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औरंगाबाद मशहूर चिकिसक स्व. डॉ. उदय कुमार पासवान की प्रथम पुण्यतिथि मनाई गई,प्रमोद सिंह ने कहा बड़े ही नेक दिल के इंसान थे डॉक्टर उदय पासवान


 औरंगाबाद सदर प्रखंड के उन्थु गांव में सोमवार को इलाके के मशहूर चिकिसक स्व. डॉ. उदय कुमार पासवान की प्रथम पुण्यतिथि मनाई गई।

इस मौके पर विधानसभा चुनाव में रफीगंज से प्रत्याशी रहे लोजपा(रामविलास) के प्रदेश महासचिव प्रमोद सिंह ने स्व. पासवान की प्रतिमा का अनावरण किया। इस दौरान औरंगाबाद शहर के प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ. जन्मेजय कुमार, पूर्व जिला पार्षद अजय पासवान, दिवंगत चिकित्सक के पुत्र डॉ. चंदन कुमार, फिजियोथेरेपिस्ट डॉ. सूरज कुमार, बली सिंह, विपिन कुमार सिंह, देशबंधु पासवान, संजय ठाकुर एवं सैकड़ों ग्रामीण मौजूद रहे।

प्रतिमा अनावरण के बाद एलजेपीआर नेता प्रमोद सिंह ने कहा कि कोरोना काल में जब नामचीन चिकित्सकों ने अपने क्लीनिक व अस्पताल बंद कर दिए थे, उस वक्त डॉ. पासवान लॉकडाउन में गांव-गांव घूम कर मरीजों की सेवा में लगे रहे। उन्होने सैकड़ों मरीजों की जान बचाई। उनकी समाज में अलग पहचान थी।

आज वें हमारे बीच नही है लेकिन उनकी यादें हमारे पास है। अविस्मरणीय कार्यों को लेकर वें सदैव आदर के साथ याद किए जाते रहेंगे। उन्हे इस बात की खुशी है कि उनके पुत्र डॉ. चंदन कुमार अपने पिता के पथ पर चलते हुए पीड़ित मानवता की सेवा में लगे हुए है। डॉ. चंदन भी अपने पिता के समान ही योग्य चिकित्सक है। पिता के निधन के बाद उन्होने इलाके को अपने पिता की कमी नही अखरने दी और वें दिन रात पीड़ित मानवता की सेवा में तत्पर रहते है। वही डॉ. जन्मेजय कुमार ने कहा कि स्व. डॉ. पासवान मृदुल स्वभाव वाले चिकित्सक थे।

उनसे उनका पारिवारिक संबंध रहा है। आज भी है और आगे भी ये संबंध बने रहेंगे। कहा कि डॉ. पासवान महज डॉक्टर नही बल्कि जन चिकित्सक थे। इसी वजह से वें इस इलाकें में जन जन में लोकप्रिय थे। इलाके में उनकी लोकप्रियता आज भी सर चढ़कर बोलती है। उनके प्रति हमारी गहरी श्रद्धा है। उन्हे उनके कार्यों को लेकर सदैव याद किया जाता रहेगा।

जिलाधिकारी तकनीकी विभागों के कार्यों और कार्य प्रगति की समीक्षा की, 4 पदाधिकारी से स्पष्टीकरण की मांग करते हुए एक दिन का वेतन बंद करने का दिया

औरंगाबाद : जिला पदाधिकारी श्रीकांत शास्त्री की अध्यक्षता में आज तकनीकी विभागों की समीक्षा बैठक की गई। इस बैठक में अनेक विभागों से उनके कार्यों एवं कार्य के प्रति प्रगति की समीक्षा की गई। तकनीकी समीक्षा बैठक में चार पदाधिकारी का स्पष्टीकरण एवं एक दिन का वेतन बंद किया गया। 

बैठक में पीएचडी विभाग को काम नहीं कर रहे नल–जल योजना के अंतर्गत बंद परियोजना को ठीक करने का निर्देश दिया गया। एनएच औरंगाबाद में पुनपुन ब्रिज पर एक सप्ताह के भीतर कार्य पूरा करने का निर्देश दिया गया। पीबीएमसी द्वारा 67 किलोमीटर रोड खराब होने होने की सूचना दी गई है। जिसे छठ पर्व के पूर्व कार्य पूरा करने का निर्देश दिया गया।

एलईओ द्वारा दाउदनगर, ओबरा, कुटुंब, देव के पंचायत सरकार भवन निर्माण में हो रहे समस्या पर समीक्षा की गई। मुख्यमंत्री खेल योजना अंतर्गत एवं पशु चिकित्सा भवन निर्माण की समीक्षा की गई। 

आगामी देव छठ पर्व के कार्य की कार्यवाही की मांग जिला पदाधिकारी द्वारा कार्यपालक अभियंता औरंगाबाद से की गई है। ट्रांसमीटिंग का कार्य पूरा होने का लगभग समय सीमा नवीनगर में नवंबर तक, दाउदनगर में अप्रैल तक पूरा होने का आश्वासन कार्यपालक अभियंता द्वारा दिया गया है। 

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

बैरिया पहुंच मृतक के परिजनों से मिले नबीनगर के पूर्व विधायक विरेन्द्र सिंह, दिया सांत्वाना

औरंगाबाद - जदयू के पूर्व विधायक बीरेन्द्र कुमार सिंह ने बैरिया गांव पहुंचे और मृतक के परिजन से मिलकर सांत्वना दिया। मालूम हो कि बैरिया गांव निवासी मिथलेश चौरसिया का पुत्र मिंशु कुमार का पुनपुन नदी में डूब कर हो गया था। जिसकी सूचना पाकर पूर्व विधायक ने गांव पहुंचकर मृतक के परिजनों से मुलाकात की तथा इस दुख की घड़ी में सांत्वना दिया। 

उन्होंने कहा कि मौत को टाला नहीं जा सकता। लेकिन भगवान ने जो दुख दिया है इसको सहन करने के शक्ति आपको प्रदान करें। उन्होंने भगवान से मृत आत्मा की शांति के लिए की ।तथा कहा कि आप लोग धैर्य बनाकर रखें ताकि इस दुख को सहन कर सके। 

उन्होंने कहा कि हमारी कहीं भी अगर जरूरत पड़े तो आप लोग बेहिचक बताएंगे। हम आप लोग के मदद के लिए हमेशा तैयार रहेंगे।  

इस मौके पर जदयू मुख्य प्रवक्ता औरंगाबाद सह सांसद प्रतिनिधि काराकाट राजीव रंजन सिंह उर्फ राजा बाबू, जदयू प्रखंड अध्यक्ष नबीनगर कमलेश कुमार सिंह, जदयू जिला उपाध्यक्ष सूर्यवंश सिंह,जदयू जिला उपाध्यक्ष सुरेंद्र कुमार सिंह किसान प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष बृजमोहन मेहता, जदयू नेता रणजीत सिंह, शिव शंकर सिंह एवं ग्रामीण मौजूद रहे सहित कई ग्रामीण मौजूद थे।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने किसान शंखनाद आंदोलन सभा को किया संबोधित, राज्य सरकार को दिया यह अल्टीमेटम

औरंगाबाद - भारतीय किसान यूनियन(भाकियू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने बिहार सरकार को राज्य में मंडी सिस्टम को पुर्नबहाल करने और भारतमाला प्रोजेक्ट के लिए भूमि अधिग्रहण का उचित मुआवजा तय करने को लेकर अल्टीमेटम दिया है। 

टिकैत ने सोमवार को यहां के गांधी मैदान में किसान संघर्ष समिति द्वारा आयोजित किसान शंखनाद आंदोलन सभा को संबोधित करते हुए कहा कि 2006 में नीतीश कुमार ने बिहार में कृषि उत्पादन बाजार समितियों को खत्म कर राज्य में मंडी सिस्टम को समाप्त कर दिया। इससे किसानों के लिए उपज की बिक्री की व्यवस्था बाजार के हवाले हो गई और राज्य के किसान बर्बादी के कगार पर आ गए। 

कहा कि जब हम 13 माह तक आंदोलन कर केंद्र सरकार को तीन काले कृषि कानूनों को वापस लेने पर मजबूर कर सकते है तो यहां के किसानों के सहयोग से राज्य में मंडी सिस्टम को पुर्नबहाल करने पर मजबूर कर ही दम लेंगे। 

उन्होने कहा कि दीपावली के बाद और छठ के पहले वें फिर बिहार आएंगे। 40 किसान संगठनों के संयुक्त किसान मोर्चा(एसकेएम) की मीटिंग पटना में ही होगी। मीटिंग में सूर्य नगरी(औरंगाबाद) में बिना उचित मुआवजा दिए भारतमाला प्रोजेक्ट के लिए भूमि अधिग्रहण, मंडी व्यवस्था बहाल करने, जमीनों की सरकारी लूट पर रोक लगाने और राज्य सरकार द्वारा केंद्र को एमएसपी गारंटी कानून बनाने के लिए ज्ञापन देने को लेकर आंदोलन की रणनीति तय होगी और बड़ा आंदोलन होगा। एसकेएम की मीटिंग होगी तो राज्य में हलचल होगी। 

राकेश टिकैत ने कहा कि इसके पहले वें राज्य सरकार को सीधा अल्टीमेटम देते है कि मुख्यमंत्री दिसंबर 2023 तक राज्य में मंडी व्यवस्था को फिर से बहाल करे अन्यथा नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री का चेहरा नही बनने देंगे। बिहार से बाहर नही निकलने देंगे। औरंगाबाद से लेकर पटना तक ऐसा आंदोलन करेंगे कि सर्दी के मौसम में भी गर्मी का अहसास होगा। 

कहा कि आंदोलन पूरी तरह शांतिपूर्ण और चरणवार होगा। पहले चरण में किसान अपने अपने जिले के डीएम को ज्ञापन देंगे। दूसरे चरण में तीन घंटे के लिए अपने अपने गांवों की सड़कों पर बैठेंगे। तीसरे चरण में चिन्हित हाइवे पर आंदोलन होगा। चौथे चरण में किसान जीटी रोड समेत सभी हाइवे पर ट्रैक्टर लेकर उतरेंगे। इसके बाद यह आंदोलन तबतक जारी रहेगा जबतक कि सरकार किसानों की सभी मांगे मांगें नही लेती। कहा कि नीतीश कुमार के साथ उनकी उठ बैठ होती है। इसके बावजूद किसानों के हक अधिकार को छीने जाने के शर्त पर उनसे कोई समझौता करने को तैयार नही है। 

पंजाब में किसानों की उपज का 30 प्रतिशत एमएसपी पर खरीद होती है जबकि बिहार में मात्र तीन प्रतिशत खरीद होती है। हकीकत यह है कि बिहार से उपजा हुआ धान व्यापारियों के माध्यम से पंजाब जाता है और वहां सरकार को इसकी बिक्री किसानों के नाम पर की जाती है। कहा कि भारतमाला प्रोजेक्ट के लिए भूमि अधिग्रहण के मुआवजा दर में भेदभाव है। इसके लिए आंदोलन नही हुआ है। आंदोलन हुआ तो किसानों को सही मुआवजा देना ही होगा। 

वही सभा को संबोधित करते हुए बिहार सरकार के पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने राज्य सरकार पर सीधा निशाना साधते हुए कहा कि राज्य में 18 साल से जिसके हाथ में सत्ता है, वह किसानों का गुनहगार है। कहा कि सरकार का भूमि अधिग्रहण का पैमाना गलत है। किसान जब अपने लिए छोटी जोत की जमीन खरीदता है तो सरकार उसकी रजिस्ट्री का चार्ज आवासीय दर पर करती है लेकिन किसी प्रोजेक्ट के लिए सरकार जब जमीन अधिग्रहण करती है तो उसी जमीन को कृषि भूमि मानती है। यह दोहरी नीति है। 

सुधाकर सिंह ने कहा कि चौसा में आंदोलन हुआ तो 17 से बढ़ाकर 28 लाख प्रति हेक्टेयर के दर से मुआवजा मिला। यहां भी आंदोलन होगा तो नबीनगर से दोगुना दर पर मुआवजा मिलेगा। आंदोलन कीजिएं राकेश टिकैत आपके साथ है।नबीनगर किसान मोर्चा के अध्यक्ष रमा पाण्डेय, सहित कई नेता मौजूद थे। 

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

औरंगाबाद पुलिस को मिली बड़ी कामयाबी, अवैध हथियारों के एक बड़े सौदागर को किया गिरफ्तार

औरंगाबाद – जिले की पुलिस को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। पुलिस ने अवैध हथियारों के एक बड़े सौदागर को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने अवैध हथियार कारोबारी से 700 जिंदा कारतूस और हथियार बरामद किए है। साथ ही एक निशान कार भी जब्त किया गया है। गिरफ्तार हथियार कारोबारी धनंजय कुमार ओबरा थाना के मखरा गांव का निवासी है। 

खुफिया इनपुट पर कार्रवाई में मिली सफलता- 

पुलिस कप्तान स्वपना गौतम मेश्राम ने सोमवार को दोपहर प्रेसवार्ता में बताया कि खुफिया इनपुट मिला कि एक अवैध हथियारों का सौदागर अरवल से असलहों की खेप लेकर कार से झारखंड की राजधानी रांची जा रहा है। इनपुट मिलते ही उन्होने औरंगाबाद के अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी(एसडीपीओ) अमानुल्लाह खां को क्विक एक्शन का निर्देश दिया। निशान कार से कारतूस व असलहा बरामद-निर्देश मिलते ही सदर एसडीपीओ ने औरंगाबाद नगर थानाध्यक्ष पंकज सैनी के साथ त्वरित कार्रवाई करते हुए शहर में बाइपास ओवरब्रीज के पास चेक नाका लगाकर सघन वाहन चेकिंग शुरू किया। 

वाहन जांच अभियान के दौरान ही जसोईया मोड़ के तरफ से आ रहे एक निशान ब्रांड की कार की जांच में वाहन बैठे चालक के कमर से 7.65 एमएम का मैगजीन लोडेड विदेशी पिस्टल तथा वाहन से 700 जिंदा कारतूस बरामद किया गया।   

ये सामान हुए बरामद- 

बरामद सामानों में मैगजीन लोडेड एक विदेशी पिस्टल, 7.65 एमएम का 600 और 7.62 एमएम का 100 जिंदा कारतूस, 7.65 एमएम का एक मैगजीन, 24 हजार नगदी, दो मोबाईल एवं एक निशान कार शामिल है। 

गिरफ्तार हथियार कारोबारी पहले भी जा चुका है जेल-

एसपी ने बताया कि मामले में अवैध आग्नेयास्त्र रखने के आरोप में औरंगाबाद नगर थाना में भादंवि. की धारा-25(1-बी) ए, 26/35 आर्म्स एक्ट के तहत कांड सं.-722/23 दर्ज किया गया है। मामले में कार चालक ओबरा थाना के मखरा निवासी धनंजय कुमार को अवैध हथियार कारोबारी मानते हुए नामजद आरोपी बनाया गया है और उसे गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया है। गिरफ्तारी के बाद अवैध हथियार कारोबारी ने पुलिस के समक्ष स्वीकार किया कि वर्ष 2009 में वह पटना जिले में अवैध हथियार रखने के मामले में जेल जा चुका है। 

पुलिस की छापेमार टीम में ये रहे शामिल-

पुलिस के छापेमार दल में औरंगाबाद नगर थानाध्यक्ष पंकज कुमार सैनी, पुलिस जिला आसूचना इकाई के प्रभारी रामइकबाल यादव, स्पेशल टास्क फोर्स(एसटीएफ) की एमएलजी-1 टीम के पुलिस अवर निरीक्षक संतोष कुमार सिंह, बैजनाथ कुमार, जेसी. अभ्यानंद कुमार, चंदन कुमार, हुलास कुमार, जिला आसूचना इकाई के सिपाही भवेश कुमार चौधरी, आनंद राज एवं राहुल कुमार शामिल रहे।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

जिलाधिकारी ने देव प्रखण्ड के रामपुर बरण्डा में उद्यान विभाग के योजनाओं का किया निरीक्षण

औरंगाबाद : आज दिनांक 08.10.2023 को देव प्रखण्ड, दुलारे पंचायत, ग्राम-तेन्दुई सरौरा एवं बारा में जिला पदाधिकारी श्री श्रीकांत शास्त्री (भा॰प्र॰से॰) के द्वारा देव प्रखण्ड के रामपुर बरण्डा में उद्यान विभाग के योजनाओं का निरीक्षण किया। जिसमें उन्होने अमरूद की नवीनतम् प्रभेद (रेड ताईवान, भी.एन.आर.-वीही पपीता-रेड लेडी, इत्यादी) उद्यानिक फसल को देखकर प्रसन्नता जाहिर की। 

कृषकों के द्वारा सामूहिक रूप से परती एवं बेकार पड़े भुमि पर लगभग 150 एकड़ भूमि लिज/पट्टा पर लेकर कृषक समूह बनाकर उद्यानिक फसलों की खेती कर रहें है। सर्वप्रथम जिला उद्यान पदाधिकारी, डा॰ श्रीकांत उद्यान विभाग की योजनाओं से जिला पदाधिकारी को अवगत कराया गया। कृषको को प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजनान्तर्गत् सामूहिक नल-कूप के साथ ड्रिप सिंचाई पद्धति का लगभग 250 एकड़ में अधिष्ठापन 90 प्रतिषत अनुदान पर किया गया है। तत्पष्चात् ही यह अमरूद, पपीता, मौसमी एवं अन्य उद्यानिक फसलों को करना संभव हुआ। 

कृषकों के द्वारा लगभग 55 एकड़ में ताईवानी रेड पिंक अमरूद की खेती, 10 एकड़ में मौसमी की खेती, रेड लेडी पपीता एवं अन्य उद्यानिक फसल जैसे कटहल, जामुन, चिकू, की खेती कर रहें है। साथ ही 50 एकड़ में सब्जी की ख्ेाती आधुनिक तरिके से टपक सिंचाई विधि (ड्रिप) के द्वारा हो रहा है। उद्यानिक फसलों को जिला पदाधिकारी महोदय के द्वारा देख कर एवं किसानों से वार्तालाप कर बहुत उत्साहित हुए एवं प्रसंषा किये। 

कृषकों से वार्तालाप करने पर पपीता की खेती करने के पश्चात् बिक्री की समस्या होने पर उसे प्रसंस्कृत कर मुल्य संवर्धन करने का सलाह दिया गया साथ ही प्रसंस्करण यूनिट लगाकर उसे मूल्य सवंर्धित किया जाय जिससे किसानों के उत्पादों को उचित मूल्य स्थानिय बाजार/अन्य बाजारों में विपणन कर अच्छा मुनाफा हो सकें। 

कृषकों के द्वारा बताया गया कि इस पहाड़ी इलाके में बेकार जमीन को ड्रिप सिंचाई पद्धति के माध्यम से ही उद्यानिक फसलों की खेती संम्भव हो सका, जिसमें जिला उद्यान कार्यालय का अहम भुमिका रहा। इस पहाड़ी इलाके में कृषकों के द्वारा इस तरह की व्यवसायिक खेती कर अधिक से अधिक मुनाफा अर्जित कर रहे है। 

जिला पदाधिकारी के द्वारा जिला कृषि पदाधिकारी को कहा गया कि आत्मा के द्वारा इन कृषकों को जैम, जेली, मुरब्बा बनाने की प्रषिक्षण की व्यवस्था की जाय, कृषि टास्क फोर्स की बैठक में उद्योग विभाग के पदाधिकारी एवं कार्यापालक अभियंता विधुत को भी बुलाया जाय जिससे किसानों को सिंचाई हेतु विधुत कनेक्सन एवं उद्योग विभाग से प्रसंस्करण उद्योग लगाने हेतु वित्तीय सहायता किसानों को मिल सकें। जिला पदाधिकारी के क्षेत्र भ्रमण से किसानों में उद्यानिक फसलों के प्रति काफी उत्साह हैं। किसानों के द्वारा आगे भी उद्यानिक फसलों को बढ़ावा देने को अभिरूची जाहिर की गई। 

इस अवसर पर उद्यान विभाग के सहायक निदेषक उद्यान डाॅ॰ श्रीकांत, जिला कृषि पदाधिकारी, श्री रामेष्वर प्रसाद, प्रखण्ड उद्यान पदाधिकारी, देव, कृषि समन्वयक , श्री मोहन कुमार, कृषक सत्येन्द्र मेहता, अविनाष कुमार, धंजनय कुमार, एवं अन्य कृषक उपस्थित थे।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

पूर्व केन्द्रीय मंत्री स्वर्गीय रामविलास पासवान की पुण्य तिथि पर उनके पैतृक लोजपा के प्रदेश महासचिव प्रमोद कुमार सिंह, प्रतिमा पर माल्यार्पण कर अर्पित किए श्रद्धा सुमन


औरंगाबाद : आज खगड़िया जिला के शहरब्बनी में लोजपा के संस्थापक व पूर्व केन्द्रीय मंत्री स्वर्गीय रामविलास पासवान की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि देते हुए लोजपा के प्रदेश महासचिव प्रमोद कुमार सिंह ने उनके चलचित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए।  

उन्होंने कहा कि स्वर्गीय रामविलास पासवान आज भी अमर हैं। उन्होंने गरीब वर्ग के लिए लड़ाई शोषित वंचित समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति के लिए भी संसद में आवाज़ उठाएं जो आज भी याद रहेगा और गरीब स्वर्ण के आरक्षण के लिए भी संसद में आवाज़ उठाएं वह भी आज याद रहेगा।  

समाज में हर एक व्यक्ति के लिए लड़ाई लड़ने का काम हमारे राजनीतिक गुरु स्वर्गीय रामविलास पासवान ने संसद में किया। उनकी मूर्ति औरंगाबाद में मैं लगाऊंगा और लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान के हाथों से उद्घाटन कराऊंगा। 

इस मौके पर उनके साथ प्रदेश सचिव अनूप ठाकुर प्रदेश प्रदेश सचिव सरवन पासवान पूर्व जिला परिषद अजय पासवान विपिन सिंह आदि लोग औरंगाबाद से गए और स्वर्गीय़ रामविलास पासवान की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित की। 

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

हाइटेंशन तार के संपर्क में आने से दो व्यक्ति की मौत, परिवार मे मचा कोहराम

औरंगाबाद – जिले के गोह प्रखंड के नियामतपुर गांव एवं भिमलीचक गांव में हाईटेंशन तार की चपेट में आकर दो अधेड़ की मौत हो गई। हादसा बिजली विभाग की लापरवाही से हुआ। 

घटना के बारे में बताया जाता है मृतक नियामतपुर गांव निवासी देवलाल यादव उम्र 55 वर्ष, शनिवार की संध्या अपने रिश्तेदार के घर से अपने गांव आ रहे थे जैसे ही गांव के समीप पहुंचे तो पहले से ही जर्जर होकर गिरे हाइवोल्टेज बिजली तार के संपर्क में आने से मौत हो गई। 

सूचना पर पहुंचे गोह थाने के एसआई लाल साहब तिवारी ने कागज़ी प्रक्रिया पुरी कर शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम हेतु सदर अस्पताल औरंगाबाद भेज परिजनों को सौंप दिया है। 

वहीं दूसरी घटना प्रखंड के देवकुंड थाना के भिमलीचक गांव की है जहां रविवार की सुबह शौच के लिए निकले किसान उमाशंकर सिंह उम्र 45 वर्ष की मौत पूर्व से जर्जर होकर गिरे हाइटेंशन तार के संपर्क में आने से मौत हो गई। ग्रामीणों ने आनन-फानन में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गोह लाया जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। 

देवकुंड थानाध्यक्ष शिशुपाल कुमार ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम हेतु सदर अस्पताल औरंगाबाद भेज परिजनों को सौंप दिया है। मृतक के परिजनों का रो-रो कर हाल बेहाल है।

गोह से गौतम कुमार

मातम में बदली जितिया व्रत की खुशियां : सोन नदी में नहाने और सेल्फी लेने के दौरान पांच लड़कियां डूबी, किसी की नहीं मिली है अबतक बॉडी

भोजपुर : बिहार के भोजपुर जिले से एक बड़ी खबर सामने आई है। जहां जितिया व्रत की खुशियां दो अलग -अलग परिवारों में मातम में बदल गई। 

दरअसल भोजपुर जिले के चांदी थाना क्षेत्र के बहियारा घाट पर सोन नदी के किनारे जितिया व्रत के दौरान नहाने और सेल्फी लेने के क्रम में पांच लड़कियां या महिलाएं पानी में डूब गई। इस घटना के बाद घाट के पास सैकड़ों लोग घटना स्थल पर पहुंच गए। काफी देर तक गांव के लोगों के द्वारा घाट के आस पास खोजबीन किया गया। लेकिन लड़कियों का कोई पता नहीं चल पाया है। जिसके बाद इसकी सूचना चांदी थाना पुलिस को दी गई। 

घटना की सूचना मिलने के बाद चांदी थाना की पुलिस घटनास्थल पर पहुंची। उसके बाद स्थानीय पुलिस ने घटना की सूचना जिला प्रशासन को दिया। वहीं रात होने की वजह से एसडीआरएफ की टीम के द्वारा खोजबीन नहीं की जा रही है। लेकिन सुबह होते ही एसडीआरएफ की टीम घटनास्थल पर पहुंचकर सभी लड़कियों को ढूंढने की कोशिश करेगी। 

जानकारी के मुताबिक डूबने वालों में कोइलवर थाना क्षेत्र के नारायणपुर गांव निवासी ऋषभ कुमार की 20 वर्षीय पत्नी अनिता कुमारी, उदवंतनगर थाना क्षेत्र के मिल्की गांव निवासी दशरथ यादव की 18 वर्षीय पुत्री निशा कुमारी, चांदी थाना क्षेत्र अंतर्गत चांदी गांव निवासी चितरंजन वर्मा की 15 वर्षीय पुत्री सुमन कुमारी और चंद्रावती कुमारी इसके साथ चांदी थाना क्षेत्र के चांदी गांव के निवासी देवेंद्र वर्मा की 20 वर्षीय पुत्री अंजली कुमार है। 

अंजली कुमारी, सुमन कुमारी और चंद्रावती कुमारी आपस में चचेरी बहन है और निशा कुमारी और अनिता कुमारी आपस में ममेरी बहन है। जानकारी के मुताबिक सुमन कुमारी नौवीं, चंद्रावती कुमारी मैट्रिक पास और अंजली स्नातक की छात्रा है।

धीरेन्द्र पांडेय की रिपोर्ट

औरंगाबाद के दाउदनगर का जिउतिया पर्व प्रसिद्धि के मामले में किसी से कमतर नहीं

औरंगाबाद जैसे दिल्ली की दीवाली, कोलकाता की दशहरा, मुंबई का गणेशोत्सव, पुरी की रथयात्रा एवं केरल का ओनम विश्व प्रसिद्ध है, वैसे ही बिहार के औरंगाबाद के दाउदनगर का जिउतिया पर्व भी प्रसिद्धि के मामले में कमतर नहीं है। यह बात अलग है कि दाउदनगर के जिउतिया को प्रसिद्धि की उंच्चाइयों तक पहुंचाने का कभी भी किसी भी स्तर से पूरे मनोयोग से प्रयास नहीं किया गया।

 अन्यथा यहां की जिउतियां भी जगत प्रसिद्ध होती और देश विदेश के लोग जिउतिया के मौके पर दिखाए जाने वाले साहसिक, रोमांचक और हैरतअंगेज करतबों को देखने जरूर आया करते। दाउदनगर का जिउतियां देशभर में संतानो के दीर्घायु होने की कामना को लेकर महिलाओं द्वारा किये जाने वाले कामना व्रत जीवित्पुत्रिका व्रत का ही अंग है लेकिन यहां जिउतियां व्रत के पहले पिछले 9 दिनों में जो खास साहसिक, रोमांचक और हैरतअंगेज करतब प्रस्तुत किये जाते हैं, वे ही इस पर्व को अनूठापन प्रदान करते है और खास बनाते है।  

औरंगाबाद जिला मुख्यालय से 32 किलोमीटर की दूरी पर मुगल शासक औरंगजेब के सिपहसालार दाउद खां द्वारा बसाए गए दाउदनगर शहर में जिउतिया पर्व के आरंभ के बारे में कोई लिखित प्रमाण तो उपलब्ध नहीं है लेकिन जनश्रुतियों एवं लोक कथाओं के अनुसार यहां की जिउतियां अत्यंत प्राचीन है। जनश्रुतियों के अनुसार डेढ़ सौ साल से अधिक समय पहले दाउदनगर शहर को प्लेग जैसी भयंकर बीमारी ने अपने आगोश में ले रखा था। 

बड़ी संख्या में लोगों के मौत के मुंह में समा जाने से पूरा शहर मृतकों से पट गया था। इस विकट परिस्थिति से छुटकारा पाने के अनेको तरह के प्रयास किए गए लेकिन सुधार के कोई लक्षण नहीं दिखे। तब तत्कालीन समाज के प्रबुद्धों ने इसे देवी का प्रकोप माना और प्रकोप से शांति के लिए दक्षिण भारत के पुजारियों एवं गुणियों से संपर्क साधा। वहां से आए पुजारियों एवं गुणियों ने इसे बम्मा देवी का प्रकोप बताया। देवी के गुस्से से शहर को निजात दिलाने के लिए जगह-जगह प्रतिमाएं स्थापित कर विधि विधान से पूजा अर्चना की गई। यह पूजा करीब एक माह तक चली। देवी का प्रकोप शांत हुआ। लोगों ने चैन की सांस ली। तब से आजतक शहरवासियों द्वारा इसे पूरे विधि विधान के साथ मनाने की परंपरा चली आ रही है।

 चूंकि बम्मा देवी की पूजा-अर्चना का समय जिउतियां के ईर्द-गिर्द ही पड़ा था। इसी वजह से इसका प्रचलन दिन-प्रतिदिन बढ़ता गया गया और कालांतर में इसने एक पर्व का रूप धारण कर लिया। पर्व की शुरूआत के बारे में दाउदनगर के जिउतियां कलाकारों द्वारा गाये जाने वाले गीत के बोल-‘‘आश्विन अंधेरिया दूज रहे, संवत 1917 के साल रे जिउतियां, अरे धनभाग रे जिउतियां जे रोपे ले हरिचरण, तुलसी, दमड़ी जुगुल, रंगलाल रे जिउतियां, अरे धनभाग रे जिउतिया’’ में भी इसकी प्राचीनता की झलक मिलती है। पर्व का आरंभ भी कलाकारों द्वारा इसी गीत को गाकर किया जाता है। 

गीत के मुखड़ों से यह स्पष्ट है कि इस क्षेत्र के हरिचरण, तुलसी, दमड़ी, जुगुल और नंदलाल नाम के चार प्रबुद्धों द्वारा आश्विन कृष्णपक्ष की द्वितीया तिथि के दिन विक्रम संवत 1917 को इसकी आधारशिला रखी गयी और तब से यह पर्व दाउदनगर में अनूठे रूप मे मनाया जाने लगा। इस अवसर पर लोक कलाकारो द्वारा लोकनृत्य की हर विधा का प्रदर्शन पर्व के दौरान किया जाता है। यहां कलाकारों के कला प्रदर्शन के लिए कोई रंगमंच नहीं होता बल्कि शहर के नुक्कड़, गली और पूरे शहर की सड़कें ही रंगमंच बन जाती है। इस बार के जिउतियां पर भी यह सब देखते ही बन रही है। 

दाउदनगर की जिउतियां की यह प्रमुख विशेषता है कि इसके माध्यम से विलुप्त होती सांस्कृतिक परंपरा को स्वांग के रूप में जीवित रखा जा रहा है। इस विधा के तहत कलाकार दम-दमाड़ एवं मुड़ीकटवा का स्वांग रचते हैं जिसे देखना अपने आप में एक अनोखा अनुभव है।

 जिउतियां पर दाउदनगर शहर की सड़कों, गलियों एवं नुक्कड़ों पर कलाकारों द्वारा राजा-रानी, चुड़ैल, भूतनी, डाकिनी, राम-लक्ष्मण, राधा-कृष्ण एवं अनेक प्रकार के वेशधारी बहुरूपिए नजर दिखते है। ये आज भी दिख रहे है। विरासत में मिली इस संस्कृति के अलावा इस मौके पर तलवारबाजी, खेल-तमाशा, झाकियां, नौटकी, लोकनृत्य का सफल मंचन भी पर्व को विशिष्टता प्रदान करती है।

 

इस दौरान दम-दमाड़ के कलाकारों के हैरत अंगेज कारनामों से दर्शक दंग रह जाते हैं। इन कलाकारों के द्वारा गर्म तप्त लोहे की लपलपाती जंजीर को नंगे हाथों से दुहना, दांतों से गर्म तप्त लोहे के पिंड को उठाना एवं शरीर के विभिन्न हिस्सों में सुई, त्रिशूल को आर-पार करना दर्शकों को रोमांचित कर देता है। ऐसी तस्वीरें आज दाउदनगर की सड़कों पर दिख रही है।

 जिउतियां की रात में जब डाकिनी सड़क पर उतरेगी तो, उसके रूप को देखकर और मुंह से आती हिंसक आवाज को सुनकर रूह कांप उठती है। रोंगटे खड़े हो जाते है। सांसे थमती सी महसूस होती है और कमजोर दिल वाले बेहोश हो जाते है। ऐसा नजारा आज रात भी दाउदनगर में दिखेगा।

दाउदनगर शहर को अनचाहे प्रकोप से बचाने के लिए आरंभ किया गया यह पर्व आज यहां की लोक संस्कृति का एक अहम हिस्सा बन चुका है। यही कारण है कि देश-विदेश में दाउदनगर ही एक ऐसा इकलौता शहर है, जहां जिउतियां के पर्व को निराले और अनूठे अंदाज में मनाया जाता है।