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प्रतिष्ठित 'अमूल गर्ल' अभियान के निर्माता सिल्वेस्टर दाकुन्हा का निधन, विभिन्न राजनैतिक दलों के नेताओं ने दी श्रद्धांजलि

1960 के दशक में शुरू हुए प्रतिष्ठित 'अमूल गर्ल' अभियान के निर्माता, विज्ञापन उद्योग के दिग्गज सिल्वेस्टर दाकुन्हा का निधन हो गया है। गुजरात स्थित डेयरी सहकारी, डेयरी ब्रांड के मालिक ने इसकी पुष्टि की है।

गुजरात को-ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन (जीसीएमएमएफ) के प्रबंध निदेशक जयेन मेहता ने कहा है कि कल रात (मंगलवार) मुंबई में दाकुन्हा कम्युनिकेशंस के अध्यक्ष श्री सिल्वेस्टर दाकुन्हा के दुखद निधन के बारे में बताते हुए बहुत दुख हो रहा है।

सिल्वेस्टर दाकुन्हा ने 1966 में जीसीएमएमएफ के स्वामित्व वाले ब्रांड अमूल के लिए 'अटटरली बटरली' अभियान की कल्पना की, जिसने 'अमूल गर्ल' को दुनिया के सामने पेश किया जो आज भी जारी है।

बता दें कि सिल्वेस्टर दाकुन्हा के बेटे राहुल दाकुन्हा अब अपने पिता द्वारा शुरू की गई विज्ञापन एजेंसी के शीर्ष पर हैं।

सिल्वेस्टर दाकुन्हा को विभिन्न राजनैतिक दलों के नेताओं ने श्रद्धांजलि दी। वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि अमूल के प्रतिष्ठित नेता वी कुरियन ने उनकी रचनात्मक प्रतिभा को स्वीकार किया था।

वहीं कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ'ब्रायन ने माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर साझा किए गए एक शोक संदेश में सिल्वेस्टर दाकुन्हा को विज्ञापन का दिग्गज बताया।

दिग्विजय सिंह ने पीएम मोदी पर कसा तंज, कहा- नीरो की तरह है सरकार, मणिपुर जल रहा है, प्रधानमंत्री ग्लोबल दर्शन पर हैं

#digvijaya_singh_slams_pm_modi_talks_on_manipur_violence 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के न्योते पर अमेरिका की राजकीय यात्रा पर हैं। कांग्रेस पीएम मोदी की इस राजकीय यात्रा को लेकर लगातार निशाना साध रही है।इस बीच कांग्रेस के सीनियर नेता दिग्विजय सिंह ने पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा को लेकर उन पर तंज कसा है। दिग्विजय सिंह ने कहा कि मणिपुर जल रहा है, जबकि मोदी ‘वैश्विक दर्शन’ पर हैं। 

दिग्विजय सिंह ने ट्वीट करते हुए लिखा, जब मणिपुर जल रहा था, हमारे पीएम संयुक्त राष्ट्र में योग कर रहे थे। जब चीन साजिद मीर को ग्लोबल आतंकी घोषित किए जाने पर अड़ंगा लगा रहा था, पीएम मोदी यूएन में योग कर रहे थे। क्या ये आपको रोम के जलने पर नीरो के बांसुरी बजाने की याद नहीं दिलाता। क्या मोदी शासन भी नीरो के शासन की तरह नहीं है?

एक अन्य ट्वीट में दिग्विजय सिंह ने पूछा कि आप ऐसे प्रधानमंत्री के बारे में क्या कहेंगे जो उस समय ‘वैश्विक दर्शन’ पर हैं जब मणिपुर जल रहा है? उन्होंने ये भी कहा कि पिछले 9 वर्षों में पीएम का प्रदर्शन निराशाजनक रहा है और कहा कि वे खुद की मार्केटिंग करते रहते हैं।

बता दें कि बुधवार को पीएम मोदी ने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस समारोह का नेतृत्व किया। संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में हुआ योग कार्यक्रम गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल हो गया है। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 180 देशों के करीब 8 हजार लोगों ने योग किया। गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के प्रवक्ता और आधिकारिक निर्णायक माइकल एम्प्रिक ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र में पीएम मोदी के नेतृत्व में हुए योग कार्यक्रम ने सर्वाधिक देशों से लोगों की भागीदारी के मामले में गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है।

दिग्विजय सिंह ने पीएम मोदी पर कसा तंज, कहा- नीरो की तरह है सरकार, मणिपुर जल रहा है, प्रधानमंत्री ग्लोबल दर्शन पर हैं

#digvijaya_singh_slams_pm_modi_talks_on_manipur_violence 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के न्योते पर अमेरिका की राजकीय यात्रा पर हैं। कांग्रेस पीएम मोदी की इस राजकीय यात्रा को लेकर लगातार निशाना साध रही है।इस बीच कांग्रेस के सीनियर नेता दिग्विजय सिंह ने पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा को लेकर उन पर तंज कसा है। दिग्विजय सिंह ने कहा कि मणिपुर जल रहा है, जबकि मोदी ‘वैश्विक दर्शन’ पर हैं। 

दिग्विजय सिंह ने ट्वीट करते हुए लिखा, जब मणिपुर जल रहा था, हमारे पीएम संयुक्त राष्ट्र में योग कर रहे थे। जब चीन साजिद मीर को ग्लोबल आतंकी घोषित किए जाने पर अड़ंगा लगा रहा था, पीएम मोदी यूएन में योग कर रहे थे। क्या ये आपको रोम के जलने पर नीरो के बांसुरी बजाने की याद नहीं दिलाता। क्या मोदी शासन भी नीरो के शासन की तरह नहीं है?

एक अन्य ट्वीट में दिग्विजय सिंह ने पूछा कि आप ऐसे प्रधानमंत्री के बारे में क्या कहेंगे जो उस समय ‘वैश्विक दर्शन’ पर हैं जब मणिपुर जल रहा है? उन्होंने ये भी कहा कि पिछले 9 वर्षों में पीएम का प्रदर्शन निराशाजनक रहा है और कहा कि वे खुद की मार्केटिंग करते रहते हैं।

बता दें कि बुधवार को पीएम मोदी ने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस समारोह का नेतृत्व किया। संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में हुआ योग कार्यक्रम गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल हो गया है। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 180 देशों के करीब 8 हजार लोगों ने योग किया। गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के प्रवक्ता और आधिकारिक निर्णायक माइकल एम्प्रिक ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र में पीएम मोदी के नेतृत्व में हुए योग कार्यक्रम ने सर्वाधिक देशों से लोगों की भागीदारी के मामले में गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है।

न्यूयॉर्क टाइम्स ने बताया पीएम मोदी की पॉपुलैरिटी का राज, जमकर की तारीफ

मोदी का मैजिक लोगों के सिर चढ़ कर बोलता है। देश के प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी अपने देश के बच्चे-बच्चे की जुबान पर रहते हैं। तो वहीं दुनियाभर के देशों में भी वो खासे लोकप्रिय हैं।लेकिन क्या आप उनकी लोकप्रियता के पीछे का कारण जानते हैं? अमेरिका के प्रसिद्ध अखबार 'द न्यूयॉर्क टाइम्स' (एनवाईटी) में उनकी लोकप्रियता को लेकर एक आर्टिकल छपा है। लेख के अनुसार, पीएम मोदी सिर्फ इसलिए लोकप्रिय नहीं हैं कि वह दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के प्रधानमंत्री हैं बल्कि इसलिए हैं क्योंकि उनका देश के लोगों पर बहुत प्रभाव है। वैसे आपको बता दें कि ये वहीं अखबार है, जो कई बार मोदी सरकार की आलोचना कर चुका है

पीएम मोदी की लोकप्रियता की एक बड़ी वजह 'मन की बात'

न्यूयॉर्क टाइम्स में मुजीब मशाल द्वारा लिखे गए एक लेख में दावा किया गया है कि पीएम मोदी की लोकप्रियता की एक बड़ी वजह उनका रेडियो शो 'मन की बात' है।मुजीब मशाल ने अपने लेख में लिखा कि मन की बात कार्यक्रम स्थानीय लोगों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जुड़ने का मौका देता है। हर महीने प्रसारित होने वाले इस कार्यक्रम में पीएम मोदी देश में हो रहे हर छोटे-बड़े सकारात्मक बदलावों के बारे में बात करते हैं। लेख के अनुसार, पीएम मोदी सिर्फ इसलिए लोकप्रिय नहीं हैं कि वह दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के प्रधानमंत्री हैं बल्कि इसलिए हैं क्योंकि उनका देश के लोगों पर बहुत प्रभाव है। साथ ही उनकी जो नीतियां हैं, वह उनकी इसी विरासत को दर्शाती हैं। 

”मन की बात’ के जरिए देश की बड़ी आबादी के साथ जुड़ते हैं”

न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में बताया गया है कि महीने में एक दिन पीएम मोदी अपने सरकारी बंगले में बनाए गए स्टूडियो में जाते हैं। जहां वह अपने रेडियो शो की शुरुआत करते हैं। अब तक प्रधानमंत्री 100 से ज्यादा ‘मन की बात’ कर चुके हैं। वह शो की शुरुआत ‘मेरे प्यारे देशवासियों, नमस्कार!’ के साथ करते हैं। पीएम मोदी अपने इस कार्यक्रम के जरिए सिर्फ समस्याओं का समाधान ही नहीं बताते हैं, बल्कि वह देश की बड़ी आबादी के साथ जुड़ते हैं।प्रधानमंत्री मोदी अपने कार्यक्रम के जरिए स्कूली परीक्षाओं के दौरान होने वाले तनाव से बचने के तरीके बताते हैं। कभी वह जल संरक्षण की बात करते हैं, तो कभी गांव और खेतिहर जीवन में आने वाली चुनौतियों के सुझाव बताते हैं। प्रोग्राम के जरिए कभी वह एक टीचर की तरह बात करते हैं, तो कभी एक दोस्त की तरह।

”पीएम मोदी की दो सबसे बड़ी ताकते हैं”

मशाल लिखते हैं कि पीएम मोदी की लोकप्रियता में उनकी पार्टी, जिसकी सोशल मीडिया पर जबरदस्त पकड़ है, की भी अहमियत है, जो उनके भाषणों के वीडियो और टेक्स्ट सोशल मीडिया पर फैलाती है। पीएम मोदी की दो सबसे बड़ी ताकते हैं, एक है उनकी देश की जमीनी स्तर की समझ और दूसरी उनकी कहानी कहने की क्षमता। अपनी इन खासियतों की वजह से पीएम मोदी देशवासियों के साथ जुड़ पाते हैं और अपनी सरकार की योजनाओं जैसे मुफ्त राशन और बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर को लोगों के सामने प्रभावी तरीके से रखते हैं। कोरोना महामारी के दौरान भी पीएम मोदी ने मन की बात कार्यक्रम के जरिए लोगों को वैक्सीनेशन के लिए प्रेरित किया। साथ ही वह समाज के ऐसे लोगों के बारे में बात करते हैं जो अपने प्रयासों से छोटे-छोटे बदलाव ला रहे हैं। 

”उन्होंने राष्ट्रीय कल्पना पर पकड़ बना ली है”

द न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले देश में पीएम मोदी की लगभग 30 मिनट की ऑन-एयर मेजबानी - एक तरह से उन्होंने खुद को भारत की विशालता में सर्वव्यापी बना लिया है। उन्होंने राष्ट्रीय कल्पना पर पकड़ बना ली है जो उनकी आलोचना के प्रति अप्रभावी लगती है।

न्यूयॉर्क टाइम्स ने बताया पीएम मोदी की पॉपुलैरिटी का राज, जमकर की तारीफ

#pmnarendramodipopularityreasonnewyorktimesexplained 

मोदी का मैजिक लोगों के सिर चढ़ कर बोलता है। देश के प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी अपने देश के बच्चे-बच्चे की जुबान पर रहते हैं। तो वहीं दुनियाभर के देशों में भी वो खासे लोकप्रिय हैं।लेकिन क्या आप उनकी लोकप्रियता के पीछे का कारण जानते हैं? अमेरिका के प्रसिद्ध अखबार 'द न्यूयॉर्क टाइम्स' (एनवाईटी) में उनकी लोकप्रियता को लेकर एक आर्टिकल छपा है। लेख के अनुसार, पीएम मोदी सिर्फ इसलिए लोकप्रिय नहीं हैं कि वह दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के प्रधानमंत्री हैं बल्कि इसलिए हैं क्योंकि उनका देश के लोगों पर बहुत प्रभाव है। वैसे आपको बता दें कि ये वहीं अखबार है, जो कई बार मोदी सरकार की आलोचना कर चुका है

पीएम मोदी की लोकप्रियता की एक बड़ी वजह 'मन की बात'

न्यूयॉर्क टाइम्स में मुजीब मशाल द्वारा लिखे गए एक लेख में दावा किया गया है कि पीएम मोदी की लोकप्रियता की एक बड़ी वजह उनका रेडियो शो 'मन की बात' है।मुजीब मशाल ने अपने लेख में लिखा कि मन की बात कार्यक्रम स्थानीय लोगों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जुड़ने का मौका देता है। हर महीने प्रसारित होने वाले इस कार्यक्रम में पीएम मोदी देश में हो रहे हर छोटे-बड़े सकारात्मक बदलावों के बारे में बात करते हैं। लेख के अनुसार, पीएम मोदी सिर्फ इसलिए लोकप्रिय नहीं हैं कि वह दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के प्रधानमंत्री हैं बल्कि इसलिए हैं क्योंकि उनका देश के लोगों पर बहुत प्रभाव है। साथ ही उनकी जो नीतियां हैं, वह उनकी इसी विरासत को दर्शाती हैं। 

”मन की बात’ के जरिए देश की बड़ी आबादी के साथ जुड़ते हैं”

न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में बताया गया है कि महीने में एक दिन पीएम मोदी अपने सरकारी बंगले में बनाए गए स्टूडियो में जाते हैं। जहां वह अपने रेडियो शो की शुरुआत करते हैं। अब तक प्रधानमंत्री 100 से ज्यादा ‘मन की बात’ कर चुके हैं। वह शो की शुरुआत ‘मेरे प्यारे देशवासियों, नमस्कार!’ के साथ करते हैं। पीएम मोदी अपने इस कार्यक्रम के जरिए सिर्फ समस्याओं का समाधान ही नहीं बताते हैं, बल्कि वह देश की बड़ी आबादी के साथ जुड़ते हैं।प्रधानमंत्री मोदी अपने कार्यक्रम के जरिए स्कूली परीक्षाओं के दौरान होने वाले तनाव से बचने के तरीके बताते हैं। कभी वह जल संरक्षण की बात करते हैं, तो कभी गांव और खेतिहर जीवन में आने वाली चुनौतियों के सुझाव बताते हैं। प्रोग्राम के जरिए कभी वह एक टीचर की तरह बात करते हैं, तो कभी एक दोस्त की तरह।

”पीएम मोदी की दो सबसे बड़ी ताकते हैं”

मशाल लिखते हैं कि पीएम मोदी की लोकप्रियता में उनकी पार्टी, जिसकी सोशल मीडिया पर जबरदस्त पकड़ है, की भी अहमियत है, जो उनके भाषणों के वीडियो और टेक्स्ट सोशल मीडिया पर फैलाती है। पीएम मोदी की दो सबसे बड़ी ताकते हैं, एक है उनकी देश की जमीनी स्तर की समझ और दूसरी उनकी कहानी कहने की क्षमता। अपनी इन खासियतों की वजह से पीएम मोदी देशवासियों के साथ जुड़ पाते हैं और अपनी सरकार की योजनाओं जैसे मुफ्त राशन और बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर को लोगों के सामने प्रभावी तरीके से रखते हैं। कोरोना महामारी के दौरान भी पीएम मोदी ने मन की बात कार्यक्रम के जरिए लोगों को वैक्सीनेशन के लिए प्रेरित किया। साथ ही वह समाज के ऐसे लोगों के बारे में बात करते हैं जो अपने प्रयासों से छोटे-छोटे बदलाव ला रहे हैं। 

”उन्होंने राष्ट्रीय कल्पना पर पकड़ बना ली है”

द न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले देश में पीएम मोदी की लगभग 30 मिनट की ऑन-एयर मेजबानी - एक तरह से उन्होंने खुद को भारत की विशालता में सर्वव्यापी बना लिया है। उन्होंने राष्ट्रीय कल्पना पर पकड़ बना ली है जो उनकी आलोचना के प्रति अप्रभावी लगती है।

टाइटैनिक जहाज का मलबा देखने गई पनडुब्बी समुद्र की गहराईयों में लापता, आज खत्म हो जाएगी ऑक्सीजन, पनडुब्बी में सवार हैं पांच लोग

#titanic_submarine_missing 

टाइटैनिक का मलबा दिखाने ले गई टूरिस्ट सबमरीन रविवार से लापता है। सबमरीन में पाकिस्तानी अरबपति शहजादा दाऊद समेत 5 लोग सवार थे।हर घंटा बीतने के साथ लोगों के जिंदा होने की उम्मीद कम हो रही है। क्योंकि विमान में महज कुछ ही घंटों का ऑक्सीजन शेष बचा है।कनाडाई कोस्ट गार्ड वाहन लगातार इस पनडुब्बी के बारे में पता लगाने की कोशिश कर रहा है। लेकिन पनडुब्बी का कुछ बी पता नहीं चल पा रहा है।

करीब 111 साल पहले टाइटैनिक जहाज आइसबर्ग से टकराकर डूब गया था। साल 1912 में 14 और 15 अप्रैल की रात अटलांटिक महासागर में समा गया। इस हादसे में करीब 1500 लोगों की मौत हो गई थी। आज भी इस हादसे को सबसे बड़ा समुद्री हादसा माना जाता है। साल 1985 में न्यूफाउंडलैंड के तट के पास जहाज का मलबा मिला। डूबने के 70 सालों बाद भी टाइटैनिक का जादू उतरा नहीं था। इसपर फिल्म बनी। अब उसका मलबा भी चर्चाओं में आ गया। लोग उसे एक बार देखने के लिए लाखों-करोड़ों रुपए खर्च कर रहे हैं। 

ऐसे ही एक छोटी पनडुब्बी लोगों को टाइटैनिक के मलबे को दिखाने के लिए गई थी, जो चालक दल के साथ 19 जून से अटलांटिक महासागर में लापता है। अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि समुद्र में पनडुब्बी कहां लापता हुई है। अब लापता पनडुब्बी का पता लगाने के लिए एक खोज और बचाव अभियान की शुरुआत की गई है। रिपोर्ट के अनुसार, पांच विशेषज्ञ जहाज रोबोट के साथ पहले से ही 4 किमी की गहराई में 24,000 वर्ग किमी के विशाल क्षेत्र की तलाशी कर रहे हैं।

बता दें कि लापता पनडुब्बी में पांच लोग सवार हैं जो रविवार को टाइटैनिक जहाज का मलबा देखने के लिए गए थे। जहाज पर सवार पांच लोगों में ब्रिटिश अरबपति हामिश हार्डिंग, पाकिस्तानी बिजनेसमैन शहजादा दाऊद और उनका बेटा शामिल हैं। यूएस कोस्ट गार्ड के मुताबिक, पनडुब्बी पर मौजूद लोगों के पास कुछ ही घंटे का ऑक्सीजन बचा है, जिसके कारण बचावकर्मी चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं। बता दें कि रविवार को पानी के अंदर जाने के बाद विमान से संपर्क एक घंटे 45 मिनट में ही टूट गया था। जिसके बाद अफरातफरी मच गई।

कनाडाई कोस्ट गार्ड वाहन लगातार इस पनडुब्बी के बारे में पता लगाने की कोशिश कर रहा है। एक दिन पहले ही खबर आई है कि कनाडाई कोस्ट गार्ड वाहन को समुद्र के अंदर से कुछ आवाजें सुनाई दी हैं। अमेरिकी तट रक्षक कप्तान जेमी फ्रेडरिक ने बुधवार को पुष्टि की है कि गहरे समुद्र के अंदर से आवाजें सुनाई दी हैं, हालांकि हम स्पष्ट रूप से लापता विमान से संपर्क नहीं कर पा रहे हैं। इस खोज में शामिल एक अन्य विशेषज्ञ कार्ल हर्ट्सफ़ील्ड ने कहा कि दुनिया के सबसे बेहतर लोगों को इसले विश्लेषण में लगाया गया है। दुनिया की कई और एजेंसियां भी इसमें शामिल हो रही हैं। उन्होंने आगे बताया कि रोबोट लगातार खोज कर रहे हैं। उनके जहाज पर विक्टर 6000 रोबोट है जो 20000 फीट की गहराई में गोता लगाने में सक्षम है।

दिल्ली के मंडावली इलाके में मंदिर की अवैध रेलिंग हटाने को लेकर बवाल, स्थानीय लोग और पुलिस में झड़प, फोर्स तैनात

#delhi_mandawali_hindu_group_protest_over_demolition_of_grill_around_temple

पूर्वी दिल्ली के मंडावली इलाके में स्थित शनि मंदिर के चारों तरफ बनी स्टील की रेलिंग हटाने को लेकर बवाल हो गया।गुरुवार को शनि मंदिर के बाहर अवैध रेलिंग को तोड़ने पहुंची टीम को स्थानीय लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा।काफी संख्या में लोग वहां पहुंचे और प्रशासन की कार्रवाई के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। इस दौरान स्थानीय लोगों और पुलिस के बीच झड़प भी देखी गई।विरोध को देखते हुए मौके पर भारी संख्या में पुलिस फोर्स और पैरामिलिट्री जवानों को तैनात किया गया है।

जानकारी के मुताबिक, मंडावली इलाके में सड़क किनारे एक मंदिर बना हुआ है। उसके चारों तरफ रेलिंग बनी है।प्रशासन को पीडब्लूडी ने खबर दी थी कि ये फुटपाथ पर अतिक्रमण कर बनाया गया है।इसके बाद प्रशासन आज सुबह मंदिर के चारो ओर बनी लोहे की जाली तोड़ने पहुंचा तो हिंदू संगठन ने विरोध शुरू कर दिया है। बड़ी संख्या में लोग इकट्ठे होकर नारेबाजी करने लगे, जय श्री राम के नारे लगाने लगे, कीर्तन करने लगे।मौके पर बीजेपी के स्थानीय पार्षद रवि नेगी भी मौजूद थे।

इस दौरान सुरक्षा बलों के जवानों और महिलाओं के बीच धक्का-मुक्की भी हुई है। बताया जा रहा है कि महिलाओं ने कार्रवाई का डटकर विरोध किया। मुहिलाओं ने पुलिसकर्मियों पर मारपीट करने का आरोप लगाया है। महिलाओं का आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने महिलाओं के कपड़े तक भी फाड़ दिए।

स्थानीय लोगों को अंदेशा था कि प्रशासन मंदिर तोड़ने की कार्रवाई भी करेगा।उधर, डीएम ने बताया कि मदिर की रेलिंग तोड़ी जा रही है, ना कि मंदिर। रेलिंग को हटाकर फुटपाथ को क्लियर कारने का काम किया जाना था।

पटना में कल होगा विपक्ष का महाजुटान, क्या ममता को मना पाएंगे नीतीश, कांग्रेस की आकांक्षाओं का कैसे करेंगे सामना?

#opposition_party_meeting_patna_23_june 

शुक्रवार 23 जून का दिन देश की राजनीति के लिए खास होने वाला है। इस दिन ये तय होगा कि 2024 में बीजेपी को सत्ता से बेदखल करने का “बल” विपक्ष के पास है या नहीं। यह बैठक आने वाले दिनों में तय करेगा कि देश की बागडोर थामने के लिए विपक्ष कितना मजबूत है। वैसे तो बैठक कल सवेरे है। लेकिन कई बड़े नेता आज ही पहुंच रहे है। विपक्षी बैठक के लिए जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती पटना पहुंच गई हैं।बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी आज ही पटना पहुंच रही हैं।दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल भी शाम तक पटना पहुंच जाएंगे।

ममता को कौन मनाएगा?

विपक्षी एकजुटता बैठक में शामिल होने के लिए पहले पटना पहुंचने वाले नेताओं में ममता बनर्जी शामिल हैं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी 22 जून की शाम को ही पटना पहुंच जाएगी और विपक्ष की बैठक से पहले आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद से मुलाकात करेंगी।खबर है कि पटना आने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सीधे राबड़ी आवास जाएंगी।यहां लालू प्रसाद यादव से मुलाकात करेंगी और फिर सीएम नीतीश कुमार से भी मिलेंगी।सूत्रों से जानकारी मिली है कि लालू चाहते थे कि कल की मीटिंग से पहले ममता से मुलाक़ात हो जाए। नीतीश कुमार के आग्रह पर ही ममता बनर्जी कल के बदले आज पहुंच रही है।समझा जाता है कि ममता से मिल कर लालू उन्हें कांग्रेस के लिए सॉफ़्ट करने की कोशिश करेंगे।

कांग्रेस से ममता का 36 का आंकड़ा

दरअसल, कांग्रेस को लेकर ममता का स्टैंड खिलाफ का ही रहा है। हाल में ही उन्होंने बयान दिया था कि अगर कांग्रेस को उनका समर्थन चाहिए तो फिर उन्हें लेफ़्ट पार्टी से अलग होना होगा। बंगाल में लेफ़्ट और कांग्रेस का गठबंधन है। इससे पहले हुए उपचुनाव में सागरदीघी विधानसभा से कांग्रेस जीत गई थी। इसके बाद कांग्रेस के इकलौते विधायक को ममता बनर्जी ने टीएमसी में शामिल करा लिया। इसके बाद से कांग्रेस और ममता के रिश्ते और ख़राब हुए। ममता चाहती हैं कि जिन राज्यों में जो क्षेत्रीय पार्टी मज़बूत है कांग्रेस को उसका नेतृत्व स्वीकार कर लेना चाहिए।

कांग्रेस अपनी आकांक्षाओं के साथ कैसे करेगी तालमेल

इधर, कर्नाटका जीत के बाद कांग्रेस का मनोबल बढ़ा हुआ है। कांग्रेस पार्टी चाहती है कि क्षेत्रीय दल पश्चिम बंगाल, बिहार और यूपी में उसके लिए दिल बड़ा करे। ऐसे में ये देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस कैसे अपने कई उम्मीदों से निपट पाती है और अपनी आकांक्षाओं के साथ तालमेल बिठा पाती है या नहीं।

अमेरिकी सांसद इल्हान उमर ने किया पीएम मोदी के भाषण का बहिष्कार, अल्पसंख्यकों के शोषण का लगाया आरोप, भारतीय मुस्लिम नेता ने यूं दिया करारा जवाब

#ModiInUSA

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिकी दौरे पर हैं। अमेरिका के बड़े कारोबारी और विचारकों ने उनसे मुलाकात की है। जिन्होंने नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व की प्रशंसा की है। वहीं दूसरी ओर, अमेरिकी कांग्रेस के दो सांसदों ने भारत और हिंदुओं को लेकर अपनी घृणा का प्रदर्शन किया है।दरअशल, अमेरिका दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कांग्रेस के संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगे। ये दूसरी बार होगा जब पीएम मोदी अमेरिकी कांग्रेस को संबोधित करेंगे। हालांकि यूएस डेमोक्रेटिक पार्टी की दो मुस्लिम कांग्रेसी महिलाओं ने इस कार्यक्रम में शिरकत करने से इनकार कर दिया है।अमेरिकी कांग्रेस के दो सांसदों रशीदा तलीब और इल्हान उमर ने भारत में अल्पसंख्यकों के शोषण का आरोप लगाते हुए पीएम मोदी के संसद में दिए जाने वाले संबोधन का बहिष्कार करने का एलान किया है।

पीएम मोदी के संबोधन का बॉयकॉट

इल्हान उमर ने मोदी सरकार पर अल्पसंख्यकों का दमन करने का आरोप लगाया और ट्वीट करते हुए पीएम मोदी के संबोधन को बॉयकॉट करने की बात कही। अमेरिकी सांसद इल्हान उमर ने एक ट्वीट कर लिखा, प्रधानमंत्री मोदी की सरकार ने धार्मिक अल्पसंख्यकों का दमन किया है, हिंसक हिंदू राष्ट्रवादी संगठनों को गले लगाया है और पत्रकारों/मानवाधिकार की पैरवी करने वालों को निशाना बनाया है। इसीलिए मैं मोदी के भाषण में शामिल नहीं हो रही।

21 जून को किए अपने ट्वीट में इल्हान उमर ने आगे लिखा है, मैं पीएम मोदी के दमन और हिंसा के रिकॉर्ड पर चर्चा करने के लिए मानवाधिकार समूहों के साथ एक ब्रीफिंग करूँगी।

इल्हान उमर को एक भारतीय मुस्लिम नेता का करारा जवाब

इल्हान उमर के इस ट्वीट पर अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व वाइस चेयरमैन आतिफ रशीद ने करारा जवाब दिया है। उन्होंने इल्हान उमर से कहा कि वो जहर उगलना बंद करें। रशीद ने लिखा, मैं भारत के धार्मिक अल्पसंख्यक समुदाय से हूं, लेकिन मैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भारत में अपनी धार्मिक स्वतंत्रता और धार्मिक पहचान के साथ स्वतंत्र रूप से रहता हूं, यहां के हर संसाधनों में मेरी बराबर की हिस्सेदारी है। मुझे भारत में जो भी बोलना है बोलने की आजादी है। भारत में मुझे जो लिखना है, लिखने की भी आजादी है। मुझे यह कहते हुए दुख हो रहा है कि आप अपने नफरत के एजेंडे के तहत मेरे भारत की गलत तस्वीर दिखा रहे हैं।अपने मुंह से जहर उगलना बंद करो।

एक और अमेरिका सासंद ने किया बहिष्कार का एलान

अमेरिका की एक और सांसद रशिदा तलीब ने भी पीएम मोदी के भाषण का बहिष्कार करने का एलान किया है। रशिदा ने लिखा कि यह बेहद शर्मनाक है कि मोदी को हमारी राष्ट्रीय राजधानी में मंच दिया जा रहा है। जबकि उनका मानवाधिकारों के उत्पीड़न का लंबा इतिहास है। मुस्लिमों और धार्मिक अल्पसंख्यकों को निशाना बनाना और मीडिया को सेंसर करना अस्वीकार्य है। मैं मोदी के संयुक्त सत्र के संबोधन का बहिष्कार करूंगी।

चीन के रेस्टोरेंट में बड़ा धमाका, 31 लोगों की मौत, एलपीजी लीक होने के कारण लगी भीषण आग

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चीन में बुधवार रात को बड़ा हादसा हो गया। यहां के यिनचुआन प्रांत में एक रेस्टोरेंट में बड़ा धमाका हो गया। इस हादसे में 31 लोगों की मौत हो गई। जबकि 7 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।जिनमें से एक की हालत गंभीर है।मिली जानकारी के अनुसार धमाके की वजह गैस लीक होना बताया जा रहा है।

चीनी मीडिया शिन्हुआ ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि रेस्तरां में अचानक गैस लीक होने की वजह से तेजी के साथ ब्लास्ट हुआ। इस हादसे की खबर मिलते ही बड़ी संख्या में दमकल वाहन घटनास्थल पर पहुंच गए। यहां से लोगों को निकालकर अस्पताल ले जाया गया। इस घटना की कई तस्वीरें सामने आई हैं जिनमें आग बुझाने के बाद मौके पर दमकल की कई गाड़ियां देखी जा सकती है। जिस वक्त रेस्टोरेंट में धमाका हुआ, उस वक्त आसपास कई लोग मौजूद थे। 

यिनचुआन के रिहायशी इलाके में स्थित फुयांग बारबेक्यू रेस्तरां में विस्फोट बुधवार रात करीब नौ बजे हुआ। जिस रेस्तरां में धमाका हुआ, वह पूरी तरह से तबाह हो गया है। इस रेस्तरां के पास कई अन्य रेस्तरां भी हैं, ऐसे में आग के अन्य रेस्तरां में भी भड़कने का खतरा था लेकिन समय रहते आग पर काबू पा लिया गया। यिनचुआन, चीन के निंजिया प्रांत की राजधानी है।

घटना बुधवार को ड्रैगन बोट फेस्टिवल हॉलीडे से ठीक पहले की बताई जा रही है। लोग फेस्टिवल की तैयारी कर रहे थे तभी रात में रेस्टोरेंट में धमाका हो गया और कई लोग इसकी चपेट में आ गए। जिस इलाके में ये हादसा हुआ वहां मुस्लिम आबादी ज्यादा है।वहीं चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भी घटना पर दुख व्यक्त करते हुए घायलों को प्राथमिक इलाज देने का अनुरोध किया है।इसी के साथ उन्होंने ये भी कहा कि प्रमुख इंडस्ट्री और सेक्टर में सुरक्षा बढ़ाने की जरूरत है।