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फिर आत्मघाती हमले से दहला पाकिस्तान, विस्फोटक से भरी कार को एक इमारत से टकरा, 23 लोगों की गई जान

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उत्‍तर पश्चिमी पाकिस्‍तान में मंगलवार को एक बड़ा आतंकी हमला हुआ है। बताया जा रहा है कि यह एक आत्‍मघाती हमला था। आतंकियों ने डेरा इस्माइल खान जिले के दाराबा इलाके में विस्फोटक से भरी कार को एक इमारत से टकरा दिया। वारदात में 23 पुलिसकर्मियों की मौत हो गई। आतंकवादी वारदात में 16 के घायल होने की भी खबर है। सभी घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।ये हमला डेरा इस्माइल खान के एक कस्बे के पुलिस स्टेशन में हुआ है। 

समाचार एजेंसी एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक, धमाके की वजह से तीन कमरे ढह गए हैं और इमरतों के मलबे से शवों को निकालने की कोशिश की जा रही है। आशंका है कि मरने वालों की संख्या अभी और बढ़ सकती है। 

इस हमले की जिम्‍मेदारी तहरीक-ए-जिहाद पाकिस्तान (टीजेपी) ने ली है। इस संगठन ने पाकिस्तान में कुछ बड़े हमलों का दावा किया है। ग्रुप के प्रवक्ता मुल्ला कासिम ने इसे आत्मघाती मिशन हमला करार देते हुए कहा कि इसे मावलवी हसन गंडापुर ने अंजाम दिया था। इस संगठन के बारे में ज्‍यादा कोई नहीं जानता है। लेकिन कुछ लोग इसे टीटीपी का ही हिस्‍सा कहते हैं। 

पिछले साल पाकिस्‍तान में खासतौर पर खैबर पख्तूनख्वा में आतंकी घटनाओं में चिंताजनक वृद्धि हुई है। हमलों में इस प्रांत में कम से कम 470 सुरक्षाकर्मी और नागरिकों की मौत हुई है। जियो न्यूज की मानें तो अकेले एक साल में इस प्रांत में 1050 आतंकी घटनाएं हुई हैं।1050 आतंकी घटनाओं में 419 घटनाएं बंदोबस्ती जिले में हुई है। जबकि फटा में 631, उत्तरी वजीरस्तान में 201 और पेशावर में 61 आतंकी घटनाएं हुई हैं।

राजस्थान में भी बीजेपी ने दिया सरप्राइज, भजन लाल शर्मा होंगे नए सीएम

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छ्त्तीसगढ़, मध्य प्रदेश के बाद अब राजस्थान में बीजेपी ने सीएम फेस का ऐलान कर दिया है। अब राजस्थान के नए मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा होंगे। जयपुर में विधायक दल की बैठक में इसे लेकर फैसला लिया गया है। भजनलाल शर्मा विधायक दल के नेता चुने गए हैं। पर्यवेक्षकों की मौजूदगी में सर्वसम्मति से विधायक दल का नेता चुना गया।

राजस्थान में सीएम के नाम के एलान के साथ ही दो डिप्टी सीएम के नाम का एलान भी हो गया है। दीया कुमारी और प्रेम चंद्र बैरवा को उपमुख्यमंत्री बनाया जाएगा, जबकि वासुदेव देवनानी विधानसभा के स्पीकर होंगे।दिग्गज नेता वसुंधरा राजे, केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल, गजेंद्र सिंह शेखावत और अश्विनी वैष्णव का नाम सीएम की रेस में था, लेकिन बाजी भजन लाल के हाथ लगी।

पहली बार विधायक बन राजस्थान के सीएम बने

आरएसएस बैकग्राउंड वाले भजन लाल शर्मा पहली बार के विधायक हैं और वह गृह मंत्री अमित शाह के करीबी माने जाते हैं। भजन लाल शर्मा की संगठन में मजबूत पकड़ है। वे चार बार राजस्थान में प्रदेश महामंत्री चुने जा चुके हैं। वर्तमान में भी वह संगठन में सक्रिय है। 2023 के चुनाव में भाजपा ने पहली बार उन्हें जयपुर की सांगानेर जैसी सुरक्षित सीट से चुनाव लड़ाया। पहली बार ही वह एमएलए बने ओर अब विधायक दल की बैठक में उन्हें सीएम बना दिया गया। 

बाहरी होने के आरोप के बावजूद सांगानेर से बड़े अंतर से जीते

भजन लाल शर्मा भरतपुर के रहने वाले हैं। बाहरी होने के आरोप के बावजूद सांगानेर से बड़े अंतर से जीत दर्ज की। शर्मा ने कांग्रेस के पुष्पेंद्र भारद्वाज को 48081 वोटों से हराया। खास बात ये है कि इस सीट पर भजन लाल शर्मा को चुनाव लड़ाने के लिए भाजपा ने निवर्तमान विधायक अशोक लाहोटी का टिकट काटा था।

नेहरू को लेकर अमित शाह के बयान पर भड़के राहुल गांधी, बोले- उन्हें इतिहास की जानकारी नहीं

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केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर में आरक्षण और पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक 2023 पर चर्चा के दौरान देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू पर जमकर हमला बोला था। शाह ने कहा कि गलत समय पर युद्धविराम का आदेश देकर और मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र में ले जा कर भारी गलती हुई। गृहमंत्री ने कहा कि अगर सीज़फायर नहीं होता, तो आज पीओके नहीं होता। इसको लेकर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने पलटवार किया है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी ने जवाहरलाल नेहरू की तारीफ करते हुए कहा कि वह इतिहास से अनजान हैं। पंडित नेहरू ने भारत के लिए अपनी पूरी जिंदगी दी है।

राहुल गांधी ने अमित शाह को जवाब देते हुए कहा कि पंडित जवाहर लाल नेहरू ने भारत के लिए अपनी जिंदगी दे दी, सालों जेल में रहें। गृह मंत्री अमित शाह को शायद इतिहास नहीं मालूम। वो इसे रि-राइट करने की कोशिश कर रहे हैं और ये बात केवल भ्रमित करने के लिए की गई है।उन्होंने आगे कहा मूल मुद्दा जातीय जनगणना, भागीदारी और देश का धन किसके हाथों में जा रहा है, ये है। इस मुद्दें पर ये लोग चर्चा नहीं करना चाहते हैं, इससे डरते हैं, भागते हैं। हम इस मुद्दे को आगे लेकर जाएंगे और गरीब लोगों को उनका हक हम दिलाएंगे। जाति जनगणना और देश का धन किन हाथों में जा रहा है। ये इश्यू है और ये इससे भागते हैं।

दरअसल, सोमवार को संसद में जम्मू-कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक 2023 और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक 2023 को लोकसभा और राज्यसभा दोनों में पेश किए जाने के बाद इस पर चर्चा हुई। इस दौरान अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर की समस्या के लिए पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू जिम्मेवार ठहराया। शाह ने कहा कि गलत समय पर युद्धविराम का आदेश देकर और मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र में ले जा कर भारी गलती हुई। अमित शाह ने कहा कि नेहरू की कई गलतियों के कारण कश्‍मीर के लोगों को 70 साल तक इसका खामियाजा भुगतना पड़ा। उन्‍होंने कहा कि भारतीय सेना पीओके से पाकिस्‍तानी सेना को भगाने में काफी मजबूत स्थिति में थी। दो दिन ओर मिल जाते तो आज कश्‍मीर भारत का हिस्‍सा होता।नेहरू जी के कारण ऐसा नहीं हो सका।

“कुछ मांगने से पहले मैं मरना बेहतर समझूंगा” विदाई भाषण में क्या संदेश दे गए शिवराज सिंह चौहान

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मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने साफ कर दिया है कि उन्हें किसी भी पद की लालसा नहीं है। करीब दो दशक तक मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री रहे शिवराज सिंह चौहान का दौर अब समाप्त हो गया है। 18 साल तक मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी संभालने के बाद अब शिवराज सिंह चौहान की जगह प्रदेश में नए मुख्यमंत्री के नाम का एलान हुआ। मोहन यादव को प्रदेश की कमान सौंप दी गई है। जिसके बाद शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को अपने निवास पर प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई। बतौर सीएम आखिरी प्रेस कॉन्फ्रेंस काफी भावुक करने वाला था। इस दौरान पत्रकारों ने शिवराज से पूछा कि पार्टी में अपनी अगली जिम्मेदारी क्या होगी और क्या वह इस बारे में बात करने के लिए दिल्ली जाएंगे।जवाब में शिवराज ने कहा कि अपने लिए कुछ मांगने से पहले मरना बेहतर है।

मध्य प्रदेश-राजस्थान और छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्रियों के नाम के एलान के बीच तीनों राज्यों के दिग्गज मंत्री आलाकमान से मुलाकात करने दिल्ली पहुंचे हुए थे। इस पर शिवराज सिंह चौहान से भी सवाल किया गया था कि क्या वो भी दिल्ली जाएंगे? इस पर पूर्व सीएम शिवराज ने जवाब दिया,। एक बात मैं विनम्रता के साथ कह देना चाहता हूं कि अपने लिए कुछ मांगने से पहले मैं मरना पसंद करूंगा।इसलिए मैंने कहा था कि मैं दिल्ली नहीं जाऊंगा।

दरअसल, एक पत्रकार ने कुछ दिन पहले के बयान का जिक्र किया था जिसमें शिवराज ने कहा था कि मामा दिल्ली नहीं जाएंगे। शिवराज ने संदर्भ भी बताया कि उस समय पूछा गया था कि बाकी दिल्ली में हैं, आप दिल्ली जाएंगे क्या? इस पर आज शिवराज का दर्द छलक पड़ा। बोले कि यह मेरा काम नहीं है।

एक पत्रकार ने पूछा कि शिवराज जी यह सवाल सबके मन में है कि अब आपकी भूमिका क्या होगी? शिवराज ने कहा, एक कार्यकर्ता की भूमिका है मेरी। देखिए जब आत्म केंद्रित होता है व्यक्ति तो उसको लगता है कि मैं कहां हूं लेकिन भाजपा में एक मिशन है। उसमें हर कार्यकर्ता के लिए काम है और जो भी पार्टी काम देगी वो काम मैं करूंगा।

इससे पहले शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को यहां हुई एक बैठक में मोहन यादव को राज्य विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद राज्यपाल मंगूभाई पटेल को अपना इस्तीफा सौंप दिया। नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक समाप्त होने के तुरंत बाद चौहान राजभवन पहुंचे और अपना इस्तीफा दिया।

बता दें कि शिवराज सिंह चौहान चार बार मुख्यमंत्री रहे हैं। यानी सबसे लंबे कार्यकाल वाले। पहली बार शिवराज 2005 में मुख्यमंत्री बने थे। वे 2018 तक पद पर बने रहे 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को बहुमत नहीं मिला। लेकिन मार्च 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया की मदद से प्रदेश में फिर बीजेपी सरकार बनी और शिवराज चौथी बार मुख्यमंत्री बने।देखा जाए तो बतौर मुख्यमंत्री शिवराज का कार्यकाल लगभग 17 साल का रहा है।

दंड नहीं 'न्याय' देने पर जोर ! बदलेंगे भारत के आपराधिक कानून, आज 3 विधेयकों को फिर से संसद में पेश करेंगे अमित शाह, रद्द की कई धाराएं

 केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज मंगलवार (12 दिसंबर) को तीन प्रस्तावित आपराधिक कानून बिल - भारतीय न्याय संहिता, भारतीय साक्ष्य विधेयक और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता को एक संसदीय पैनल द्वारा की गई विभिन्न सिफारिशों के बाद संशोधित संस्करणों के साथ को फिर से संसद में पेश करेंगे। इससे पहले 11 दिसंबर को, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा सदस्यों को सूचित किया कि तीन आपराधिक कानून बिल वापस ले लिए जाएंगे और उनकी जगह तीन नए बिल लाए जाएंगे, जिनमें संसदीय समिति द्वारा प्रस्तावित सुधारों को शामिल किया जाएगा। 

गृह मंत्री के कार्यालय के एक बयान में कहा गया है कि, "विधेयक (भारतीय न्याय संहिता, भारतीय साक्ष्य विधेयक और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता) को 18 अगस्त को गृह मामलों पर विभाग से संबंधित संसदीय स्थायी समिति को विचार के लिए भेजा गया था। समिति ने कई दौर की बैठक की। HME मामलों के मंत्रालय, कानून और न्याय मंत्रालय के अधिकारियों, डोमेन विशेषज्ञ और विभिन्न हितधारकों के साथ चर्चा की और 10 नवंबर को सिफारिशों के साथ अपनी रिपोर्ट सौंपी। समिति की सिफारिशों के आधार पर विधेयक (भारतीय न्याय संहिता) में संशोधन प्रस्तावित हैं, भारतीय साक्ष्य विधेयक और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता) विधेयक के स्थान पर एक नया विधेयक लाने का प्रस्ताव है।

बता दें कि, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023, भारतीय न्याय संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य विधेयक 2023 को 11 अगस्त को संसद के निचले सदन में पेश किया गया था। ये विधेयक क्रमशः भारतीय दंड संहिता (IPC) 1860, आपराधिक प्रक्रिया संहिता (CrPC), 1973 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 को प्रतिस्थापित करना चाहते हैं। बिल पेश करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि इन तीन नए कानूनों की आत्मा नागरिकों को संविधान द्वारा दिए गए सभी अधिकारों की रक्षा करना होगा। उन्होंने कहा कि, "ब्रिटिश काल के कानून उनके शासन को मजबूत करने और उसकी रक्षा करने के लिए बनाए गए थे और उनका उद्देश्य न्याय देना नहीं, बल्कि दंड देना था।"

अमित शाह ने कहा था कि, "हम (सरकार) इन दोनों मूलभूत पहलुओं में बदलाव लाने जा रहे हैं। इन तीन नए कानूनों की आत्मा भारतीय नागरिकों को संविधान द्वारा दिए गए सभी अधिकारों की रक्षा करना होगा। उद्देश्य किसी को दंडित करना नहीं होगा न्याय देने के लिए और इस प्रक्रिया में, अपराध की रोकथाम की भावना पैदा करने के लिए जहां आवश्यक होगा वहां सजा दी जाएगी।'' गृह मंत्री ने कहा कि CrPC की जगह लेने वाले भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता विधेयक में 533 धाराएं प्रस्तावित हैं। उन्होंने कहा कि, "कुल 160 धाराएं बदली गई हैं, 9 नई धाराएं जोड़ी गई हैं और 9 धाराएं निरस्त की गई हैं।"

उन्होंने कहा कि भारतीय न्याय संहिता विधेयक, जो IPC की जगह लेगा, में पहले की 511 धाराओं के बजाय 356 धाराएं रखने का प्रस्ताव है, इसमें 175 धाराएं संशोधित हैं, 8 नई धाराएं जोड़ी गई हैं और 22 धाराएं निरस्त की गई हैं। भारतीय साक्ष्य विधेयक, जो साक्ष्य अधिनियम की जगह लेगा, में पहले के 167 के बजाय 170 खंड होने का प्रस्ताव है। शाह ने कहा कि 23 खंड बदले गए हैं, 1 नया खंड जोड़ा गया है और 5 निरस्त किए गए हैं।

'हमने आपको वोट दिया था भैया...', मोहन यादव के CM बनते ही शिवराज सिंह से मिलकर फूट-फूट कर रोने लगी लाडली बहनें

 मध्यप्रदेश में नए मुख्यमंत्री की घोषणा हो गई। भारतीय जनता पार्टी ने इस बार मध्य प्रदेश की कमान शिवराज सिंह चौहान की जगह मोहन यादव को दी है। 18 वर्षों से मुख्यमंत्री शिवराज ने सोमवार को इस्तीफा दे दिया। शिवराज के इस्तीफे के पश्चात् कुछ महिलाएं उनसे मुलाकात करने पहुंचीं। इस के चलते वे फफक-फफक कर रोने लगीं। शिवराज ने उन्हें गले लगा लिया, इस दौरान शिवराज सिंह चौहान भी भावुक दिखाई दिए। 

सोशल मीडिया पर शिवराज सिंह का ये वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें देखा जा सकता है कि शिवराज सिंह चौहान से मिलने कुछ महिलाएं उनके आवास पर पहुंचीं। ये महिलाएं शिवराज सिंह चौहान के शिवराज न बनने पर दुखी हो गईं तथा तेज तेज रोने लगीं। शिवराज सिंह ने महिलाओं को गले लगाकर उन्हें संभालने का प्रयास किया। भारतीय जनता पार्टी ने मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत हासिल की है। भारतीय जनता पार्टी ने 230 सीटों में से 163 पर जीत हासिल की है। 

भारतीय जनता पार्टी ने मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री चेहरे की घोषणा नहीं की थी। ऐसे में सोमवार को हुई विधायक दल की बैठक में मुख्यमंत्री चेहरे की घोषणा की गई। शिवराज सिंह चौहान ने मोहन यादव का नाम आगे किया। इस पर सभी विधायकों ने अपनी सहमति दी। तत्पश्चात, भारतीय जनता पार्टी ने आधिकारिक तौर पर मोहन यादव के नाम का मुख्यमंत्री चेहरे के तौर पर घोषणा की। शिवराज ने राज्यपाल मंगूभाई पटेल को इस्तीफा सौंप दिया। तत्पश्चात, मोहन यादव ने राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया।

केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान का बड़ा दावा, कहा- 'सीएम ने मुझे चोट पहुंचाने के लिए गुंडे भेजे'

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केरल गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान ने मंगलवार को दावा किया कि राज्य के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन उन्हें शारीरिक तौर पर नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं। इसके लिए वे साजिश रच रहे हैं और लोगों को भेज रहे हैं। दरअसल, रविवार को राज्यपाल भारतीय उद्योग परिसंघ द्वारा आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे थे, तभी एसएफआई के कार्यकर्ताओं ने उन्हें काला झंडा दिखाया। इस मुद्दे पर केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन पर भी निशाना साधा है। 

केरल के राज्यपाल ने कहा, पुलिस को कार्रवाई करने से रोका गया है। यह पांचवी घटना है। जिस रॉड में झंडे को लगाया गया था, उसका इस्तेमाल गाड़ियों को तोड़ने के लिए किया जाता है। कार में बहुत सारी खरोंच भी है। यह सब उसके (पिनरई विजयन) अनुसार किया गया है। उसी ने यह साजिश रची है। ये सभी लोग सीएम के निर्देश के अनुसार काम कर रहे हैं। मैंने किसी को डराने की कोशिश नहीं की। इसमें कोई सवाल नहीं कि मैं किसी भी चीज से डरूंगा।

मुख्यमंत्री इस साजिश का हिस्सा- आरिफ मोहम्मद खान

राज्यपाल ने कहा, एसएफआई कार्यकर्ता सीएम के निर्देश पर मुझे शारीरिक रूप से चोट पहुंचाने के लिए आए थे। खान ने कहा, जब मुख्यमंत्री इस साजिश का हिस्सा हैं, तो यह पुलिस क्या कर सकती है।" उन्होंने कहा कि वह अपराधियों को सड़क पर शासन करने की अनुमति नहीं देंगे।

राज्यपाल के काफिले पर हुआ था हमला

दरअसल, सोमवार को आरिफ मोहम्मद खान दिल्ली जाने के लिए तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट के लिए निकले थे। एयरपोर्ट के रास्ते में ही उनके काफिले पर हमला हुआ। इस दौरान राज्यपाल खान को अपना वाहन रोकते और प्रदर्शनकारियों को चुनौती देने के लिए कार से बाहर निकलते देख सुरक्षा अधिकारी हैरान रह गए। इसके बाद उन्होंने अपना आपा खोते हुए पुलिस अधिकारियों से पूछा, "क्या मुझे यही सुरक्षा कवर दिया गया है?" एक पुलिस अधिकारी को खान को शांत करने में कड़ी मेहनत करनी पड़ी, जबकि अन्य ने एसएफआई कार्यकर्ताओं का पीछा किया, जो राज्यपाल के काफिले के नजदीक आ चुके थे।

बता दें कि केरल में राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन की लड़ाई पुरानी है। दोनों एक-दूसरे पर कई बार सार्वजनिक रूप से हमलावर हो चुके हैं। एक-दूसरे पर जमकर जुबानी हमले बोलते रहते हैं। लेकिन यह जंग उस समय एक अलग ही मोड़ पर पहुंच गई जब राज्यपाल ने सीएम पर बड़ा आरोप लगाया।

जानिए कौन हैं 'नेपाली बाबा'? जिन्होंने 2016 में ही कर दी थी मोहन यादव के मुख्यमंत्री बनने की भविष्यवाणी

डॉ. मोहन यादव मध्य प्रदेश के नए सीएम होंगे। सोमवार को भाजपा ने जब उनके नाम की घोषणा की तो हर कोई हैरान रह गया। यूपी के सुल्तानपुर में मोहन यादव का ससुराल है। यहां भी किसी के लिए भरोसा कर पाना मुश्किल था कि मोहन यादव शिक्षामंत्री से सीधे सीएम बन गए। हालांकि, कई लोगों का मानना है कि इसके पीछे अयोध्या के नेपाली बाबा का आशीर्वाद है, जिन्होंने उज्जैन के महाकुंभ के चलते वर्ष 2016 में ही मोहन यादव के मुख्यमंत्री बनने की भविष्यवाणी कर दी थी। मोहन यादव नेपाली बाबा के शिष्य हैं। सिंहस्थ कुंभ में बाबा की तरफ से आयोजित राम नाम जप महायज्ञ में मुख्य यजमान भी रह चुके हैं।

नेपाली बाबा उर्फ आत्मानंद दास स्वामी यूपी के अयोध्या में रहते हैं। यहां उन्होंने रामघाट में सीताराम आश्रम की स्थापना की है। राजनीति में वह बीजेपी के समर्थक माने जाते हैं। मोहन यादव के मुख्यमंत्री बनने के पश्चात् अपने सोशल मीडिया अकाउंट के माध्यम से उन्होंने बधाई दी है। इस पोस्ट में मोहन यादव को उन्होंने अपना परम शिष्य बताया है। नेपाली बाबा पीएम नरेंद्र मोदी के भी कट्टर समर्थक हैं। हाल ही में उन्होंने मोदी को राम का अवतार तथा योगी आदित्यनाथ को लक्ष्मण बताया था। राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में आने वाले 50 लाख संतों को भोजन कराने की घोषणा के कारण भी वह हाल में ख़बरों में रहे हैं।

आत्मानंद दास स्वामी उर्फ नेपाली बाबा के नाम से ऐसा आभास होता है कि उनका नेपाल से कोई संबंध है। हालांकि, ऐसा नहीं है। वह अयोध्या के रहने वाले हैं। एक इंटरव्यू में नेपाली बाबा ने स्पष्ट किया था कि वह नेपाल के नहीं बल्कि अयोध्या के रहने वाले हैं। उन्होंने कहा कि नेपाल में जहां प्रभु श्री राम ने शिवधनुष तोड़ा था, उस जगह को धनुष धाम बोलते हैं। यहां उन्होंने एक आश्रम बनाया है। उन्होंने बताया कि आश्रम की स्थापना के पश्चात् जब वह नेपाल से जाने लगे तो स्थानीय लोगों ने उनसे अनुरोध किया कि वह यहां से न जाएं। जा भी रहे हैं तो नेपाल को अपने साथ लेकर जाएं तथा अपने नाम के साथ इसे जोड़ लें। इसके पश्चात् से उनका नाम नेपाली बाबा हो गया।

इंडियन आर्मी के इतिहास में पहली बार आर्टिलरी रेजिमेंट में महिला अधिकारी शामिल, 15 हजार फीट की ऊंचाई पर पोस्टिंग

सियाचिन ग्लेशियर में सेना की ऑपरेशनल पोस्ट पर पहली बार महिला मेडिकल अधिकारी की तैनाती की गई है। कैप्टन फातिमा वसीम को ये जिम्मेदारी सौंपी गई है। उनकी पोस्टिंग 15 हजार 200 फीट की ऊंचाई पर होगी। सोमवार (11 दिसंबर) को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर सेना के फायर एंड फ्यूरी कोर ने इस बात की खबर दी। फायर एंड फ्यूरी कोर ने एक वीडियो जारी किया, जिसमें सियाचिन बैटल स्कूल में फातिमा ट्रेनिंग लेती नजर आई।

फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स को आधिकारिक तौर पर 14वां कॉर्प्स बोला जाता है। इसका हेडक्वार्टर लेह में है। इनकी तैनाती चीन-पाकिस्तान की सीमाओं पर होती है। साथ ही ये सियाचिन ग्लेशियर की रक्षा करते हैं।​​​​​ इससे पहले 5 दिसंबर 2023 को सेना ने कहा कि स्नो लेपर्ड ब्रिगेड की कैप्टन गीतिका कौल पहली महिला मेडिकल ऑफिसर बनीं थीं। उन्हें सियाचिन की बैटलफील्ड पर तैनात किया गया है, जिसकी ऊंचाई 15,600 फीट है। कैप्टेन गीतिका ने अपनी तैनाती को लेकर सेना का आभार व्यक्त किया था। उन्होंने कहा कि वे देश के लिए अपना हर कर्तव्य निभाएंगी। जान दांव पर लगा कर देश की हिफाजत करेंगी। सियाचिन ग्लेशियर भारत-पाक बॉर्डर के पास लगभग 78KM में फैला है। इसके एक ओर पाकिस्तान, दूसरी ओर अक्साई चीन है। 1972 के शिमला समझौते में सियाचिन को बेजान तथा बंजर बताया गया था। 

हालांकि तब भारत-चीन के बीच इसके सीमा का निर्धारण नहीं हुआ था। 1984 में भारतीय सेना को जानकारी प्राप्त हुई कि पाकिस्तानी सेना इस क्षेत्र को कब्जे में लेने का प्रयास कर रही है, तत्पश्चात, 13 अप्रैल 1984 को भारतीय सेना ने अपनी फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स की स्पेशल टुकड़ी को इस क्षेत्र में तैनात कर दिया। इंडियन आर्मी के इतिहास में पहली बार आर्टिलरी रेजिमेंट में महिला अफसरों को सम्मिलित किया गया है। शनिवार को ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकेडमी, चेन्नई में पासिंग आउट परेड के पश्चात् 5 महिला अफसर आर्टिलरी रेजिमेंट में कमीशन हो गईं। इनमें से 2 को पाकिस्तान की सीमा पर लगी यूनिट में पोस्टिंग दी गई है। वहीं 3 अफसर चीन बॉर्डर पर तैनात यूनिट में काम करेंगी। सियाचिन में तैनात अग्निवीर अक्षय लक्ष्मण की एक ऑपरेशन के चलते जान चली गई है। प्राप्त एक रिपोर्ट के अनुसार, लक्ष्मण ड्यूटी के चलते जान गंवाने वाले देश के पहले अग्निवीर हैं। लक्ष्मण भारतीय सेना की फायर एंड फ्यूरी कोर का भाग थे।

राजस्थान में दलित CM ! क्या कल अर्जुन राम मेघवाल के नाम का होगा ऐलान, पढ़िए, भाजपा का नया समीकरण

मुख्यमंत्रियों की नियुक्ति में भाजपा के हालिया फैसलों से केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल के राजस्थान के अगले मुख्यमंत्री बनने की अटकलें तेज हो गई हैं। यह कदम छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में आश्चर्यजनक चयनों के मद्देनजर आया है, जहां अन्य प्रमुख नेताओं की उम्मीदों से हटकर क्रमशः आदिवासी नेता विष्णु देव साय और तीन बार के विधायक मोहन यादव को नियुक्त किया गया है। मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान, प्रह्लाद पटेल, नरेंद्र सिंह तोमर, ज्योतिरादित्य सिंधिया, कैलाश विजयवर्गीय जैसे बड़े नामों के बावजूद पार्टी ने तीन बार के विधायक मोहन यादव को सीएम बनाया है। 

पिछड़े वर्ग (ओबीसी) से आने वाले मोहन यादव को मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री के रूप में चुना गया, जो जातिगत संतुलन बनाए रखने के लिए भाजपा की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। पार्टी ने राजपूत (उच्च जाति) नरेंद्र सिंह तोमर को विधानसभा अध्यक्ष नियुक्त करके जाति समीकरण को भी संबोधित किया। ओबीसी समुदाय को मुख्यमंत्री मोहन यादव में प्रतिनिधित्व मिला, जबकि डिप्टी सीएम का पद राजेंद्र शुक्ला (ब्राह्मण) और जगदीश देवड़ा (दलित) को सौंपा गया, जिससे विविध प्रतिनिधित्व सुनिश्चित हुआ। इन हालिया रुझानों को देखते हुए ऐसी अटकलें हैं कि दलित समुदाय (एससी) से आने वाले अर्जुन राम मेघवाल के नाम पर राजस्थान में मुख्यमंत्री पद के लिए विचार किया जा सकता है।

अर्जुन राम मेघवाल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विश्वसनीय भी माना जाता है, इससे अटकलें और भी जोर पकड़ रहीं हैं। भाजपा के इस संभावित कदम का उद्देश्य जातिगत अंतर को पाटना और समाज के सभी वर्गों को प्रतिनिधित्व प्रदान करना है। चुनाव में भाग नहीं लेने के बावजूद मेघवाल का नाम नेतृत्व की भूमिकाओं को लेकर चर्चा में आया है। राजस्थान में मुख्यमंत्री पद के अन्य दावेदारों में वसुंधरा राजे, दीया कुमारी, बाबा बालकनाथ और केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव शामिल हैं। राजस्थान में भाजपा के फैसले की घोषणा 12 दिसंबर को की जाएगी, इस पर बारीकी से नजर रखी जाएगी कि पार्टी राज्य में अपने नेतृत्व विकल्पों और जातिगत विचारों को कैसे आगे बढ़ाती है।