अतिपिछड़ों को जूते की नोक पर रखती है भाजपा, नहीं मिल रहा मोर्चा अध्यक्ष के लिए दावेदार : राजीव रंजन
डेस्क : भाजपा पर पलटवार लेते हुए जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने आज कहा है किमीडिया के सामने भाजपा के नेता भले ही खुद को अतिपिछड़े समाज का हितैषी बताने का दिखावा कर लें लेकिन हकीकत में यह आज भी अतिपिछड़ों से घृणा करते हैं और उन्हें आगे बढ़ते नहीं देखना चाहते. खुद को राजनीतिक सामंत समझने वाले भाजपा के यह लोग आज भी इस समाज को हेय दृष्टि से देखते हैं और उन्हें जूते की नोक पर रखना चाहते हैं. इनकी मंशा अभी भी अतिपिछड़े समाज को पहले के जमाने की तरह बंधुआ मजदूर बना कर रखने की है, इसीलिए यह अपने पार्टी के अतिपिछड़े नेताओं को गुलामों से अधिक तवज्जो नहीं देते.
जदयू प्रवक्ता ने कहा कि अतिपिछड़े समाज से घृणा करने की ही वजह से, इन्होने इतने वर्षों तक सत्ता में रहने के बाद भी इस समाज के नेताओं को कभी भी कोई महत्वपूर्ण मंत्रालय नहीं दिया. जिन्हें दिखावे के लिए मंत्रिपद दिया गया, उन्हें इन्होने ढंग से काम नहीं करने दिया. दरअसल भाजपा चाहती ही नहीं कि अतिपिछड़े समाज का नेतृत्व सशक्त हो.
उन्होंने कहा कि भाजपा में अतिपिछड़ा समाज के महापुरुषों की जयंती मनाने की अनुमति भी नहीं दी जाती. इनके लोग खुद बताते हैं किउन्हें कर्पूरी ठाकुर जैसी महान हस्ती की जयंती मनाने की भी मनाही है. उनके बजाए उन्हें दीनदयाल उपाध्याय और श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती पर मनाने पर ज़ोर दिया जाता है. भाजपा बताये कि किस मामले में कर्पूरी ठाकुर का योगदान इनसे कमतर है.
उन्होंने कहा कि भाजपा पर कुंडली मारे नेताओं से पीड़ित होकर ही इनके अतिपिछड़ा समाज के सबसे बड़े नेता और अतिपिछड़ा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष भी अपना त्यागपत्र देकर चले गये. उसके बाद आज तक यह पद खाली है. लोग बताते हैं कि अतिपिछड़ा समाज के भाजपाई अपने शीर्ष नेताओं की जमींदारी मनोवृत्ति से इतने आजिज आ गये हैं कि कोई भी इस पद को लेना नहीं चाहता. इसी कारण इनकी नयी टीम की भी घोषणा रुकी पड़ी है.
जदयू नेता ने कहा कि दरअसल अतिपिछड़ों की बड़ी तादाद देखते हुए भाजपा उन्हें झुनझुना पकड़ा कर अपने साथ रखना तो चाहती है लेकिन उन्हें वाजिब सम्मान देना उन्हें पसंद नहीं है. इनके निगाह में अतिपिछड़े समाज का महत्व सिर्फ वोट बैंक तक सीमित है. इन्हें अतिपिछड़े समाज का वोट तो चाहिए लेकिन उन्हें उनका अधिकार देना उन्हें सख्त नापसंद है.
नालंदा से राज
Jun 12 2023, 09:20