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प्राण प्रतिष्ठा को लेकर 20 जनवरी से आम श्रद्धालु नहीं कर सकेंगे रामलला के दर्शन, 23 को दोबारा खुलेगा मंदिर

22 जनवरी को अयोध्या में होने वाली प्राण-प्रतिष्ठा से पहले श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट ने बड़ा फैसला लिया है। ट्रस्ट ने 20 जनवरी से आम श्रद्धालुओं के लिए रामलला के दर्शन को बंद कर दिया गया है। ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा ने बताया कि 22 जनवरी को अयोध्या में बन रहे श्रीराम मंदिर में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा होगी। 22 जनवरी को अयोध्या के श्रीराम मंदिर में होने वाला मूर्ति प्रतिष्ठा समारोह दोपहर करीब 12.30 बजे होगा। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सीएम योगी आदित्यनाथ समेत तमाम बड़े नेता और कई हस्तियां मंदिर परिसर में मौजूद रहेंगी। ज्यादातर लोगों का प्राण-प्रतिष्ठा से कुछ दिन पहले अयोध्या में आगमन हो जाएगा। अनिल मिश्रा ने बताया कि सुरक्षा कारणों को देखते हुए ट्रस्ट ने रामलला के दर्शन बंद करने करने का फैसला लिया है। उन्होंने बताया कि प्राण-प्रतिष्ठा के बाद 23 जनवरी से दोबारा मंदिर खुल जाएंगे, जिसके बाद श्रद्धालु रामलला के दर्शन कर पाएंगे।

7000 लोगों को भेजा निमंत्रण

पांच सौ सालों की प्रतीक्षा के बाद श्रीरामजन्म भूमि में निर्माणाधीन दिव्य मंदिर में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के गौरवशाली क्षणों के साक्षी बनने का सुअवसर सनातन धर्मियों संग कई अन्य सेलेब्रिटियों को होगा। श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ने इसके लिए सभी को निमंत्रण भेजना शुरू कर दिया है। लगभद 7000 लोगों को निमंत्रण भेजे गए हैं। इन निमंत्रण कार्ड की एक फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। इस निमंत्रण कार्ड में लिखा है कि हमारी प्रबल इच्छा है कि आप इस शुभ अवसर पर अयोध्या में मौजूद रहकर अभिषेक के साक्षी बनें और इस महान ऐतिहासिक दिन की गरिमा को बढ़ाएं। 

11 से एक बजे के बीच होगा रामलला के प्राण-प्रतिष्ठा का कार्यक्रम

श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र महासचिव चंपतराय ने बताया कि 22 जनवरी 2024 में होने रामलला के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव से सम्बन्धित आमन्त्रण पत्र विश्व भर के रामभक्तों को सोशल मीडिया के माध्यम से भेजा है। पत्र में अपील की गयी कि पौष शुक्ल द्वादशी विक्रम संवत 2080 तदनुसार 22 जनवरी के शुभ दिन प्रभु राम के बाल रूप नूतन विग्रह को नवीन मंदिर के भूतल के गर्भगृह में विराजित कर प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। आनंद के इस वातावरण में प्राण प्रतिष्ठा की तिथि पर पूर्वाह्न 11 बजे से अपराह्न एक बजे के मध्य अपने ग्राम, मोहल्ले व कालोनी के किसी मंदिर में रामभक्तों को एकत्र कर भजन-कीर्तन करें। 

राम मंदिर का गर्भगृह तैयार, लाइट फिटिंग भी पूरी  

22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले मूर्ति प्राण-प्रतिष्ठा को लेकर मंदिर में काम तेजी से चल रहा है। श्री राम जन्मभूमि पर बना रहे भव्य मंदिर में गर्भगृह का काम पूरा हो गया है। आधार आसान समेत लाइटिंग भी पूरी कर दी गई है। अष्टकोणीय गर्भगृह की बेहद खूबसूरत दो तस्वीर शनिवार को साझा की गई ।श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने दोपहर बाद दो तस्वीरें साझा करते हुए लिखा की ' प्रभु श्री रामलला का गर्भ गृह स्थान लगभग तैयार है। हाल ही में लाइटिंग-फिटिंग का कार्य भी पूर्ण कर लिया गया है। आपके साथ कुछ छायाचित्र साझा कर रहा हूँ।'

सोशल मीडिया पर इन दो तस्वीरें की सजा होते ही राम भक्तों ने इसे वायरल करना शुरू कर दिया। देखते ही देखते हजारों श्रद्धालुओं ने जय श्रीराम के टैग के साथ इसे अपने-अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर तस्वीर पोस्ट कर दी। शुक्रवार को ही श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की ओर से श्री राम जन्मभूमि परिसर में ही 11 केवीए विद्युत उपकेंद्र ऊर्जीकृत किया गया ।शुक्रवार से राम मंदिर का अपना बिजली घर चालू हो गया। 1250 किलो वाट के कनेक्शन के साथ दर्शन नगर स्थित 33/11केवी ए विद्युत उपकेंद्र से आपूर्ति शुरू की गई। इसके पहले कई बार बिजली सप्लाई का ट्रायल किया जा चुका है।

GST बकाए के भुगतान के लिए पीएम मोदी से मुलाकात करेंगे सीएम ममता, कहा- इन तीन दिनों में से कोई एक दिन का दें समय

 बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आज शनिवार को कहा कि उन्होंने केंद्र द्वारा राज्य को दिए जाने वाले वित्तीय बकाये की मांग के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की मांग की है। ममता बनर्जी ने उत्तर बंगाल में सिलीगुड़ी के पास बागडोगरा हवाई अड्डे पर संवाददाताओं से कहा कि वह राष्ट्रीय राजधानी का दौरा करेंगी और 18 से 20 दिसंबर के बीच तीन दिनों में से किसी एक दिन के लिए समय मांगा है।

उन्होंने कहा कि, "मैं इस महीने पार्टी के कुछ सांसदों के साथ दिल्ली जाऊंगी और राज्य के बकाये के लिए दबाव बनाने के लिए प्रधानमंत्री से मुलाकात करूंगी, जो केंद्र पर बकाया है।" उन्होंने कहा कि, "मैंने इस महीने की 18, 19 और 20 तारीखों में से किसी एक दिन में प्रधानमंत्री से मिलने का समय मांगा है।" ममता बनर्जी ने कहा कि केंद्र राज्य से GST एकत्र कर रहा है, लेकिन आय साझा नहीं कर रहा है।

इसके अलावा बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा कि, "मनरेगा जैसी विभिन्न केंद्रीय योजनाओं के तहत राज्य को मिलने वाली कई धनराशि भी नहीं मिल रही है। राज्य को केंद्र से मिलने वाले वित्तीय बकाये से वंचित किया जा रहा है।" उन्होंने कहा, हालांकि केंद्र ने विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के लिए अपने हिस्से की धनराशि रोक दी है, लेकिन राज्य अभी भी अपने संसाधनों से उन्हें जारी रख रहा है। ममता बनर्जी इस समय उत्तर बंगाल के एक सप्ताह के दौरे पर हैं।

दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता की लिस्ट में PM मोदी फिर टॉप पर, सामने आई मॉर्निंग कंसल्ट की रेटिंग, पढ़िए, पूरी रिपोर्ट

पीएम नरेंद्र मोदी दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता हैं। अमेरिका स्थित कंसल्टेंसी फर्म ‘मॉर्निंग कंसल्ट’ के एक सर्वे के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी को 76 प्रतिशत अप्रूवल रेटिंग मिली है। प्रधानमंत्री मोदी के बाद मैक्सिकन राष्ट्रपति आंद्रेस मैनुअल लोपेज ओब्रेडोर दूसरे नंबर पर हैं, उन्हें 66 फीसदी रेटिंग मिली है। तत्पश्चात, स्विट्जरलैंड के राष्ट्रपति एलेन बर्सेट को 58 प्रतिशत तथा ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला दा सिल्वा 49 प्रतिशत रेटिंग प्राप्त हुई है।

प्रधानमंत्री मोदी बीते कई वर्षों से इस सूची में टॉप पर बने हुए हैं। वहीं, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन 40 प्रतिशत अप्रूवल रेटिंग के साथ लिस्ट में सातवें स्थान पर हैं, जो मार्च के बाद से उनकी सबसे अधिक अप्रूवल रेटिंग है। पॉलिटिकल इंटेलिजेंस फर्म की तरफ से एकत्र किया गया डेटा 22 वैश्विक नेताओं के सर्वे पर आधारित है। 6-12 सितंबर, 2023 तक एकत्र किए गए आंकड़ों के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी की सूची में सबसे कम डिसप्रूवल रेटिंग है। ये केवल 18 प्रतिशत है। वही जहां तक डिसप्रूवल रेट का सवाल है, तो टॉप 10 नेताओं की सूची में कनाडा के जस्टिन ट्रूडो की डिसप्रूवल रेटिंग सबसे ज्यादा 58 प्रतिशत है।

पीएम मोदी ने ‘मॉर्निंग कंसल्ट’ के सितंबर सर्वे में भी 76 फीसदी की अप्रूवल रेटिंग के साथ दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता के रूप में अपना शीर्ष स्थान बरकरार रखा था। पिछली रेटिंग्स में भी प्रधानमंत्री मोदी टॉप पर रहे थे। अप्रैल के सर्वे में 76 प्रतिशत की अप्रूवल रेटिंग के साथ प्रधानमंत्री मोदी ने अपने अमेरिकी और ब्रिटेन के समकक्षों जो बाइडेन तथा ऋषि सुनक को पीछे छोड़ते हुए ‘सबसे लोकप्रिय’ नेता करार दिया गया था। हाल ही में भारतीय जनता पार्टी यानी भारतीय जनता पार्टी अपनी चुनावी जीत का श्रेय मुख्य रूप से पीएम मोदी की वैश्विक लोकप्रियता को देती है। उसने 4 में से 3 प्रदेशों छत्तीसगढ़, राजस्थान एवं मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव जीते हैं। भारतीय जनता पार्टी ने इस बेहतरीन उपलब्धि को ‘मोदी मैजिक’ करार दिया।

दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता की लिस्ट में PM मोदी फिर टॉप पर, सामने आई मॉर्निंग कंसल्ट की रेटिंग, पढ़िए, पूरी रिपोर्ट

पीएम नरेंद्र मोदी दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता हैं। अमेरिका स्थित कंसल्टेंसी फर्म ‘मॉर्निंग कंसल्ट’ के एक सर्वे के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी को 76 प्रतिशत अप्रूवल रेटिंग मिली है। प्रधानमंत्री मोदी के बाद मैक्सिकन राष्ट्रपति आंद्रेस मैनुअल लोपेज ओब्रेडोर दूसरे नंबर पर हैं, उन्हें 66 फीसदी रेटिंग मिली है। तत्पश्चात, स्विट्जरलैंड के राष्ट्रपति एलेन बर्सेट को 58 प्रतिशत तथा ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला दा सिल्वा 49 प्रतिशत रेटिंग प्राप्त हुई है।

प्रधानमंत्री मोदी बीते कई वर्षों से इस सूची में टॉप पर बने हुए हैं। वहीं, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन 40 प्रतिशत अप्रूवल रेटिंग के साथ लिस्ट में सातवें स्थान पर हैं, जो मार्च के बाद से उनकी सबसे अधिक अप्रूवल रेटिंग है। पॉलिटिकल इंटेलिजेंस फर्म की तरफ से एकत्र किया गया डेटा 22 वैश्विक नेताओं के सर्वे पर आधारित है। 6-12 सितंबर, 2023 तक एकत्र किए गए आंकड़ों के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी की सूची में सबसे कम डिसप्रूवल रेटिंग है। ये केवल 18 प्रतिशत है। वही जहां तक डिसप्रूवल रेट का सवाल है, तो टॉप 10 नेताओं की सूची में कनाडा के जस्टिन ट्रूडो की डिसप्रूवल रेटिंग सबसे ज्यादा 58 प्रतिशत है।

पीएम मोदी ने ‘मॉर्निंग कंसल्ट’ के सितंबर सर्वे में भी 76 फीसदी की अप्रूवल रेटिंग के साथ दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता के रूप में अपना शीर्ष स्थान बरकरार रखा था। पिछली रेटिंग्स में भी प्रधानमंत्री मोदी टॉप पर रहे थे। अप्रैल के सर्वे में 76 प्रतिशत की अप्रूवल रेटिंग के साथ प्रधानमंत्री मोदी ने अपने अमेरिकी और ब्रिटेन के समकक्षों जो बाइडेन तथा ऋषि सुनक को पीछे छोड़ते हुए ‘सबसे लोकप्रिय’ नेता करार दिया गया था। हाल ही में भारतीय जनता पार्टी यानी भारतीय जनता पार्टी अपनी चुनावी जीत का श्रेय मुख्य रूप से पीएम मोदी की वैश्विक लोकप्रियता को देती है। उसने 4 में से 3 प्रदेशों छत्तीसगढ़, राजस्थान एवं मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव जीते हैं। भारतीय जनता पार्टी ने इस बेहतरीन उपलब्धि को ‘मोदी मैजिक’ करार दिया।

राजस्थान मुख्यमंत्री की रेस से बाहर हुए बाबा बालकनाथ ! खुद बोले- मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में..

राजस्थान विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की जीत के बाद से बाबा बालकनाथ सीएम पद की दौड़ में हैं। उन्होंने अपनी संसद सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया था, जिससे कयास लगने लगे थे कि उन्हें सीएम पद दिया जा सकता है। अब बाबा बालकनाथ के हालिया बयान ने एक अलग दृष्टिकोण पेश कर दिया है। अपने बयान में बाबा बालकनाथ ने पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक सांसद के रूप में देश की सेवा करने का अवसर मिलने के लिए आभार व्यक्त किया। 

उन्होंने लोगों से मीडिया और सोशल प्लेटफॉर्म पर चल रही अटकलों को नजरअंदाज करने का आग्रह किया। बाबा बालकनाथ ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट करते हुए कहा कि, 'पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में मुझे पहली बार सांसद और विधायक बनाकर जनता और देश की सेवा करने का अवसर मिला। चुनाव नतीजे आने के बाद मीडिया और सोशल मीडिया में चल रही चर्चाओं पर ध्यान न दें। फिलहाल मैं प्रधानमंत्री को धन्यवाद देना चाहता हूं। मैं उनके मार्गदर्शन में और अधिक अनुभव हासिल करना चाहता हूं।

बता दें कि, बाबा बालकनाथ फिलहाल बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय के कुलाधिपति के रूप में कार्यरत हैं और नाथ संप्रदाय के 8वें महंत हैं। उनके उत्तराधिकारी की घोषणा महंत चांदनाथ ने 29 जुलाई, 2026 को एक समारोह में की थी। उनके चुनाव अभियान के दौरान उन्हें योगी आदित्यनाथ का समर्थन प्राप्त था। मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भाजपा की जीत पर टिप्पणी करते हुए, बाबा बालकनाथ ने विश्वास जताया कि भाजपा प्रधान मंत्री मोदी के नेतृत्व में राजस्थान के लोगों की सेवा करना जारी रखेगी। उन्होंने राज्य के लोगों के लिए काम करने और प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत के विकास में योगदान देने का संकल्प लिया।

इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को भी मुख्यमंत्री पद का दावेदार माना जा रहा है। वह विधायकों के साथ सक्रिय रूप से जुड़ी रही हैं और दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की है। बैठक के दौरान, नड्डा ने सरकार के ढांचे में समावेशी दृष्टिकोण का संकेत देते हुए इस बात पर जोर दिया कि राजस्थान में सफलता सामूहिक नेतृत्व के माध्यम से हासिल की गई थी। हालांकि वसुंधरा राजे की भविष्य की भूमिका अज्ञात है, लेकिन पार्टी नेतृत्व ने उन्हें उनकी आगामी जिम्मेदारियों के बारे में संकेत दिया है।

राजस्थान मुख्यमंत्री की रेस से बाहर हुए बाबा बालकनाथ ! खुद बोले- मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में..

राजस्थान विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की जीत के बाद से बाबा बालकनाथ सीएम पद की दौड़ में हैं। उन्होंने अपनी संसद सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया था, जिससे कयास लगने लगे थे कि उन्हें सीएम पद दिया जा सकता है। अब बाबा बालकनाथ के हालिया बयान ने एक अलग दृष्टिकोण पेश कर दिया है। अपने बयान में बाबा बालकनाथ ने पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक सांसद के रूप में देश की सेवा करने का अवसर मिलने के लिए आभार व्यक्त किया। 

उन्होंने लोगों से मीडिया और सोशल प्लेटफॉर्म पर चल रही अटकलों को नजरअंदाज करने का आग्रह किया। बाबा बालकनाथ ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट करते हुए कहा कि, 'पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में मुझे पहली बार सांसद और विधायक बनाकर जनता और देश की सेवा करने का अवसर मिला। चुनाव नतीजे आने के बाद मीडिया और सोशल मीडिया में चल रही चर्चाओं पर ध्यान न दें। फिलहाल मैं प्रधानमंत्री को धन्यवाद देना चाहता हूं। मैं उनके मार्गदर्शन में और अधिक अनुभव हासिल करना चाहता हूं।

बता दें कि, बाबा बालकनाथ फिलहाल बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय के कुलाधिपति के रूप में कार्यरत हैं और नाथ संप्रदाय के 8वें महंत हैं। उनके उत्तराधिकारी की घोषणा महंत चांदनाथ ने 29 जुलाई, 2026 को एक समारोह में की थी। उनके चुनाव अभियान के दौरान उन्हें योगी आदित्यनाथ का समर्थन प्राप्त था। मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भाजपा की जीत पर टिप्पणी करते हुए, बाबा बालकनाथ ने विश्वास जताया कि भाजपा प्रधान मंत्री मोदी के नेतृत्व में राजस्थान के लोगों की सेवा करना जारी रखेगी। उन्होंने राज्य के लोगों के लिए काम करने और प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत के विकास में योगदान देने का संकल्प लिया।

इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को भी मुख्यमंत्री पद का दावेदार माना जा रहा है। वह विधायकों के साथ सक्रिय रूप से जुड़ी रही हैं और दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की है। बैठक के दौरान, नड्डा ने सरकार के ढांचे में समावेशी दृष्टिकोण का संकेत देते हुए इस बात पर जोर दिया कि राजस्थान में सफलता सामूहिक नेतृत्व के माध्यम से हासिल की गई थी। हालांकि वसुंधरा राजे की भविष्य की भूमिका अज्ञात है, लेकिन पार्टी नेतृत्व ने उन्हें उनकी आगामी जिम्मेदारियों के बारे में संकेत दिया है।

300 करोड़ नकद और गिनती जारी.. कांग्रेस सांसद के ठिकानों से यह इतिहास की हो सकती है सबसे बड़ी जब्ती, हलफनामे में बताए थे मात्र 27 लाख कैश

आयकर छापों में भारत की सबसे बड़ी नकदी बरामदगी की संभावना सामने आ रही है। कल से तीन राज्यों में छापों के दौरान अब तक कम से कम 300 करोड़ की नकदी बरामद की गई है। सूत्रों ने कहा कि राशि बढ़ेगी क्योंकि अभी और नकदी की गिनती बाकी है और अधिकारियों को और भी स्थानों के बारे में खुफिया जानकारी मिली है जहां नकदी छिपाई गई है। कर विभाग ने राज्य, झारखंड और पश्चिम बंगाल में ओडिशा स्थित डिस्टिलरी के कार्यालयों पर छापा मारा। कर विभाग के सूत्रों ने कहा कि तीनों स्थानों के सात कमरों और नौ लॉकरों की जांच बाकी है। नकदी अलमारियों और अन्य फर्नीचर के अंदर भरी मिली। कहा कि उन्हें अन्य स्थानों के बारे में जानकारी मिली है जहां अधिक नकदी और आभूषण मिल सकते हैं।

ओडिशा के पूर्व IT कमिश्नर शरत चंद्र दास ने कहा कि यह ओडिशा में विभाग द्वारा अब तक की सबसे बड़ी कैश की जब्ती हो सकती है। आयकर विभाग को यह रकम कांग्रेस सांसद धीरज साहू के परिवार की ओडिशा में स्थित शराब कंपनियों के कार्यालयों और करीबियों के आवासों पर छापेमारी के दौरान बरामद हुईं हैं। उनके ठिकानों से इतनी बड़ी मात्रा में नोट निकले थे कि, नोट गिनने वाली मशीनें तक खराब हो गई थीं। आज, बौध डिस्टिलरी और उससे जुड़े कार्यालयों पर छापेमारी की जा रही है। बलदेव साहू इंफ्रा, बौध डिस्टिलरी की एक समूह कंपनी है, और एक चावल मिल उसी डिस्टिलरी के स्वामित्व में है। झारखंड में कांग्रेस सांसद धीरज कुमार साहू की संपत्तियों से भी करोड़ों रुपये बरामद किये गये। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल लोगों को आश्वासन दिया कि जनता से लूटा गया पैसा वापस किया जाएगा। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा था कि, "देशवासी इन नोटों के ढेर को देखें और फिर अपने नेताओं के ईमानदार 'भाषण' सुनें... जनता से जो भी लूटा गया है, उसका एक-एक पैसा वापस करना होगा, ये मोदी की गारंटी है।" बता दें कि, कांग्रेस सांसद ने अपने चुनावी हलफनामे में जानकारी दी थी कि, उनके पास मात्र 15 लाख नकदी है, जबकि उनकी पत्नी और आश्रितों को मिलाकर पूरे परिवार के पास केवल 27.50 लाख कैश हैं। उन्होंने बताया था कि, उनके व उनके आश्रितों के खातों में कुल 8 करोड़ 59 लाख 24106 रुपये जमा हैं। जबकि, उनके ठिकानों से इतनी बड़ी मात्रा में नकदी निकली है। 

 

भाजपा की ओडिशा इकाई ने एक संवाददाता सम्मेलन में मामले की CBI जांच की मांग की और सत्तारूढ़ BJD से स्पष्टीकरण मांगा है। भाजपा प्रवक्ता मनोज महापात्र ने ओडिशा के पश्चिमी क्षेत्र की एक महिला मंत्री की शराब व्यापारियों में से एक के साथ मंच साझा करते हुए कुछ तस्वीरें भी दिखाईं, जिनके परिसर पर छापेमारी की जा रही थी। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि यह कर चोरी स्थानीय नेताओं और राज्य सरकार के सक्रिय समर्थन और संरक्षण के बिना संभव नहीं हो सकती थी। भाजपा ने पुछा कि,"ओडिशा का उत्पाद शुल्क विभाग, सतर्कता विंग, खुफिया विंग और आर्थिक अपराध विंग राज्य में क्या कर रहे थे?"

बढ़ती मांग और कीमतों के कारण इतने समय के लिए केंद्र सरकार ने लगाया प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध, नोटिफिकेशन जारी

केंद्र सरकार ने प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया है। देश में प्याज की बढ़ती मांग और बढ़ती कीमतों के चलते सरकार ने यह निर्णय कर लिया है। बता दें कि फिलहाल यह प्रतिबंध आने वाले वर्ष मार्च तक लगाया गया है। विदेशी व्यापार के डायरेक्टोरेट जनरल की तरफ से जारी नोटिफिकेशन में ये बताया गया है कि 31 मार्च 2024 तक प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया जा चुका है। 

सरकार ने लगाई थी 40 प्रतिशत एक्सपोर्ट ड्यूटी

खबरों के मुताबिक डीजीएफटी के नोटिफिकेशन में ये भी कहा गया है कि देशों की मांग पर सेंट्रल गवर्नमेंट की इजाजत से प्याज का निर्यात किया जा सकता है। इतना ही नहीं देश में अभी प्याज खुदरा कीमत में 60 रुपये प्रति किलो की दर से बेची जा रही है।

अगस्त में गवर्नमेंट ने प्याज के निर्यात को कम करने के लिए इस पर 40 प्रतिशत एक्सपोर्ट ड्यूटी लग गई थी। यह आदेश 31 दिसंबर 2023 तक के लिए था। हालांकि सेंट्रल गवर्नमेंट ने 'बंगलूरू रोज' किस्म की प्याज को एक्सपोर्ट ड्यूटी से मुक्त रखा था। यह प्याज बंगलूरू और कर्नाटक क्षेत्र के आसपास उगाया जाता है और इसे 2015 में जीआई टैग भी मिल गया है।

*सोनिया गांधी आज मना रही हैं 77वां जन्मदिन, पीएम मोदी ने दी बधाई, बोले- ईश्वर उन्हें दीघार्यु और अच्छा स्वास्थ्य प्रदान करें*

#soniagandhibirthday

कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी का आज 77वां जन्मदिन है। स मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उन्हें बधाई दी। एक्स पर पीएम मोदी ने सोनिया गांधी के जन्मदिन पर बधाई के अलावा लंबी उम्र और स्वस्थ जिंदगी की भी कामना की। पीएम मोदी के अलावा कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, कांग्रेस महासचिव के. सी. वेणुगोपाल, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन समेत तमाम नेताओं ने कांग्रेस की वरिष्ठ नेता को बधाई दी है।

पीएम मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘श्रीमती सोनिया गांधी को उनके जन्मदिन पर शुभकामनाएं. ईश्वर उन्हें दीघार्यु और अच्छा स्वास्थ्य प्रदान करे। पीएम मोदी की शुभकामनाएं ऐसे समय में आई हैं, जब सबसे लंबे समय तक कांग्रेस अध्यक्ष रहीं सोनिया गांधी ने स्वास्थ्य कारणों से पिछले कुछ वर्षों में सक्रिय राजनीति से किनारा कर लिया है।

खड़गे ने कहा- शालीनता का प्रतीक

वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे समेत कांग्रेस नेताओं ने भी सोनिया गांधी को उनके जन्मदिन की बधाई दी है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने 'एक्स' पर सोनिया गांधी को हाशिए पर मौजूद लोगों के अधिकारों की निरंतर वकालत करने वाली बताया। उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी लोगों के अधिकारों की समर्थक, साहस, धैर्य और निस्वार्थ बलिदान के साथ विपरीत परिस्थितियों से लड़ते हुए वह अत्यंत शालीनता का प्रतीक रही हैं।

सीएम स्टालिन ने भी दी बधाई

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने भी दिग्गज कांग्रेस नेता को बधाई दी। उन्होंने ट्वीट किया, 'समर्पित सार्वजनिक जीवन की आदर्श कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी को जन्मदिन की बधाई।' स्टालिन ने उनके अच्छे स्वास्थ्य से भरे लंबे जीवन की कामना की। विपक्षी गठबंधन को मजबूत करने में सोनिया के योगदान के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा, 'उनकी गहरी दृष्टि और अनुभव का खजाना I.N.D.I.A. को निरंकुश ताकतों से बचाने के हमारे एकजुट प्रयास में एक मार्गदर्शक प्रकाश बना रहे।

अखिलेश यादव ने भी दी शुभकामनाएं

इसके अलावा समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने भी सोनिया गांधी को जन्मदिन की बधाई देते हुए एक्स पर लिखा, श्रीमती सोनिया गांधी जी को उनके जन्मदिन पर हार्दिक शुभकामनाएं। उनके अच्छे स्वास्थ्य और खुशहाली की कामना करता हूं। वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के प्रमुख ने भी पोस्ट करते हुए लिखा, श्रीमती सोनिया गांधी जी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं। उनके अच्छे स्वास्थ्य और लंबी उम्र की कामना करता हूं।

*गाजा में युद्धविराम पर यूएन में आया प्रस्‍ताव खारिज, अमेरिका ने वीटो का इस्तेमाल कर दिया दोस्त का साथ, जानें भारत का रूख*

#us_vetoes_un_security_council_resolution_calling_for_gaza_ceasefire

हमास-इजरायल के बीच गाजा में चल रही लड़ाई पिछले करीब दो महीने से जारी है। हमास के साथ युद्ध के बीच इजराइल के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका ढाल बन कर खड़ा है। इस बीच यूएस ने एक बार फिर अपनी दोस्ती निभाई है।दरअसल, पिछले 2 महीने से अधिक से जारी युद्ध के बीच एक हफ्ते के लिए युद्धविराम हुआ था। इसके बाद फिर जंग शुरू हो गई। इस बीच गाजा में युद्धविराम के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक प्रस्ताव पेश किया गया।इस प्रस्‍ताव को अमे‍रिका की तरफ से खारिज कर दिया गया है।इसका मतलब साफ है कि अभी गाजा के आसमान में बम बरसते रहेंगे और मासूम लोगों को जान गंवानी पड़ेगी।

गाजा में युद्धविराम के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक प्रस्ताव पेश किया गया।संयुक्त अरब अमीरात समर्थित प्रस्‍ताव के पक्ष में 13 देश थे जिसमें तीन स्‍थायी सदस्‍य रूस, चीन और फ्रांस भी शामिल हैं। यूके वोटिंग से गायब रहा। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक मुताबिक संयुक्त अरब अमीरात के उप राजदूत मोहम्मद अबूशाहब ने परिषद से कहा, अगर हम गाजा पर लगातार बमबारी रोकने के आह्वान के पीछे एकजुट नहीं हो सकते तो हम फिलिस्तीनियों को क्या संदेश दे रहे हैं? प्रस्ताव में तत्काल एक मानवीय युद्धविराम लागू किए जाने के साथ-साथ, तमाम बन्धकों की तत्काल व बिना शर्त रिहाई और मानवीय सहायता आपूर्ति के लिए सुलभता की मांग की गई थी।

सुरक्षा परिषद में अमेरिका ने इजरायल के पक्ष में अपनी वीटो पावर का इस्तेमाल किया। संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी उप प्रतिनिधि रॉबर्ट वुड ने जोर देकर कहा कि प्रस्ताव वास्तविकता से अलग है। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से हमारी लगभग सभी सिफारिशों को नजरअंदाज कर दिया गया। इसलिए वे वीटो का इस्तेमाल कर रहे हैं।

चीन और रूस ने अमेरिका ने इस फैसले की कड़ी निंदा की। रूस ने अमेरिका को हर्टलेस बताया। ब्राजील ने कहा कि अगर गाजा में तत्काल युद्धविराम नहीं हुआ तो काफी नुकसान होगा। वहीं, फिलिस्तीनी राजदूत ने प्रस्ताव की विफलता को विनाशकारी बताया। उन्होंने कहा कि गाजा पर इजराइली हमले से और अधिक अत्याचार, हत्याएं और विनाश होंगे।

यह प्रस्‍ताव तब आया जब यूएनएससी में महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने पहली बार संयुक्त राष्‍ट्र चार्टर के अनुच्छेद 99 को लागू किया। यह वह नियम है जो संयुक्त राष्‍ट्र प्रमुख को अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए खतरे उठाने में सक्षम बनाता है। गुटारेसे ने गाजा में 'मानवीय तबाही' की चेतावनी दी थी। 

बता दें कि इससे पहले भी अमेरिका खुलकर इजरायल के पक्ष में यूएन में बोलता रहा है। इससे पहले भी पेश किए गए प्रस्ताव पर अमेरिका वीटो कर चुका है। इस तरह से अमेरिका एक बार फिर इजरायल के लिए ढाल बनकर खड़ा हो गया।