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*सशक्त मीडिया भ्रष्टाचार मुक्त भारत एवं सशक्त मीडिया समृद्ध भारत के नवनिर्माण के लिए एक महाक्रांति की पुनः आवश्यकता:एके बिंदुसार*

अशोक कुमार जायसवाल

चंदौली ‌।लोकतांत्रिक देशों में विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका के क्रियाकलापों पर नज़र रखने के लिए मीडिया को ‘चौथे स्तंभ’ के रूप में जाना जाता है।

विशेषकर भारत के लोकतंत्र को दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र कहा जाता है, तो स्वाभाविक सी बात है कि भारतीय मीडिया का स्वरूप वैश्विक मीडिया के सामने एक आईने के समान है।

18वीं शताब्दी के बाद से खासकर अमेरिकी स्वतंत्रता आंदोलन और फ्रांसीसी क्रांति के समय से जनता तक पहुंचने और उसे जागरूक कर सक्षम बनाने में मीडिया ने अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वहीं भारत की स्वतंत्रता में मीडिया की भूमिका को कोई भुला नहीं सकता, चाहे वह समाचार पत्र हों या रेडियो।

मीडिया अगर अपनी सकारात्मक भूमिका अदा करे, तो किसी भी व्यक्ति, संस्था, समूह और देश को आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक एवं राजनीतिक रूप से समृद्ध बनाया जा सकता है।

वर्तमान समय में मीडिया की उपयोगिता, महत्त्व एवं भूमिका निरंतर बढ़ती जा रही है जैसे एक सिक्के के दो पहलू होते हैं ठीक वैसे ही मीडिया की उपयोगिता के बढ़ने के साथ-साथ इसके दुरूपयोग भी बढ़ रहे हैं अब वह चाहे किसी राजनीतिक दल के दबाव से बढ़े या फिर गुंडाराज से।

वर्तमान समय में हमें मीडिया की स्वतंत्रता पर खतरा मंडराता दिख रहा है जबकि ऐसा होना नहीं चाहिए, क्योंकि हम 21वी सदी में जी रहे हैं और एक लोकतांत्रिक देश में मीडिया को अपनी शक्तियों के उपयोग की पूरी स्वतंत्रता होती है।

कोई भी समाज, सरकार, वर्ग, संस्था, समूह व्यक्ति मीडिया की उपेक्षा कर आगे नहीं बढ़ सकता है। आज के जीवन में मीडिया आम जनमानस के जीवन की एक अपरिहार्य आवश्यकता बन गया है। अगर हम देखें कि समाज किसे कहते हैं, तो यह तथ्य सामने आता है कि लोगों की भीड़ या असंम्बद्ध मनुष्य को हम समाज नहीं कह सकते हैं। समाज का अर्थ होता है सम्बन्धों का परस्पर ताना-बाना, जिसमें विवेकवान, प्रज्ञावान और विचारशील मनुष्यों वाले समुदायों का अस्तित्व होता है।

अगर हम अपने देश भारत को देखें, तो भारत में टेलीविज़न के इतिहास को बिना दूरदर्शन से जोड़े नहीं देखा जा सकता है। उस समय कम ग्राफिक्स और बिना किसी हैवी साउंड के एक समाचार प्रस्तुतकर्ता आता या आती और बड़ी शालीनता से समाचार सुनाते और फिर समाचार समाप्त हो जाते। मैं जब भी किसी बुज़ुर्ग से समाचार या टेलिविज़न को लेकर बात करता हूं, तो वे बताते हैं कि आज के टेलिविज़न चैनलों में वह बात नहीं रही और दुबारा पूछने पर उत्तर आता है कि आजकल लोग बहस के नाम पर एक-दूसरे से ऐसे लड़ते हैं जैसे वो चाय की टपरी पर एक फ्री की मठरी के लिए लड़ रहे हों।

मीडिया की भूमिका यथार्थ सूचना प्रदायक एजेंसी के रूप में होती है। मीडिया द्वारा समाज को संपूर्ण विश्व में होने वाली घटनाओं की जानकारी मिलती है। इसलिए मीडिया का यह प्रयास होना चाहिए कि ये जानकारियां यथार्थपरक हों।

सूचनाओं को तोड़-मरोड़कर या दूषित कर आम जनमानस के समक्ष प्रस्तुत करने का प्रयास नहीं होना चाहिए। समाज के हित एवं देश-दुनिया में होने वाली घटनाओं की जानकारी के लिए सूचनाओं को यथावत एवं विशुद्ध रूप में जनता के समक्ष पेश करना चाहिए।

मीडिया का प्रस्तुतीकरण ऐसा होना चाहिए जो समाज का मार्गदर्शन कर सके। खबरों और घटनाओं का प्रस्तुतीकरण इस प्रकार हो जिससे जनता का मागदर्शन हो सके। उत्तम लेख, संपादकीय, ज्ञानवर्धक, श्रेष्ठ मनोरंजन आदि सामग्रियों का खबरों में समावेशन होना चाहिए, तभी हमारे समाज को सही दिशा प्रदान की जा सकती है लेकिन वर्तमान में हम मीडिया की आम जनमानस के समक्ष प्रस्तुतीकरण की बात करें, तो भारतीय मीडिया भी छोटे-छोटे भागों में बंटा हुआ है।

आज खबरों को अपने हिसाब से लिखा जाता है, अपने हिसाब से बताया जाता है। वर्तमान मीडिया समूह खबरों की सटीकता से ज़्यादा राजनैतिक दलों के एवं अपने एजेंडे पर ध्यान देने लगे हैं जो कि एक वास्तविक लोकतंत्र के लिए बड़ा खतरा है।

हमें बताया जाता है कि मीडिया का संवेदनशील होना बेहद ज़रूरी होता है। आजकल मीडिया की संवेदनशीलता को लेकर अनेक प्रश्न खड़े होते हैं। मीडिया को हर वर्ग के प्रति संवेदनशील रहना पड़ता है। आलोक मेहता कहते हैं कि ‘पहले बच्‍चों पर मीडिया में चर्चा होती थी, लेकिन अब वह नहीं होती। समय-समय पर गोविंद पाटीदार पत्रकार एवं

राजेंद्र माथुर और अज्ञेय जैसे पत्रकारों-साहित्‍यकारों ने इस दिशा में काफी कुछ काम किया है। समृद्ध भारत के नवनिर्माण को ध्यान में रखते हुए बच्‍चों एवं महिलाओं के लिए केंद्र सरकार एक ऐसा बजट पेश करे, जो दुनिया के अन्‍य देशों के लिए भी नजीर बने।’

बच्‍चों के प्रति पूरे देश में जागरूकता और संवेदनशीलता बढ़े इसके लिए ज़रूरी है कि प्रत्‍येक पंचायत में उनके लिए पत्रिकाएं हों, अखबार हों। पहले चंपक, पराग और नंदन जैसी बाल पत्रिकाएं देश के सुदूर अंचलों में भी देखने को मिल जाती थीं, अब वे भी पूर्णत: बंद हो गई हैं।

इसी प्रकार वरिष्ठ पत्रकार और उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग के पूर्व अध्‍यक्ष अजय सेतिया के एक लेख से यह प्रमाण मिलता है उन्होंने लिखा है कि ‘वे जब उत्तराखंड में बाल आयोग के अध्‍यक्ष थे, तब उन्‍होंने बाल अधिकारों के प्रति मीडिया में संवेदनशीलता बढ़ाने के लिए संपादकों को पत्र लिखा था। उन्‍होंने इसके लिए कार्यशालाएं भी आयोजित कीं लेकिन उस सबका परिणाम उनकी अपेक्षाओं के अनुकूल नहीं रहा।

यहां हम चर्चा करेंगे कोरोनाकाल में जब मज़दूरों की अपने-अपने गाँवों में वापसी हुई है, उनके बच्‍चों की शिक्षा पूर्ण रूप से अवरुद्ध हो गई है। गाँवों में अभी भी इंटरनेट की सुविधा नहीं है। अब यहां मीडिया संवेदनशीलता और बच्चों की संवेदना का कनेक्शन शायद आपको समझ नहीं आया होगा लेकिन जब तक युवा और बच्चे मीडिया की भूमिका, समाज में स्वयं का कर्तव्य नहीं समझेंगे, तब तक मीडिया एक अच्छी मीडिया नहीं बन सकती।

इन्हीं बिंदुओं को लेकर भारतीय मीडिया फाउंडेशन लगातार समाज में नागरिक पत्रकारिता की स्थापना के कार्य में लगी है अगर नागरिक पत्रकारिता को जानना है तो डॉक्टर पवन मलिक के द्वारा लिखी गई नागरिक पत्रकारिता के समस्त पुस्तकों का अध्ययन करना परम आवश्यक है।

वर्तमान हालातों में कई जगह हम देखते हैं कि मीडिया अनेक घटनाओं में या तो पीड़ित परिवार के प्रति संवेदनशील नहीं रहता या आरोपियों के प्रति तीव्र हो जाएगा। आज से ठीक सौ साल पहले जब महावीर प्रसाद द्विवेदी जब सरस्वती पत्रिका निकालते थे, तो वे भाषा के अनुशासन की चाबुक चलाते थे। वे शब्द के प्रति इतने संवेदनशील थे कि एक प्रसिद्ध लेखक ने जब ‘काबुल में भी गधे मिलते हैं’ शीर्षक से लेख भेजा, तो उन्होंने उसका शीर्षक बदलकर ‘काबुल में सब घोड़े नहीं मिलते’ कर दिया।

शाब्दिक संस्कारों के प्रति इन संवेद्यताओं का क्या आज कोई मोल नहीं है?

आज भी 21वीं सदी के अवबोध के साथ ही सही लेकिन एक महावीर प्रसाद द्विवेदी के पुनरावतार की बहुत ज़रूरत है, जो पूछे कि क्यों हिन्दी अखबारों के स्तंभ अंग्रेज़ी में होने ज़रूरी हो गए हैं?

आज हम चर्चा करेंगे उस कार्रवाई पर जो वहीं दूसरी ओर उच्चतम न्यायालय महसूस करता है कि इलेक्ट्रानिक मीडिया के रेगुलेशन की ज़रूरत है, क्योंकि अधिकांश चैनल सिर्फ़ टीआरपी की दौड़ में लगे हुए हैं और यह ज़्यादा सनसनीखेज की ओर जा रहा है। दूसरी ओर एक लेख के माध्यम से पता चलता है कि वर्षों पूर्व केन्द्र ने पत्रकारिता की स्वतंत्रता की हिमायत करते हुए न्यायालय से कहा था कि प्रेस को नियंत्रित करना किसी भी लोकतंत्र के लिए घातक होगा लेकिन आज वर्तमान प्रवेश में क्या सरकार अपने उस सिद्धांतों के प्रति समर्पित है यह भी सवाल है?

न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति इन्दु मल्होत्रा और न्यायमूर्ति के एम जोसेफ की पीठ ने स्पष्ट किया था कि वह मीडिया पर सेन्सरशिप लगाने का सुझाव नहीं दे रहे हैं लेकिन मीडिया में किसी-ना-किसी तरह का स्वत: नियंत्रण होना चाहिए।

पीठ ने टिप्पणी की कि इंटरनेट को नियमित करना मुश्किल है लेकिन अब इलेक्ट्रानिक मीडिया का नियमन करने की आवश्यकता है। जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि कई बार आरोपियों को अपना पक्ष रखने के लिए भी कुछ चैनलों का इस्तेमाल किया जाता है। उन्होंने कहा कि यह देखने की भी आवश्यकता है कि क्या किसी अभियुक्त को अपना बचाव पेश करने के लिये यह मंच दिया जा सकता है। पीठ ने कहा था कि हम यह नहीं कह रहे कि राज्य ऐसे दिशा निर्देश थोपेंगे, क्योंकि यह तो संविधान के अनुच्छेद 19 में प्रदत्त बोलने और अभिव्यक्ति की आजादी के लिये अभिशाप हो जाएगा।

पीठ के अनुसार, “प्रिंट मीडिया की तुलना में इलेक्ट्रानिक मीडिया ज़्यादा ताकतवर हो गया है और प्रसारण से पहले प्रतिबंध के पक्षधर नहीं रहे हैं।” न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा था, “मैं यह नहीं कह रहा कि राज्य को इलेक्ट्रानिक मीडिया को नियंत्रित करना चाहिए लेकिन इसके लिये किसी-ना-किसी तरह का स्वत: नियंत्रण होना चाहिए और साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया था कि हम इस समय सोशल मीडिया की नहीं बल्कि इलेक्ट्रानिक मीडिया के बारे में बात कर रहे हैं।”

मेहता जी ने कहा था कि किसी-ना-किसी तरह का स्वत: नियंत्रण होना चाहिए लेकिन पत्रकार की आज़ादी बनाए रखी जानी चाहिए। इस पर न्यायमूर्ति जोसेफ ने सॉलिसीटर जनरल से कहा था कि मैं यह स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि कोई भी स्वतंत्रता पूरी तरह निर्बाध नहीं हैं। मेहता ने पीठ से कहा कि कुछ साल पहले कुछ चैनल ‘ हिन्दू आतंकवाद, हिन्दू आतंकवाद कह रहे थे। अगर किसी भी देश का मीडिया किसी भी तरफ झुकता है, तो लोकतंत्र की दिशागति में बाधा का काम होता है।

पीठ ने यह भी कहा था कि हम इलेक्ट्रानिक मीडिया के बारे में बात कर रहे हैं, क्योकि आज लोग भले ही अखबार नहीं पढ़ें लेकिन इलेक्ट्रानिक मीडिया ज़रूर देखते हैं। इस पर काफी गंभीर टिप्पणी करते हुए पीठ ने कहा कि समाचार पत्र पढ़ने में हो सकता है, मनोरंजन नहीं हो लेकिन इलेक्ट्रानिक मीडिया में कुछ मनोरंजन भी है।

पीठ ने कुछ मीडिया हाउस द्वारा की जा रही आपराधिक मामलों की तफतीश का भी ज़िक्र किया। पीठ ने कहा था, “जब पत्रकार काम करते हैं, तो उन्हें निष्पक्ष टिप्पणी के साथ काम करने की आवश्यकता है। आपराधिक मामलों की जांच देखिए, मीडिया अक्सर जांच के एक ही हिस्से को केन्द्रित करता है।”

पीठ ने न्यूज़ ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन के वकील से सवाल किया था, “आप कर क्या रहे हैं? हम आपसे जानना चाहते हैं कि लेटर हेड के अलावा भी क्या आपका कोई अस्तित्व है। मीडिया में जब अपराध की समानांतर तफतीश होती है और प्रतिष्ठा तार-तार की जा रही होती है, तो आप क्या करते हैं?”

पीठ ने कहा कि कुछ चीज़ों को नियंत्रित करने के लिए कानून को सभी कुछ नियंत्रित नहीं करना है अर्थात समय के साथ मीडिया का बदलना आवश्यक था, लेकिन इसका मतलब यह कतई नहीं है कि मीडिया अपनी शक्तियों के चक्कर में अपना मूल और सामाजिक कर्तव्य भूल जाए, जिस प्रकार से आज भारतीय मीडिया का कुछ अंश अपनी लापरवाही से अनैतिक भाषा का उपयोग करता है, उस पर रोक लगाना अत्यंत आवश्यक हो गया है।

अगर उपरोक्त विषय पर इस कार्रवाई को आधार बनाया जाए तो आज की सरकार इस पर विशेष ध्यान क्यों नहीं दे रही है?

पत्रकार एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं की हिमायती बनने वाली पत्रकार एवं सामाजिक संगठनों के द्वारा चुप्पी क्यों साधी गई है क्या वह इस पर चर्चा परिचर्चा नहीं कर सकते?

विश्व के सबसे बड़े लोकतांत्रिक सनातन राष्ट्र भारत के लिए यह बहुत बड़ा चिंता का विषय है।

*खेलों से होता है बच्चों का सर्वांगीण विकास-दीपक बजाज*

अशोक कुमार जायसवाल

चंदौली/पीडीडीयू नगर।एम॰ आर॰ जैपुरिया स्कूल्स पड़ाव कैंपस में में किड्ज़ेनिया 2024 सम्पन्न हुआ |

इस कार्यक्रम का उद्देश्य था बच्चों के व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास, क्योंकि खेल से बच्चों का शारीरिक विकास, संज्ञानात्मक विकास, संवेगात्मक विकास, सामाजिक विकास एवम् नैतिक विकास को बढ़ावा मिलता है | यह कार्यक्रम नर्सरी से कक्षा चौथी तक के सभी विद्यार्थियों के लिए खुला आमंत्रण था ,जिसमें वाराणसी एवं चंदौली जिले से लगभग 500 सौ से अधिक बच्चों एवं लगभग दस प्रतिष्ठित विद्यालयों की सक्रिय सहभागिता रही |

कार्यक्रम का शुभारम्भ प्रबंध निदेशक मनोज बजाज द्वारा माँ शारदा एवं तुलसी वेदी पर दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम को आरम्भ करने की अनुमति प्रदान की गई|

विद्यालय के प्रबंध निदेशक मनोज बजाज ने अपने प्रेरणास्पद बिचारों को साझा करते हुए विविध खेल प्रतियोगिताएं में भाग लेने वाले नन्हें प्रतिभागियों की भुरी-भुरी प्रशंसा की और कहा कि ‘शरोरामायं खलु धर्मसाधनम्’ अर्थात् शरीर कर्तव्य पालन का पहला साधन है। कालिदास का यह कथन पूर्णत: सत्य है। जीवन की पहली आवश्यकता स्वस्थ शरीर ही है।

कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ कक्षा तीन एवं चार के बच्चों ने फ्लावर ड्रिलिंग समूह नृत्य के जोरदार नृत्य के माध्यम से किया |नर्सरी के बच्चों का फिस रेस,बर्ड रेस एवं कबड्डी प्रतियोगिता,एल॰ के॰ जी॰ के छात्रों का ओब्स्टेकल रेस,हुलाहूप रेस, यू॰ के॰ जी॰ के छात्रों का फिनिस योर मील रेस,हंग वेट क्लॉथ रेस, कक्षा एक के बच्चों का पिरामिड रेस,एवं नंबर वॉक रेस,कक्षा दो के बच्चों का न्यूज़ पेपर रेस एवं बैट-बॉल रेस,कक्षा तीन एवं चार का के बच्चों का रिले रेस, ब्रस्टडी बैलून रेस एवं टैग ऑफ वॉर एक के बाद एक सभी प्रतियोगिताओं का आनंद दर्शकों ने लिया।

उक्त अवसर पर सभी विजेता प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र, पदक एवं अन्य विविध पुरस्कार देकर उनका मानवर्धन किया गया। कार्यक्रम के अंत में विद्यालय के प्रधानाच्रार्य आशीष सक्सेना ने धन्यवाद ज्ञापन किया।

इस अवसर पर प्रबंध निदेशक मनोज बजाज, कार्यकारी निदेशक श्याम सुंदर बजाज, निदेशक मंजू बुधिया, प्रधानाचार्य आशीष सक्सेना, कोऑर्डिनेटर साजिया बदर,अतिथि शिक्षक वृंद,अभिभावक की गरिमापूर्ण उपस्थिति रही। कार्यक्रम का संचालन सिम्रित कौर ने किया।

*आरपीएफ डीडीयू के कारण पापा की परी वापस लौटी अपने घर*

अशोक कुमार जायसवाल

चंदौली।डीडीयू रेल मंडल के सीनियर कमांडेंट जेथिन बी राज के निर्देशानुसार तथा रेलवे सुरक्षा बल थाना दो के प्रभारी निरीक्षक प्रदीप कुमार रावत के कुशल नेतृत्व में बीते मंगलवार को उप निरीक्षक सरिता गुर्जर साथ सहायक उप निरीक्षक दीपेश कुमार के द्वारा डीडीयू स्टेशन के प्लेटफार्म संख्या 03&04 पर गस्त किया जा रहा था जिसके क्रम में एक नाबालिक लड़की प्लेटफार्म नंबर 04 पर अकेले संदिग्धावस्था में घूमते हुए पाई गयी जिससे पूछने पर उसने अपने बारे में बताया कि वह पटना के मसौढ़ी निवासी है।

साथ ही साथ उसने बताया कि डांट फटकार के कारण बिना बताए घर से नाराज़ होकर चली आई एवं भटकते हुए यहां आ गई। उक्त लड़की को उसके स्वेच्छानुसार, प्रेमवूर्वक रेलवे सुरक्षा बल पोस्ट डीडीयू लाया गया और चाइल्ड लाइन डीडीयू के टीम मेंबर मीरा कुमारी के द्वारा काउंसलिंग कराया गया।तदोपरांत उक्त नाबालिक को उसके परिजनों तक सही सलामत व सुरक्षित पहुंचाने के लिए रेलवे चाइल्ड लाइन डीडीयू को सुपुर्द किया गया जहां बाद में उक्त लड़की के पिता मुन्ना डीडीयू स्टेशन आए और अपनी बच्ची को समझा बुझाकर वापस अपने घर लेकर गए।

उक्त लड़की के पिता ने बताया कि वह अपनी बच्ची को बहुत प्यार करते हैं और बहुत लाड़ के ही कारण वह अपनी मां की डांट से इतना नाराज हो गई कि घर में बिना बताए घर से रुठ कर यहां आ गई। उनकी परी बेटी को सही सलामत उनसे वापस मिलाने के लिए उन्होंने रेलवे सुरक्षा बल का दिल से धन्यवाद ज्ञापन किया।

*टीवी मुक्त भारत अभियान लक्ष्य ही संस्था का उद्देश्य- दिलीप कुमार मौर्य*

अशोक कुमार जायसवाल

चंदौली।पीडीडीयू नगर। स्वामी कबीर मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा टीवी रोग से ग्रसित रोगियों को पोषण सामग्री दीनदयाल नगर स्थित राजकीय महिला चिकित्सालय व हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर सहजौर में चिकित्सा प्रभारी डॉ एस के चतुर्वेदी, डॉ रमेश यादव,सी एच ओ ममता सिंह की देखरेख में वितरित किया गया।आपको बता दे की स्वामी कबीर मेमोरियल ट्रस्ट विगत 4 वर्षों से लगातार टीवी रोगियों की देखभाल कर रही है।

टीवी रोग से ग्रसित रोगियों को गोद लेकर उनकी देखभाल करना समय से दवा उपलब्ध कराना व पोषण सामग्री वितरित करना आदि कार्यों को बखूबी से निर्वाह कर रही है। इसी कड़ी में आज राजकीय महिला चिकित्सालय दीनदयाल नगर व हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर सहजौर में टीबी रोग से ग्रसित 6 रोगियों को पोषण सामग्री वितरित किया गया।

संस्था के अध्यक्ष दिलीप कुमार मौर्य ने कहा कि टीवी मुक्त भारत के अभियान में ट्रस्ट कार्य कर रहा है सरकार की मंशा के अनुरूप टीवी मुक्त भारत लक्ष्य हासिल करने के लिए संस्था लगातार प्रयासरत है। राजकीय महिला चिकित्सालय के प्रभारी डॉक्टर एस के चतुर्वेदी ने कहा संस्था क्षय रोगियों की देखभाल निस्वार्थ भाव से कर रही है इनकी जितनी भी प्रशंसा की जाए वह भी कम है टीवी मुक्त भारत अभियान में संस्था का कार्य काबिले तारीफ है।

इस अवसर पर संस्था के अध्यक्ष दिलीप कुमार मौर्य, महिला प्रकोष्ठ की राष्ट्रीय अध्यक्ष मालती गुप्ता, उपाध्यक्ष कुंदन सिंह,अल्पना पांडे सुरेश गुप्ता आदि पदाधिकारी उपस्थित रहे।

*वेलफेयर एसोसिएशन के नंबर कीपर के चुनाव में गुड्डू -धर्मराज जीते*

अशोक कुमार जायसवाल

चंदौली।डीडीयू नगर। स्थानीय रेलवे स्टेशन के सर्कुलेटिंग एरिया के ऑटो रिक्शा चालक वेलफेयर एसोसिएशन के नंबर कीपर का चुनाव बुधवार केा गहमा-गहमी के बीच हुआ।जिसमें गुड्डू यादव और धर्मराज भारती कीपर चुने गए।विजेता पदाधिकारियों को फूल माला पहनाकर स्वागत किया गया। इसके पूर्व सुबह आठ बजे से दो बजे तक ऑटो चालकों ने कीपर के लिए कड़ी सुरक्षा के बीच मतदान किया।

प्रति वर्ष जनवरी माह में रिक्शा चालक वेलफेयर एसोसिएशन के कीपर का चुनाव किया जाता है। बुधवार को चुनाव को लेकर सुबह से ही गहमा गहमी शुरू हो गई। कीपर के लिए एक पक्ष में गुड्डू यादव उगता हुआ सूरज चुनाव चिह्न और धर्मराज भारती झोपड़ी चुनाव चिह्न के साथ मैदान में खड़े हुए। दूसरे पक्ष में मंटू गुप्ता चुनाव चिह्न चश्मा और साजिद हुसैन उर्फ रिंकू चुनाव चिह्न कुर्सी के साथ मैदान में उतरे।

सुबह आठ बजे से कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मतदान की प्रक्रिया शुरू हुई। दोपहर दो बजे तक कुल 549 मतदाताओं में 490 चालकों ने मतदान किया। दोपहर दो बजे के बाद मतों की गिनती शुरू हुई। इसमें छह मत अवैध घोषित हुए। गुड्डू यादव ने 306 और धर्मराज भारती 266 मत पाकर विजेता घोषित हुए। वहीं मंटू गुप्ता को 216 जबकि साजिद हुसैन को 157 मत मिले।

चुनाव कराने वालों में अध्यक्ष दयाराम यादव, व्यवस्थापक पुष्पराज भारती, इम्तियाज शेख, वीरेन्द्र पटेल, राजू खान, मनन पांडेय, रामजी मिश्र आदि लोग मौजूद रहे।

*रामनगर औद्योगिक एसोसिएशन व जीएसटी विभाग द्वारा किया गया कार्यशाला का आयोजन*

अशोक कुमार जायसवाल

चंदौली/वाराणसी। रामनगर औद्योगिक क्षेत्र के उद्यमियों व जी एस टी विभाग के अधिकारियों संग परिचर्चा का आयोजन राजेंद्र विहार कॉलोनी सुंदरपुर स्थित ओंकार भवन में किया गया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अपर आयुक्त ग्रेड 1 राज्य कर वाराणसी जोन प्रथम प्रिंस कुमार,और उदय प्रताप सिंह अपर आयुक्त ग्रेड1 राज्य कर वाराणसी जोन द्वितीय रहे,विशिष्ट अतिथि मानवेंद्र प्रताप सिंह अपर आयुक्त ग्रेड 2, राम कुबेर अपर आयुक्त ग्रेड 2 एसआई बी, सर्वेश आर्य संयुक्त आयुक्त वाराणसी जोन, कमला प्रसाद संयुक्त कार्यपालक, अरविंद कुमार दोहरे संयुक्त आयुक्त ऑडिट, सलभ शर्मा जॉइंट कमिश्नर आदि तमाम अधिकारी उपस्थित रहे।

बारी-बारी से उद्यमियों ने सीजीएसटी, आईजीएसटी, वैट,इनपुट,आउटपुट, जीएसटी रिटर्न से संबंधित प्रश्न पूछे जिसका अधिकारियों द्वारा सकारात्मक जवाब दिया गया।मुख्य अतिथि प्रिंस कुमार ने कहा कि उपस्थित उधमी बंधुओ के मन में जीएसटी से संबंधित भ्रांतियां आपसी संवाद के जरिए दूर किया जा सकता है ।

सही जानकारी नहीं होने की वजह से अनेक प्रकार की भ्रांतियां दिमाग में बनी रहती है समय पर कर जमा करके राष्ट्र को सशक्त करें और भारत को विकसित राष्ट्र बनाएं। विशिष्ट अतिथि मानवेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि अकाउंटेंट के सहारे ना रहकर जीएसटी से संबंधित सभी जानकारियों को जानने की कोशिश करें तभी उद्योग चलाने में सहजता होगी।

संयुक्त आयुक्त सर्वेश आर्य ने कहा कि उद्यमियों को जीएसटी रिटर्न करने में समस्याओं का सामना करना पड़ता है तो उससे घबराएं नहीं जीएसटी ऑफिस आकर समस्या का समाधान पा सकते हैं। ज्वाइंट कमिश्नर शलभ शर्मा ने कहा कि जीएसटी संबंधित किसी भी प्रकार की समस्या का समाधान संवाद के जरिए हो सकता है कुछ नए नियम आए हैं जिनकी जानकारियां समय-समय पर आप सभी को जानने की जरूरत है ,जानकारी के अभाव में समय से ऑडिट कराना, रिटर्न फाइल दाखिल नहीं कर पाते हैं।

जिसका खामियाजा उद्यमियों को समय-समय पर भुगतना पड़ता है बिचौलियों से दूर रहकर सीधे अधिकारियों से संवाद करके अपनी समस्या का समाधान कर सकते हैं। रामनगर औद्योगिक एसोसिएशन के अध्यक्ष देव भट्टाचार्य ने कहा कि कार्यशाला का आयोजन करने से उद्यमी और अधिकारी सीधे संवाद करते हैं और अपनी समस्याओं को रखते हैं जिसका त्वरित निस्तारण अधिकारियों द्वारा किया जाता है उद्यमियों की समस्या दूर करने के लिए इस तरह का आयोजन आगे भी किया जाएगा।

इस अवसर पर मुख्य रूप से विनम्र अग्रवाल,चंद्रेस्वर जायसवाल,हरिवंश सिंह, जयप्रकाश पांडेय, अजय राय,श्याम अग्रवाल, पंकज बिजलानी, कृष्ण गोपाल सिंह,आशीष गुप्ता,अनूप साहू, भरत जोतवानी, वीरेन्द्र यादव, संजय लखमानी, सुनील जैन, मनोज तिवारी,राकेश जायसवाल, परेश सिंह, राकेश अग्रवाल, ओमप्रकाश जायसवाल, पवन जायसवाल, सुमित लढ्ढा, शिव पूजन जायसवाल, अरुण राय, रोहित जैन, राजेश जायसवाल, अरविंद सिंह, राम सिंह,संजय सिंह, प्रभात गर्ग, जग्गनाथ घोष, राम सागर, सचिन मौर्या, सचिन राजपूत,सचिन मौर्या, अर्जुन सिंह आदि सैकड़ो की संख्या में उधमी उपस्थित रहे।

*राष्ट्रीय अस्पताल मानकीकरण बोर्ड से प्रमाणित आयुष हेल्थ केयर,आयुष हेल्थ केयर को मिला राष्ट्रीय पुरस्कार*

अशोक कुमार जायसवाल

चंदौली/नियामताबाद। अलीनगर स्थित आयुष हेल्थ केयर मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल को राष्ट्रीय अस्पताल मानकीकरण बोर्ड का प्रमाण पत्र मिलने से चिकित्सा के क्षेत्र में नगर वासियों को एक नई उपलब्धि मिली।

आयुष हेल्थ केयर हॉस्पिटल के प्रबंधक डॉक्टर ए के सिंह ने बताया कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर में एन ए बी एच प्रमाणित हॉस्पिटल अपनी उत्कृष्ट सेवाओं एवं राष्ट्रीय मापदंडों को पूरा करने के पश्चात राष्ट्रीय अस्पताल मानकीकरण बोर्ड नई दिल्ली भारत सरकार द्वारा प्रमाण पत्र मिला है।

जिले के मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ वाई के राय ने आयुष हेल्थ केयर की सराहना करते हुए बताया कि आयुष हेल्थ केयर दीनदयाल नगर का प्रथम हास्पिटल है जिसे राष्ट्रीय स्तर के मापदंडों को पूरा करने पर ये प्रमाण पत्र मिला है इस उपलब्धि के लिए हास्पिटल के निदेशक डॉ ए के सिंह को बधाई भी दिया।डॉ विनोद मिश्रा, डॉ एस एन पांडेय, डॉ राहुल तिवारी, डॉ मोहित पांडेय,डॉक्टर आशा तिवारी, डॉक्टर अजय कुमार सिंह, डॉक्टर आशीष मिश्रा, डॉक्टर पीसी गुप्ता व राजू तिवारी सहित चिकित्सकों ने बधाइयां दी।

*शहीद दिवस पर राष्ट्र पिता महात्मा गाँधी जी को नमन कर ब्लाक स्तरीय भारत जोड़ो - न्याय यात्रा का समापन*

अशोक कुमार जायसवाल

चंदौली - चन्दौली जनपद स्थित मुख्यालय पर पंडित कमलापति त्रिपाठी पार्क में शहीद दिवस के अवसर पर जिले भर के कांग्रेसियों ने जुटकर होकर महात्मा गांधी के तैल चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की। विदित हो कि जनपद में राहुल गाँधी की आने वाली न्याय यात्रा से पूर्व ब्लाक स्तरीय भारत जोड़ो-न्याय यात्रा 26 जनवरी से लेकर 30 जनवरी तक चलायी गयी थी।

जनपद में ब्लाक कांग्रेस के प्रभारियों और ब्लाक अध्यक्षो के नेतृत्व में चलायी गयी पाँच दिवसीय भारत जोड़ो-न्याय यात्रा अपने अपने ब्लाकों से चलकर जूलूस के शक्ल में चलकर मुख्यालय पहुँच कर सभा के रूप में परिवर्तित हो गयी।

इस समापन यात्रा को संबोधित करते हुए कांग्रेस जिलाध्यक्ष धर्मेंद्र तिवारी ने कहा कि महात्मा गांधी जी के बताए रास्ते पर चलकर ही अखंड भारत की परिकल्पना की जा सकती है। वर्तमान सरकार गांधी जी से जुड़े स्मारकों को गिराने और उनके विचारों को मिटाने का प्रयास कर रही है जो निंदनीय है।^ उन्होंने आगे कहा कि '' देश मे राहुल ग़ांधी की लोकप्रियता और उनके द्वारा की जा रही न्याय यात्रा से सरकार भयभीत है। जगह जगह सरकारी मशीनरियों और अराजक तत्वों द्वारा इस न्याय यात्रा को विफल करने और रोकने, कांग्रेस कार्यकर्ताओं को डराने तथा उनके साथ मारपीट करने का पूरा प्रयास किया जा रहा है। कांग्रेसजन एकजुट है ।

देश मे व्याप्त अराजक माहौल से छुटकारा दिलाने तथा वर्तमान सरकार को उखाड़ फेंकने के प्रति कृतसंकल्प है।" इस अवसर पर कांग्रेसजनों ने महात्मा गांधी का प्रिय भजन रामधुन गाया ।

आयोजित इस ब्लाक स्तरीय न्याय यात्रा के समापन अवसर पर जिला कार्यसमिति के पदाधिकारियों के साथ साथ प्रदेश कार्यसमिति के सदस्यगण, शहर कांग्रेस अध्यक्ष , बड़ी संख्या में कांग्रेसजन उपस्थित रहे। सभा का समापन राष्ट्रगान से हुआ।

इस कार्यक्रम में प्रमुख रूप से शहर अध्यक्ष राम जी गुप्ता विजय त्रिपाठी आनंद शुक्ला डॉक्टर नारायण मूर्ति ओझा श्रीमती मधु राय प्रताप पांडे शीतल सिंह रजनीकांत पांडे अकिल अहमद बाबू रामानंद यादव मुनीर खान डॉ सुल्तान खान राम मूरत गुप्ता प्रेमचंद गुप्ता हसन खान संजय मौर्य गंगा प्रसाद प्रदीप मिश्रा शशि उपाध्याय राजेंद्र गौतम डॉ राम आधार जोसेफ कमलेश संत श्रीकांत पाठक इंद्रजीत मिश्र सत्येंद्र उपाध्याय सिराजुद्दीन भुट्टो बाबा गोड़ नेहाल अख्तर बाबू बृजेश राकेश सिंह मुकेश गौतम गुप्ता तारीक अब्बास दशरथ चौहान त्रिजा इलियट संत यादव विजय गुप्ता परमानंद पटेल की किरन श्रीवास्तव चंद्रशेखर तिवारी शमशेर अली सुजीत सिंह अमरदेव राम संपूर्णानंद राम विश्वजीत सेठ इत्यादि सैकड़ो कांग्रेस जन उपस्थित रहे।

*समाजवादी पार्टी ने पीडीए जनपंचायत कार्यक्रम का किया आयोजन*

अशोक कुमार जायसवाल

चंदौली।डीडीयू नगर। क्षेत्र के उतरौडी व बहेड़ा में समाजवादी पार्टी का पिछड़ा,दलित, आदिवासी, अल्पसंख्यक (पीडीए) जनपंचायत कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसके मुख्य अतिथि समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता बाबू लाल यादव रहे।

इस दौरान बाबूलाल यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी की सरकार में योजनाएं लाभार्थियों के घर घर पहुंच जाती थी। कहां कि समाजवादी पार्टी के सरकार में नौजवानों को बेरोजगारी भत्ता दिया जाता था। किसानों को खेतों के सिंचाई करने के लिए फ्री में पानी मिलते थे।

किसान बीमा दुर्घटना में लाभार्थियों को पांच लाख रुपए का मिलता था।छात्र छात्राओं को फ्री लैपटॉप,साइकिल दिया जाता था। जिससे नौजवान छात्रों का विकास हो सके।आज भाजपा शासन में सारी योजनाएं बंद है। जिससे देश की जनता कराह रही है।

भाजपा सरकार धर्म की राजनीति कर रही हैं। जबकि लोगों रोजगार चाहिए।देश की शिक्षा महंगा हो गया है। जिससे आम लोग शिक्षा ग्रहण नहीं कर सकते हैं।देश के लोगों का ध्यान भटकाया जा रहा है।देश में बाबा साहब के बनाएं गये संविधान की जरूरत है। जब कि भगवान राम सबके घट घट में बसे हैं।कहा कि भाजपा के कथनी करनी में अंतर है।

जिसका जवाब आने वाले लोकसभा की चुनाव में जनता जवाब देगी।कार्यक्रम की अंत में क्षेत्र के गरीब मजदूर वृद्ध महिला पुरुषों में सैकड़ों कम्बल वितरण किया गया। जिससे हाड़ कंपा देने वाली ठंड में लोगों को राहत मिल सके।इस दौरान जसवंत सिंह, लखेंन्द्र वियार, सुलेमान,संजय कुमार भारती, लवकुश वियार,राम बली यादव, कमलेश मौर्य, श्यामलाल गुप्ता,समसुद्दीन आदि काफी संख्या में लोग मौजूद रहे।

*जीवन में जब तनाव आता है तभी श्रेष्ठता बाहर निकलती है- डा सिंह*

अशोक कुमार जायसवाल

चंदौली ।डीडीयू नगर।सेठ एम आर जैपुरिया स्कूल कैंपस में गुरुकुल शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि डॉ. वीपी सिंह ने किया।इस कार्यशाला में समस्त पुवांचल से लगभग 400 सौ से अधिक शिक्षकों की सहभागिता रही।

इस दौरान मुख्य अतिथि डॉ वीपी सिंह ने कहा कि तनाव प्रत्येक व्यक्ति के जीवन का अपरिहार्य अंग है। जीवन में जब तनाव आता है तभी श्रेष्ठता बाहर निकलती है।विद्यालय के प्रबंध निदेशक मनोज बजाज ने कहा कि ज्ञान हमें शक्ति देता है और प्रेम हमें परिपूर्णता देता है। सच्चा गुरु वह है जो हमें खुद के बारे में सोचने में मदद करता है। जब हम ये सोचते हैं कि हम सब जानते हैं तब हमारा सीखना बंद हो जाता है।सीखते रहने और समाज को प्रकाशित करते रहने में ही एक शिक्षक की सार्थकता है।

डॉ सिंह ने अपने ग़ज़ल के माध्यम से कहा कि सभी को यह ध्यान रखना चाहिए कि जीवन के नियंत्रण का केंद्र बिंदु मेरे ही पास है। तनाव से बहार भी हमें खुद से ही आना है। अपने पांव का कांटा खुद ही निकलना है।कार्यक्रम में शिक्षकों ने भी अपने विचारो को साझा किया एवं प्रश्न पूछकर अपने जिज्ञासा को शांत किया। शिक्षकों ने यह भी कहा कि यह कार्यशाला जीवन की एक महत्वपूर्ण कार्यशाला है।

कार्यक्रम का संचालन तरनदीप बग्गा ने किया।