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*उपभोक्ता परिषद के प्रादेशिक वेबीनार में हुआ बडा खुलासा, बंद पडे 1758 फोरम

लखनऊ- पिछले 6 महीने से उत्तर प्रदेश के उपभोक्ताओं की समस्याओं के समाधान को दूर करने के लिए गठित विद्युत नियामक आयोग के सभी विद्युत व्यथा निवारण 1758 फोरम है। उपभोक्ता परिषद के साथ ही प्रदेश के जनपदों के उपभोक्ताओं ने मांग उठाई और कहा पूर्व में गठित पूरे प्रदेश में कमिश्नरी लेवल के 22 विद्युत व्यथा निवारण फोरम को पुनः चालू किया जाए। वर्तमान फोरम उपभोक्ताओं की समस्याओं से बेखबर हैं। केवल कागजों में सीमित हैं।

प्रादेशिक वेबीनार में उपभोक्ताओं ने महत्वपूर्ण समस्या उठाई। कहा कि बारिश में नदी के किनारे बसे गांव की बिजली पानी भर जाने की वजह से तीन-चार महीने तक बंद रहती है। ऐसे में उनसे क्यों विद्युत बिल की वसूली की जाती है। इन महीनों के बिजली बिल की वसूली इसी प्रकार गर्मी में फसल को बचाने के लिए दिन में हवा चलने पर बिजली बंद की जाती है।

उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद की तरफ से उपभोक्ताओं को जागरूक करने और उनकी समस्याओं को समझने और उसका समाधान कराने को लेकर आयोजित साप्ताहिक प्रादेशिक वेबीनार में आज प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं ने पूरे उत्तर प्रदेश की सभी बिजली कंपनियों में उपभोक्ताओं की समस्याओं के समाधान के लिए बने विद्युत व्यथा निवारण फोरम सीजीआरएफ को पूरी तरीके से फेल बताया। अगस्त 2023 के बाद पूरे कमिश्नरी लेवल पर कार्यरत 22 विद्युत व्यथा निवारण फोरम की जगह बनाए गए उपखंड लेवल से लेकर कंपनी लेवल तक 1758 फोरम पिछले 6 महीने से पूरी तरीके से बंद पडे हैं। केवल एक दो फोरम ही काम कर रहे हैं, जिसके लिए सबसे पहली जिम्मेदारी विद्युत नियामक आयोग की है कि उसके द्वारा गठित फोरम यदि काम नहीं कर रहे हैं तो पुराने फोरम को चालू किया जाए क्योंकि विद्युत उपभोक्ता जाए तो जाएं कहां जाएं।

वेबीनार में शामिल उपभोक्ताओं के सामने अपनी बात रखते हुए उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि बिजली चोरी को छोडकर हर समस्या के समाधान को लेकर प्रदेश के विद्युत उपभोक्ता बिजली फोरम का चक्कर लगा रहे हैं। सबसे बडी बात यह है कि जब यह नए फोरम बनाए जा रहे थे तो उपभोक्ता परिषद ने कड़ा विरोध किया था और कहा था जिससे उपभोक्ता परेशान है। वही एसडीओ अधिशासी अभियंता निदेशक जब फोरम के अध्यक्ष हो जाएंगे तो उनका समाधान कैसे करेंगे और आज उसका नतीजा है कि फोरम पूरी तरीके से फ्लॉप साबित हुए। ऐसे में उपभोक्ता परिषद ने उत्तर प्रदेश सरकार व विद्युत नियामक आयोग से मांग की है कि जब तक नवगठित 1758 फोरम काम नहीं करते तब तक पुराने 22 विद्युत तथा निवारण फोरम को सुचारू रूप से चलाए जाने का फिर से आदेश पारित किया जाए ।

साप्ताहिक प्रादेशिक वेबीनार में शामिल उपभोक्ता संदीप कुमार गुप्ता, निरंजन शर्मा, राजकुमार पाराशर, अनुराग माही, पुष्पकांत पाठक, राजपाल सिंह, विनोद कुमार गुप्ता, हिमांशु वाजपेई साह शामिल थे।

*द एमएसजी फाउंडेशन ने गैब्रियल कान्वेंट स्कूल में लगाया हेल्थ कैंप, कड़ों जरूरतमंदो को मिली मुफ्त में दवा*

लखनऊ- द मदद सहयोग गाइडेंस(एमएसजी )फाउंडेशन ने गैब्रियल कान्वेंट स्कूल में स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए मुफ्त हेल्थ कैम्प का आयोजन किया।फाउंडेशन का मुख्य उद्देश्य है कोई भी जरूरतमंद इलाज के अभाव में बीमार न रहे।आज का यह कार्यक्रम इसी उद्देश्य के साथ किया गया।आज के इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि तरन्नुम हसन रिजवी,विशेष अतिथि अब्दुल वहीद, परवेज आलम तथा अतिथि के रूप में आरिफ़ मुक़ीम मौजूद रहे। साथ ही इस कार्यक्रम में स्कूल प्रबंधक मोहम्मद अब्बास आलम ,प्रधानाचार्या शाहीन फात्मा जी और जावेद ख़ान मौजूद रहे।

इस कार्यक्रम मैं आए सभी लोगों ने कार्यक्रम को सराहा और कहा कि जिस तरह से यह कार्यक्रम जरूरतमंदों के लिए किया जा रहे हैं आगे भी इस तरह के कार्यक्रम हर क्षेत्र में होने की जरूरत है क्योंकि सबसे बड़ी जरूरत सेहत है सेहत के लिए इस तरह के मेडिकल कैंपों का आयोजन किया जाना बहुत ही जरूरी है।इस अवसर पर अतिथियों ने द एमएसजी फाउंडेशन द्वारा किया जा रहे कार्यों की तारीफ की।

शिविर के मेडिकल टीम में डॉक्टर मुहम्मद अशरफ, डॉक्टर रूखसार, डॉक्टर मारिया परवीन, डॉक्टर ऐमन, डॉक्टर अनामिका मौजूद रहीं।वही द एमएसजी फाउंडेशन की तरफ से संस्थापक मोहम्मद सादिक़, शुजा अब्बास (उपाध्यक्ष) ,सैयद अली हुसैन,आफताब मिर्ज़ा, मिस्बाह, मरियम तथा समद अली मौजूद रहे।

*हल्द्वानी कांड के बाद बरेली में फूटा गुस्सा, दुकानों में तोड़फोड़*

लखनऊ । उत्तर प्रदेश के बरेली में आईएमसी (इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल) प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खां के आह्वान पर गिरफ्तारी देने पहुंची भीड़ मौके पर कुछ नहीं कर सकी तो लौटते वक्त अराजकता पर उतर आई। हल्द्वानी कांड का गुस्सा बरेली में फूटा। मौलाना तौकीर के भड़काऊ बयान ने आग में घी डालने का काम किया। पुराना शहर में भीड़ ने कई दुकानों में तोड़फोड़ कर दूसरे समुदाय के लोगों की पिटाई कर दी। इसमें चार लोग घायल हुए हैं। पुलिस और प्रशासन की तैयारियां नाकाफी साबित हुईं।

गुस्से में भरे लोग नारेबाजी करते हुए जब श्यामगंज व पुराना शहर के इलाके में आए तो इनमें से कुछ ने दुकानों में तोड़फोड़ शुरू कर दी। अधिकतर दुकानें बंद थीं तो इन लोगों ने फल व फूलों के फड़ों पर हमला बोला और सारा सामान तितर-बितर कर दिया। इस दौरान दूसरे समुदाय के लोगों को पकड़कर पीटा गया। इससे चार लोग घायल हो गए।

स्थानीय व्यापारियों का आरोप है कि कुछ दुकानों में आग लगाने की कोशिश भी की गई पर पुलिस के आने पर हुड़दंगी नारेबाजी करते हुए फरार हो गए। सैलानी में बाजार खुला था और लड़कों की भीड़ दुकानों पर समूह बनाकर खड़ी थी। पुलिस ने दुकानों बंद कराईं तो लड़के गलियों में भाग निकले। एसपी सिटी राहुल भाटी के नेतृत्व में पुलिस, पीएसी व आरएएफ ने सैलानी में भीड़ को दूर तक खदेड़ दिया।

आईएमसी प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खां ने देश में मुसलमानों के खिलाफ नफरत का माहौल बनाने का आरोप लगाते हुए गिरफ्तारी देकर विरोध जताया। शुक्रवार को जुमे की नमाज पर जाने से पहले उन्होंने तीखा बयान दिया। मौलाना ने कहा कि हमें मजबूर कर दिया गया है। मुल्क में नफरत का माहौल बनाया हुआ है। अगर किसी ने कोई अपराध किया है तो उसे गिरफ्तार किया जाए। उसके मकान, मदरसे और मस्जिद पर बुलडोजर क्यों चलाया जा रहा है? इसका हम विरोध करेंगे।

एडीजी पीसी मीना, आईजी डॉ. राकेश सिंह, डीएम रविंद्र कुमार, एसएसपी घुले सुशील चंद्रभान, एसपी सिटी राहुल भाटी समेत अन्य अधिकारी शहर में घूमकर स्थिति का जायजा लेते रहे। डीएम व एसएसपी तो एक साथ कार में शहर का चक्कर लगाते रहे। मातहतों से पल-पल का अपडेट लेते रहे।

*सड़क हादसे रोकने के लिए गंभीरता से प्रयास कर रही योगी सरकार*

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सड़क हादसों और उससे होने वाली मौतों पर अंकुश लगाने के लिए गंभीरता से प्रयास किए हैं। इसके लिए सरकार की ओर से न सिर्फ व्यापक पैमाने पर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है, बल्कि नियमावली के माध्यम से लोगों को सड़क पर सेफ ड्राइविंग के लिए प्रोत्साहित भी किया जा रहा है।

इसके अतिरिक्त नियमावली के उल्लंघन पर योगी सरकार सख्ती से प्रवर्तन कार्यवाही को भी अंजाम दे रही है। शुक्रवार को विधानसभा में परिवहन विभाग से संबंधित ऐसे ही सवालों पर योगी सरकार की ओर से सड़क सुरक्षा संबंधी तथ्यों से सदन को परिचित कराया गया। इसमें बताया गया कि सरकार ने एक्सप्रेसवे पर ओवरस्पीडिंग की रोकथाम के साथ-साथ लोगों को हेल्मेट, सीट बेल्ट लगाने के लिए प्रोत्साहित किया है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में राज्य सड़क सुरक्षा नीति के साथ ही जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक के माध्यम से भी सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के प्रयास किए जा रहे हैं।

एएनपीआर कैमरा से हो रही ओवरस्पीडिंग पर कार्यवाही

परिवहन मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने बताया कि समस्त एक्सप्रेस-वे पर ओवरस्पीडिंग की रोकथाम के लिए इलेक्ट्रॉनिक संसाधनों के अंतर्गत एएनपीआर कैमरा के द्वारा ओवरस्पीडिंग करने वाले वाहनों के विरूद्ध ऑटोमेटिक ई-चालान की कार्यवाही की जा रही है। ओवरलोडिंग करने वाले वाहनों के विरूद्ध एक्सप्रेव-वे पर वे-इन मोशन की स्थापना एक्सप्रेस-वे अथॉरिटी द्वारा की गई है। इसके अतिरिक्त समस्त टोल प्लाजा पर लगे पब्लिक एड्रेस सिस्टम के द्वारा चालकों एवं वाहन स्वामियों को ओवरस्पीडिंग एवं ओवरलोडिंग न किए जाने, अपनी लेन में वाहन चलाने, नशे की हालत में वाहन न चलाने, गलत दिशा में वाहन न चलाने, वाहन चलाते समय मोबाइल फोन का प्रयोग न करने, वाहन चलाते समय सीटबेल्ट का प्रयोग करने, दोपहिया वाहन चलाते समय हेल्मेट लगाने/पहनने की जानकारी दी जाती है।

जन मानस में सड़क सुरक्षा नियमों के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम जैसे- सेमिनार, नुक्कड़ नाटक, बाइकथॉन, स्टेक होल्डर्स कार्यशाला, सड़क सुरक्षा गोष्ठी, स्कूटर वाहन रैली का आयोजन किया जाता है तथा सड़क सुरक्षा एवं यातायात नियमों से संबंधित लीफलेट-पम्फलेट/पॉकेट कैलेन्डर/फोल्डर आदि का वितरण किया जाता है। विद्यालयों एवं महाविद्यालयों के स्तर पर सड़क सुरक्षा से संबंधित विषयों पर निबंध, चित्रकला एवं भाषण प्रतियोगिता के माध्यम से बच्चों में सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता उत्पन्न की जाती है।

प्रवर्तन कार्यवाही पर भी फोकस

सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़ों का विश्‍लेषण कर हेल्मेट/सीटबेल्ट न पहनने, ओवर स्पीडिंग करने, ड्रंकन ड्राइविंग, रांग साइड ड्राइविंग तथा वाहन चलाते समय मोबाइल का प्रयोग करने वाले व्यक्तियों के विरूद्व प्रभावी प्रवर्तन कार्यवाही किए जाने के लिए प्रत्येक जनपद के लिए लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं।

यातायात नियमों के प्रति लोगों को अनुशासित एवं जागरूक बनाए जाने के लिए प्रभावी प्रवर्तन कार्यवाही के अंतर्गत प्रत्येक सप्ताह में किसी भी दो दिन हेलमेट एवं सीट-बेल्ट के विरूद्ध औचक चेकिंग की कार्यवाही कराई जाती है। 44 इण्टरसेप्टर वाहनों द्वारा ओवर स्पीडिंग के विरूद्ध प्रभावी कार्यवाही की जा रही है। 276 ब्रेथ-एनालाइजर द्वारा ड्रंकन ड्राइविंग के विरूद्ध कार्यवाही कराई जाती है। विभिन्न अपराधों में ड्राइविंग लाईसेंस निलंबन की कार्यवाही की जा रही है। माध्यमिक शिक्षा विभाग के लगभग 9682 एवं उच्च शिक्षा विभाग के लगभग 1015 रोड सेफ्टी क्लबों का गठन किया जा चुका है, जिसके द्वारा छात्रों में सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता लाई जाती है।

05 वर्षो में ये की गई प्रवर्तन की कार्यवाही

अपराध 2018-19, 2019-20, 2020-21, 2021-22, 2022-23

हेलमेट का प्रयोग न करना 2,79,515, 3,53,193, 2,82,079, 2,96,521, 4,36,107

सीटबेल्ट का प्रयोग न करना 1,04,791, 1,16,813, 87,916, 96,915, 1,33,221

वाहन चलाते समय मोबाइल फोन का प्रयोग 7,080, 10,034, 14,844, 19,181, 37,303

ओवरस्पीडिंग 6,039, 36,046, 75,028, 45,696, 1,18,992

रांग साइड ड्राइविंग -, -, 10,894, 9,918, 25,940

ड्रंकन ड्राइविंग 41, 202, 132, 351, 2,042

ओवरलोडिंग 73,984, 72,152, 84,926, 77,555, 1,41,946

नोटः आंकड़े चालानों की संख्‍या से संबंधित हैं

सार्वजनिक सेवायानों से होने वाली दुर्घटनाओं में दी जा रही सहायता राशि

उन्होंने बताया कि परिवहन विभाग द्वारा सार्वजनिक सेवायानों से घटित होने वाली दुर्घटनाओं में मृतक/घायलों के आश्रितों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है तथा उत्तर प्रदेश मोटरयान कराधान नियमावली में सुसंगत प्रावधानों के अनुसार जिलाधिकारी के स्तर से मृतक/घायलों के संबंध में जांच आख्या प्राप्त होने पर सहायता धनराशि आंवटित की जाती है।

उप्र मोटरयान कराधान (छठवां संशोधन) नियमावली, 2009 के आधार पर सहायता राशि प्राविधानित की गयी है, जिसमें मृतक बस यात्री की दशा में 40,000 रुपए तथा अन्य मृतक की दशा में 10,000 हजार रुपए आर्थिक सहायता दिए जाने का प्रावधान है। नियमावली के अंतर्गत परिवहन विभाग द्वारा वर्ष 2021-22 में 135 मृतकों के आश्रितों को 20.85 लाख रुपए एवं वर्ष 2022-23 में (दिसम्बर, 2022 तक) 58 मृतकों के आश्रितों को 12.20 लाख रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की गई है।

1696 बीएस-6 बसों का हो रहा संचालन

परिवहन निगम में बसों के बेड़े से संबंधित एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि परिवहन निगम में 28 जनवरी 2024 तक 8664 बसों का संचालन किया जा रहा है। वर्ष 2022-23 में 1489 बसें तथा वर्ष 2023-24 में अर्थात इन 2 वर्ष में कुल 2040 बसें फ्लीट से सेट अपार्ट की जा चुकी है। नीलामी की शर्तें पूरी करने वाली बसों को फ्लीट से सेट अपार्ट करके निरंतर नीलामी की कार्यवाही की जाती है। वहीं उन्होंन ये भी बताया कि वर्ष 2022-23 में 502 तथा वर्ष 2023-24 में 1094 समेत कुल 1596 नई बीएस-6 डीजल बसें एवं 100 सीएनजी बसों समेत कुल 1696 बसों को क्रय करके संचालन हेतु क्षेत्रों को उपलब्‍ध कराया जा चुका है।

60 वर्ष से ऊपर की महिलाओं को निशुल्क यात्रा पर हो रहा विचार

एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि 60 वर्ष से अधिक आयु की महिलाओं को परिवहन निगम की बसों में नि:शुल्‍क बस यात्रा सुविधा प्रदान किए जाने का प्रस्‍ताव विचाराधीन है। वहीं, छात्रों के लिए उत्तर प्रदेश राज्‍य सड़क परिवहन निगम में विद्यार्थी पास योजना प्रभावी है, जिसमें विद्यार्थियों से 25 सिंगल ट्रिप का किराया चार्ज कर 60 यात्रा तक का (अधिकतम सीमा 60 किमी तक) विद्यार्थी मासिक पास योजना लागू है।

*चौधरी चरण सिंह सच्चे अर्थों में लोकतंत्र के साधक : योगी आदित्यनाथ*

लखनऊ। पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह और पीवी नरसिम्हा राव तथा हरित क्रांति के जनक कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन को भारत रत्न से सम्मानित किये जाने के फैसले का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वागत किया है। मुख्यमंत्री ने तीनों विभूतियों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए शुभकामनाएं व्यक्त की हैं। उन्होंने शुक्रवार को अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर इसे लेकर पोस्ट भी साझा किया और इसे अभिनंदनीय बताया।

चरण सिंह को भारत रत्न मिलना करोड़ों किसानों का सम्मान

मुख्यमंत्री ने चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न दिये जाने की घोषणा का स्वागत करते हुए लिखा, ''जननेता, किसानों के मसीहा, गांवों, अन्नदाता किसानों, शोषितों एवं वंचितों के उत्थान के लिए आजीवन समर्पित रहने वाले, पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह जी को 'भारत रत्न' प्रदान करने की घोषणा अभिनंदनीय है।

वे सच्चे अर्थों में लोकतंत्र के साधक थे। यह गौरव राष्ट्र निर्माण में उनके अतुल्य योगदानों का सम्मान है।'' वहीं मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों के मसीहा चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न की घोषणा देश के करोड़ों किसानों का सम्मान है। यूपी के लिए ये और भी अभिनंदनीय है, क्योंकि चौधरी साहब प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हैं। उनके नेतृत्व में उत्तर प्रदेश ने नई दिशा प्राप्त की थी।

राव ने विपरीत परिस्थितियों में संभाला था देश, किये थे आर्थिक सुधार

पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव को भारत रत्न के ऐलान पर सीएम ने लिखा, ''पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव जी को 'भारत रत्न' से विभूषित किए जाने का निर्णय अत्यंत अभिनंदनीय है।

उन्होंने अपने दूरदर्शी नेतृत्व से देश के आर्थिक विकास को एक नई गति प्रदान की। भारत के विकास में उनका योगदान सदैव अविस्मरणीय रहेगा।'' इसके अलावा मीडिया से बातचीत में सीएम योगी ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव ने देश को विपरीत परिस्थितियों में नेतृत्व दिया था। उनके कार्यकाल में आर्थिक सुधारों को अपनाया गया था।

कृषि और किसानों के लिए स्वामीनाथन के अद्वितीय योगदान को सच्ची श्रद्धांजलि

मुख्यमंत्री ने प्रख्यात कृषि वैज्ञानिक और हरित क्रांति के जनक डॉ एमएस स्वामीनाथन को भारत रत्न देने की घोषणा का स्वागत करते हुए लिखा, ''प्रसिद्ध कृषि वैज्ञानिक और हरित क्रांति के जनक कहे जाने वाले डॉ. एमएस स्वामीनाथन को 'भारत रत्न' से सम्मानित करने का निर्णय स्वागतयोग्य है। कृषि और किसानों के कल्याण में उनके उल्लेखनीय योगदानों का सम्मान है। यह सम्मान कृषि को बदलने में उनके अद्वितीय योगदान के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है।''

*आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधिक प्रशासन ने कोडीनयुक्त कफ सिरप का दुरूपयोग रोकने एवं अवैध बिक्री पर नियंत्रण किये जाने के निर्देश दिये*

लखनऊ। आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन अनीता सिंह ने कोडीनयुक्त कफ सिरप का दुरूपयोग रोकने एवं अवैध बिक्री पर नियंत्रण किये जाने के सम्बंध में समस्त सहायक आयुक्त (औषधि) एवं समस्त औषधि निरीक्षकों को निर्देशित किया हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के बाहर से क्रय/प्राप्त किये जा रहे कोडीनयुक्त कप सिरप/लिंक्टस की सूचना सम्बंधित फर्म/व्यक्ति द्वारा सम्बंधित औषधि निरीक्षक को साप्ताहिक रूप से प्रत्येक सोमवार को उपलब्ध करानी होगी।

साथ ही विक्रेता फर्म द्वारा राज्य के बाहर जाने की दशा में क्रेता फर्म से उक्त औषधि का विक्रय विवरण प्राप्त करके सम्बंधित औषधि निरीक्षक को उपलब्ध कराया जायेगा। यदि क्रेता फर्म द्वारा विक्रय विवरण उपलब्ध नहीं कराया जाता है तो उस क्रेता को तब तक औषधियों का विक्रय नहीं किया जायेगा, जब तक कि वह पूर्व में क्रय किये गये कोडीनयुक्त कफ सिरप/लिंक्टस का विक्रय विवरण उपलब्ध नहीं करा देता।

आयुक्त ने कहा कि विक्रेता द्वारा यह सुनिश्चित किया जायेगा कि जिस फर्म को वह कोडीनयुक्त कप सिरप/लिंक्टस का विक्रय कर रहा है वह भौतिक रूप से अस्तित्व में है। उन्होंने कहा कि यदि जांच में यह पाया जाता है कि किसी भी विक्रेता द्वारा ऐसे फर्म को कोडीनयुक्त कप सिरप/लिंक्टस की विक्री की गयी है, जो भौतिक रूप से अस्तित्व में नहीं है अथवा नियमित रूप से संचालित नहीं की जा रही है तो विक्रेता फर्म के लाइसेंस को निरस्त करने की कार्यवाही की जायेगी।

साथ ही साथ औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 की सुसंगत धाराओं के अन्तर्गत नियमानुसार कार्यवाही भी की जायेगी। उन्होंने सभी अधिकारियों को अपने-अपने कार्यक्षेत्र में स्थित औषधि विक्रेताओं को उक्त नियमों से अवगत कराते हुए निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराने के निर्देश दिये हैं।

*दूसरी बार अयोध्या पहुंचे सदी के महानायक अमिताभ बच्चन*

लखनऊ । सदी के महानायक अमिताभ बच्चन शुक्रवार को अयोध्या पहुँचे। उन्होंने रामलला के दरबार में हाजिरी लगाई। 19 दिनों के भीतर वे दूसरी बार अयोध्या पहुँचे हैं। इससे पहले 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में अमिताभ बच्चन शामिल हुए थे। भारी सुरक्षा प्रबंधों के मध्य गेट नंबर 11 से उन्होंने राम जन्म भूमि परिसर में प्रवेश किया और राम लला की पूजा अर्चना की।

मुख्य अर्चक आचार्य सत्येंद्र दास ने उनका अभिनंदन किया। ट्रस्ट के पदाधिकरियो ने भी अमिताभ बच्चन का अभिनंदन किया। रामलला के दरबार में दर्शन पूजन करने के बाद अमिताभ बच्चन मंडलायुक्त आवास पहुंचे हैं। वे सिविल लाइन स्थित एक ज्वेलर्स शोरूम का उद्घाटन भी करेंगे।

*बुजुर्ग से एटीएम बदलकर निकाले एक लाख 14 हजार*


लखनऊ । राजधानी के गोमतीनगर में एक बुजुर्ग का एटीएम बदलकर एक युवक ने एक लाख 14 हजार रुपये निकाल लिया। पीड़ित महिला की तहरीर पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। मीनाक्षी चंद्रन पत्नी पीएम चंद्रन निवासी विराम खंड ने थाना गोमतीनगर पर सूचना दिया कि वह एक रिटायर्ड पेंशनर है। चार फरवरी को समय करीब नौ बजे सुबह वह ने अपनी पति पीएम चंद्रन को अपने एसबीआई बैंक का एटीएम कार्ड देकर पैसा निकालने के लिए भेजा था। उनके पति पहले पत्रकारपुरम स्थित एसबीआई बैंक की शाखा के पास स्थित एसबीआई एटीएम कक्ष में गए किंतु एटीएम मशीन में पैसा ना होने के कारण वह बगल में स्थित यूएनओ बैंक के एटीएम कक्ष में गए।

जब उनके पति ने उक्त यूएनओ बैंक के एटीएम मशीन में वादिनी के उक्त एटीएम कार्ड को डाला तो पीछे खड़े एक अज्ञात व्यक्ति ने सहायता के नाम पर उनके पति से उनका एसबीआई एटीएम कार्ड ले लिया। उस एटीएम कक्ष में कोई गार्ड ना होने के कारण उस अज्ञात व्यक्ति ने धोखाधड़ी पूर्वक उनके पति से वादिनी का एटीएम कार्ड बदलकर एक कूटरचित एटीएम कार्ड पति के हाथ में थमा दिया और वहां से फरार हो गया।

इससे वादी का पति बहुत परेशान हो गया और वापस अपने घर आकर देखा कि वादिनी के मोबाइल में अकाउंट से पैसे के कटने का मैसेज लगातार आ रहा था। तब वादिनी ने अपने एसबीआई बैंक के टोल फ्री नंबर पर कॉल करके अपने एटीएम कार्ड को ब्लॉक करवा दिया। तब तक वादिनी के एसबीआई अकाउंट से 14 बार में करीब 1,14,500 रुपये कट चुके थे। तहरीर मिलने पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है।

*डंपर ने बाइक सवार को रौंदा, दो की मौत, परिजनों में मचा कोहराम*

लखनऊ। राजधानी के सुशांत गोल्फ सिटी में एक डंपर ने बाइक सवार दो दोस्तों को रौंद दिया। जिसमें दोनों की मौत हो गई। जानकारी मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम को भेज दिया।

धनेश्वर यादव पुत्र स्व. राम सुमिरन यादव निवासी- मिजार्पुर मस्तेमऊ ने थाना सुशांत गोल्फ सिटी पर सूचना दिया कि बुधवार की रात करीब 12 बजे रात्रि में उसका छोटा भाई मोहित यादव उम्र करीब 21 वर्ष और पड़ोस में रहने वाला लवकुश यादव दोनों साथ में अपनी मोटरसाइकिल से जनपद बाराबंकी दावत में जा रहे थे। तभी रास्ते में पासिन ढकवा पुल के पास एक अज्ञात डंपर चालक ने डंपर को तेजी व लापरवाही पूर्वक चलाते हुए उनके भाई मोहित यादव बाइक में जोरदार टक्कर मार दी।

जिससे वादी के छोटे भाई मोहित यादव की मौके पर ही मृत्यु हो गई और लवकुश यादव गंभीर रूप से घायल हो गया। जिसे एंबुलेंस की सहायता से सीएचसी गोसाईगंज ले जाया गया और चिकित्सकों ने लवकुश यादव को केजीएमयू रेफर कर दिया जहां चिकित्सकों द्वारा लवकुश को मृत घोषित कर दिया गया। परिजनों की तहरीर पर पुलिस ने अज्ञात डंपर चालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।

*भारत में पहली बार ताम्रयुगीन सभ्यता के प्राचीन तांबे के हथियार मिले ,शाहजहांपुर के निहोगी क्षेत्र से हथियारों की रेडियोकार्बन तिथियां प्राप्त ह

इंडियन जर्नल आॅफ आर्कियोलॉजी, लखनऊ, बीरबल साहनी इंस्टीट्यूट आॅफ पेलियोसाइंसेज, लखनऊ, शहजाद राय रिसर्च इंस्टीट्यूट, बागपत यूपी, के संयुक्त अध्ययन दल ने सम्पन्न किया यह महत्वपूर्ण शोध । जनपद शाहजहांपुर उत्तर प्रदेश के निगोही क्षेत्र में कृषकों एवं मजदूरों को जमीन में दबे हुये ताम्रयुगीन सभ्यता के प्राचीन तांबे के हथियार मिले। सूचना मिलने पर यह हथियार डॉ. अमित राय जैन (निदेशक, शहजाद राय रिसर्च इंस्टीट्यूट, बागपत यूपी) द्वारा एकत्रित किये गए थे।

इंडियन जर्नल आॅफ आर्कियोलॉजी के मुख्य संपादक विजय कुमार द्वारा मिट्टी के टुकडों और कुछ हथियारों का अध्ययन किया गया। उनके द्वारा ढेलों में दबे हुये हथियारों को बीएसआईपी (बीरबल साहनी इस्टीट्यूट आॅफ पेलियोसाइसेज, लखनऊ) के प्रोफेसर रवि भूषण को भेज दिया गया। उन्होेंने इसका अध्ययन किया। निगोही से प्राप्त हथियारों की संख्या 200 से अधिक है, इन ताम्र निधि में तलवारें, भालें, कुल्हाड़ियां, छेनी, मानवाकृतियां, हस्त-रक्षा कवच, चॉपर, चाकू, आरी आदि मिले है। पूर्व में इस प्रकार के हथियार पूरे उत्तर भारत में पाये गये थे किन्तु इनकी सही तिथियां अभी तक प्राप्त नहीं की जा सकी थी। कुछ पुराविदों ने इनकी तिथि के सम्बन्ध में अनुमान लगाये थे। इन हथियारों और इनसे जुड़ी गैरिक मृदभाण्ड सभ्यता की सही तिथि, तत्कालीन जलवायु और अन्य पुरातात्विक पैरीमीटर पता लगाने के लिये इन अवशेषों का गहनता से विश्लेषण और शोध किया गया।

रेडियो कार्बन डेट का पता लगाने के लिये उन मिट्टी के देलो का जिसमें हथियार दबे हुये पाये गये थे, उनका अध्ययन करने के लिये एक्सेलरेटेड मॉस स्पैक्ट्रोमीटर का प्रयोग किया गया। इस अध्ययन के उपरान्त इन अवशेषों की कार्बन तिथियां 3610 (कैलिब्रेटेड बीपी) से लेकर 4328 (कैलिब्रेटेड बीपी) तक पायी गयी। यह कालखण्ड मैच्योर हड़प्पा काल से लेकर लेटर हड़प्पा काल तक फैला हुआ है। मिट्टी में पाये हुये आॅर्गेनिक मैटर के माध्यम से तत्कालीन जलवायु का निर्धारण करने के लिये कार्बन आइसोटोप स्टडी और कार्बन नाइट्रोजन अनुपात की स्टडी की गयी। इन अवशेषों की 813 सी रेन्ज 18 से 20 प्रति हजार भाग पायी गयी और कार्बन नाइट्रोजन अनुपात 8 से 15 के बीच में पाया गया। इससे यह परिलक्षित होता है कि जिस स्थान से हथियार पाये गये, वह झील के किनारे था। इसके अतिरिक्त अन्य क्लाइमेटिक पैरामीटर्स का पता लगाने के लिये इन सैम्पल्स का विस्तृत शोध और अध्ययन अभी चल रहा है।