*एसएमएस और क्यू आर कोड दिखा कर अल्ट्रासाउंड की सुविधा प्राप्त कर रहीं गर्भवती*
गोरखपुर।जिले के सरकारी स्वास्थ्य इकाइयों पर प्रसव पूर्व जांच करवाने वाली गर्भवती को सिर्फ एसएमएस और क्यू आर कोड दिखा कर अल्ट्रासाउंड की सुविधा निजी केंद्रों पर भी मिलने लगी है । पिछले तीन माह के भीतर 886 गर्भवती ने ई-रुपये बाउचर के जरिये यह सेवा प्राप्त की है ।
सुविधा का लाभ महीने की पहली, नौ, सोलह और चौबीस तारीख को दी जा रही है । चिकित्सक की सलाह पर ही यह बाउचर जेनरेट कर एसएमएस या क्यू आर कोड गर्भवती को दी जाती है ।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने बताया कि प्रसव पूर्व जांच में अल्ट्रासाउंड की अहम भूमिका होती है । जिले में जिन स्वास्थ्य इकाइयों पर अल्ट्रसाउंड की सुविधा नहीं है उनके नजदीक के निजी केंद्र को सम्बद्ध कर गर्भवती को सरकारी प्रावधानों के अनुसार अल्ट्रसाउंड की सुविधा दिलायी जा रही है । माह के नौ तारीख को मनाए जाने वाले प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस के तहत सीएचसी और पीएचसी दोनों इकाइयों पर आने वाली गर्भवती को आवश्यकतानुसार यह बाउचर दिया जाता है, जबकि एक, सोलह और 24 तारीख को सिर्फ सीएचसी और जिला महिला अस्पताल पर आने वाली गर्भवती को यह बाउचर अल्ट्रासाउंड के लिए दिये जाते हैं।
अल्ट्रासाउंड के जरिये गर्भ में बच्चे की स्थिति और उसके विकास की स्थिति पता चल जाती है । यह सेवा जच्चा बच्चा मृत्यु दर को कम करने में मददगार है ।
कैम्पियरगंज ब्लॉक के चौमुखा गांव की निवासी रुक्मिणी (28) गर्भवती हैं । वह कैम्पियरगंज सीएचसी से सेवा ले रही हैं । वह बताती हैं कि जब इससे पहले बच्ची हुई थी तो सुविधा न होने के कारण उन्होंने बाहर से पैसे देकर अल्ट्रासाउंड कराया था । पति चाय की दुकान चलाते हैं, ऐसे में निजी अस्पताल में प्रसव भी काफी महंगा पड़ा था । इस बार आशा कार्यकर्ता सीमा के लगातार प्रेरित करने के कारण उन्होंने सीएचसी पर ही प्रसव का निर्णय लिया है ।
रुक्मिणी ने बताया कि पेट में हल्का दर्द होने पर उन्होंने आशा कार्यकर्ता को बताया तो वह उन्हें लेकर सीएचसी गयीं। वहां पर चिकित्सक ने अल्ट्रसाउंड कराने की सलाह दी । उन्हें मोबाइल नम्बर पर एक मैसेज दिया गया जिसे उन्होंने सीएचसी क्षेत्र में स्थित निजी अस्पताल अम्बे हॉस्पिटल पर दिखाया । वहां पर मैसेज दिखाने पर ही अल्ट्रासाउंड कर दिया गया और पैसे नहीं देने पड़े ।
तुरंत खाते में आ जाते हैं पैसे
ई-रुपये बाउचर से अल्ट्रसाउंड की सेवा प्रदान कर रहे निजी अस्पताल के संचालक मन्नालाल (69) का कहना है कि वह मरीजों को सेवा प्रदान करते हैं और जैसे ही क्यू आर कोड स्कैन करते हैं या फिर एसएमएस के जरिये सिस्टम को अप्रोच करते हैं, पैसे उनके खाते में आ जाते हैं । इस कार्य में बीपीएम मो अकीब तकनीकी सहयोग देते हैं। प्रति माह करीब 20 से 22 महिलाएं अकेले उनके केंद्र से इस सेवा का लाभ ले रही हैं ।
ऐसे जेनरेट होता है बाउचर
जिला मातृत्व स्वास्थ्य परामर्शदाता डॉ सूर्य प्रकाश ने बताया कि एसीएमओ आरसीएच डॉ नंद कुमार और जिला कार्यक्रम प्रबन्धक पंकज आनंद के दिशा निर्देशन में इस समय 10 निजी केंद्र जिले में यह सेवा दे रहे हैं । सीएचसी और पीएचसी आने वाली गर्भवती को चिकित्सक जब अल्ट्रासाउंड की सलाह देते हैं तो वहां के ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजर द्वारा डॉ सूर्य प्रकाश को सूचना दी जाती है और जिला स्तर से ही एक से डेढ़ घंटे में ई-रुपये बाउचर जेनरेट कर लाभार्थी को दिया जाता है। स्मार्ट फोन वाले लाभार्थी के पास क्यू आर कोड चला जाता है, जबकि सामान्य फोन वाले लाभार्थी को एसएमएस भेजा जाता है ।
May 09 2023, 17:21