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दिल्ली:लोकसभा चुनाव 2024 से पहले 33 प्रतिशत महिला आरक्षण विधेयक को लागू करने की मांग संबंधी याचिका की सुनवाई 3 नवंबर को


नई दिल्ली :- सुप्रीम कोर्ट लोकसभा चुनाव 2024 से पहले 33 प्रतिशत महिला आरक्षण विधेयक को सही मायने में तत्काल लागू करने की मांग वाली याचिका पर 3 नवंबर को सुनवाई करेगा।

याचिका जया ठाकुर ने वकील वरुण ठाकुर और वरिंदर कुमार शर्मा के माध्यम से दायर की गई है. मामले की सुनवाई जस्टिस संजीव खन्ना और एसवीएन भट्टी की पीठ करेगी.

याचिकाकर्ता ने संसदीय आम चुनाव 2024 से पहले 33 प्रतिशत महिला आरक्षण को सही मायने में लागू करने की मांग की. याचिकाकर्ता ने कहा कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया में समाज के सभी कोनों का प्रतिनिधित्व आवश्यक है लेकिन पिछले 75 वर्षों से संसद के साथ-साथ राज्य विधानमंडल में भी महिलाओं का पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं है।

इसकी मांग दशकों से लंबित थी और संसद ने 33 प्रतिशत आरक्षण के लिए उपरोक्त अधिनियम को सही ढंग से पारित किया. हालांकि, इस बात पर अड़ंगा लगा दिया कि इस अधिनियम को परिसीमन के बाद लागू किया जाएगा।

याचिकाकर्ता ने कहा, '33 प्रतिशत महिला आरक्षण के तत्काल कार्यान्वयन के लिए जनगणना को 'शून्य' घोषित किया जा सकता है. उन्होंने आगे कहा कि संवैधानिक संशोधन को एक अनिश्चित अवधि के लिए रोका नहीं जा सकता है.

दरअसल, संसद के साथ-साथ राज्य विधानमंडल में आरक्षण लागू करने के लिए इस संशोधन विशेष सत्र को बुलाया गया था और दोनों सदनों ने इस विधेयक को सर्वसम्मति से पारित कर दिया. भारत के राष्ट्रपति ने भी इसे मंजूरी दे दी और इसके बाद 28 सितंबर, 2023 को अधिनियम को अधिसूचित किया गया. याचिकाकर्ता ने कहा कि इसके बाद अधिनियम के उद्देश्य को अनिश्चित अवधि के लिए रोका नहीं जा सकता.

जानकारी : नए स्मार्टफोन में क्यों इस्तेमाल हो रहा है यूएसबी टाइप - सी चार्जर, आइए जानते है इसकी 5 बड़ी खूबियां


नयी दिल्ली :- आज के इंटरनेट युग में लोगों के लिए इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के बिना रहना मुश्किल हो गया है। हर कोई इलेक्ट्रिक गैजेट्स का आदी हो गया है। इन उपकरणों में मोबाइल लैपटॉप टॉप पर है। ऐसे में इसे चलाने के लिए इसे चार्ज करना पड़ता है।जिसके लिए आजकल यूएसबी टाइप सी का काफी इस्तेमाल किया जा रहा है। 

यूएसबी टाइप सी को लेकर दावा किया जाता है कि इससे सबसे तेज चार्ज होता है। लोग इसका इस्तेमाल फास्ट चार्जिंग के लिए करते हैं। आइए आज इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।

यूएसबी टाइप-ए, बी, माइक्रो और मिनी के बाद यूएसबी टाइप-सी का हुआ जन्म

 USB टाइप-C में USB 2.0C की तुलना में तीन गुना अधिक पिन होते हैं। यूएसबी टाइप-सी में 24 पिन होते हैं और यह दुनिया का पहला कनेक्टर है जो यूनिवर्सल है, यानी इसे किसी भी तरफ से इस्तेमाल किया जा सकता है। यूएसबी टाइप-सी में कोई बाहरी पिन नहीं है। ऐसे में गैजेट का पिन टूटने और केबल फंसने का खतरा नहीं रहता है।

यूएसबी टाइप-सी कितनी तेज है, इसकी चर्चा गैजेट की चार्जिंग और डेटा ट्रांसफर दोनों में होती है। यूएसबी टाइप-सी के साथ यूएसबी 3.2 जेन 2 के समान डेटा ट्रांसफर स्पीड यानी 10 जीबीपीएस मिलती है, जो यूएसबी 3.1 जेन 1 से दोगुनी और यूएसबी 2.0 से 20 गुना ज्यादा है। 

डेटा ट्रांसफर के अलावा यूएसबी टाइप-सी को फास्ट चार्जिंग के लिए भी डिजाइन किया गया है।

यूएसबी टाइप-सी के जरिए 240W तक पावर सप्लाई की जा सकती है। इससे आप लैपटॉप, मोबाइल और अन्य गैजेट्स को चार्ज कर सकते हैं।

USB 2.0 के साथ गति 5V, 0.5A थी और USB 3.0 के साथ गति 5V, 0.9A थी। ऐसे में यूएसबी टाइप-सी की मदद से तेजी से डेटा ट्रांसफर किया जा सकता है और फास्ट चार्जिंग भी की जा सकती है।

डिस्प्ले पोर्ट के लिए यूएसबी टाइप-सी का उपयोग

यूएसबी टाइप-सी सपोर्ट वाले डिस्प्ले अब यूएसबी 2.0, 3.1 और थंडरबोल्ट कनेक्टर के साथ आते हैं। यूएसबी टाइप-सी के जरिए 4K 60Hz 24-बिट HDR और 8K रेजोल्यूशन के वीडियो भी चलाए जा सकते हैं।

यूएसबी टाइप-सी के साथ 60fps पर 4K और 8K के लिए भी सपोर्ट है।

यूएसबी टाइप-सी को लेकर टेक कंपनियां इसलिए इतनी गंभीर हैं क्योंकि इसे बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जा सकता है और अब यूरोपियन यूनियन के आदेश के बाद यूएसबी टाइप-सी का इस्तेमाल बहुत बड़े पैमाने पर होने लगा है।

दिल्ली:दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट का झटका,शराब घोटाले में जमानत याचिका खारिज


नई दिल्ली:- उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कथित दिल्ली आबकारी नीति घोटाला से संबंधित भ्रष्टाचार एवं धन शोधन के मामलों में दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की नियमित जमानत के अनुरोध वाली याचिकाएं खारिज कर दीं।

न्यायमूर्ति संजीव खन्ना एवं न्यायमूर्ति एस. वी. एन. भट्टी की पीठ ने कहा कि उसने जांच एजेंसियों के बयान को रिकॉर्ड किया है कि इन मामलों में सुनवाई छह से आठ महीने में पूरी हो जाएगी। 

पीठ ने कहा कि अगर सुनवाई की कार्यवाही में देरी होती है तो सिसोदिया तीन महीने में इन मामलों में जमानत के लिए आवेदन कर सकते हैं.

शीर्ष अदालत ने अब खत्म हो चुकी दिल्ली आबकारी नीति से संबंधित भ्रष्टाचार और धन शोधन के मामलों में दायर सिसोदिया की दो अलग-अलग नियमित जमानत याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाया। 

उच्चतम न्यायालय ने 17 अक्टूबर को दोनों याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. सिसोदिया को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने 26 फरवरी को 'घोटाले' में उनकी भूमिका के आरोप में गिरफ्तार किया था. आम आदमी पार्टी (आप) नेता तब से हिरासत में हैं.

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने तिहाड़ जेल में पूछताछ के बाद नौ मार्च को सीबीआई की प्राथमिकी से जुड़े धन शोधन के मामले में सिसोदिया को गिरफ्तार किया. सिसोदिया ने 28 फरवरी को दिल्ली कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था. 

उच्च न्यायालय ने 30 मई को सीबीआई के मामले में उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया था और कहा था कि उप मुख्यमंत्री और आबकारी मंत्री रहने के कारण वह एक 'हाई-प्रोफाइल' व्यक्ति हैं जो गवाहों को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं.

उच्च न्यायालय ने तीन जुलाई को दिल्ली सरकार की आबकारी नीति में कथित अनियमितताओं से जुड़े धन शोधन के मामले में उन्हें जमानत देने से यह कहकर इनकार कर दिया था कि उनके खिलाफ आरोप 'बहुत गंभीर प्रकृति' के हैं. 

दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर, 2021 को यह नीति लागू की थी, लेकिन भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच सितंबर 2022 के अंत में इसे रद्द कर दिया. जांच एजेंसियों के मुताबिक, नयी नीति के तहत थोक विक्रेताओं का मुनाफा पांच फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी कर दिया गया था.

एजेंसियों ने आरोप लगाया है कि नयी नीति के परिणामस्वरूप गुटबंदी हुई और धन लाभ पाने के लिए शराब लाइसेंस देने में अयोग्य लोगों को लाभ दिया गया. दिल्ली सरकार और सिसोदिया ने किसी भी गलत काम से इनकार किया और नयी नीति से दिल्ली के राजस्व हिस्से में वृद्धि का दावा किया है।

साउथ की जानी मानी एक्ट्रेस रंजूषा मेनन ने की खुदकुशी


दिल्ली : फिल्म इंडस्ट्री से एक बुरी खबर सामने आ रही है।साउथ की जानी मानी एक्ट्रेस रंजूषा मेनन का निधन हो गया है। एक्ट्रेस अपने घर में मृत्य पाई गई हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक 35 साल की एक्ट्रेस तिरुवनंतपुरम स्थित अपने फ्लैट पर लटकी हुई मिलीं।

30 अक्टूबर की सुबह उनकी मौत हुई। इस खबर के सामने आने के बाद एक्ट्रेस के फैंस सहित इंडस्ट्री को गहरा सदमा लगा है। हालांकि एक्ट्रेस के निधन की वजह अभी तक सामने नहीं आई है। 

रंजूषा का इतनी कम उम्र में अचानक इस दुनिया को अलविदा कह देना हैरान करने वाला है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

टीवी और फिल्मों में किया काम

मलयालम फिल्मों में अपनी पहचान बनाने वाली एक्ट्रेस रंजूषा मनोरंजन जगत की जाना-माना चेहरा थीं। उन्होंने फिल्मों के अलावा कई टीवी सीरियल्स में भी काम किया है।आखिरी बार उन्हें आनंदरागम में मुख्य भूमिका निभाते हुए देखा गया था।

सीरियल्स के साथ-साथ वह सेलिब्रिटी कुकरी शो ‘सेलिब्रिटी किचन मैजिक’ में भी बतौर कंटेस्टेंट नजर आई थीं। इसके अलावा उन्हें मलयालम फिल्म सिटी ऑफ गॉड और मेरीकुंदोरु कुंजाडू में भी देखा गया था। एक्ट्रेस सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव रहती थीं।

पुलिस कर रही हैं मामले की छानबीन

रिपोर्ट्स के मुताबिक रंजूषा बीते काफी समय से अपने पति और बच्चों के साथ श्रीकार्याट में किराए पर रह रही थीं। एक्ट्रेस के निधन की खबर मिलते ही श्रीकार्यम पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की जांच शुरू कर दी है। एक्ट्रेस के शव को पोस्टमार्टम के लिए तिरुवनंतपुरम मेडिकल कॉलेज ले जाया गया है। पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। 

मामले की जानकारी एक्ट्रेस के रिश्तेदारों को भी दे दी गई है। पुलिस एक्ट्रेस के जानने वालों से पूछताछ कर रही है।

कांग्रेस ओबीसी विभाग के राष्ट्रीय संयोजक सुबोध ने लिखा सोनिया गांधी को पत्र

बिहार में सीटों के बंटवारे में ओबीसी और ईबीसी समुदाय के उम्मीदवारों को जनसंख्यां के अनुपात में दें टिकट


दिल्ली । भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के ओबीसी विभाग के राष्ट्रीय संयोजक और ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के सदस्य व बिहार प्रतिनिधि सुबोध मंडल ने पत्र लिखकर सोनिया गांधी से बिहार में सीटों के बंटवारों में ओबीसी और ईबीसी समुदाय के उम्मीदवारों पर विशेष विचार करने की अपील की है। 

उन्होंने कहा है कि बिहार में जिस अनुपात में ओबीसी और ईबीसी समुदाय की जनसंख्या है उस अनुपात में पार्टी उन्हें टिकट नहीं देती है। इस पर गहनता से विचार-विमर्श करने की जरूरत है। पार्टी को इस समुदाय के कितने उम्मीदवारों को मैदान में उतारना है और किन-किन सीटों पर उतारना है, इसपर विचार करने की जरूरत है। 

श्री मंडल ने कहा कि ईबीसी समुदाय की जनसंख्या बिहार में 36.1% है, जो अन्य समुदायों से अधिक है। जनसंख्या के आधार पर उच्च जातियां बिहार में ईबीसी और ओबीसी समुदायों की तुलना में अल्पसंख्यक हैं। लेकिन हमारी कांग्रेस पार्टी में उच्च जातियां बहुत अधिक हिस्सेदारी प्राप्त कर रही हैं। ईबीसी और ओबीसी समुदाय को हमेशा हमारे पार्टी के नेताओं द्वारा अनदेखा किया जाता रहा है। बिहार में अन्य राजनीतिक पार्टियां टिकटों के बंटवारे के मामले में हमेशा ईबीसी और ओबीसी समुदाय को बहुत महत्व देती रही हैं और अच्छा परिणाम भी प्राप्त करती हैं। 

दूसरी ओर पिछले विधानसभा चुनाव में हमारी पार्टी को सीट साझा करने के बाद जो 70 सीटें मिलीं उनमें भी इस समुदाय पर विचार नहीं किया गया।

उन्होंने एक बड़ी पार्टी का हवाला देते हुए कहा कि उसने बिहार विधानसभा के चुनावों में ओबीस-ईबीसी उम्मीदवारों को काफी संख्या में टिकट दिया। साथ ही सरकार में आने के बाद उसने दो-दो ओबीसी-ईबीसी उम्मीदवार को उपमुख्यमंत्री बनाया। यही कारण है कि ओबीसी वर्ग के वोटरों का भरोसा हमेशा उस पर बना रहा है।

 कांग्रेस को भी इस फार्मूले पर विचार करने की जरूरत है।

नाभी पर रोजाना तेल लगा कर सोने से मिलते हैं कई स्वास्थ लाभ, बढ़ने लगेगी आंखो की रोशनी


नयी दिल्ली : कुछ घरेलू नुस्खों की मदद से हम आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए उपयोग कर सकते हैं. आज हम आपको एक ऐसा ही नुस्खा बताएंगे जो आंखों की रोशनी बढ़ाने में आपकी मदद कर सकता है. 

नाभि हमारे शरीर का केंद्र बिंदु होती है.

आज के समय में लोगों का ज्यादातर समय मोबाइल और लैपटॉप की स्क्रीन के सामने गुजरता है, जिसका असर आंखों की रोशनी पर पड़ता है. इसके अलावा आजकल लोगों का खानपान और लाइफस्टाइल ऐसा है कि कम उम्र में ही यहां तक की छोटे बच्चों को भी चश्मा लगाना पड़ जाता है।

आंखें हमारे शरीर का सबसे नाजुक अंग होती हैं, इसलिए हमें उनका खास ख्याल रखने की जरूरत पड़ती है. आंखों के कमजोर होने के कई कारण हो सकते हैं, लेकिन कुछ घरेलू नुस्खों की मदद से हम आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए उपयोग कर सकते हैं.

आज हम आपको एक ऐसा ही नुस्खा बताएंगे जो आंखों की रोशनी बढ़ाने में आपकी मदद कर सकता है. 

नाभि हमारे शरीर का मध्य केंद्र होती है जिससे पूरे शरीर के अंग जुड़े रहते हैं. हमारी नाभि से शरीर के अलग-अलग अंगों तक जाने वाली नाड़ियां जुड़ी हुई हैं।

वहीं आंखों तक जाने वाली ऑप्टिक नर्व भी हमारी नाभि से जुड़ी होती है. नाभि में यदि हम तेल या फिर देसी घी लगाते हैं तो ये हमारी आंखों के लिए फायदेमंद हो सकता है. 

आंखों की रोशनी बढ़ाने के देसी उपाय :

बादाम का तेल

बादाम का तेल अम्लीय होता है. हालांकि इस तेल की तासीर गर्म होती है. इसलिए आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए सर्दियों के मौसम में हम इसे नाभि पर लगा सकते हैं. रात को सोने से पहले नाभि पर बादाम तेल लगाकर सोना आंखों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है. 

देसी घी

आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए हम नाभि पर देसी घी भी लगा सकते हैं. रात को सोने से पहले नाभि पर 2 से 3 बूंद देसी घी लगाकर सोना आंखों की रोशनी बढ़ाने में मदद कर सकता है.

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी आज सुबह 11 बजे आकाशवाणी पर करेंगें देश से मन की बात,

नईदिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी आज सुबह 11 बजे आकाशवाणी पर मन की बात कार्यक्रम में देश-विदेश के लोगों के साथ अपने विचार साझा करेंगे। यह मासिक रेडियो कार्यक्रम की 106वीं कड़ी होगी। यह कार्यक्रम आकाशवाणी और दूरदर्शन के समूचे नेटवर्क पर प्रसारित किया जाएगा। 

यह आकाशवाणी, वेबसाइट और न्‍यूज ऑन ए.आई.आर मोबाइल एप पर भी उपलब्‍ध होगा। आकाशवाणी, दूरदर्शन समाचार, प्रधानमंत्री कार्यालय तथा सूचना और प्रसारण मंत्रालय के यू-ट्यूब चैनलों पर भी मन की बात कार्यक्रम का सीधा प्रसारण होगा। हिन्‍दी प्रसारण के तुरन्‍त बाद आकाशवाणी से इस कार्यक्रम को क्षेत्रीय भाषाओं में भी प्रसारित किया जाएगा।

ग्रेजुएशन के बाद ये 4 शॉर्ट टर्म कोर्स दिलाएंगे मोटी सैलरी, खत्म होगी पैसे की किल्लत

नयी दिल्ली : कई बार ग्रेजुएशन के बाद भी नौकरियां नहीं मिलती तो आपको बता दें कि ग्रेजुएशन के बाद अक्‍सर शॉर्ट टर्म कोर्सेज करके बेतहरीन नौकरी पाई जा सकती है. बदलते जमाने में आती नई नई टेक्नोलॉजी के बीच शॉर्ट टर्म कोर्स का जमाना है।

बाजार में आई नई तकनीक को पढ़ने के लिए डिग्री कोर्स शुरू होने में समय लगता है. लेकिन शॉर्ट टर्म कोर्स इसकी तुलना में जल्द लॉन्च कर दिए जाते हैं. इन ज्यादातर कोर्सेज में प्रैक्टिकल काम पर जोर ट्रेनिंग दी जाती है.जानिए ऐसे कुछ कोर्सेज के बारे में, जिन्हें कर के अच्छी नौकरी की संभावनाएं हैं.

आज के वक्त हर फील्ड में एक्सेलेंस की जरुरत है. पहले वक्त में बड़ी मानी जाने वाली बैचलर डिग्री आज के जमाने में बेसिक एजुकेशन मानी जाती है. कॉम्पिटिशन के दौर में नौकरी पाने के लिए बैचलर डिग्री भी काफी नहीं मानी जा रही. 

सभी जॉब्स में एडिशनल क्वालीफिकेशन की मांग की जाती है. जिस जगह जॉब करनी है उसी में स्पेशलाइजेशन के लिए शॉर्ट टर्म कोर्स बेहतरीन ऑप्शन है. 

इस कड़ी में जॉब-ओरिएंटेड शॉर्ट टर्म कोर्स या पोस्ट ग्रेजुएशन डिप्लोमा कर सकते हैं. इनकी डिटेल नीचे दी जा रही है. इन कोर्सेज को करने के बाद काफी स्कोप है.

पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन मैनेजमेंट :

(पीजीडीएम) उन शॉर्ट टर्म कोर्सेज में से एक है, जो ग्लोबली मान्यता प्राप्त है. यह एमबीए जैसा है, इसमें स्पेशलाइजन करने के लिए बहुत से ऑप्शन हैं. इसमें बिज़नस एडमिनिस्ट्रेशन, फाइनांस, और बैंकिंग से एचआर तक कोर्स कर सकते हैं. इसे करने के बाद अलग अलग प्रोफाइल्स पर अच्छा पैकेज मिलता है.पीजीडीएम में ऑपरेशंस मैनेजमेंट, इंटरनेशनल बिजनेस, बिज़नस एनेलिटिक्स, फाइनांश, ई- बिज़नस, बिज़नस इंटरप्रिन्योरशिप , बायोटेक्नोलॉजी , रिटेल मैनेजमेंट में कोर्स करना चुन सकते हैं.

बिज़नस अकाउंटिंग एंड टैक्सेशन :

(बैट) कोर्स भी एक बेहद पॉपुलर प्रोफेशनल प्रोग्राम है जिसे ग्रेजुएशन के बाद किया जा सकता है. यह आम तौर पर 6 महीने के कोर्स के तौर पर कराया जाता है. इसमें छात्रों को बिज़नस एकाउंटिंग और टैक्सेशन से संबंधित ऑपरेशंस को संभालने में ट्रेनिंग दी जाती है.

सर्टिफाइड फाइनेंशियल प्लानर :

 ;(सीएफपी) कोर्स भी ग्लोबली जाना जाता है. ये कोर्स एफपीएसबी इंडिया की ओर से ऑफर किया जाता है. इस सर्टिफिकेशन के लिए 6 मॉड्यूल्स के लिए 5 एग्जाम क्वालीफाई करने होते हैं. यह सबसे पसंदीदा शॉर्ट टर्म प्रोफेशनल कोर्सेज में से एक है.

डेटा विज़ुअलाइज़ेशन

 ग्रेजुएशन के बाद ट्रेंडिंग शॉर्ट टर्म प्रोफेशनल कोर्सेज में डेटा विज़ुअलाइज़ेशन महत्वपूर्ण है. व्यापार जगत में नई तकनीकों के आने के साथ डेटा और आईटी उद्योग फलफूल रहा है, इसलिए डेटा विज़ुअलाइज़ेशन में एनएफ। विशेषज्ञता प्राप्त करना निश्चित रूप से आपके करियर को आगे बढ़ाने में मदद करेगा.

शरद पूर्णिमा पर बांग्ला समाज के लोग मनाते हैं लखी पूजा


नयी दिल्ली : बिहार-झारखंड के बंगाली समाज में कोजागरी लक्ष्मी पूजा का आयोजन किया जाता है. इस मौके पर घर-घर मे कोजागरी लक्ष्मी पूजा का आयोजन होता है। शरद पूर्णिमा के दिन विशेष रूप से मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। वहीं बंगाली समुदाय के लोग आज का दिन कोजागरी लखी पूजा के नाम से मनाते हैं। 

शरद पूर्णिमा के दिन बंगाली समाज के लोग मंडप में मां की प्रतिमा स्थापित करते हैं और घर में विशेष पूजा की जाती है। कहा जाता है कि आज की रात मां लक्ष्मी पृथ्वी लोक पर विचरण करती हैं और अपने भक्तों की मनोकामनाओं को पूरा करती हैं। 

इस दिन पूजा करने से मां लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती। ऐसे में चलिए जानते हैं लखी पूजा के बारे में खास और जरूरी बातें...

पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा पर शरद पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है। इस तिथि को देश के अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग नामों से जाना जाता है। इसे कौमुदी उत्सव, कुमार उत्सव, शरदोत्सव, रास पूर्णिमा, कोजागरी पूर्णिमा और कमला पूर्णिमा भी कहते हैं।

बंगाली समुदाय के लोग मनाते हैं लखी पूजा

शरद पूर्णिमा के दिन बंगाली समाज के लोग विधि-विधान से मां लक्ष्मी की पूजा करते हैं, जिसे लखी पूजा भी कहा जाता है। इस दिन मां लक्ष्मी के साथ-साथ नारायण की भी पूजा की जाती है। बंगाली समुदाय के लोग लखी पूजा को पूरे उत्साह के साथ मनाते हैं। घरों में पकवान बनाए जाते हैं। मंदिरों में विशेष पूजा की जाती है।  

क्या है मान्यता?

मान्यता है कि इस रात चंद्रमा कि किरणों से अमृत बरसता है, इसलिए खीर बनाते हैं और शाम को छत पर या खुले में खीर रखकर अगले दिन सुबह उसका सेवन करते हैं। कहा जाता है कि रातभर इसे चांदनी में रखने से इसकी तासीर बदलती है और रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है।

शरद पूर्णिमा, जिसे कोजागरी पूर्णिमा व रास पूर्णिमा भी कहते हैं; हिन्दू पंचांग के अनुसार आश्विन मास की पूर्णिमा को कहते हैं। 

 ;(1) ज्‍योतिष के अनुसार, पूरे वर्ष में केवल इसी दिन चन्द्रमाँ सोलह कलाओं से परिपूर्ण होता है।

[2] हिन्दू धर्म में इस दिन कोजागर व्रत माना गया है। इसी को कौमुदी व्रत भी कहते हैं। इसी दिन श्रीकृष्ण ने महारास रचाया था। 

मान्यता है इस रात्रि को चन्द्रमा की किरणों से अमृत झड़ता है। तभी इस दिन उत्तर भारत में खीर बनाकर रात भर चाँदनी में रखने का विधान है।

शरद पूर्णिमा पर लग रहा है चंद्र ग्रहण का साया, जानें इस बार खीर का भोग लगाएं या नहीं?

नयी दिल्ली : आज शरद पूर्णिमा है, और इस दिन साल का अंतिम चंद्रग्रहण भी लग रहा है. शरद पूर्णिमा के दिन को विशेष माना जाता है, क्योंकि इस दिन, चंद्रमा अपनी 16 कलाओं से परिपूर्ण होता है और अमृत की बरसात करता है. इसलिए इस दिन खीर बनाने और चंद्रमा की रौशनी में रखने की परंपरा सदियों से चली आ रही है.

इस मौके पर, खीर को एक प्रसाद के रूप में भी ग्रहण करने की प्रथा है, ऐसा माना जाता है कि यह आरोग्य को बढ़ावा देता है और चंद्रमा के प्रतिकूल प्रभाव से मुक्ति प्रदान करता है. हालांकि, इस बार शरद पूर्णिमा के साथ चंद्र ग्रहण भी होने वाला है, जिससे दुविधा की स्थिति पैदा हो रही है.

चंद्रग्रहण मेष राशि में लगने जा रहा है. मंत्रालय के वैदिक पाठशाला के पंडित राजा आचार्य द्वारा बताया गया है कि चंद्रग्रहण मेष राशि में लगने वाला है. इस दिन शरद पूर्णिमा भी मनाई जाती है, और शरद पूर्णिमा के दिन खीर बनाने का विशेष महत्व होता है. खीर बनाने से पहले,आप जो दूध लाते हैं, उसे सूतक शुरू होने से पहले तुलसी के पत्ते डालकर रख दें.चंद्रग्रहण से पहले, यानी सूतक काल में, अगर आप खीर को चंद्रमा की रौशनी में रखते हैं, तो ध्यान दें कि आप उसे इतनी ही बनाएं. जो ग्रहण शुरु होने से पहले खत्म हो जाए, क्योंकि ग्रहण शुरु होने के बाद वह दूषित हो जाएगी. शरद पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण का अड़ंगा, दान करें ये 5 फल, चंद्र दोष होगा दूर

सूतक काल का यह है समय :

उन्होंने बताया कि सूतक काल के पहले ही खीर बनाकर मंदिर या देवता स्थल पर रखें और भगवान को भोग लगाएं. ग्रहण काल में कोई भी खाद्य पदार्थ में दोष लग जाता है, इसलिए उसका सेवन नहीं करना चाहिए. ऐसी स्थिति में सूतक काल के पहले, उसका सेवन कर लेना चाहिए. 

चंद्र ग्रहण का सूतक 28 अक्टूबर के शाम को 4 बजकर 5 मिनट से प्रारंभ हो जाएगा, जबकि ग्रहण रात्रि 01:05 बजे से प्रारंभ होगा और मोक्ष रात 02.23 बजे होगा.

जानिए क्या है महत्व :

शरद पूर्णिमा की रात को चंद्रमा की रोशनी का विशेष महत्व है, और कहा जाता है कि इस दिन चंद्रमा की रोशनी में कुछ खास तत्व मौजूद होते हैं, जो हमारे शरीर के लिए शुद्ध और सकारात्मक होते हैं. इस दिन, चंद्रमा पृथ्वी के बेहद करीब होता है, जिससे चंद्रमा की रोशनी का पॉजिटिव प्रभाव पृथ्वी पर पड़ता है. 

आर्थिक संपदा के लिए शरद पूर्णिमा को रात्रि जागरण का विधान शास्त्रों में बताया गया है, और इसी कारण को-जागृति या कोजागरा की रात भी कही जाती है. को-जागृति और कोजागरा का अर्थ होता है कि कौन जाग रहा है, और यह एक महत्वपूर्ण पूजा और जागरण की रात होती है.