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Sep 28 2023, 18:47

रंदा चलाया, फर्नीचर मरम्‍मत की, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने लकड़ी कारीगरों से मिलकर पूछा उनका हाल, सोशल मीडिया पर वीडियो जमकर हो रहा वायरल


 कांग्रेस नेता राहुल गांधी गुरुवार को अचानक दिल्‍ली के कीर्तिनगर में एशिया की सबसे बड़े फर्नीचर मार्केट में पहुंचे। इस दौरान उन्‍होंने लकड़ी कारीगरों से मुलाकात कर उनका हाल जाना। राहुल को अपने बीच देखकर लकड़ी कारीगर फूले नहीं समाए।

राहुल ने भी इस दौरान फर्नीचर बनाने के काम में हाथ आजमाया। उन्‍हें रंदा चलाते और नाप - जोख लेते देखा गया। इस मुलाकात के बारे में कांग्रेस ने अपने ऑ‍फ‍िश‍ियल ट्विटल हैंडल से भी जानकारी दी। सोशल मीड‍िया पर इस मुलाकात की तस्‍वीरें पोस्‍ट करते हुए कांग्रेस ने ल‍िखा , "दिल्ली के कीर्तिनगर स्थित एशिया के सबसे बड़े फर्नीचर मार्केट पहुंचे जननायक राहुल गांधी। वहां उन्होंने बढ़ई भाइयों से मुलाकात कर उनकी समस्याएं सुनीं और उनके हुनर को करीब से जानने और समझने की कोशिश की।

कुली के बाद राहुल गांधी का बढ़ई वाला यह अंदाज देखने को मिला है। इस बार भी कांग्रेस नेता ने फर्नीचर मार्केट में अचानक पहुंच सबको चौंका दिया। इस दौरान उन्‍होंने सिर्फ कारीगरों से बातचीत ही नहीं की अलबत्‍ता उनके काम को भी बारीके से समझने की कोशिश की। इस दौरान उन्‍हें फर्नीचर की मरम्‍मत करते , रंदा चलाते और हथौड़ा पीटते देखा गया।

सर्वविदित है कि बीते दिनों भी राहुल गांधी अचानक राजधानी स्थित आनंद विहार रेलवे स्‍टेशन पहुंच गए थे। कुलियों से मुलाकात के दौरान उन्‍होंने भी कुली बन यात्रियों का सामान उठाया था।

इसका वीडियो खूब वायरल हुआ था। इसके पहले उन्‍होंने हरियाणा में ट्रैक्‍टर चलाया था। फिर मोटर मैकेनिकों के साथ मुलाकात की थी। करोलबाग में वह मोटरसाइकिल मैकेनिकों से भी मिले थे। राहुल गांधी का यह कारनामा अब जनता की जुबान बन गई है।

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Sep 28 2023, 16:38

दुनिया का सबसे दमदार राडार, पृथ्वी पर होगी जिसकी पैनी नजर, इसरो और नासा का है ज्वाइंट प्रोजेक्ट

#us-indianisarsatellitesetforearly2024launch 

दुनिया की दो सबसे ताकतवर स्पेस एजेंसियां एक साथ मिलकर एक सैटेलाइट का निर्माण कर रहे हैं। इस सैटेलाइट का नाम नासा इसरो सिंथेटिक अपर्चर रडार (निसार) है जो अगले साल की शुरुआत में लॉन्च के लिए लगभग तैयार हो चुका है। भारत का इसरो अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा इस प्रोजेक्ट पर एक साथ काम कर रहे हैं।ये डबल फ्रीक्वैंसी रडार है, जिसे दो हिस्से में तैयार किया जा रहा है। सेटेलाइट का प्रमुख पे-लोड एल-बैंड जो 24 सेंटीमीटर वेबलैंथ का होगा, उसे नासा तैयार कर रहा है। वहीं 12 सेंटीमीटर वेबलेंथ का एस-बैंड इसरो तैयार कर रहा है। वहीं, इसरो रडार की इमेंजिंग प्रणाली का भी विकास कर रही है। इसके अलावा माइक्रोवब और ऑप्टिकल सेंसर भी इसरो ही तैयार कर रही है।

दुनिया का सबसे महंगा अर्थ इमेजिंग सेटेलाइट

ये दुनिया का सबसे महंगा अर्थ इमेजिंग सेटेलाइट होगा। इस प्रोजेक्ट के लिए भारत की अंतरिक्ष एजेंसी इसरो 120 मिलियन डॉलर खर्च कर रहा है। जबकि, अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा 1 बिलिय़न ड़ॉलर लगा रही है। स्पेस में ऑपरेशनल हो जाने के बाद ये उपग्रह अपने उन्नत राडार से इमेजिंग सिस्टम का इस्तेमाल करते हुए पूरी धरती की हाई क्वालिटी इमेंज लेगा। ये धरती पर होने वाली हर तरह की हलचल का पता लगा सकेगा। आर्कटिक और अंटार्कटिंक एरिया में जो बर्फ की चादरें पिघल रही है। अर्थ की सिसनिक प्लेटों में हो रही गतिविधि का पता चल सकेगा। जिससे भूकंप और सुनामी जैसी प्राकृतिक आपदा को रोका जा सकेगा। ज्वालामुखी विस्फोट, समुद्र और सागर की गहराई की हर जानकारी देगा। इसकी मदद से आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में बेहतर काम किए जा सकेंगे।

आखिर अमेरिका ने भारत की ही मदद क्यों ली?

इस खास खोज के लिए, आकाश से धरती की निगरानी के लिए दुनिया के सबसे ताकतवर देश अमेरिका ने भारत को अपना साथी चुना। निसार के जरिए भारत और अमेरिका दुनिया को खास देने वाले हैं। शायद वो चीज जो मानवता के विकास में मददगार साबित हो सकती है। लेकिन सोचने वाली बात है कि आखिर अमेरिका ने भारत की ही मदद क्यों ली। वो खुद चलकर आया भारत से मदद मांगने। शायद इधर कुछ सालों में भारत ने अंतरिक्ष और उससे जुड़ी तकनीक के क्षेत्र में अच्छी खासी तरक्की कर ली है। जिसकी आशा अमेरिका ने कभी नहीं की होगी भारत ने वो कर दिखाया है

भारत ने अपने भरोसे और 20 साल की मेहनत के बाद खुद को साबित किया

बात 1992 की है, जब अमेरिका में जॉज बुश सीनियर की सरकार थी। तब रशिया भारत को क्रायोजेनिक इंजन की टेकनॉलोजी देने वाला था। लेकिन अमेरिका ने इसपर रोक लग दी। क्रायोजेनिक इंजन का इस्तेमाल रॉकेट में होता है और उस वक्त ये तकनीक सिर्फ अमेरिका और रशिया के पास थी। अमेरिका नहीं चाहता था इस दौड़ में कोई तीसरा खड़ा हो। लेकिन भारत ने अपने भरोसे के बल पर और 20 साल की मेहनत के बाद क्रायोजेनिक इंजन बनाने में सफल हुआ। ये वही क्रायोजेनिक इंजन है, जो जीएसएलवी में लगता है और इसी क्रायोजेनिक इंजन से निसार को भी लॉन्च किया जाना है।

नासा ने इसरो में दिखाई दिलचस्पी

नासा दुनिया की सबसे विकसित स्पेस एजेंसी है, बावजूद नासा ने इसरो में दिलचस्पी दिखायी। इसकी शुरूआत 2012 में हुई, जब इसरो ने भारत का पहला स्वदेशी राडार इमेंजिंग सेटेलाइट लॉन्च किया। इस सेटेलाइट की मदद से रात हो या दिन, मौसम कैसा भी हो, धरती के सतह की तस्वीरें ली जा सकती है। इसके बाद ही नासा ने भारत के साथ हाथ मिलाकर ये प्रोजेक्ट शुरू करने की इच्छा जतायी। इस मामले में करीब 2 साल की तक बातचीत के बाद निसार सेटेलाइट को लेकर सहमति बनी। अब दोनों देश मिलकर विज्ञान और प्राद्यौगिकी का इस्तेमाल मानव हित में करेंगे।

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Sep 28 2023, 15:19

जनवरी-जून में फास्टैग के जरिये ट्रांजेक्शन 25% बढ़ा, डेढ़ साल में फास्टैग की संख्या 56.5% बढ़ी

इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन (ईटीसी) ने देश की सड़कों पर टोल के भुगतान का तरीका पहले कि तुलना में अब काफी बदल गया है। अब अन्य इस्तेमाल के साथ पार्किंग प्लाजा पर भी इस माध्यम से भुगतान बढ़ रहा है। इस साल जनवरी से जून के बीच ईटीसी ट्रांजेक्शन 30,340 करोड़ रुपए का रहा। ये 2022 की पहली छमाही में ट्रांजेक्शन के मुकाबले 25.3% ज्यादा है। उल्लेखनीय है कि उस दौरान 24,220 करोड़ रुपए का ट्रांजेक्शन हुआ था।

ताजा जानकारी के अनुसार इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन नाकों की संख्या बढ़ने के साथ ही फास्टैग की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। पेमेंट एंड ट्रांजेक्शनल सर्विस वर्ल्डलाइन की इंडिया डिजिटल पेमेंट्स रिपोर्ट के ताजा संस्करण के मुताबिक, देश में जारी होने वाले फास्टैग की संख्या जनवरी 2022 के 4.60 करोड़ से बढ़कर जून 2023 में 7.20 करोड़ हो गई है, जो 56.5% की वृद्धि है।

पहली छमाही में कुल 185 करोड़ ट्रांजेक्शन

 इस साल की पहली छमाही यानी जनवरी से जून के बीच फास्टैग से 185 करोड़ ट्रांजेक्शन हुए जो बीते साल की समान अवधि से 17.6% ज्यादा है। 2022 की पहली छमाही में 157 करोड़ ट्रांजेक्शन हुए थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह देखते हुए कि ईटीसी टैग एक अनिवार्य आदेश है, यह संख्या लगातार बढ़ती रहेगी।

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Sep 28 2023, 15:17

लंदन से हजारों करोड़ों का बिजनेस ले आए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, अब चमकेगी उत्तराखंड की तकदीर; मिलेगा बंपर रोजगार

 वैश्विक निवेशक सम्मेलन के लिए औद्योगिक घरानों को आमंत्रित करने ब्रिटेन गए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का दौरा सफल साबित हो रहा है। पहले दिन 2000 करोड़ रुपये के करार पर हस्ताक्षर के बाद अब उत्तराखंड में निवेश के लिए कयान जेट और ऊषा ब्रेको के साथ 5500 करोड़ रुपये के एमओयू हस्ताक्षरित किए गए।

1500 करोड़ के एमओयू किए गए हस्ताक्षरित

कयान जेट उत्तराखंड में स्कीइंग रिसॉर्ट व केबल कार और ऊषा ब्रेको लिमिटेड रोप वे विकसित करने के क्षेत्र में निवेश करेगी। बर्मिंघम दौरे के दौरान दो अलग-अलग कंपनियों के साथ भी 1500 करोड के एमओयू हस्ताक्षरित किए गए। इस प्रकार अब तक ब्रिटेन दौरे के दो दिनों में उत्तराखंड सरकार 9000 करोड़ के एमओयू हस्ताक्षरित कर चुकी है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लंदन दौरे में रोड शो के दौरान कई प्रमुख औद्योगिक घरानों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की। औद्योगिक समूह कयान जेट ने उत्तराखंड में स्कीइंग रिसार्ट और केबल कार प्रोजेक्ट के लिए 4500 करोड़ के निवेश के सके एमओयू हस्ताक्षरित किए।

आइटी और स्वास्थ्य क्षेत्र के 80 औद्योगिक घराने हुए शामिल

रोप वे क्षेत्र की अग्रणी कंपनी ऊषा ब्रेको ने हरिद्वार व अन्य जिलों में रोप वे विकसित करने के लिए 1000 करोड़ का एमओयू हस्ताक्षरित किया। उत्तराखंड की ओर से सचिव उद्योग विनय शंकर पांडेय ने इन एमओयू पर हस्ताक्षर किए। इस कार्यक्रम में शिक्षा, पर्यटन, आइटी और स्वास्थ्य क्षेत्र के 80 औद्योगिक घराने शामिल हुए।

मुख्यमंत्री के नेतृत्व में गए प्रतिनिधिमंडल ने इंडिया हाउस के अलावा पार्लियामेंट हाउस का भी दौरा किया और ब्रिटेन की संसद के सदस्यों के साथ बातचीत की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने सभी निवेशकों को दिसंबर में होने वाले वैश्विक निवेशक सम्मेलन में उत्तराखंड आने का आमंत्रण भी दिया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विश्व पर्यटन दिवस का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार उत्तराखंड को ग्लोबल टूरिज्म डेस्टिनेशन बनाने की दिशा में लगातार कार्य कर रही है। उत्तराखंड में वेलनेस टूरिज्म और विलेज टूरिज्म के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। सरकार ऋषिकेश व अन्य स्थानों पर विश्व स्तरीय कन्वेंशन सेंटर बनाने जा रही है।

भारतीय उच्चायुक्त विक्रम दोरईस्वामी ने उत्तराखंड सरकार की विभिन्न नीतियों और सकारात्मक दूरदृष्टि की सराहना की। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड राष्ट्रीय राजधानी से कुछ दूरी पर होने के कारण दिल्ली व एनसीआर के निवासियों के लिए वीकेंड डेस्टिनेशन के रूप में विकसित हो रहा है।

इस अवसर पर सचिव मुख्यमंत्री आर मीनाक्षी सुंदरम, महानिदेशक उद्योग रोहित मीणा और अपर स्थानिक आयुक्त अजय मिश्रा भी उपस्थित थे। उल्लेखनीय है कि निवेशक सम्मेलन के लिए पिछले दिनों दिल्ली में आइटीसी के साथ 5000 करोड़ रुपये, महिंद्रा हालीडेज एवं रिसार्ट कंपनी के साथ 1000 करोड़ और ई-कुबेर के साथ 1600 करोड़ रुपये निवेश के एमओयू हो चुके हैं।

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Sep 28 2023, 15:15

चीन ने भारत के मिशन चंद्र की सफलता पर उठाया सवाल, कहा- चांद के दक्षिण ध्रुव पर नहीं उतरा चंद्रयान-3

#chinesescientistclaimsindiaschandrayaan3didnotlandednearmoonsouthpole

भारत और चीन के बीच का तनाव किसी से छुपा नहीं है। चीन अक्सर भारतीय क्षेत्रों पर अपने दावे करता रहता है। इस बीच चीन ने ऐसा दावा किया जिससे साफ जाहिर होता है कि ड्रैगन को भारत की सफलता पची नहीं है। दरअसल, एक शीर्ष चीनी वैज्ञानिक ने दावा किया है कि भारत का चंद्र मिशन चंद्रयान-3 चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव या उसके आसपास नहीं उतरा।बता दें कि, भारत का चंद्रयान-3 चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में उतरा था और ऐसा करने वाला भारत पहला देश बन गया था।लेकिन अब चीनी वैज्ञानिक ने कहा है कि चंद्रयान-3 की लैंडिंग साइट दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र है ही नहीं।

चीन के वैज्ञानिक ने यह दावा ऐसे समय पर किया है जब भारत विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर को फिर से सक्रिय करने के लिए जीतोड़ मेहनत कर रहा है।यह टिप्पणियां बुधवार को चीनी ब्रह्मांड रसायनज्ञ ओयांग ज़ियुआन द्वारा की गईं। जो चीन के पहले चंद्र मिशन के मुख्य वैज्ञानिक थे।उन्‍होंने यह भी दावा किया कि भारत के चंद्रयान 3 ने न तो दक्षिणी ध्रुव पर या न ही उसके पास लैंडिंग की है। चीनी वैज्ञानिक ने कहा, चंद्रयान-3 का लैंडिंग साइट चंद्रमा का दक्षिणी ध्रुव नहीं था। न ही चंद्रमा का ध्रुवीय इलाका या अंटारकटिक का ध्रुवीय इलाका।

चीनी वैज्ञानिक ने दिया ये तर्क

ज़ियुआन ने आधिकारिक साइंस टाइम्स अखबार से बातचीत करते हुए कहा कि चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र को लेकर अलग-अलग धारणाओं से उपजा है।चीनी वैज्ञानिक अपने दावे के समर्थन में दलील देते हैं कि चूंकि चंद्रमा 1.5 डिग्री झुका है, ऐसे में उसका दक्षिणी ध्रुव का इलाका धरती के मुकाबले बहुत छोटा है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का मानना है कि चंद्रमा का दक्षिणी इलाका 80 से 90 डिग्री के बीच है। वहीं चीनी वैज्ञानिक दावा कर रहे हैं कि यह 88.5 से 90 डिग्री के बीच है जो काफी छोटा है।जियूआन कहते हैं कि यह चंद्रमा के 1.5 डिग्री झुकाव की वजह से है।

किसी भी वैज्ञानिक ने भारत की सफलता का खंडन नहीं किया

अब तक दुनिया के किसी भी वैज्ञानिक ने भारत के दक्षिणी ध्रुव के पास सफलतापूर्वक उतरने के दावे का खंडन नहीं किया है। यही नहीं नासा और यूरोपीय स्‍पेस एजेंसी ने तो इसरो के वैज्ञानिकों की जमकर तारीफ की है। वहीं चीन के ही हांगकांग यूनिवर्सिटी के स्‍पेस रीसर्य लेब्रोटरी ने चीनी वैज्ञानिक जियूआन के दावे को खारिज कर दिया है। लेब्रोटरी के चीनी वैज्ञानिक क्‍वेंटिन पार्कर कहते हैं कि जिस क्षण आप दक्षिणी ध्रुव के नजदीक अपना रोवर उतारते हैं, जिसे दक्षिणी ध्रुव माना गया है, वह अपने आप में ही बड़ी उपलब्धि है।

भारत बना चांद के साउथ पोल पर लैंड करने वाला पहला देश

अगर चंद्रयान-3 मिशन की बात करें तो 14 जुलाई को इसे लॉन्च किया गया था, 23 अगस्त को चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर की चांद के दक्षिणी हिस्से पर सफलतम लैंडिंग हुई। भारत चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला चौथा देश बना है, जबकि चांद के साउथ पोल पर लैंड करने वाला पहला देश है। इस हिस्से को भारत ने ‘शिवशक्ति प्वाइंट’ नाम दिया है। 23 अगस्त के बाद से ही विक्रम लैंडर, प्रज्ञान रोवर ने काम शुरू किया, अभी के हिसाब से 2 सितंबर तक इनकी लाइफलाइन है।

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Sep 28 2023, 14:34

देश में स्मॉलकैप फंड में निवेश 61% बढ़ा, 45% ग्रोथ के साथ मल्टीकैप फंड दूसरे स्थान पर, पढ़िए, क्यों इसमें बढ़ रही निवेशकों की दिलचस्पी

छोटी कंपनियों के शेयर इस महीने भले ही बिकवाली के दबाव में हैं, लेकिन अगस्त में सबसे ज्यादा निवेश स्मॉलकैप म्यूचुअल फंड में ही हुआ। मल्टीकैप फंड दूसरे और सेक्टोरल या थीमैटिक फंड तीसरे नंबर पर रहे। पिछले साल अगस्त के मुकाबले बीते महीने स्मॉल-कैप फंड्स का एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) सबसे ज्यादा 61% बढ़ा।

आईसीआईसीआई सिक्युरिटीज की एक रिपोर्ट के अनुसार अगस्त में म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री का एयूएम 47 लाख करोड़ रुपए के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। इसमें से 24 लाख करोड़ इक्विटी, हाइब्रिड और सॉल्यूशन-ओरिएंटेड स्कीम्स में आए।

2 साल से ज्यादा नहीं टिकते 49% निवेशक

48.7% इक्विटी निवेशक म्यूचुअल फंड पोर्टफोलियो 2 साल के भीतर भुना लेते हैं। ऐसे ज्यादातर निवेशकों को लंबी अवधि के निवेश की अहमियत पता होती है। एक्सिस म्यूचुअल फंड की सर्वे रिपोर्ट कहती है कि अधिकांश निवेशक ब्याज की रकम पर ब्याज यानी कंपाउंडिंग की ताकत भी समझते हैं।

पुराने फंड्स में तीन गुना से ज्यादा निवेश

पुराने फंड यानी न्यू फंड ऑफर (एनएफओ) से इतर निवेश अगस्त में 15,200 करोड़ रुपए का रहा। इसके मुकाबले जुलाई में पुराने फंड्स में 4,600 करोड़ लगाए गए थे। दरअसल पहले से चल रहे फंड्स के रिटर्न का ट्रैक रिकॉर्ड होता है, जबकि एनएफओ के प्रदर्शन को लेकर अनिश्चितता बनी रहती है।

स्मॉल-कैप फंड क्या है

स्मॉल-कैप म्यूचुअल वैसे फंड होते हैं, जो छोटी कंपनियों में निवेश करते हैं। यानी ऐसी कंपनियां जिनके शेयरों की वैल्यू काफी कम है। इन्हें हम स्मॉलकैप कंपनियां कहते हैं। मार्केट कैप के लिहाज से शेयर बाजार की शीर्ष 250 कंपनियों को छोड़कर बाकी में स्मॉल-कैप म्यूचुअल फंड निवेश करते हैं। स्मॉल-कैप म्यूचुअल फंड अपने निवेश की रकम का 65% तक छोटी कंपनियों में लगाते हैं। इसके बाद बची 35% रकम को फंड मैनेजर मिड या लार्ज कंपनियों के शेयरों में निवेश करते हैं।

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Sep 28 2023, 14:26

भाजपा के साथ गठबंधन किस हाल में मंजूर नहीं इतना कहकर जेडीएस के अल्पसंख्यक नेता ने पूर्व प्रधान मंत्री एच.डी. देवेगौड़ा को सौंप दिया इस्तीफा

बीजेपी के साथ गठबंधन करना शायद कर्नाटक में कुछ जेडीएस नेताओं को रास नहीं आ रहा है। इसी कड़ी में एक और अल्पसंख्यक नेता ने पार्टी को छोड़ दिया है। कर्नाटक में पार्टी का गढ़ माने जाने वाले तुमकुरु जिले के जेडीएस उपाध्यक्ष ने बुधवार को भाजपा के साथ पार्टी के गठबंधन के विरोध में अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। पार्टी के प्रमुख अल्पसंख्यक नेता एस. शफ़ी अहमद ने पूर्व प्रधान मंत्री एच.डी. देवेगौड़ा और पूर्व मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी को व्हाट्सएप पर अपना त्‍यागपत्र भेजा है।

पार्टी और उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा

दरअसल, अपने इस्तीफे में अहमद ने कहा कि वह तत्काल प्रभाव से जद (एस) पार्टी और उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे रहे हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में वह कांग्रेस पार्टी छोड़कर जद(एस) में शामिल हो गए थे. लेकिन फिलहाल उनके भविष्य के कदम के बारे में कोई स्पष्टता नहीं है. लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी द्वारा भाजपा से हाथ मिलाने का फैसला करने के बाद जद (एस) पार्टी के अल्पसंख्यक नेताओं ने एक बैठक की है. इस बीच, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सी.एम. इब्राहिम ने अभी तक इस घटनाक्रम पर कोई टिप्पणी नहीं की है लेकिन सूत्रों का दावा है कि वह भी पार्टी छोड़ने पर विचार कर रहे हैं.

कई मुस्लिम नेता हैं नाराज

गठबंधन की घोषणा से पहले इब्राहिम के बिना नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ बातचीत करने के देवेगौड़ा परिवार के कदम ने अल्पसंख्यक कैडर को नाराज कर दिया है. जनता दल (सेक्युलर) की कर्नाटक इकाई के उपाध्यक्ष सैयद शफीउल्ला साहब ने पिछले शनिवार को भगवा पार्टी के साथ गठबंधन पर नाखुशी व्यक्त करते हुए पार्टी से इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने 'भविष्य की रणनीति' को लेकर पार्टी के अन्य मुस्लिम नेताओं के साथ भी बैठकें की हैं. सूत्रों के मुताबिक, जद (एस) का राज्य में मुस्लिम समुदाय पर "काफी प्रभाव" है. 

मुस्लिम नेताओं का छलका दर्द!

कई मौकों पर मुसलमानों ने भी कांग्रेस की बजाय जद (एस) को चुना है। हालांकि यह गठबंधन मुस्लिम समुदाय के लिए एक झटका है। कुछ राजनीतिक पर्यवेक्षकों का कहना है कि पार्टी का समर्थन आधार कम होने की संभावना है। शफीउल्ला ने अपने इस्तीफे में कहा, "मैं बताना चाहूंगा कि मैंने समाज और समुदाय की सेवा करने के लिए कड़ी मेहनत की है और पार्टी की सेवा की है, क्योंकि हमारी पार्टी धर्मनिरपेक्ष साख पर विश्वास करती थी और उस पर कायम थी, सिवाय इसके कि जब हमारे नेता (एच.डी.) कुमारस्वामी ने पहले राज्य में सरकार बनाने के लिए भाजपा से हाथ मिलाया था।

'कोई और विकल्प नहीं बचा'

उन्होंने कहा कि मैं यह भी उल्लेख करना चाहूंगा कि मैंने उस अवधि के लिए पार्टी से बाहर रहने का विकल्प चुना था, जिस दौरान पार्टी की हमारी राज्य इकाई राज्य सरकार बनाने के लिए भाजपा के साथ शामिल हुई थी। चूंकि पार्टी के वरिष्ठ नेता अब भाजपा से हाथ मिलाने का फैसला कर रहे हैं, मेरे पास पार्टी के राज्य के वरिष्ठ उपाध्यक्ष कार्यालय और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से अपना इस्तीफा देने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है।

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Sep 28 2023, 14:19

PM मोदी और अमित शाह भी लड़ ले विधानसभा चुनाव, तो भी मध्यप्रदेश में दाल नहीं गलेगी

'टीकमगढ़ में जन आक्रोश यात्रा में बोले पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव


 कांग्रेस की जन आक्रोश यात्रा मंगलवार रात 9 बजे टीकमगढ़ पहुंची। शहर में कई स्थानों पर कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने यात्रा प्रभारी पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव का शानदार स्वागत किया। नगर भ्रमण के पश्चात् रात 10 बजे गांधी चौराहे पर जनसभा का आयोजन हुआ। इसके चलते अरुण यादव ने बीजेपी पर तंज करते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव में यदि पीएम नरेंद्र मोदी एवं बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह चुनाव लड़ना चाहें तो उनका भी स्वागत है। सभा स्थल पर पहुंचकर पूर्व मंत्री अरुण यादव एवं मध्य प्रदेश के सह प्रभारी सीपी मित्तल ने गांधी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया.

तत्पश्चात, कार्यक्रम के मंच पर कार्यकर्ताओं की अधिक भीड़ जमा हो जाने की वजह से कुछ देर तक गहमा गहमी का माहौल रहा। व्यवस्थाएं बिगड़ते देख अरुण यादव को माइक संभाल कर कार्यकर्ताओं को अनुशासन में रहने की नसीहत देना पड़ी। इसके बाद भी कार्यकर्ता अपने-अपने उम्मीदवारों के लिए नारेबाजी करते रहे। कुछ लोग चुनाव में पुराने चेहरे बदले जाने की तख्तियां हाथों में लेकर पहुंच गए। वे मंच के सामने ही बहुत देर तक तख्तियां लेकर खड़े रहे।

वही सभा के चलते पूर्व मंत्री अरुण यादव ने कहा कि पीएम मोदी के मध्य प्रदेश में निरंतर 7 दौरे हो गए हैं। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी बार-बार बैठक ले रहे हैं। यह भारतीय जनता पार्टी की घबराहट को साफ तौर पर उजागर करता है। प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह भी लड़ ले विधानसभा चुनाव, तो भी मध्य प्रदेश में उनकी दाल गलने वाली नहीं है। उन्होंने कहा कि 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस दो तिहाई बहुमत के साथ प्रदेश में सरकार बनाएगी।

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Sep 28 2023, 14:17

नहीं रहे हरित क्रांति के जनक एमएस स्वामीनाथन, 98 साल की उम्र में दुनिया को कहा अलविदा

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देश में जब भी हरित क्रांति का जिक्र होता तो सबसे पहले जो नाम और चेहरा सामने आता है वह है एमएस स्वामीनाथन का। भारत में खेती में क्रांति लाने वाला यह शख्स अब हम लोगों के बीच नहीं है।भारत में हरित क्रांति के जनक माने जाने वाले प्रसिद्ध कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन नहीं रहे। 98 साल की उम्र में उन्होंने तमिलनाडु में आखिरी सांस ली।जानकारी के मुताबिक लंबी उम्र की वजह से आने वाली दिक्कतों के चलते उनका निधन हो गया।

स्वामीनाथन डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर के वैज्ञानिक थे। उन्होंने 1972 से लेकर 1979 तक 'इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चरल रिसर्च' के अध्यक्ष के तौर पर भी काम किया। कृषि क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए भारत सरकार ने उन्हें पद्म भूषण से नवाजा था।

एम एस स्वामीनाथन का जन्म तमिलनाडु के कुंभकोणम में 7 अगस्त 1925 को हुआ था। उनके पिता एम के संबासिवन एक सर्जन थे। उन्होंने अपनी शुरुआत शिक्षा कुंभकोणम में ही हासिल की। उनकी कृषि क्षेत्र में दिलचस्पी की वजह उनके पिता का आजादी की लड़ाई में हिस्सा लेना और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का प्रभाव रहा। दोनों लोगों की वजह से ही उन्होंने कृषि के क्षेत्र में उच्च शिक्षा हासिल की। अगर ऐसा नहीं हुआ होता तो वह पुलिस अफसर बन गए होते। दरअसल, 1940 में उन्होंने पुलिस अफसर बनने के लिए एग्जाम भी क्वालिफाई कर लिया था। लेकिन फिर उन्होंने कृषि क्षेत्र में दो बैचलर डिग्री हासिल की।

स्वामीनाथन ने भारत में हरित क्रांति की अगुवाई की थी। उनकी तैयार की गई चावल और गेहूं की उन्नत किस्मों से देश में खेती की सूरत पूरी तरह से बदल गई।एमएस स्वामीनाथन को 1960 के दशक के दौरान भारत में उच्च उपज देने वाली गेहूं और चावल की किस्मों को विकसित करने और पेश करने के लिए पहला विश्व खाद्य पुरस्कार विजेता नामित किया गया था। स्वामीनाथ ने उस वक्त निर्णयाक भूमिका निभाई जब देश को व्यापक अकाल का सामना करना पड़ा। उनकी तैयार की गई चावल और गेंहू की उन्नत किस्मों से कुछ ही वर्षों में गेहूं का उत्पादन दोगुना हो गया था। इसके बाद देश खेती में पूरी तरह आत्मनिर्भर हो गया। 

स्वामीनाथन ने अपने महान मिशन को कायम रखने और स्थायी प्रभाव पैदा करने के लिए, एम एस स्वामीनाथन रिसर्च फाउंडेशन की स्थापना की। इस संस्था के माध्यम से उन्होंने भूख और गरीबी उन्मूलन के लिए अपना अथक प्रयास जारी रखा। फाउंडेशन देश में कृषि के क्षेत्र में आशा की किरण के रूप में कार्य करता है।

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Sep 28 2023, 13:31

भारत आने पर पाकिस्तानी टीम का जोरदार स्वागत, नहीं थी ऐसी मेहमाननवाजी की उम्मीद, अब कहा-शुक्रिया

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वर्ल्ड कप 2023 में हिस्सा लेने के लिए पाकिस्तान की क्रिकेट टीम भारत आ गई है। 2016 टी20 वर्ल्ड कप के बाद पहली बार पाकिस्तानी खिलाड़ी भारत आए हैं। पहले पाकिस्तान को भारत आने के लिए वीजा नहीं मिला था। पाकिस्तान ने इसकी शिकायत आईसीसी से की थी। अब भारत आने पर पाकिस्तानी टीम का जोरदार स्वागत हुआ है। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस वीडियो में देखा जा सकता है कि भारतीय फैंस हैदराबाद में पाकिस्तान क्रिकेट टीम के खिलाड़ियों का गर्मजोशी से स्वागत करते नजर आ रहे हैं।भारतीय फैंस ने जिस तरह पाकिस्तानी खिलाड़ियों का ग्रैंड वेलकम किया, पाकिस्तानी खिलाड़ी गदगद हो गए और भारत का शुक्रिया अदा किया है।

पाकिस्तान टीम का भारत में ग्रैंड वेलकम

पाकिस्तान के क्रिकेटर्स का हैदराबाद में जोरदार स्वागत किया। एयरपोर्ट के बाहर फैंस भारी संख्या में मौजूद थे। कई पाकिस्तानी फैंस और यहां तक कि भारतीय फैंस भी बाबर आजम एंड कंपनी की एक झलक पाने के लिए बेकरार थे। बस से उतरने से लेकर होटल में जाने तक पाकिस्तानी प्लेयर्स को देखने के लिए भीड़ उमड़ पड़ी। पुलिसकर्मी भी सेल्फी लेते हुए दिखाई दिए। पाकिस्तान के खिलाड़ियों ने भी हाथ हिलाकर फैंस का अभिवादन स्वीकार किया। टीम बस से होटल पहुंचने के बाद भी वहां खिलाड़ियों को ग्रैंड वेलकम हुआ। सॉल देकर होटल में उनका स्वागत किया गया। एक होटल स्टाफ के हाथ में ऑल द बेस्ट चैंपियंस का पोस्टर भी था।

शानदार वेलकम के लिए कहा धन्यवाद

वहीं, पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने अपने ऑफिशियल सोशल मीडिया हैंडल से एक वीडियो शेयर किया है। यह वीडियो पाकिस्तान क्रिकेट टीम के खिलाड़ियों के हैदराबाद एयरपोर्ट पहुंचने के बाद का है। इस वीडियो के कैप्शन में पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने लिखा है भारतीय सरजमीं पर पहुंचने के बाद हैदराबाद में हमारा भव्य स्वागत हुआ। पाकिस्तान के कुछ खिलाड़ियों ने अपने-अपने सोशल मीडिया हैंडल पर इस स्वागत को लेकर उत्साह दिखाया है। भारत की मेहमाननवाजी से वह फूले नहीं समां रहे हैं। सोशल मीडिया पर पाकिस्तानी भारत को इस वेलकम के लिए धन्यवाद कर रहे हैं।

पाक प्लेयर्स ने हैदराबादी बिरयानी-कबाब के मजे लिए

बता दें कि पाकिस्तान क्रिकेट टीम के क्रिकेटर्स हैदराबाद में पार्क हयात होटल में ठहरे हुए हैं। पाकिस्तानी क्रिकेटर्स भारत में मेहमान-नवाजी का जमकर लुत्फ उठा रहे हैं। पाकिस्तानी क्रिकेटर्स ने हैदराबादी बिरयानी और कबाब का मजा लिया है। सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान क्रिकेट टीम के क्रिकेटर्स ने हैदराबाद में कल रात अपने होटल पार्क हयात में हैदराबादी बिरयानी, कबाब और अन्य हैदराबादी व्यंजनों का आनंद लिया।

7 साल बाद आई है भारत

पाकिस्तान ने आखिरी बार टी20 वर्ल्ड कप 2016 में भारत का दौरा किया था। अब सात साल बाद पाकिस्तानी टीम फिर से भारत की धरती पर आई है। दोनों देशों के बीच आखिरी बाइलेटरल सीरीज साल 2012 में खेली गई थी। मुंबई में साल 2008 में हुए आतंकवादी हमले के बाद दोनों देश के बीच राजनीतिक संबंध बिगड़ गए, जिसका असर क्रिकेट पर भी पड़ा। अब भारत और पाकिस्तानी की टीमें आईसीसी टूर्नामेंट और एशिया कप में ही भिड़ती हुई नजर आती हैं।