ठेकुआ के बिना अधूरी है छठ पूजा, घर ही आटा पीसती हैं महिलाएं
नितेश श्रीवास्तव
भदोही। लोक आस्था के महापर्व छठ शुक्रवार से नहाय-खाय शुरू हो जाएगा। चार दिनों तक चलने वाले इस महापर्व में व्रती महिलाएं परिवार की सुख-समृद्धि के लिए सूर्य देव की उपासना करती हैं। इस पूजा में शुद्धता का विशेष ध्यान रखा जाता है। खासकर छठी मइया को चढ़ाए जाने वाले प्रसाद को लेकर महिलाएं विशेष साफ-सफाई का ध्यान रखती हैं।
छठी मइया की अराधना ठेकुआ प्रसाद के बिना अधूरा है। खास बात है कि महिलाएं इसे खुद के हाथों से घर पर पीसे आटे से तैयार करती हैं।लोक आस्था के महापर्व छठ पर बहुत से पकवान बनते हैं। खरना के दिन गुड़ और चावल की खीर बनता है। इसके अलावा अन्य दिनों कई तरह की सब्जियां बनाई जाती हैं।
इस पूजा में एक चीज जो सबसे खास है वो है ठेकुआ। छठ महापर्व पर ठेकुआ क प्रसाद में खासतौर पर बनाया जाता है। यह प्रसाद छठी मैया के साथ सूर्य देवता को भी चढ़ाया जाता है। गेहूं के आटे, गुड़ और सूजी से बने इस प्रसाद को महिलाएं घर पर ही तैयार करती हैं।
इसमें शुद्धता का विशेष ध्यान रखा जाता है। महिलाएं घर पर अपने हाथों से पीसे आटे से ही ठेकुआ का प्रसाद बनाती हैं। ज्ञानपुर के वार्ड नंबर नौ निवासी अनीता सिंह ने बताया कि ठेकुआ छठी मइया का विशेष प्रसाद होता है। इसके बिना छठ की पूजा अधूरी मानी जाती हैं। हमारे दादी के जमाने से ही हम छठ मनाते हैं।
गेहूं को धोकर, सुखाकर इसे घर पर ही पीसा जाता है। जिसके बाद पूरी शुद्धता से ठेकुआ का प्रसाद बनाया जाता है।
Nov 17 2023, 17:41