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*केंद्र सरकार द्वारा एनपीएस के नियमों बदलाव की तैयारी, पर खुश नहीं है कर्मचारी*


गोरखपुर- राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मंच के संयोजक विनोद राय और सहसंयोजक रूपेश कुमार श्रीवास्तव और राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के कार्यवाहक जिलाध्यक्ष राम समुझ और अनिल किशोर पांडेय ने केंद्र सरकार द्वारा एनपीएस नियमों में बदलाव के कवायद के बीच एक साझा बयान जारी कर यह स्पष्ट कर दिया है कि कर्मचारियों को पुरानी पेंशन से नीचे कुछ भी मंजूर नहीं है। यहां बताते चलें कि गैर बीजेपी शासित कई राज्यों में पुरानी पेंशन बहाल किए जाने के बाद दबाव में आई केंद्र सरकार की केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने माह अप्रैल में न्यू पेंशन स्कीम नियमों में बदलाव के लिए एक कमेटी का गठन किया था। विश्वस्त सूत्रों से पता चला है कि उक्त कमेटी ने पेंशन नियमों में बदलाव का सुझाव केंद्रीय वित्त मंत्री को दे दिया है, सरकार अब कर्मचारियों को उसके रिटायरमेंट के समय पा रहे मूल वेतन का 45’/. पेंशन के रूप में देने का मन बना लिया है लेकिन इसमें महंगाई भत्ता को नहीं जोड़ा जा रहा है इसी बात से कर्मचारी नाराज हैं और वह कह रहे हैं कि हमें पुरानी पेंशन से नीचे कुछ भी बदलाव मंजूर नहीं है।

राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष और पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के सहसंयोजक रूपेश कुमार श्रीवास्तव ने कहा की सेवा रूपी शरीर में पुरानी पेंशन प्राण के समान है, जैसे प्राण के बिना शरीर निर्जीव हो जाता है उसी तरह पुरानी पेंशन के बिना कर्मचारी मरे हुए व्यक्ति के समान है। पूर्वोत्तर रेलवे कर्मचारी संघ के महामंत्री और मंच के संयोजक विनोद राय ने कहा कि पुरानी पेंशन हमारा मौलिक अधिकार है हम इसे हर हाल में लेकर रहेंगे और हमें पुरानी पेंशन के नीचे कुछ भी मंजूर नहीं है।

इंजीनियर रामसमुझ ने कहा कि माननीय उच्चतम न्यायालय स्वत संज्ञान लेते हुए केंद्र सरकार को पुरानी पेंशन बहाल करने के लिए आदेश जारी करें क्योंकि वर्तमान मुख्य न्यायाधीश के पिता मुख्य न्यायाधीश रखते हुए कर्मचारी हित में पेंशन नियमों को मजबूत किए थे, वर्तमान मुख्य न्यायाधीश से अनुरोध है कि वह अपने पिता के मार्ग पर चलते हुए कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाल कराने की कृपा करें।

नेतागण ने कहा की दिनांक 27 जून को लखनऊ में होने वाली हुंकार महारैली में पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीपी रावत ने भी इस महारैली को समर्थन दिया है, इसलिए सभी संगठनों से अपील है आपसी भेद भाव भुलाकर सभी कर्मचारी रैली में पहुंचकर अपनी ताकत दिखाएं जिससे यह सरकार पुरानी पेंशन बहाल करने के लिए मजबूर हो जाए।

*डेढ़ हजार जोड़ों के सामूहिक विवाह समारोह में सम्मिलित हुए सीएम योगी, बोले-आधी आबादी को नकार कर सशक्त नहीं हो सकता कोई समाज*


गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आधी आबादी को नकार कर कोई भी समाज सशक्त नहीं हो सकता। आधी आबादी के सशक्तिकरण के बिना विकास की अवधारणा असंभव है। समाज को सशक्त करने के लिए महिलाओं के प्रति अत्याचार को रोकना होगा, सशक्तिकरण के कदम उठाने होंगे। इसे समझते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में डबल इंजन की सरकार नारी गरिमा की रक्षा व सशक्तिकरण के लिए मिशन मोड में काम कर रही है।

सीएम योगी गुरुवार पूर्वाह्न चंपा देवी पार्क मैदान में डेढ़ हजार जोड़ों के मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह समारोह को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि दहेज की सामाजिक कुप्रथा के खिलाफ सामूहिक विवाह योजना एक सकारात्मक अभियान है। दहेज एक सामाजिक कुरीति है और दहेज मुक्त विवाह के अभियान में पूरे समाज की खड़ा होना चाहिए। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत वर्ष 2017 से अब तक दो लाख से अधिक शादियां करा चुकी है। 2017 के पूर्व प्रति जोड़े विवाह पर 31 हजार रुपये खर्च किए जाते थे बाद में इसे बढ़ाकर 51 हजार रुपये कर दिया गया है। डबल इंजन की सरकार का यह सामूहिकता का प्रयास है।

महिला सशक्तिकरण को सरकार प्रतिबद्ध, उठा रही हर जरूरी कदम

मुख्यमंत्री ने कहा कि डबल इंजन सरकार महिला सुरक्षा, सम्मान व सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध है और इस निमित्त हर जरूरी कदम उठा रही है। हर बेटी, बहन के लिए सुरक्षा के वातावरण में पढ़ाई, रोजगार और सम्मान देने के कार्य पूरी प्रतिबद्धता से चलाए जा रहे हैं। प्रदेश में कन्या के जन्म से लेकर स्नातक की पढ़ाई के लिए मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना चलाई जा रही है तो महिलाओं की सुरक्षा के लिए पूरे प्रदेश में मिशन शक्ति अभियान चलाया जा रहा है। कन्या की स्नातक की पढ़ाई के बाद उसकी शादी के लिए भी किसी को चिंता करने की आवश्यकता नहीं है, इसके लिए मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना है। यह गांव की बेटी, सबकी बेटी की भावना के अनुरूप है। सीएम योगी ने महिला कल्याण के क्षेत्र में सरकार की बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, मातृ वंदना आदि योजनाओं का भी जिक्र किया।

पुलिस में 20 प्रतिशत महिलाओं की भर्ती, गोरखपुर में पीएसी की महिला बटालियन

सीएम योगी ने कहा कि बेटियों को आगे बढ़ाने के लिए उनकी सरकार ने पुलिस भर्ती में 20 प्रतिशत महिलाओं की भर्ती को अनिवार्य कर दिया है। 1947 से लेकर 2017 तक यूपी पुलिस में महिला कार्मिकों की संख्या दस हजार थी, आज यह संख्या चालीस हजार है। 2017 के बाद महज छह वर्षों में यह संख्या चार गुना हो गई है। इस तरह के अभियान को गति देते हुए गोरखपुर में पीएसी की महिला बटालियन की स्थापना के कार्य को तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है।

10 नवयुगलों को प्रमाण पत्र व उपहार भी किया भेंट

समाज कल्याण विभाग की तरफ से आयोजित इस समारोह में डेढ़ हजार जोड़े विवाह के पावन बंधन में बंधे। नवयुगलों में हिन्दू, मुस्लिम दोनों शामिल रहे। सभी नव दम्पतियों को आशीर्वाद देते हुए मुख्यमंत्री ने उनके सुखमय जीवन की कामना की। इस अवसर पर उन्होंने मंच से दो अल्पसंख्यक जोड़ों समेत दस नवयुगलों को प्रमाण पत्र और उपहार-शगुन किट भेंट किया। प्रमाण पत्र देने के दौरान मुख्यमंत्री ने जोड़ों से आत्मीय संवाद भी किया।

इस अवसर पर प्रमुख रूप से सांसद रविकिशन शुक्ल, कमलेश पासवान, महापौर डॉ मंगलेश श्रीवास्तव, भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं एमएलसी डॉ धर्मेंद्र सिंह, विधायक श्रीराम चौहान, फतेह बहादुर सिंह, राजेश त्रिपाठी, महेंद्रपाल सिंह, विपिन सिंह, डॉ विमलेश पासवान, प्रदीप शुक्ल, भाजपा के जिलाध्यक्ष युधिष्ठिर सिंह, महानगर अध्यक्ष राजेश गुप्ता आदि भी उपस्थित रहे।

*जन स्वास्थ्य की रक्षा हमारा दायित्व :मुख्यमंत्री*


गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अफसरों को निर्देशित किया है कि जो भी जरूरतमंद आयुष्मान हेल्थ कार्ड से वंचित रह गए हैं, उनके कार्ड प्राथमिकता के आधार पर बनवाए जाएं। जन स्वास्थ्य की रक्षा हमारा दायित्व है इसलिए किसी के इलाज में धन की बाधा नहीं आनी चाहिए। जिनके आयुष्मान कार्ड नहीं बन पाएं हैं, उनके इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज में बेहतर व्यवस्था बनाई जाए और इसके बाद भी जरूरत पड़े तो हायर सेंटर में इलाज के लिए इस्टीमेट बनवाकर शासन को उपलब्ध कराएं। इस्टीमेट मिलते ही इलाज के लिए मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से भरपूर आर्थिक सहायता राशि जारी की जाएगी।

सीएम योगी ने उक्त निर्देश गुरुवार को गोरखनाथ मंदिर में जनता दर्शन के दौरान दीं। मंदिर के महंत दिग्विजयनाथ स्मृति भवन के बाहर आयोजित जनता दर्शन में मुख्यमंत्री ने करीब सात सौ लोगों की समस्याएं सुनीं। कुर्सियों पर बैठाए गए लोगों तक मुख्यमंत्री खुद पहुंचे और बड़े इत्मीनान से उनकी बात सुनने के बाद उनके प्रार्थना पत्रों को संबंधित अधिकारियों को संदर्भित किया। मुख्यमंत्री ने सभी लोगों को भरोसा दिलाया कि सबकी पीड़ा दूर की जाएगी। जनता दर्शन में दूसरे जिलों के भी लोग आए थे। जनता दर्शन में गंभीर बीमारियों के इलाज हेतु आर्थिक सहायता की गुहार लेकर आए लोगों को मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया कि इलाज में धन की कमी नहीं होने दी जाएगी। संबंधित अस्पताल से इस्टीमेट लेकर प्रक्रिया पूरी करते हुए मुख्यमंत्री कार्यालय को उपलब्ध कराया जाए। विवेकाधीन कोष से तत्काल सहायता राशि जारी करा दी जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि इस्टीमेट की प्रक्रिया को प्राथमिकता पर पूर्ण कराएं।

इस दौरान पुलिस व राजस्व से जुड़ी शिकायतों पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकारी जिले स्तर पर ही समस्या का समाधान सुनिश्चित करें ताकि लोगों को परेशान न होना पड़े। उन्होंने दो टूक हिदायत देते हुए कहा कि जनसमस्याओं के निस्तारण में हीलाहवाली अक्षम्य होगी। हर व्यक्ति की समस्या का पूरी प्रतिबद्धता और पारदर्शिता से न्यायोचित समाधान शासन-प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता होती है और इसमें किसी ने भी लापरवाही की तो उसे दंड का भागी बनना पड़ेगा। इसलिए अधिकारी संवेदनशीलता से लोगों की समस्याओं को सुनें और गुणवत्तापूर्ण, त्वरित समाधान सुनिश्चित करें।

सीएम ने की गोसेवा, गोवंश को खिलाया गुड़

गोरखनाथ मंदिर प्रवास के दौरान गुरुवार सुबह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंदिर की गोशाला पहुंचे और गोसेवा की। उन्होंने बड़े ही स्नेह से गोवंश को उनके नाम से पुकारा तो गोवंश दौड़ते उनके पास चले आए। सीएम ने गोवंश का माथा सहलाकर उन्हें दुलारा और अपने हाथों से गुड़ खिलाया।

*भारत की ऋषि परंपरा के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित कर रहे दुनिया के देश : सीएम योगी*


गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि योग भारतीय मनीषा की तरफ से विश्व मानवता के कल्याण के लिए दिया गया एक उपहार व माध्यम है। भारतीय ऋषि परंपरा से प्राप्त यह ऐसी विधा है जो शरीर और मस्तिष्क दोनों को स्वस्थ रखती है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में योग की महत्ता को अंगीकार कर आज दुनिया के लगभग दो सौ देश अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर योग के विभिन्न कार्यक्रमों के साथ जुड़कर भारत की ऋषि परंपरा के प्रति अपनी कृतज्ञता ज्ञापित कर रहे हैं।

सीएम योगी 9वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर बुधवार सुबह गोरखनाथ मंदिर में योगाभ्यास करने के पूर्व योग साधकों, प्रशिक्षुओं को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की बधाई दी और वैश्विक मंच पर योग की पुनर्प्रतिष्ठा के लिए पीएम मोदी के प्रति आभार जताया।

महंत दिग्विजयनाथ स्मृति सभागार में आयोजित कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र संघ में इस बात के लिए लोगों को नई प्रेरणा दी कि वास्तव में अगर विश्व कल्याण का मार्ग प्रशस्त करना है तो तो केवल और केवल योग से हम इसको आगे बढ़ा सकते हैं। विश्व शांति का मार्ग आगे बढ़ाने में योग माध्यम बन सकता है।

सीएम योगी ने कहा कि भारत ऐसे ही विश्व गुरु नहीं हुआ। यहां जो कुछ भी है वह व्यवहारिक है, पहले से प्रमाणित है। और, योग भी उसी परंपरा का हिस्सा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हजारों वर्षों की भारतीय मनीषा की परंपरा योग हम सबकी विरासत का हिस्सा है। हमें योग की विरासत पर गौरव की अनुभूति होनी चाहिए। हजारों वर्षों से जिस योग को हम अपने जीवन का हिस्सा मानते रहे हैं, वह आज वैश्विक मंच पर छाता हुआ पूरी दुनिया को अपनी और आकर्षित करता हुआ दिखाई दे रहा है।

भारत की आयुष पद्धति संपूर्ण आरोग्यता प्रदान करने वाली

सीएम योगी ने दुनिया में पिछले तीन-साढ़े तीन साल में जिस महामारी की चपेट में पूरी दुनिया आई थी, उस कोरोना कालखंड में भी दुनिया के अंदर सर्वाधिक मांग भारतीय आयुष पद्धति की हो रही थी। सबने यह माना कि भारतीय आयुष पद्धति संपूर्ण आरोग्यता प्रदान कर सकती है।

वास्तव में भारतीय आयुष पद्धति हमारी ऋषि परंपरा की तरफ से संपूर्ण आरोग्यता की लक्ष्य प्राप्ति हेतु मानवता के कल्याण का प्रशस्त पथ है जिसकी ओर पूरी दुनिया आकर्षित हो रही है। उन्होंने कहा कि आयुष की मांग लगातार बढ़ रही है। जो लोग पहले चाय पीते थे, कोल्ड ड्रिंक लेते थे, कोरोना कालखंड में उनमें से बहुतायत काढ़ा पीने लगे। यह भारत के आयुष की देन है।

हल्दी भारत की रसोई का प्रमुख हिस्सा है। आज दुनिया के अंदर इसकी बढ़ती हुई मांग भारत के किसानों के लिए एक नए अवसर को भी प्रदान करती है।

योग से शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य, दोनों की प्राप्ति

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमारी परंपरा शरीर को धर्म का साधन मानती है। 'शरीर माध्यम खलु धर्म साधनम्'। किसी भी क्षेत्र का व्यक्ति चाहे वह नौकरशाह हो, उद्योगपति हो या फिर किसान-मजदूर, अपना कार्य अच्छे से तभी कर पाएगा जब उसका शरीर स्वस्थ होगा। स्वस्थ शरीर के लिए स्वस्थ मस्तिष्क भी आवश्यक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सामान्यतः शारीरिक स्वास्थ्य के लिए हम लोग व्यायाम या एक्सरसाइज कर लेते हैं। पर, शारीरिक स्वास्थ्य के साथ मानसिक स्वास्थ्य भी चाहिए।

योग ऐसी विधा है जो स्वस्थ शरीर के साथ हमें स्वस्थ मस्तिष्क भी देती है।

प्राणायाम करने वालों पर कोरोना का प्रभाव न्यूनतम

योग के विभिन्न अंगों की महत्ता को विस्तार से समझाते हुए सीएम योगी ने कहा कि प्राणायाम करने वाले लोगों पर कोरोना का प्रभाव न्यूनतम रहा। कोरोना के सेकेंड वेव में सबसे अधिक प्रभावी लंग्स (फेफड़ों) पर पड़ा था। लोगों को श्वांस लेने में दिक्कत हो रही थी।

प्राणायाम से शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत लोगों को कोरोना या तो छू नहीं पाया या फिर संक्रमित होने पर भी वे कुछ ही दिनों में आरोग्यता को प्राप्त कर लिए। उनके बीच मृत्यु दर न्यूनतम थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राणायाम हमको न केवल मजबूत करते हैं बल्कि शारीरिक शुद्धि का भी माध्यम बनते हैं। इसी तरह योग के आसन न केवल हमें स्थिरता देते हैं बल्कि शारीरिक सुदृढ़ता भी प्रदान करते हैं।

योगी के लिए योग आध्यात्मिक क्षेत्र में प्रवेश का मार्ग

मुख्यमंत्री ने कहा कि एक योगी के लिए योग आध्यात्मिक क्षेत्र में प्रवेश करने का मार्ग होता है जो चेतना के विस्तृत आयाम को आगे बढ़ाता है। चेतना के बहुत छोटे से भाग का हम उपयोग कर पाते हैं लेकिन इसका क्षेत्र बहुत विस्तृत है।

उस चेतना के विस्तृत क्षेत्र में प्रवेश करने का माध्यम है योग। जबकि एक सामान्य गृहस्थ या सामान्य नागरिक के लिए योग शारीरिक और मानसिक आरोग्यता प्राप्त करने का माध्यम है। योग की परंपरा के साथ आज दुनिया जुड़ती दिखाई दे रही है। दुनिया में लोगों के सामने विभिन्न प्रकार की चुनौतियां हैं। कोई शारीरिक बीमारियों से तो कोई मानसिक रूप से परेशान है। ऐसे में संपूर्ण आरोग्यता प्रदान करने की दिशा में योग की बहुत महत्त्वपूर्ण भूमिका है।

अष्टांग व षट्कर्म के बारे में समझाया सीएम योगी ने

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि योग परंपरा में सामान्यतः हम अष्टांग योग को महत्व देते हैं। जिसमें यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान, समाधि अलग-अलग क्रियाएं हैं।

अलग-अलग प्रकार की ये विधाएं हैं हम सबको शारीरिक और मानसिक शुद्धि का माध्यम प्रदान करती हैं। इसी तरह हठयोग की कुछ विधाएं हैं। उसमें प्रारंभिक कार्यक्रमों को षट्कर्मों के साथ जोड़ दिया गया। देश काल, परिस्थिति, खान-पान या अन्य कारणों से व्यक्ति में कोई शारीरिक विकार आ गया है तो ये क्रियाएं शारीरिक शुद्धि का माध्यम बनती हैं। ये विशेष क्रियाएं नियमित नहीं होतीं, उनके निश्चित पक्ष होते हैं। उसके अनुरूप कोई व्यक्ति अभ्यास करेगा तो कायिक रुप से स्वस्थ होगा।

वात, कफ व पित्त जनित विकारों से मुक्ति दिलाता है योग

सीएम योगी ने बताया कि योग तमाम वात जनित, कफ जनित, पित्त जनित विकारों से मुक्ति दिलाता है। उन्होंने आसनों व प्राणायाम का महत्व समझाने के साथ ही नाड़ियों के शुद्धिकरण पर भी चर्चा की। कहा कि प्रणायाम नाड़ियों की शुद्धि का माध्यम बनता है।

चंचल मन को नियंत्रित करने का माध्यम है योग

मुख्यमंत्री ने कहा कि नाड़ी की क्रियाएं मन से जुड़ी क्रियाएं होती हैं। उन्होंने कहा कि मन की विचित्र स्थिति होती है। व्यक्ति के बंधन और मोक्ष दोनों का कारण मन होता है। एक स्वस्थ शरीर के लिए स्वस्थ मन भी आवश्यक है। चंचल मन व्यक्ति को चलायमान करता है।

मन को एकाग्र न कर पाने के कारण भी बहुत से लोग प्रतिभा होने के बावजूद जीवन में सफलता को प्राप्त नहीं कर पाते। इसलिए मन की वृत्ति को, जो चंचल है, उसे नियंत्रित करने का माध्यम योगासन देता है। उन्होंने कहा कि यद्यपि मन को नियंत्रित करना अत्यंत दुरुह कार्य है लेकिन व्यक्ति के जीने के लिए प्राणायाम से यह संभव है। नाथ पंथ की परंपरा में जिसे अजपा जप कहते हैं, श्वांस पर ध्यान केंद्रित कर मन को साधा जा सकता है। प्राणायाम के माध्यम से मन को नियंत्रित कर लिया गया तो योग के अन्य उच्चतर सोपान को प्राप्त करने में सफलता प्राप्त हो सकती है।

तनाव कम करने में योग कारगर

सीएम योगी ने कहा कि आज के समय में आप देख रहे होंगे क्या स्थिति चल रही हैं। जहां पर खान-पान गलत है वहां पर एक तनाव, ब्लड प्रेशर, शुगर के पेशेंट देखने को मिलते हैं। एक उम्र के बाद लोग जोड़ों (ज्वाइंट्स) को लेकर दिक्कत में आ जाते हैं। दुनिया में जा कर देखिए तो कई देशों में शुगर, बीपी आदि बीमारियों का रेट 25 से 30 पहुंच चुका है। एक डरावना दृश्य सबके सामने है। तनाव को पालने की वजह से आप देखते होंगे कि सामान्य जीवन में आपको कभी बहुत जल्दी गुस्सा आ जा जाता होगा।

ऐसे में दीर्घ श्वांस लीजिए, बहुत आराम प्राप्त होगा। धीरे-धीरे करके मन शांत होता दिखाई देगा। अनावश्यक तनाव व गुस्सा कई बार बड़ी घटना का कारण बन जाता है। योग इन सभी को नियंत्रित करने का माध्यम देता है।

योग को नियमित दिनचर्या का हिस्सा बनाएं

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी लोगों से अपील की कि योग को नियमित दिनचर्या का हिस्सा बनाएं। आयुष मंत्रालय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से जो प्रोटोकॉल दिए हैं, उससे जुड़ें। उन्होंने कहा कि हम सभी सूर्य नमस्कार, पवनमुक्तासन, भुजंगासन को आसानी से अपना सकते हैं। बस ध्यान यह देना है कि यदि एक आसन झुकने वाला आपने किया है तो उसके विपरीत आसन को भी समन्वय के साथ जोड़ना होगा।

योग का नियमित अभ्यास आपको आरोग्यता की दिशा में आगे बढ़ाने में मदद कर सकता है। उन्होंने कहा कि योग साधकों के लिए भारतीय शास्त्र परंपरा में कहा गया है कि जो लोग नियमित योग करते हैं उनको बुढ़ापा नहीं आता और न ही किसी प्रकार का रोग पकड़ता है।

प्रेरणा का दिवस है अंतरराष्ट्रीय योग दिवस

मुख्यमंत्री ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय योग दिवस वास्तव में नई प्रेरणा का दिवस है। यह दिवस हमें अपनी ऋषि परंपरा की विरासत पर गर्व की अनुभूति की प्रेरणा देता है। यह दिवस इस बात की प्रेरणा भी है कि योग के माध्यम से हम विश्व मानवता के कल्याण तथा आने वाली पीढ़ी के उज्ज्वल भविष्य का मार्ग प्रशस्त कर सकते हैं।

सीएम ने सुना पीएम का संबोधन, किया योग का अभ्यास

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखनाथ मंदिर के महंत दिग्विजयनाथ स्मृति सभागार में आयोजित कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लाइव संबोधन देखा व सुना। इसके बाद उन्होंने सभागार में उपस्थित योग साधकों व प्रशिक्षुओं के साथ योग का अभ्यास किया।

उल्लेखनीय है कि योग मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नियमित दिनचर्या का अनिवार्य व अपरिहार्य हिस्सा है।

*खबर चलने से बौखलाये मेडिकल माफिया किसी बड़े साजिश की कर रहे तैयारी, पत्रकारों नेएसपी को सौंपा ज्ञापन*

गोरखपुर। गोरखपुर में मेडिकल माफियाओ की कमर तोड़ने के लिए समय-समय पर स्वास्थ्य विभाग,पुलिस विभाग के साथ ही पत्रकार भी अहम भूमिका निभाते रहे हैं लेकिन अब यह मेडिकल माफिया अपना खुन्नस निकालने के लिए पत्रकारों को अपना शिकार बनाने की तैयारी में लगे हुए हैं।इसको लेकर आज गोरखपुर के एक वरिष्ठ पत्रकार ने दर्जनों पत्रकार साथियों के साथ पहुंच कर एसपी सिटी को ज्ञापन सौंप कार्रवाई की मांग किया है।

आपको बता दें कि पत्रकार धनेश कुमार ने बताया कि वह न्यूज़ वर्ल्ड इंडिया नेशनल न्यूज़ चैनल में गोरखपुर से वर्तमान में संवाददाता के पद पर कार्यरत हु।और विगत 15 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में कार्य कर रहे है।वो गोरखपुर जर्नलिस्टस प्रेसक्लब के पदाधिकारी भी रह चुके हैं।विगत कुछ दिनों पहले जिला चिकित्सालय गोरखपुर के ओपीडी में मैं समाचार संकलन हेतु गया हुआ था।

जहां कुछ डॉक्टर द्वारा मरीजों को बाहर से दवा लिखी जा रही थी।साथ ही कुछ एमआर ओपीडी में ड्यूटी के दौरान डॉक्टर प्रशांत सिंह चेंबर में बैठकर बातचीत कर रहे थे।इस दौरान ओपीडी में मौजूद एमआर और बार्ड ब्वाय में वाद विवाद होने लगा इस दौरान मैने बाहर की पर्चियां और मरीज के तिमारदारो से वर्जन लिया जिसमे उन्होंने साफ तौर पर बाहर से दवा लिखने की बात बताई।जब हम खबर बनाकर बाहर निकले तभी आगे कुछ लोग वहां मौजूद थे। जो बाते कर रहे थे।कि एक पत्रकार यहा खबर बनाने आया है।

उसको आज यही निपटा दिया जाए।एस बात से मैं दहशत में आ गया।और अपनी बाइक वही छोड़कर शास्त्री चौराहा स्थित प्रेसक्लब पर आ गया।और अपने पत्रकार साथियो से पूरी बात बताई।जिसके बाद हमारे पत्रकार साथी जिला चिकित्सालय के प्रमुख अधीक्षक डॉ राजेन्द्र ठाकुर से मुलाकात किए और पूरे मामले से अवगत कराया।उन्होंने सभी मौजूद पत्रकार साथियो को आश्वस्त किया कि इन अराजक तत्व दलालो कड़ी करवाई की जाएगी।और उन्होंने तत्काल लिखित तौर पर पुलिस के उच्चाधिकारियों को लिखित तौर पर कार्यवाही की मांग किया।

तभी से कुछ हद तक डॉक्टरों द्वारा मरीजो को बाहर की दवा लिखने पर अंकुश लगाना शुरू हो गया।और जिला चिकित्सालय के इमरजेंसी मे प्राइवेट एम्बुलेंस माफिया भी भयभीत हो गए।जिससे नाराज होकर यह लोग मुझे रास्ते से हटाने या मेरे साथ कोई अप्रिय घटना घटित करने या फर्जी मुकदमे में फ़साने की साजिश में लगे हुए है।इन माफियाओ का एक बड़ा सिंडिकेट है।जिस पर बिना पुलिस सहयोग के अंकुश लगना नामुकिन है।

यह अस्पताल माफिया धनबल का प्रयोग करके कभी भी मुझे रास्ते से हटाने या फर्जी मुकदमे में फंसा सकते है।यह लोग चाहते है। कि मैं स्वतंत्र निर्भीक होकर पत्रकारिता ना कर पाऊं और इनके डर के आगे अपनी कलम बंद कर दु। इसलिए इन लोगों ने मिलकर कुछ प्राईवेट एम्बुलेंस माफिया बाहर से दवा लिखने वाले डॉक्टरों के माफिया और कुछ प्राइवेट एंबुलेंस संचालक जो मरीजों को बरगला कर उन्हें प्राइवेट अस्पताल पहुंचाते हैं जिस कारण इन लोगों का गोरख धंधा फल-फूल रहा है यह लोग मिलकर एक बड़ी साजिश की तैयारी में इसलिए मैं इस पूरे मामले की गंभीरता को देखते हुए आप से कार्रवाई की मांग करता हूं।

*ग्रामीणों को जागरूक कर कराया योगाभ्यास, गुरु गोरक्षनाथ इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस में योग सप्ताह का चौथा दिन*

गोरखपुर- महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय, गोरखपुर के अंतर्गत संचालित गुरु गोरक्षनाथ इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस (आयुर्वेद कॉलेज) में 9वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में चल रहे अमृत योग सप्ताह के चौथे दिन प्रातः कालीन प्रथम सत्र में आयुर्वेद कॉलेज के प्राचार्य डॉ मंजूनाथ एनएस के नेतृत्व में बीएएमएस विद्यार्थियों ने योग एवं प्राणायाम का अभ्यास किया।

कार्यक्रम के द्वितीय सत्र में प्राचार्य के नेतृत्व में बीएएमएस 2022-23 बैच के विद्यार्थियों एवं शिक्षकों ने "हर घर हर आँगन" योग थीम के साथ सिक्टौर गांव में जाकर जनभागीदारी की। इस दौरान सर्वप्रथम प्राचार्य ने सभी ग्रामवासियों को प्राणायाम और योग का अभ्यास कराया। प्राचार्य डॉ मंजूनाथ ने कहा सभी लोग प्रातःकाल योग एवं सांयकाल प्राणायाम का अभ्यास कर अपने स्वास्थ्य की रक्षा करें। ग्रामवासियों को सम्बोधित करते हुये आचार्य साध्वी नन्दन पाण्डेय ने कहा योग का मतलब है जुड़ना। योग स्वंय को स्वंय से जोड़ने का माध्यम है। योग शरीर को दृढ़, मन शांत और कार्य करने की क्षमता को बढ़ाता है। कार्यक्रम में बीएएमएस विद्यार्थी शगुन, शीतल आदि के समूह ने योग पर नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत कर योग से निरोग का संदेश दिया।

नुक्कड़ नाटक में अवसाद, मधुमेह आदि बीमारियों में योग और आयुर्वेद की उपयोगिता को दर्शाया गया। कार्यक्रम के अगले चरण में सिद्धांत, सिमरन आदि समूह ने फ्लैसमोब के माध्यम से समस्त योग आसान करके दिखाया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि खण्ड विकास अधिकारी सत्यप्रकाश सिंह ने विद्यार्थियों के प्रस्तुतीकरण की सराहना की। साथ ही आश्वासन दिया कि मुख्यमंत्री जी के ग्राम सिक्टौर को आरोग्य ग्राम बनाने के स्वप्न को साकार करने में पूर्ण सहयोग करेंगे। कार्यक्रम के आयोजन में ग्राम प्रधान राकेश सिंह का महत्वपूर्ण सहयोग रहा। इस दौरान प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के चिकित्सक, शिक्षक, आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता आदि उपस्थित रहे। आयोजन में डॉ पियूष वर्षा, डॉ प्रज्ञा सिंह आदि की सक्रिय सहभागिता रही।

*योगी सरकार रामगढ़ताल को बनाएगी रोइंग के नेशनल कैम्प का ठिकाना, प्रशिक्षण के लिए जर्मनी से मंगाई जा रही बोट*


गोरखपुर- खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स के अंतर्गत रोइंग प्रतियोगिता की शानदार सफलता के बाद रामगढ़ताल के खाते में एक और नायाब उपलब्धि जुड़ेगी। वाटर स्पोर्ट्स की असीम संभावनाओं से लबरेज रामगढ़ताल को योगी सरकार रोइंग के नेशनल कैम्प का ठिकाना बनाएगी। देशभर के रोइंग खिलाड़ी यहां राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के अनुरूप यहां अपनी प्रतिभा-कौशल को तराशेंगे। रामगढ़ताल में रोइंग की ट्रेनिंग के लिए इंटरनेशनल इवेंट्स के अनुरूप अलग-अलग श्रेणियों के 20 बोट्स जर्मनी से मंगाए जा रहे हैं।

45 करोड़ रुपये की लागत से बना वाटर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स

खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स की रोइंग प्रतियोगिता रामगढ़ताल में अकस्मात नहीं हुई। बल्कि इसके पीछे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में प्रदेश शासन के खेल विभाग की दूरदर्शी सोच है। खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में इसके पूर्व कभी रोइंग प्रतियोगिता नहीं हुई थी। मेजबानी उत्तर प्रदेश को मिली तो अपर मुख्य सचिव खेल एवं युवा कल्याण डॉ नवनीत सहगल ने रोइंग को भी शामिल कराया। इसे लेकर पहले से उन्होंने सीएम योगी की मंशा के अनुरूप रामगढ़ताल और गोरखपुर के वाटर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का चयन कर रखा था। वास्तव में योगी सरकार ने ताल के पास ही 45 करोड़ रुपये की लागत से विश्व स्तरीय वाटर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स इसी मकसद से बनाया है कि यहां जल क्रीड़ा की राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताएं हो सकें और स्थानीय युवाओं का रुझान इस दिशा में बढ़े।

नेशनल कैम्प की तैयारियों में जुटी योगी सरकार

27 से 31 मई तक हुई खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स रोइंग प्रतियोगिता ने वाटर स्पोर्ट्स के लिए रामगढ़ताल की उपयोगिता को सिद्ध कर दिया है। देशभर के अलग अलग राज्यों के विश्वविद्यालयों से आए खिलाड़ी, उनके कोच और रोइंग फेडरेशन आफ इंडिया के पदाधिकारी भी हैरत में थे कि वाटर स्पोर्ट्स के लिए समूचे उत्तर भारत के लिए महत्वपूर्ण यह वेन्यू लाइमलाइट में नहीं था। सबने माना कि यहां राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताएं आसमान छू सकती हैं। रोइंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के शीर्ष पदाधिकारियों ने यहां रोइंग का नेशनल कैम्प लगाने और ट्रेनिंग एकेडमी की इच्छा जताई है। इसे देखते हुए राज्य सरकार भी नेशनल कैम्प के अनुकूल कदम उठाने में जुट गई है। अपर मुख्य सचिव खेल एवं युवा कल्याण डॉ नवनीत सहगल का कहना है कि फेडरेशन के साथ मिलकर रामगढ़ताल-वाटर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में रोइंग का नेशनल कैम्प आयोजन किया जाएगा। इसकी तैयारी भी शुरू कर दी गई है।

गोरखपुर में रोइंग की नर्सरी होगी तैयार, पंजीकरण व प्रशिक्षण शुरू

क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी आले हैदर के मुताबिक गोरखपुर में रोइंग की नर्सरी तैयार की जाएगी। रोइंग के प्रशिक्षण के लिए कोच की नियुक्ति कर दी गई है और किशोरों-युवाओं का पंजीकरण जारी है। फिलहाल 10 किशोर-युवा प्रशिक्षण से जुड़ चुके हैं। अभी उन्हें तैराकी स्वीमिंग और शारीरिक प्रशिक्षण देकर उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से मजबूत बनाया जा रहा है। इसके साथ ही जर्मनी से 20 बोट मंगाने के लिए ऑर्डर दे दिया गया है। ये बोट 10 लाख से लेकर 20 लाख रुपये की रेंज की हैं। सरकार की मंशा के अनुरूप अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के हिसाब से रोइंग की हर स्पर्धा की बोट मंगाई जा रही है। 15 जुलाई के बाद बोट्स आनी शुरू हो जाएगी और रोइंग में पंजीकरण कराने वाले युवाओं की विधिवत प्रैक्टिकल ट्रेनिंग शुरू हो जाएगी।

अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए शानदार वेन्यू होगा रामगढ़ताल

रोइंग की अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए भी रामगढ़ताल एक शानदार वेन्यू हो सकता है। मई अंतिम सप्ताह में हुई खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स रोइंग प्रतियोगिता में यहां आए रोइंग फेडरेशन आफ इंडिया के शीर्ष पदाधिकारी भी इस बात को स्वीकार कर चुके हैं। ताल की विशालता के साथ समीपस्थ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा बनवाए गए वाटर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में सारे इंतजाम अंतरराष्ट्रीय स्तर के हैं। इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ सबसे बड़ी सुविधा कनेक्टिविटी की है। रामगढ़ताल से 50 किमी की दूरी पर कुशीनगर में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है। ऐसे में विदेश के खिलाड़ियों के लिए यहां सीधी पहुंच संभव है। इसके आधार पर यहां आने वाले समय में रोइंग की अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं की संभावना को पंख लग सकते हैं।

*ई-डिस्ट्रिक्ट सर्विस प्रोवाइडर को सीडीओ ने किया सम्मानित*


गोरखपुर। जिलाधिकारी के निर्देश पर विकास भवन सभागार में सीडीओ संजय कुमार मीना के अध्यक्षता में कार्यशाला आयोजित कर ई-डिस्ट्रिक्ट सर्विस प्रोवाइडर को सीडीओ और डीपीआरओ द्वारा किया गया सम्मानित।जिसमे ई डिस्ट्रिक्ट योजना के बीएलएस इंटरनेशनल ई-डिस्ट्रिक्ट सर्विस प्रोवाइडर जिला सेवा प्रदाता द्वारा विकास खण्ड भरोहिया पाली बांसगांव बढ़हलगंज गोला गगहा कौड़ीराम उरुवा कैम्पिअरगंज एवं बेलघाट के पंचायत सहायकों को प्रशिक्षण प्रदान किया गया |

इस प्रशिक्षण में जिला सेवा प्रदाता द्वारा जी टू सी (गवर्मेंट 2 सिटीजन) की 44 विभागों की लगभग 282 सेवाएं तथा ई-डिस्ट्रिक्ट की 32 सेवाओं के बारे में विस्तार से प्रशिक्षण प्रदान किया गया साथ ही साथ बीएलएस की बिजनेस 2 कस्टमर सेवाएं जैसे की पैथोलोजी बीएलएस सेवा वाहन बीमा बैंकिंग (आधार इनबेल्ड पेमेंट सिस्टम) डोमेस्टिक मनी ट्रान्सफर सरकारी परीक्षाओ की तैयारियों का पोर्टल पैन कार्ड इत्यादि सेवाओं के बारे में प्रशिक्षण प्रदान किया गया |

तथा ई डिस्ट्रिक्ट में उत्कृष्ट कार्य करने वाले पंचायत सहायकों को संजय कुमार मीना मुख्य विकास अधिकारी एवं जिला पंचायत राज अधिकारी शाश्वत आनन्द सिंह मुख्य विकास अधिकारी द्वारा पंचायत सहायकों को जन सेवा केंद्र की समस्याओं को पंचायत सचिवालय में संचालन कराए जाने हेतु प्रेरित किया साथ ही मुख्य विकास अधिकारी एवं अधोहस्ताक्षरी जिला पंचायत राज अधिकारी द्वारा बीएलएस के कराए गए प्रशिक्षण की प्रशंसा की गई।

इस मौके पर मुख्य विकास अधिकारी संजय कुमार मीना एवं जिला पंचायत अधिकारी श्री शाश्वत आनंद सिंह और अपर जिला पंचायत राज अधिकारी एवं पी डी गुप्ता अपर जिला अधिकारी आशुतोष कुमार जिला परियोजना प्रबंधक रवि कुमार दुबे एवं ई- डिस्ट्रिक्ट कार्यालय से नीरज कुमार श्रीवास्तव ईडीएम तथा बीएलएस इंटरनेशनल ई- डिस्ट्रिक्ट सर्विस जिला सेवा प्रदाता की तरफ से प्रोजेक्ट मैनेजर विकास दुबे प्रोजेक्ट हेड संजय कुमार लखनऊ जोनल मैनेजर मनोज भदौरिया एवं गोरखपुर जोनल मैनेजर पीयुष मिश्रा तथा अरबाज अहमद जिला प्रभारी मौजूद रहे |

*फाइलेरिया से बचाव का संदेश दे रहा है मरीज सहायता समूह, पिपराईच ब्लॉक क्षेत्र में सक्रिय हैं आठ समूह*

गोरखपुर।जिले के पिपराईच ब्लॉक क्षेत्र में सक्रिय फाइलेरिया मरीज सहायता समूह (पीएसजी) के सदस्य अपने गांव के लोगों को इस गंभीर बीमारी से बचाव का पाठ पढ़ा रहे हैं । साथ में लोगों को अगस्त में प्रस्तावित सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) अभियान के बारे में भी बता रहे हैं । सभी को यह संदेश दे रहे हैं कि फाइलेरिया के कारण होने वाला हाथीपांव लाइलाज है । एक बार यह स्थिति आने के बाद इसे सिर्फ नियंत्रित किया जा सकता है, लेकिन ठीक नहीं किया जा सकता । अगर इस बीमारी से बचना है तो पांच साल तक लगातार साल में एक बार सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम के तहत दवा खाना अनिवार्य है ।

सिंहौली गांव के ग्राम प्रधान देवेंदर सिंह (45) बताते हैं कि उनके गांव में मरीज सहायता समूह के गठन और उसकी गतिविधियों से पहली बार फाइलेरिया के बारे में जन जन तक संदेश पहुंच रहा है । पिछले साल तक सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम चला तो वह खुद भी दवा नहीं खा सके थे। समूह के लोगों के संदेशों से प्रेरित होकर उन्होंने तय किया है कि न सिर्फ खुद और परिवार को दवा खिलाएंगे, बल्कि गांव के प्रत्येक परिवार को दवा खिलवाने में मदद करेंगे ।

सरण्डा गांव में मरीज सहायता समूह से जुड़े कोमल (65) पिछले तीस वर्षों से दाहिने पैर और बायें हाथ में हाथीपांव से ग्रसित हैं । वह बताते हैं कि जब बीमारी की शुरूआत हुई तो हल्का बुखार हुआ । खुद से दवा लेकर खाए। कई जगहों पर इलाज भी करवाया लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ । पहले पैर में सूजन हुआ और फिर हाथ में सूजन होने लगा । करीब दस साल से वह कोई भी काम करने लायक नहीं रह गये । घर का खर्च बच्चे चलाते हैं और वह दिव्यांगता का बोझ ढो रह हैं ।

कोमल बताते हैं कि पहली बार मरीज सहायता समूह से जुड़ने के बाद उन्हें ऐसा लगा कि कोई है जो उनकी भी परवाह करता है । समूह की बैठकों में चर्चा होती है कि गांव के बाकी लोगों को इस बीमारी से बचाने के लिए जागरूक करना है। गांव में छोटे छोटे समूहों में बैठक कर संदेश दिया जाता है कि फाइलेरिया से बचाव के लिए घरों के आसपास साफ सफाई रखें, मच्छरदानी का प्रयोग करें और साल में एक बार दवा का सेवन अवश्य करें । यह दवा दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती और अति गंभीर तौर पर बीमार लोगों को छोड़ कर सभी को ड्रग एडमिनिस्ट्रेटर के सामने ही खानी है । खाली पेट दवा का सेवन नहीं करना है।

इन गांवों में चल रहा है समूह

जिला मलेरिया अधिकारी अंगद सिंह ने बताया कि पिपराईच ब्लॉक के उसका, महराजी, सरण्डा, सिंहौली दूबौली, भैंसहा, कुसम्ही कोठी और महमूदाबाद में मरीज सहायता समूह चल रहे हैं । जिन गांवों में मरीजों की संख्या अधिक होती है उसे फाइलेरिया की दृष्टि से संवेदनशील मानते हुए समूह का गठन किया जाता है । समूह के सदस्य गांव के स्कूल, कोटेदार, सामूहिक बैठकों में अपनी पीड़ा को बयां कर बचाव के लिए प्रेरित कर रहे हैं । समूह के क्षमता संवर्धन में पाथ और सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च संस्थाएं सहयोग दे रही हैं। समूह के लोगों को हाथीपांव प्रबन्धन के बारे में जानकारी और एमएमडीपी किट भी दी जाती है । समूह के लोगों और उनकी मदद से आने वाले हाइड्रोसील के मरीजों की सरकारी प्रावधानों के अनुसार पिपराईच सीएचसी पर सर्जरी कराई जा रही है ।

जिले में हाथीपांव की स्थिति

जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि जिले में इस समय हाथीपांव के 1988 मरीज हैं । हाइड्रोसील के 579 मरीज हैं। इसमें 547 की सर्जरी हो चुकी है। पिछले साल मई में एमडीए के दौरान 79.88 फीसदी लोगों ने फाइलेरिया से बचाव की दवा खाई थी। कुल 32013 लोगों ने दवा खाने से इनकार कर दिया था। इस बार मरीज सहायता समूह और सामुदायिक सहयोग से 90 फीसदी से ज्यादा लोगों को दवा खिलाने का प्रयास होगा।

*योग सप्ताह के तीसरे दिन पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन*


गोरखपुर। महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय गोरखपुर के अंतर्गत संचालित गुरु गोरक्षनाथ इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस (आयुर्वेद कॉलेज) में 9वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में चल रहे अमृत योग सप्ताह के तीसरे दिन शुक्रवार को प्रातः कालीन प्रथम सत्र में आयुर्वेद कॉलेज के प्राचार्य डाॅ. मंजूनाथ एनएस के नेतृत्व में बीएएमएस विद्यार्थियों ने योग एवं प्राणायाम का अभ्यास किया।

कार्यक्रम के द्वितीय सत्र में बीएएमएस 2022-23 बैच के विद्यार्थियों ने 'योग का प्राचीनतम इतिहास एवं आधुनिकीकरण' विषय पर पोस्टर प्रस्तुतिकरण प्रतियोगिता में भाग लिया। प्रतियोगिता मे प्राचार्य के नेतृत्व में निर्णायक समिति ने प्रथम पुरस्कार के लिए बीएएमएस छात्रा प्रितान्जली, द्वितीय पुरस्कार मुस्कान कुशवाहा एवं तृतीय पुरस्कार के लिए हिमांशु गुप्ता को चुना। प्राचार्य ने सभी प्रतिभागियों के पोस्टर की सराहना की। निर्णायक समिति में प्राचार्य के साथ डाॅ मिनी, डाॅ पियूष वर्षा, डाॅ प्रिया नायर शामिल रहीं। कार्यक्रम का संचालन डाॅ प्रज्ञा सिंह ने किया।