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जीतनराम मांझी के बदले सुर, बोले- सुल्‍तानगंज-अगुवानी पुल गिरने की हो सीबीआई जांच

डेस्क: हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के संरक्षक एवं पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने सुल्तानगंज-अगुवानी पुल गिरने की जांच सीबीआई से करने की वकालत की है।

पटना में मीडिया से बात करते हुए मांझी ने कहा कि अभी जो जांच है, वह नाकाफी है। सीबीआई जांच होनी चाहिए। जो चोर है, उसे ही जांच का मौका दे दिया जाएगा, तो क्या होगा। जिन लोगों ने तकनीकी जांच की और जहां से पास कराया गया, उन्हें जवाब देना चाहिए।

मांझी ने सुशील मोदी को भी लिया आड़े हाथ

जब सारा पैसा खर्च हो गया और पुल ही गिर गया, ये तो बड़ी चूक है। सुशील मोदी के द्वारा पुल गिरने के लिए सीएम को दोषी ठहराये जाने पर मांझी ने कहा कि जब वह डिप्टी सीएम थे तब भी घटनाएं हुई थीं, उस समय उनकी आवाज कहां थी।

सुशील मोदी राजनीतिक तौर पर हाशिये पर चले गए हैं। वह खबरों में बने रहने के लिए कुछ न कुछ बोलते रहते हैं। हादसे के लिए मुख्यमंत्री से ज्यादा विभाग से जुड़े अधिकारी व तकनीकी लोग दोषी हैं।

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्री सम्राट चौधरी के डर से पहली बार मुख्यमंत्री आवास में कुशवाहा समाज का हुआ बैठक : अरविन्द सिंह

पटना : भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता अरविन्द कुमार सिंह ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी के मा प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी जी के बढ़ते जनाधार के डर से पहली बार मा मुख्यमंत्री भयभीत हुए और भगवान राम और सम्राट अशोक के वंशज कुशवंशी कुशवाहा समाज को मुख्यमंत्री आवास में बुलाकर बैठक करना मा मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के डर का परिचायक है।

आज तक मा मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी ने कभी भी 17 सालों के मुख्यमंत्री आवास में एक भी बार कुशवाहा समाज का बैठक उन्होंने नहीं किया। मैं मा मुख्यमंत्री जी से पूछना चाहता हूं की आज तक कुशवाहा समाज के लिए अपने क्या किया है एक भी काम बता दे ..? 

आप सिर्फ भारतीय जनता पार्टी के मा प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी जी को भारतीय जनता पार्टी ने जो अपना कमान सौंप दिया है बिहार का, उसके डर से भयभीत होकर के मुख्यमंत्री जी ने मुख्यमंत्री आवास में यह बैठक किया सिर्फ कुशवाहा समाज को रिझाने के लिए।

श्री अरविन्द ने कहा है कि बिहार में कुशवाहा समाज बिहार में अपने परिश्रम के बल पर सभी का पेट भरने का काम करती है। और राजनीति की दिशा नीति और गति तय करती है मा मुख्यमंत्री जी भयभीत होना आपको स्वाभाविक बात है क्योंकि कुशवाहा समाज बिहार में पहली बार भारतीय जनता पार्टी जैसे पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने पर सम्राट चौधरी जी के पीछे खड़ी है और उनको अपना संबल प्रदान करके अपना नेता बनाए हुए हैं आपको डर है यह की कहीं एकमुश्त कुशवाहा समाज सम्राट चौधरी जी के साथ चला गया तो श्री नीतीश कुमार का वजूद बिहार से खत्म हो जाएगा।

मा मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी आपका डरना स्वाभाविक बात है। लेकिन सिर्फ मुख्यमंत्री आवास में बैठक बुलाने से नहीं होता है, सर्टिफिकेट दिखा देने से नहीं होता है। समाज के विकास का काम करना पड़ता है नेतृत्व देना पड़ता है। आप में दम है तो मुख्यमंत्री का कुर्सी छोड़कर किसी कुशवाहा समाज के व्यक्ति को मुख्यमंत्री बना दीजिए तो कुशवाहा समाज समझेगा कि मुख्यमंत्री जी कुशवाहा समाज के हितैषी हैं, वैसे भी आप उम्र के चौथे पड़ाव पर चल रहे हैं आपको आराम की जरूरत है।

 यह काम आपके बस का नहीं है जो कि आप इतने बड़े दिल के नहीं हैं इतना बड़ा दिल का सिर्फ भारतीय जनता पार्टी में है जो भारतीय जनता पार्टी जैसा बड़ा दल और विकास उन्मुख पार्टी ही कर सकती है। आज भाजपा बिहार प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष जैसे सम्मानित पद सबसे बड़ा पद बिहार का कुशवाहा समाज के नेता श्री सम्राट चौधरी जी को दिए हुए हैं।

15 जून को महिला पहलवानों के समर्थन में महागठबंधन का महाधरना, कांग्रेस भी प्रदर्शन में होगी शामिल

बिहार कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने महागठबंधन की ओर से 15 जून को धरना कार्यक्रम में पूरी ताकत से प्रदेश में सभी जगहों पर भाग लेने का निर्णय लिया है। इसके लिए प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह की अघ्यक्षता में शुक्रवार को पार्टी मुख्यालय सदाकत आश्रम में बैठक बुलाई गई थी। इसमें धरना में भाग लेने का निर्णय लिया गया। बता दें 15 जून को महागठबंधन की ओर से दिल्ली में संघर्षरत महिला पहलवानों के समर्थन में प्रदेश भर में धरना का कार्यक्रम है।

महागठबंधन के धरने में शामिल होगी कांग्रेस

इस बैठक में साफ हो गया है कि बिहार कांग्रेस महिला पहलवानों के समर्थन में महागठबंधन के धरने में शामिल होगी। बैठक में मुख्य रूप से पार्टी नेता राजेश राठौड़, बंटी चौधरी, निर्मल वर्मा, राज कुमार राजन, लाल बाबू लाल, कपिलदेव प्रसाद यादव, मिन्नत रहमानी, असित नाथ तिवारी, चंद्र प्रकाश सिंह, संजीव कुमार कर्मवीर सहित अन्य नेता शामिल थे। बता दें केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर से मुलाकात के बाद 15 जून तक पहलवानों ने प्रदर्शन न करने का आश्वासन दिया है। दरअसल खेल मंत्री ने 15 जून तक पुलिस जांच पूरी कर लेने की बात कही है। जिसके बाद पहलवानों ने ये फैसला लिया है। 

15 जून तक स्थगित है पहलवानों का धरना 

वहीं महिला रेस्लर साक्षी मलिक ने कहा कि अभी उनका प्रदर्शन खत्म नहीं हुआ है। हमें आश्वासन दिया गया है कि 15 जून तक मामले में पुलिस जांच पूरी हो जाएगी। तब तक हम इंतजार करें और विरोध प्रदर्शन को स्थगित करें। साक्षी ने कहा कि हमने हमारे खिलाफ 28 मई को दर्ज हुई प्राथमिकी भी वापस लेने की मांग रही है जिसे सरकार ने मान लिया है। बता दें रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण के खिलाफ इस मामले में दो एफआईआर दर्ज हो चुकी है। उन पर महिला पहलवानों के साथ यौन शोषण के आरोप है। जिसके विरोध में महिला पहलवान जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे थे।

सुशासन बाबू के राज का हाल; 3 चीजों से जनता है परेशान, अफसरों की मनमानी, सरकारी विभागों और योजनाओं में भ्रष्टाचार : प्रशांत किशोर

पटना : जनता की समस्या से बेखबर बिहार के सीएम नीतीश कुमार विपक्षी एकता पर फोकस कर रहे हैं। इसको लेकर 23 जून को पटना में विपक्षी दलों के नेताओं की बैठक बुलाई है।

इसके उलट जनता भ्रष्टाचार और अफसरों की मनमानी से त्रस्त है, लेकिन नीतीश कुमार को तो सिर्फ विपक्षी एकता की फिक्र है। परेशान बिहार की जनता के लिए हमेशा आवाज बुलंद करने वाले जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार में 3 चीजों से जनता परेशान है। पहला अफसरों की मनमानी, दूसरा सरकारी विभागों में फैला भ्रष्टाचार और तीसरा सरकारी योजनाओं में दलाली। ये 3 समस्या हर पंचायत, हर गांव में है। समाज का हर वर्ग इससे प्रभावित है। गरीब, अमीर, जनप्रतिनिधि सहित तमाम लोग। 

 अफसरों की बनाई योजना से नहीं चलेगा काम, बिहार के लोगों से बात कर बने योजना* 

प्रशांत किशोर ने कहा, अच्छे लोग चुनकर आगे आएं, उनके पास बिहार को सुधारने के लिए एक सोची-समझी योजना भी होनी चाहिए। ये योजना अफसरों की बनाई हुई नहीं होनी चाहिए। बिहार के लोगों और समाज के हर एक तबके को समझकर जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, ग्रामीण उद्योग, शहरीकरण सहित अन्य मुद्दों पर ग्रामीणों से बात कर और बुद्धिजीवियों से चर्चा करके एक योजना बने ताकि बिहार को भी समृद्ध राज्य बनाया जा सके। 

प्रशांत किशोर ने बताया कि अब तक बिहार में 27 से ज्यादा मुख्यमंत्री बने, उससे तो बिहार नहीं सुधरा, क्योंकि जब तक समाज में स्वचेतना नहीं आएगी, अपने और अपने बच्चों के भविष्य को लेकर लोग नहीं सोचेंगे, अच्छे लोगों का चुनाव नहीं होगा और जो लोग चुनकर आ रहे हैं उनके पास बिहार को सुधारने की योजना नहीं होगी, तब तक बिहार को नहीं सुधारा जा सकता।

बिहार के भागलपुर में अगुवानी घाट-सुल्तानगंज के बीच गंगा नदी पर बन रहे महासेतु के पिलर 10 के दो सेगमेंट में थी गड़बड़ी, डिजाइन में कमी से सेगमेंट 8 और 9 पर ज्यादा लोड बढ़ा और पुल गिर गया, पढ़िए, पूरी रिपोर्ट


बिहार के भागलपुर जिले में अगुवानी घाट-सुल्तानगंज के बीच गंगा नदी पर बन रहे महासेतु के पिलर (पी) 10 के दो सेगमेंट में गड़बड़ी आने से रविवार शाम करीब 6 बजे पुल ध्वस्त हो गया। ब्रिज इंजनीनियर के मुताबिक, डिजाइन में कमी होने की वजह से सेगमेंट 8 और 9 पर ज्यादा लोड बढ़ गया और वह धीरे-धीरे क्रश करने लगा। रविवार दोपहर 12 बजकर 43 मिनट पर लांचिंग इंजीनियर को सेगमेंट से कुछ आवाज आई। उन्होंने ऊपर और नीचे काम कर रहे कंपनी कर्मी और मजदूरों को तत्काल यहां से मूव करने के लिए कहा। 

ठीक 12 बजकर 50 मिनट पर सेगमेंट से एक छोटा सा टुकड़ा क्रेक कर नीचे की ओर गिरने लगा। टुकड़ा नीचे की ओर गिरता देख वहां पर अफरातफरी मच गई और सभी जान बचाकर भागने लगे। उस वक्त निर्माणाधीन पुल के आसपास 150 के करीब लोग थे। इनमें इंजीनियर, कंपनी कर्मी और मजदूर शामिल हैं। सेगमेंट से एक टुकड़ा गिरने के बाद ही पुल के लांचिंग इंजीनियर ने इसकी सूचना कंपनी के अन्य सीनियर इंजीनियर व अधिकारियों को दी। दोपहर में ही इस बात की संभावना प्रबल हो गई कि अब पुल का गिरना तय है। 

रविवार शाम ठीक 6 बजे तेज आवाज के साथ पुल का एक सेगमेंट गिरने के साथ ही अन्य हिस्सा भी भरभरा कर गंगा में समा गया। हालांकि, डिजाइन में कमी होने की आशंका के मद्देनजर ही मुख्य डिजाइनर को बुलाया गया था, लेकिन उनके पहुंचने से पहले ही पुल ध्वस्त होने की घटना की हो गई।

बिहार अभियंत्रण सेवा संघ (बेसा) ने दावा किया है कि भागलपुर जिले में पुल गिरने की घटना के पीछे डिजाइन में फॉल्ट है। महासचिव राकेश कुमार ने कहा कि संघ की ओर से एक तकनीकी समिति गठित की गई है, जो आने वाले दिनों में पूरी रिपोर्ट देगी। इसके बाद इस घटना के पीछे की एक-एक बिंदु पर रिपोर्ट सार्वजनिक की जाएगी। संघ की पुरानी मांग है कि तकनीकी विभागों में प्रमुख इंजीनियर ही हों। अगर ऐसा होता तो इस तरह की घटना नहीं होगी। संघ यह भी मांग करता है कि इस तरह के बन रहे सभी पुलों की तकनीकी ऑडिट हो ताकि इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति न हो।

ओडिसा रेल हादसे में बिहार के लोगों की मौत का आंकड़ा हुआ पचास, 19 लोगों का अब भी नहीं चल रहा कोई अता-पता

 

डेस्क : ओडिसा के बालासोर रेल हादसे में बिहार के यात्रियों की मौत का आंकड़ा पचास पहुंच गया है। बुधवार को आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से जारी बुलेटिन में यह जानकारी दी गई। वहीं बिहार के 19 यात्री अभी भी लापता है। 43 यात्रियों का इलाज ओडिशा के विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है।

लापता यात्रियों में मधुबनी के चार, दरभंगा, समस्तीपुर, पूर्वी चंपारण, मुजफ्फरपुर के दो-दो, सीतामढ़ी, बेगूसराय, पटना, गया, पूर्णिया, शेखपुरा और सीवान के एक-एक यात्री शामिल हैं। 

आपदा प्रबंधन विभाग का कहना है कि लापता यात्रियों की पहचान के लिए ओडिशा के बालासोर जिला प्रशासन से समन्वयक बना हुआ है। वहां अस्पतालों में रखे शवों का डीएनए सैंपल कराया गया है। इससे दावा करने वाले परिजनों के डीएनए सैंपल का मिलान किया जाएगा। बुधवार को एम्स भुवनेश्वर में मौजूद 12 परिजनों का डीएनए टेस्ट के लिए सैंपल लिया गया।

मिशन 2024 के तहत विपक्षी एका पर बैठक की तिथि का डिप्टी सीएम तेजस्वी और जदयू राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने किया एलान, 23 जून को पटना में होगी बैठक


डेस्क : विपक्षी एकता पर भाजपा विरोधी दलों की बैठक की नई तिथि का एलान हो गया है। 23 जून को पटना में बैठक होगी। बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने इस बात की जानकारी दी है। 

बीते बुधवार को डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के 5, देशरत्न मार्ग स्थित सरकारी आवास पर प्रेस-वार्ता का आयोजन कर जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने मीडिया को बताया कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी सहित ज्यादातर विपक्षी दलों के आला नेताओं ने सहमति दे दी है। उन्होंने कहा कि पहले यह बैठक 12 जून को होनी थी। इस तिथि को बैठक में भाग लेने में कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों और अन्य दलों के शीर्ष नेताओं को असुविधा हो रही थी। इसलिए तय हुआ है कि 23 जून को पटना में विपक्षी दलों की बैठक होगी।

ललन सिंह ने बताया कि कांग्रेस पार्टी से राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी ने भी सहमति दे दी है। इनके अलावा पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमत सोरेन, शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, भाकपा के राष्ट्रीय सचिव डी. राजा, माकपा के राष्ट्रीय सचिव सीताराम येचुरी और भाकपा माले के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने भी 23 जून की बैठक में शामिल होने पर हामी भरी है। 

वहीं सीट बंटवारे के सवाल पर ललन सिंह ने कहा कि अभी विपक्षी एकता की बात हो रही है। विपक्ष एक होकर वर्ष 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ेगा। देश में आज की तारीख में अघोषित आपातकाल लागू है। कोई अपनी जुबान से एक शब्द नहीं निकाल सकता है। जो सरकार के खिलाफ आवाज निकालता है, उसपर तोतों (सीबीआई, ईडी) की कार्रवाई शुरू हो जाती है। आज की आवश्यकता है कि भाजपामुक्त देश बने। देश में फिर से लोकतंत्र स्थापित हो। इस मकसद को हासिल करने में विपक्षी एकता पर 23 जून को होने वाली बैठक अहम भूमिका निभाएगी।

डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा कि देश के हालात को देखते हुए पटना में यह अहम बैठक होने जा रही है। यह अच्छी पहल है। विपक्षी एकजुटता सभी का प्रयास है। बिहार में महागठबंधन की जब सरकार बनी, तब मुख्यमंत्री नीतीशजी और राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद और सभी दलों की एक कोशिश थी कि ज्यादा से ज्यादा समान विचारधारा वाली पार्टियों को साथ जोड़ा जाए। सबको गोलबंद किया जाए। एक साथ बैठा जाए। इसके लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कई जगह खुद गए। मैं भी गया। कई नेताओं से मुलाकात हुई। अब सबलोग एक प्लेटफार्म पर आ रहे हैं। 12 जून को कई नेताओं को असुविधा हो रही थी। इसलिए यह राय बनी की सभी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष इसमें शामिल हों। बैठक के बाद सकारात्मक परिणाम सामने आएगा।

बिहार में आईपीएस अधिकारियों के बाद बड़े पैमाने पर आईएएस अधिकारियों का तबादला, सामान्य प्रशासन विभाग ने जारी की अधिसूचना

डेस्क : बिहार सरकार ने प्रशासनिक महकमे में बड़ा फेरबदल किया है। कुछ दिनों पहले जहां आईपीएस अधिकारियों का तबादला किया गया था। वहीं अब भारतीय प्रशासनिक सेवा के 16 वरिष्ठ अधिकारियों को इधर से उधर करते हुए नई जिम्मेदारी सौंपी गई है। सामान्य प्रशासन विभाग ने बुधवार को इन अधिकारियों के स्थानांतरण की अधिसूचना जारी की है। 

सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार प्रमुख विभागों- शिक्षा, गृह, उत्पाद एवं मद्य निषेध, कृषि, खान एवं भूतत्व के अपर मुख्य सचिव भी बदले गए हैं। उत्पाद एवं मद्य-निषेध विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक को शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई है। वहीं, चैतन्य प्रसाद की जगह डॉ. एस सिद्धार्थ गृह विभाग संभालेंगे। अरविंद कुमार चौधरी को वित्त विभाग का अपर मुख्य सचिव बनाया गया है।

संजय कुमार अग्रवाल को जल संसाधन विभाग से स्थानांतरित करते हुए कृषि विभाग का सचिव बनाया गया है। वे परिवहन सचिव और सामान्य प्रशासन विभाग में जांच आयुक्त के अतिरिक्त प्रभार में भी रहेंगे। इस आदेश के मद्देनजर, पंकज कुमार पाल को परिवहन सचिव के अतिरिक्ति प्रभार से मुक्त कर दिया गया है। सहकारिता सचिव वंदना प्रेयसी को पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग का सचिव बनाया गया है। वे एमडी, बिहार राज्य महिला एवं बाल विकास निगम व सामान्य प्रशासन विभाग में जांच आयुक्त की अतिरिक्त जिम्मेदारी भी संभालेंगी।

उधर, केके पाठक के स्थानांतरण के बाद विनोद सिंह गुंजियाल मद्य-निषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग के सचिव की जिम्मेदारी निभाते रहेंगे। वहीं, केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से लौटीं एन विजया लक्ष्मी को पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग का प्रधान सचिव बनाया गया है।

*राजधानी पटना समेत प्रदेश के 11 जिलों में आज भी रहेगी प्रचंड गर्मी, मौसम विभाग ने जारी किया भीषण उष्ण लहर का औरेंज अलर्ट*

डेस्क : राजधानी पटना समेत पूरा प्रदेश इनदिनों भीषण गर्मी की चपेट में है। प्रचंड गर्मी ने लोगो का जीना मुहाल कर रखा है। सूबे के 25 शहरों में अधिकतम तापमान में बुधवार को बढ़ोतरी दर्ज की गई। इसी बीचट मौसम विज्ञान केंद्र पटना ने राज्य के 22 शहरों/जिलों में भीषण गर्मी की चेतावनी जारी की है। इनमें 11 जिलों में भीषण उष्ण लहर का औरेंज अलर्ट है और पटना सहित 11 जिलों में उष्ण लहर की चेतावनी है। जिन जिलों के लिए अलर्ट जारी नहीं किया गया है, वहां भी कमोबेस ऐसे ही हालात हैं। प्रदेश के दो जिलों किशनगंज और मुजफ्फरपुर को छोड़कर कहीं भी अधिकतम तापमान 40 डिग्री से कम नहीं है। 

मौसम विभाग की ओर लोगों को प्रचंड गर्मी से एहतियात बरतने की अपील की गई है। दोपहर के समय लोगों को अनावश्यक घर से बाहर नहीं निकलने की सलाह दी गई है। लोगों को पर्याप्त पानी और सिर ढंककर धूप में बाहर जाने की सलाह दी गई है।

बुधवार को राज्य में सर्वाधिक गर्म शेखपुरा रहा, जहां अधिकतम तापमान 43.7 डिग्री दर्ज किया गया। बुधवार को पटना में 1.4 डिग्री पारा ऊपर चढ़ा। पटना में इस जून तीसरी बार रिकॉर्ड तोड़ तापमान की स्थिति रही। बुधवार को पटना का पारा इस सीजन में सर्वाधिक 43.3 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। यह पिछले चार सालों में सर्वाधिक अधिकतम तापमान है। इससे पहले वर्ष 2019 में 15 जून को तापमान 45 डिग्री के पार पहुंचा था। बुधवार को प्रचंड गर्मी से दोपहर में कई सड़कों पर सन्नाटे की स्थिति रही। घर में पंखे की हवा में भी लू का एहसास होता रहा।

*बाढ़ राहत शिविरों में अब पीड़ितों को मिलेंगे 600 की जगह 1000 रुपये, सीएम ने दिए निर्देश*

डेस्क : बाढ़ राहत शिविरों में अब पीड़ितों को बर्तन-वस्त्रत्त् आदि के लिए 600 की जगह 1000 रुपये मिलेंगे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री राहत कोष न्यासी पर्षद की बैठक में यह निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने शेष बचे 42 आश्रय स्थलों का निर्माण भी जल्द पूरा करने को कहा। 

एक अणे मार्ग स्थित संकल्प में बुधवार को पर्षद की 22वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री राहत कोष से आपदा की स्थिति में लोगों की मदद की जाती है। इसके अलावा विविध कार्यों में लोगों की सहायता की जाती है। कोरोना वायरस से मृत्यु होने पर मृतक के आश्रितों को मुख्यमंत्री राहत कोष से 4 लाख रुपये की मदद दी गयी। मुख्यमंत्री राहत कोष की भूमिका काफी महत्वपूर्ण है।

इसके पहले मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार ने न्यासी पर्षद की 21वीं बैठक की कार्यवाही का अनुपालन प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। 

उन्होंने बताया कि हर बिंदु पर कार्यवाही का अनुपालन कर लिया गया है। 10 बाढ़ प्रभावित जिलों में 100 बाढ़ आश्रय स्थल के निर्माण हेतु अब तक 64 करोड़ 57 लाख 26 हजार 582 रुपये निर्गत किए जा चुके हैं।