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गोरखपुर की जनता के साथ रवि किशन ने देखा “मिशन रानीगंज” का प्रीमियर शो, अनुभव भी किया साझा

गोरखपुर- सांसद रवि किशन ने शनिवार को गोरखपुर में मिडियाकर्मियों व आम जनता के साथ खुद की मूवी मिशन रानीगंज का प्रीमियर शो देखा। इस दौरान पूरा थिएटर फुल दिखा। लोग अपने सांसद की मूवी उनके साथ देख उत्साहित दिखे। इस दौरान सांसद रवि किशन ने फिल्म की कई विशेषताएं लोगों से साझा की एंव शूटिंग के अनुभव भी बताए। रवि किशन इस फिल्म में मुख्य किरदार में नजर आए हैं।

सांसद रवि किशन ने कहा कि यह मूवी अन्य फिल्मों से बिल्कुल अलग है। यह एक मार्मिक व सच्ची घटना पर बनाई गयी है, जो कोयला खदान में काम करने वाले लोगों के भावुक पलों को बेहतर ढ़ग से दिखाने का काम किया है। मिशन रानीगंज की कहानी है कि कैसे अतिरिक्त मुख्य खनन अभियंता जसवन्त सिंह गिल (अक्षय कुमार) अपनी टीम के साथ 1989 में पश्चिम बंगाल के रानीगंज में एक बाढ़ग्रस्त कोयला खदान से 65 खदान श्रमिकों को निकालते हैं। यह एक बहादुर की कहानी है खनिकों को तब बचाया जब लगभग सभी ने अपने जीवित रहने के बारे में सोचना छोड़ दिया था। तीन दिनों तक चलने वाले बचाव अभियान के दौरान, गिल और उनकी टीम को कई चुनौतियों और बाधाओं का सामना करना पड़ता है, लेकिन अंततः वे अपने मिशन में सफल होते हैं, जिससे यह देश के सबसे महान और गंभीर बचाव अभियानों में से एक बन जाता है।

फिल्म रानीगंज में अक्षय कुमार, परिणीति चोपड़ा,रवि किशन सहित कई अन्य कलाकार शामिल हैं। यह 6 अक्टूबर को थिएटर्स में दस्तक दे चुकी है। परिणीति चोपड़ा और अक्षय कुमार ने दूसरी बार ‘मिशन रानीगंज’ में स्क्रीन शेयर की है। रवि किशन ने फिल्म में शानदार अभिनय किया है।

'राष्ट्रीय शिक्षा नीति: संकल्प से सिद्धि तक' विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ

गोरखपुर- गोपाल नारायन सिंह विश्वविद्यालय सासाराम बिहार के कुलपति प्रो. हरिकेश सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का लक्ष्य भारत को एक वैश्विक ज्ञान महाशक्ति बनाना है। यह नीति लोक कल्याण के संकल्प से परिपूर्ण है। स्वतंत्रता के बाद से यह भारत के शिक्षा ढाँचे में बड़ा सुधार है। प्रो. हरिकेश सिंह शनिवार को महाराणा प्रताप महाविद्यालय जंगल धूसड, गोरखपुर के बी. एड. विभाग के तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी 'राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020: संकल्प से सिद्धि तक' के शुभारंभ समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे।

इस अवसर पर प्रो सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति की प्रमुख विशेषताओं में कला तथा विज्ञान के बीच, पाठ्यचर्या व पाठ्येतर गतिविधियों के बीच, व्यावसायिक और शैक्षणिक धाराओं के बीच संबंध पर बल।भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देने पर ज़ोर, एक नए राष्ट्रीय मूल्यांकन केंद्र, की स्थापना। तथा वंचित क्षेत्रों और समूहों के लिये एक समावेशन शामिल। उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में शिक्षकों की अति महत्वपूर्ण भूमिका है और भारतीय शिक्षकों ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू करने और इस अनुरूप पढ़ाने जैसी नई चुनौतियों को स्वीकार कर शैक्षिक परिदृश्य में एक नई रोशनी दिखाई है।

प्रो. हरिकेश सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति देश में शिक्षा प्रसार और कौशल विकास हेतु सुचिता, समरसता, संकल्प, संगोष्ठी, संयम और संगम के साथ सिद्ध को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण योगदान प्रस्तुत कर रही है। वस्तुत शिक्षा नीति के माध्यम से लोक कल्याण अर्थ की स्थिति पर पूर्ण हो रही है निज राष्ट्र की होती है और इसमें लोक महत्वपूर्ण होता है इसलिए लोक चित्र और लोक कल्याण इसकी केंद्र में है। आगे उन्होंने ब्यूटीफुल ट्री नामक पुस्तक का जिक्र करते हुए स्पष्ट किया की राष्ट्रीय शिक्षा नीति की तीन लक्ष्य ट्री की संकल्पना को प्रस्तुत करते हैं जिसमें टीचिंग, रिसर्च, एक्सटेंशन के साथ एनहैंसमेंट तत्व आवश्यक है l राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अध्याय 17 में नेशनल रिसर्च फाउंडेशन का विधिवत उल्लेख किया गया है जिसमें रिसर्च की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए निरंतर कार्य करने के लिए प्रेरित किया गया। उन्होंने शोध को बढ़ावा देने के लिए गोरखपुर विश्वविद्यालय कि कुलपति को उच्चतम अनुसंधान की उत्कृष्ट के लिए आवाहन किया जिससे देश की जीडीपी तथा तथा ग्रास नेशनल हैप्पीनेस में उच्चतम वृद्धि हो सके। आगे उन्होंने ब्रह्मलीन महंत दिग्विजय नाथ जी महाराज द्वारा स्थापित महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के कार्यों की सराहना करते हुए कहा की राष्ट्रीय शिक्षा नीति का उद्देश्य जो वर्तमान समय में फलीभूत हो रहा है, वह उन महान पुरुषों के संकल्पित शिक्षा नीतियों का परिणाम है।

एक घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने आगे कहा की किसी काल खंड में महाराज जी द्वारा शिक्षा के उन्नयन के लिए संसद में भेजी गई संस्तुतियां यदि पूर्ण रूप से मान ली गई होती तो भारत का शैक्षिक दृश्य और उत्तम होता, इस संस्तुति को भारत का मैग्ना कार्टा इंडियन एजुकेशन कहा गया l उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति में कुछ महत्वपूर्ण पक्षों का उल्लेख करते हुए कहा की इस नीति में गवर्नेस और नेतृत्व पर भी बल दिया गया है जिसमें प्रशासन और संस्था-निर्माण के प्रयासों में गवर्नेस और नेतृत्व के महत्व पर प्रकाश डाला गया है, जिसमें संस्था की प्रभावशीलता के सभी पहलू नेतृत्व और प्रशासनिक ढांचों पर निर्भर होंगे। शैक्षणिक स्वतंत्रता और संस्थागत स्वायत्तता के संबंध में डिग्री कार्यक्रमों की अवधि निर्धारित करने में पर्याप्त स्वतंत्रता और शैक्षणिक लचीलेपन के साथ वित्त पोषण, पाठ्यक्रम विकास, छात्र का नामांकन, और संकाय भर्ती में शैक्षणिक स्वतंत्रता और संस्थागत स्वायत्तता के महत्व को रेखांकित किया गया है।

विद्यार्थियों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए हैप्पीनेस सेंटर की आवश्यकता: प्रो. पूनम टंडन

संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, गोरखपुर के कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के शुभारंभ से भारतीय शिक्षा में एक नए युग की शुरुआत होगी, जो पहले से काफी बेहतर होगा और एक नये भविष्य का निर्माण करेगा। यह एक उत्कृष्ट दूरदृष्टि का परिणाम है और एक प्रेरणादायक नीति दस्तावेज है जो भारतीय उच्च शिक्षा के परिदृश्य में एक मूलभूत परिवर्तन का आगाज करेगा। इसके तहत भारतीय उच्च शिक्षा प्रणाली की जटिलता और चुनौतियों को ईमानदारी और स्पष्टता के साथ पहचाना गया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति पूरे देश में लागू हो रही है शिक्षा के क्षेत्र में इस शिक्षा परिषद का देश के लिए सबसे महत्वपूर्ण योगदान रहा है जैसे सतत रूप से कर रही है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति का उद्देश्य विद्यार्थी केंद्र है या नीति विद्यार्थियों को रोजगार की स्थिति के लिए भी है। डिजिटल शिक्षा प्रणाली तथा ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली से विद्यार्थियों के कौशल विकास के प्रति भी यह शिक्षा नीति महत्वपूर्ण है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति का उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय कारण करना है जिसमें शिक्षा की स्थिति को ऐसी बनानी है जिसमें विदेशी छात्र भी आकर्षित हो सके। राष्ट्रीय शिक्षा नीति केवल कोर्स करिकुलम तक सीमित ना रह सके इसलिए ऐसी तमाम प्रयासों को किया जा रहा है जिससे विद्यार्थी का कौशल विकास सुनिश्चित हो सके और आगामी भविष्य बेहतर हो सके।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति देश के लिए महत्वपूर्ण योगदान प्रस्तुत कर रही है : प्रो. शोभा गौड़

विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, गोरखपुर के शिक्षा संकाय की संकायाध्यक्ष प्रो. शोभा गौड़ ने कहा कि प्रत्येक राष्ट्र अपने सामाजिक सांस्कृतिक स्थितियों को बनाए रखने के लिए निरंतर प्रयत्न करता रहता है और यह शिक्षा के माध्यम से संभव होता है। शिक्षा के माध्यम से विद्यार्थियों को उत्तरोत्तर विकास संभव है l शिक्षा एक स्रोत है जो संपूर्ण रूप से समाज को परिष्कृत एवं उत्कृष्ट बनता है l सटीक तरीके से भारत के भाग्य का निर्माण इस कक्ष में होता है जिस कक्ष में शिक्षा का निरंतर प्रभाव होता है शिक्षा व्यक्ति के व्यक्तित्व नेतृत्व तथा सर्वांगीण विकास करती है l प्रश्न नहीं होता है कि स्वतंत्रता के बाद मैकाले की शिक्षा प्रणाली भारत की सामाजिक सांस्कृतिक पृष्ठभूमि की प्रतिपूर्ति करती है कि नहीं। महात्मा गांधी ने गोलमेज सम्मेलन में कहा था कि मैं अंग्रेजों को भारत में उनकी हर कार्यों के लिए माफ करता हूं लेकिन इस बात के लिए माफ नहीं करता कि उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में भारत की सुनहरे भविष्य को नष्ट कर दिया। भारतीय प्राचीन शिक्षा के केंदो जिसमें तक्षशिला और नालंदा तथा पूर्व रिज्यूम महर्षियों तथा विदेशियों के मौलिक ज्ञान परंपरा को वर्तमान शैक्षिक स्थितियां को विद्यार्थियों को हस्तांतरित किया जाए इसलिए भैया शिक्षा नीति महत्वपूर्ण है और यह शिक्षा नीति का धरातल विद्यार्थियों की भविष्य को बेहतर बनाने के लिए निश्चित ही अपना योगदान प्रस्तुत करेगी विद्यार्थियों को कौशल युक्त बनाया जाए नवीनता को समझने का प्रयास करें आज के समय की सबसे बड़ी मांग ऐसी स्थितियों को प्राप्त करना राष्ट्रीय शिक्षा नीति का मुख्य उद्देश्य है।

राष्ट्रीय संगोष्ठी कार्यक्रम में स्वागत तथा प्रस्ताविकी उद्बोधन देते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. प्रदीप कुमार राव ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 विद्यार्थी केंद्रित है l इस राष्ट्रीय शिक्षा नीति की समस्त संस्कृतियों हमारे लिए नई-नई है यह दिग्विजय नाथ जी महाराज 1932 में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की स्थापना कल से ही यह संकल्पित कर रखी थी और इस दिशा में कई महत्वपूर्ण पहल किए गएl राष्ट्रीय शिक्षा नीति में तीन तरीके के विकास को रखा गया है जिसमें आध्यात्मिक विकास बौद्धिक विकास और अकादमी विकास है l इस महाविद्यालय में प्रार्थना सभा की शुरुआत, सप्ताह में एक दिन छात्र कक्षा पढ़ाएगा, हर समितियां में छात्र होगा, प्रमाण पत्र पाठ्यक्रम, समावर्तन, संस्कार यह सभी संकल्पनाएं सुचारू रूप से इस परिषद द्वारा संचालित हैं जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति के केंद्र में सन्निहित है l वस्तुत राष्ट्रीय शिक्षा नीति महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की संकल्पनाओं और कार्य पद्धतियों का ही एक महत्वपूर्ण हिस्सा है l राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन की समीक्षा पूर्व में कई विद्वानों द्वारा हो चुकी है l राष्ट्रीय शिक्षा नीति की तीन सबसे बड़ी चुनौतियां हैं पहले लागू करने वाले शिक्षक ग्राहक करने वाले विद्यार्थी और तीसरा प्रभाव और परिणाम की स्थिति। विद्यार्थियों के भाभी भविष्य के निर्माण हेतु निश्चित ही या संगोष्ठी अपने अभीष्ट को प्राप्त करेगा।

*गोरखपुर वासियों को जल्द मिलेगी 200 टन वजनी क्रूज की सौगात, रामगढ़ ताल में उठा सकेंगे आनंद, जानें खासियत*

गोरखपुर- जिले के लोग अब जल्द ही क्रूज की सैर कर सकेंगे। पर्यटकों के स्वागत के लिए बन कर तैयार क्रूज को शुक्रवार की शाम रामगढ़ झील में उतर गया। जल्द ही क्रूज के एलाइनमेंट समेत अन्य परीक्षण की प्रक्रिया पूरी कर इसकी लॉचिंग के लिए तैयार किया जाएगा।

शुक्रवार को मोरंग से भरे बैग के लाचिंग पैड पर लोहे के बनाए बड़े-बड़े फ्लोटर्स पर ग्रीस लगी लकड़ी के बड़े बड़े चौरोर गुटको की मदद से 200 टन वजनी क्रूज को झील में उतारा गया। इस दौरान फर्म मेसर्स राजकुमार राय के एमडी राजकुमार राय और पंकज भगत, इमोशन के आर्किटेक्ट डिजाइनर नितिन पांडेय और अर्चिता अग्रवाल, एसआर्ट के शुभम, प्राधिकरण के प्रभारी मुख्य अभियंता किशन सिंह, अधिशासी अभियंता नरेंद्र कुमार समेत काफी संख्या में क्रूज बनाने में जुटे कर्मचारी और इंजीनियर आदि मौजूद रहें।

ट्रायल रन के बाद होगी लॉचिंग

दरअसल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चाहते हैं कि नवरात्र में रामगढ़झील में क्रूज का संचालन शुरू हो जाए। नितिन पांडेय ने कहा कि जल्द ही इंटीरियर का काम पूरा किया जाएगा। एमडी राजकुमार राय ने बताया कि ट्रायल रन भी लॉचिंग के पूर्व किया जाएगा। सनद रहे कि सिंचाई विभाग की माइनर और सिक्टौर की ओर बनी वॉल को उंचा किया गया ताकि किनारों पर भी ताल में जल का स्तर एक मीटर उंचा हो जाए।

कैसा है रामगढ़ताल झील में उतरा क्रूजः

-10.75 करोड़ की लागत से बना क्रूज

-200 टन वजनी हैं क्रूज का वजन

-2800 वर्ग फीट का 100 वजनी पसेंजर वेटिंग प्लेटफार्म भी

-1.25 करोड़ रुपये खर्च पसेंजर वेटिंग प्लेटफार्म पर आया

-03 फ्लोर का क्रूज अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होगा

*खजनी क्षेत्र में शौर्य जागरण यात्रा का भव्य स्वागत*

खजनी गोरखपुर।बजंरग दल और भाजपाइयों ने तहसील क्षेत्र के कुरी बाज़ार, शंकरपुर,बेलघाट,सिकरीगंज और गोला तहसील के उरुवां,गोपालपुर, चंद चौराहा,बेवरी चौराहे पर भव्य स्वागत किया गया।

विश्व हिन्दू परिषद,बजरंग दल के द्वारा निकाली गई शौर्य जागरण यात्रा अयोध्या के मखौड़ा धाम से चलकर देर शाम खजनी तहसील के कुरी बाजार में पहुंची जो कि अगले दिन कुरी बाजार से निकल कर शंकरपुर,बेलघाट,सिकरीगंज होते हुए गोला कस्बे में पहुंची।

शंकरपुर में विश्व हिंदू महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष भिखारी प्रजापति और संयोजक रवि प्रताप सिंह ने कार्यकर्ताओं का पुष्प माला पहनाकर स्वागत किया। जबकि बेलघाट में वरिष्ठ भाजपा नेता रणवीर शाही चंचल और कार्यक्रम संयोजक रामचंद्र शाही ने मुख्य चौराहे पर जलपान कराते हुए, कार्यकर्ताओं का स्वागत किया। बेलघाट में भाजपा के मंडल अध्यक्ष तारकेश्वर मिश्रा और पूर्व विधायक संत प्रसाद,मीडिया प्रभारी रामप्रवेश तिवारी,बजरंगी सिंह,रोहित शाही,शिवेंद्र सिंह उर्फ विक्की सिंह,सुनीता बेलदार, कौशलेंद्र सिंह सहित अन्य लोग भी मौजूद रहे।

वहीं पिपरी में और सिकरीगंज में भाजपा महादेवां मंडल अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह,चंदन सिंह सहितअन्य कार्यकर्ताओं ने भव्य स्वागत किया। यात्रा के कस्बों में पहुंचते ही उत्साही कार्यकर्ताओं सहित आम जनता ने "जय श्री राम" के गगनभेदी नारे लगाते हुए क्षेत्र को भक्तिमय बना दिया।

यात्रा के नेतृत्व कर रहे भारत जी महाराज के पांव पखारते हुए कार्यकर्ताओं ने उनका आशीष लिया। गोपालपुर में यात्रा का स्वागत भाजपा नेता प्रवीन सिंह ने अपने पिता और भोजपुरी साहित्यकार राजेश्वर सिंह के साथ किया। गोला कस्बे के गंगा लाॅन में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि अयोध्या के रंग महल पीठाधीश्वर महंत श्री श्री 1008 रामशरण दास जी महाराज और

विशिष्ट अतिथि सरोज रंजन शुक्ला

ने संबोधित किया।

यात्रा रात्रि विश्राम के बाद आगे रवाना हुई। इस अवसर पर क्षेत्रीय गौ रक्षा प्रमुख मधुराम,प्रांत संयोजक पु्णेंन्द्र शाही,प्रांत मंत्री कुंवर नागेन्द्र सिंह,प्रांत सह संयोजक दुर्गेश प्रताप राव,प्रांत बल उपासना प्रमुख हरिनाथ सर्राफ,जिला कोषाध्यक्ष रंगीलाल कसौधन, हनुमंत मौर्य जिला प्रशिक्षण प्रमुख, भोला जायसवाल,प्रखंड संयोजक चंदन सिंह,सुभाष मौर्य,जिला समरसता प्रमुख आशुतोष दुबे, कौशलेन्द्र प्रताप सिंह,गिरधारी लाल,भागीरथी,श्यामनरायन दूबे, उमेश जायसवाल,राजकपूर सिंह, पवन त्रिपाठी,मनोज तिवारी, आलोक पांडेय,रजनीश पांडेय, धनंजय मिश्रा,बजरंगी कश्यप आदि शामिल रहे।

*आशा का साथ देंगे ग्राम प्रधान, टीबी मुक्त पंचायत बनाकर पाएंगे सम्मान*

गोरखपुर, टीबी मरीजों को खोजने और उन्हें जांच के लिए प्रेरित करने के साथ ही उपलब्ध सरकारी व गैर सरकारी सुविधाओं से जोड़ने में ग्राम प्रधान भी अब आशा कार्यकर्ता का साथ निभाएंगे । सक्रियता के साथ ऐसा करके गांव को टीबी मुक्त पंचायत की श्रेणी में शामिल करवाने पर उन्हें जिला स्तर पर सम्मान भी मिलेगा ।

ग्राम प्रधान को प्रत्येक माह विलेज हेल्थ सेनिटेशन एंड न्यूट्रिशन कमेटी (वीएचएसएनसी) की बैठक में इसके लिए आशा कार्यकर्ता से सात सवाल पूछ कर कार्यपुस्तिका में दर्ज करना है । इसकी सतत निगरानी करने व निरंतर सहयोग देने से अगर वर्ष भर में निर्धारित पांच में से तीन मानक पूरे हो गये तो उनके गांव को टीबी मुक्त घोषित कर दिया जाएगा ।

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ गणेश यादव ने बताया कि जिलाधिकारी कृष्णा करूणेश, मुख्य विकास अधिकारी संजय कुमार मीणा, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे, जिला विकास अधिकारी राज मणि वर्मा और जिला पंचायती राज अधिकारी नीलेश प्रताप सिंह की देखरेख में इस संबंध में दो दिनों तक ब्लॉक स्तरीय प्रशिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है ।

वरिष्ठ उपचार पर्यवेक्षक, बीसीपीएम और एडीओ पंचायत इस प्रशिक्षण को प्राप्त करने के बाद अब ब्लॉक स्तर पर ग्राम प्रधान, ग्राम सचिव, सीएचओ और संबंधित स्वास्थ्यकर्मियों को प्रशिक्षित करेंगे ।

स्टेट टेक्निकल ऑफिसर अश्विनी कुमार पंकज और जिला स्तरीय मास्टर ट्रेनर डॉ. विराट स्वरूप श्रीवास्तव ने टीबी मुक्त पंचायत और फैमिली केयर गिवर मॉडल के बारे में प्रत्येक प्रतिभागी को विस्तार से जानकारी दी है ।

जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि ग्राम प्रधान वीएचएसएनसी के प्रति वर्ष के 10000 रुपये के अनटायड फंड का इस्तेमाल भी टीबी ग्रसित जरूरतमंद मरीजों की मदद के लिए कर सकते हैं। उन्हें ग्राम पंचायत विकास योजना (जीपीडीपी) में भी टीबी संबंधी गतिविधियों के संचालन के लिए बजट रखने को प्राथमिकता में शामिल करना है ।

इसके तहत टीबी ग्रसित मरीजों को स्वास्थ्य केंद्र पर भेजने की व्यवस्था करना, बलगम परिवहन व उपचार ले रहे मरीजों का फॉलो अप, प्रचार प्रसार व जागरूकता गतिविधियां, पोषण संबंधी सहायता और मनरेगा जैसी योजना से टीबी पीड़ित लोगों को जोड़ना शामिल है ।

डॉ यादव ने बताया कि अगर आशा कार्यकर्ता का साथ ग्राम प्रधान देंगे तो टीबी के नये मरीजों को खोजने और उनका उपचार कराने में काफी मदद मिलेगी । उन्हें अपने पूरे गांव में यह संदेश पहुंचाना है कि दो सप्ताह से अधिक समय तक लगातार खांसी, बुखार, थकान, वजन कम होना, भूख कम लगना , रात में पसीना, छाती में दर्द या सांस लेने में कठिनाई और खांसते समय बलगम आने जैसे लक्षण दिखें तो तुरंत निकटतम स्वास्थ्य केंद्र से टीबी की जांच कराएं।

जिले में इस समय टीबी के 9079 मरीज इलाज पर हैं। ब्लॉक स्तरीय प्रशिक्षण में भी जिला कार्यक्रम समन्वयक धर्मवीर प्रताप, पीपीएम समन्वयक अभय नारायण मिश्र और मिर्जा आफताब बेग सहयोग देंगे।

आशा से ग्राम प्रधान पूछेंगे यह सवाल

· गांव में जांचे गये संभावित टीबी रोगियों की संख्या

· माह में चिन्हित टीबी रोगियों की संख्या

· चिन्हित टीबी मरीजों में से इलाज ले रहे रोगियों की संख्या

· टीबी मरीजों के निकट संपर्कियों की संख्या जो बचाव की दवा ले रहे हैं

· निक्षय पोषण योजना का लाभ ले रहे टीबी मरीजों की संख्या

· क्या आशा डायरी में टीबी सूचकांक दर्ज किये जा रहे हैं या नहीं

· क्या टीबी संबंधी जागरूकता सामग्री साझा की जा रही है या नहीं

ऐसे घोषित होंगी टीबी मुक्त पंचायतें

डॉ यादव ने बताया कि टीबी मुक्त पंचायत के लिए पांच मानकों में पहला मानक पूरा करना अनिवार्य है । इसके अलावा कोई अन्य दो मानक भी पूरे हो जाते हैं तो गांव को उस वर्ष के लिए टीबी मुक्त पंचायत घोषित कर दिया जाएगा।

- प्रति 1000 की जनसंख्या पर टीबी के 30 संभावित मरीजों की जांच

- प्रति 1000 की जनसंख्या पर 1 या 1 से कम टीबी मरीजों का पंजीकरण

- गांव में पिछले वर्ष चिन्हित 85 फीसदी टीबी मरीज ठीक हो चुके हों

- कम से कम 60 फीसदी टीबी मरीजों की ड्रग सेंस्टिविटी की जांच हो चुकी हो

- शत प्रतिशत मरीज निक्षय पोषण योजना के तहत 500 रुपये प्रति माह पा रहे हों

- शत प्रतिशत सहमत टीबी मरीजों को पोषण पोटली दी जा चुकी हो

हेल्थ कैम्प से आसान होगी राह

पिपराईच ब्लॉक के ग्रामसभा मटिहनिया के ग्राम प्रधान अनिल सिंह (38) का कहना है कि इस मुहिम को सफल बनाने के लिए पंचायत स्तर पर हेल्थ कैम्प भी आयोजित होगा । कैम्प में संभावित रोगियों को इकट्ठा कर एक साथ जांच की जा सकेगी । जिले में 995 ग्राम प्रधान हैं ।

अगर स्वास्थ्य विभाग के स्तर से सहयोग मिला तो अधिकाधिक गांव टीबी से मुक्त हो सकते हैं ।

डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने देवरिया घटना में घायल मासूम से की मुलाकात, जाना हाल, परिजनों को बधाया ढांढस

गोरखपुर। विगत 2 अक्टूबर को देवरिया जनपद के रुद्रपुर के पास फतेहपुर गांव में पुरानी रंजिश में पूर्व जिला पंचायत सदस्य और दो मासूम समिति 6 लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी।

इस पूरे घटनाक्रम को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दुख व्यक्त करते हुए हत्याकांड में शामिल आरोपियों पर कठोर कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए थे। इसी क्रम में शुक्रवार को गोरखपुर पहुंचे प्रदेश के डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने बीआरडी मेडिकल कॉलेज पहुंच घटना में घायल मासूम अनमोल दुबे से मुलाकात कर उसका हाल-चाल जाना।

वही डॉक्टर से मुलाकात कर घायल मासूम के स्वास्थ्य के संबंध में विस्तृत रूप से जानकारी भी प्राप्त किया और मृतक के परिजनों से मुलाकात कर उन्हें ढांढस बधाया।

इस मौके पर सदर सांसद रवि किशन शुक्ला, बीआरडी प्राचार्य डॉक्टर गणेश सहित अन्य मौजूद रहे।

वरिष्ठ अधिवक्ता हिफजुर्रहमान अजमल कांग्रेस में हुए शामिल

गोरखपुर। वरिष्ठ अधिवक्ता एवं ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक प्रत्याशी हिफजुर्रहमान अजमल ने कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग के राष्ट्रीय चेयरमैन एवं राज्यसभा सदस्य इमरान प्रतापगढ़ी के समक्ष कांग्रेस की नीतियों से प्रभावित होकर नई दिल्ली कांग्रेस कार्यालय में सदस्यता ग्रहण कर लिया है।

हिफजुर्रहमान अजमल के कांग्रेस पार्टी में शामिल होने की खबर से गोरखपुर के कांग्रेसियों में काफी उत्साह व खुशी है।

गोरखपुर की सियासत में काफी दखल रखने वाले हिफजुर्रहमान अजमल पिछले विधानसभा चुनाव में ग्रामीण क्षेत्र से चुनाव लड़ चुके हैं। अजमल के कांग्रेस में शामिल होने पर इमरान प्रतापगढ़ी ने कांग्रेस की ओर से अंगवस्त्र भेंटकर सम्मानित किया।

साथ ही हिफजुर्रहमान अजमल ने इमरान प्रतापगढ़ी को बुकें भेंटकर स्वागत किया। इस मौके इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा कि कांग्रेस को मजबूत करने के लिए अजमल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में पार्टी को बहुमत दिलाने की दिशा में सार्थक पहल करेंगे। कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए हिफजुर्रहमान अजमल ने कहा कि कांग्रेस को मजबूत करने के लिए हर संभव प्रयास करुंगा।

उन्होंने कहा कि जिस विश्वास के साथ मैं कांग्रेस में आया हूं। उस विश्वास के साथ सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के सपनों को साकार करने के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष खड़गे के हाथों को मजबूत करुंगा।

हिफजुर्रहमान अजमल के साथ कांग्रेस में शामिल होने वालों में प्रमुख रूप से अनिल कटारिया, नरेंद्र कुमार, राजीव वर्मा, डिप्टी सिंह, राजेश सिंघल, रवि चौरसिया, जावेद वसीम, एजाज अहमद, जावेद आलम, अनवार खान, मिथिलेश शाही, निरंजन सिंह, विष्णु गुप्ता आदि लोगों के साथ दर्जनों समर्थक शामिल हुए।

*डेंगू पर प्रभावी नियंत्रण को लेकर डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ की समीक्षा बैठक, दिए आवश्यक दिशा

गोरखपुर। शुक्रवार को गोरखपुर पहुंचे डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने जनपद में तेजी के साथ पांव पसार रहे डेंगू पर प्रभावी कार्रवाई को लेकर संबंध स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ सर्किट हाउस स्थित एनेक्सी भवन सभागार में समीक्षा बैठक की।

बैठक के दौरान डिप्टी सीएम ने मौजूद संबंधित स्वास्थ्य अधिकारियों को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि डेंगू पर प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। किसी भी प्रकार की लापरवाही अक्षम्य होगी।

छुट्टी पर चल रहे डॉक्टरों की छुट्टियों को निरस्त किया जाए, डेंगू वार्ड में साफ सफाई व मरीज को शासन द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं का समुचित ख्याल रखा जाए।

इस मौके पर सदर सांसद रवि किशन शुक्ला एमएलसी डॉक्टर धर्मेंद्र सिंह एडी हेल्थ आरके विश्वकर्मा सीएमओ डॉ आशुतोष कुमार दुबे सहित बड़ी संख्या में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे।

*सीआरसी गोरखपुर में आयोजित हुआ विश्व सेरेब्रल पल्सी दिवस*

गोरखपुर।सीआरसी गोरखपुर में आज विश्व सेरेब्रल पल्सी दिवस मनाया गया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में दिव्यांगजन और उनके अभिभावक गण उपस्थित रहे।

विकासात्मक चिकित्सक श्री संजय प्रताप सिंह ने जहां सेरेब्रल पल्सी की शीघ्र पहचान और रोकथाम के उपाय बताए तो वहीं स्पीच थैरेपिस्ट रॉबिन ने घर पर रहकर सी पी पी बच्चों के भाषा और वाणी के प्रबंधन की बात कही तो श्री मंजेश कुमार ने सीपी बच्चों के बैठने की स्थिति के महत्व पर चर्चा किया एवं प्रवक्ता भौतिक चिकित्सा श्री विजय कुमार गुप्ता ने सीपी का टेलीफोनिक प्रबंधन विषय पर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि सीपी से ग्रसित बच्चों के लिए टेलीफोन पर भी परामर्श ली जा सकती है और टेलीरिहैबिलिटेशन द्वारा वीडियोकॉल के माध्यम से फिजियोथैरेपी की उचित एक्सरसाइज करवाई जा सकती है।

तथा आवश्यकता पड़ने पर उनको केन्द्र आधारित फिजियोथेरेपी की सेवा देकर के उनका बेहतर प्रबंधन किया जा सकता है। नैदानिक मनोविज्ञान विभाग के सहायक प्राध्यापक श्री राजेश कुमार ने मनोसामाजिक प्रबंधन विषय पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि बहुत सारे सीपी से ग्रसित बच्चे अनिद्रा के शिकार हो जाते हैं तथा अनेक मनोसामाजिक समस्याओं का सामना करते हैं।

उनके अभिभावकों को चाहिए कि वे नियमित रूप से सीआरसी आते रहे तथा परामर्श लेकर अपने बच्चों का उचित प्रबंधन करें। सीआरसी गोरखपुर के प्रभारी श्री नीरज मधुकर ने कहा कि इन संगोष्ठियों का मतलब केवल एक जगह बैठकर के चर्चा करना नहीं होता अपित स्वयं और अपने आसपास के लोगों को जागरूक करना होता है कि पुनर्वास की सेवाएं दिव्यांगजनों को किस जगह पर आसानी से मिल सकती है।

सीआरसी गोरखपुर कमोबेश अपने इस उद्देश्य में लगा हुआ है। कार्यक्रम का संचालन कार्यक्रम समन्वयक श्री विजय कुमार गुप्ता ने किया तथा श्री अरविंद कुमार पांडे ने सभी के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया।

*माताओं ने पुत्रों की दीर्घायु की कामना में रखा जिवित्पुत्रिका व्रत*

खजनी गोरखपुर।अपने पुत्रों की लंबी आयु एवं अच्छे स्वास्थ्य की कामना में आश्विन मास पितृपक्ष की अष्टमी तिथि को होने वाले जीवित्पुत्रिका व्रत में माताओं ने कठोर निर्जल, निराहार व्रत रह पूजा अर्चना की और व्रत कथा सुनी।

लोकभाषा में इसे "जिउतिया व्रत" या "जितिया व्रत" भी कहा जाता है, और ज्यादातर पुत्रवती माताएं ही जीवित्पुत्रिका व्रत रहती हैं। शुक्रवार को क्षेत्र में पुत्रवती माताओं ने श्रद्धापूर्वक व्रत रहकर अपने पुत्रों के स्वस्थ्य और लंबे जीवन की कामना की साथ ही बरियार नामक पौधे की पूजा की और व्रतकथा सुनीं।

पौराणिक एवं लोकमान्यताओं के अनुसार इस व्रत में माताऐं भगवान जीमूतवाहन की उपासना करते हुए अपने पुत्रों के दीर्घायु और सुखमय जीवन की कामना में निर्जल एवं निराहार व्रत रहकर सायंकाल बरियार नामक पौधे की पूजा करती हैं।

प्रात: सूर्योदय से पहले प्रारंभ होने वाले इस व्रत में माताओं ने सबेरे ब्रह्ममुहूर्त में उठकर पूरे दिन और रात निर्जल व्रत रहने का संकल्प लिया।

लोकमान्यताओं और व्रत के विधान के अनुसार व्रत के समापन पर सिर्फ बछड़े वाली गाय के दूध, जिउतिया (रंगीन लाल धागे की माला) दान के लिए श्रृंगार की वस्तुऐं,सप्त धान्य (सात प्रकार के अन्न),सरपुतिया की सब्जी,भैंस के दूध की दही,चिवड़ा (पोहा),नेनुआ के पत्ते,कुशा,धूप,दीप,मिठाई,फल, सरसों का तेल,खल्ली,गाय के गोबर आदि विशेष पूजन सामाग्री का प्रयोग करती हैं।

इसमें पारंपरिक चिल्हो सियारो,राजा जीमूतवाहन और भगवान श्रीकृष्ण से जुड़ी व्रतकथा सुनने के बाद अगले दिन समापन के अवसर पर व्रत का पारण और दान दक्षिणा देने का विधान है।