जी 20 समिट में भारत, अमेरिका और सऊदी अरब के बीच इस मुद्दे पर फाइनल हो सकती है डील, चीन को काउंटर करने का है प्लान
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सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात समेत कई खाड़ी देशों में जल्द भी भारत की बनाई ट्रेन दौड़ सकती है। इस परियोजना को लेकर भारत-अमेरिका और सऊदी अरब के साथ डील हो सकती है।जी20 शिखर सम्मेलन के लिए दिल्ली में मंच तैयार है। अमेरिका से जो बाइडेन इस समिट में शामिल होने पहुंचने ही वाले हैं।सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान भी भारत आ रहे हैं।अमेरिका, भारत, यूएई और सऊदी अरब जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान रेलवे को लेकर जाइंट इंफ्रास्ट्रक्चर पर एक बड़ी डील का ऐलान कर सकते हैं। अमेरिकी न्यूज वेबसाइट Axios ने सूत्रों के हवाले से ये जानकारी दी है।
एक्सियोस की एक रिपोर्ट के अनुसार , इस परियोजना से लेवांत और खाड़ी में अरब देशों को रेलवे के एक नेटवर्क के माध्यम से जोड़ने की उम्मीद है, जो खाड़ी में बंदरगाहों के माध्यम से भारत से भी जुड़ेगा।इसके अलावा एक्सियोस ने दो स्रोतों का हवाला देते हुए कहा है कि इस नई पहल का विचार पिछले 18 महीनों में I2U2 नामक एक अन्य फोरम में हुई बातचीत के दौरान आया, जिसमें अमेरिका, इज़राइल, यूएई और भारत शामिल हैं। इस फोरम की स्थापना 2021 के अंत में मिडिल ईस्ट में रणनीतिक बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर चर्चा करने और क्षेत्र में बीजिंग के बढ़ते प्रभाव का मुकाबला करने के लिए हुई थी।
खाड़ी देशों में बढ़ते चीन के प्रभाव को कम करना है उद्देश्य
दरअसल, इस डील का प्राथमिक उद्देश्य खाड़ी देशों में बढ़ते चीन के प्रभाव को कम करना है। चीन बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव के जरिए मध्य पूर्व के देशों में तेजी से निवेश कर रहा है। बेल्ट एंड रोड इनीशियेटिव के जरिए चीन ने दुनियाभर के देशों तक सड़क मार्ग से पहुंच बना ली। इस इनीशियेटिव के तहत रेल मार्ग भी शामिल है। इसी के जवाब में चीन विरोधी देशों का प्लान है कि एक रेल डील साइन किया जाए। इ़स प्रोजेक्ट के तहत अरब देशों को एशियाई क्षेत्र लेवांत से जोड़ा जाएगा जो इजराइल होते हुए अरब सागर के रास्ते भारत तक पहुंचेगा।
भारत को भी होगा फायदा
बताया जा रहा है कि अगर इन चारों देशों के वार्ताकार अगले दो दिनों में सहमत हो जाते हैं तो चारों देशों के नेता एक समझौते पर हस्ताक्षर कर सकते हैं। इस रेलवे परियोजना के तहत अरब देशों को रेलवे के जरिए जोड़ा जाएगा। इसके बाद समुद्री बंदरगाहों के जरिए भारत भी इस नेटवर्क से पूरी तरह से जुड़ जाएगा। अगर सऊदी अरब और इजरायल के बीच संबंध सामान्य होते हैं तो भविष्य में इजरायल को भी इस रेलवे प्रॉजेक्ट का हिस्सा बनाया जा सकता है। यही नहीं इजरायल के बंदरगाहों के जरिए इसे यूरोप से भी आसानी से जोड़ा सकेगा।
Sep 08 2023, 15:54