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*गुरु गोरक्षनाथ इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस में आईआईटी बीएचयू के प्रो. एसके सिंह का व्याख्यान*

गोरखपुर, 27 अगस्त। महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित गुरु गोरक्षनाथ इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस (आयुर्वेद कॉलेज) में रविवार को अतिथि व्याख्यान का आयोजन किया गया।

मुख्य अतिथि के रूप उपस्थित आईआईटी, बीएचयू के प्रोफेसर (डॉ.) एसके सिंह ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस विषय पर अपना व्याख्यान दिया।

उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के विभिन्न पहलू पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में सिखाने और सीखने के तरीके में क्रांति लाने की क्षमता है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्रौद्योगिकी का उपयोग करके, शिक्षक प्रत्येक छात्र के लिए निर्देश को निजीकृत कर सकते हैं।

तत्काल प्रतिक्रिया प्रदान कर सकते हैं और सीखने की सामग्री को एक विस्तृत विविधता प्रदान कर सकते है। चिकित्सा, शिक्षा सहित सभी क्षेत्रो में इसका इस्तेमाल सजगता से किया जाये तो यह विकास कि प्रक्रिया को शीघ्रता से आगे बढ़ा सकती है |

कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. प्रदीप कुमार राव, आयुर्वेद कॉलेज के प्राचार्य डॉ. मंजूनाथ एनएस एवं सभी विभागों के विभागाध्यक्ष, शिक्षक एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन आशीष चौधरी ने किया।

*अंतर्जनपदीय शातिर ठग को पुलिस ने किया गिरफ्तार*

गोरखपुर।महिलाओं को अपने बातों में फंसाकर और उन्हें नशीला पदार्थ खिलाकर उनके जेवर लेकर फरार होने वाले शातिर ठग को ऑपरेशन त्रिनेत्र की मदद से पुलिस ने ढूंढ निकाला और पहुंचा दिया सलाखों के पीछे।

एम्स पुलिस ने एक ऐसे शातिर अंतर्जनपदीय ठग को गिरफ्तार किया है जो अपने बातों में उलझा कर महिलाओं को ठगने का काम करता था।7 जुलाई को एम्स थाना क्षेत्र के सोनबरसा चौकी अंतर्गत बेलवा खुर्द की रहने वाली सोनमती देवी को इसने अपना शिकार बनाया और उनके जेवर लेकर फरार हो गया।पुलिस को दी गई तहरीर में सोनमती ने बताया कि वह सुबह अपने खेत के तरफ जा रही थी।

तभी एक अज्ञात व्यक्ति बाइक से उनके पास पहुंचा और खुद को उनके बेटे प्रमोद का दोस्त बताया और उनसे बातें करने लगा उसने बताया कि प्रमोद का एक पार्सल आया है सोनमती ने बताया कि वह ठग बातों में उलझ गई और उसकी बाइक पर बैठकर कोनी मोड़ तक गई।वहां पर अज्ञात बाइक सवार ने सोनमती देवी के सभी जेवरात ले लिए और मौके से फरार हो गया।

कुछ देर के बाद सोनमती देवी को ठगे जाने का एहसास हुआ उन्होंने एम्स थाने पर अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया।पुलिस के लिए इस ठग को ढूंढना एक चैलेंज बन गया।थाना अध्यक्ष एम्स मदन मोहन मिश्रा ने इस मुकदमे की विवेचना सोनबरसा चौकी इंचार्ज गुरु प्रसाद को सौंपी।

चौकी इंचार्ज गुरु प्रसाद ने इस मामले के खुलासे के लिए ऑपरेशन त्रिनेत्र का सहारा लिया।उन्होंने घटनास्थल से लेकर आसपास के इलाकों में लगे हुए सभी सीसीटीवी कैमरे को खंगाला।

सकड़ों सीसीटीवी कैमरों को गहनता से देखने के बाद इस शातिर ठग का सुराग पुलिस को लगा। पुलिस ने आज कुसम्ही बाजार के पास से मुखबिर की सूचना पर शातिर ठग बहादुर को गिरफ्तार किया।गिरफ्तारी के समय आरोपी बहादुर के पास से पुलिस ने चोरी की दो पायल और नशीली गोलियां बरामद किया।

पूछताछ में बहादुर ने बताया कि वह गोरखपुर और महाराजगंज में ऐसी कई घटना को अंजाम दे चुका है जहां वह अपनी बातों में उलझाकर महिलाओं के जेवर लेकर फरार हो जाता था। और इन जेवरात को वह नेपाल ले जाकर बेचने का भी काम करता था।

*आध्यात्मिक व सांस्कृतिक शक्ति से विश्व गुरु रहा है भारत : प्रो. टीपी सिंह*

गोरखपुर, 27 अगस्त। बीएचयू के राजनीति शास्त्र के प्रोफेसर (डॉ.) तेज प्रताप (टीपी) सिंह ने कहा कि भारत अपनी सैन्य शक्ति की वजह से नहीं बल्कि आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और शैक्षिक शक्ति से विश्व गुरु रहा है। भारत भौतिकवाद की बजाय अध्यात्मवाद की धरा है।

इसका सांस्कृतिक प्रभाव पूर्वी एशिया और दक्षिण पूर्व एशिया तक होने के बावजूद इसने कभी इन क्षेत्रों में औपनिवेशिक प्रभुत्व कायम करने का प्रयास नहीं किया। औपनिवेशिक विस्तार कभी भी भारतीय मूल्यों में शामिल नहीं रहा है।

प्रो. सिंह महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय, आरोग्यधाम गोरखपुर की दूसरी वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित सप्तदिवसीय व्याख्यानमाला के छठवें दिन रविवार को बतौर मुख्य अतिथि अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने अपनी बात को तथ्य से जोड़ते हुए कहा कि प्राचीन काल में रावण पर विजय प्राप्त करने के पश्चात प्रभु श्रीराम ने लंका पर आधिपत्य करने की बजाय रावण के छोटे भाई विभीषण को वहां का राजा बनाया।

प्रो. सिंह ने जी-20 के उद्भव और अब तक की इसकी प्रगति यात्रा का सविस्तार उल्लेख करते हुए कहा कि जी-20 उन देशों का समूह है जो वर्तमान में विश्व की 85 प्रतिशत जीडीपी, 75 प्रतिशत विश्व व्यापार पर अधिकार रखते हैं। आजादी के अमृतकाल में भारत विश्व के इस सबसे महत्वपूर्ण समूह (संगठन) की अध्यक्षता कर रहा है।

उन्होंने कहा कि भारत की बढ़ती शक्ति विश्व के अन्य देशों के लिए खतरा नहीं है। जबकि चीन की बढ़ती शक्ति ने कई देशों के लिए खतरा उत्पन्न किया। खुद भारत उसकी आक्रामक और कपटपूर्ण नीतियों से पीड़ित रहा है। भारत की बढ़ी शक्ति के मामले में ऐसा बिलकुल भी नहीं है। यही वजह है कि चीन की बढ़ती ताकत से चिंतित रहा विश्व समुदाय भारत की बढ़ती शक्ति से भयभीत होने की बजाय विश्व कल्याण हेतु आशान्वित है।

जी-20 के भारतीय नेतृत्व से यह आशा फलीभूत भी होगी क्योंकि सॉफ्ट पॉवर की छवि और वसुधैव कुटुम्बकम की भावना के चलते भारत वैश्विक परिदृश्य में सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में सक्षम है।

व्याख्यान की अध्यक्षता कर रहे महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलपति मेजर जनरल डॉ. अतुल वाजपेयी ने कहा कि प्राचीन काल की भांति भारत एक बार पुनः विश्व गुरु बनने की ओर अग्रसर है।

स्वागत संबोधन गुरु श्री गोरखनाथ इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. विनम्र शर्मा ने तथा आभार ज्ञापन डॉ. नवीन के. ने किया। इस अवसर पर ब्लू हाउस, ग्रीन हाउस, येलो हाउस, ब्राउन हाउस तथा रेड हाउस के विद्यार्थियों के बीच क्विज, फैशन शो तथा एक्जीबिशन कंपटीशन का भी आयोजन किया गया।

*स्वास्थ्यकर्मियों के सामने ही खाएं फाइलेरिया से बचाव की दवा*

गोरखपुर। जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक जिला विकास अधिकारी राज मणि वर्मा की अध्यक्षता में शनिवार को देर शाम तक चली। बैठक के दौरान मुख्य चर्चा का विषय जिले में 28 अगस्त तक चल रहे फाइलेरिया से बचाव की दवा के सेवन का एमडीए अभियान रहा । 

जिला मलेरिया अधिकारी अंगद सिंह की प्रस्तुति के समय मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) अभियान की बाधाओं पर चर्चा के दौरान यह बात सामने आई की दवा का सेवन करवा रही आशा, आंगनबाड़ी और स्वास्थ्यकर्मी पूर्व के अभियानों की अपेक्षा अधिक सजग हैं। उनकी कोशिश है कि दवा का सेवन अपने सामने ही करवाएं, जिसकी वजह से उन लोगों को दवा खिलाना संभव नहीं हो पा रहा है, जो घरों से बाहर हैं । ऐसे लोग आशा के घर पर जाकर या उनसे सम्पर्क कर दवा का सेवन कर सकते हैं । आशा या आंगनबाड़ी का घर दवा के डिपो के तौर पर कार्य कर रहा है । 

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने बताया कि इस वर्ष एमडीए अभियान में जिला अस्पताल, जिला महिला अस्पताल, रेलवे अस्पताल, एम्स गोरखपुर जैसे सार्वजनिक बूथ भी बनाये गये हैं जहां दवा का सेवन किया जा सकता है । जिन इलाकों में आशा कार्यकर्ता नहीं हैं वहां आंगनबाड़ी कार्यकर्ता दवा का सेवन कराएंगी और उनका घर ही दवा के डिपो के तौर पर काम करेगा । 

उन्होंने बताया कि दवा सेवन के लिए निकटमत स्थान के बारे में अधिक जानकारी के लिए सहायक मलेरिया अधिकारी सीपी मिश्रा का मोबाइल नंबर 9450018568 सुबह 11 बजे से शाम चार बजे तक हेल्पलाइन की तरह कार्य कर रहा है, जिस पर सम्पर्क किया जा सकता है । कार्यक्रम से जुड़े सभी स्वास्थ्यकर्मी सुनिश्चित करेंगे कि वह दवा किसी को नहीं देंगे और अपने सामने ही दवा का सेवन कराएंगे । अगर कहीं से दवा देने की शिकायत सामने आ रही है तो हेल्पलाइन नंबर पर लोग सूचित करें । दवा का सेवन शुगर, बीपी और थॉयराइड जैसी बीमारियों के मरीज कर सकते हैं। सिर्फ ह्रदय रोगी व कैंसर रोगी जैसे गंभीर बीमारियों के मरीज इसका सेवन नहीं करेंगे।

डॉ दूबे ने बताया कि दवा खाली पेट नहीं खाना है। गर्भवती और अति गंभीर बीमार को छोड़ कर दो वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोग इस दवा को खाएंगे । लगातार पांच साल तक साल में एक बार इस दवा का सेवन करने से लाइलाज फाइलेरिया से बचाव होता है। छूटे हुए लोगों को दवा का सेवन कराने के लिए 29 अगस्त से दो सितम्बर तक मॉप अप राउंड भी चलाया जाएगा । दवा का सेवन महापौर, डीएम, एसएसपी, सीडीओ और उन्होंने स्वयं किया है । इसकी गुणवत्ता व सुरक्षा के प्रति कोई भी संदेह नहीं है बैठक के दौरान शत प्रतिशत नियमित टीकाकरण, संस्थागत प्रसव, एप फीडिंग और आयुष्मान कार्ड बनाये जाने और मंत्रा एप पर फीडिंग के संबंध में दिशा निर्देश दिये गये । 

इस अवसर पर जिला अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ राजेंद्र ठाकुर, जिला महिला अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ जय कुमार, अधीक्षक डॉ अम्बुज श्रीवास्तव, एसीएमओ डॉ एके चौधरी, डॉ नंदलाल कुशवाहा, उप जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ विराट स्वरूप श्रीवास्तव, डीसीएमओ डॉ अश्वनी चौरसिया, डीडीएचईआईओ सुनीता पटेल, डीपीएम पंकज आनंद, डीडीएम पवन गुप्ता, डैम पवन कुमार, विजय श्रीवास्तव, रामनवल और आदिल समेत विभिन्न विभागों के अधिकारीगण मौजूद रहे ।

*बेटी के साथ दुष्कर्म करता पकड़ा गया युवक मां ने की एसएसपी से शिकायत*

खजनी/ गोरखपुर। थाना क्षेत्र के एक गांव की निवासी महिला ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को प्रार्थनापत्र देकर बताया कि उनकी 12 वर्षीय बेटी के साथ 18 अगस्त को रात 11बजे जबरन दुष्कर्म करने वाला युवक दिवाल फांद कर घर में घुस आया था।

आए दिन बेटी को जान मारने की धमकी देकर दुष्कर्म करता था।पिड़िता की मां ने बताया कि आवाज सुन कर उसकी नींद खुल गई। उसने अपने बेटे को जगाया और उनके पहुंचते ही युवक दीवाल फांदकर भाग निकला भागते समय बाहर दीवाल के पास रखी ईंट पर गिर कर घायल हो गया।

महिला ने एसएसपी को प्रार्थनापत्र देकर कार्रवाई की मांग की है।

*हर क्षेत्र में बढ़ेगा एआई का इस्तेमाल : प्रो. एसके सिंह*

गोरखपुर। आईआईटी बीएचयू के प्रोफेसर (डॉ.) एसके सिंह ने कहा कि आने वाले समय में जीवन के हर क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का इस्तेमाल तेजी से बढ़ता दिखेगा। इसकी शुरूआत हो भी चुकी। चिकित्सा, शिक्षा, इंजीनियरिंग समेत सभी क्षेत्रों में इसका इस्तेमाल सजगता से किया जाए तो यह विकास की प्रक्रिया को अभूतपूर्व तरीके से आगे बढ़ा सकती है।

प्रो. सिंह महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय, आरोग्यधाम गोरखपुर की दूसरी वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित सप्तदिवसीय व्याख्यानमाला के पांचवें दिन शनिवार को बतौर मुख्य अतिथि अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उद्भव, विकास, प्रयोग, प्रभाव आदि पहलुओं पर विस्तृत चर्चा करते हुए कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में एआई ने काफी बदलाव लाए हैं।

यह विद्यार्थियों और संस्थानों दोनों के लिए लाभप्रद है। एआई संचालित असिस्टेंट की बदौलत छात्र अब शिक्षकों से संपर्क किए बिना शैक्षिक संसाधनों का इस्तेमाल कर सकते हैं। कृषि क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्षमता, उत्पादकता और स्थिरता को बढ़ाकर महत्वपूर्ण बदलाव ला रहा है। सुरक्षा, फाइनेंस, मार्केटिंग, मैन्युफैक्चरिंग हर क्षेत्र में एआई अपनी उपयोगिता साबित कर रही है।

व्याख्यान की अध्यक्षता कर रहे महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलपति मेजर जनरल डॉ. अतुल वाजपेयी ने भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की उपयोगिता पर चर्चा की। स्वागत संबोधन पैरामेडिकल फैकल्टी की सुशील सुप्रिया गुप्ता व आभार ज्ञापन पैरामेडिकल फैकल्टी के प्रधानाचार्य रोहित कुमार श्रीवास्तव ने किया। इस अवसर पर ब्लू हाउस, ग्रीन हाउस, येलो हाउस, ब्राउन हाउस तथा रेड हाउस के विद्यार्थियों के बीच माइम, पॉट डेकोरेशन तथा रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।

*सशस्त्र सीमा बल के जवानों ने बहनों से राखी बंधवाकर देश की रक्षा के साथ-साथ उन्हें सुरक्षा का दिलाया भरोसा*

गोरखपुर: भाई-बहन के प्रेम और अटूट विश्वास का प्रतीक रक्षाबंधन का पर्व क्षेत्रक मुख्यालय, सशस्त्र सीमा बल, गोरखपुर में बहुत ही उमंग और हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर विद्यालय , सरस्वती विद्या मंदिर के बच्चों के द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम को भव्य रुप से प्रदर्शित किया गया।

क्षेत्रक मुख्यालय के प्रांगण में उप महानिरीक्षक राजीव राणा की अगुआई में श्रावणी पूर्णिमा पर रक्षा बन्धन का त्यौहार मनाया गया।

इस दौरान उपस्थित सभी लोगों द्वारा भारत माता की जय जयकार के बुलंद नारे लगाए गए।कार्यक्रम में भाई-बहन के अटूट रिश्ते का वर्णन किया।

उप महानिरीक्षक श्री राणा ने कहा कि रक्षाबंधन भाई-बहन के एक दूसरे पर विश्वास व प्रेम का पर्व है, हम बल के सभी कार्मिक भले ही अपने-अपने घरों से दूर हैं लेकिन एक विश्वास के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हैं तथा आप लोगों के स्नेह और अपार विश्वास के साथ आप लोगों के दिलों में रहते हैं, उन्होंने बहनों को उनकी रक्षा मरते दम तक करने का भरोसा दिलाया।

इस दौरान पूरा माहौल भावपूर्ण और स्नेह से भर गया था।

उन्होंने कहा कि बहनों के प्रेम को कभी भुलाया नहीं जा सकता है। उनके विश्वास पर खरा उतरने के लिए हम सभी बल के सदस्य हमेशा प्रयासरत रहेंगे।

राखी से सजाई एसएसबी जवानों की कलाई पर्व को ब्रह्मकुमारी केंद्रो से बहन सुनीता के नेतृत्व में आयी बहनों एवं पूर्व मेयर गोरखपुर नगर निगम, डॉक्टर सत्या पाण्डेय जी के नेतृत्व में आई बहनों के साथ सरस्वती विद्या मंदिर की छात्राओं द्वारा एसएसबी जवानों के कलाइयों पर राखी बांधकर देश रक्षा के साथ - साथ बहनों की रक्षा का भी संकल्प लिया। वहीं भारत- नेपाल सीमा पर देश की सुरक्षा में लगे जवान स्नेह के डोर में बंधकर भावुक हो उठे। कार्यक्रम का संचालन जय प्रकाश, द्वितीय कमान अधिकारी, क्षेत्रक मुख्यालय ने किया।

इस मौक़े पर क्षेत्रक मुख्यालय के सभी अधिकारी यू पी गुप्ता अधिशासी अभियंता, सुहेल आलम उप कमांडेंट, अभिषेक सिंह परिहार सहायक कमांडेंट, गजेन्द्र सिंह सहायक कमांडेंट उपस्थित रहे।

इस कार्यक्रम नगर निगम गोरखपुर के कई सभासद भी मौजूद रहे। वही मीडिया की व्यापक सहभागिता रही।

*सोमवार को द्वितीय स्थापना दिवस समारोह में शामिल हो सकते हैं सीएम योगी*

गोरखपुर, 26 अगस्त। स्थापना के महज दो साल में महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय ने पूर्वी उत्तर प्रदेश में उच्च, विशिष्ट व रोजगारपरक शिक्षा को नई राह दिखाई है।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के आलोक में रोजगारपरक शिक्षा के पाठ्यक्रमों को शुरू कर अल्प समय में ही इस विश्वविद्यालय ने अपनी अलग पहचान कायम की है। मात्र दो साल में बीएएमएस समेत 21 रोजगारपरक पाठ्यक्रमों की शुरुआत, शोध-अनुसंधान के लिए कई प्रतिष्ठित संस्थाओं के साथ एमओयू कर इस विश्वविद्यालय ने गोरखपुर को ज्ञान की नगरी बनाने की दिशा में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

28 अगस्त 2021 को तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों लोकार्पित महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय दो साल में ही शिक्षा के विशिष्ट व प्रमुख केंद्र के रूप में विख्यात हो चुका है। यहां भारतीय ज्ञान मूल्यों का संरक्षण व संवर्धन, वर्तमान और भावी समय को ध्यान में रखकर अनुसंधानिक तरीके से किया जा रहा है।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के परिप्रेक्ष्य में यहां पाठ्यक्रम ऐसे हैं जो समाज के लिए लाभकारी, विद्यार्थी के लिए सहज रोजगारदायी हैं। इस विश्वविद्यालय के कुलाधिपति (गोरक्षपीठाधीश्वर एवं मुख्यमंत्री) योगी आदित्यनाथ की मंशा 2032 तक गोरखपुर को 'नॉलेज सिटी' के रूप में ख्यातिलब्ध कराने की है।

उल्लेखनीय है कि 10 दिसम्बर 2018 को महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के संस्थापक सप्ताह समारोह में आए तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने परिषद के शताब्दी वर्ष 2032 तक गोरखपुर को नॉलेज सिटी बनाने का आह्वान किया था।

गोरक्षपीठ के ब्रह्मलीन महंतद्वय के विचारों का प्रकल्प है विश्वविद्यालय

इस विश्वविद्यालय की नींव में युग पुरुष ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ जी महाराज व राष्ट्रसंत ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ जी महाराज के विचार हैं, जिनका मानना था कि दासता से मुक्ति, स्वावलंबन व सामाजिक विकास के लिए शिक्षा ही सबसे सशक्त माध्यम है।

वर्तमान गोरक्षपीठाधीश्वर एवं कुलाधिपति योगी आदित्यनाथ इसी वैचारिक परंपरा के संवाहक हैं। उनके मार्गदर्शन में इस विश्वविद्यालय का लक्ष्य भारतीय ज्ञान मनीषा के आलोक में मूल्य संवर्धित, रोजगारपरक उस शिक्षा को बढ़ावा देना है जो समग्र रूप में सामाजिक व राष्ट्रीय हितों का पोषण कर सके।

इसी लक्ष्य की दिशा में कदम बढ़ाते हुए महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय, गुरु गोरक्षनाथ इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में बीएएमएस की पढ़ाई का सफलतापूर्वक संचालन हो रहा है। आने वाले समय में एमबीबीएस की कक्षाएं भी प्रारंभ करने की भी तैयारी है।

।अकेले गुरु श्री गोरक्षनाथ कॉलेज ऑफ नर्सिंग में 11 रोजगारदायी पाठ्यक्रम पूर्ण क्षमता से संचालित हैं। विश्वविद्यालय में मेडिकल साइंस, नर्सिंग, पैरामेडिकल, एग्रीकल्चर, एलॉयड हेल्थ साइंसेज और फार्मेसी से संबंधित डिप्लोमा से लेकर मास्टर तक के 21 पाठ्यक्रम हैं।

मसलन दो वर्षीय एएनएम, तीन वर्षीय जीएनएम, चार वर्षीय बीएससी नर्सिंग, दो वर्षीय पोस्ट बेसिक बीएससी नर्सिंग, दो वर्षीय एमएससी नर्सिंग, डिप्लोमा इन डायलिसिस, डिप्लोमा इन आप्टिमेट्री, डिप्लोमा इन इमरजेंसी एंड ट्रामा केयर, डिप्लोमा इन एनेस्थिसिया एंड क्रिटिकल केयर, डिप्लोमा इन आर्थोपेडिक एंड प्लास्टर टेक्निशियन, डिप्लोमा इन लैब टेक्निशियन (सभी दो वर्षीय), चार वर्षीय बीएससी एग्रीकल्चर, बीएससी ऑनर्स बॉयोटेक्नालोजी, बीएससी आनर्स बॉयोकेमिस्ट्री, बीएससी आनर्स माइक्रोबॉयोलोजी, दो वर्षीय एमएससी बॉयोटेक्नालोजी, तीन वर्षीय एमएससी मेडिकल बॉयोकेमिस्ट्री, तीन वर्षीय एमएससी मेडिकल माइक्रोबॉयोलोजी, दो वर्षीय एमएससी एनवायरमेंटल साइंस, चार वर्षीय बी फार्मा व दो वर्षीय डी फार्मा।

वर्तमान दौर में ये सभी पाठ्यक्रम रोजगारपरक हैं और उनकी बहुत मांग है। आने वाले समय में इस तरह के अन्य पाठ्यक्रमों की लंबी श्रृंखला दिखेगी।

चिकिसा, शिक्षा में अनुसंधान तथा स्टार्टअप व ग्राम्य विकास को बढ़ावा देने वाले एमओयू

चिकिसा, शिक्षा, अनुसंधान, रोजगार व ग्राम्य विकास के क्षेत्र में महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय ने एम्स गोरखपुर, केजीएमयू लखनऊ, आरएमआरसी गोरखपुर, महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय, दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, भारतीय उद्यमिता विकास संस्थान अहमदाबाद, वैद्यनाथ आयुर्वेद, इंडो-यूरोपियन चैंबर ऑफ स्माल एंड मीडियम इंटरप्राइजेज, बाबा साहब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय लखनऊ आदि के साथ एमओयू का आदान-प्रदान किया है।

इन एमओयू के माध्यम से शिक्षा, बीमारियों पर शोध के साथ ही आयुर्वेद के क्षेत्र में स्टार्टअप, दवा निर्माण, औषधीय खेती को बढ़ावा मिलेगा तो विश्व स्तरीय अनुसंधान के मार्ग प्रशस्त होंगे। साथ ही गांवों में कृषि आधारित अर्थव्यवस्था को मजबूत किया जाएगा।

*महायोगी गोरखनाथ विवि की उपलब्धियों में जुड़ा एक नया अध्याय*

गोरखपुर, 25 अगस्त। महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय, आरोग्यधाम के अंतर्गत संचालित गुरु गोरक्षनाथ इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस (आयुर्वेद कॉलेज) की उपलब्धियों में शुक्रवार को एक नया अध्याय जुड़ गया।

चरक बैच (2021-22) की द्वितीय व्यावसायिक आयुर्वेदाचार्य की कक्षा का शुभारंभ होने के साथ इस साल यह कॉलेज ऐसा सबसे पहले करने वाला देश का पहला कॉलेज भी बन गया।

इस अवसर पर आयुर्वेद कॉलेज के प्राचार्य डॉ. मंजूनाथ एनएस ने दीप प्रज्वलन कर कक्षा का शुभारंभ किया। बीएएमएस छात्राओं ने धन्वन्तरि वंदना एवं सरस्वती वंदना कर आरोग्यता एवं ज्ञान के लिए प्राथना की।

प्राचार्य डॉ. मंजूनाथ ने विद्यार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि यह हमारे लिए गर्व की बात है कि न केवल उत्तर प्रदेश में बल्कि पूरे भारत में गुरु गोरक्षनाथ इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज प्रथम आयुर्वेद कॉलेज है जिसने सर्वप्रथम द्वितीय व्यावसायिक आयुर्वेदाचार्य की कक्षा का शुभारंभ किया है। हमे पूरे विश्वास और नए जोश के साथ आगे बढ़ना है औऱ पूरे भारत में अपने आपको स्थापित करना है।

एकेडमिक इंचार्ज डॉ. नवीन ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि द्वितीय व्यावसायिक सत्र के विषय आपको कुशल चिकित्सक बनाने मे सहायक होंगे, इन विषयो का ज्ञान आपका आधार बनेंगे। चरक बैच के कक्षा समन्वयक डॉ. शान्तिभूषण ने द्वितीय व्यावसायिक सत्र के शिक्षकों से विद्यार्थियों का परिचय कराया। कार्यक्रम में आयुर्वेद कॉलेज के सभी शिक्षक एवं चरक बैच के विद्यार्थी उपस्थित रहे।

*महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय की दूसरी वर्षगांठ के उपलक्ष्य में व्याख्यानमाला का चौथा दिन*

गोरखपुर, 25 अगस्त। उत्तर प्रदेश संग्रहालय के पूर्व निदेशक डॉ. एके सिंह ने कहा कि समूचा उत्तर प्रदेश मूर्त व अमूर्त ऐतिहासिक धरोहरों से समृद्ध है। पूर्वी उत्तर प्रदेश के धरोहर इसमें बेहद खास हैं। पूर्वी उत्तर प्रदेश में महात्मा बुद्ध और गुरु गोरखनाथ से जुड़े धरोहर इस धरा की समृद्धि के प्रमाण हैं।

डॉ. सिंह महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय, आरोग्यधाम गोरखपुर की दूसरी वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित सप्तदिवसीय व्याख्यानमाला के चौथे दिन शुक्रवार को बतौर मुख्य अतिथि अपने विचार व्यक्त कर रहे थे।

मूर्त-अमूर्त विरासत विषय पर डॉ. सिंह ने कहा कि धरोहर या विरासत हमें अपनी संस्कृति का आभास कराते हैं। इनके संरक्षण के लिए सरकार तो प्रयास कर ही रही है, जिम्मेदारी सामूहिक होनी चाहिए।

उन्होंने मिर्जापुर तथा चंदौली की चित्र शैली, सम्राट अशोक के अभिलेख की विशेषताओं, सारनाथ संग्रहालय की ऐतिहासिक वस्तुओं के महत्व, धर्म चक्र प्रवर्तन, स्कंद गुप्त के अभिलेख की महत्ता, गौतम बुद्ध का पूर्वी उत्तर प्रदेश से ऐतिहासिक जुड़ाव तथा नाथ संप्रदाय के गौरवपूर्ण योगदान के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

व्याख्यान की अध्यक्षता कर रहे महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलपति मेजर जनरल डॉ. अतुल वाजपेयी ने पूर्वी उत्तर प्रदेश की चिकित्सा विरासत से अवगत कराया तथा उसकी महत्ता बताई। स्वागत संबोधन प्रो.अमित कुमार दूबे तथा आभार ज्ञापन एलाइड हेल्थ साइंस के डीन डॉ. सुनील कुमार ने किया।

इस अवसर पर ब्लू हाउस, ग्रीन हाउस, येलो हाउस, ब्राउन हाउस तथा रेड हाउस के विद्यार्थियों के बीच क्लासिकल डांसिंग (सोलो), हिन्दी, इंग्लिश कविता लेखन तथा मेंहदी प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया।