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राजकीय विद्यालयों में हक से सेनेटरी पैड मांगें किशोरियां,विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस पर सीएमओ ने की अपील


गोरखपुर। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने कहा कि चौदह से अठारह वर्ष की आयु वर्ग की प्रत्येक स्कूल जाने वाली किशोरी का अधिकार है कि वह स्कूल से सेनेटरी पैड प्राप्त करे । प्रत्येक किशोरी को एक साल में 72 सेनेटर पैड पाने का अधिकार है । इसकी मांग वह पूरे हक के साथ स्कूल से कर सकती हैं । सभी राजकीय विद्यालयों को जहां किशोरियों की पढ़ाई होती है, स्वास्थ्य विभाग द्वारा सेनेटरी पैड उपलब्ध कराए जाते हैं । यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस के मौके पर दिया।

किशोरियों को इसकी महत्ता के बारे में बताएं: सीएमओ

सीएमओ ने बताया कि सेनेटरी पैड देने के साथ स्कूलों को यह निर्देश है कि किशोरियों को इसकी महत्ता के बारे में बताएं । राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) की टीम जब स्कूल का भ्रमण करती है तो टीम के चिकित्सक भी किशोरियों को पैड के बारे में जागरूक करते हैं । आशा, आंगनबाड़ी और एएनएम के जरिये प्रत्येक माह की आठ तारीख को मनाए जाने वाले किशोरी दिवस के मौके पर मासिक धर्म से जुड़े मिथकों और भ्रांतियों के बारे में जागरूक किया जाता है । शहरी क्षेत्र में स्वयंसेवी संस्था पीएसआई इंडिया के प्रतिनिधियों के सहयोग से मलिन बस्तियों में रहने वाली किशोरियों को मासिक धर्म स्वच्छता के बारे में जानकारी दी जा रही है ।

मासिक धर्म कोई बीमारी नहीं

शाहपुर शहरी स्वास्थ्य केंद्र की चिकित्सक डॉ नीतू मौर्या का कहना है कि मासिक धर्म कोई बीमारी नहीं और न ही इससे कोई महिला या लड़की अशुद्ध हो जाती है । यह शरीर की एक स्वाभाविक प्रक्रिया है जिसमें साफ सफाई का विशेष महत्व है। मासिक धर्म के दौरान प्रत्येक चार घंटे में सेनेटरी पैड को अवश्य बदल देना चाहिए । कपड़ों का इस्तेमाल बिल्कुल नहीं करना है क्योंकि इससे इंफेक्शन का खतरा रहता है । मासिक धर्म के दौरान निजी अंगों की सफाई अवश्य करनी चाहिए । सतर्कता न बरतने से किशोरियां और महिलाएं सर्वाइकल कैंसर, बांझपन, यूरिनरी इंफैक्शन, ल्यूकिरया जैसी बीमारियों से ग्रसित हो सकती हैं ।

13.63 लाख पैड दिये गये

डिप्टी सीएमओ स्टोर डॉ अश्विनी चौरसिया ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में करीब 13.63 लाख सेनेटरी पैड शिक्षा विभाग को दिये गये । इससे पूर्व 2021-22 में 14.73 लाख पैड विभाग के जरिये किशोरियों तक पहुंचाने का प्रयास किया गया ।

बदली है सोच

शहर के एक निजी विद्यालय की बारहवीं की 19 वर्षीय छात्रा अनुष्का यादव का कहना है कि प्राइवेट स्कूल में भी सेनेटरी पैड के इंतजाम होने चाहिए। अभिभावक और छात्राएं पैड के प्रति जागरूक हुए हैं और सोच भी बदली है, लेकिन प्राइवेट स्कूल में पैड का इंतजाम न रहने पर कई बार स्कूल में पीरियड आने पर कपड़ों का इस्तेमाल करना पड़ जाता है । अगर सुविधा उपलब्ध हो तो इसकी आवश्यता नहीं पड़ेगी । अच्छी बात यह है कि मासिक धर्म के बारे में अब खुल कर बात की जा सकती है और प्रत्येक घर में इसके प्रति जागरूकता का वातावरण तैयार हुआ है।

*पूर्वांचल के 'लोक' में खो गए खिलाड़ी,खेलो इण्डिया यूनिवर्सिटी गेम्स के अंतर्गत सांस्कृतिक संध्या का दूसरा दिन*


गोरखपुर । खेलो इण्डिया यूनिवर्सिटी गेम्स की रोइंग प्रतियोगिता के दूसरे दिन की शाम पूर्वांचल के खास नृत्य संस्कृति धोबिया के नाम रही। प्रतियोगिता में देशभर से आए खिलाड़ी इस नृत्य की शैली से अचंभित होकर पूर्वांचल के 'लोक' में खो से गए। आज की यह शाम उनके लिए यादगार हो गई।

रामगढ़ताल नौका विहार, स्थित जेट्टी पर उत्तर प्रदेश संस्कृति विभाग की तरफ से रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति में रविवार शाम आजमगढ़ से पधारे केशव पासवान द्वारा धोबिया लोकनृत्य, प्रयागराज की सुश्री प्रीती सिंह द्वारा ढेढ़िया लोकनृत्य तथा स्थानीय लोक गायक प्रभाकर शुक्ल द्वारा लोकगायन की प्रस्तुति की गयी। सभी कलाकारों ने मेहमान खिलाड़ियों, अतिथियों का भरपूर मनोरंजन कराया। नौका विहार पर आने वाले सैकड़ों दर्शकों ने भी सांस्कृतिक संध्या का आनन्द लिया।

प्रभाकर शुक्ल ने खिलाड़ियों के उत्साह एवं सम्मान में मनमोहक गीत सुनाए। ‘‘उगिहें जबले सुरूज-चंदा....‘‘। ‘‘अपनी है दुनिया आज की ....।‘‘ तथा मेरा रंग दे बसंती चोला.......‘‘। पर सभी झूम उठे। इसके बाद अन्य कलाकारों की धोबिया एवं ढेढ़िया लोकनृत्य की अनोखी प्रस्तुति ने सब पर सम्मोहन सा असर किया।

इस अवसर पर राजकीय बौद्ध संग्रहालय, गोरखपुर के उप निदेशक/क्षेत्रीय सांस्कृतिक केन्द्र के प्रभारी डाॅ मनोज कुमार गौतम ने कहा कि देश के विभिन्न प्रांतो से आये खेलो इण्डिया के प्रतिभागियों के भरपूर मनोरंजन के लिए लोक परम्पराओं पर आधारित गीत एवं नृत्य की प्रस्तुति की जा रही है।

कार्यक्रम का संचालन श्री शिवेन्द्र पाण्डेय ने किया। इस मौके पर राकेश श्रीवास्तव, सदस्य, उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी, सुभाष दुबे, राकेश सिंह, काशी नरेश चौबे, शंभू गंगवार, अरविंद सिद्धार्थ, रविंद्र सिंह, प्रमोद गुप्ता, चंदन गुप्ता, राजपति पांडेय, गीता पांडेय व अतुल यादव आदि उपस्थित रहे।

खेलो इंडिया के शुभंकर जीतू ने मचाया रामगढ़ताल पर धमाल, खिलाड़ियों व दर्शकों में मची शुभंकर के साथ फोटो खिंचवाने की होड़

गोरखपुर। खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स उत्तर प्रदेश के शुभंकर 'जीतू' ने रविवार को रोइंग प्रतियोगिता स्थल रामगढ़ताल पर खूब धमाल मचाया। वाटर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स से लेकर रामगढ़ताल की जेट्टी तक जीतू ने गर्व से गौरव वाले अंदाज में चहलकदमी की। इस दौरान देशभर से आए रोइंग के खिलाड़ियों और ताल किनारे जुटे दर्शकों ने शुभंकर जीतू का स्वागत किया, मस्ती की और तस्वीरें खिंचवाईं।

5 मई को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने लखनऊ में आयोजित समारोह में खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स उत्तर प्रदेश के लोगो, जर्सी, एंथम सांग के साथ शुभंकर जीतू को भी लांच किया था। शुभंकर जीतू, उत्तर प्रदेश के राजकीय पशु बारहसिंघा का प्रतिनिधित्व करता है। यह एक अद्भुत स्तनधारी है, जो एक शक्तिशाली शारीरिक बनावट और उल्लेखनीय गति वाला होता है।

यह अपने स्वभाव में कौशल, नीति व धैर्य को प्रदर्शित करता है और अनुग्रह एवं सूक्ष्मता की प्रतिमूर्ति होता है। यह वास्तव में खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स, उत्तर प्रदेश की भावना का प्रतिनिधित्व कर रहा है। यह उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत की शक्ति और प्रचुरता को प्रदर्शित करता है। खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स के आधिकारिक शुभंकर के रूप में, जीतू उत्साह के स्रोत के रूप में काम करते हुए खिलाड़ियों में खेल भावना को बढ़ावा दे रहा है।

रेपचेज मुकाबलों से मिला पदक जीतने का मौका,खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स रोइंग प्रतियोगिता

गोरखपुर। खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स के अंतर्गत रामगढ़ताल में हो रही रोइंग प्रतियोगिता के दूसरे दिन रविवार को 2000 मीटर की दूरी के लिए महिला व पुरुष वर्ग में सिंगल, डबल व क्वाड्रपल श्रेणी के रेपेचेज मुकाबले हुए। रेपेचेज मुकाबले के विजेता खिलाड़ी, शनिवार को हिट मुकाबलों में विजेता रहे खिलाड़ियों के साथ फाइनल में पदक की दौड़ लगाएंगे। 2000 मीटर की दूरी में अलग अलग इवेंट्स के फाइनल सोमवार को होंगे। सभी मुकाबलों के बाद दोपहर में पदक वितरण समारोह भी होगा।

अधिकतम दूरी की रोइंग प्रतियोगिता शनिवार को शुरू हुई। महिला व पुरुष वर्ग की अलग अलग स्पर्धाओं में अव्वल रहे खिलाड़ी कल ही फाइनल में पहुंच गए। शेष खिलाड़ियों को फाइनल में जगह बनाने के लिए रेपचेज का मौका मिला। रेपचेज में जबरदस्त टक्कर हुई। फाइनल में स्थान पक्का करने के लिए सभी ने चप्पुओं को तेज चलाने की यथासंभव कोशिश की।

2000 मीटर दूरी के फाइनल मुकाबले आज

रविवार को हुए रेपचेज मुकाबलों में पुरुष वर्ग सिंगल स्कल रेपेचेज 1 में यशवंत राव चव्हाण महाराष्ट्र ओपेन यूनिवर्सिटी के धनंजय निकम, रेपेचेज 2 में ओस्मानिया यूनिवर्सिटी के आर व्योमराजकुमार पहला स्थान हासिल कर फाइनल में प्रवेश किया। डबल रेपेचेज 2 में पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ के विजय व लोकेश, रेपेचेज 1 में कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी के अंकित व प्रिंस फाइनल में पहुंचे। जबकि डबल स्कल रेपचेज से यूनिवर्सिटी ऑफ मद्रास के अरुण कुमार व गौतम, रेपचेज 2 से ओस्मानिया यूनिवर्सिटी के बी राजेश व के साईगणेश अंतिम मुकाबले में आए। लाइटवेट सिंगल स्कल रेपेचेज 1 में यूनिवर्सिटी ऑफ मद्रास के जेहनथन, रेपचेज 2 में पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ के सिमरनजीत, लाइटवेट डबल स्कल रेपेचेज 1 गुरुनानक देव यूनिवर्सिटी के तरुण व प्रभाकर, रेपचेज 2 में कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी के राहुल व अजय ने पदक के रेस में जगह बनाई।

क्वाड्रपल स्कल रेपचेज 1 सावित्रीबाई फुले यूनिवर्सिटी की टीम (पारस, जे ईश्वर, एस ऋषिकेश, डी नीलेश) रेपचेज 2 में गुरु नानकदेव यूनिवर्सिटी की टीम (तरुण, प्रभाकर, अंकित व नितेश) फाइनल में स्थान बनाने में सफल रही।क्वाड्रपल रेपेचेज 1 में कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी की टीम (श्मे, अंकित, अजय व प्रिंस) रेपेचेज 2 में चंडीगढ़ विश्वविद्यालय मोहाली की टीम (रणजोत, मनिंदर, गुरजोवनजोत व रणबीर) अंतिम मुकाबले को आगे बढ़ी। लाइट वेट कवाड्रल में केरला यूनिवर्सिटी की टीम (अक्षय, आदिनाथ, अरुण व गोकुल) फाइनल में पहुंच गई है।

महिला वर्ग के आज के मुकाबलों में क्वाड्रपल स्कल रेपेचेज 1 में केरला यूनिवर्सिटी की टीम (एलिन मारिया, अधिथ्या, अंसमारिया व अनुपमा) और सावित्रीबाई फुले यूनिवर्सिटी की टीम (टी पूनम, एम राधिका, एम श्वेता व सी कस्तूरी) ने फाइनल में स्थान पक्का किया। डबल वर्ग रेपेचेज 1 में सावित्रीबाई फुले यूनिवर्सिटी की सी भाग्यश्री व बी कोमल, डबल रेपेचेज 2 में केरला यूनिवर्सिटी की देवप्रिया व अरुंधति जीतकर फाइनल में आईं। सिंगल स्कल रेपेचेज 1 में सिस्टर निवेदिता यूनिवर्सिटी की कस्तूरी, रेपचेज 2 में पीईएस यूनिवर्सिटी बैंगलोर की मंशा पदक की दौड़ में आगे बढ़ीं। डबल स्कल रेपचेज 1 में केआईआईटी यूनिवर्सिटी की अरुनप्रीत और अविनाश, रेपचेज 2 केरला यूनिवर्सिटी की ही अंसमारिया व अनुपमा के अंतिम मुकाबले में जगह बनाई। क्वाड्रपल रेपचेज 1 में पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ की टीम (देविका, नेहा, अंजनी व ईशा), रेपचेज 2 में चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी मोहाली की टीम (मनदीप, इंदरप्रीत, गुरलीन व रुपिंदरजीत) फाइनल में पहुंचने में सफल रहीं। जबकि लाइटवेट सिंगल रेपेचेज 1 में ओस्मानिया यूनिवर्सिटी की बी हेमलथा, रेपेचेज 2 में सावित्रीबाई फुले यूनिवर्सिटी की बी अनीता, लाइटवेट डबल स्कल रेपेचेज 1 में केरला यूनिवर्सिटी की आर्या व अनघा भी सोमवार को पदक के लिए नाव दौड़ाएंगी।

कल से 500 मीटर की दूरी के मुकाबले

रोइंग के प्रतियोगिता निदेशक एवं यूपी रोइंग एसोसिएशन के सचिव सुधीर शर्मा के मुताबिक मंगलवार, 30 मई से 500 मीटर की दूरी के लिए पुरुष व महिला वर्ग की अलग अलग स्पर्धाएं होंगी। इसका फाइनल 31 मई को होगा।

यूपी में मिल रहा नर्सिंग सेवा को भरपूर प्रोत्साहन : डॉ आलोक कुमार


गोरखपुर। उत्तर प्रदेश स्टेट मेडिकल फैकल्टी के प्रमुख सचिव डॉ. आलोक कुमार ने कहा कि नर्सिंग सेवा समूचे स्वास्थ्य तंत्र का अपरिहार्य अंग है। इसके बिना स्वास्थ्य सुविधाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन की उम्मीद बेमानी होगी। इसकी महत्ता के कारण ही उत्तर प्रदेश में नर्सिंग सेवाओं को निरंतर व भरपूर प्रोत्साहित किया जा रहा है। नर्सिंग शिक्षा के क्षेत्र में प्रगति को देखकर यह कहा जा सकता है कि आने वाले दिनों में यूपी नर्सिंग शिक्षा का हब बनेगा।

डॉ. आलोक कुमार रविवार को महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय, आरोग्यधाम गोरखपुर के अंतर्गत संचालित गुरु श्री गोरक्षनाथ कॉलेज ऑफ नर्सिंग में 'स्वास्थ्य सेवाओं की नई चुनौतियां एवं नर्सों की भूमिका' विषय पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी के समापन समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार नर्सिंग क्षेत्र को लेकर बेहद संवेदनशील है। प्रयास है कि आवश्यकता के अनुरूप प्रशिक्षित और दक्ष नर्सों की संख्या में कोई कमी न रहे। इस लक्ष्य को पूरा करने में गुरु श्री गोरक्षनाथ कॉलेज ऑफ नर्सिंग भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

डॉ. आलोक कुमार ने राष्ट्रीय संगोष्ठी में प्रस्तुत शोध पत्रों और छात्रों की सराहना की। साथ शिक्षकों से कहा कि नर्सिंग छात्रों को पढ़ाने का तरीका ऐसा हो कि आपको वह याद करें। शोध के लिए उन्हें प्रेरित करें तथा नर्सिंग म्यूजियम में पुराने शोध पत्र भी रखें l उन्होंने शिक्षकों और छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा स्वास्थ्य के क्षेत्र में स्वामी विवेकानंद जी का वाक्य सदैव याद रखना चाहिए, 'उठो जागो और लक्ष्य की प्राप्ति तक रूको मत।' इस अवसर पर उन्होंने मिशन निरामया के अंतर्गत प्लेसमेंट, स्किल डेवलपमेंट तथा रेटिंग कॉलेज के संबंध में भी चर्चा की।

नर्सों को दी जाए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की भी जानकारी : डॉ केवी राजू

विशिष्ट अतिथि मुख्यमंत्री के आर्थिक सलाहकार डॉ. केवी राजू ने राष्ट्रीय संगोष्ठी के महत्व को स्पष्ट करते हुए कहा कि राष्ट्रीय संगोष्ठी में शामिल प्रतिभागियों को पिछले दिनों के अनुभव के आधार पर छह बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। मसलन, अनुसंधान विधियों पर एक कोर्स होना चाहिए। उन्होंने कहा कि शोध पत्रों का उचित मूल्यांकन होना चाहिए। विभिन्न अच्छे संस्थानों को जोड़कर कांफ्रेंस होनी चाहिए। सेमिनार में क्विक लर्निंग आवश्यक है। भारतीय परिप्रेक्ष्य में अनुसंधान कथनों का उपयोग का उल्लेख करना चाहिए।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तथा रोबोट को कैसे हैंडल करें, यह नर्सों को को सिखाया जाए। विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित उत्तर प्रदेश स्टेट मेडिकल फैकल्टी की कंसल्टेंट डॉ नीतू देवी ने कहा कि नर्सिंग में अवसरों की पर्याप्त उपलब्धता है। इस दृष्टि से उत्तर प्रदेश महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। उन्होंने शिक्षकों से अनुरोध किया कि हर नर्सिंग छात्र के सीखने की प्रवृत्ति पर उन्हें व्यक्तिगत ध्यान भी देना होगा ताकि छात्र अपने कौशल में पारंगत हो।

राष्ट्रीय संगोष्ठी के संरक्षक, महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के अध्यक्ष एवं पूर्वांचल विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो यूपी सिंह ने अपने आशीर्वचन में राष्ट्रीय संगोष्ठी के कार्य को सराहा। उन्होंने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में हमेशा से लड़कियां अग्रणी रही हैं। शिक्षा और स्वास्थ्य की समस्याओं से निपटने के लिए इस विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित नर्सिंग कॉलेज, आयुर्वेद कॉलेज, पैरामेडिकल कॉलेज अपनी भूमिका प्रस्तुत कर रहे हैं।

गुरु श्री गोरक्षनाथ कॉलेज ऑफ नर्सिंग में राष्ट्रीय संगोष्ठी का समापन

समापन समारोह में विशिष्ट व्याख्यान देते हुए कार्यक्रम अध्यक्ष एवं सत्र के रिसोर्स पर्सन महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय गोरखपुर के कुलपति मेजर जनरल डॉ अतुल वाजपेयी ने 'ज्ञान और स्वास्थ्य सेवाओं की संवेदना में संतुलन' विषय पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि नर्सों को रोग विचार और बीमारी के बीच संबंध बैठाकर मरीज को ठीक करना होता है। नर्सों के महत्व को स्पष्ट करते हुए उन्होंने प्राचीन साहित्य के दो प्रतीक उद्धरण, हनुमान जी व गणेश जी के प्रसंग से नसों को सीख लेने के लिए प्रेरित किया। सार यह कि नर्सों को मानव धर्म के अनुरूप ध्यान केंद्रीयकरण कर बेहतर श्रोता बनकर त्याग भाव से कार्य करना चाहिए।

इसी क्रम में गुरु गोरक्षनाथ इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (आयुर्वेद कॉलेज) के प्राचार्य डॉ. मंजूनाथ एनएस ने आयुर्वेद में नर्सिंग विषय पर व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा कि नर्स मे अनुरक्ति, दक्षता, बुद्धिमत्ता जैसे गुण विशेष रूप से होने चाहिए। उन्होंने पंचकर्म आदि विधियों में नर्सों की भूमिका पर भी प्रकाश डाला। कार्यक्रम में अतिथियों को कुलसचिव डॉ. प्रदीप कुमार राव तथा नर्सिंग कॉलेज की प्राचार्य डॉ. डीएस अजीथा ने स्मृति चिन्ह तथा पुस्तक भेंट कर सम्मानित किया। धन्यवाद ज्ञापन प्राचार्य डॉ. डीएस अजीथा ने किया।

रविवार को छठवें तकनीकी सत्र की को- चेयरपर्सन डॉ. सारिका सक्सेना, उप प्राचार्य कॉलेज आफ नर्सिंग जीआईएमएस ग्रेटर नोएडा, ने अपने उद्बोधन में कहा कि नर्सों में रोगी के प्रति 'केयर' और 'प्रिवेंशन' का भाव होना चाहिए। उन्होंने बच्चों की देखभाल में नर्सों की भूमिका को बारीकी से समझाया। सत्र में आरोही, अश्विनी पांडेय, कविता, मीरा कुमारी सहित विभिन्न शोधार्थियों ने शोध पत्र का वाचन किया। राष्ट्रीय संगोष्ठी के पोस्टर प्रेजेंटेशन मे प्रथम श्रीया पांडेय, द्वितीय अंजली सिंह के साथ निधि कुमारी, शालिनी तथा कौशांब कुमार को अतिथियों द्वारा पुरस्कृत किया गया l

विभिन्न सत्रों का संचालन श्रीमती आस्था यादव, श्रीमती अंजलि गुप्ता ने तथा स्वागत भाषण शांभवी श्रीवास्तव ने दिया। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से उप प्रबंधक जी.के. मिश्रा, काउंसलर श्रीमती शीलम वाजपेयी, प्रभु एम, कुंवर अभिनव सिंह, राजकिशोर तिवारी, शुभम कुमार मौर्य, सोशन जी, अनामिका जायसवाल, डॉ शिवम कुमार प्रजापति, खुशबू मोदनवाल, सलोनी, आराधना यादव, सत्यभामा, दीक्षा, उज्ज्वल त्रिपाठी, अक्षय, गुंजन सिंह, सोशन डैन, श्रुति कुशवाहा, प्राची यादव, नैना सिंह रिंकी सिंह, आरोही गुंजन सिंह, सत्यभामा, अनामिका जायसवाल, निधि सिंह, डॉ. सुबोध कुमार मिश्रा, डॉ इच्छवाकु प्रताप सिंह, हरकेश यादव, डॉ.अखिलेश डॉ. हनुमान प्रसाद उपाध्याय, विनय कुमार सिंह, डॉ. अभिषेक सिंह, डॉ रमाकांत दुबे, डॉ अनूप पाण्डेय, श्रीकांत मणि त्रिपाठी, ब्रह्मानंद, डॉ संदीप श्रीवास्तव, डॉ अभय प्रताप सिंह, आदित्य प्रजापति, अमरेश चौधरी, संजीव गुप्ता, अनूप चौहान आदि की सक्रिय सहभागिता रही।

आज से घर घर जाएगी टीम, बच्चा छूट गया है तो अवश्य पिलाएं पोलियो की दवा

गोरखपुर। पल्स पोलियो अभियान का जिले में रविवार से आगाज हो गया । पहले दिन जिले में बने 2160 बूथ पर पांच साल तक के बच्चों को दवा पिला कर बूथ दिवस मनाया गया । मुख्य कार्यक्रम का शुभारम्भ महापौर डॉ मंगलेश श्रीवास्तव, सीडीओ संजय कुमार मीणा और सीएमओ डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने जिला महिला अस्पताल में बने बूथ से पौने दो साल के बच्चे श्रियांशु को दवा पिला कर किया । सोमवार से पांच दिनों तक लगातार पल्स पोलियो की टीम घर घर जाकर बच्चों को दवा पिलाएंगी । महापौर, सीडीओ और सीएमओ ने जनपदवासियों से अपील की है कि अगर उनका बच्चा पोलियो की दवा पीने से छूट गया है तो टीम के जाने पर दवा अवश्य पिलवा दें ।

सीएमओ ने अभियान के बारे में बताया कि जिले में 1495 हाउस टू हाउस टीम बनाई गई हैं जो घर घर जाकर बच्चों को दवा पिलाएंगी । इनके अलावा 108 ट्रांजिट टीम और 54 मोबाइल टीम भी दवा पिलाएंगी । जिले के करीब 8.76 लाख घरों के 6.53 लाख बच्चों को दवा पिलाई जानी है । यह अभियान 517 सुपरवाइजर के पर्यवेक्षण में चलेगा। पांच जून को बी टीम चलेगी और छूटे हुए बच्चों को दवा पिलाई जाएगी ।

डॉ दूबे ने बताया कि पोलियो का उन्मूलन देश से हो गया है लेकिन हाल ही में मोजाम्बिक देश में पोलियो के वायरस मिले हैं। पड़ोसी देशों में पहले से इसके वायरस मौजूद हैं। वहां के लोग दवा के प्रति उदासीन भी हैं। अब हर भारतीय नागरिक की जिम्मेदारी बनती है है कि वह अपने बच्चों को दवा अवश्य पिलवाएं। सितम्बर 2022 के बाद यह अभियान गोरखपुर समेत प्रदेश के सिर्फ 50 जिलों में चल रहा है। इसके बाद अभियान अगले साल चलेगा। लोगों को इस अभियान की महत्ता समझनी चाहिए और दवा अवश्य पिलानी चाहिए।

सीएमओ ने कहा कि ईंट भट्ठों के श्रमिकों, मलिन बस्तियों और घूमंतू प्रजाति के लोगों के बच्चों को भी दवा पिलवाने में समाज के प्रबुद्ध लोग योगदान दें क्योंकि यह समूह उच्च जोखिम समूह है । इनका प्रतिरक्षण नितांत आवश्यक है ।

इस मौके पर जिला महिला अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ जय कुमार, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ नंदलाल कुशवाहा, बाल रोग विशेषज्ञ डॉ अजय देवकुलियार, डिप्टी सीएमओ डॉ अनिल सिंह, क्वालिटी मैनेजर डॉ कमलेश, एआरओ अजीत सिंह, मैट्रन सीके वर्मा, हेल्प डेस्क मैनेजर अमरनाथ जायसवाल, स्वास्थ्यकर्मी आदिल फखर, लालमन, नेहा गुप्ता, जसवंत सिंह, पुष्पा, असगरी, डब्ल्यूएचओ के प्रतिनिधि डॉ मुनेंद्र शर्मा, यूनिसेफ के प्रतिनिधि संदीप श्रीवास्तव व डॉ हसन फहीम, यूएनडीपी संस्था के प्रतिनिधि पवन सिंह और सीफार के प्रतिनिधि भी मौके पर मौजूद रहे।

नियमित टीकाकरण में भी है शामिल

सीएमओ ने बताया कि पांच साल तक के बच्चों का सात बार नियमित टीकाकरण आवश्यक है । नियमित टीके के साथ भी पोलियो की खुराक दी जाती है । जिन बच्चों को नियमित टीके के साथ इसकी खुराक मिली है उन्हें भी अभियान के दौरान दवा का सेवन करना है।

जागरूक दादाजी की हुई सराहना

शहर के एमपी इंटर कॉलेज के निकट टीचर्स कॉलोनी के रहने वाले 62 वर्षीय मानिक चंद्र पांडेय अपने छोटे बेटे को दो बच्चों प्रियांशु (3.5) और श्रियांशु (1.4) को लेकर जिला महिला अस्पताल बूथ पर सबसे पहले पहुंच गये । उन्होंने बताया कि अपने दोनों बेटों को भी पोलियो की हर एक खुराक पिलवाई है और अब परिवार के भविष्य को भी प्रतिरक्षित करवा रहे हैं । उन्हें अखबारों के जरिये यह सूचना मिली थी जिला महिला अस्पताल में बूथ लगेगा, इसलिए वह समय से बूथ पर पहुंच सके । पोलियो का टीका पूरी तरह से सुरक्षित और असरदार है । मानिक चंद्र पांडेय की सजगता और सतर्कता की सीएमओ ने भी प्रशंसा की और अभियान की शुरूआत उनके पोते से ही की गयी ।

रोटरी क्लब गोरखपुर मिडटाउन ने बांटा टोपी

स्वयंसेवी संस्था रोटरी क्लब गोरखपुर मिडटाउन ने भीषण गर्मी को देखते हुए पल्स पोलियो की टीम और टीकाकरण करवाने आए हुए बच्चों व उनके अभिभावकों को टोपी वितरित किया । टीम के अध्यक्ष बाल कृष्ण अग्रवाल और सचिव गौरव अग्रवाल की अगुवाई में टीम के नौ सदस्यगण ने मुख्य कार्यक्रम में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई ।

*सीएम योगी के विजन से खेल क्षेत्र में आगे बढ़ रहा यूपी : श्रीराम*

गोरखपुर। रोइंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (आरएफआई) के महासचिव एम. वी. श्रीराम ने कहा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रो-एक्टिव विजन से उत्तर प्रदेश खेल के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है।

यूपी में खेल और खिलाड़ियों के आगे बढ़ने की असीम संभावनाएं हैं और सीएम योगी उन्हीं संभावनाओं पर कार्ययोजना बनाकर सकारात्मक तरीके से काम कर रहे हैं।

आरएफआई के महासचिव श्रीराम रविवार को गोरखपुर के रामगढ़ताल में चल रही खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स रोइंग प्रतियोगिता का जायजा लेने आए थे। मीडियाकर्मियों से बातचीत में उन्होंने कहा कि रामगढ़ताल वाटर स्पोर्ट्स के लिए एक्सीलेंट वेन्यू है। यहां अंतरराष्ट्रीय स्तर की स्पर्धाओं के लिए काफी स्कोप है। बस जरूरत तनिक टेक्निकल पॉइंट पर फोकस करने की है।

इस काम के लिए सहयोग करने को फेडरेशन हमेशा तत्पर है। ताल समीप यूपी सरकार द्वारा बनवाया गया वाटर स्पोर्ट्स भी सुविधाओं के लिहाज से नायाब है। उन्होंने कहा कि रोइंग प्रतियोगिता के लिए यूपी सरकार और स्थानीय प्रशासन की तरफ से किए गए इंतजाम बेजोड़ हैं। हम तो संतुष्ट हैं ही, हर खिलाड़ी भी निश्चित ही संतुष्ट होगा।

एक सवाल के जवाब में श्रीराम ने कहा कि यूपी में बहुत टेलेंटेड खिलाड़ी हैं। अच्छी बात यह है कि सरकार उनके प्रशिक्षण और सुविधाओं के साथ स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास पर भी पूरी संवेदनशीलता से ध्यान दे रही है। खेल प्रतिभाओं को यहां तराशा जा रहा है। इसका सकारात्मक परिणाम भी आना तय है। रोइंग के क्षेत्र में भी जो कुछ श्रेष्ठ हो सकता है, सरकार वैसा प्रयास कर रही है। रोइंग फेडरेशन ऑफ इंडिया यूपी में रोइंग को आगे बढ़ता देख काफी खुश है।

*खेलो इंडिया में सबके लिए प्रेरणा पुंज बन रहे असम के अन्यतम*


गोरखपुर- पूरे देश से खेल के नगीने चुनना, हर खिलाड़ी को आगे बढ़ने का अवसर और सबकी प्रतिभा का सम्मान। खेलो इंडिया का यही ध्येय है। इसी मूलमंत्र के साथ गोरखपुर में आयोजित खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स रोइंग प्रतियोगिता में असम से आए अन्यतम राजकुमार सबसे सलामी पाने के हकदार बन रहे हैं। रोइंग के इस राजकुमार की दास्तां वाकई सबको प्रेरित करने वाली है। कारण, अन्यतम खिलाड़ियों के इस महाकुंभ में शारीरिक रूप से विशेष (स्पेशल चाइल्ड) होने के बावजूद जोश से लबरेज होकर सामान्य श्रेणी की दोनों रोइंग स्पर्धाओं (2000 मीटर व 500 मीटर) में टक्कर देने आए हैं।

अन्यतम राजकुमार दिव्यांगता की मानसिक मंदित (मेंटली रिटायर्ड) श्रेणी में आते हैं। मस्तिष्क का सामान्य विकास न हो पाने के साथ उन्हें बोलने में भी कुछ परेशानी आती है। वर्तमान में वह असम की कॉटन यूनिवर्सिटी में बीए पांचवें सेमेस्टर के छात्र हैं। अन्यतम की प्रतिभा को विशेषतम कहें तो अतिश्योक्ति नहीं होगी। रोइंग का यह राजकुमार तैराकी की अंतरराष्ट्रीय पैरालम्पिक स्पर्धाओं का भी राजा है। उनके साथ आए पिता द्विपेन राजकुमार ने बताया कि मानसिक रूप से कमजोर होने के साथ शारिरिक रूप से भी काफी कमजोर थे। शारीरिक कमजोरी दूर करने के लिए छह साल की उम्र में उन्हें तैराकी सिखाने के लिए जब पानी में उतारा गया तब उनकी क्षमता परिवार को समझ में आई। द्विपेन के मुताबिक अन्यतम एक माह से भी कम समय में तैराकी में पारंगत हो गए। फिर क्या था पिता ने स्कूलिंग के समानांतर बेटे को तैराकी के क्षेत्र में भी आगे बढ़ाना शुरू कर दिया। राष्ट्रीय स्तर पर कई मेडल जीतने के साथ अन्यतम 2015 में लॉस एंजिलिस में आयोजित वर्ल्ड समर गेम (स्पेशल ओलंपिक) में प्रतिभाग कर भारत के लिए पैरालम्पिक तैराकी का पहला स्वर्ण पदक जीत चुके हैं।

तैराकी के साथ अन्यतम राजकुमार का रुझान रोइंग के क्षेत्र में 2016 से हुआ। 50 प्रतिशत बौद्धिक रूप से दिव्यांग होने के बावजूद बहुत कम समय में उन्होंने राष्ट्रीय और राज्य स्तर की प्रतियोगिताओं में भाग लेना प्रारंभ कर दिया। गत वर्ष ऑस्ट्रेलिया में आयोजित एशिया-प्रशांत स्पेशल गेम्स (मूक बधिर) में प्रतिभाग करते हुए अन्यतम ने 500 मीटर सिंगल स्कल रोइंग में गोल्ड मेडल, 2000 मीटर सिंगल स्कल में ब्रॉन्ज और इसी दूरी की मिक्स्ड डबल में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर भारत का नाम रोशन किया। हमेशा सामान्य नाविकों के साथ अभ्यास करने वाले रोवर अन्यतम राजकुमार पुणे में आयोजित नेशनल रोइंग प्रतियोगिता और चंडीगढ़ में आयोजित विश्वविद्यालयीय प्रतियोगिता में टॉप 8 के स्थान बनाकर खेलो इंडिया के लिए क्वालीफाई किया। वह रोइंग प्रतियोगिता में भाग लेने वाले देश के पहले स्पेशल चाइल्ड हैं। इसके लिए उनका नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी दर्ज हो चुका है।

अन्यतम राजकुमार के पिता द्विपेन का मानना है कि खेलो इंडिया अन्यतम की प्रतिभा को तराशने का शानदार मंच बन रही है। इस मंच के उपयोग से अन्यतम की रोइंग प्रतिभा को नई वैश्विक पहचान मिलेगी। उन्होंने बताया कि यहां रोइंग में प्रतिभाग करने वाले असम से अन्यतम एकमात्र खिलाड़ी हैं। द्विपेन गोरखपुर में हुए स्वागत, देखभाल और प्रतियोगिता के इंतजामों से काफी खुश हैं। उनका कहना है कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शहर में मिले सम्मान को शब्दों में बयां कर पाना मुश्किल है।

*गोरखपुर पहुंचे अखिलेश यादव:कहा-6 साल में कुछ भी नहीं बदला,न सड़कें ठीक हुई न ही नालियां*


गोरखपुर- समाजवादी पार्टी के मुखिया और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा, 6 साल में गोरखपुर में कुछ भी नहीं बदला। न यहां की सड़कें ठीक हुई और न ही नालियां। आज भी यहां की पब्लिक को बारिश के दिनों में जलभराव झेलना पड़ता तो सड़कों पर निकलने पर ट्रैफिक। भाजपा पुलिस और प्रशासन के बल पर चुनाव तो जीत सकती है लेकिन, विकास नहीं कर सकती। भाजपा सिर्फ जनता से झूठ बोलती हैं और अपने तमाम झूठ को छिपाने के लिए भाजपा अब नए इवेंट चला रही है। 

आजम खान को फंसा रहे सरकार और अधिकारी

अखिलेश यादव शनिवार को गोरखपुर पहुंचे। यहां उन्होंने पूर्व मंत्री पंडित हरिशंकर तिवारी और पूर्व विधायक शारदा देवी के पति स्व. रामलखन पासवान को श्रद्धाजंलि अर्पित की। इससे पहले अखिलेश मीडिया से मुखातिब थे। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भाजपा सरकार पर जमकर हमला बोला। कहा, सरकार और अधिकारी मिलकर आजम खान को फंसा रहे हैं। 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर उन्होंने कहा कि जो गठबंधन है, वह आगे भी जारी रहेगा। उत्तर प्रदेश में 80 लोकसभा सीटें हराने का संकल्प समाजवादी पार्टी पूरा करेगी। 

जन-जन के नेता रहे हरिशंकर तिवारी

अखिलेश यादव ने कहा, दिवंगत हरिशंकर तिवारी जन- जन के नेता रहे हैं। उस समय लोग संघर्ष करके राजनीति करते थे। आजादी के बाद जो नए तरीके की राजनीति शुरू हुई। जहां जनता को लेकर संघर्ष करना, उसके साथ चलने और न्याय के लिए खड़ा रहने वाले उस पीढ़ी के नेता रहे हैं. वे कई बार मंत्री रहे। कई पार्टियों के साथ उन्होंने काम किया है। उनकी एक अपनी छवि रही है। उस छवि को बनाने के लिए उन्हें कई दशकों संघर्ष करना पड़ा।

दोनों नेताओं के घर पहुंचे अखिलेश

अलिखेश यादव सबसे पहले मालवीव नगर स्थित पूर्व विधायक शारदा देवी के घर पहुंचे। यहां उन्होंने उनके दिवंगत पति रामलखन पासवान को श्रद्धाजंलि अर्पित की। साथ ही परिवार के लोगों से मिलकर अपनी संवदेनाएं व्यक्त करते हुए ढांढस बंधावाया। उन्होंने कहा, शारदा देवी हमेशा जनता के लिए लड़ाई लड़ती रहीं। चाहे सरकार रही हो या नहीं, लेकिन वे हमेशा जनता के लिए संघर्ष करती हुई नजर आई। पूर्व मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा कि "लोकतंत्र में जो जनता से झूठ बोले और झूठ को छुपाने के लिए नए नए इवेंट करें, उनके सवालों पर क्या बोलना। ना किसान की आय दोगुनी हुई, जो नौकरी रोजगार मिलना था वह ना दे पाए, महंगाई बढ़ा दी।""अधिकारियों के माध्यम से परिणाम को अपने पक्ष में किया गया, जहां इन्हें जिताना था वहां काउंटिंग करते रहे, पुलिस लगाते रहे। क्या गोरखपुर का कूड़ा खत्म हो गया? क्या नाले साफ हो गए? क्या मेट्रो बन गई? मुझे उम्मीद है आने वाले चुनाव में जनता इनको एक बार फिर सबक सिखाने का काम करेगी।"

यहां से अखिलेश यादव सीधा बड़हलगंज के टांडा स्थित स्थित पूर्व मंत्री स्व. हरिशंकर तिवारी के गांव पहुंचे। उन्होंने पूर्व मंत्री के बेटे और सपा के राष्ट्रीय सचिव विनय शंकर तिवारी और बड़े बेटे और पूर्व सांसद कुशल तिवारी व पूर्व सभापति गणेश शंकर पांडेय से मुलाकात कर अपनी संवदेनाएं व्यक्त की। साथ ही सपा ​मुखिया ने पूर्व मंत्री के चित्र पर पुष्पाजंलि कर उन्हें श्रद्धाजंलि अर्पित की।गोरखपुर में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने केंद्र और राज्य की बीजेपी

सरकार पर हमला बोला. सपा अध्यक्ष ने कहा, 'नया संसद भवन बनने से जरूरी है कि लोकतांत्रिक परंपराओं को निभाया जाए. जो विपक्ष का सम्मान नहीं करते, तो उनके समारोह में क्या जाना. इस उद्घाटन से जनता को कोई खुशी नहीं होगी.पूर्व मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरते हुए कहा कि मोदी सरकार और उनके कुछ नेता लोकतांत्रिक परंपराओं और संस्कार से बाहर जाकर बयान दे रहे हैं. यह स्वस्थ परम्परा का‌ रूप नहीं है. वो नफरत की राजनीति कर रहे हैं. जो जनता से झूठ बोले और झूठ को छिपाने के लिए नया इवेंट करें. इस दौरान अखिलेश ने नगर निकाय चुनाव को लेकर भी सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि अधिकारियों और पुलिस को लगाकर सरकार और बीजेपी के लोगों ने अपने लोगों को

जिताया. जनता आने वाले चुनाव में इन्हें सबक सिखाएगी.उन्होंने कहा कि गोरखपुर की जनता सब देख रही है. भाजपा नेताओं ने जो भी वादे चुनाव में किये, वह आज तक पूरे नहीं हुए. न कूड़ा साफ हुआ न नाले बने. मेट्रो की बात तो जनता सब देख रही है. आजम खान को फंसाया गया. सरकार और अधिकारी मिलकर उन्हें फंसा रहे हैं. वहीं, रालोद से गठबंधन के सवाल पर अखिलेश यादव ने कहा कि उनका जो गठबंधन है. वह आगे भी वह कायम रहेगा. यूपी की 80 में से 80 लोक सभा सीटें हराने का संकल्प समाजवादी पार्टी पुरा करेगी. अखिलेश यादव ने प्रदेश सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री और बाहुबली नेता पंडित हरिशंकर तिवारी के बारे में कहा कि उन्होंने देश की आजादी के बाद राजनीति में नए तरह के परिवर्तन और संघर्ष को सामने लाया था. हर लोगों के दुख सुख में खड़े रहने वाले वह नेता थे. न्याय के लिए लड़ने वाले नेता थे. उन्होंने अपनी जो छवि बनाई उसकें लिए उन्हें 40 - 50 साल का समय लगा.

*रविवार को भी खुले रहेंगे स्कूल, पांच वर्ष तक के बच्चों को पिलाएं पल्स पोलियो की दवा*


गोरखपुर। इस रविवार को सरकारी विद्यालय सुबह आठ बजे से सायं चार बजे तक खुले रहेंगे। इस दिन पूरे जिले में पल्स पोलियो अभियान के तहत 2159 बूथ पर पांच साल तक के बच्चों को पोलियो की दवा पिलाई जाएगी । स्कूलों को खोलने का निर्देश मुख्य विकास अधिकारी संजय कुमार मीणा के स्तर से जिला विद्यालय निरीक्षक और बेसिक शिक्षा अधिकारी को दिया गया है ।

जिला कार्यक्रम अधिकारी को निर्देश है कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अधिकाधिक बच्चों को बूथ दिवस पर ही पोलियो की दवा पिलवाने में योगदान दें। निकटतम बूथ की जानकारी के लिए आशा कार्यकर्ता से सम्पर्क कर सकते हैं । यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने दी ।

सीएमओ ने बताया कि सीडीओ के स्तर से पत्र जारी कर स्कूल खोलने को कहा गया है । स्वास्थ्य विभाग ने अभियान की तैयारी पूरी कर ली है । मुख्य कार्यक्रम का उद्घाटन जिला महिला अस्पताल में बने बूथ से होगा । इस बार प्रयास है कि 6.53 लाख बच्चों को दवा पिलाने के लक्ष्य के सापेक्ष ज्यादातर बच्चों को बूथ पर ही दवा पिला दिया जाए । इस कार्य में सामुदायिक सहभागिता आवश्यक है ।

भारत से तो पोलियो का उन्मूलन हो गया है लेकिन पाकिस्तान, अफगानिस्तान जैसे पड़ोसी देशों में अभी भी इसके वायरस मौजूद हैं । वैश्वीकरण के इस युग में वायरस एक स्थान से दूसरे स्थान तक कभी भी जा सकते हैं, इसलिए बड़ी संख्या में लोगों का इस वायरस के प्रति सुरक्षित होना नितांत आवश्यक है ।

डॉ दूबे ने बताया कि प्रतिरक्षण के लिए अब एक ही मौका है, क्योंकि यह अभियान साल में एक बार ही चलना है। इस साल का अभियान मई माह से शुरू हो रहा है । जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ नंदलाल कुशवाहा और एआरओ अजीत सिंह समेत डब्ल्यूएचओ, यूनिसेफ, यूएनडीपी और सीफार संस्थाएं अभियान को सफल बनाने में सहयोग दे रही हैं ।

उन्होंने जनपदवासियों से अपील की कि पल्स पोलियो का सरकारी अस्पताल का टीका सुरक्षित और असरदार है । यह टीका कोल्ड चेन में रखा जाता है और जिले के अस्सी फीसदी कोल्ड चेन ए श्रेणी के हैं और सभी कोल्ड चेन की ऑनलाइन 24 घंटे निगरानी की जाती है ।

एक दूसरे को करें प्रेरित

सीएमओ ने कहा है कि सभी बच्चों का पल्स पोलियो के प्रति प्रतिरक्षण तभी होगा जबकि लोग एक दूसरे को प्रेरित करें कि वह अपने पाल्यों को बूथ पर ले जाकर ही ड्रॉप पिलवा दें । दवा पिलवाने के लिए टीम के घर आने का इंतजार न करें, क्योंकि कई बार टीम के जाने पर बच्चे ही नहीं मिल पाते हैं या कोई अभिभावक नहीं रहता है और बच्चा छूट जाता है ।