*उप गन्ना आयुक्त अयोध्या के निर्देशन में जिला गन्ना अधिकारी द्वारा अयोध्या परिक्षेत्र व रौजागाँव चीनी मिल के किसानों के लिए दिया आवश्यक संदेश*
अयोध्या। गन्ने में वर्तमान में रेड रॉट या लाल सड़न रोग का प्रकोप देखा जा रहा है,इसी कर्म ग्राम सरायनायू के किसान हौसला पुत्र गंगाराम के खेत में था रोग है जो गन्ने का कैंसर भी कहलाता है क्योंकि एक बार यह रोग लग जाने के बाद प्रभावित गन्ने को बचाना संभव नहीं हो पाता। इसलिए रोकथाम हेतु रोग से बचाव ही एकमात्र उपाय है। विशेषकर इस रोग से गन्ने की को. 0238 किस्म प्रभावित हुई है जोकि अधिक उत्पादन देने वाली किस्म है और जिसके अंतर्गत लगभग जिले के 80% गन्ने का रकबा है। अब तक मसौधा मिल क्षेत्र का 498 हे. व रोजागांव मिल क्षेत्र का 233 हे. रकबा लाल सड़न रोगग्रस्त मिला है।
यह रोग फफुंदजनित है रोगग्रस्त गन्ना सूख जाता है, गन्ने की पत्तियों के मध्य में लाल, सफेद धब्बे दिखते हैं, गन्ने का अगोला सूखता है, इसके अंदर का गूदा लाल हो जाता है, गन्ने को काटने पर इसमें सिरके सी गंध आती है तथा गन्ना आसानी से गांठों से तोड़ा जा सकता है, ऐसे गन्ने में वजन नहीं रह जाता। वर्षाकाल में व सिंचाई के दौरान रोगग्रस्त गन्ने का यह फफूंद स्वस्थ गन्नों तक पहुंचता है, अतः रोगग्रस्त गन्ने को उखाड़ कर एक गड्ढे में दबा दिया जाए और उस पर ब्लीचिंग पाउडर डाला जाए। यह रोग गन्ने में बीज के माध्यम से फैलता है तथा ऐसी गन्ना प्रजातियां जो लम्बे समय से कृषकों द्वारा बोई जा रही है उनमें अनुवांशिक ह्रास होने के कारण रोग प्रतिरोधक क्षमता घटती है और उन प्रजातियों में रेड-रॉट बीमारी लगने की सम्भावना बढ़ जाती है।
इस बीमारी से गन्ने की फसल में बहुत अधिक नुकसान होता है इस नुकसान से बचने के लिए वैज्ञानिक संस्तुतियां है कि कम से कम 40 प्रतिशत गन्ना क्षेत्रफल में को.0238 के स्थान पर लाल सड़न रोग रोधी नई अगेती गन्ना प्रजातियां यथाः- को.0118 को.शा.08272 को. 98014, को.लख.14201, को.15023, को.13235आदि की बुवाई की जाये तथा किसी खेत में गन्ने के रोग ग्रस्त होने पर उसमे गन्ना न बोकर अन्य फसलों के साथ फसलचक्र पद्धति अपनाएं।
Sep 10 2023, 21:50