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मिशन 2024: बेंगलुरू में आज विपक्षी दलों का महाजुटान, बैठक में शामिल नहीं होंगे शरद पवार

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लोकसभा चुनाव में एक साल से भी कम का वक्त बचा है, ऐसे में पक्ष हो या विपक्ष तैयारियों में जुट गई है। सत्ताधारी दल के साथ-साथ विपक्षी दल अपनी-अपनी ताकत बढ़ाने में जुटे हुए हैं। इसी क्रम में देश की विपक्षी पार्टियों के शीर्ष नेता आज से बेंगलुरु में होने वाली दो दिवसीय एकता बैठक में शामिल होकर 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा से मुकाबले की रणनीति पर माथापच्ची करेंगे।इस बैठक में 26 पार्टियों के शामिल होने की उम्मीद जता रहे हैं। पिछले महीने 23 जून को पटना में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बुलावे पर 15 पार्टियां ही विपक्षी बैठक में शामिल हुईं थीं।

बैठक में शामिल नहीं होंगे शरद पवार

सोमवार को होने वाली इस बैठक से पहले ही एक बड़ी खबर है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के शरद पवार इस बैठक में हिस्सा नहीं ले पाएंगे, उनकी पार्टी ने यह जानकारी दी। हालांकि, शरद पवार किन कारणों की वजह से मीटिंग में नहीं आ रहे हैं, अभी साफ नहीं हुआ है।हालांकि, कहा जा रहा है कि उनकी बेटी सुप्रिया सुले विपक्षी एकता के लिए हो रही बैठक का हिस्सा होंगी। बता दें कि कुछ दिनों पहले ही उनकी पार्टी दो-फाड़ हुई है और भतीजे अजित पवार ने बगावत की है।

किन मुद्दों पर होगी चर्चा

विपक्षी दलों की का बड़ी बैठक में 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा से मुकाबले की रणनीति तय की जाएगी। विपक्षी दलों की कोशिश होगी की लोकसभा सीटों पर साझा उम्मीदवार उतारने को लेकर सहमति बन सके। कोशिश की जा रही है कि अधिकतर लोकसभा सीटों पर इस फॉर्मूले को अपनाया जाए। इसके अलावा लोकसभा चुनावों के लिए कॉमन मिनिमम प्रोग्राम की ड्रॉफ्टिंग और गठबंधन के लिए कमेटी का गठन करना। एक एजेंडा सीटों से जुड़ा हुआ है, इसमें राज्यों के आधार पर सीट शेयरिंग के मामले पर चर्चा की जाएगी। इसके अलावा इस गठबंधन को क्या नया नाम दिया जा सकता है इस पर भी आज चर्चा होगी। 

कई मुख्यमंत्रियों समेत शीर्ष नेता होंगे शामिल

इस बैठक में कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी भी शामिल हो सकती हैं। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी के अलावा एनसीपी प्रमुख शरद पवार, कई राज्यों के मुख्यमंत्री, बंगाल की ममता बनर्जी, बिहार के नीतीश कुमार, तमिलनाडु के एमके स्टालिन, झारखंड के हेमंत सोरेन, दिल्ली के अरविंद केजरीवाल और पंजाब के भगवंत मान के भी बैठक में भाग लेने की उम्मीद है। इसके अलावा महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और सपा प्रमुख अखिलेश यादव भी बैठक में होंगे।

अफ्रीका में गहराते संकट का पड़ा असर, जानिए क्यों मुश्किल में ऑटोमोबाइल सेक्टर

डेस्क: अमेरिका और यूरोप के बाजार में सुस्त पड़ती गतिविधियों के चलते अफ्रीका और एशिया की छोटी अर्थव्यवस्थाओं में मंदी का खतरा मंडराने लगा है। इस बीच भारत पर भी इसका बुरा असर पड़ रहा है। विदेशों से घटती मांग के चलते देश से वाहनों का निर्यात 2023 की पहली अप्रैल-जून की पहली तिमाही में 28 प्रतिशत घट गया है। वाहन विनिर्माताओं के संगठन सियाम के ताजा आंकड़ों से खुलासा हुआ है कि देश के वाहन निर्यात में में करीब 4 लाख वाहनों के निर्यात की कमी दर्ज की गई है। 

अफ्रीका में गहराते संकट का पड़ा असर 

भारत से वाहनों का निर्यात मुख्यत: अफ्रीकी देशों में होता है। इसके साथ ही दक्षिणी अमेरिका और पश्चिम एशिया भी भारतीय वाहन उद्योग के लिए बड़ा बाजार हैं। लेकिन अफ्रीका की कुछ बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के कमजोर पड़ने से भारत के वाहन निर्यात में गिरावट आई है। आंकड़ों के अनुसार, 30 जून, 2023 को समाप्त पहली तिमाही में कुल वाहन निर्यात 10,32,449 इकाई रहा। पिछले साल की समान अवधि में यह आंकड़ा 14,25,967 इकाई रहा था। 

दुनिया में गहराया डॉलर का संकट 

सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) के महानिदेशक राजेश मेनन ने कहा, ‘‘पहली तिमाही में सभी वाहन सेगमेंट में निर्यात घटा है। निर्यात के कई गंतव्यों खासकर अफ्रीका और अन्य विकासशील देशों में मुद्राओं का अवमूल्यन होने से वाहनों की मांग घटी है जिसका निर्यात पर असर पड़ा।’’ उन्होंने कहा कि इन देशों को विदेशी मुद्रा की उपलब्धता की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जिससे वाहनों की बिक्री सीमित रही है। हालांकि, इन देशों में वाहनों की उपभोक्ता मांग बरकरार है, लेकिन ये अभी अन्य आवश्यक वस्तुओं के आयात पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। 

ये हैं भारत से निर्यात के अहम आंकड़े

जून तिमाही में यात्री वाहनों का कुल निर्यात पांच प्रतिशत घटकर 1,52,156 इकाई रह गया। पिछले साल की अप्रैल-जून की अवधि में यह आंकड़ा 1,60,116 इकाई रहा था। 

यात्री कारों का निर्यात एक साल पहले की समान अवधि के 1,04,400 इकाई के आंकड़े से घटकर 94,793 इकाई रह गया। यूटिलिटी वाहनों का निर्यात मामूली गिरावट के साथ 55,419 इकाई रह गया। पिछले साल की समान अवधि में यूटिलिटी वाहनों का निर्यात 55,547 इकाई रहा था। 

वाहन निर्यात में मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) शीर्ष पर रही। अप्रैल-जून में मारुति का निर्यात 62,857 इकाई रहा। इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में मारुति ने 68,987 यात्री वाहनों का निर्यात किया था। इसके बाद हुंदै मोटर इंडिया का स्थान रहा। समीक्षाधीन अवधि में हुंदै ने 35,100 वाहनों का निर्यात किया। एक साल पहले की समान अवधि में यह आंकड़ा 34,520 इकाई रहा था। 

किआ इंडिया 22,511 इकाइयों के निर्यात के साथ तीसरे स्थान पर रही। पिछले वित्त वर्ष की जून तिमाही में कंपनी ने 21,459 वाहनों का निर्यात किया था। 

दोपहिया वाहनों का निर्यात 31 प्रतिशत घटकर 7,91,316 इकाई रह गया, जो एक साल पहले की समान अवधि में 11,48,594 इकाई था। 

कमर्शियल वाहनों का निर्यात पहली तिमाही में घटकर 14,625 इकाई रह गई, जो वित्त वर्ष 2022-23 की अप्रैल-जून तिमाही के 19,624 इकाई के आंकड़े से 25 प्रतिशत कम है। 

तिपहिया वाहनों का निर्यात भी 25 प्रतिशत घटकर 73,360 इकाई रह गया, जो पिछले वित्त वर्ष की जून तिमाही में 97,237 इकाई था।

CRPF जवानों को लेकर जा रही गाड़ी फिसलकर सिंध नाले में गिरी, हादसे में 8 जवान घायल

डेस्क: जम्मू-कश्मीर में रविवार सुबह एक बड़ा हादसा हो गया। सीआरपीएफ (CRPF) की गाड़ी सिंध नाला में जा गिरी। इस हादसे में कम से कम 8 जवान घायल हो गए। ये हादसा नीलग्रार हेलीपैड के पास हुआ। घायल सभी जवानों को इलाज के लिए बेस कैंप अस्पताल बालटाल लाया गया है। जानकारी के मुताबिक, हादसा तब हुआ सीआरपीएफ जवानों को लेकर जा रही पंजीकरण संख्या- HR36AB/3110 वाली गाड़ी सड़क से फिसलकर सिंध नाले में जा गिरी। अधिकारियों ने बताया कि सीआरपीएफ कर्मी बालटाल के रास्ते अमरनाथ गुफा मंदिर की ओर जा रहे थे, तभी यह हादसा हुआ। 

अमरनाथ यात्रा के मद्देनजर CRPF जवानों की तैनाती

बता दें कि अमरनाथ यात्रा को और सुरक्षित बनाने के लिए बड़ी संख्या में सीआरपीएफ के जवानों को तैनात किया गया है, क्योंकि अर्धसैनिक बल नवीनतम उपकरणों से लैस हैं और कश्मीर में सुरक्षा घेरे को बढ़ाने में मददगार साबित होंगे। सीआरपीएफ के उप महानिरीक्षक आलोक अवस्थी ने बताया कि हम 24 घंटे, साल के 365 दिन सेवा में तैनात रहते हैं, चाहे यात्रा हो या न हो। यात्रा के मद्देनजर बलों की संख्या में बढ़ोतरी की गई है और अधिक सावधानी बरती जा रही है।

सीआरपीएफ के उप महानिरीक्षक ने बताया कि सीआरपीएफ दक्षिण कश्मीर में मौके पर निगरानी करने के लिए आधुनिक उपकरणों व हथियारों का इस्तेमाल कर रही है। उन्होंने बताया कि हम दुनिया में उपलब्ध सबसे आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या अमरनाथ की पवित्र गुफा के लिए चल रही तीर्थयात्रा पर कोई खतरा है, अधिकारी ने कहा कि सीआरपीएफ पूरे साल शांति सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित करती है।

"प्राथमिकता लोगों की सुरक्षा है, जवान आराम नहीं करते"

उन्होंने कहा, "कोई विशिष्ट खतरा नहीं है, लेकिन यात्रा हो या न हो, हमारी प्राथमिकता लोगों की सुरक्षा है और हमारे जवान आराम नहीं करते। वे चौबीसों घंटे काम करते हैं। वे 365 दिन तैनात रहते हैं। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि हम आपकी सेवा में हैं।" उन्होंने तीर्थयात्रा के लिए स्थानीय आबादी के समर्थन की सराहना भी की। बता दें कि हिमालयी क्षेत्र में स्थित 3,888 मीटर ऊंचे गुफा मंदिर की 62 दिवसीय वार्षिक तीर्थयात्रा एक जुलाई को शुरू हुई, जो 31 अगस्त तक चलेगी।

राहुल गांधी का नया अंदाज, धान रोपी, खेतों में ट्रैक्टर चलाया और किसानों के साथ खाया खाना
राहुल गांधी का नया अंदाज, धान रोपी, खेतों में ट्रैक्टर चलाया और किसानों के साथ खाया खाना
डेस्क: खेतो में ट्रैक्टर चलाते, किसानों से बातें करते और उनके घर पर खाना खाते कांग्रेस नेता राहुल गांधी का वीडियो सामने आया है. उन्होंने अपने ट्विटर से जो वीडियो शेयर किया है, वह हरियाणा के सोनीपत के खेतों का है. इसमें राहुल किसानों के साथ खेतों में काम करते भी दिख रहे हैं. उन्होंने यह भी बताया कि उन्होंने खेतों में धान की रोपाई की. राहुल ने रविवार (16 जुलाई) को सुबह अपने ट्विटर हैंडल पर यह वीडियो शेयर किया है. वीडियो के साथ कैप्शन में उन्होंने लिखा- धान की रोपाई, मंजी पर रोटी - किसान हैं भारत की ताकत. आगे क्या बोले राहुल आगे लिखा, "सोनीपत, हरियाणा में मेरी मुलाकात दो किसान भाइयों, संजय मलिक और तसबीर कुमार से हुई. वो बचपन के जिगरी दोस्त हैं, जो कई सालों से एक साथ किसानी कर रहे हैं. उनके साथ मिल कर खेतों में हाथ बटाया, धान बोया, ट्रैक्टर चलाया, और दिल खोल कर कई बातें हुईं." राहुल ने आगे बताया कि गांव की महिला किसानों ने उन्हें अपने परिवार की तरह प्यार और सम्मान दिया और घर की बनी रोटियां खिलाईं. उन्होंने कहा, "सच्चे और समझदार हैं भारत के किसान - अपनी मेहनत भी जानते हैं, अपने अधिकार भी पहचानते हैं. जरूरत आने पर काले कानूनों के खिलाफ डट जाते हैं तो साथ में MSP और बीमा की सही मांग भी उठाते हैं. अगर हम उन्हें सुने, उनकी बात समझें तो देश की कई समस्याएं भी सुलझ सकती हैं.' एक हफ्ते पहले बाइक मैकेनिकों के साथ शेयर किया था वीडियो एक हफ्ते पहले राहुल गांधी जब अपने काफिले के साथ शिमला जा रहे थे, तो रास्ते में सोनीपत में किसानों को खेतों में काम करते देख वह रुक गए. इस दौरान, उन्होंने खेतों में जाकर धान रोपी, ट्रैक्टर चलाया और किसानों से भी बात की, जिसको उन्होंने कैमरे में शूट करवाया था. इससे पहले राहुल ने दिल्ली के बाइक मैकेनिकों के साथ वीडियो शेयर किया था. इसमें वह बाइक रिपेयर शॉप पर गाड़ियां ठीक करते दिखे थे. इस दौरान, उन्होंने यह भी बताया था कि उनके पास केटीएम बाइक है, लेकिन सुरक्षाकर्मी उन्हें इसे चलाने की इजाजत नहीं देते.
18 जुलाई को होगा एनडीए का शक्ति प्रदर्शन! अब तक 19 पार्टियों को भेजा गया न्योता

डेस्क: राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के 25 साल पूरे होने पर इसकी सिल्वर जुबली मनाई जा रही है. इसे लेकर 18 जुलाई को नई दिल्ली में गठबंधन के घटक दलों की बड़ी बैठक आयोजित की जा रही है. बैठक के लिए अब तक 19 राजनीतिक पारियों को न्योता भेजा जा चुका है. पीएम मोदी की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक को 2024 के चुनाव के पहले शक्ति प्रदर्शन के रूप में भी देखा जा रहा है.

25 साल पहले मई 1998 में एनडीए का गठन हुआ था. बीजेपी के दिग्गज नेता रहे अटल बिहारी वाजपेयी को इसका पहला अध्यक्ष बने थे. वर्तमान में बीजेपी नेता और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इसके अध्यक्ष हैं. गठन के बाद से अब तक एनडीए में करीब 41 राष्ट्रीय या राज्य की पार्टियां सदस्य रह चुकी हैं, जिसमें ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी, डीएमके, नेशनल कांफ्रेंस, जेडीयू भी शामिल रही हैं.

बैठक में इन पार्टियों को भेजा गया न्योता

चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास)

उपेंद्र कुशवाहा की लोक समता पार्टी

जीतन राम मांझी की हिंदुस्तान अवाम मोर्चा

संजय निषाद की निर्बल इंडियन शोषित हमारा अपना दल (Nishad)- निषाद पार्टी

अनुप्रिया पटेल का अपना दल (सोनेलाल)

जननायक जनता पार्टी (जेजेपी)- हरियाणा

जनसेना- पवन कल्याण, आंध्र प्रदेश 

एआईएमडीएमके- तमिलनाडु

तमिल मनिला कांग्रेस

इंडिया मक्कल कलवी मुनेत्र कड़गम

झारखंड की आजसू

एनसीपी- कोनरॉड संगमा

नागालैंड की एनडीपीपी

सिक्किम की एसकेएफ

जोरमथंगा की मिजो नेशनल फ्रंट

असम गण परिषद

सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी- ओमप्रकाश राजभर

शिवसेना (शिंदे ग्रुप)

एनसीपी (अजित पवार ग्रुप)

नाराज चल रहे शरद पवार को मनाने पहुंचे डिप्टी सीएम के लोग, मान गए तो मंत्री बन सकती हैं सुप्रिया सुले

डेस्क: अजित पवार ने एनसीपी चीफ शरद पवार से बगावत की और पार्टी विधायकों को लेकर भाजपा-एकनाथ शिंदे गुट के साथ जा मिले. वर्तमान में अजित पवार महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री हैं. सूत्रों की मानें तो नाराज चल रहे शरद पवार को मनाने की कोशिश अजित पवार और उनके साथी मंत्री व विधायक कर रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि अगर शरद पवार मान जाते हैं तो केंद्रीय मंत्रिमंडल विस्तार में सुप्रिया सुले का मंत्री बनने का रास्ता साफ हो सकता है।

मनाने पहुंचे अजित पवार के विधायक

बता दें कि अजित पवार गुट के मंत्री शरद पवार से मिलने पहुंचे हैं। इन लोगों में बी चव्हाण, छगन भुजबल, अदिती तटकरे, हसन मुश्रीफ, वाय बी चव्हाण शामिल हैं। आज सुबह अजित पवार के सरकारी आवास देवगिरी बंगले पर एनसीपी के सभी मंत्रियों की बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में तय किया गया कि मानसून सत्र शुरू होने के पहले शरद पवार का आशीर्वाद लेंगे। सत्र के दौरान शरद कैंप के विधायकों पर निजी हमले नहीं करने का फैसला भी इस बैठक में लिया गया है। इस मीटिंग का रिजल्ट अभी आना बाकी है।

सुप्रिया सुले का आया फोन

इस मामले पर जयंत पाटिल का कहना है कि मुझे सुप्रिया सुले का फोन आया है. उन्होंने मुझे वाईबी चाव्हाण सेंटर जल्द से जल्द पहुंचने को कहा है। मुझे नहीं पता कि अजित पवार और अन्य विधायक यहां क्या करने आए हैं। जब जयंत पाटिल को सुप्रिया सुले ने फोन किया तब वो संयुक्त विपक्ष की बैठक में थे. फोन आते ही वो तुरंत वायबी चव्हाण हॉल के लिए रवाना हो गए।

फ्रांस में UPI, अबू धाबी में IIT, अपनी करेंसी में कारोबार, पीएम मोदी ने दो देशों की यात्रा में भारत को मिले तोहफे

डेस्क: अपनी दो दिन की फ्रांस यात्रा पूरी करने के बाद पीएम मोदी शनिवार को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) पहुंचे, जहां यूएई के क्राउन प्रिंस शेख खालिद बिन मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने हवाईअड्डे पर उनका गर्मजोशी से स्वागत किया. 13 जुलाई से शुरू हुई दो देशों की यात्रा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने देश भारत वापस लौट आए हैं.

भारत और फ्रांस के बीच यूपीआई समझौता हो या फिर अबू धाबी में आईआईटी दिल्ली का कैंपस खोलने की बात हो...पीएम मोदी की इस विदेश यात्रा ने भारत को कई बड़े तोहफे दिए हैं. 

फ्रांस के साथ किया यूपीआई समझौता

पीएम मोदी 13 जुलाई को पेरिस पहुंचे, जहां ला सीन म्यूजिकल में भारतीय लोगों को संबोधित करते वक्त पीएम मोदी ने इसकी घोषणा की कि अब अगर भारतीय लोग फ्रांस ट्रेवल करते हैं तो उन्हें ज्यादा कैश या फोरेक्स कार्ड लेकर जाने की जरूरत नहीं है. वे यूपीआई यानि भारतीय रुपयों में पेमेंट कर पाएंगे. हालांकि अभी यूपीआई पेमेंट पूर्ण रूप से सब जगह शुरू नहीं हुआ है.

यूपीआई पेमेंट की शुरुआत एफिल टावर से की जाएगी और भारतीय पर्यटक एफिल टावर में यूपीआई के जरिए रुपये में भुगतान कर सकेंगे. अपनी इस यात्रा के दौरान पीएम मोदी ने एलिजाबेथ बोर्न और सीनेट अध्यक्ष जेरार्ड लार्चर के साथ बैठकें की और दोनों देशो के बीच बहुआयामी सहयोग और दीर्घकालिक रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने पर जोर दिया.

अबू धाबी में खोला जाएगा आईआईटी कैंपस

अपनी दो दिवसीय फ्रांस यात्रा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यूएई पहुंचे, जहां उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया. अपनी पांचवीं यूएई यात्रा के दौरान पीएम मोदी ने यूएई के साथ कई समझौतों और व्यापारिक मुद्दों पर सहमति बनी. इन समझौतों के मुताबिक, आने वाले दिनों में भारत और यूएई स्थानीय मुद्राओं में कारोबार करेंगे. 

इससे भारतीय रुपये और यूएई दिरहम दोनों का इस्तेमाल बढ़ेगा इसके अलावा भारत की यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस यानी यूपीआई को यूएई के इंस्टेंट पेमेंट प्लेटफॉर्म से जोड़ने पर भी सहमति जताई. इसके साथ ही आईआईटी-दिल्ली का कैंपस अबू धाबी में खोलने पर सहमति बनी. इतना ही नहीं भारत और यूएई ने साथ मिलकर आतंकवाद से निपटने पर भी चर्चा की. इस दौरान यूएई के राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री मोदी के सम्मान में एक शाही भोज का भी आयोजन किया गया.

पूरे उत्तराखंड राज्य में अतिवृष्टि से गिर्थी नदी सहित अन्य सभी नदियों का जलस्तर बढ़ा, खतरे में आया चीन सीमा को जोड़ने वाला पुल

उत्तराखंड में आज रविवार को भी भारी बारिश का सिलसिला जारी है। जोशीमठ-मलारी मोटर मार्ग पर सुमना से आठ किलोमीटर आगे अतिवृष्टि से गिर्थी नदी के साथ अन्य नदियों का जलस्तर अचानक बढ़ गया। गिर्थी नदी का जलस्तर अचानक बढ़ जाने 

 से यहां चीन सीमा को जोड़ने वाला पुल खतरे में आ गया। इस पुल का इस्तेमाल सेना और गैफ द्वारा किया जाता है।

जलस्तर बढ़ने से पानी के साथ भारी मात्रा में मलबा भी बहकर आ गया। जिससे पुल के दोनों ओर सड़क को नुकसान हुआ है। बीआरओ के कर्नल अंकुर महाजन ने बताया कि अचानक नदी का जलस्तर बढ़ गया जिससे पुल को खतरा पैदा हो गया है। वहीं, पानी कम होने के बाद ही सड़क की स्थिति का सही अनुमान लग पाएगा।

चार जिलों में आज भारी बारिश का रेड अलर्ट

उत्तराखंड के चार जिलों में रविवार को भारी बारिश की संभावना है। मौसम विभाग ने देहरादून, टिहरी, पौड़ी और हरिद्वार जिले के लिए भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है। जबकि, अन्य जिलों के लिए बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।

एनडीए में शामिल हुए उत्तर प्रदेश के ओम प्रकाश राजभर , 2024 का लोकसभा चुनाव NDA vs PDA, गृहमंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर जानकारी साझा की


आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई है। पूरे देश में सत्ता और विपक्षी दल अपनी अपनी पार्टियों को मजबूत करने में लगी है। बता दें कि विगत दिनों चिराग पासवान भी NDA में शामिल हो चुके है जबकि उनके चाचा पहले से ही NDA का हिस्सा है। यानी दोनों लोक जनशक्ति पार्टी NDA के साथ है वही बिहार से ही जीतन राम मांझी ने भी NDA का साथ दिया है। जबकि मांझी के बाद अब उत्तर प्रदेश से ओम प्रकाश राजभर की भी एनडीए में वापसी हो गई है। इस बाबत राजभर और चौहान, एनडीए चेयरमैन अमित शाह से मिल चुके हैं। इस संदर्भ में गृहमंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर जानकारी साझा की है।

श्री ओम प्रकाश राजभर जी से दिल्ली में भेंट हुई और उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्रमोदी जी के नेतृत्व वाले NDA गठबंधन में आने का निर्णय लिया। मैं उनका NDA परिवार में स्वागत करता हूँ।

राजभर जी के आने से उत्तर प्रदेश में एनडीए को मजबूती मिलेगी और मोदी जी के नेतृत्व में एनडीए द्वारा गरीबों व वंचितों के कल्याण हेतु किए जा रहे प्रयासों को और बल मिलेगा।

संभव है कि राजभर उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री भी बना दिए जाएं। भाजपा राजभर के बड़बोलेपन के बावजूद साथ लेने में परहेज नहीं कर रही है क्योंकि पूर्वी उत्तर प्रदेश में इनके समाज का वोट है और कई सीटों पर यह बिरादरी हार-जीत तय करती आ रही है।

इधर पंजाब में शिरोमणि अकाली दल की बातचीत भी अंतिम दौर में बताई जा रही है। उत्तर प्रदेश के एक कद्दावर नेता दारा सिंह चौहान ने समाजवादी पार्टी और विधान सभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।

गृह मंत्री अमित शाह इन दिनों बहुत तेजी से भाजपा और एनडीए का कुनबा बढ़ा रहे हैं। वे छोटे दलों को एनडीए और अन्य दलों में मौजूद बड़े नेताओं को भाजपा में शामिल करने की मुहिम में जुटे हैं। शरद पवार जैसे कद्दावर नेता को उनके ही भतीजे अजित पवार के जरिए झटका देना भाजपा की उसी नीति का हिस्सा है।

कर्नाटक में जेडीएस भी एनडीए का हिस्सा हो सकती है। बिहार में उपेन्द्र कुशवाहा, वीआईपी के मुकेश साहनी की पार्टी का भी एनडीए में आना तय माना जा रहा है। जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव करीब आएगा, ऐसे राजनीतिक परिवर्तन सामने आते रहेंगे। असल में भारतीय जनता पार्टी यूपी, बिहार जैसे राज्यों की ताकत जानती है। यहां अनेक छोटे-छोटे दल ऐसे हैं, जो अकेले लड़ें तो संभव है कि अपने पक्ष में बहुत कुछ न कर सकें लेकिन जैसे ही वे भारतीय जनता पार्टी का हिस्सा होते हैं, उनका हर वोट महत्वपूर्ण हो जाता है।

यूं तो जातीय राजनीति पूरे देश में हावी है लेकिन उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, राजस्थान, मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में जातिगत राजनीति पराकाष्ठा पर है।