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बिहार के भागलपुर में अगुवानी घाट-सुल्तानगंज के बीच गंगा नदी पर बन रहे महासेतु के पिलर 10 के दो सेगमेंट में थी गड़बड़ी, डिजाइन में कमी से सेगमेंट 8 और 9 पर ज्यादा लोड बढ़ा और पुल गिर गया, पढ़िए, पूरी रिपोर्ट


बिहार के भागलपुर जिले में अगुवानी घाट-सुल्तानगंज के बीच गंगा नदी पर बन रहे महासेतु के पिलर (पी) 10 के दो सेगमेंट में गड़बड़ी आने से रविवार शाम करीब 6 बजे पुल ध्वस्त हो गया। ब्रिज इंजनीनियर के मुताबिक, डिजाइन में कमी होने की वजह से सेगमेंट 8 और 9 पर ज्यादा लोड बढ़ गया और वह धीरे-धीरे क्रश करने लगा। रविवार दोपहर 12 बजकर 43 मिनट पर लांचिंग इंजीनियर को सेगमेंट से कुछ आवाज आई। उन्होंने ऊपर और नीचे काम कर रहे कंपनी कर्मी और मजदूरों को तत्काल यहां से मूव करने के लिए कहा। 

ठीक 12 बजकर 50 मिनट पर सेगमेंट से एक छोटा सा टुकड़ा क्रेक कर नीचे की ओर गिरने लगा। टुकड़ा नीचे की ओर गिरता देख वहां पर अफरातफरी मच गई और सभी जान बचाकर भागने लगे। उस वक्त निर्माणाधीन पुल के आसपास 150 के करीब लोग थे। इनमें इंजीनियर, कंपनी कर्मी और मजदूर शामिल हैं। सेगमेंट से एक टुकड़ा गिरने के बाद ही पुल के लांचिंग इंजीनियर ने इसकी सूचना कंपनी के अन्य सीनियर इंजीनियर व अधिकारियों को दी। दोपहर में ही इस बात की संभावना प्रबल हो गई कि अब पुल का गिरना तय है। 

रविवार शाम ठीक 6 बजे तेज आवाज के साथ पुल का एक सेगमेंट गिरने के साथ ही अन्य हिस्सा भी भरभरा कर गंगा में समा गया। हालांकि, डिजाइन में कमी होने की आशंका के मद्देनजर ही मुख्य डिजाइनर को बुलाया गया था, लेकिन उनके पहुंचने से पहले ही पुल ध्वस्त होने की घटना की हो गई।

बिहार अभियंत्रण सेवा संघ (बेसा) ने दावा किया है कि भागलपुर जिले में पुल गिरने की घटना के पीछे डिजाइन में फॉल्ट है। महासचिव राकेश कुमार ने कहा कि संघ की ओर से एक तकनीकी समिति गठित की गई है, जो आने वाले दिनों में पूरी रिपोर्ट देगी। इसके बाद इस घटना के पीछे की एक-एक बिंदु पर रिपोर्ट सार्वजनिक की जाएगी। संघ की पुरानी मांग है कि तकनीकी विभागों में प्रमुख इंजीनियर ही हों। अगर ऐसा होता तो इस तरह की घटना नहीं होगी। संघ यह भी मांग करता है कि इस तरह के बन रहे सभी पुलों की तकनीकी ऑडिट हो ताकि इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति न हो।

ओडिसा रेल हादसे में बिहार के लोगों की मौत का आंकड़ा हुआ पचास, 19 लोगों का अब भी नहीं चल रहा कोई अता-पता

 

डेस्क : ओडिसा के बालासोर रेल हादसे में बिहार के यात्रियों की मौत का आंकड़ा पचास पहुंच गया है। बुधवार को आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से जारी बुलेटिन में यह जानकारी दी गई। वहीं बिहार के 19 यात्री अभी भी लापता है। 43 यात्रियों का इलाज ओडिशा के विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है।

लापता यात्रियों में मधुबनी के चार, दरभंगा, समस्तीपुर, पूर्वी चंपारण, मुजफ्फरपुर के दो-दो, सीतामढ़ी, बेगूसराय, पटना, गया, पूर्णिया, शेखपुरा और सीवान के एक-एक यात्री शामिल हैं। 

आपदा प्रबंधन विभाग का कहना है कि लापता यात्रियों की पहचान के लिए ओडिशा के बालासोर जिला प्रशासन से समन्वयक बना हुआ है। वहां अस्पतालों में रखे शवों का डीएनए सैंपल कराया गया है। इससे दावा करने वाले परिजनों के डीएनए सैंपल का मिलान किया जाएगा। बुधवार को एम्स भुवनेश्वर में मौजूद 12 परिजनों का डीएनए टेस्ट के लिए सैंपल लिया गया।

मिशन 2024 के तहत विपक्षी एका पर बैठक की तिथि का डिप्टी सीएम तेजस्वी और जदयू राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने किया एलान, 23 जून को पटना में होगी बैठक


डेस्क : विपक्षी एकता पर भाजपा विरोधी दलों की बैठक की नई तिथि का एलान हो गया है। 23 जून को पटना में बैठक होगी। बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने इस बात की जानकारी दी है। 

बीते बुधवार को डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के 5, देशरत्न मार्ग स्थित सरकारी आवास पर प्रेस-वार्ता का आयोजन कर जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने मीडिया को बताया कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी सहित ज्यादातर विपक्षी दलों के आला नेताओं ने सहमति दे दी है। उन्होंने कहा कि पहले यह बैठक 12 जून को होनी थी। इस तिथि को बैठक में भाग लेने में कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों और अन्य दलों के शीर्ष नेताओं को असुविधा हो रही थी। इसलिए तय हुआ है कि 23 जून को पटना में विपक्षी दलों की बैठक होगी।

ललन सिंह ने बताया कि कांग्रेस पार्टी से राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी ने भी सहमति दे दी है। इनके अलावा पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमत सोरेन, शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, भाकपा के राष्ट्रीय सचिव डी. राजा, माकपा के राष्ट्रीय सचिव सीताराम येचुरी और भाकपा माले के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने भी 23 जून की बैठक में शामिल होने पर हामी भरी है। 

वहीं सीट बंटवारे के सवाल पर ललन सिंह ने कहा कि अभी विपक्षी एकता की बात हो रही है। विपक्ष एक होकर वर्ष 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ेगा। देश में आज की तारीख में अघोषित आपातकाल लागू है। कोई अपनी जुबान से एक शब्द नहीं निकाल सकता है। जो सरकार के खिलाफ आवाज निकालता है, उसपर तोतों (सीबीआई, ईडी) की कार्रवाई शुरू हो जाती है। आज की आवश्यकता है कि भाजपामुक्त देश बने। देश में फिर से लोकतंत्र स्थापित हो। इस मकसद को हासिल करने में विपक्षी एकता पर 23 जून को होने वाली बैठक अहम भूमिका निभाएगी।

डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा कि देश के हालात को देखते हुए पटना में यह अहम बैठक होने जा रही है। यह अच्छी पहल है। विपक्षी एकजुटता सभी का प्रयास है। बिहार में महागठबंधन की जब सरकार बनी, तब मुख्यमंत्री नीतीशजी और राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद और सभी दलों की एक कोशिश थी कि ज्यादा से ज्यादा समान विचारधारा वाली पार्टियों को साथ जोड़ा जाए। सबको गोलबंद किया जाए। एक साथ बैठा जाए। इसके लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कई जगह खुद गए। मैं भी गया। कई नेताओं से मुलाकात हुई। अब सबलोग एक प्लेटफार्म पर आ रहे हैं। 12 जून को कई नेताओं को असुविधा हो रही थी। इसलिए यह राय बनी की सभी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष इसमें शामिल हों। बैठक के बाद सकारात्मक परिणाम सामने आएगा।

बिहार में आईपीएस अधिकारियों के बाद बड़े पैमाने पर आईएएस अधिकारियों का तबादला, सामान्य प्रशासन विभाग ने जारी की अधिसूचना

डेस्क : बिहार सरकार ने प्रशासनिक महकमे में बड़ा फेरबदल किया है। कुछ दिनों पहले जहां आईपीएस अधिकारियों का तबादला किया गया था। वहीं अब भारतीय प्रशासनिक सेवा के 16 वरिष्ठ अधिकारियों को इधर से उधर करते हुए नई जिम्मेदारी सौंपी गई है। सामान्य प्रशासन विभाग ने बुधवार को इन अधिकारियों के स्थानांतरण की अधिसूचना जारी की है। 

सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार प्रमुख विभागों- शिक्षा, गृह, उत्पाद एवं मद्य निषेध, कृषि, खान एवं भूतत्व के अपर मुख्य सचिव भी बदले गए हैं। उत्पाद एवं मद्य-निषेध विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक को शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई है। वहीं, चैतन्य प्रसाद की जगह डॉ. एस सिद्धार्थ गृह विभाग संभालेंगे। अरविंद कुमार चौधरी को वित्त विभाग का अपर मुख्य सचिव बनाया गया है।

संजय कुमार अग्रवाल को जल संसाधन विभाग से स्थानांतरित करते हुए कृषि विभाग का सचिव बनाया गया है। वे परिवहन सचिव और सामान्य प्रशासन विभाग में जांच आयुक्त के अतिरिक्त प्रभार में भी रहेंगे। इस आदेश के मद्देनजर, पंकज कुमार पाल को परिवहन सचिव के अतिरिक्ति प्रभार से मुक्त कर दिया गया है। सहकारिता सचिव वंदना प्रेयसी को पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग का सचिव बनाया गया है। वे एमडी, बिहार राज्य महिला एवं बाल विकास निगम व सामान्य प्रशासन विभाग में जांच आयुक्त की अतिरिक्त जिम्मेदारी भी संभालेंगी।

उधर, केके पाठक के स्थानांतरण के बाद विनोद सिंह गुंजियाल मद्य-निषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग के सचिव की जिम्मेदारी निभाते रहेंगे। वहीं, केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से लौटीं एन विजया लक्ष्मी को पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग का प्रधान सचिव बनाया गया है।

*राजधानी पटना समेत प्रदेश के 11 जिलों में आज भी रहेगी प्रचंड गर्मी, मौसम विभाग ने जारी किया भीषण उष्ण लहर का औरेंज अलर्ट*

डेस्क : राजधानी पटना समेत पूरा प्रदेश इनदिनों भीषण गर्मी की चपेट में है। प्रचंड गर्मी ने लोगो का जीना मुहाल कर रखा है। सूबे के 25 शहरों में अधिकतम तापमान में बुधवार को बढ़ोतरी दर्ज की गई। इसी बीचट मौसम विज्ञान केंद्र पटना ने राज्य के 22 शहरों/जिलों में भीषण गर्मी की चेतावनी जारी की है। इनमें 11 जिलों में भीषण उष्ण लहर का औरेंज अलर्ट है और पटना सहित 11 जिलों में उष्ण लहर की चेतावनी है। जिन जिलों के लिए अलर्ट जारी नहीं किया गया है, वहां भी कमोबेस ऐसे ही हालात हैं। प्रदेश के दो जिलों किशनगंज और मुजफ्फरपुर को छोड़कर कहीं भी अधिकतम तापमान 40 डिग्री से कम नहीं है। 

मौसम विभाग की ओर लोगों को प्रचंड गर्मी से एहतियात बरतने की अपील की गई है। दोपहर के समय लोगों को अनावश्यक घर से बाहर नहीं निकलने की सलाह दी गई है। लोगों को पर्याप्त पानी और सिर ढंककर धूप में बाहर जाने की सलाह दी गई है।

बुधवार को राज्य में सर्वाधिक गर्म शेखपुरा रहा, जहां अधिकतम तापमान 43.7 डिग्री दर्ज किया गया। बुधवार को पटना में 1.4 डिग्री पारा ऊपर चढ़ा। पटना में इस जून तीसरी बार रिकॉर्ड तोड़ तापमान की स्थिति रही। बुधवार को पटना का पारा इस सीजन में सर्वाधिक 43.3 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। यह पिछले चार सालों में सर्वाधिक अधिकतम तापमान है। इससे पहले वर्ष 2019 में 15 जून को तापमान 45 डिग्री के पार पहुंचा था। बुधवार को प्रचंड गर्मी से दोपहर में कई सड़कों पर सन्नाटे की स्थिति रही। घर में पंखे की हवा में भी लू का एहसास होता रहा।

*बाढ़ राहत शिविरों में अब पीड़ितों को मिलेंगे 600 की जगह 1000 रुपये, सीएम ने दिए निर्देश*

डेस्क : बाढ़ राहत शिविरों में अब पीड़ितों को बर्तन-वस्त्रत्त् आदि के लिए 600 की जगह 1000 रुपये मिलेंगे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री राहत कोष न्यासी पर्षद की बैठक में यह निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने शेष बचे 42 आश्रय स्थलों का निर्माण भी जल्द पूरा करने को कहा। 

एक अणे मार्ग स्थित संकल्प में बुधवार को पर्षद की 22वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री राहत कोष से आपदा की स्थिति में लोगों की मदद की जाती है। इसके अलावा विविध कार्यों में लोगों की सहायता की जाती है। कोरोना वायरस से मृत्यु होने पर मृतक के आश्रितों को मुख्यमंत्री राहत कोष से 4 लाख रुपये की मदद दी गयी। मुख्यमंत्री राहत कोष की भूमिका काफी महत्वपूर्ण है।

इसके पहले मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार ने न्यासी पर्षद की 21वीं बैठक की कार्यवाही का अनुपालन प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। 

उन्होंने बताया कि हर बिंदु पर कार्यवाही का अनुपालन कर लिया गया है। 10 बाढ़ प्रभावित जिलों में 100 बाढ़ आश्रय स्थल के निर्माण हेतु अब तक 64 करोड़ 57 लाख 26 हजार 582 रुपये निर्गत किए जा चुके हैं।

जदयू के राष्ट्रीय महासचिव राजीव रंजन ने केन्द्र की भाजपा सरकार को हर मोर्चे पर बताया असफल, लगाए यह गंभीर आरोप

डेस्क : जदयू के राष्ट्रीय महासचिव सह प्रवक्ता राजीव रंजन ने केन्द्र की भाजपा सरकार को हर मोर्चे पर विफल करार देते हुए कई गंभीर आरोप लगाए। विभिन्न रिपोर्ट के हवाले से उन्होंने केन्द्र सरकार को आर्थिक समानता, गरीबी व बेरोजगारी दूर करने तथा कौशल विकास के मौर्चे पर असफल करार दिया। केंद्र का केवल अपना खजाना भरने पर ध्यान है।

पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक झा, अंजुम आरा व डॉ. भारती मेहता के साथ साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि केन्द्र सरकार के गलत आर्थिक प्रबंधन से देश में आर्थिक असमानता बढ़ी है। 

ऑक्सफेम की हालिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए राजीव रंजन ने कहा कि महज 1 फीसदी लोगों के पास देश की 40 फीसदी संपत्ति है। देश की 50 फीसदी आबादी के पास संपत्ति का केवल 3 फीसदी है। इससे साबित होता है कि अमीर और अमीर हुए हैं, जबकि गरीब और गरीब। आरोप लगाया कि नरेन्द्र मोदी की सरकार अपने पूंजीपति मित्रों तथा असमानता बढ़ाने के लिए काम कर रही है। 

कहा कि देश में बेरोजगारी दूर करने के उपायों पर ग्रहण लग गया है। केन्द्र का कौशल विकास मंत्रालय पूरी तरह फेल है। पिछले वर्ष की लेबर रिपोर्ट के मुताबिक भारत में कुशल कामगारों की संख्या महज 2 फीसदी है, जबकि दक्षिण कोरिया में 96 और जापान में यह 80 फीसदी है।

जदयू नेता ने कहा कि यूपीए सरकार में पेट्रोल उत्पादों के दाम में वृद्धि पर भाजपा ने उन्हें खूब शोर मचाया था, लेकिन कई महीने से कच्चे तेल के दाम में लगातार गिरावट के बाद ही मौजूदा सरकार ने पेट्रोल-डीजल के दाम कम नहीं किए हैं। एक रिपोर्ट के हवाले कहा कि भारत में लगातार प्रेस की स्वतंत्रता में कमी आ रही है। बोलने की आजादी छीनी जा रही है।

ओडिसा रेल दुर्घटना में अबतक बिहार के 39 लोगों की मौत की पुष्टि, 21 लोगों का अब भी नहीं चल रहा कोई अतापता

कटिहार : जिले में लूटपाट की घटना थमने का नाम नहीं ले रहा है। वहीं लूट का विरोध करने पर अपराधी जानलेवा हमला करने से भी गुरेज नहीं कर रहे। ऐसी घटना को अपराधियों ने नगर थाना क्षेत्र में बीती रात अंजाम दिया। 

अपराधियो ने बहन के घर से लौट रहे युवक के साथ लूटपाट की। वहीं विरोध करने पर उसे गोली मार दी। हालांकि युवक की किशमत अच्छी थी कि गोली उसके पैर में लगी। घायल युवक को इलाज के लिए कटिहार मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है। 

नगर थाना क्षेत्र के चन्नाडीह रेलवे फाटक के पास हुए इस घटना के बारे में घायल युवक मोहम्मद अब्दुल और उनके परिजनों ने बताया कि वह सुबह अपने मोटरसाइकिल से डंडखोरा थाना क्षेत्र के मुकुरजान अपने बहन के घर गया था और रात में वहीं से लौट रहा था।  

ट्रेन आने के कारण रेलवे फाटक बंद था जिस कारण वह रुक गया। इसी दौरान चार से पांच की संख्या में आये युवकों ने उनका मोबाइल और नगद छीन लिया, इस पर मोहम्द अब्दुल द्वारा विरोध करने पर अज्ञात अपराधियों ने मोहम्मद अब्दुल के पैर में गोली मार दिया। 

घटना में घायल युवक को पहले सदर अस्पताल में प्रारंभिक इलाज कराया गया। उसके बाद अब्दुल को बेहतर इलाज के लिए फिलहाल कटिहार मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया है।

कटिहार से श्याम

बिहार कैबिनेट की बैठक खत्म, इन 10 महत्वपूर्ण एजेंडो पर लगी मुहर

डेस्क : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में चल रही कैबिनेट की बैठक खत्म हो गई है। इस कुल 10 एजेंडों को मंत्रिपरिषद की ओर से मंजूरी दी गई है। कास्ट आाधारित उद्योगों की संख्या का पुनर्निधारण किया गया है। पटन हाईकोर्ट की स्थापना में अनवादक संवर्ग में संयुक्त निबंधक के 1 पद एवं उप निबंधख के 1 पद के सृजन की स्वीकृति दी गई है। पटना हाईकोर्ट में जमादार के वर्तमान 77 पदों को वेतनस्तर-2 में उत्क्रमित किया गया है। हाईकोर्ट में कार चालकों के 27 पद के सृजन की स्वीकृति दी गई है। अरवल के बेलखारा में 5 एकड सरकारी जमीन को कॉलेज की स्थापना के लिए शिक्षा विभाग को निःशुल्क हस्तांकतरित किया गया है। अंकेक्षण निदेशालय में कुल 6 पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई है। साथ ही साथ बिहार विधान सभा के अष्टम-सत्र तथा बिहार विधान परिषद के 203 वें सत्र (बजट सत्र) के सत्रावसान संलेख पर स्वीकृति दी गई है।

बाढ़ और सूखे जैसी स्थिति से निपटने के लिए अनियमित मानसून, बाढ़ और सूखे जैसी स्थिति में आकस्मिक फसल योजना के अंतर्गत बीज वितरण के लिए 50 करोड़ की राशि को मंजूरी मिल गई है। जबकि, बिहार राज्य में कास्ट आधारित उद्योगों की संख्या का पुनर्निर्माण के लिए स्वीकृति मिली है। राज्य में कार्यरत क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक और उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक के पुर्न पूंजीकरण हेतु वर्ष 2022- 23 के बकाए राशि 84।87 करोड़ रुपए का बिहार आकस्मिकता निधि से अग्रिम स्वरूप उप बंद किए जाने एवं वित्तीय वर्ष 2023-24 की प्रथम तिमाही में एकमुश्त भुगतान की स्वीकृति मिली है।

इसके साथ ही बिहार पुलिस के अन्तर्गत गठित स्पेशल ऑक्जिलरी पुलिस (Special Auxiliary Police) में बहाल किए गए भारतीय सेना के सेवानिवृत्त सैनिकों के कार्यरत कुल बल 3566 की अनुबंध अवधि वित्तीय वर्ष 2023-2024 के लिये विस्तारित करने की स्वीकृति दी गई है। इसके साथ ही ऑडिट ऑफिस में 06 पदों का सृजन करने की स्वीकृति दी गई है।इसमें बिहार वित्तीय प्रशासन सेवा का संयुक्त निदेशक (वेतन स्तर -13 ) का 02 (दो) पद एवं उप निदेशक (वेतन स्तर-12 ) का 04 (चार) पद अर्थात कुल 06 पदों की स्वीकृति दी गई है।

डिप्टी सीएम व स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी ने मेडिकल कॉलेजों में हो रहे कार्यों की समीक्षा की, दिए कई सख्त निर्देश

डेस्क : डिप्टी सीएम व स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव ने मिशन परिवर्तन के तहत मेडिकल कॉलेजों में हो रहे कार्यों की समीक्षा की। इस उन्होंने पदाधिकारियों के कई सख्त निर्देश दिए। 

डिप्टी सीएम ने कहा कि एक महीने पहले शुरू हुए कार्यों को आगामी चार जुलाई तक पूरा कर लेना है। इसका यह भी अर्थ नहीं है कि इसके बाद चुप बैठ जाना है। अस्पतालों की व्यवस्था बेहतर करने के लिए लगातार काम करते रहना है। उन्होंने कहा कि राज्य के 10 मेडिकल कॉलेजों को विभाग की ओर से जो टास्क सौंपे गए हैं, उसे हर हाल में पूरा कर लिया जाए। इसके तहत अस्पताल परिसर की साफ-सफाई, गार्डेन ड्रेसिंग व मेटेनेंस, बाउंड्री वाल व दरवाजा, मुख्य प्रवेश द्वार, सिक्योरिटी, प्रकाश व्यवस्था, स्क्रैप डिस्पोजल, पार्किंग एरिया, अवांछित सामग्रियों को हटाया जाना है। दीवार के प्लास्टर को दुरुस्त किया जाए। ड्रेनेज, एसी रिपेयरिंग, वायरिंग, बिजली की लोड क्षमता, फायर ऑडिट, ड्रेनेज पाइप को दुरुस्त किया जाए। 

उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सुविधाओं में बायोमीट्रिक हाजिरी, उपलब्ध स्थान का अधिक से अधिक सदुपयोग, स्वास्थ्य संस्थान में कम से कम उपकरणों की संख्या तय करने, स्वास्थ्य उपकरणों का बेहतर रखरखाव, दवाओं का सही वितरण व पैथोलॉजिकल व रेडियोलॉजी जांच की सुविधा का आकलन करें। इससे पहले विभागीय अधिकारियों ने अब तक हुए कामों के बारे में पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से जानकारी दी। एसकेएमसीएच में ब्लड बैंक, एनएमसीएच में आई बैंक, ऑनलाइन पैथोलॉजी आदि के बारे में बताया गया। उपमुख्यमंत्री ने इन कार्यों की सराहना करते हुए रेफरल पॉलिसी पर काम करने का सुझाव दिया। 

कहा कि कब व किन परिस्थतियों में रेफर किया जाए, यह सुनिश्चित हो। रेफर करने के बाद डॉक्टर जानकारी लें कि उस मरीज का क्या हुआ। रेफरल पॉलिसी की ट्रेनिंग डॉक्टरों को दें। अतिक्रमण व बेकार पदार्थों को हटाए जाने पर कहा कि यह पहले ही हो जाना चाहिए था। प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के साथ समन्वय बैठक करने को कहा ताकि बायोमेडिकल कचरा के निस्तारण पर रणनीति बने। 

बैठक में स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत, स्वास्थ्य सचिव संजय कुमार सिंह, संयुक्त सचिव सुधीर कुमार मौजूद थे।