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*पहलवानों के समर्थन में उतरा दिशा छात्र संगठन विश्वविद्यालय गेट पर किया प्रदर्शन*


गोरखपुर। दिशा छात्र संगठन और स्त्री मुक्ति लीग के संयुक्त तत्वावधान में आज गोरखपुर विश्वविद्यालय मेन गेट के सामने पहलवानों के साथ दिल्ली पुलिस द्वारा की गयी बर्बरता के खिलाफ़ विरोध प्रदर्शन किया गया।

प्रतिरोध सभा को सम्बोधित करते हुए स्त्री मुक्ति लीग की अंजली ने आरोप लगाया कि दिल्ली पुलिस देश की शान, ओलपिंक पदक विजेताओं के साथ अपराधियों जैसा व्यवहार कर रही है। महिला पहलवानों को घसीटकर गिरफ्तार करना देश की गरिमा को नीचे गिराने वाली बात है।

अंजली ने आगे कहा कि केन्द्र सरकार की बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ की असली सच्चाई एक बार फिर लोगों के सामने है। महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के आरोपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह को गिरफ़्तार करने की जगह उसे संसद भवन के उद्घाटन के कार्यक्रम में शामिल किया जा रहा है। सोचने वाली बात है कि जहाँ हमारे देश की बेटियों को लाठियों और बूटों से पीटा जा रहा था वहीं डेढ़ किलोमीटर दूर नए संसद का उद्घाटन करते हुए प्रधानमन्त्री मोदी लोकतन्त्र, न्याय, महिला सशक्तिकरण आदि की बातें कर रहे थे।

प्रधानमन्त्री मोदी ने पहलवानों की इस न्यायपूर्ण लड़ाई पर एक शब्द भी बोलना गवारा नहीं समझा है।

दिशा छात्र संगठन राजू ने कहा कि बृजभूषण सिंह को बचाने के लिए पहलवानों पर इस तरह का कायराना हमला यह दिखाता है कि सरकार प्रतिरोध के स्वर हर कीमत पर दबाना चाहती है। हम कुश्ती खिलाड़ियों की माँगों का पुरज़ोर समर्थन करता हैं।

इसके साथ ही हम माँग करते हैं कि बृजभूषण व अन्य आरोपियों पर तत्काल कार्रवाई हो और दोषियों को सख़्त सज़ा मिले।

विरोध-प्रदर्शन में माया, अदिति,मुकेश,राजकुमार, दीपक, सरिता, शेषनाथ,हरेन्द्र आदि शामिल हुए।

*खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स युवाओं के लिए बेहतरीन प्लेटफार्म : आदित्य सिंह*

गोरखपुर। उत्तर प्रदेश में पहली बार खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स का आयोजन हो रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने अपनी मेजबानी में हो रहे इन खेलों को सफल बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी है। मुख्यमंत्री के शहर गोरखपुर से ताल्लुक रखने वाले एक होनहार आदित्य सिंह भी इन खेलों में पहली बार हिस्सा ले रहे हैं।

गोरखपुर निवासी आदित्य सिंह भारत की जूनियर हॉकी टीम के कप्तान रह चुके हैं और अभी बनारस के काशी विद्यापीठ का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। आदित्य का मानना है कि खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स युवा खिलाड़ियों के लिए एक बेहतरीन प्लेटफार्म है क्योंकि यह उन्हें शानदार एक्सपोजर देता है।

मिडफील्ड से खेलने वाले आदित्य बैंगलोर के साई सेंटर में जारी भारतीय जूनियर हॉकी कैंप का हिस्सा हैं। पहली बार खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में हिस्सा ले रहे आदित्य ने कहा,- बहुत अच्छा लग रहा है।

पहली बार खेला हूं। फैसिलिटी भी अच्छी है। टीमें अच्छी आई हैं और कम्पटीशन भी अच्छा है। नए लड़कों के लिए काफी अच्छा प्लेटफार्म है। नए लड़के इस खेल को अपनाने और इसमें बने रहने के लिए मोटिवेट होते हैं। उनको अनुभवी खिलाड़ियों के साथ खेलने का एक्सपीरिएंस भी मिलता है। खिलाड़ियों में 19-20 का फर्क होता है और इस तरह के आयोजन में खेलने से खिलाड़ियों को अपनी थाह लगाने का मौका मिलता है।

आदित्य को 2019 में नैरोबी में आय़ोजित इंटरनेशनल हाकी टूर्नामेंट के लिए भारतीय जूनियर हाकी टीम का कप्तान बनाया गया था। आदित्य सामान्य किसान परिवार से हैं। उन्होंने गोरखपुर में लक्ष्य खेल अकादमी में कोच शादाब खान से प्रशिक्षण लिया है। 2014 में उनका चयन लखनऊ के गुरु गोविंद सिंह स्पोर्ट्स कालेज में हो गया। दो साल बाद 2016 में उनका चयन नेशनल हॉकी अकादमी-नई दिल्ली में हो गया। यहां उनके खेल में और निखार आया और फिर वह राष्ट्रीय/अंतरराष्ट्रीय मैचों में खेलने लगे।

आदित्य इससे पहले दिल्ली में आय़ोजित खेलो इंडिया यूथ गेम्स के पहले संस्करण में रघुराई इंटर कालेज (गोरखपुर) के लिए खेल चुके हैं। वह यूपी के लिए सब जूनियर, जूनियर औऱ सीनियर टीमों के लिए नेशनल खेल चुके हैं। अभी नेशनल जूनियर कैंप में हैं।

*जोश से लबरेज है यूपी की रोइंग टीम,खिलाड़ियों ने कहा, हमें आगे बढ़ा रही योगी सरकार*


गोरखपुर । खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स की रोइंग प्रतियोगिता में यूपी से एकमात्र टीम के रूप में प्रतिभाग कर रहे राजेंद्र सिंह 'रज्जू भैया' विश्वविद्यालय प्रयागराज के खिलाड़ी जोश से लबरेज हैं। रामगढ़ताल में हो रही रोइंग प्रतियोगिता को स्वर्णिम भविष्य का प्लेटफार्म मानने वाले इन खिलाड़ियों का कहना है कि योगी सरकार उन्हें आगे बढ़ाने को हर तरह की व्यवस्था कर रही है। ऐसे में हम भी अपना शानदार प्रदर्शन करने को जी जान लगा देंगे।

रोइंग प्रतियोगिता में पदक जीतने की तैयारी कर राजेंद्र सिंह विश्वविद्यालय प्रयागराज से कुल पांच खिलाड़ी आए हैं। मंगलवार को बीए की छात्रा दिव्यानी निषाद महिला सिंगल की रोइंग के लिए नाव पर सवार होंगी तो प्रखर कुमार रावत, विपिन कुमार यादव, सिंह आदर्श धर्मपाल व शिवम गुप्ता (सभी बीएड छात्र) पुरुष क्वाड्रपल में जोर आजमाइश करेंगे। ये सभी 500 मीटर दूरी की रोइंग स्पर्धा में खेलेंगे। ये खिलाड़ी अपने कोच हिमांशु जायसवाल के साथ आए हैं। हिमांशु के मुताबिक इन खिलाड़ियों के पास इंटर यूनिवर्सिटी गेम्स का अनुभव इस प्रतियोगिता में काफी मददगार होगा। दिव्यानी का कहना है कि हमें यहां तक लाने में सरकार से मिल रहे प्रोत्साहन का बड़ा योगदान है।

ऐसा बना रहा तो हम देश क्या दुनिया में यूपी का डंका बजाएंगे। क्वाड्रपल टीम के सदस्यों ने भी कहा कि सरकार जब इतना ध्यान दे रही है तो खेल और खिलाड़ी निखरेंगे ही। ये सभी खिलाड़ी गोरखपुर में हुए स्वागत और यहां के इंतजामों को देखकर अभिभूत हैं।

राजेंद्र सिंह विश्वविद्यालय से आई रोइंग टीम के कोच हिमांशु जायसवाल कहते हैं कि सरकार रोइंग को भी अन्य खेलों के बराबर बढ़ावा दे रही है। इससे आने वाले दिनों में अन्य विश्वविद्यालयों में भी रोइंग की टीमें दिखेंगी।

रोइंग प्रतिभाओं को अपने ही प्रांत में खेलने का रुझान भी बढ़ेगा। उनका मानना है कि सरकार खिलाड़ियों को हर प्रकार का सहयोग उपलब्ध करा रही है।

*एकल स्पर्धा में यूनिवर्सिटी ऑफ कलकत्ता और समग्रता में पंजाब के खिलाड़ियों का जलवा*


गोरखपुर, 29 मई। खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स के तहत गोरखपुर के रामगढ़ताल में आयोजित रोइंग प्रतियोगिता में 2000 मीटर की दूरी में सोमवार को पदकों के लिए 15 इवेंट्स में नौकादौड़ हुई।

इस दौड़ में पंजाब के विश्वविद्यालयों के खिलाड़ियों को रामगढ़ताल का पानी खूब भाया। एकल दो स्पर्धाओं में (महिला-पुरुष) गोल्ड मेडल यूनिवर्सिटी ऑफ कलकत्ता के नाम भले रहे लेकिन समग्रता में पदक बटोरने में पंजाब के खिलाड़ियों का जलवा दिखा। पंजाब के विश्वविद्यालयों ने सर्वाधिक पदक अपने नाम किए। तीन दिन से पसीना बहाने का सुखद प्रतिफल मेडल के रूप में मिला तो विजेता खिलाड़ियों हर्ष से भावुक हो उठे। मेडल पाने के बाद उन्होंने रामगढ़ताल, मोदी-योगी सरकार, स्पोर्ट्स ऑथोरिटी ऑफ इंडिया और स्थानीय प्रशासन की तरफ से किए गए इंतजामों की दिल खोलकर तारीफ की।

2000 मीटर की रोइंग में फाइनल मुकाबले सोमवार सुबह सात बजे से प्रारंभ हुए। कुल 15 कैटगरी में स्वर्ण, रजत व कांस्य पदक के लिए महिला व पुरुष खिलाड़ियों ने सारा जोर एक दूसरे से आगे निकलने में लगाया। पुरुष वर्ग सिंगल स्कल में यूनिवर्सिटी ऑफ कलकत्ता के प्रतीक गुप्ता, लाइटवेट सिंगल में स्कल में चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी मोहाली के मलक सिंह तथा महिला वर्ग सिंगल स्कल में यूनिवर्सिटी ऑफ कलकत्ता की श्वेता व लाइटवेट सिंगल में लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी की स्वीटी नैन सबसे आगे रहीं।

पदक विजेताओं को जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती साधना सिंह, महापौर डॉ मंगलेश श्रीवास्तव, जीडीए उपाध्यक्ष महेद्र सिंह तंवर, जीडीए सचिव यूपी सिंह, एडीएम सिटी विनीत सिंह, एसपी ट्रैफिक डॉ एमपी सिंह, सिटी मजिस्ट्रेट अंजनी सिंह, अपर सिटी मजिस्ट्रेट राजीव कुमार, अर्जुन अवार्डी रोइंग ओलंपियन कैप्टन दलवीर सिंह, स्पोर्ट्स ऑथोरिटी ऑफ इंडिया के उप निदेशक अतुल कुमार सिंह, हॉकी यूपी के उपाध्यक्ष धीरज सिंह हरीश, रोइंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के महासचिव एमवी श्रीराम, यूपी रोइंग एसोसिएशन के सचिव सुधीर शर्मा, हरीश शर्मा, कर्नाटक रोइंग एसोसिएशन के मंजूनाथ, आल इंडिया यूनिवर्सिटी एसोसिएशन के राजीव सोबती, गौतम, शाजी थॉमस, संजीव कुमार श्रीवास्तव ने पदक पहनाकर तथा शुभंकर देकर पुरस्कृत किया।

2000 मीटर दूरी रोइंग के अंतिम परिणाम

पुरुष वर्ग

सिंगल स्कल

स्वर्ण पदक यूनिवर्सिटी ऑफ कलकत्ता के प्रतीक गुप्ता, रजत पदक पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ के प्रद्युम्न सिंह, कांस्य पदक यशवंत राव चव्हाण महाराष्ट्र ओपन यूनिवर्सिटी के धनंजय निकम।

लाइटवेट सिंगल स्कल

स्वर्ण पदक चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी मोहाली के मलक सिंह, रजत पदक लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी के गोविंद सिंह राजपूत, कांस्य पदक पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ के सिमरनजीत।

डबल कॉक्सलेस पेयर

स्वर्ण पदक पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ के सुखदीप सिंह व आदित्य सिंह, रजत पदक पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला के किशन व रवि, कांस्य पदक कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी के अंकित व प्रिंस।

डबल स्कल

स्वर्ण पदक पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला के करनवीर व शोभित, रजत पदक चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी मोहाली के हरविंदर व जसवीर, कांस्य पदक पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ के विजय व लोकेश।

क्वाड्रपल (मेन 4)

स्वर्ण पदक पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़, रजत पदक कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी, कांस्य पदक चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी मोहाली।

क्वाड्रपल स्कल

स्वर्ण पदक गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी, रजत पदक पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़, कांस्य पदक पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला।

लाइटवेट डबल स्कल

स्वर्ण पदक पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ के रविंदर व दिनेश कुमार, रजत पदक गुरु नानकदेव यूनिवर्सिटी के तरुण व प्रभाकर, कांस्य पदक कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी के राहुल व अजय।

लाइटवेट क्वाड्रपल

स्वर्ण पदक पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला, रजत पदक कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी, कांस्य पदक पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़।

—---

महिला वर्ग

सिंगल स्कल

स्वर्ण पदक यूनिवर्सिटी ऑफ कलकत्ता की श्वेता, रजत पदक पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला की अमनदीप कौर व कांस्य पदक पीईएस यूनिवर्सिटी बैंगलोर की मंशा एसएम।

डबल स्कल

स्वर्ण पदक पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ की खुशप्रीत कौर व दिलजोत कौर, रजत पदक केआईआईटी यूनिवर्सिटी की अरुनप्रीत व अविनाश कौर, कांस्य पदक गुरु नानकदेव यूनिवर्सिटी की मोनिका व नीलम।

डबल कॉक्सलेस पेयर

स्वर्ण पदक यूनिवर्सिटी ऑफ मद्रास की भगवती आर व फती सिउबा, रजत पदक केरला यूनिवर्सिटी की अरुंधति व देवप्रिया, कांस्य पदक ओस्मानिया यूनिवर्सिटी की कीर्तिरमन व भारती।

क्वाड्रपल (वुमेन 4)

स्वर्ण पदक केरला यूनिवर्सिटी, रजत पदक गुरु यूनिवर्सिटी ऑफ मद्रास, कांस्य पदक पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़।

लाइटवेट सिंगल स्कल

स्वर्ण पदक लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी की स्वीटी नैन, सिल्वर पदक ओस्मानिया यूनिवर्सिटी की बी हेमलथा, कांस्य पदक सावित्रीबाई फुले यूनिवर्सिटी की अनीता।

लाइटवेट डबल स्कल

पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ की गुरबानी व पूनम, रजत पदक गुरु नानकदेव यूनिवर्सिटी की ज्योति व विंध्या, कांस्य पदक केरला यूनिवर्सिटी की अनघा व आर्या।

क्वाड्रपल स्कल

स्वर्ण पदक पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़, कांस्य पदक गुरु नानकदेव यूनिवर्सिटी, कांस्य पदक सावित्रीबाई फुले यूनिवर्सिटी।

राजकीय विद्यालयों में हक से सेनेटरी पैड मांगें किशोरियां,विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस पर सीएमओ ने की अपील


गोरखपुर। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने कहा कि चौदह से अठारह वर्ष की आयु वर्ग की प्रत्येक स्कूल जाने वाली किशोरी का अधिकार है कि वह स्कूल से सेनेटरी पैड प्राप्त करे । प्रत्येक किशोरी को एक साल में 72 सेनेटर पैड पाने का अधिकार है । इसकी मांग वह पूरे हक के साथ स्कूल से कर सकती हैं । सभी राजकीय विद्यालयों को जहां किशोरियों की पढ़ाई होती है, स्वास्थ्य विभाग द्वारा सेनेटरी पैड उपलब्ध कराए जाते हैं । यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस के मौके पर दिया।

किशोरियों को इसकी महत्ता के बारे में बताएं: सीएमओ

सीएमओ ने बताया कि सेनेटरी पैड देने के साथ स्कूलों को यह निर्देश है कि किशोरियों को इसकी महत्ता के बारे में बताएं । राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) की टीम जब स्कूल का भ्रमण करती है तो टीम के चिकित्सक भी किशोरियों को पैड के बारे में जागरूक करते हैं । आशा, आंगनबाड़ी और एएनएम के जरिये प्रत्येक माह की आठ तारीख को मनाए जाने वाले किशोरी दिवस के मौके पर मासिक धर्म से जुड़े मिथकों और भ्रांतियों के बारे में जागरूक किया जाता है । शहरी क्षेत्र में स्वयंसेवी संस्था पीएसआई इंडिया के प्रतिनिधियों के सहयोग से मलिन बस्तियों में रहने वाली किशोरियों को मासिक धर्म स्वच्छता के बारे में जानकारी दी जा रही है ।

मासिक धर्म कोई बीमारी नहीं

शाहपुर शहरी स्वास्थ्य केंद्र की चिकित्सक डॉ नीतू मौर्या का कहना है कि मासिक धर्म कोई बीमारी नहीं और न ही इससे कोई महिला या लड़की अशुद्ध हो जाती है । यह शरीर की एक स्वाभाविक प्रक्रिया है जिसमें साफ सफाई का विशेष महत्व है। मासिक धर्म के दौरान प्रत्येक चार घंटे में सेनेटरी पैड को अवश्य बदल देना चाहिए । कपड़ों का इस्तेमाल बिल्कुल नहीं करना है क्योंकि इससे इंफेक्शन का खतरा रहता है । मासिक धर्म के दौरान निजी अंगों की सफाई अवश्य करनी चाहिए । सतर्कता न बरतने से किशोरियां और महिलाएं सर्वाइकल कैंसर, बांझपन, यूरिनरी इंफैक्शन, ल्यूकिरया जैसी बीमारियों से ग्रसित हो सकती हैं ।

13.63 लाख पैड दिये गये

डिप्टी सीएमओ स्टोर डॉ अश्विनी चौरसिया ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में करीब 13.63 लाख सेनेटरी पैड शिक्षा विभाग को दिये गये । इससे पूर्व 2021-22 में 14.73 लाख पैड विभाग के जरिये किशोरियों तक पहुंचाने का प्रयास किया गया ।

बदली है सोच

शहर के एक निजी विद्यालय की बारहवीं की 19 वर्षीय छात्रा अनुष्का यादव का कहना है कि प्राइवेट स्कूल में भी सेनेटरी पैड के इंतजाम होने चाहिए। अभिभावक और छात्राएं पैड के प्रति जागरूक हुए हैं और सोच भी बदली है, लेकिन प्राइवेट स्कूल में पैड का इंतजाम न रहने पर कई बार स्कूल में पीरियड आने पर कपड़ों का इस्तेमाल करना पड़ जाता है । अगर सुविधा उपलब्ध हो तो इसकी आवश्यता नहीं पड़ेगी । अच्छी बात यह है कि मासिक धर्म के बारे में अब खुल कर बात की जा सकती है और प्रत्येक घर में इसके प्रति जागरूकता का वातावरण तैयार हुआ है।

*पूर्वांचल के 'लोक' में खो गए खिलाड़ी,खेलो इण्डिया यूनिवर्सिटी गेम्स के अंतर्गत सांस्कृतिक संध्या का दूसरा दिन*


गोरखपुर । खेलो इण्डिया यूनिवर्सिटी गेम्स की रोइंग प्रतियोगिता के दूसरे दिन की शाम पूर्वांचल के खास नृत्य संस्कृति धोबिया के नाम रही। प्रतियोगिता में देशभर से आए खिलाड़ी इस नृत्य की शैली से अचंभित होकर पूर्वांचल के 'लोक' में खो से गए। आज की यह शाम उनके लिए यादगार हो गई।

रामगढ़ताल नौका विहार, स्थित जेट्टी पर उत्तर प्रदेश संस्कृति विभाग की तरफ से रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति में रविवार शाम आजमगढ़ से पधारे केशव पासवान द्वारा धोबिया लोकनृत्य, प्रयागराज की सुश्री प्रीती सिंह द्वारा ढेढ़िया लोकनृत्य तथा स्थानीय लोक गायक प्रभाकर शुक्ल द्वारा लोकगायन की प्रस्तुति की गयी। सभी कलाकारों ने मेहमान खिलाड़ियों, अतिथियों का भरपूर मनोरंजन कराया। नौका विहार पर आने वाले सैकड़ों दर्शकों ने भी सांस्कृतिक संध्या का आनन्द लिया।

प्रभाकर शुक्ल ने खिलाड़ियों के उत्साह एवं सम्मान में मनमोहक गीत सुनाए। ‘‘उगिहें जबले सुरूज-चंदा....‘‘। ‘‘अपनी है दुनिया आज की ....।‘‘ तथा मेरा रंग दे बसंती चोला.......‘‘। पर सभी झूम उठे। इसके बाद अन्य कलाकारों की धोबिया एवं ढेढ़िया लोकनृत्य की अनोखी प्रस्तुति ने सब पर सम्मोहन सा असर किया।

इस अवसर पर राजकीय बौद्ध संग्रहालय, गोरखपुर के उप निदेशक/क्षेत्रीय सांस्कृतिक केन्द्र के प्रभारी डाॅ मनोज कुमार गौतम ने कहा कि देश के विभिन्न प्रांतो से आये खेलो इण्डिया के प्रतिभागियों के भरपूर मनोरंजन के लिए लोक परम्पराओं पर आधारित गीत एवं नृत्य की प्रस्तुति की जा रही है।

कार्यक्रम का संचालन श्री शिवेन्द्र पाण्डेय ने किया। इस मौके पर राकेश श्रीवास्तव, सदस्य, उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी, सुभाष दुबे, राकेश सिंह, काशी नरेश चौबे, शंभू गंगवार, अरविंद सिद्धार्थ, रविंद्र सिंह, प्रमोद गुप्ता, चंदन गुप्ता, राजपति पांडेय, गीता पांडेय व अतुल यादव आदि उपस्थित रहे।

खेलो इंडिया के शुभंकर जीतू ने मचाया रामगढ़ताल पर धमाल, खिलाड़ियों व दर्शकों में मची शुभंकर के साथ फोटो खिंचवाने की होड़

गोरखपुर। खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स उत्तर प्रदेश के शुभंकर 'जीतू' ने रविवार को रोइंग प्रतियोगिता स्थल रामगढ़ताल पर खूब धमाल मचाया। वाटर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स से लेकर रामगढ़ताल की जेट्टी तक जीतू ने गर्व से गौरव वाले अंदाज में चहलकदमी की। इस दौरान देशभर से आए रोइंग के खिलाड़ियों और ताल किनारे जुटे दर्शकों ने शुभंकर जीतू का स्वागत किया, मस्ती की और तस्वीरें खिंचवाईं।

5 मई को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने लखनऊ में आयोजित समारोह में खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स उत्तर प्रदेश के लोगो, जर्सी, एंथम सांग के साथ शुभंकर जीतू को भी लांच किया था। शुभंकर जीतू, उत्तर प्रदेश के राजकीय पशु बारहसिंघा का प्रतिनिधित्व करता है। यह एक अद्भुत स्तनधारी है, जो एक शक्तिशाली शारीरिक बनावट और उल्लेखनीय गति वाला होता है।

यह अपने स्वभाव में कौशल, नीति व धैर्य को प्रदर्शित करता है और अनुग्रह एवं सूक्ष्मता की प्रतिमूर्ति होता है। यह वास्तव में खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स, उत्तर प्रदेश की भावना का प्रतिनिधित्व कर रहा है। यह उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत की शक्ति और प्रचुरता को प्रदर्शित करता है। खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स के आधिकारिक शुभंकर के रूप में, जीतू उत्साह के स्रोत के रूप में काम करते हुए खिलाड़ियों में खेल भावना को बढ़ावा दे रहा है।

रेपचेज मुकाबलों से मिला पदक जीतने का मौका,खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स रोइंग प्रतियोगिता

गोरखपुर। खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स के अंतर्गत रामगढ़ताल में हो रही रोइंग प्रतियोगिता के दूसरे दिन रविवार को 2000 मीटर की दूरी के लिए महिला व पुरुष वर्ग में सिंगल, डबल व क्वाड्रपल श्रेणी के रेपेचेज मुकाबले हुए। रेपेचेज मुकाबले के विजेता खिलाड़ी, शनिवार को हिट मुकाबलों में विजेता रहे खिलाड़ियों के साथ फाइनल में पदक की दौड़ लगाएंगे। 2000 मीटर की दूरी में अलग अलग इवेंट्स के फाइनल सोमवार को होंगे। सभी मुकाबलों के बाद दोपहर में पदक वितरण समारोह भी होगा।

अधिकतम दूरी की रोइंग प्रतियोगिता शनिवार को शुरू हुई। महिला व पुरुष वर्ग की अलग अलग स्पर्धाओं में अव्वल रहे खिलाड़ी कल ही फाइनल में पहुंच गए। शेष खिलाड़ियों को फाइनल में जगह बनाने के लिए रेपचेज का मौका मिला। रेपचेज में जबरदस्त टक्कर हुई। फाइनल में स्थान पक्का करने के लिए सभी ने चप्पुओं को तेज चलाने की यथासंभव कोशिश की।

2000 मीटर दूरी के फाइनल मुकाबले आज

रविवार को हुए रेपचेज मुकाबलों में पुरुष वर्ग सिंगल स्कल रेपेचेज 1 में यशवंत राव चव्हाण महाराष्ट्र ओपेन यूनिवर्सिटी के धनंजय निकम, रेपेचेज 2 में ओस्मानिया यूनिवर्सिटी के आर व्योमराजकुमार पहला स्थान हासिल कर फाइनल में प्रवेश किया। डबल रेपेचेज 2 में पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ के विजय व लोकेश, रेपेचेज 1 में कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी के अंकित व प्रिंस फाइनल में पहुंचे। जबकि डबल स्कल रेपचेज से यूनिवर्सिटी ऑफ मद्रास के अरुण कुमार व गौतम, रेपचेज 2 से ओस्मानिया यूनिवर्सिटी के बी राजेश व के साईगणेश अंतिम मुकाबले में आए। लाइटवेट सिंगल स्कल रेपेचेज 1 में यूनिवर्सिटी ऑफ मद्रास के जेहनथन, रेपचेज 2 में पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ के सिमरनजीत, लाइटवेट डबल स्कल रेपेचेज 1 गुरुनानक देव यूनिवर्सिटी के तरुण व प्रभाकर, रेपचेज 2 में कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी के राहुल व अजय ने पदक के रेस में जगह बनाई।

क्वाड्रपल स्कल रेपचेज 1 सावित्रीबाई फुले यूनिवर्सिटी की टीम (पारस, जे ईश्वर, एस ऋषिकेश, डी नीलेश) रेपचेज 2 में गुरु नानकदेव यूनिवर्सिटी की टीम (तरुण, प्रभाकर, अंकित व नितेश) फाइनल में स्थान बनाने में सफल रही।क्वाड्रपल रेपेचेज 1 में कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी की टीम (श्मे, अंकित, अजय व प्रिंस) रेपेचेज 2 में चंडीगढ़ विश्वविद्यालय मोहाली की टीम (रणजोत, मनिंदर, गुरजोवनजोत व रणबीर) अंतिम मुकाबले को आगे बढ़ी। लाइट वेट कवाड्रल में केरला यूनिवर्सिटी की टीम (अक्षय, आदिनाथ, अरुण व गोकुल) फाइनल में पहुंच गई है।

महिला वर्ग के आज के मुकाबलों में क्वाड्रपल स्कल रेपेचेज 1 में केरला यूनिवर्सिटी की टीम (एलिन मारिया, अधिथ्या, अंसमारिया व अनुपमा) और सावित्रीबाई फुले यूनिवर्सिटी की टीम (टी पूनम, एम राधिका, एम श्वेता व सी कस्तूरी) ने फाइनल में स्थान पक्का किया। डबल वर्ग रेपेचेज 1 में सावित्रीबाई फुले यूनिवर्सिटी की सी भाग्यश्री व बी कोमल, डबल रेपेचेज 2 में केरला यूनिवर्सिटी की देवप्रिया व अरुंधति जीतकर फाइनल में आईं। सिंगल स्कल रेपेचेज 1 में सिस्टर निवेदिता यूनिवर्सिटी की कस्तूरी, रेपचेज 2 में पीईएस यूनिवर्सिटी बैंगलोर की मंशा पदक की दौड़ में आगे बढ़ीं। डबल स्कल रेपचेज 1 में केआईआईटी यूनिवर्सिटी की अरुनप्रीत और अविनाश, रेपचेज 2 केरला यूनिवर्सिटी की ही अंसमारिया व अनुपमा के अंतिम मुकाबले में जगह बनाई। क्वाड्रपल रेपचेज 1 में पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ की टीम (देविका, नेहा, अंजनी व ईशा), रेपचेज 2 में चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी मोहाली की टीम (मनदीप, इंदरप्रीत, गुरलीन व रुपिंदरजीत) फाइनल में पहुंचने में सफल रहीं। जबकि लाइटवेट सिंगल रेपेचेज 1 में ओस्मानिया यूनिवर्सिटी की बी हेमलथा, रेपेचेज 2 में सावित्रीबाई फुले यूनिवर्सिटी की बी अनीता, लाइटवेट डबल स्कल रेपेचेज 1 में केरला यूनिवर्सिटी की आर्या व अनघा भी सोमवार को पदक के लिए नाव दौड़ाएंगी।

कल से 500 मीटर की दूरी के मुकाबले

रोइंग के प्रतियोगिता निदेशक एवं यूपी रोइंग एसोसिएशन के सचिव सुधीर शर्मा के मुताबिक मंगलवार, 30 मई से 500 मीटर की दूरी के लिए पुरुष व महिला वर्ग की अलग अलग स्पर्धाएं होंगी। इसका फाइनल 31 मई को होगा।

यूपी में मिल रहा नर्सिंग सेवा को भरपूर प्रोत्साहन : डॉ आलोक कुमार


गोरखपुर। उत्तर प्रदेश स्टेट मेडिकल फैकल्टी के प्रमुख सचिव डॉ. आलोक कुमार ने कहा कि नर्सिंग सेवा समूचे स्वास्थ्य तंत्र का अपरिहार्य अंग है। इसके बिना स्वास्थ्य सुविधाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन की उम्मीद बेमानी होगी। इसकी महत्ता के कारण ही उत्तर प्रदेश में नर्सिंग सेवाओं को निरंतर व भरपूर प्रोत्साहित किया जा रहा है। नर्सिंग शिक्षा के क्षेत्र में प्रगति को देखकर यह कहा जा सकता है कि आने वाले दिनों में यूपी नर्सिंग शिक्षा का हब बनेगा।

डॉ. आलोक कुमार रविवार को महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय, आरोग्यधाम गोरखपुर के अंतर्गत संचालित गुरु श्री गोरक्षनाथ कॉलेज ऑफ नर्सिंग में 'स्वास्थ्य सेवाओं की नई चुनौतियां एवं नर्सों की भूमिका' विषय पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी के समापन समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार नर्सिंग क्षेत्र को लेकर बेहद संवेदनशील है। प्रयास है कि आवश्यकता के अनुरूप प्रशिक्षित और दक्ष नर्सों की संख्या में कोई कमी न रहे। इस लक्ष्य को पूरा करने में गुरु श्री गोरक्षनाथ कॉलेज ऑफ नर्सिंग भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

डॉ. आलोक कुमार ने राष्ट्रीय संगोष्ठी में प्रस्तुत शोध पत्रों और छात्रों की सराहना की। साथ शिक्षकों से कहा कि नर्सिंग छात्रों को पढ़ाने का तरीका ऐसा हो कि आपको वह याद करें। शोध के लिए उन्हें प्रेरित करें तथा नर्सिंग म्यूजियम में पुराने शोध पत्र भी रखें l उन्होंने शिक्षकों और छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा स्वास्थ्य के क्षेत्र में स्वामी विवेकानंद जी का वाक्य सदैव याद रखना चाहिए, 'उठो जागो और लक्ष्य की प्राप्ति तक रूको मत।' इस अवसर पर उन्होंने मिशन निरामया के अंतर्गत प्लेसमेंट, स्किल डेवलपमेंट तथा रेटिंग कॉलेज के संबंध में भी चर्चा की।

नर्सों को दी जाए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की भी जानकारी : डॉ केवी राजू

विशिष्ट अतिथि मुख्यमंत्री के आर्थिक सलाहकार डॉ. केवी राजू ने राष्ट्रीय संगोष्ठी के महत्व को स्पष्ट करते हुए कहा कि राष्ट्रीय संगोष्ठी में शामिल प्रतिभागियों को पिछले दिनों के अनुभव के आधार पर छह बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। मसलन, अनुसंधान विधियों पर एक कोर्स होना चाहिए। उन्होंने कहा कि शोध पत्रों का उचित मूल्यांकन होना चाहिए। विभिन्न अच्छे संस्थानों को जोड़कर कांफ्रेंस होनी चाहिए। सेमिनार में क्विक लर्निंग आवश्यक है। भारतीय परिप्रेक्ष्य में अनुसंधान कथनों का उपयोग का उल्लेख करना चाहिए।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तथा रोबोट को कैसे हैंडल करें, यह नर्सों को को सिखाया जाए। विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित उत्तर प्रदेश स्टेट मेडिकल फैकल्टी की कंसल्टेंट डॉ नीतू देवी ने कहा कि नर्सिंग में अवसरों की पर्याप्त उपलब्धता है। इस दृष्टि से उत्तर प्रदेश महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। उन्होंने शिक्षकों से अनुरोध किया कि हर नर्सिंग छात्र के सीखने की प्रवृत्ति पर उन्हें व्यक्तिगत ध्यान भी देना होगा ताकि छात्र अपने कौशल में पारंगत हो।

राष्ट्रीय संगोष्ठी के संरक्षक, महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के अध्यक्ष एवं पूर्वांचल विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो यूपी सिंह ने अपने आशीर्वचन में राष्ट्रीय संगोष्ठी के कार्य को सराहा। उन्होंने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में हमेशा से लड़कियां अग्रणी रही हैं। शिक्षा और स्वास्थ्य की समस्याओं से निपटने के लिए इस विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित नर्सिंग कॉलेज, आयुर्वेद कॉलेज, पैरामेडिकल कॉलेज अपनी भूमिका प्रस्तुत कर रहे हैं।

गुरु श्री गोरक्षनाथ कॉलेज ऑफ नर्सिंग में राष्ट्रीय संगोष्ठी का समापन

समापन समारोह में विशिष्ट व्याख्यान देते हुए कार्यक्रम अध्यक्ष एवं सत्र के रिसोर्स पर्सन महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय गोरखपुर के कुलपति मेजर जनरल डॉ अतुल वाजपेयी ने 'ज्ञान और स्वास्थ्य सेवाओं की संवेदना में संतुलन' विषय पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि नर्सों को रोग विचार और बीमारी के बीच संबंध बैठाकर मरीज को ठीक करना होता है। नर्सों के महत्व को स्पष्ट करते हुए उन्होंने प्राचीन साहित्य के दो प्रतीक उद्धरण, हनुमान जी व गणेश जी के प्रसंग से नसों को सीख लेने के लिए प्रेरित किया। सार यह कि नर्सों को मानव धर्म के अनुरूप ध्यान केंद्रीयकरण कर बेहतर श्रोता बनकर त्याग भाव से कार्य करना चाहिए।

इसी क्रम में गुरु गोरक्षनाथ इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (आयुर्वेद कॉलेज) के प्राचार्य डॉ. मंजूनाथ एनएस ने आयुर्वेद में नर्सिंग विषय पर व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा कि नर्स मे अनुरक्ति, दक्षता, बुद्धिमत्ता जैसे गुण विशेष रूप से होने चाहिए। उन्होंने पंचकर्म आदि विधियों में नर्सों की भूमिका पर भी प्रकाश डाला। कार्यक्रम में अतिथियों को कुलसचिव डॉ. प्रदीप कुमार राव तथा नर्सिंग कॉलेज की प्राचार्य डॉ. डीएस अजीथा ने स्मृति चिन्ह तथा पुस्तक भेंट कर सम्मानित किया। धन्यवाद ज्ञापन प्राचार्य डॉ. डीएस अजीथा ने किया।

रविवार को छठवें तकनीकी सत्र की को- चेयरपर्सन डॉ. सारिका सक्सेना, उप प्राचार्य कॉलेज आफ नर्सिंग जीआईएमएस ग्रेटर नोएडा, ने अपने उद्बोधन में कहा कि नर्सों में रोगी के प्रति 'केयर' और 'प्रिवेंशन' का भाव होना चाहिए। उन्होंने बच्चों की देखभाल में नर्सों की भूमिका को बारीकी से समझाया। सत्र में आरोही, अश्विनी पांडेय, कविता, मीरा कुमारी सहित विभिन्न शोधार्थियों ने शोध पत्र का वाचन किया। राष्ट्रीय संगोष्ठी के पोस्टर प्रेजेंटेशन मे प्रथम श्रीया पांडेय, द्वितीय अंजली सिंह के साथ निधि कुमारी, शालिनी तथा कौशांब कुमार को अतिथियों द्वारा पुरस्कृत किया गया l

विभिन्न सत्रों का संचालन श्रीमती आस्था यादव, श्रीमती अंजलि गुप्ता ने तथा स्वागत भाषण शांभवी श्रीवास्तव ने दिया। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से उप प्रबंधक जी.के. मिश्रा, काउंसलर श्रीमती शीलम वाजपेयी, प्रभु एम, कुंवर अभिनव सिंह, राजकिशोर तिवारी, शुभम कुमार मौर्य, सोशन जी, अनामिका जायसवाल, डॉ शिवम कुमार प्रजापति, खुशबू मोदनवाल, सलोनी, आराधना यादव, सत्यभामा, दीक्षा, उज्ज्वल त्रिपाठी, अक्षय, गुंजन सिंह, सोशन डैन, श्रुति कुशवाहा, प्राची यादव, नैना सिंह रिंकी सिंह, आरोही गुंजन सिंह, सत्यभामा, अनामिका जायसवाल, निधि सिंह, डॉ. सुबोध कुमार मिश्रा, डॉ इच्छवाकु प्रताप सिंह, हरकेश यादव, डॉ.अखिलेश डॉ. हनुमान प्रसाद उपाध्याय, विनय कुमार सिंह, डॉ. अभिषेक सिंह, डॉ रमाकांत दुबे, डॉ अनूप पाण्डेय, श्रीकांत मणि त्रिपाठी, ब्रह्मानंद, डॉ संदीप श्रीवास्तव, डॉ अभय प्रताप सिंह, आदित्य प्रजापति, अमरेश चौधरी, संजीव गुप्ता, अनूप चौहान आदि की सक्रिय सहभागिता रही।

आज से घर घर जाएगी टीम, बच्चा छूट गया है तो अवश्य पिलाएं पोलियो की दवा

गोरखपुर। पल्स पोलियो अभियान का जिले में रविवार से आगाज हो गया । पहले दिन जिले में बने 2160 बूथ पर पांच साल तक के बच्चों को दवा पिला कर बूथ दिवस मनाया गया । मुख्य कार्यक्रम का शुभारम्भ महापौर डॉ मंगलेश श्रीवास्तव, सीडीओ संजय कुमार मीणा और सीएमओ डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने जिला महिला अस्पताल में बने बूथ से पौने दो साल के बच्चे श्रियांशु को दवा पिला कर किया । सोमवार से पांच दिनों तक लगातार पल्स पोलियो की टीम घर घर जाकर बच्चों को दवा पिलाएंगी । महापौर, सीडीओ और सीएमओ ने जनपदवासियों से अपील की है कि अगर उनका बच्चा पोलियो की दवा पीने से छूट गया है तो टीम के जाने पर दवा अवश्य पिलवा दें ।

सीएमओ ने अभियान के बारे में बताया कि जिले में 1495 हाउस टू हाउस टीम बनाई गई हैं जो घर घर जाकर बच्चों को दवा पिलाएंगी । इनके अलावा 108 ट्रांजिट टीम और 54 मोबाइल टीम भी दवा पिलाएंगी । जिले के करीब 8.76 लाख घरों के 6.53 लाख बच्चों को दवा पिलाई जानी है । यह अभियान 517 सुपरवाइजर के पर्यवेक्षण में चलेगा। पांच जून को बी टीम चलेगी और छूटे हुए बच्चों को दवा पिलाई जाएगी ।

डॉ दूबे ने बताया कि पोलियो का उन्मूलन देश से हो गया है लेकिन हाल ही में मोजाम्बिक देश में पोलियो के वायरस मिले हैं। पड़ोसी देशों में पहले से इसके वायरस मौजूद हैं। वहां के लोग दवा के प्रति उदासीन भी हैं। अब हर भारतीय नागरिक की जिम्मेदारी बनती है है कि वह अपने बच्चों को दवा अवश्य पिलवाएं। सितम्बर 2022 के बाद यह अभियान गोरखपुर समेत प्रदेश के सिर्फ 50 जिलों में चल रहा है। इसके बाद अभियान अगले साल चलेगा। लोगों को इस अभियान की महत्ता समझनी चाहिए और दवा अवश्य पिलानी चाहिए।

सीएमओ ने कहा कि ईंट भट्ठों के श्रमिकों, मलिन बस्तियों और घूमंतू प्रजाति के लोगों के बच्चों को भी दवा पिलवाने में समाज के प्रबुद्ध लोग योगदान दें क्योंकि यह समूह उच्च जोखिम समूह है । इनका प्रतिरक्षण नितांत आवश्यक है ।

इस मौके पर जिला महिला अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ जय कुमार, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ नंदलाल कुशवाहा, बाल रोग विशेषज्ञ डॉ अजय देवकुलियार, डिप्टी सीएमओ डॉ अनिल सिंह, क्वालिटी मैनेजर डॉ कमलेश, एआरओ अजीत सिंह, मैट्रन सीके वर्मा, हेल्प डेस्क मैनेजर अमरनाथ जायसवाल, स्वास्थ्यकर्मी आदिल फखर, लालमन, नेहा गुप्ता, जसवंत सिंह, पुष्पा, असगरी, डब्ल्यूएचओ के प्रतिनिधि डॉ मुनेंद्र शर्मा, यूनिसेफ के प्रतिनिधि संदीप श्रीवास्तव व डॉ हसन फहीम, यूएनडीपी संस्था के प्रतिनिधि पवन सिंह और सीफार के प्रतिनिधि भी मौके पर मौजूद रहे।

नियमित टीकाकरण में भी है शामिल

सीएमओ ने बताया कि पांच साल तक के बच्चों का सात बार नियमित टीकाकरण आवश्यक है । नियमित टीके के साथ भी पोलियो की खुराक दी जाती है । जिन बच्चों को नियमित टीके के साथ इसकी खुराक मिली है उन्हें भी अभियान के दौरान दवा का सेवन करना है।

जागरूक दादाजी की हुई सराहना

शहर के एमपी इंटर कॉलेज के निकट टीचर्स कॉलोनी के रहने वाले 62 वर्षीय मानिक चंद्र पांडेय अपने छोटे बेटे को दो बच्चों प्रियांशु (3.5) और श्रियांशु (1.4) को लेकर जिला महिला अस्पताल बूथ पर सबसे पहले पहुंच गये । उन्होंने बताया कि अपने दोनों बेटों को भी पोलियो की हर एक खुराक पिलवाई है और अब परिवार के भविष्य को भी प्रतिरक्षित करवा रहे हैं । उन्हें अखबारों के जरिये यह सूचना मिली थी जिला महिला अस्पताल में बूथ लगेगा, इसलिए वह समय से बूथ पर पहुंच सके । पोलियो का टीका पूरी तरह से सुरक्षित और असरदार है । मानिक चंद्र पांडेय की सजगता और सतर्कता की सीएमओ ने भी प्रशंसा की और अभियान की शुरूआत उनके पोते से ही की गयी ।

रोटरी क्लब गोरखपुर मिडटाउन ने बांटा टोपी

स्वयंसेवी संस्था रोटरी क्लब गोरखपुर मिडटाउन ने भीषण गर्मी को देखते हुए पल्स पोलियो की टीम और टीकाकरण करवाने आए हुए बच्चों व उनके अभिभावकों को टोपी वितरित किया । टीम के अध्यक्ष बाल कृष्ण अग्रवाल और सचिव गौरव अग्रवाल की अगुवाई में टीम के नौ सदस्यगण ने मुख्य कार्यक्रम में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई ।