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लोकसभा की सुरक्षा में बड़ी चूक, संसद पर हमले की बरसी के दिन सुरक्षा घेरा तोड़कर दर्शक दीर्घा से सदन में कूदे 2 शख्स

#security_breach_in_lok_sabha

संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा है और बुधवार को लोकसभा की सुरक्षा में बड़ी चूक का मामला सामने आया है। बता दें कि आज संसद पर हमले की बरसी भी है। इस दौरान पीएम मोदी सहित अन्य नेताओं ने शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। लोकसभा में भी आज सभी सांसदों की ओर से श्रद्धांजलि दी गई। जिसके बाद लोकसभा में कार्यवाही चल ही रही थी, तभी कार्यवाही के दौरान दो अनजान शख्स सदन में कूद गए और कुछ स्प्रे करने लगे।जिसके बाद पूरी लोकसभा में धुंआ-धुआं नजर आने लगा। हालांकि बाद में इन दोनों को हिरासत में ले लिया गया। इसके बाद संसद के दोनों सदनों को स्थगित कर दिया गया।

दो विजिटर्स का मैसूर के सांसद का रेफरी पास बना हुआ था

दोनों आरोपियों में से एक का नाम सागर है वहीं दूसरे के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। ये लोग स्मोक कैंडल जूतों में छिपाकर लाए थे। जो स्प्रे किया गया, उससे सुरक्षाकर्मियों को बारूद की गंध आई। इन दो विजिटर्स का मैसूर के सांसद का रेफरी पास बना हुआ था। दिल्ली पुलिस की एंटी टेरर यूनिट स्पेशल सेल पार्लियामेंट के अंदर हंगामा करने वाले लोगों से पूछताछ करने पहुंची है। इस घटना से जुड़ा एक वीडियो भी सामने आया है।

जांच के बाद होगी कार्रवाई

इस घटना के बाद पीठासीन अधिकारी राजेंद्र अग्रवाल ने बाद में मीडिया को बताया कि एक व्यक्ति गैलरी से कूदा तो लगा कि शायद वह नीचे गिर गया है। तभी दूसरे व्यक्ति को दर्शक दीर्घा से कूदते देखा। इनमें से एक के हाथ में कुछ था, जिसमें पीले रंग का धुआं निकल रहा था, जबकि दूसरे के हाथ में कुछ था, जिससे पिट-पिट की आवाज आ रही थी। वे कुछ नुकसान नहीं कर पाए, उन्हें तुरंत काबू में कर लिया गया। हालांकि, उनका दर्शक दीर्घा से कूदना गंभीर विषय है। यह संसद की सुरक्षा में बड़ी चूक है। जांच होगी और कार्रवाई होगी।

संसद पर हमले की बरसी के दिन सुरक्षा में बड़ी चूक

13 दिसंबर को संसद पर कायराना आतंकवादी हमले की बरसी है। 2001 में 13 दिसंबर की सुबह आतंक का काला साया देश के लोकतंत्र की दहलीज तक आ पहुंचा था।हमले में दिल्ली पुलिस के छह जवान, संसद के दो सुरक्षाकर्मी और एक माली मारे गए थे। उन्हें आज सभी सांसदों की ओर से श्रद्धांजलि दी गई।

छत्तीसगढ़ में सीएम के शपथ ग्रहण से पहले नक्सली हमला, आईईडी ब्लास्ट में एक जवान शहीद

#naxal_attack_in_chhattisgarh_one_soldier_martyred

छत्तीसगढ़ में नए मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण समारोह है। इससे पहले नक्सलियों ने बड़ा हमला किया। इस हमले में एक जवान के शहीद होने की खबर है।नारायणपुर के आमदई माइंस की सुरक्षा में लगे जवानों को नक्सलियों ने अपना निशाना बनाया है। नक्सलियों के हमले में CAF के 9वीं वाहिनी का एक जवान आरक्षक कमलेश कुमार शहीद हो गए। वहीं, एक जवान आरक्षक विनय कुमार घायल हो गए। जिसे प्राथमिक उपचार के बाद नारायणपुर जिला अस्पताल में भर्ती किया गया है।

बताया जा रहा है कि नक्सलियों ने माइंस में जगह-जगह आईईडी प्लांट किए थे। जिसकी चपेट में आकर CAF के 9वीं वाहिनी का एक जवान आरक्षक कमलेश कुमार शहीद हो गए। वहीं, एक जवान आरक्षक विनय कुमार घायल हो गए।

बस्तर आईजी पी सुंदर राज ने बताया कि नारायणपुर के थाना छोटेडोंगर क्षेत्र अंतर्गत अमदाई खदान में सोमवार को करीब 11:00 बजे नक्सलियों ने आईईडी विस्फोट और फायरिंग की। जवाब में सुरक्षा बलों द्वारा फायरिंग की गई। नक्सलियों के हमले CAF के 9वीं वाहिनी का एक जवान आरक्षक कमलेश कुमार बलिदान हो गए। एक जवान आरक्षक विनय कुमार को मामूली चोट आई है, जिनका प्राथमिक उपचार कराया गया है। आसपास क्षेत्र में पुलिस बल, डीआरजी और आईटीबीपी द्वारा जांच की जा रही है।

इससे पहले सोमवार को नक्सलियों ने सुकमा जिले में आईईडी ब्लास्ट किया था। इसमें दो सुरक्षाकर्मी जख्मी गए थे। विस्फोट किस्ताराम पुलिस थाना क्षेत्र में हुआ था।

संसद पर हमले के 22 साल पूरे, वो खौफनाक दिन जब गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंज उठा लोकतंत्र का मंदिर

#indian_parliament_attack_2001

13 दिसंबर 2001 का वो दिन, जब गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंज उठा था लोकतंत्र का मंदिर। देश की सबसे सुरक्षित जगहों में से एक माने जाने वाले संसद पर आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों ने हमला बोला था। जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के दहशतगर्द संसद परिसर में तो घुसने में कामयाब हो गए पर देश के जांबाज जवानों ने उनके मंसूबे को नाकाम कर दिया। तब संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा था। उस समय लोकसभा और राज्यसभा स्थगित थी लेकिन 100 से ज्यादा VIPs संसद भवन के भीतर मौजूद थे। होम मिनिस्ट्री का फर्जी स्टीकर लगाए एक सफेद एम्बेसडर कार संसद भवन में दाखिल होती है। भीतर पांच लोग बैठे हुए हैं। ये गेट पर मौजूद सुरक्षाकर्मियों को चकमा देने में कामयाब हो जाते हैं। अंदर के रास्ते पर इनकी गाड़ी गलती से उपराष्ट्रपति कृष्णकांत की खड़ी कार से टकरा जाती है। यही वो पल था जब सबको अहसास हुआ कि भारतीय लोकतंत्र के मंदिर में दरिंदे घुस आए हैं।

पांच आतंकी समेत 14 लोगों की हुई थी मौत

जिस समय यह हमला हुआ, संसद भवन में 200 सांसद मौजूद थे, लेकिन बहादुर सैनिकों की रक्षा पंक्ति की बदौलत उन्हें खरोंच तक नहीं आई। संसद भवन पर हुए इस हमले में सुरक्षाबलों ने सभी आतंकियों को मार गिराया था। दिल्ली पुलिस के अनुसार, मारे गए आतंकियों में हैदर उर्फ तुफैल, मोहम्मर राना, रणविजय, हमला शामिल थे। इसके अलावा सबसे पहले कांस्टेबल कमलेश कुमारी यादव शहीद हुईं। इसके बाद संसद का एक माली, दो सुरक्षाकर्मी और दिल्ली पुलिस के छह जवान भी शहीद हो गए। 

देश के सबसे महफूज माने जाने वाले संसद में मच गया था कोहराम

13 दिसंबर...यह वही तारीख है, जब साल 2001 में राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली के सबसे महफूज माने जाने वाले इलाके में शान से खड़े संसद भवन में घुसने के लिए आतंकवादियों ने सफेद रंग की एंबैस्डर कार का इस्तेमाल किया था। वे इस दौरान सुरक्षाकर्मियों की आंखों में धूल झोंकने में कामयाब रहे थे।पांच आतंकियों ने तब लगभग 45 मिनट तक संसद भवन परिसर में कोहराम मचाया था।अटल बिहारी वाजपेयी तब पीएम थे, सोनिया गांधी विपक्ष की नेता थीं।

11 बजकर 30 मिनट....संसद भवन के अंदर और परिसर में सब काम बाकी दिनों की तरह ही सामान्य रूप से चल रहा था। शीतकालीन सत्र की सरगर्मियां तेज थी। राजनीतिक दलों की गतिरोध की वजह से लोकसभा और राज्यसभा दोनों की ही कार्यवाही कुछ देर के लिए स्थगित थी। इस वजह से कई बड़े नेता संसद से जा चुके थे। लेकिन फिर भी कुछ मंत्री और करीब 200 सांसद अब भी संसद भवन में ही मौजूद थे। इनके अलावा संसद में काम करने वाले लोग, आंगतुक गण और सुरक्षा कर्मी भी संसद परिसर में ही थे। सब कुछ सामान्य चल रहा था। तभी अचानक सफेद रंग की एंबेसेडर कार संसद भवन में घुसी। गाड़ी पर गृह मंत्रालय का स्टीकर पास भी लगा हुआ था।गाड़ी सीधे संसद भवन परिसर में आकर रूकी। कोई कुछ समझ पाता उससे पहले ही लोगों पर अंधाधुंध गोलियां बरसनी शुरू हो गई। एंबेसेडर से आए 5 आतंकवादियों ने एके 47 राइफलों से गोलियों की बौछार कर दी। आतंकी विस्फोटकों और हथगोलों का भी इस्तेमाल कर रहे थे। 45 मिनट तक संसद भवन में गोलियों की आवाज गूंजती रही। इस दौरान आतंकीयों ने सबसे पहले उन चार सुरक्षाकर्मियों को निशाना बनाया जिन्होंने एंबेसेडर कार को रोकने की कोशिश की। इसके बाद संसद भवन के अंदर चारों तरफ अफरा-तफरी और दहशत का माहौल बन गया।

भारत के खिलाफ अब तक की सबसे खतरनाक और गहरी साजिश

एंबेस्डर कार में 30 किलो आरडीएक्स था और कार में उसकी पूरी वायरिंग कर रखी की गई थी। जानकारों के हवाले से ऐसा कहा जाता है कि अगर वह कार ब्लास्ट कर दी जाती, तब आधी संसद तब उड़ (ध्वस्त) सकती थी। चूंकि, एंट्री के जो सफेद एंबैस्डर की टक्कर हुई थी उससे तारों की वायरिंग टूट गई थी, जिससे धमाका नहीं हो सका था। कार पर होम मिनिस्ट्री के स्टीकर भी लगे थे। यह भारत के खिलाफ अब तक की सबसे खतरनाक और गहरी साजिश मानी जाती है।

2013 को अफजल गुरु को फांसी

इस हमले में संसद की सुरक्षा में लगे कई जवान शहीद हुए थे, लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने अपनी जान पर खेल कर पांचों आतंकवादियों को मार गिराया। इस हमले के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने इस घटना के मुख्य साजिश कर्ता अफजल गुरु को गिरफ्तार किया, जिसे बाद में फांसी की सजा दी गई। इस आतंकी हमले के पीछे मोहम्मद अफजल गुरु, एसए आर गिलानी और शौकत हुसैन समेत पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई शामिल थे। 12 साल बाद नौ फरवरी 2013 को अफजल गुरु को फांसी दे दी गई थी।

चारों धाम के साथ ही फूलों की घाटी और औली में जमकर हुई बर्फबारी, खूबसूरत बर्फीली वादियों की ओर पर्यटकों का बढ़ा आकर्षण और रोमांच

 मौसम के बदले मिजाज के साथ ही मंगलवार को चारों धामों के साथ ही हेमकुंड साहिब, फूलों की घाटी और औली में जमकर बर्फबारी हुई। केदारनाथ में जहां चार इंच नई बर्फ जम गई है वहीं तापमान माइनस 7 तक रहा है।

वहीं निचले क्षेत्रों में हुई बारिश और पहाड़ों में बर्फबारी से कड़ाके की ठंड पड़ने लगी है। ठंड से बचने के लिए लोगों ने अलाव का सहारा लिया। गोपेश्वर/जोशीमठ में मंगलवार को सुबह से बादल छाए थे और दोपहर बाद चमोली जिले में बदरीनाथ धाम, हेमकुंड साहिब, फूलों की घाटी, रुद्रनाथ, काली माटी, औली, गोरसों बुग्याल सहित ऊंचाई वाले क्षेत्रों में जमकर बर्फबारी हुई, जबकि निचले क्षेत्रों में बारिश हुई।

गोपेश्वर, जोशीमठ, पोखरी, नंदानगर, पीपलकोटी आदि क्षेत्रों में ठंडी हवाएं चलीं। ठंड से बचने के लिए लोग घरों में ही दुबके रहे और बाजारों में सन्नाटा छाया रहा। बदरीनाथ में तापमान अधिकतम -1 और न्यूनतम – 8 डिग्री, औली में अधिकतम 3, न्यूनतम -3 और , जोशीमठ में अधिकतम 9 , न्यूनतम – 2 रहा।

रुद्रप्रयाग केदारनाथ धाम में दोपहर बाद 12 बजे बर्फबारी हुई जो देर शाम तक होती रही। धाम में लगभग चार इंच नई बर्फ जमी। वहीं, द्वितीय केदार व तृतीय केदार में भी बर्फ गिरी। धाम में तापमान अधिकतम 1 डिग्री व न्यूनतम -7 डिग्री दर्ज किया गया।

औली में एक फीट तक जमी बर्फ

उत्तरकाशी/बड़कोट स्थित गंगोत्री व यमुनोत्री धाम में इस सीजन की दूसरी बर्फबारी हुई जबकि हर्षिल में भी बर्फबारी हुई। गंगोत्री धाम में अधिकतम तापमान -3 और न्यूनतम -8 दर्ज किया गया है। वहीं यमुनोत्री धाम में अधिकतम -1 व न्यूनतम तापमान -7 दर्ज किया गया है।

जिला मुख्यालय में हल्की बूंदाबांदी हुई जो शाम को भी होती रही। वहीं हर्षिल में बर्फबारी से घाटी के पहाड़ों पर सफेद चादर बिछ गई है। उधर, यमुनोत्री धाम सहित गीठ पट्टी के 12 गावों में, मां यमुना के शीतकालीन प्रवास स्थल खरसाली गांव में भी बर्फबारी हुई।

बदरीनाथ धाम में मास्टर प्लान का काम हुआ प्रभावित

गोपेश्वर में बर्फबारी से बदरीनाथ धाम में महायोजना मास्टर प्लान का काम प्रभावित हो गया है और मजदूर काम नहीं कर पाए। मास्टर प्लान के कार्य में लगे वाहन और उपकरणों पर भी बर्फ की मोटी चादर बिछ गई है।

मौसम सामान्य होने पर शुरू होगा काम 

मास्टर प्लान का काम देख रहे लोक निर्माण विभाग पीआईयू के अधिशासी अभियंता वीके सैनी ने बताया कि बदरीनाथ धाम में चारों ओर बर्फ की सफेद चादर बिछ गई है। मौसम सामान्य होने पर फिर से काम शुरू किया जाएगा।

क्रिसमस और नए वर्ष से पहले औली की पहाड़ियां बर्फ से ढकीं

औली में क्रिसमस और नए वर्ष के आगमन से पहले बर्फबारी होने से पर्यटन से जुड़े व्यापारियों के चेहरे खिल गए हैं। बर्फबारी से औली में पर्यटकों के बढ़ने की उम्मीद है। मंगलवार को हुई बर्फबारी से औली के साथ ही समीपवर्ती पहाड़ियां बर्फ से ढक गई हैं।

 

पर्यटकों में होगा इजाफा

औली में स्कीइंग की ढलानें भी बर्फ से ढक गई हैं। बर्फबारी के बीच कई पर्यटक चेयर लिफ्ट से औली का दीदार कर रहे थे। औली में पर्यटन व्यवसायियों का कहना है कि क्रिसमस से पहले बर्फबारी शुभ संकेत है। दिसंबर माह के अंत में भी बर्फबारी होती है तो पर्यटकों में इजाफा हो जाएगा।

चमोली : 50 से अधिक गांवों में गिरी बर्फ, रास्तों पर जमी

चमोली जनपद के 50 से अधिक गांवों में बर्फबारी हुई है। निजमुला घाटी के ईराणी, पाणा, झींझी, रामणी, ल्वाणी, घूनी, पडेरगांव, सुंग, कनोल, सुतोल, पेरी के साथ ही जोशीमठ क्षेत्र के नीती घाटी के गांवों में भी बर्फबारी हुई है। गांवों को जाने वाले पैदल रास्तों में भी बर्फ जम गई है। रामणी गांव के ग्राम प्रधान सूरज पंवार ने बताया कि बर्फबारी से कड़ाके की ठंड शुरू हो गई है।

अमेरिका के वॉलमार्ट स्टोर्स में बिकने लगी Made in India साइकिल, लॉन्च इवेंट में पहुंचे राजदूत तरणजीत सिंह संधू

 अमेरिका में भारतीय दूत तरणजीत सिंह संधू ने मंगलवार को अमेरिका में वॉलमार्ट स्टोर में पहली भारत-निर्मित साइकिल के लॉन्च में भाग लेते हुए प्रसन्नता व्यक्त की। एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए, संधू ने कहा कि, “मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड! #लुधियाना द्वारा निर्मित, अमेरिका में वॉलमार्ट की पहली भारत-निर्मित साइकिल के लॉन्च को देखकर खुशी हुई।'' 

इससे पहले, वॉलमार्ट ने घोषणा की थी कि छुट्टियों के ठीक समय पर भारत में निर्मित पहली साइकिलें अमेरिका के चुनिंदा स्टोरों में आ रही हैं। भारत के अग्रणी साइकिल निर्माताओं और निर्यातकों में से एक, हीरो इकोटेक लिमिटेड ने वॉलमार्ट के लिए एक "क्रूज़र-शैली" बाइक डिज़ाइन की है, जिसमें कॉनकॉर्ड ब्रांड है, जो वयस्क आकार के पुरुषों और महिलाओं दोनों संस्करणों में उपलब्ध है, जो कंपनी की बढ़ती साइकिल पेशकशों को जोड़ता है।

बता दें कि, हीरो इकोटेक लिमिटेड उन कई भारतीय निर्माताओं में से एक है जो वॉलमार्ट के साथ आपूर्तिकर्ता संबंध बना रहे हैं, जिससे कंपनी को 2027 तक भारत से माल के निर्यात को तीन गुना बढ़ाकर 10 बिलियन अमेरिकी डॉलर सालाना करने के अपने लक्ष्य में तेजी लाने में मदद मिल रही है। कंपनी की एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, साइकिल के अग्रणी निर्माता के रूप में भारत के समृद्ध इतिहास का उदाहरण हीरो इकोटेक लिमिटेड है।

वॉलमार्ट यूएस स्टोर्स में बेचे जाने वाले क्रूजर भारत से प्राप्त 90% से अधिक कच्चे माल से बनाए जाते हैं। कंपनी भारत में गतिशीलता उत्पादों के प्रमुख निर्माताओं में से एक है और 80 से अधिक देशों में शिपिंग के साथ भारत की सबसे बड़ी साइकिल निर्यातक होने का गौरव रखती है। भारतीय बाज़ार के लिए वॉलमार्ट की प्रतिबद्धता नई नहीं है, कंपनी पहले से ही कई श्रेणियों में उत्पाद निर्यात कर रही है।

वॉलमार्ट मेक इन इंडिया पहल के जरिए भारत में छोटे व्यवसायों की मदद करना चाहता है। वे प्रशिक्षण और विकास के अवसर प्रदान करके 50,000 छोटे व्यवसायों का समर्थन करने की योजना बना रहे हैं। वॉलमार्ट वृद्धि, 2019 में शुरू किया गया एक कार्यक्रम, इन व्यवसायों को स्थानीय और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं के उन्नयन, विस्तार और जुड़ने में सहायता करेगा।

22 साल पहले संसद में घुसकर आतंकियों ने बरसाई थी गोलियां, शहीदों को मोदी-शाह समेत राजनेताओं ने दी श्रद्धांजलि

भारत के संसद पर हमले के 22 साल पूरे होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और देश के कई अन्य शीर्ष नेता और मंत्री आज बुधवार को पुराने संसद भवन पहुंचे और शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और उपाध्यक्ष जगदीप धनखड़ ने भी शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 13 दिसंबर, 2001 को संसद हमले में अपने प्राणों की आहुति देने वाले जवानों के परिवार के सदस्यों से भी बातचीत की। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी पुष्पांजलि अर्पित की। इस अवसर पर कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी और अन्य नेता भी उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए मौजूद थे।

बता दें कि 13 दिसंबर 2001 को, जगदीश, मातबर, कमलेश कुमारी; नानक चंद और रामपाल, सहायक उप-निरीक्षक, दिल्ली पुलिस; दिल्ली पुलिस में हेड कांस्टेबल ओम प्रकाश, बिजेंदर सिंह और घनश्याम; और सीपीडब्ल्यूडी के माली देशराज ने आतंकवादी हमले के खिलाफ संसद की रक्षा करते हुए अपने जीवन का बलिदान दिया था। अपराधी लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) से संबंधित थे, जिन्होंने 13 दिसंबर 2001 को संसद पर हमला किया था, जिसमें पांच दिल्ली पुलिसकर्मी, दो संसद सुरक्षा सेवा कर्मी, एक CRPF कांस्टेबल और एक माली की जान चली गई थी। इसके भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया, जिसके परिणामस्वरूप 2001-2002 भारत-पाकिस्तान गतिरोध हुआ।

13 दिसंबर, 2001 के हमले में गृह मंत्रालय और संसद लेबल वाली कार में संसद में घुसपैठ करने वाले कुल पांच आतंकवादी मारे गए थे। उस समय प्रमुख राजनेताओं सहित 100 से अधिक लोग संसद भवन के अंदर थे। बंदूकधारियों ने अपनी कार पर एक नकली पहचान स्टिकर का इस्तेमाल किया और इस तरह संसदीय परिसर के आसपास तैनात सुरक्षा को आसानी से तोड़ दिया। आतंकियों के पास एके47 राइफलें, ग्रेनेड लॉन्चर और पिस्तौलें थीं। बंदूकधारियों ने अपना वाहन भारतीय उपराष्ट्रपति कृष्ण कांत (जो उस समय इमारत में थे) की कार में घुसा दिया, बाहर निकले और गोलीबारी शुरू कर दी। 

उपराष्ट्रपति के गार्ड और सुरक्षाकर्मियों ने आतंकवादियों पर जवाबी गोलीबारी की और फिर परिसर के द्वार बंद करना शुरू कर दिया। भारतीय सुरक्षा एजेंसियों और दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने कहा कि बंदूकधारियों को पाकिस्तान से निर्देश मिले थे और ऑपरेशन पाकिस्तान के इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) एजेंसी के मार्गदर्शन में किया गया था।

कर्नाटक में आतंकी ठिकानों पर NIA की रेड, हाल ही में पुणे से पकड़ाए थे 'इस्लामिक स्टेट' के 15 दहशतगर्द, अब भी छापेमारी जारी

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने आज बुधवार (13 दिसंबर) को आतंकी साजिश मामले में बेंगलुरु में आधा दर्जन से अधिक स्थानों पर तलाशी ली। NIA की कई टीमों ने मिले इनपुट के आधार पर राज्य पुलिस बल के साथ निकट समन्वय में बेंगलुरु में विभिन्न स्थानों पर छापेमारी की। उन संदिग्धों के परिसरों पर छापेमारी अभी भी जारी है, जिनके आतंकी संबंध हैं और वे अपने विदेशी आकाओं के निर्देश पर काम कर रहे हैं। इसके अलावा, संदिग्ध विभिन्न आतंकवादी गतिविधियों में सक्रिय रूप से शामिल रहे थे।

यह कदम NIA द्वारा आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (ISIS) पर बड़े पैमाने पर कार्रवाई करने के कुछ दिनों बाद आया है, जिसमें 9 दिसंबर को महाराष्ट्र और कर्नाटक में कई और व्यापक छापेमारी के दौरान प्रतिबंधित आतंकी संगठन के 15 गुर्गों को अरेस्ट कर लिया गया था। मामले में, NIA की टीमों ने पडघा-बोरीवली, ठाणे, मीरा रोड, महाराष्ट्र के पुणे और कर्नाटक के बेंगलुरु में 44 स्थानों पर छापेमारी की और आतंक और आतंक से संबंधित कृत्यों और गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए 15 आरोपियों को पकड़ लिया था। 

इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (ISIS) की नापाक साजिशों को ध्वस्त करने के NIA के चल रहे प्रयासों के हिस्से के रूप में की गई छापेमारी के दौरान भारी मात्रा में बेहिसाब नकदी, आग्नेयास्त्र, तेज धार वाले हथियार, आपत्तिजनक दस्तावेज, स्मार्टफोन और अन्य डिजिटल उपकरण जब्त किए गए। ये सभी आतंकी, देश में आतंक के हिंसक कृत्यों को अंजाम देने और निर्दोष लोगों की जान लेने के लिए काम कर रहे थे। मामले में NIA की जांच से यह भी पता चला है कि आरोपी, ISIS महाराष्ट्र मॉड्यूल के सभी सदस्य, पडघा-बोरीवली से काम कर रहे थे, जहां उन्होंने पूरे भारत में आतंक फैलाने और हिंसा की घटनाओं को अंजाम देने की साजिश रची थी। 

आरोपियों ने हिंसक जिहाद, खिलाफत और ISIS का रास्ता अपनाते हुए देश की शांति और सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने और भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने का लक्ष्य रखा था। प्रारंभिक जांच से पता चला है कि गिरफ्तार आरोपियों ने ग्रामीण ठाणे के पडघा गांव को 'मुक्त क्षेत्र' और 'अल-शाम' (सीरिया का इस्लामिक क्षेत्र यानी इस्लामी शासन) के रूप में स्वयं घोषित किया था। वे पद्घा आधार को मजबूत करने के लिए प्रभावशाली मुस्लिम युवाओं को अपने निवास स्थान से पद्घा में स्थानांतरित होने के लिए प्रेरित कर रहे थे। मुख्य आरोपी और ISIS मॉड्यूल का नेता और प्रमुख साकिब नाचन प्रतिबंधित संगठन में शामिल होने वाले व्यक्तियों को 'बायथ' (ISIS के खलीफा के प्रति निष्ठा की शपथ) भी दिला रहा था।

बता दें कि, ISIS एक वैश्विक आतंकवादी संगठन है, जिसे इस्लामिक स्टेट (IS), इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड लेवंत (ISIL), दाएश, इस्लामिक स्टेट इन खुरासान प्रोविंस (ISKP), ISIS विलायत खोरासन (ISIS-K), इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड शाम के नाम से भी जाना जाता है। यह संगठन देश के विभिन्न राज्यों में स्थानीय ISIS मॉड्यूल और सेल स्थापित करके भारत में अपना आतंकी नेटवर्क फैला रहा है। NIA ने हाल के महीनों में संगठन के जघन्य और हिंसक भारत विरोधी एजेंडे को विफल करने के लिए ISIS आतंकी साजिश मामले में कई आतंकी गुर्गों को गिरफ्तार करके बड़े पैमाने पर छापेमारी की है और विभिन्न ISIS मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया है।

इस दिशा में अपने प्रयासों के तहत, एजेंसी ने इस साल की शुरुआत में ISIS महाराष्ट्र मॉड्यूल के खिलाफ मामला दर्ज किया और तब से, देश भर में सक्रिय विभिन्न ISIS मॉड्यूल और नेटवर्क को नष्ट करने के लिए मजबूत और ठोस कार्रवाई की है।

मध्य प्रदेश में अब 'मोहन' राज, जगदीश देवड़ा और राजेंद्र शुक्‍ला बने डिप्‍टी CM, शीर्ष नेताओं की उपस्थिति में ताजपोशी सम्पन्न

मध्यप्रदेश में मोहन यादव ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। शपथ ग्रहण कार्यक्रम में पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नेड्डा, यूपी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, महाराष्ट्र मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, अजित पवार, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित तमाम नेता रहे। 

वही मध्य प्रदेश के पश्चात् छत्तीसगढ़ में विष्णुदेव साय दोपहर 2 बजे मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नेड्डा, भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री एवं तमाम केंद्रीय मंत्री शपथ ग्रहण कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। मध्य प्रदेश में मोहन यादव के साथ-साथ राजेंद्र शुक्ला और जगदीश देवड़ा उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। जबकि छत्तीसगढ़ में विजय शर्मा तथा अरुण साव को उपमुख्यमंत्री की शपथ दिलाई जाएगी। 

बता दे कि भारतीय जनता पार्टी ने मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में 163 सीटों पर जीत हासिल की है। वहीं, कांग्रेस 66 सीट पर सिमट गई। भारतीय जनता पार्टी की विधायक दल की बैठक में सोमवार को मोहन यादव को विधायक दल का नेता चुना गया। तत्पश्चात, उन्होंने राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया था। मोहन यादव पहली बार 2013 में उज्जैन दक्षिण सीट से विधायक चुने गए। तत्पश्चात, वे 2018 और 2023 में भी जीतने में सफल रहे। वे शिवराज सरकार में शिक्षा मंत्री भी रहे। मोहन यादव को संघ का नजदीकी माना जाता है तथा ओबीसी समाज से आते हैं।

मेरे घर तो कोई पूछने नहीं आया..', CM सिद्धारमैया की कराई गई जातिगत जनगणना पर डिप्टी सीएम शिवकुमार को भरोसा नहीं !

 कर्नाटक में जातिगत जनगणना कांग्रेस पार्टी के लिए गले की फांस बन गई है। देश के 5 राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रचार के दौरान जातिगत जनगणना करवाने का वादा किया था, लेकिन जहाँ कांग्रेस सालों पहले जातिगत जनगणना करवा चुकी है, वहां रिपोर्ट ही जारी नहीं कर रही है। कर्नाटक भी ऐसा ही एक राज्य है, जहाँ जातिगत जनगणना पर भाजपा को घेरने वाली कांग्रेस सत्ता में है। किन्तु सीएम सिद्धारमैया और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार में इस मुद्दे पर टकराव दिख रहा हैं। 

दरअसल, दरअसल सिद्धारमैया की पहले वाली सरकार ने ही 170 करोड़ रुपए खर्च कर 2015 में जाति जनगणना करवाई थी। इसके बाद 2018 तक कांग्रेस सत्ता में रही, लेकिन उसकी रिपोर्ट जारी नहीं की गई। अब राज्य में फिर से कांग्रेस के हाथ में सत्ता है, किन्तु डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार नहीं चाहते हैं कि रिपोर्ट जारी की जाए। इसी बात पर कर्नाटक में टकराव चल रहा है। लेकिन, ये मसला अब केवल कर्नाटक तक सीमित नहीं रह गया है। संसद में इस पर गहमागहमी देखी गई। दरअसल, जम्मू-कश्मीर से संबंधित दो बिल पर राज्यसभा में चर्चा चल रही थी। भाजपा सांसद सुशील मोदी ने संसद में कहा कि कांग्रेस कभी भी पिछड़ों की हितैशी नहीं रही। इसके बाद उन्होंने कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार का ही उदाहरण दे डाला। सदन में उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से पुछा कि ''खरगे जी सदन को बताएं कि कर्नाटक में आपकी सरकार जाति सर्वेक्षण रिपोर्ट कब सार्वजनिक करने वाली है, क्योंकि आपके डिप्टी सीएम (शिवकुमार) रिपोर्ट को सार्वजनिक करने के खिलाफ हैं। 

इस पर जवाब देते हुए कांग्रेस सुप्रीमो खड़गे ने कहा कि सारे 'ऊंची जाति' वाले इस मसले में एक ही ओर हैं। इसके बाद उन्होंने अपनी ही पार्टी के दिग्गज नेता डीके शिवकुमार को ही घेर लिया। उन्होंने कहा कि 'वो (शिवकुमार) भी विरोध कर रहे हैं। आप (भाजपा) भी विरोध कर रहे हैं। इस मामले में दोनों एक ही साइड हैं। ये जाति से संबंधित मामला है। और ऊंची जाति के लोग आंतरिक रूप से मिले हुए होते हैं।' अब इसपर डीके शिवकुमार की भी प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने कहा है कि वो जातिगत जनगणना के खिलाफ नहीं है। 

शिवकुमार ने कहा कि, ''मैं एक सिस्टमैटिक जनगणना चाहता हूं। जनगणना वैज्ञानिक तरीके से होनी चाहिए। मेरे घर तो कोई नहीं आया मुझसे पूछने।'' हालाँकि, ऐसा कहकर शिवकुमार ने अपनी ही सरकार द्वारा कराई गई जातिगत जनगणना की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए कि, जनगणना सही तरीके से नहीं कराई गई और उनके घर ही कोई पूछने नहीं आया। डीके शिवकुमार ने कहा कि वो भी पिछड़े वर्ग (OBC) से आते हैं और जातिगत जनगणना पर कांग्रेस पार्टी के पक्ष में हैं।

बता दें कि, बिहार में जातिगत जनगणना की रिपोर्ट सामने आने के बाद से कर्नाटक में भी रिपोर्ट सामने आने की बात चल रही थी। हाल ही में सीएम सिद्धारमैया ने कर्नाटक के स्टेट कमीशन फॉर बैकवर्ड क्लास के अध्यक्ष के जयप्रकाश हेगड़े का कार्यकाल बढ़ा दिया था। हेगड़े का तीन वर्ष का कार्यकाल इस साल 25 नवंबर को समाप्त हो रहा था। इसके बाद सिद्धरमैया ने उन्हें जातिगत जनगणना की रिपोर्ट तैयार होने तक एक्सटेंशन दिया था, अब रिपोर्ट भी तैयार हो चुकी है, लेकिन जारी नहीं हो पा रही। क्योंकि, राज्य के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार को ही सिद्धारमैया सरकार द्वारा कराइ गई जातिगत जनगणना पर भरोसा नहीं है।

अननैचरल सेक्स और एडल्ट्री सरकार ने नहीं मानी संसदीय पैनल की बात, पेश की नई भारतीय न्याय संहिता

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संसद के शीतकालीन सत्र के सातवें दिन (12 दिसंबर) गृह मंत्री अमित शाह ने मानूसन सत्र में पेश किए तीनों क्रिमिनल बिल वापस ले लिए। इनकी जगह कुछ सुधारों के साथ तीनों नए विधेयक फिर लोकसभा में पेश किए। विधेयक के नए संस्करण में भी संसदीय समिति की सिफारिश को दरकिनार करते हुए अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने और व्यभिचार को अपराध की श्रेणी में नहीं रखा गया है।केंद्र सरकार ने संसद की स्थायी समिति की सिफारिशों को दरकिनार करते हुए भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता विधेयक, 2023 से धारा 377 और धारा 497 को बाहर रखने का फैसला किया है।धारा 377 अप्राकृतिक यौन संबंध यानी अननेचुरल सेक्स से संबंधित है, इसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था।

सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में व्यभिचार यानी एडल्ट्री को अपराध के दायरे से बाहर कर दिया था, इसके आधार पर तलाक होते रहे हैं। उसी साल कोर्ट ने समलैंगिक कपल के बीच सहमति से सेक्स को भी अपराध से मुक्त कर दिया था। हालांकि भारतीय न्याय संहिता विधेयक में रेप और यौन अपराधों से पीड़ित लोगों की पहचान जाहिर होने से रोकने के लिए एक नई धारा 73 जोड़ी गई है। इसमें महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध से संबंधित मामलों से निपटने के लिए प्रावधान किए गए हैं।

भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य संहिता को पहली बार 11 अगस्त को संसद में पेश किया गया था। बाद में इन बिलों को संसदीय पैनल के पास भेजा गया। शाह ने कहा कि संसदीय पैनल ने विधेयकों में सुधार की सिफारिश की थी। सरकार ने संशोधन लाने के बजाय बदलावों को शामिल करते हुए नए विधेयक लाने का फैसला किया। ये नए बिल भारतीय न्याय (सेकेंड) संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा (सेकेंड) संहिता और भारतीय साक्ष्य (सेकेंड) संहिता हैं। इनमें सरकार ने अननेचुरल सेक्स और एडल्ट्री (व्यभिचार) को अपराध नहीं माना। वहीं मॉब लिंचिंग में मौत की सजा बरकरार रखी है।