग 32 फीसदी आबादी आदिवासी है। राज्य का करीब 50 फीसदी भूभाग जंगल है। ऐसे में यहां पर शिक्षा क्षेत्र में खास ध्यान देने की जरूरत है। जिसके लिए अंबिकापुर, सरगुजा, जशपुर, बस्तर, नारायणपुर, दंतेवाड़ा आदि आदिवासी इलाकों में शिक्षा सुविधाएं बेहतर करने की जरूरत है।

बस्तर का क्षेत्रफल केरल से बड़ा है और नक्सल के कारण यहां के बच्चे ज्यादा दूर स्कूल नहीं जा सकते है। ऐसे में 9वीं तक की सभी वर्गों की लड़कियों को साईकिल देने की कार्य योजना पर चर्चा की। इतना ही नहीं स्कूल को इंटरनेट के माध्यम से स्मार्ट क्लास, आईसीटी की जरूरत को बताते हुए वहां डिजिटल लर्निंग एंड डिजिटल लाइब्रेरी बनाने को भी कहा। जिसके लिए फाइबर या सैटेलाइट इंटरनेट कनेक्टिविटी के लिए जरूरी सहयोग प्रदान करने को कहा। श्री अग्रवाल ने छत्तीसगढ़ में मिड डे मील के साथ ही स्कूल में बच्चों को सुबह पौष्टिक नाश्ता देने के लिए केंद्र से सहयोग की मांग की उन्होंने विभिन्न योजनाओं में केंद्र से मिलने वाली राशि बढ़ाने की मांग की। उन्होंने आश्वासन दिया कि अगर केंद्र सरकार राशि बढ़ती है तो राज्य सरकार अपने मद की राशि समय पर जारी कर देगी।

इसके साथ ही श्री अग्रवाल ने केंद्र से स्कूल यूनिफॉर्म की दर बढ़ाने की मांग की अभी जो राशि दी जाती है वह साल 2011 में तय दर के अनुसार है। श्री अग्रवाल ने बताया कि राज्य में करीब 10000 स्कूल इमारतें जर्जर हो चुकी हैं जिनके जीर्णोधार और पुनर्निर्माण करना अतिआवश्यक है। जिसके लिए केंद्र से अतिरिक्त राशि आवंटन की मांग की।

इसके साथ छत्तीसगढ़ में समग्र और विद्या समीक्षा केंद्र को बेहतर बनाने के लिए राज्य के अधिकारियों को केंद्र के साथ मिलकर कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए। श्री अग्रवाल ने छत्तीसगढ़ में 12वीं तक के बच्चों को मुफ्त किताबें देने पर भी चर्चा की। शिक्षा मंत्री ने कहा कि राज्य में शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा बदलाव लाया जाएगा। अगले 5 सालों में 25 हजार स्कूलों में स्मार्ट क्लास रूम का निर्माण किया जायेगा जिसके लिए राज्य सरकार, केंद्र सरकार और निजी कंपनियों से सीएसआर मद से सहगोय किया जाएगा।

इस अवसर पर शिक्षा सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी, एमडी समग्र शिक्षा संजीव झा, संयुक्त सचिव शिक्षा फारिया आलम सिद्दकी, संचालक लोक शिक्षण दिव्या मिश्रा, प्रबंध संचालक पाठ्य पुस्तक निगम कुलदीप शर्मा, संचालक एससीईआरटी राजेंद्र कटारा भी उपस्थित रहे ।