चांद के और करीब पहुंचा चंद्रयान-3, सफल रही विक्रम लैंडर की डिबूस्टिंग, कैमरे ने कैद की चांद की खूबसूरत तस्वीर
#chandrayaan3vikramlanderdeboosting
भारत का मिशन मून यानी चंद्रयान-3 अपने आखिरी लेकिन अहम पड़ाव पर है।चंद्रयान-3 धीरे-धीरे चंद्रमा के करीब पहुंचता जा रहा है।इस बीच लैंडर मॉड्यूल ने सफलतापूर्वक शुक्रवार को डिबूस्टिंग ऑपरेशन किया। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो ने ट्वीट करके ये जानकारी दी।पहली सफल डीबूस्टिंग के बाद लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान वाला पूरा मॉड्यूल अब चांद से अधिकतम 157 किमी की दूरी वाली कक्षा पर है। दूसरी डीबूस्टिंग 19-20 अगस्त की दरम्यानी रात में होगी। 23 अगस्त को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग होगी।
इसरो ने शुक्रवार को बताया कि लैंडर मॉड्यूल पूरी तरह सामान्य तरीके से काम कर रहा है।इसरो ने बताया है, लैंडर की स्पीड उन्होंने कम कर ली है और अब वह चांद की तरफ ले जाने वाली कक्षा की तरफ मुड़ गया है। अभी तक सभी हालात सामान्य हैं।एलएम ने सफलतापूर्वक एक डिबूस्टिंग प्रक्रिया को पूरा किया जिससे अब इसकी कक्षा घटकर 113 किलोमीटर x 157 किलोमीटर रह गई है। दूसरी डिबूस्टिंग प्रक्रिया 20 अगस्त, 2023 को भारतीय समयानुसार देर रात दो बजे की जानी है।
इसरो ने बताया था कि 23 अगस्त को होने वाली सॉफ्ट लैंडिंग से पहले यह एक अहम चरण है, क्योंकि यही डिबूस्टिंग विक्रम लैंडर को चांद के और भी करीब लाएगी। गुरुवार को चंद्रयान-3 का प्रॉपल्शन मॉड्यूल और लैंडर मॉड्यूल अलग हुआ था, जिसके बाद से ही विक्रम लैंडर अकेले ही चांद की ओर कदम बढ़ा रहा है।
क्या है डिबूस्टिंग ?
आसान भाषा में समझें तो इस प्रक्रिया का मतलब विक्रम लैंडर की स्पीड कम करना है। अभी विक्रम लैंडर चांद से 150 किमी। की दूरी पर है, डिबूस्टिंग के वक्त इसके थ्रस्टर्स ऑन होते हैं और इसे आगे धकेलते हैं। यही प्रक्रिया स्पीड कम करने और इसकी कक्षा बदलने की होती है। अब क्योंकि लैंडिंग की तरफ बढ़ना है, इस वजह से विक्रम लैंडर को निचले स्तर पर लाया जाएगा। पहले विक्रम लैंडर को 100 किमी. की दूरी पर लाया जाएगा और उसके बाद इसे 30 किमी. की दूरी पर लाया जाएगा। जब लैंडर 30 किमी पर लाया जाएगा, तब इसे लैंडिंग की पॉजिशन में लाया जाएगा और फिर सॉफ्ट लैंडिंग की प्रक्रिया शुरू होगी। सॉफ्ट लैंडिंग के बाद छह पहियों वाला रोवर प्रज्ञान विक्रम से बाहर निकलेगा और एक चंद्र दिवस (धरती के 14 दिन) की अवधि तक सतह पर प्रयोग करेगा।
चंद्रयान-3 ने चांद की तस्वीरें भेजी
गुरुवार को लैंडर मॉड्यूल के प्रोपल्शन मॉड्यूल से अलग होने के ठीक बाद चंद्रयान-3 ने चांद की पहली तस्वीर भेजी है, जो बेहद खूबसूरत है। चंद्रयान-3 के लैंडर इमेजर लगे कैमरा-1 से 17/18 अगस्त को ये तस्वीर ली गई थी। भारतीय स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (इसरो) ने इसका वीडियो बनाकर ट्विटर पर शेयर किया है। इन तस्वीरों में चांद की सतह पर मौजूद खड्ड साफ दिख रहे हैं। इसरो ने इन क्रेटर्स को ‘फैब्री’, ‘जियोर्डानो ब्रूनो’ व ‘हारखेबी जे’ के रूप में दिखाया है।
Aug 19 2023, 11:04