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नालंदा में क्षेत्रीय स्तरीय पर आयोजित हो रहे योगा फेस्ट कार्यक्रम मे बतौर प्रतिभागी शामिल होने के लिए किशनगंज की टीम हुई रवाना

किशनगंज : राज्य मुख्यालय पटना के पत्र के आलोक मे किशनगंज जिले से आठ सदस्यीय स्काउट एवं गाइड की टीम को जिला सचिव अबू रेहान ने हरि झंडी दिखाकर पांच दिवसीय योगा फेस्ट शिविर नालंदा मे भाग लेने हेतु रवाना किया.

जानकारी देते हुए जिला सचिव अबू रेहान ने बताया की उक्त शिविर दिनांक 19/06/23से 23/06/23 तक नालंदा मे आयोजित की गई है. जहाँ इस शिविर मे कई राज्य के प्रतिभागी के सम्मलित होने की संभावना है.

इस टीम मे टीम लीडर के रूप मे जिला संगठन आयुक्त किशनगंज सुशील कुमार गुप्ता, जिला स्काउट प्रदीप कुमार साह, देवाशीष चटर्जी, मनीष रंजन, अभिजीत कुमार, अभिषेक कुमार, सूरज कुमार, जिला गाइड सीमा कुमारी मौजूद रहे. 

किशनगंज से शबनम खान की रिपोर्ट

12 वी वाहिनी एसएसबी किशनगंज के प्रांगण में मनाया गया विश्व रक्त दान दिवस, बल के सदस्यों ने बढ़-चढकर लिया हिस्सा

किशनगंज : आज 14 जून को 12 वी वाहिनी सशस्त्र सीमा बल किशनगंज के प्रांगण में विश्व रक्त दान दिवस मनाया गया जिसमें बल के सदस्यों ने बढ चढ कर हिसा लिया और वाहिनी के 40 बल सदस्यों ने रक्त दान किया।  

इस रक्त दान महोत्सव में 12 वीं वाहिनी के अधिकारी श्री काईखो अतिखो, कार्यवाहक कमांडेंट, डॉक्टर आर आर अंसारी, कमांडेंट चिकित्सा , श्री पदम सिंह मीना सहायक कमांडेंट संचार, श्री सतपाल शर्मा, सहयक कमांडेंटऔर अन्य बलकर्मी शामिल रहे।  

साथ में सदर हॉस्पिटल किशनगंज से डॉक्टर सुरेश प्रसाद एसी एम ओ और डॉक्टर मंजर आलम और उनकी टीम तथा रेडक्रॉस संस्था से श्री मिकी शाह और उनकी टीम इस रक्त दान अमृत महोत्सव कार्यक्रम में उपस्थित रहे। 

किशनगंज से शबनम खान की रिपोर्ट

12 वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल के द्वारा साईकिल रैली का किया गया आयोजन, रैली का यह रहा मुख्य उद्देश्य

किशनगंज : आज 2 जून को श्री बरजीत सिंह कमांडेंट 12 वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल किशनगंज के निर्देशन में चलाए जा रहे विश्व पर्यावरण दिवस के विषय वस्तु मास मोबिलाइजेशन और मिशन लाइव के तहत साईकिल रैली का आयोजन किया गया।  

इस साइकिल रैली की अगुवाई श्री काईखो अथिको द्वितीय कमान अधिकारी द्वारा की गई और साथ मे श्री पदम सिंह मीणा सहायक कमांडेंट (संचार), श्री सतपाल शर्मा सहायक कमांडेंट एवं बहादुर जवानों द्वारा भाग लिया गया।

इस साइकिल रैली का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण को शुद्ध रखना ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाना साफ-सफाई और प्रदूषण न करने के लिए जागरूक करना रहा। यह साइकिल रैली लगभग 5 किलोमीटर तक चलाई गई और पर्यावरण बचाने का संदेश लोगों तक पहुंचाया और लोगों को जागरूक किया गया।          

किशनगंज से शबनम खान की रिपोर्ट

प्रभारी डीएम ने किया समर कैंप का उद्घाटन, वर्ग 6 और 7 के 20000से अधिक बच्चे होंगे लाभान्वित

किशनगंज : शिक्षा विभाग के निदेशानुसार जिलांतर्गत 1 जून से 30 जून तक मध्य विद्यालय में लगने वाले समर कैंप का उद्घाटन उत्क्रमित उच्च विद्यालय गांछपाड़ा से डीडीसी - सह - प्रभारी डीएम स्पर्श गुप्ता ने किया। 

बच्चो से किया वार्ता,शिक्षण कार्यों पर दी जानकारी

  

समर कैंप का आयोजन वर्ग 6 और 7 के विद्यार्थियों के लिए आयोजित हो रहा है। सभी प्रखंड में कैंप लगाया गया है। 2000 केंद्र पर 20756 बच्चे लाभान्वित होंगे।1336 स्वयंसेवक ने अबतक निबंधन करवाया है। 

इस कैम्प में कोविड कल में प्राथमिक विद्यालय के बच्चो के पढ़ाई में हुए नुकसान की भरपाई करने का प्रयास किया जाएगा। 2000 स्वयंसेवक विद्यालय में जाकर बच्चो को ज्ञान देंगे।

प्रभारी डीएम स्पर्श गुप्ता ने अपील करते हुए कहा कि जिलेवासी भी अवश्य जुड़े समर कैंप से। आपके गांव के बच्चो को आपकी जरूरत है। समर कैंप कोविड के कारण हुए नुकसान की भरपाई का प्रयास है। 

प्रभारी डीएम स्पर्श गुप्ता ने बच्चो को शिक्षा ग्रहण करने के अतिरिक्त अन्य विधाओं / कला में भी भागीदारी का सुझाव दिया। 

उन्होंने कहा कि जो बच्चे पढ़ाई में कमजोर होते है,उन्हे अतिरिक्त कक्षा में आकर शिक्षा ग्रहण करना चाहिए।वर्ग 6 और 7 के बच्चो को उन्होंने विस्तृत जानकारी देते हुए कई टिप्स दिए। 

प्रभारी डीएम के साथ डीपीओ,सर्व शिक्षा अभियान सूरज झा व अन्य पदाधिकारी, शिक्षक उपस्थित रहे। 

किशनगंज से शबनम खान की रिपोर्ट

विश्व तंबाकू निषेध दिवस- आर्थिक, शारीरिक एवं मानसिक परेशानियों को आमंत्रित करता है तम्बाकू सेवन – सिविल सर्जन

 

  किशनगंज , 31 मई । तंबाकू के सेवन से मानव समाज को व्यापक नुकसान पहुंच रहा है। इसकी वजह से हर साल देश में लाखों लोग गंभीर जानलेवा बीमारियों की चपेट में पड़ कर अपनी जान गंवा रहे हैं। तंबाकू के सेवन से होने वाले नुकसान व शरीर पर पड़ने वाले इसके नकारात्मक प्रभावों के प्रति आम लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से आज जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में विश्व तम्बाकू निषेध दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम चलाया गया। साथ ही सभी कर्मियों को तम्बाकू सेवन नहीं करने की शपथ भी दिलाई गयी |

इसी क्रम में जिले के सदर अस्पताल में जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी सह जिला गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ देवेन्द्र कुमार ने सभी कर्मियों को तम्बाकू सेवन नहीं करने की शपथ दिलाई | सभी स्वास्थ्य संस्थानों में भी सभी कर्मियों को तम्बाकू सेवन नहीं करने की शपथ दिलाई गयी |उक्त कार्यक्रम में सदर अस्पताल उपाधीक्षक डॉ उर्मिला कुमारी , यूनिसेफ के एसएमसी एजाज अफज, आईडीएसपी की रीना प्रवीन , सहित सभी स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित हुए |

किसी भी रूप में तंबाकू का सेवन स्वास्थ्य के लिये नुकसानदेह ;

सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने बताया कि तंबाकू का सेवन मुंह व फेफड़ों के कैंसर का सबसे बड़ा कारण है। हाल के दिनों में खास कर युवाओं में तंबाकू उत्पाद के सेवन की लत बढ़ी है। वहीं वर्ष 2019-20 में जारी एनएफएचएस-5 के आंकड़ों के मुताबिक बड़ी संख्या में जिले की महिलाएं भी विभिन्न तंबाकू उत्पाद का सेवन करती हैं। रिपोर्ट के मुताबिक 15 साल से अधिक उम्र की 12.8 फीसदी महिलाएं किसी न किसी रूप में तंबाकू का सेवन कर रही हैं। सिविल सर्जन ने बताया कि कि किसी भी रूप में तंबाकू का सेवन मानव स्वास्थ्य के लिये हानिकारक है। आर्थिक, शारीरिक एवं मानसिक परेशानियों को आमंत्रित करता है तम्बाकू सेवन। इसकी वजह से गंभीर बीमारियों की चपेट में पड़ कर हर साल सैकड़ों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ती है |

सामाजिक स्तर से जागरूकता काफी जरूरी-

जिला गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ देवेन्द्र कुमार ने बताया सरकार द्वारा तम्बाकू सेवन रोकने के प्रति कई प्रकार के कार्यक्रम चलाये जाते हैं। इनका काफी प्रचार प्रसार भी किया जाता है। लेकिन जब तक सामाजिक स्तर से इसके प्रति जागरूकता नहीं आती तब तक इसपर रोक नहीं लगायी जा सकती है। तम्बाकू सेवन करने वाले लोगों को जागरूक करते हुए उन्हें तम्बाकू सेवन से रोकना चाहिए। समाज में नये तम्बाकू सेवक न बनने पाये इसके लिए सामाजिक स्तर से प्रसाय किये जाने चाहिए। प्रभावकारी तौर पर सामाजिक स्तर से किये गये प्रयासों से ही तम्बाकू सेवन पर रोक लगायी जा सकती है। इसके लिए समाज के लोगों को आगे आना होगा।

युवाओं में बढ़ते तम्बाकू सेवन को रोकने के लिए खासकर उनके अभिभावकों को प्रखर तौर पर अपनी भागीदारी सुनिश्चित करनी पड़ेगी। साथ ही जिले में 31 मई से 31 जुलाई तक विभिन्न हेल्थ वेलनेस सेंटर पर योग सत्र का आयोजन किया जायेगा। इस दौरान शिविर में भाग लेने वाले प्रतिभागियों को तंबाकू सेवन से दूर रहने के लिये प्रेरित किया जायेगा। स्कूली बच्चे, एएनएम व स्वास्थ्य कर्मियों की सामूहिक भागीदारी के साथ जागरूकता रैली निकाली जायेगी। स्कूलों में पेंटिंग, वाद-विवाद सहित अन्य प्रतिस्पर्द्धा आयोजित कर बच्चों को तंबाकू सेवन से दूरी बनाने के लिये प्रेरित किया जायेगा।

तंबाकू के सेवन से बीमारियों का खतरा-

सदर अस्पताल उपाधीक्षक डॉ उर्मिला कुमारी ने बताया कि  तंबाकू के सेवन से कई गंभीर और जानलेवा बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। फेफड़ों में कैंसर, लिवर कैंसर, मुंह का कैंसर, कोलन कैंसर और गर्भाशय का कैंसर होने का जोखिम रहता है। इसके अलावा हृदय रोग और इरेक्टाइल डिस्फंक्शन जैसी बीमारियां भी हो सकती हैं।

• बिहार में 25.9% लोग किसी न किसी प्रकार के तम्बाकू उत्पाद का इस्तेमाल करते हैं, जिसमें 20.8 प्रतिशत लोग स्मोकलेस तम्बाकू का इस्तेमाल करते हैं (जैसे खैनी, गुटखा एवं पान मसाला)

• बिहार में 15 से 17 साल की आयु के बीच 24% लोग तम्बाकू इस्तेमाल शुरू कर देते हैं।

उच्च रक्तचाप दिवस पर हाईपरटेंशन के मरीजों को दी गई सलाह, नियमित रूप से करें यह काम

किशनगंज : हर साल 17 मई को उच्च रक्तचाप दिवस मनाया जाता है। अंग्रेजी में इसे हाईपरटेंशन भी कहते हैं। उच्च रक्तचाप दिवस मनाने का उद्देश्य इसके प्रति लोगों को जागरूक करना है। 

इस साल के लिए विश्व उच्च रक्तचाप दिवस की थीम "अपने रक्तचाप को सटीक रूप से मापें, इसे नियंत्रित करें, लंबे समय तक जीवित रहें" है। लोगों में उच्च रक्तचाप के बारे में कम जागरूकता इसे और खतरनाक बनाती है। अघिक से अधिक लोगों को इस बीमारी के बारे में जानकारी मिल सके, ताकि वह इसकी चपेट में आने से बच सकें । समय रहते इस पर नियंत्रण पा लें।  

सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने बताया कि इस बार की थीम बिल्कुल ही सटीक है। उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए इसे नियमित तौर मापना बहुत ही जरूरी है। साथ ही उसके अनुकूल व्यवहार भी करना चाहिए। इसी क्रम में जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में उच्च रक्तचाप की जांच एवं जागरूकता अभियान चलाया गया | विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार देश की करीब 32% से अधिक की आबादी उच्च रक्तचाप से पीड़ित है। जिसमें 25% शहरी आबादी और 10% ग्रामीण आबादी हाइपरटेंशन से ग्रसित है। 

चिकित्सीय परामर्श के अनुसार 130/80 mmHg से ज्यादा रक्त का दबाव हाइपरटेंशन या हाई ब्लड प्रेशर की श्रेणी में आता है।

आखिर क्या है हाइपरटेंशन

हाइपरटेंशन (Hypertension) ब्लड प्रेशर से जुड़ी एक ऐसी बीमारी है, जिसमें रक्तचाप तय मानक से ज्यादा हो जाता है। 

दरअसल, धमनियों के जरिए खून को दौड़ने के लिए प्रेशर की एक निश्चित मात्रा की जरूरत होती है। कई बार खून का बहाव सामान्य से ज्यादा हो जाता है तो यह धमनी की दीवार पर ज्यादा दबाव डालता है। इसे ही हाइपरटेंशन कहते हैं। 

क्या है हाइपरटेंशन के कारण 

जिला संचारी रोग पदाधिकारी डॉ देवेन्द्र कुमार ने बताया कि यह दो प्रकार का होता है। पहला एशेनशिएल हाइपरटेंशन जो मूलतः आनुवांशिक, अधिक उम्र होने पर, अत्यधिक नमक का सेवन तथा लचर एवं लापरवाह जीवनशैली के कारण होता है। दूसरा सेकेंडरी हाइपरटेंशन, जब उच्च रक्तचाप का सीधा कारण चिह्नित हो जाये तो उस स्थिति को सेकेंडरी हाइपरटेंशन कहते हैं। यह गुर्दा रोग के मरीजों तथा गर्भ निरोधक गोलियों का सेवन करने वाली महिलाओं में अधिक देखा जाता है। तनावग्रस्त जीवनशैली हाइपरटेंशन के प्रमुख कारणों में से एक है। इसके अलावा धूम्रपान करना, मोटापा, अत्यधिक शराब का सेवन, अच्छी नींद का ना लेना, चिंता, अवसाद, भोजन में नमक का अधिक प्रयोग, गंभीर गुर्दा रोग, परिवार में उच्च रक्तचाप का इतिहास एवं थायराइड की समस्या, हाइपरटेंशन का कारण हो सकता है।

बेलगाम जीवनशैली पर लगाएं लगाम

सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने बताया कि उच्च रक्तचाप का सबसे प्रमुख कारण बेलगाम जीवनशैली है। खाने से लेकर सोने और उठने तक का समय निर्धारित नहीं रहना और फास्ट फूड का अधिक सेवन करना प्रमुख कारण है। लोगों को घर का खाना खाने पर जोर देना चाहिए। बाहर के खाने से परहेज करना चाहिए। साथ ही रूटीन बनाकर एक निर्धारित समय पर सोने का प्रयास करें और उठने का भी समय निश्चित कर लें। खाने में तेल-मसाले का अधिक इस्तेमाल नहीं करें। साथ ही हरी और पत्तेदार सब्जियों और फलों का अधिक से अधिक सेवन करें। सभी लोगों को अपनी जीवनशैली में इसे अपनाना चाहिए। जो चपेट में आ गए हैं, उन्हें तो बचाएगा ही। साथ में जो लोग अभी तक बचे हुए हैं, वह भी इस बीमारी की चपेट में आने से बचे रहेंगे।

प्रतिदिन 45 मिनट तक टहलें जरूर

सदर अस्पताल उपाधीक्षक डॉ उर्मिला कुमारी ने बताया कि आधुनिक जीवनशैली में सबसे बड़ी कमी यही है कि लोगों पर काम का अत्यधिक दबाव है। इस वजह से लोग स्वास्थ्य पर जरूरी समय नहीं दे पाते हैं। उच्च रक्तचाप होने की यह भी एक वजह है। आधुनिक जीवनशैली में एक तो समय का अभाव औऱ ऊपर से भोजन भी अधिकतर बाहरी ही हो पाता है। उससे मिलने वाले कैलोरी को बर्न करने का भी समय नहीं रह पाता है। ऐसा भूल से भी नहीं करें। काम कितना भी अधिक हो, लेकिन अपने शरीर के लिए प्रतिदिन 45 मिनट जरूर निकाल लें। सुबह अगर समय हो सुबह में ही, लेकिन अगर सुबह में समय नहीं मिलता है तो शाम में अवश्य 45 मिनट तक तेज कदमों से टहलें। यह सबसे ज्यादा जरूरी है।             

किशनगंज से शबनम खान की रिपोर्ट

किशनगंज: अप्रैल माह में कुल 20309 लोगो का किया गया एनसीडी स्क्रीनिंग

किशनगंज: जिले में स्वास्थ्य विभाग मरीजों को गुणवत्तापूर्ण तथा सुलभ स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए निरंतर प्रयासरत है। स्वाथ्य विभाग के समस्त अधिकारी एवं कर्मचारियों के साथ हीं नर्स, पारा मेडिकल स्टाफ, आशा, आदि स्वास्थ्य सुविधा बेहतर बनाने के लिए निरंतर कार्य कर रहे हैं। जिला के सभागार में बुधवार को जिलाधिकारी श्रीकांत शास्त्री की अध्यक्षता में स्वास्थ्य विभाग की समीक्षात्मक बैठक आयोजित की गई। मासिक बैठक में सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने बताया कि प्रखंडवार मातृत्व स्वस्थ्य, शिशु स्वास्थ्य परिवार कल्याण, किशोर-किशोरी कार्यक्रम, वेक्टर जनित रोग, टीबी नियत्रंण, अंधापन, गैर संचारी रोग, एएनसी जांच, टीकाकरण, संस्थागत प्रसव,अस्पताल में प्रसव से जुड़ी सेवाओं को सुदृढ़ करने का प्रयास किया जा रहा है।  

जिला सभागार में जिलाधिकारी श्रीकांत शास्त्री की अध्यक्षता में स्वास्थ्य योजनाओं की सफलता की रणनीति ड्यू लिस्ट पर चर्चा, परिवार नियोजन पखवाड़ा से जुड़ी उपलब्धियों की समीक्षा, अनमोल एप के सफल क्रियान्वयन के साथ चिकित्सा इकाइयों में साफ-सफाई के बेहतर प्रबंधन की गहन समीक्षा की गयी। स्वास्थ्य संबंधी मामलों की अद्यतन स्थिति की समीक्षा करते हुए कहा कि मैटरनल हेल्थ, चाइल्ड हेल्थ, इंफ्रास्ट्रक्चर, इम्युनाइजेशन, टीबी ट्रीटमेन्ट व एफआरयू से जुड़ी सेवाओं में निर्धारित मानकों में महामारी के दौर में जिले का प्रदर्शन बेहतर रहा है। उन्होंने कहा सभी मरीजों को स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करने के लिए अस्पताल में साफ- सफाई, लाइट एवं शुद्ध भोजन की व्यवस्था करना सर्वोपरि है। इस कार्य में कोताही बर्दास्त नहीं की जाएगी। कार्य में असंतोष पाए जाने पर आउटसोर्सिंग एजेंसी पर कार्यवाही करना सुनिश्चित करें। बैठक में सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर , जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ देवेन्द्र कुमार ,एसीएम्ओ डॉ सुरेश प्रशाद , सदर अस्पताल उपाधीक्षक डॉ उर्मिला कुमारी .डीपीएम् डॉ मुनाजिम , डीपीसी विश्वजीत कुमार ,एस एम सी एजाज एहमद,सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, ,प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंन्धक सहित अन्य मौजूद थे। 

सभी स्वास्थ्य केन्द्रों में बिजली , पानी , सौचालय की व्यवस्था करने का निर्देश दिया है 

जिलाधिकरी ने लगातार क्षेत्र भ्रमण के दौरान विभिन्न अस्पतालों के संचालन से जुड़ी खामियों को इंगित करते हुए सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को इसमें सुधार को लेकर कड़े निर्देश दिये । उन्होंने कहा कि सदर अस्पताल सहित अन्य अस्पतालों में निर्धारित रोस्टर का अनुपालन सख्तीपूर्वक सुनिश्चित करायी जाये।उन्होंने सभी स्वास्थ्य केन्द्रों में बिजली , पानी , सौचालय की व्यवस्था करने का निर्देश दिया है साथ ही वेलनेस सेंटर पर ओपीडी सेवाओं को ज्यादा कारगर व प्रभावी बनाया जाए । 

आरोग्य दिवस पर गर्भवती महिलाएं एवं धातृ माताओं को सभी सविधा उपलब्ध कराएं-

जिलाधिकारी श्रीकांत शास्त्री ने समीक्षा बैठक में सभी स्वास्थ्य अधिकारियो को निर्देश दिया कि प्रथम एवं द्वितीय वर्ष के बच्चों के शत प्रतिशत टीकाकरण के लिए सभी स्वास्थ्य संस्थाओं के चिकित्सा पदाधिकारियों, एएनएम, आशा, आंगनबाड़ी सेविकाओं को टीकाकरण के बाद उसका फॉलोअप निरंतर रूप से करना सुनिश्चित करें। जिसके लिए आरोग्य दिवस के दिन गर्भवती महिलाएं एवं धातृ माताओं के अलावा अभिभावकों को परिवार नियोजन से संबंधित जानकारी देने की आवश्यकता है। सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में ओपीडी एवं आईपीडी की सभी तरह की सुविधाएं मिल रही हैं।

अप्रैल माह में कुल 20309 लोगो का एनसीडी स्क्रीनिंग किया गया 

 बैठक के दौरान सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने बताया कि एनसीडी के माध्यम से विभिन्न प्रकार की बीमारियों की जांच अनिवार्य रूप से करानी होगी। ताकि ग़ैर संचारी रोगों की समय से पहले जानकारी मिल सके।

 उसका इलाज समय रहते किया जा सके। संचारी रोग से संबंधित टीबी जैसी बीमारियों से बचाव को लेकर अधिक से अधिक जागरूकता अभियान चलाने की आवश्यकता है। ज़िले में जब ख़त्म किया जा सकता है।अप्रैल माह में कुल 20309 लोगो का एनसीडी स्क्रीनिंग किया गया | माह अप्रैल में जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में कुल 96 हजार मरीजो का ओपिडी में किया गया इलाज।

 समीक्षात्मक बैठक में बताया गया की माह अप्रैल में जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में कुल 96 हजार मरीजो का ओपिडी में इलाज किया गया वही कुल 1429 लोगो का मुफ्त एक्सरे सदर अस्पताल में किया गया है , वही प्रसव पूर्व 04 जांच कुल 4080 महिलाओ का किया गया है . वही 2118 महिलाओ का संस्थागत प्रसव करवाया गया है जिसमे 15 सिजेरियन प्रसव शामिल है | वही 208 महिलाओ का बंध्याकरण भी किया गया है ।

 किशनगंज से शबनम खान की रिपोर्ट

सांसद डॉ जावेद आजाद की अध्यक्षता में दिशा की बैठक संपन्न, सांसद ने सभी महत्वपूर्ण योजनाओं में जनभागीदारी सुनिश्चित करने का दिया निर्देश*


किशनगंज : डॉ मो0 जावेद आजाद, माननीय सांसद-सह-अध्यक्ष, जिला विकास समन्वय समिति (दिशा) ने बैठक में सभी महत्वपूर्ण योजनाओं में जनभागीदारी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। जिला परिषद, किशनगंज, सभाकक्ष में जिला विकास समन्वय समिति (दिशा) की बैठक में अध्यक्षीय संबोधन कर रहे थे। माननीय सांसद ने कहा कि दिशा विकास योजनाओं के कार्यान्वयन की एक महत्वपूर्ण माध्यम है। तंत्र को जनोपयोगी एवं प्रभावी बनाने में इस बैठक की अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका है। इससे प्रशासन व जन प्रतिनिधियों में समन्वय स्थापित करने में सहायता प्राप्त होती है एवं विकास की प्रक्रिया को अपेक्षित गति मिलती है। उन्होंने कहा कि आपसी समन्वय विकास में उत्प्रेरक की भूमिका निभाता है। हम सबको मिलजुलकर समस्याओं का निदान करना चाहिए। 

  

इस अवसर पर सदस्य-सचिव, जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति-सह-जिला पदाधिकारी, किशनगंज, श्रीकांत शास्त्री ने माननीय सांसद-सह-अध्यक्ष, दिशा एवं अन्य उपस्थित माननीय जनप्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए कहा कि माननीय सांसद-सह-अध्यक्ष, दिशा के मार्गदर्शन से हमसब में एक नई ऊर्जा एवं उत्साह का संचार होता है। इससे जिले के विकास को नया आयाम मिलता है। 

उन्होंने सभी माननीय जनप्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए कहा कि दिशा की बैठक नियमित रूप से तीन माह में होती है,जो केंद्र प्रायोजित योजनाओं की समीक्षा का बेहतर मंच है। उन्होंने कहा कि जिले के विकास में सभी माननीय जनप्रतिनिधियों का सहयोग अपेक्षित है। हमसभी समाज के हर व्यक्ति के सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं। समेकित प्रयास से सुगमता से लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि बैठक में उठाए जाने वाले मुद्दों का अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा। साथ ही, जनप्रतिनिधियों के लोककल्याणकारी सुझाव को आत्मसात करते हुए उसे क्रियान्वित किया जाएगा।

बैठक में स्थानीय विभिन्न मुद्दों पर विमर्श हुआ। माननीय सांसद डॉ जावेद ने पोठिया पंचायत अंतर्गत जहांगीरपुर में बने पुल की ऊंचाई अधिक होने तथा अप्रोच की ढाल अधिक होने के कारण दुर्घटना की ज्यादा संभावना होने का मुद्दा लाया। तदनुसार प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना अंतर्गत ग्रामीण कार्य प्रमंडल 2 के कार्यपालक अभियंता को इसकी स्थिति रोकने एवं इस पर ध्यान देने का निदेश दिया है l माननीय ने किशनगंज के विभिन्न प्रखंड की सड़क की समस्या से अवगत कराते हुए कहा कि दिघलबैंक, करुआमनी, बहादुरगंज, महादेवदिग्गी सड़क काफी जर्जर हो गई है, रिपेयरिंग करना अति आवश्यक है। झांसी रानी चौक से कॉलेज मोड़ जाने वाली सड़क पर ज्यादा भीड़ रहती है। इस पर भी दिशा- निर्देश दिया गया। सिंचाई से संबंधित कार्य के लिए उत्पन्न समस्याओं को ठीक कराने एवं पंप की आधुनिक सुविधाओं को जल्द से जल्द ठीक कराने का भी निर्देश दिया गया। 

  

अटल मिशन फॉर रिजर्वेशन एंड अर्बन ट्रांसफॉरमेशन (अमृत ) के जल मीनार से पानी की आपूर्ति नहीं होने का मामला प्रकाश में लाया गया है। पेयजल में आयरन एवं स्वस्थ पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया गया। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अन्य सांसद द्वारा टेढ़ागाछ प्रखंड अंतर्गत वेणुगढ़ में स्वास्थ्य विभाग का भवन बेहतर होने, लेकिन वहां स्वास्थ्य कर्मियों के अपेक्षित संख्या में पदस्थापन नहीं होने के संबंध में सदन को अवगत कराया गया।तदनुसार असैनिक शल्य चिकित्सा सम्मुख चिकित्सा पदाधिकारी किशनगंज को इस पर आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया। 

  

शिक्षा विभाग के कार्यों की समीक्षा अंतर्गत माननीय सांसद के द्वारा सभी प्रखंडों में शिक्षक की कमी पर उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया। साथ ही, किशनगंज जिला अंतर्गत हाई स्कूल बढ़ाने का निर्देश दिया गया। जीविका से संबंधित कार्यों पर ट्रेनिंग देने का निर्देश दिया गया।   

  

खनन से संबंधित समीक्षा के क्रम में ओवरलोडिंग सभी गाड़ी पर रोक लगाने तथा इसमें सड़क एवं पुल का क्षतिग्रस्त होने के कारण यहां की सड़क काफी दयनीय होने का मामला उठाया गया।     

 

बता दें कि जिला विकास समन्वय और निगरानी समिति (दिशा) की बैठक में सांसद ने केंद्र प्रायोजित योजनाओं, स्थानीय क्षेत्र विकास योजना, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना(पीएमजीएसवाई), राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन(एनएचएम), समेकित बाल विकास योजना(आईसीडीएस), सर्व शिक्षा अभियान(एसएसए), पीएम पोषण योजना, राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम(एनएसएपी), दीन दयाल अंत्योदय योजना(एनआरएलएम), दीन दयाल उपाध्याय-ग्रामीण कौशल योजना(डीडीयू-जीकेवाई), प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम(पीएमईजीपी), जल-जीवन मिशन, स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण(एसबीएम-जी), प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना(पीएमएवाय-जी), महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना(मनरेगा), श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूर्बन मिशन-राष्ट्रीय रूर्बन मिशन(एनआरयूएएक), राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा का क्रियान्वयन, प्रधानमंत्री उज्जवला योजना (पीएमयूवाय)-बी.पी.एल. परिवारों के लिए एलपीजी कनेक्शन, स्वच्छ भारत मिशन-शहरी(एसबीएम), स्मार्ट सिटी मिशन, सुगम्य भारत अभियान, दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना(डीडीयू-जीजेवाय), प्रधानमंत्री आवास योजना; सभी के लिये मकान-शहरी, डिजिटल भारत भू-अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम(एनएलआरएमपी), राष्ट्रीय विरासत शहर विकास और वृद्धि योजना(एचआरआईडीएवाई), डिजिटल इंडिया-पब्लिक इंटरनेट एक्सेस प्रोग्राम-प्रत्येक ग्राम पंचायत में साझा सेवा केन्द्र उपलब्ध कराना, टेलीकॉम, रेलवेज, हाइवेज, वाटरवेज, माइन्स आदि जैसे अवसंरचना संबंधी कार्यक्रम, प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना(पीएमकेकेवाई), एकीकृत विद्युत विकास योजना(आईपीडीएस), परंपरागत कृषि विकास योजना(पीकेवीवाई), मृदा स्वास्थ्य कार्ड(एसएचसी), पी.एम.के.एस.वाई(एचकेकेपी) योजनाओं की समीक्षा की गई। 

  

माननीय सदस्यों को सभी योजनाओं पर विस्तृत जानकारी पावरप्वाइंट प्रस्तुति द्वारा दिया। अध्यक्ष द्वारा योजनाओं में अद्यतन प्रगति का अवलोकन किया गया। माननीय सदस्यों ने योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु अपना विचार व्यक्त किया। 

सचिव - सह - जिलाधिकारी, श्रीकांत शास्त्री ने कहा कि माननीय सदस्यों के सुझावों पर तत्काल कार्रवाई प्रारंभ की जाएगी। कार्यक्रमों एवं योजनाओं का पारदर्शिता, संवेदनशीलता एवं उत्तरदायित्व के साथ क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाएगा। 

किशनगंज से शबनम खान की रिपोर्ट

आरोग्य दिवस पर विशेष अभियान के तहत संचालित हुई टेलीकंस्लटेशन सेवा, 82 हजार से अधिक लोगों ने ई-टेलीमेडिसिन का उठाया लाभ

किशनगंज : जिले के सभी प्रखंडों के आंगनबाड़ी केंद्रों पर बुधवार को ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण दिवस (वीएचएसएनडी) सत्र का आयोजन किया गया। इस दौरान गर्भवती व धात्री महिलाओं, किशोरियों एवं बच्चों को स्वास्थ्य एवं पोषण सुविधाओं के साथ परामर्श एवं गर्भवती की हीमोग्लोबिन , बीपी , वजन आदि की जांच की गयी। 

सत्र में मौजूद गर्भवती, धात्री, किशोरी एवं बच्चों की माताओं को उम्र के अनुसार पोषक तत्वों की आवश्यकता, आहार को सन्तुलित बनाने, उपलब्ध खाद्य सामग्री को मात्रा के हिसाब से सेवन करने, सही तरीके से स्तनपान, स्वस्थ पोषण व्यवहार, गांव- घर में उपलब्ध संसाधनों में से पौष्टिक आहार तैयार करने, पोषण वाटिका का महत्व इत्यादि के संबंध में विस्तार से बताया गया। साथ ही राज्य सरकार के सात निश्चय-2 कार्यक्रम के तहत सुदूरवर्ती ग्रामीण इलाकों में टेलीमेडिसिन सेवाओं को ज्यादा प्रभावी बनाने व इसका लाभ अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने के उद्देश्य से हर महीने के पहले व तीसरे बुधवार को टेलीकंस्लटेशन से संबंधित विशेष अभियान संचालित करने का निर्देश राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह ने पत्र जारी कर दिया है। 

गुणवत्तापूर्ण सेवाओं की आम लोगों तक पहुंच आसान होती है

प्रभारी सिविल सर्जन डॉ मंजर आलम ने बताया कि ई-संजीवनी एक वेब आधारित व्यापक टेलीमिडिसिन सेवा है। यह ग्रामीण क्षेत्र के वंचित समुदायों तक स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित कराता है। उपलब्ध चिकित्सकीय सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार, बुनियादी ढांचे व मानव संसाधन की कमी की समस्या से निपटने में ये अचूक रूप से लाभकारी है। टेली मेडिसिन में चिकित्सा विशेषज्ञ वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिये ग्रामीण क्षेत्रों में अपनी सेवाएं प्रदान करते हैं। 

ई संजीवनी सेवाएं लोगों के लिये बेहद उपयोगी हैं

जिला योजना समन्वयक विश्वजीत कुमार ने बताया कि एप के इस्तेमाल से मरीज इलाज के लिये अस्पताल आने की झंझट से मुक्त रहते हैं। लोग घर बैठे विशेषज्ञ चिकित्सकों से अपने रोग के संबंध में जरूरी परामर्श ले सकते हैं। इससे आम लोगों को भीड़-भाड़ सहित अन्य वजहों से संक्रमण के खतरों का भी सामना नहीं करना पड़ता। अस्पताल आने-जाने की मजबूरी, लंबी कतार में खड़े रहने व चिकित्सक से समय लेने में होने वाली दिक्कतें स्वत: खत्म हो जाती है। जिले में फिलहाल 16 हब व 289 स्पोक्स स्थापित हैं। ज़िले में आरोग्य दिवस के दिन लगभग 500 के करीब मरीजों को सेवा का लाभ दिया गया है। इससे अनावश्यक ख़र्च नहीं होती व समय की भी बचत होती है । टेली मेडिसिन सेवाओं के जरिये मरीज वीडियो कांफ्रेसिंग से अपनी समस्या हब में बैठे चिकित्सकों के पास रख सकते हैं। चिकित्सकों से उन्हें उचित परामर्श व दवा के लिए सुझाव दिया जाता है। उसके साथ उन्हें नि:शुल्क दवा भी दी जाती है।

जिले में अब तक कुल 82 हजार से अधिक लोगों ने ई-टेलीमेडिसिन का उठाया लाभ  

सिविल सर्जन ने बताया कि वीएचएसएनडी सत्र के दौरान अब ग्रामीणों को ई-टेलीमेडिसिन की सेवा भी उपलब्ध कराई जा रही है। खासकर गर्मी के मौसम में सुदूर ग्रामीण इलाकों की लाभार्थियों के लिए ई-टेलीमेडिसिन काफी सुविधाजनक साबित हुआ । सदर प्रखंड समेत जिले में कई ऐसे क्षेत्र हैं, जहां से स्वास्थ्य केंद्रों की दूरी ज्यादा होने के साथ ही हर समय चिकित्सीय सलाह लेना मुश्किल लगता था। लेकिन अब तो घर बैठे फोन करके भी सलाह या दवा मिलनी शुरू हो चुकी है। ऐसे में टेलीमेडिसीन यहां के लोगों के लिए वास्तव में संजीवनी साबित हो रही है। लाभार्थी महिलाओं को अब चिकित्सीय परामर्श के लिए पीएचसी या सदर अस्पताल जाने की जरूरत नहीं पड़ रही है। अब वो ई-टेलीमेडिसिन के मध्यम से ऑनलाइन चिकित्सकों को अपनी बीमारी और परेशानियों से अवगत कराकर उचित परामर्श और इलाज ले रही हैं। उन्होंने बताया कि जिले में अबतक कुल 82 हजार से अधिक लोगों ने ई-टेलीमेडिसिन के माध्यम से स्वास्थ्य सुविधा का लाभ उठाया है|            

किशनगंज से शबनम खान की रिपोर्ट

न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट एवं अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रसित तीन बच्चों को इलाज के लिए भेजा गया एम्स, पटना, इलाज की पूरी प्रक्रिया में परिवार को नहीं होगा कोई भी खर्च

  

किशनगंज : जिले में स्वास्थ्य सुविधा बेहतर करने के लिए जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग लोगों के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दे रहा है| इसी क्रम में जिले के पोठिया प्रखंड के कालियागंज ग्राम की 07 वर्षीय बच्ची ख़ुशी कुमारी झा (विज़न इमापैर्मेंट) , नदिया गाछी के 06 वर्षीय अहमद राजा जो( लैंग्वेज डिले ) तथा चिचुआबारी ग्राम के 01 वर्षीय अयान राजा ( न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट) की गंभीर बीमारियों से ग्रसित के रूप में पहचान की गई  है । उक्त मामले की जानकारी मिलने पर सिविल सर्जन डॉ. कौशल किशोर के द्वारा तीनों बच्चे को जिला में कार्यरत राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के डिस्ट्रिक्ट अर्ली इन्वेंशन सेंटर (डीईआईसी) के माध्यम से सदर अस्पताल से एम्बुलेंस से एम्स पटना भेजा गया है। जहां इनका सफल इलाज होगा ।

इस बीमारी से ग्रसित बच्चों पर होता है यह प्रभाव

सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने बताया कि न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट दिमाग, स्पाइनल कॉर्ड और रीढ़ की हड्डी की जन्मजात विकृति है। यह तब दिखता है, जब दिमाग और रीढ़ की हड्डी में ऐसा विकार बन जाए कि यह पूर्ण रूप से बंद होने में विफल हो जाए। न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट गर्भावस्था के पहले 5 हफ्तों में ही हो जाता है। यह बहुत ही गंभीर जन्मजात रोग है।

परिवार को नहीं होगा कोई भी खर्च 

आरबीएसके जिला समन्वयक डॉ. डॉ. ब्रहमदेव शर्मा ने बताया कि पूरी जांच और ऑपरेशन की प्रक्रिया आरबीएसके टीम द्वारा ही की जाएगी । इस पूरी प्रक्रिया में परिजनों को किसी तरह का कोई भी खर्च नहीं करना पड़ेगा । ऑपरेशन के बाद भी बच्चे की फीडबैक के लिए टीम के द्वारा उनके घर जाकर नियमित जानकारी ली जाती है। आरबीएसके टीम बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए नियमित रूप से कार्यरत है। उनके मुताबिक पटना एम्स में आरबीएसके समन्वयक डॉ केशव किशोर की देखरेख में बच्चे का सफल इलाज करवाया जायेगा । सफल इलाज के बाद सभी प्रकार की जांच सही आने के बाद फिर एम्बुलेंस द्वारा बच्ची व उनके परिजन को घर तक पहुँचाया जायेगा । 

आरबीएसके के तहत 18 साल तक के बच्चों के गंभीर रोगों का इलाज किया जाता है

सिविल सर्जन डॉ. कौशल किशोर ने बताया कि इन बच्चों का राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत सफल इलाज किया जायेगा। इसके लिए जिले के राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की पूरी टीम धन्यवाद की पात्र है। जिन्होंने बच्ची के ह्रदय एवं अन्य इलाज के लिए स्क्रीनिंग का कार्य किया है। 18 साल तक के बच्चों को किसी प्रकार की गंभीर समस्या होने पर आईजीआईएमएस, एम्स, पीएमसीएच इलाज के लिए भेजा जाता है। टीम में शामिल एएनएम, बच्चों का वजन, उनकी लंबाई व सिर एवं पैर आदि की माप आदि करती हैं। फॉर्मासिस्ट ,रजिस्टर में स्क्रीनिंग किये गये बच्चों का ब्योरा तैयार करते हैं। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत 0 से 18 साल तक के सभी बच्चों को चार मुख्य समस्याओं पर केंद्रित किया जाता है। इनमें डिफेक्ट एट बर्थ, डिफिशिएंसी डिजिज, डेवलपमेंट डीले तथा डिसएबिलिटी आदि शामिल हैं। इससे जुड़ी सभी तरह की बीमारी या विकलांगता को चिह्नित कर इलाज किया जाता है। 

बाल हृदय योजना से जिले के 10 बच्चों को नया जीवनदान मिला है* 

आरबीएसके के जिला समन्वयक डॉ. ब्रहमदेव शर्मा ने बताया कोरोना काल में न्यूरल ट्यूबे डीफेक्ट के सफल इलाज के लिए भेजने में आरबीएसके टीम का बहुत बड़ा सहयोग रहा है। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत 30 रोगों के इलाज के लिए स्क्रीनिंग के लिए पूरी टीम जिले में मुस्तैदी से कार्यरत है|जिले में बाल हृदय योजना से 10 बच्चों को नया जीवनदान मिला है । इस योजना के तहत बच्चों को नि:शुल्क सर्जरी के साथ ही आवश्यक दवाएं भी उपलब्ध करायी जाएगी। 

किशनगंज से शबनम खान की रिपोर्ट