*बहराइच: भारी जन विरोध के बाद फेंसिंग कार्य की बनी सहमति*
बहराइच। भारी जनविरोध के बाद तार फेंसिंग कार्य पर जनसुनवाई में सशर्त सहमति बनाई गई और इसके बाद फेंसिंग कार्य शुरू हुआ।इन दिनों कतरनियाघाट वन क्षेत्र में आबादी के किनारे तार फेंसिंग लगाने का कार्य चल रहा है।
इस कार्य को लेकर वन विभाग को का कहना था कि वह लोगों को वन्यजीवों के हमले से बचने के लिए तार फेंसिंग लग रहे हैं जबकि गांव के लोग इसे वन विभाग द्वारा लोगों के अधिकारों का अतिक्रमण बता रहे हैं।
इसी क्रम में गिरजापुरी पेट्रोल पंप से टेडिया गांव होते हुए कैलाशपुरी तक तार फेंसिंग का कार्य चल रहा था। दिनांक 5 दिसंबर 2023 दिन मंगलवार को नवसृजित राजस्व गांव टेडिया के सामने जब तार फेंसिंग किए जाने के लिए जेसीबी पहुंची तो चल रहे फेंसिंग कार्य को महिलाओं ने रोककर विरोध प्रदर्शन किया।
सूचना पाकर वन क्षेत्राधिकारी कतरनियाघाट अनूप कुमार मौके पर पहुंचे। उन्होंने ग्रामीणों से बातचीत शुरू की, लेकिन महिलाएं अपनी बात पर अड़ी रहीं। मामला बढ़ता देख थाना सुजौली की पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। रेंजर कतरनियाघाट ने विरोध कर रही महिलाओं के साथ बातचीत शुरू की किंतु वह संतुष्ट नहीं कर सके।
लोगों के द्वारा सूचित किए जाने के बाद वन अधिकार जंग हिंदुस्तानी मौके पर पहुंचे। उन्होंने सभी लोगों को बैठा कर जनसुनवाई किया। इस मौके पर पूर्व राज्यमंत्री बंशीधर बौद्ध, पूर्व विधायक रमेश गौतम तथा ग्राम प्रधान प्रतिनिधि प्रीतम निषाद व पूर्व प्रधान जाहिद खान समेत सैकड़ों ग्रामीण मौजूद रहे।
बैठक में महिलाओं ने बात रखी कि अभी उनके गांव में शौचालय नहीं बने हैं इस नाते जंगल में शौच के लिए जाना उनकी मजबूरी है। पहले वन विभाग वैकल्पिक व्यवस्था दे, उसके बाद फेंसिंग की बात करें। उनका गांव राजस्व ग्राम हो गया है उसके बावजूद वन विभाग का हस्तक्षेप बरकरार है।
लोगों की बात का उत्तर देते हुए रेंजर कतर्नियाघाट अनूप कुमार ने कहा कि हम सामुदायिक शौचालय देने के लिए तैयार हैं। इस पर लोगों ने कहा कि जीवन क्षेत्र होने के नाते तथा लोगों के अलग-अलग दूरी पर बसे होने के नाते सामुदायिक शौचालय का प्रयोग व्यावहारिक नहीं है।
गांव के लोगों का सामुदायिक शौचालय तक रात्रि में आवश्यकता अनुसार पहुंचना कठिन है। इस नाते व्यक्तिगत शौचालय ही उपयुक्त होगा। इस पर यह सहमति बनी कि जिन लोगों को वन अधिकार कानून के तहत अधिकार पत्र प्राप्त हो चुका है, वह अपने पक्के शौचालय तथा पक्के आवास बनाएंगे,शेष लोग अस्थाई शौचालय तथा अस्थाई आवास निर्माण कर सकेंगे।
अपने वन अधिकार प्राप्त करने के लिए लगातार प्रयास करेंगे और उनका वन अधिकार प्राप्त होने के बाद वह मकान और शौचालय की छत डाल सकेंगे। वन विभाग इसमें किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप नहीं करेगा।
महिलाओं ने कहा कि फेंसिंग लग जाने से उनसे जंगल में जलौनी, खर फूस, मवेशी चराने तथा शौच जाने का अधिकार छिन जाएगा। इस पर उत्तर देते हुए क्षेत्रीय वन अधिकारी ने कहा कि स्थानीय ज़रूरतों को पूरा करने के लिए लोगों के पूर्व अधिकार बने रहेंगे तथा किसी भी प्रकार की रोक नहीं रहेगी।
यह तार फेंसिंग केवल लोगों को वन्यजीवों के हमले से बचने के लिए है ना कि उनके अधिकारों को बाधित करने के लिए।फेंसिंग के बीच ग्रामीणों के आवाजाही के लिए तीन गेट दिए जाने की शर्त रखी गई जिसे वन विभाग ने स्वीकार किया। इसके बाद मामला शांत हुआ, और तार फेंसिंग कार्य पनः शुरू हुआ।
Dec 06 2023, 19:43