/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif StreetBuzz *गोपीगंज फ्लाईओवर के छह ज्वाइंट एक्सटेंशन में आई तकनीकी खामी* Bhadohi
*गोपीगंज फ्लाईओवर के छह ज्वाइंट एक्सटेंशन में आई तकनीकी खामी*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही। वाराणसी-प्रयागराज हाईवे पर गोपीगंज स्थित फ्लाईओवर के छह पिलरों में एक बार फिर से तकनीकी खामी आ गई है। पिलरों के ज्वाइंट एक्सटेंशन में गड़बड़ियों से नगरवासियों की चिंता बढ़ गई है। हाईवे प्राधिकरण की ओर से अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।वाराणसी-प्रयागराज हाईवे पर गोपीगंज में करीब 100 करोड़ की लागत से फ्लाईओवर का निर्माण हुआ है। तीन वर्ष पहले बने इस फ्लाईओवर में 53 सिंगल पिलर लगे हैं। गोपीगंज को जाम की समस्या से मुक्ति दिलाने के लिए बनाए गए फ्लाईओवर में अक्सर तकनीकी खामियां आती रहती हैं।

लगभग आठ महीने पहले पिलर नंबर 18 व 19 से कंक्रीट के टुकड़े गिरने के कारण नगरवासी दशहत में आ गए। व्यापारियों की शिकायत के बाद हाईवे प्राधिकरण ने लगभग 40 लाख की लागत से दो ज्वाइंट एक्सटेंशन को बदलाकर खामियों को दूर कराया था। उस दौरान बारी-बारी उत्तरी व दक्षिणी लेन को 10 से 12 दिनों तक बंद करना पड़ा था। अब एक बार फिर से वहीं समस्या लगभग आधा दर्जन पिलरों में आ गई है। पिलर नंबर 08, 09, 18, 19 और 42 व 43 में तकनीकी खामी देखी जा रही है। रखरखाव प्रबंधक बीके कुशवाहा ने बताया कि मामले की जानकारी दो माह से है।

श्रावण मास में दो माह के लिए उत्तरी लेन कांवड़ियों के लिए आरक्षित थी। इसलिए कुछ नहीं कराया जा सका था। दीपावली बाद लगभग एक करोड़ की लागत से तकनीकी गड़बड़ी की जद में आये छह पिलरों का ज्वाइंट एक्सटेंशन बदलवाया जाएगा।रखरखाव संस्था का मानना है कि वाराणसी-प्रयागराज फोरलेन के सिक्सलेन में परिवर्तित करने और गोपीगंज नगर में फ्लाईओवर की मैपिंग में तकनीकी चूक से समस्याएं हो रही हैं।

उन्होंने स्वीकार किया कि यदि यही फ्लाईओवर डबल पिलरों पर बना होता तो यह समस्या न बढ़ती। सावन माह कांवड़ियों के लिए आरक्षित हुई उत्तरी लेन के समय दक्षिणी लेन पर लोड बढ़ गया था। जिससे ज्वाइंट एक्सटेंशन में तकनीकी गड़बड़ी हुई है हाईवे पर हर दिन छोटे-बड़े और भारी वाहन मिलाकर कुल 24 हजार वाहन रफ्तार भरते हैं। इसमें 10 हजार ऐसे हैवी वाहनों होते हैं, जो खनिज, इस्पात, खाद्य, फल, खाद्यान्न, कच्चे माल लेकर फेरा लगाते हैं। फ्लाईओवर के 90 फीसद उपकरण सीमेंटेड और 10 फीसद उपकरण इस्पातयुक्त हैं।

*भादो के महीने में आषाढ़ वाली गर्मी, लोग परेशान*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव 

भदोही इस साल मानसून की बेरूखी ने न सिर्फ किसानों को बल्कि आम लोगों के लिए भी मुसीबत खड़ी कर दी है। बीते दो से तीन दिनों में मौसम का मिजाज इस कदर बदला हुआ है कि भादो के महीने में आषाढ़ वाली गर्मी का अहसास हो रहा है। शनिवार को दिनभर तीखी धूपरहीं। वहीं उमस के कारण लोग परेशान दिखे। इसका असर लोगों की स्वास्थ्य पर भी पड़ रहा है।

मौसम विभाग के अनुसार अधिकतम 35.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।इस साल मानसून की बेरूखी देखने को मिल रही है। अगस्त के शुरूआती दिनों में अच्छी बारिश होने के बाद पूरे माह मौसम सामान्य ही बना रहा। दूसरी तरफ सितंबर के महीने में भी तीखी धूप लोगों को परेशान कर रही है। सावन-भादो के महीने में आमतौर पर लोग रिझझिम बारिश का आनंद लेते हैं, लेकिन इस बार मौसम का मिजाज बिगड़ा हुआ है।

स्थिति यह है कि सितंबर माह में तीखी धूप से बचने के लिए लोगों को घरों में दुबकना पड़ रहा है। शनिवार को दिन भर तीखी धूप और उमस का माहौल बना रहा। जिसके कारण दिनभर लोग परेशान दिखे। इस बीच बिजली की आंख मिचौली ने भी लोगों को खुब परेशान किया। जिसका असर लोगों की सेहत पर देखने को मिल रहा है।

कृषि केंद्र बेजवां मौसम विशेषज्ञ सर्वेश बरनवाल ने बताया कि बारिश न होने के कारण सितंबर माह में भी धूप का तेवर तल्ख है। चार सितंबर तक तापमान में निरंतर बढ़ोत्तरी देखी जाएगी। पांच सितंबर से मौसम में बदलाव होने की उम्मीद है।

भदोही में कालीन कंपनी के गोदाम में लगी भीषण आग, दमकल की पांच गाड़ियों ने पाया काबू

नितेश श्रीवास्तव

भदोही जिले में एक कालीन कंपनी में शॉर्ट सर्किट से भीषण आग लगने से हड़कंप मच गया। आग इतनी भयानक थी कि धुएं का गुबार आसमान में कई घंटे तक छाया रहा।

सूचना पर मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड की टीम ने कई घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया।यह पूरी घटना भदोही कोतवाली क्षेत्र के स्टेशन रोड की है जहां पर स्थित के इंटरनेशनल कारपेट कंपनी में आज सुबह आग लग गई । कंपनी के बाहर उठता हुआ धुआं देखकर पड़ोसियों ने इसकी सूचना कंपनी वालों को दी।

लोगों ने खुद भी आग बुझाने की कोशिश की इसी दौरान सूचना पर फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंच गई। और एक के बाद एक तीन दमकल वाहन लगाकर दमकल कर्मियों ने तीन से चार घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया है।

इस घटना में कारपेट कंपनी के कई तरीके के रॉ मैटेरियल जले हैं जिससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि एक बड़ा नुकसान हुआ है। वही जिला अग्निशमन अधिकारी ने बताया कि यह घटना शॉर्ट सर्किट से हुई घटना में कोई जनहानि नहीं हुई है।

आग लगने की घटना से कंपनी का जो नुकसान हुआ है उसका कंपनी के लोग आकलन कर रहे हैं। वह हमें रिकॉर्ड उपलब्ध कराएंगे तो उसके बाद ही पता चल सकेगा कि कितना नुकसान हुआ है।

खुले में रखा ट्रांसफार्मर,हादसे की आंशका

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही। नगर पंचायत ज्ञानपुर में आधा दर्जन स्थानों पर खुले में रखा ट्रांसफार्मर किसी वक्त हादसे का कारण बन सकता है। पुलिस लाइन के पास लगे लगे ट्रांसफार्मर से रात्रि में नौ रात्रि लौ उठने लगा।

ऐसे में खुले में दिखे ट्रांसफार्मर अप्रिय घटना का कारण बन सकते हैं। बिजली विभाग द्वारा लोग निर्माण कार्यालय, पुलिस लाइन, बालीपुर, पुरानी तहसील समेत कई स्थानों पर ट्रांसफार्मर खुले में रखा है‌।

तीन वर्ष पूर्व महिला थाना के पास ट्रांसफार्मर धू- धू कर जल गया था।।

*मनरेगा की सुस्त पड़ी रफ्तार, 63 को ही मिला 100 दिन का काम*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही- महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) की रफ्तार सुस्त पड़ गई है। सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना को लेकर ग्राम प्रधान और अधिकारी उदासीन हैं। आलम यह है कि चालू वित्त वर्ष यानी 2023-24 में अब तक महज 63 परिवार को ही सौ दिन का काम मिला है।जिले में वित्त वर्ष 2008-09 में शुरू हुई योजना मनरेगा में अब तक अरबों रुपये खर्च हो चुके हैं। जिले में योजना की स्थिति जस की तस बनी हुई है।

रिकॉर्ड पर गौर किया जाए तो जिले में करीब एक लाख 87 हजार जॉब कार्डधारक पंजीकृत हैं। इसके सापेक्ष अब तक करीब एक लाख तीन हजार परिवारों को रोजगार मुहैया कराया गया है। शुरुआती दौर के छह वर्ष में तो स्थिति संतोषजनक रही, लेकिन चालू वित्त वर्ष में योजना पूरी तरह पटरी से उतर चुकी है। अमृत सरोवर सहित अन्य प्रोजेक्ट भी ठप पड़े हैं। चालू वित्त वर्ष के पांच माह में पंजीकृत श्रमिकों में गिने-चुने ने ही रोजगार मांगा है। नियमानुसार रोजगार मांगने पर अगर विभाग काम नहीं देता है तो उसका भत्ता देना होता है।

ग्रामीण क्षेत्रों में मजदूरों के पलायन को रोकने के लिए शुरू की गई महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना पूरी तरह फेल होती दिख रही है। मजदूरी कम मिलने के कारण भी श्रमिक इस योजना से मुंह मोड़ रहे हैं। सबसे बड़ा कारण तो यह है कि काम करने के बाद भी समय से मजदूरी नहीं मिल पाती है। ग्राम प्रधानों का कहना है कि काम करने के बाद मजदूरी नहीं मिलती है तो श्रमिक उनके घर पर विरोध करने पहुंच जाते हैं। कुछ तो जिलाधिकारी के यहां तक पहुंचकर शिकायत करते हैं कि उन्हें काम करने के बाद भी मजदूरी नहीं दी गई।

*इंडिया कार्पेट एक्सपो में स्टॉलों की बुकिंग समाप्त, 244 निर्यातक लगाएंगे स्टॉल*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही- भदोही में आगामी अक्तूबर में होने वाले इंडिया कार्पेट एक्सपो में स्टॉलों की बुकिंग बंद हो चुकी है। बुकिंग बंद होने तक स्टॉल लगाने वाले निर्यातकों की संख्या 244 पहुंच गई है। अगर एक्सपो में विभिन्न देशों के आयातकों की संख्या की बात करें तो यह 403 पहुंच गई है। यह पिछले कुछ एक्सपो से मिलान करने पर अब तक का सबसे ज्यादा है। आयोजकों का कहना है कि अभी एक्सपो में एक महीने से अधिक समय बचा है। इसलिए आने वाले आयातकों की संख्या 500 से ऊपर पहुंच जाएगी।

यह दूसरा अवसर होगा जब भदोही में इंडिया कार्पेट एक्सपो का आयोजन होगा। अटकलों के विपरित गत वर्ष यहां हुआ पहला एक्सपो काफी सफल रहा था। पिछली बार की सफलता को देखते हुए इस बार स्टॉलों की संख्या तेजी से बढ़ी है।आयोजक कालीन निर्यात संवर्धन परिषद (सीईपीसी) के प्रशासनिक समिति के सदस्य असलम महबूब ने बताया कि एक्सपो मार्ट के तीन तलों पर दुकानें हैं। हम पहले और तीसरे तल पर दुकानें निर्यातकों को आवंटित कर रहे हैं।मार्ट में पहले एक्सपो के दौरान एस्केलेटर की कमी लोगों को खटक रही थी। बिना एस्केलेटर के दूसरे तल पर दुकानें आवंटित करने में काफी अड़चनें हैं। इसलिए इस बार भी दूसरे तल पर स्टॉल आवंटित नहीं किए जा रहे हैं। जबकि चार दर्जन से अधिक निर्यातक स्टॉल के लिए लाइन में लगे हैं और हम दे नहीं पा रहे हैं।

उन्होंने बताया कि फाइनल ले-आउट प्लान में कुछ स्टॉल यदि निकले तो उन्हें भी आवंटित कर दिया जाएगा। फिलहाल अब तक स्टॉलों की संख्या 244 है। अब सीईपीसी की पूरी टीम के सामने एक्सपो को बेहतर से बेहतर ढंग से संपन्न कराने की चुनौती है।

*बारिश न होने से किसानों की चिंता बढ़ी*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही- भारत कृषि प्रधान देश हैं। आजादी के सात दशक बाद भी अन्नदाता प्रकृति पर निर्भर है। मानसून अच्छा रहा तो किसानों की बल्ले-बल्ले, नहीं तो भी भारी घाटा लगना तय है। अनुमान के मुताबिक इस वर्ष काले बादलों की रफ्तार तीव्र रही हालांकि अब ये सुस्त नजर आ रहे हैं। इन दिनों तो भीषण गर्मी का एहसास हो रहा है। मानसून की रुखसत के बीच बारिश न होने के कारण किसानों के माथे पर बल है‌। कारण खरीफ फसलें सिंचाई के अभाव में तोड़ रही है जबकि रबी की तैयारियों को बल नहीं मिल पाएगा।

इस साल शुरू से ही मानसूनी बादलों ने लोगों को मायूस किया। आषाढ़,दो माह सावन का तीखी धूप व उसम में ही बीता। कभी कभार ही बारिश हुई। मौसम वैज्ञानिकों ने प्रदेश में 15 जून तक मानसून के आगमन की भविष्यवाणी की थी, लेकिन आगमन जून के अंतिम दिनों में हुआ। अगस्त शुरू में काले बादलों ने बारिश कर दिया था, जिसके बाद बड़ी तादाद में ग्रामीण ने धान की रोपाई कर दी। इस बीच, मौसम का रूख बदलने के बाद उनके भविष्य पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं।

किसानों का कहना है कि समय रहते झमाझम बारिश नहीं हुई तो धान,अरहर की फसलों के प्रभावित होने से इनकार नहीं किया जा सकता। नदियां, नहरों में भी पानी कम ही नजर आ रहा है। ऐसे में खेतों की सिंचाई संभव नहीं है। अन्नदाता सुबह होने के साथ ही आसमान की ओर बादलों के इंतजार की ओर बादलों के इंतजार में टकटकी लगाए रहता है।

*स्वीकृत हुआ 211 मुख्यमंत्री आवास, जगी आशियाने की उम्मीद*


*नितेश श्रीवास्तव*


भदोही। प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री आवास योजना में जिले को 2023-24 में 211 आवास निर्माण का लक्ष्य मिला है।


इससे छप्पर, तिरपाल के नीचे गुजर-बसर करने वालों को पक्के आशियाने की उम्मीद जग गई है। गांव में अति गरीबों को लाभ देने के लिए ब्लॉकों से पात्रों की सूची मांगी गई है।प्रधानमंत्री आवास योजना की तरह साल 2019 में प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री आवास योजना की शुरुआत की।


इसमें मुसहर, नट, बहचरिया, दलित, दिव्यांग आदि को प्राथमिकता के साथ आवास मुहैया कराने का निर्देश दिया गया। दो से तीन साल तक प्रशासनिक अफसरों ने मुसहरों को ढूढ़कर आवास दिया, लेकिन अब अन्य पात्रों का चयन किया जा रहा है। गुजरे चार साल में 3544 आवास स्वीकृत हुए। इसमें तीन हजार से अधिक पूर्ण हो चुके हैं। सत्र 2023-24 में 211 आवास का लक्ष्य शासन स्तर से मिला है।


परियोजना निदेशक आदित्य कुमार ने बताया कि लाभार्थियों के चयन के लिए ब्लॉकों से सूची मांगी गई है। बजट आते ही पात्रता की श्रेणी में चिह्नित परिवारों को तीन किस्तों में 1.20 लाख रुपये खातों में हस्तांतरित कराए जाएंगे। दिव्यांगजन के साथ ही कुष्ठ पीड़ितों और दैवीय आपदा प्रभावित परिवारों में से पात्रता की श्रेणी में आने वाले परिवारों को योजना का लाभ दिए जाने के लिए खंड विकास अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है।


मुख्यमंत्री आवास योजना में प्रधान और सचिव ने जमकर खेल किया। चार साल में साढ़े तीन हजार आवास स्वीकृत हुए, लेकिन 285 आवास आज तक पूर्ण नहीं हो सका। शुरुआत में प्रशासनिक अफसरों ने सख्ती दिखाई, लेकिन बाद में मामला ठंडे बस्ते में चला गया।

भदोही ब्लॉक के पिपरिस में तो वाराणसी के मुसहरों को आवास आवंटित कर दिया गया। उसके बाद सरकारी बजट में बंदरबांट कर दिया गया। यह स्थिति कई ग्राम पंचायतों में है, जहां आवास नींव तक बनाकर ही छूट गई और बजट का पैसा पूरा निकल गया।
*जिला चिकित्सालय में जन औषधि केंद्र का उद्घाटन*


*नितेश श्रीवास्तव*


भदोही। महाराजा चेतसिंह जिला चिकित्सालय में अब मरीजों को सस्ती दर पर जेनरिक दवाएं मिल सकेगी। सीएमओ डॉ संतोष कुमार चक और सीएम‌एस डॉ राजेंद्र कुमार ने संयुक्त रूप से जन औषधि केंद्र का उद्घाटन किया। इसके साथ ही जिले में जन औषधि केंद्रों की संख्या बढ़कर सात हो गई।


मरीजों को सस्ती दर पर अच्छी उपलब्ध कराने के उद्देश्य से शासन की ओर से से स्वास्थ्य केंद्रों पर प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र खोले जाने है। इसको लेकर समय - समय पर शासन से गाइडलाइन भी मिलते रहते हैं।गौर करने वाली बात है कि इस केंद्र पर लगभग 200 दवाएं उपलब्ध होती है।

इसी कड़ी में अब महाराजा चेतसिंह जिला चिकित्सालय में जन औषधि केंद्र शुरू किया गया। यहां हर दिन 900 से 1000 के बीच लोगों की ओपीडी होती है। जिला चिकित्सालय पर जन औषधि केंद्र खुलने से बड़ी संख्या में लोगों को लाभ मिलेगा।


यहां मरीजों को बाहर के मेडिकल स्टोर की अपेक्षा जेनेरिक दवाईयां 50 से 90 फीसदी सस्ती दर पर उपलब्ध होगी। सीएमओ ने कहा कि मरीजों तक बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं को पहुंचाने के लिए हर स्तर से प्रयास किए जा रहे। आने वाले समय में जिले में और भी जन औषधि केंद्र खोले जाने है।

इस मौके पर नवीन कुमार सिंह, रंजीत गुप्ता,प्रभात पांडेय, आंनद गुप्ता, रिंकू सिंह आदि लोग उपस्थित रहे ‌।
*बोर्ड परीक्षा: नौवीं से 12 वीं के आवेदन की तिथि बढ़ी*


*नितेश श्रीवास्तव*


भदोही। माध्यमिक विद्यालयों के छात्रों को यूपी बोर्ड ने राहत दी है। अब वह विलंब शुल्क के साथ 10 सितंबर तक आवेदन कर सकेंगे। बड़ी संख्या में छात्र प्रवेश फाॅर्म भरने में चूक गए थे। इससे वह विद्यालयों का चक्कर काट रहे थे। ऐसे छात्रों को आवेदन करने का एक और मौका मिल गया है।


यूपी बोर्ड ने कक्षा नौ से 12 तक में प्रवेश की अंतिम तिथि अब 10 सितंबर तक बढ़ा दी है। पहले बिना विलंब शुल्क हाईस्कूल और इंटर के छात्र-छात्राओं के प्रवेश की अंतिम तिथि 10 अगस्त थी और शैक्षिक विवरणों को बोर्ड की वेबसाइट पर अपलोड करने की आखिरी तारीख 16 अगस्त थी।


100 रुपये विलंब शुल्क के साथ पंजीकरण की अंतिम तिथि 20 अगस्त थी। कक्षा नौ व 11 के विद्यार्थियों के विवरण और कोषागार में जमा अग्रिम पंजीकरण शुल्क की सूचना 25 अगस्त तक अपलोड होनी थी। अब बोर्ड ने तय किया है कि कक्षा 10 व 12 में विलंब शुल्क 100 रुपये के साथ 10 सितंबर तक विवरण अपलोड होंगे।

कक्षा 9 व 11 में भी अग्रिम पंजीकरण 10 सितंबर तक होंगे, इसमें विलंब शुल्क नहीं लगाया गया है। स्कूलों के प्रधानाचार्य कक्षा 9 से 12 तक के छात्र-छात्राओं के विवरणों की चेकलिस्ट प्राप्त करेंगे और 11 से 13 सितंबर तक इसे जांचेंगे। डीआईओएस विकायल भारती ने सभी प्रधानाचार्यों को निर्देश दिया है कि इस बार समय से प्रक्रिया पूरी करें।


उन्होंने बताया कि 30 सितंबर तक पंजीकृत अभ्यर्थियों की फोटो युक्त नामावली बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय को डीआईओएस के माध्यम से भेजी जाएगी। इससे बोर्ड परीक्षा 2024 में बैठने वाले छात्र-छात्राओं की तस्वीर साफ हो जाएगी।