अब अस्पताल संचालक को बचाने में जुटा स्वास्थ्य विभाग
नितेश श्रीवास्तव की रिपोर्ट
भदोही। मखमली कालीनों के लिए विश्व प्रसिद्ध कालीन नगरी अब अवैध अस्पतालों का केंद्र बनता जा रहा है। दो से तीन कमरे के भवन को नर्सिंग होम बनाकर मरीजों की जिंदगी से खेला जा रहा है। एक के बाद एक मौत हो रही है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग शांत बैठा हुआ है। सुंदरपुर का मामला थमा नहीं था कि भदोही में एक प्रसूता की मौत हो गई।
दो चिकित्सकों पर मुकदमा भले ही दर्ज हो चुका है, लेकिन संचालक को विभाग अभयदान देने में जुट गया है।
जिले में वैसे तो 125 से 130 अस्पताल एवं नर्सिंग होम पंजीकृत हैं, लेकिन बड़ी संख्या में अवैध अस्पताल संचालित हो रहे हैं। यही तीन से चार कमरों के मकान को भी नर्सिंग होम बना दिया गया है।
स्वास्थ्य विभाग के सिंडिकेट से इनका संचालन किया जा रहा है। सोमवार को भदोही के चौरी रोड स्थित जीवन मीता अस्पताल में प्रसूता की मौत के बाद डॉ. ओपी यादव और डॉ. वीपी सिंह पर भले ही मुकदमा दर्ज कराया गया, लेकिन अस्पताल संचालक पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई।
यही नहीं एएनएम और जेएएनएम की डिग्री लेकर भी सर्जरी कर रहे है। कुछ महीने पूर्व सुरियावां में भी एक प्रसूता की मौत उसी डॉक्टर के आपरेशन में गड़बड़ी करने से हो गई थी।
महीने भर पूर्व ज्ञानपुर के सुंदरपुर में झोलाछाप की लापरवाही से एक बुजुर्ग की मौत हो गई थी। जांच के नाम पर 20 दिन का समय लिया गया, लेकिन तालमेल होने के बाद सबकुछ ठंडे बस्ते में चला गया। सीएमओ डॉ. संतोष कुमार चक ने कहा कि विभाग ने अस्पताल को सील करा दिया है। दो चिकित्सकों पर मुकदमा भी दर्ज हो गया है।
संचालक पर मुकदमा दर्ज करने और गिरफ्तारी का कार्य पुलिस का है। सुंदरपुर में अवैध अस्पताल संचालक को नोटिस भेजकर जवाब मांगा गया है।
Nov 17 2023, 13:52