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जम्मू-कश्मीर के रजौरी में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में दो जवान शहीद, एक अधिकारी समेत 4 जवान घायल

#jammu_kashmir_encounter_in_rajouri

जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में शुक्रवार सुबह सुरक्षाबलों की आतंकियों से मुठभेड़ हो गई, जिसमें दो जवान शहीद हो गए।वहीं, एक अधिकारी समेत 4 जवान घायल हुए हैं।जानकारी के मुताबिक यहां 2-3 आतंकियों के छिपे होने की जानकारी मिली थी। जिसके बाद सुरक्षाबलों ने तलाश अभियान शुरू किया। जिसमें मुठभेड़ शुरू हो गई। इस मुठभेड़ में दो जवान शहीद हो गए हैं।

इस घटना के बारे में सेना ने बयान जारी कर बताया कि एनकाउंटर के दौरान दो जवान शहीद हो गए हैं। जबकि, एक अधिकारी समेत चार घायल हैं। आतंकियों के भी ढेर होने की संभावना है। वहीं घायल जवानों को कमांड अस्पताल उधमपुर ले जाया गया है। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इंटरनेट सेवाओं को फिलहाल बंद कर दिया गया है।

एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस, सेना और सीआरपीएफ की एक संयुक्त टीम ने क्षेत्र में आतंकवादियों की मौजूदगी के बारे में विशेष सूचना पर तलाशी अभियान चलाया। इस दौरान जैसे ही संयुक्त टीमें संदिग्ध स्थान पर पहुंचीं, छिपे हुए आतंकवादियों ने उन पर गोलीबारी शुरू कर दी, जवाबी कार्रवाई करते हुए मुठभेड़ शुरू हो गई। पीटीआई ने सेना की उत्तरी कमांड के हवाले से बताया कि ऑपरेशन के दौरान आतंकियों ने एक ब्लास्ट किया जिसमें दो जवान मारे गए जबकि चार घायल हो गए।

जम्मू-कश्मीर में तीन दिनों में ये तीसरी मुठभेड़ है।इससे पहले गुरुवार को बारामूला में मुठभेड़ हुई थी जिसमें दो आतंकियों को ढेर कर दिया गया था। इन आतंकियों के पास से एके 47 राइफल के अलावा भारी संख्या में गोला बारूद और हथियार बरामद किए गए थे। पुलिस ने इस बारे में जानकारी दी थी कि ये आतंकी स्थानीय थे और प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर से जुड़े हुए थे। दोनों की पहचान शोपियां के शाकिर माजिद नजर और हनन अहमद सेह के तौर पर हुई है। दोनों इस साल मार्च में ही आतंकी गतिविधियों में शामिल हुए थे।

इससे पहले बुधवार को कुपवाड़ा का माछिल सेक्टर में भी घुसपैठ की कोशिश नाकाम की गई थी और दो आतंकियों को मार गिराया गया था।

एससीओ समिट में बिलावल भुट्टो को जयशंकर ने दूर से किया नमस्ते, सीमापार से आतंकवाद पर सुनाई खरी-खरी

#foreign_ministers_of_india_and_pakistan_came_face_to_face_in_sco

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्‍तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो का एससीओ बैठक में दूर से ही नमस्‍ते कहकर स्वागत किया। एस जयशंकर ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो से एससीओ समिट के दौरान हाथ नहीं मिलाया। इसके जवाब में बिलावल भुट्टो को भी नमस्ते ही करना पड़ा। वहीं, एस जयशंकर ने एससीओ के विदेश मंत्रियों की बैठक में पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी के सामने आतंकवाद का मुद्दा उठाया। जयशंकर ने पाकिस्तान, चीन समेत सभी सदस्य देशों के सामने साफ शब्दों में कहा कि भारत सीमा पर आतंकवाद बर्दाश्त नहीं करेगा।जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद को हराना है तो टेरर फंडिंग पर रोक लगानी जरूरी है।

आतंकवाद किसी सूरत में जायज नहीं-जयशंकर

बता दें कि इस साल भारत एससीओ की अध्यक्षता कर रहा है। बैठक से पहले भारत के विदेश मंत्री ने एससीओ के मंच से संबोधित किया, जिसमें आतंकवाद का मुद्दा प्रमुखता से उठाया। जयशंकर ने कहा, आतंकवाद को किसी सूरत में जायज नहीं ठहराया जा सकता। आतंकवाद को हर स्वरूप में खत्म करना चाहिए। 

 

आतंकवाद और बातचीत साथ-साथ नहीं हो सकती-जयशंकर

एस जयशंकर ने पाकिस्तान को एससीओ सम्मेलन में खरी-खरी सुनाते हुए कहा कि सीमा पार से आतंकवाद और बातचीत साथ-साथ नहीं हो सकती। इस दौरान एससीओ देशों के सामने भारत ने पाकिस्तान को होने वाली टेरर फंडिंग पर भी गंभीर सवाल उठाए।

बता दें कि बिलावल भुट्टो-जरदारी शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के एक सम्मेलन में भाग लेने के लिए बृहस्पतिवार को गोवा पहुंचे और इसके साथ ही वह करीब 12 साल में भारत की यात्रा करने वाले पाकिस्तान के पहले विदेश मंत्री बन गए। यह 2011 के बाद से पड़ोसी देश पाकिस्तान से भारत में पहली ऐसी उच्च स्तरीय यात्रा है। बिलावल 2011 के बाद से भारत की यात्रा करने वाले पाकिस्तान के पहले विदेश मंत्री हैं। उनसे पहले हिना रब्बानी खार ने 2011 में शांति वार्ता के लिए पाकिस्तान की विदेश मंत्री के रूप में भारत की यात्रा की थी। खार फिलहाल विदेश राज्य मंत्री की जिम्मेदारी संभाल रही हैं। वहीं, मई 2014 में पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने के लिए भारत आए थे। इसके बाद दिसंबर 2015 में तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान का दौरा किया था। उसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पड़ोसी देश की संक्षिप्त यात्रा पर गए थे।

एससीओ की बैठक में बोले चीनी विदेश मंत्री-भारत-चीन सीमा पर हालात स्थिर, इसे बनाए रखना जरूरी

#chinese_fm_qin_to_jaishankar_said_india_china_border_stable

शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों की बैठक में शामिल होने के लिए चीन के विदेश मंत्री किन गैंग भारत के गोवा में आए हुए हैं। इस दौरान विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने गुरुवार को चीन के अपने समकक्ष किन गांग से मुलाकात की।इस दौरान चीनी विदेश मंत्री किन गांग ने दोहराया कि भारत-चीन सीमा पर स्थिति आम तौर पर स्थिर है और दोनों पक्षों को संबंध को मजबूत करना चाहिए और स्थायी शांति के लिए शर्तों को और ठंडा करने और आसान बनाने पर जोर देते हुए प्रासंगिक समझौतों का कड़ाई से पालन करना चाहिए।

शुक्रवार को हुई कांग-जयशंकर वार्ता पर यहां जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि कांग ने कहा कि दोनों पक्षों को दोनों देशों के नेताओं के बीच बनी महत्वपूर्ण सहमति को लागू करते रहना चाहिए, मौजूदा प्रयासों को मजबूत करना चाहिए, प्रासंगिक समझौतों का सख्ती से पालन करना चाहिए, सीमा की स्थिति को और सहज एवं सरल करने पर जोर देना चाहिए तथा सीमाई इलाकों में स्थायी शांति एवं स्थिरता बनाए रखनी चाहिए।

वार्ता के बाद एक ट्वीट में जयशंकर ने कहा कि शेष मुद्दों को हल करने और सीमा पर शांति सुनिश्चित करने पर हमारा ध्यान है। उन्होंने कहा कि हमारे द्विपक्षीय संबंधों पर स्टेट काउंसलर और चीन के विदेश मंत्री किन गैंग के साथ विस्तृत चर्चा हुई है। साथ ही एससीओ, जी20 और ब्रिक्स (ब्राजील-रूस-भारत-चीन-दक्षिण अफ्रीका) से जुड़े मुद्दों पर भी चर्चा हुई।

सिडनी में एक बार फिर मंदिर पर हमला, स्वामीनारायण मंदिर में तोड़फोड़, लिखे भारत विरोधी आपत्तिजनक नारे

#temple_attack_baps_swaminarayan_temple_vandalised_in_sydney

ऑस्ट्रेलिया में खालिस्तान समर्थकों का मंदिरों पर हमला रुक नहीं रहा है। शुक्रवार सुबह पश्चिमी सिडनी के रोजहिल उपनगर के बाप्स स्वामीनारायण मंदिर पर खालिस्तान समर्थकों ने हमला कर दिया। स्वामीनारायण मंदिर में तोड़फोड़ की। और बात यहीं नहीं रुकी खालिस्तान समर्थकों ने मंदिर के गेट पर खालिस्तान का झंडा लटका कर अपना विरोध जताया। 

ऑस्ट्रेलिया मीडिया ने बताया कि, ऑस्ट्रेलिया में पश्चिमी सिडनी के रोजहिल उपनगर के बीएपीएस स्वामीनारायण मंदिर में खालिस्तान समर्थकों ने तोड़फोड़ की है। जब मंदिर प्रबंधन शुक्रवार को पूजा करने के लिए पहुंचा तो देखा की मंदिर की दीवार टूटी थी। और गेट पर खलिस्तान का झंडा लटका हुआ था।

मंदिर प्रशासन ने स्थानीय समय के मुताबिक सुबह 7 बजे मंदिर में हुई तोड़फोड़ की जानकारी पुलिस को दी। घटना की जानकारी मिलते ही न्यू साउथ वेल्स के पुलिस अधिकारी मंदिर पहुंचे और उन्होंने सीसीटीवी को खंगालना शुरू कर दिया। मंदिर प्रशासन ने खुद सीसीटीवी फुटेज को पुलिस को मुहैया कराया है, ताकि जांच में तेजी लाई जा सके।

इससे पहले भी कई बार ऑस्ट्रेलिया में मंदिरों को निशाना बनाया जा चुका है। इससे पहले मेलबर्न में भी एक हिंदू मंदिर को खालिस्तानियों ने निशाना बनाया था। मेलबर्न में बाप्स स्वामीनारायण मंदिर में तोड़फोड़ की घटना सामने आई थी। 12 जनवरी की सुबह मेलबर्न के उत्तरी उपनगर मिल पार्क में बाप्स स्वामीनारायण मंदिर पर खालिस्तान समर्थकों ने तोड़फोड़ की थी। साथ ही मंदिर की दीवारों पर विरोधी नारे भी लिखे गए। मंदिर की दीवारों पर लिखे नारे में खालिस्तान समर्थकों ने आतंकवादी जरनैल सिंह भिंडरांवाले को 'शहीद' बताया और उसकी प्रशंसा भी की थी।

मणिपुर में हिंसा के बीच भाजपा विधायक पर हमला, गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती

#manipur_violence_bjp_mla_vungzagin_valte_attacked

मणिपुर में मेइती समुदाय को एससी श्रेणी में शामिल कराने की मांग के विरोध में हुई रैली के बाद हिंसा भड़क गई।इस बीच भीड़ ने बीजेपी विधायक वुंगजागिन वाल्टे पर गुरुवार को इंफाल में हमला किया। ये हमला तब हुआ, जब वह मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह से मुलाकात कर प्रदेश के सचिवालय से लौट रहे थे।फिलहाल वाल्टे का अस्पताल में इलाज चल रहा है। उनकी हालत गंभीर है।

हमला राजधानी इंफाल में हुआ। फिरजावल जिले के थानलॉन से तीन बार के विधायक वाल्टे उस वक्त इंफाल में अपने सरकारी आवास जा रहे थे। इसी दौरान भीड़ ने उनपर हमला किया। भीड़ ने इस दौरान विधायक के ड्राइवर पर हमला बोल दिया। इस दौरान विधायक का पीएसओ वहां से बच निकलने में सफल रहा। बता दें कि विधायक की हालत गंभीर बताई जा रही है। वहीं विधायक का इलाज इंफाल रिम्स में चल रहा है। बता दें कि वाल्टे कुकी समुदाय से हैं। वह पिछली बीजेपी सरकार में मणिपुर के जनजातीय मामलों और पहाड़ी मंत्री थे।

कैसे शुरू हुई हिंसा?

राज्य में आदिवासियों और बहुसंख्यक मेइती समुदाय के बीच हिंसा भड़की हुई है। शुरुआत 3 मई को हुई। इस दिन मणिपुर के छात्र संगठन ‘ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ मणिपुर’ ने आदिवासी एकता मार्च निकाला। ये मार्च मेतेई समुदाय को एसटी कैटेगरी में शामिल करने की मांग के खिलाफ था। मार्च का आयोजन चुराचांदपुर जिले के तोरबंग इलाके में हुआ था। इस रैली में कई हजार प्रदर्शनकारी शामिल हुए थे। मार्च के दौरान ही तोरबंग में आदिवासियों और गैर-आदिवासियों के बीच हिंसा शुरू हो गई। पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे। तोरबंग में कई दुकानों और घरों में तोड़फोड़ की गई और आग लगा दी गई।जब हिंसा नहीं रुकी तो मणिपुर सरकार ने 3 मई की रात को सेना और सशस्त्र बलों की मदद मांगी।दंगों को रोकने के लिए सेना और असम राइफल्स के 55 कॉलम तैनात किए गए।

मणिपुर में हालात तनावपूर्ण, ट्रेनों की आवाजाही पर रोक, सेना सतर्क

#manipur_violence_indian_army_alert 

मणिपुर हिंसा की आग में झुलस रहा है।मणिपुर हाईकोर्ट के आदेश के बाद फूटा आक्रोश आग बनकर सड़कों पर दहक रहा है।बुधवार को भड़की हिंसा के बाद स्थिति लगातार तनावपूर्ण बनी हुई है। सोशल मीडिया पर हिंसा की कई तस्वीरें और वीडियो शेयर किए गए हैं। इस बीच मणिपुर हिंसा से जुड़ी फर्जी खबरों को लेकर भी भारतीय सेना अलर्ट नजर आ रही है।इधर, हिंसा को देखते हुए सरकार ने बड़ा आदेश जारी किया है. उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने का आदेश दिया गया है।वहीं, अब पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे ने मणिपुर जाने वाली ट्रेनों को रोक दिया है। 

हालात सही नहीं होने तक ट्रेने मणिपुर में प्रवेश नहीं करेगी

पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे ने मणिपुर सरकार की सलाह पर ट्रेनों की आवाजाही पर रोक लगाने का निर्णय लिया है। एनएफ रेलवे के सीपीआरओ सब्यसाची डे के अनुसार, हालात जबतक सही नहीं हो जाते हैं, तब तक कोई ट्रेन मणिपुर में प्रवेश नहीं करेगी। वहीं, भारतीय रेलवे ने बताया कि चार ट्रेनों को रद्द किया गया है। यह फैसला फिलहाल दो दिन (5 और 6 मई) के लिए लिया गया है।

फर्जी तस्वीरों और वीडियो से हिंसा और भड़कने की आशंका

इस बीच सोशल मीडिया पर शेयर किए जा रहे तस्वीरों और वीडियो में कई वीडियो फर्जी होने की आशंका जताई जा रही है।ऐसे में इससे मणिपुर की स्थिति पर कोई असर ना पड़े, इसके लिए इंडियन आर्मी सतर्क नजर आ रही है।वहीं सेना ने लोगों से अपील की है कि वह केवल उन्हीं जानकारी पर भरोसा करें जो आधिकारिक सूत्रों के हवाल से दी जा रही हैं।भारतीय सेना की ओर से जानकारी दी गई है कि मणिपुर हिंसा को लेकर सोशल मीडिया पर कई फर्जी खबरें फैलाई जा रही हैं। इनमें असम राइफल्स पोस्ट पर हमले का वीडियो भी शामिल है।

बता दें कि मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) श्रेणी में शामिल करने की मांग के विरोध में छात्रों के संगठन ‘ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ मणिपुर’ (एटीएसयूएम) ने मार्च बुलाया था। ‘आदिवासी एकता मार्च’ के नाम से हो रहे प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क गई। बुधवार से भड़की हिंसा में भीड़ ने कई घरों, दुकानों और धार्मिक स्थलों पर आग लगा दी थी।इधर मणिपुर के 8 जिलों में कर्फ्यू लगाया जा चुका है और 5 दिनों के लिए इंटरनेट भी ठप हो गया है।

मणिपुर में हालात तनावपूर्ण, ट्रेनों की आवाजाही पर रोक, सेना सतर्क

#manipurviolenceindianarmyalert 

मणिपुर हिंसा की आग में झुलस रहा है।मणिपुर हाईकोर्ट के आदेश के बाद फूटा आक्रोश आग बनकर सड़कों पर दहक रहा है।बुधवार को भड़की हिंसा के बाद स्थिति लगातार तनावपूर्ण बनी हुई है। सोशल मीडिया पर हिंसा की कई तस्वीरें और वीडियो शेयर किए गए हैं। इस बीच मणिपुर हिंसा से जुड़ी फर्जी खबरों को लेकर भी भारतीय सेना अलर्ट नजर आ रही है।इधर, हिंसा को देखते हुए सरकार ने बड़ा आदेश जारी किया है. उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने का आदेश दिया गया है।वहीं, अब पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे ने मणिपुर जाने वाली ट्रेनों को रोक दिया है। 

हालात सही नहीं होने तक ट्रेने मणिपुर में प्रवेश नहीं करेगी

पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे ने मणिपुर सरकार की सलाह पर ट्रेनों की आवाजाही पर रोक लगाने का निर्णय लिया है। एनएफ रेलवे के सीपीआरओ सब्यसाची डे के अनुसार, हालात जबतक सही नहीं हो जाते हैं, तब तक कोई ट्रेन मणिपुर में प्रवेश नहीं करेगी। वहीं, भारतीय रेलवे ने बताया कि चार ट्रेनों को रद्द किया गया है। यह फैसला फिलहाल दो दिन (5 और 6 मई) के लिए लिया गया है।

फर्जी तस्वीरों और वीडियो से हिंसा और भड़कने की आशंका

इस बीच सोशल मीडिया पर शेयर किए जा रहे तस्वीरों और वीडियो में कई वीडियो फर्जी होने की आशंका जताई जा रही है।ऐसे में इससे मणिपुर की स्थिति पर कोई असर ना पड़े, इसके लिए इंडियन आर्मी सतर्क नजर आ रही है।वहीं सेना ने लोगों से अपील की है कि वह केवल उन्हीं जानकारी पर भरोसा करें जो आधिकारिक सूत्रों के हवाल से दी जा रही हैं।भारतीय सेना की ओर से जानकारी दी गई है कि मणिपुर हिंसा को लेकर सोशल मीडिया पर कई फर्जी खबरें फैलाई जा रही हैं। इनमें असम राइफल्स पोस्ट पर हमले का वीडियो भी शामिल है।

बता दें कि मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) श्रेणी में शामिल करने की मांग के विरोध में छात्रों के संगठन ‘ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ मणिपुर’ (एटीएसयूएम) ने मार्च बुलाया था। ‘आदिवासी एकता मार्च’ के नाम से हो रहे प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क गई। बुधवार से भड़की हिंसा में भीड़ ने कई घरों, दुकानों और धार्मिक स्थलों पर आग लगा दी थी।इधर मणिपुर के 8 जिलों में कर्फ्यू लगाया जा चुका है और 5 दिनों के लिए इंटरनेट भी ठप हो गया है।

गीता फोगाट और उनके पति को दिल्ली पुलिस ने किया गिरफ्तार, ट्वीट कर किया दावा

#wrestler_geeta_phogat_slams_delhi_police_arrest_with_husband 

बुधवार देर रात जंतर-मंतर पर पुलिस और धरने पर बैठे पहलवानों के बीच झड़प और तीखी बहस के बाद मामला गर्मा गया है।इस बीच भारत की दिग्गज पहलवान गीता फोगाट ने दावा किया है कि उन्हें और उनके पति को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।गीता फोगाट ने ट्वीट कर ये दावा किया।

पहलवान गीता फोगाट ने सोशल मीडिया पर दिल्ली पुलिस की कार्रवाई पर कई सवाल खड़े किए हैं।गुरुवार शाम ट्वीट करते हुए दावा किया कि दिल्ली पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, 'मैं अपने पति पवन सरोहा के साथ दिल्ली में जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे अपने भाई-बहनों से मिलने जा रही थीं। इसी दौरान करनाल बाइपास पर दिल्ली पुलिस ने रोक लिया। इसके बाद फिर हमें थाने ले गए और कहने लगे कि दो ही रास्ते हैं या तो वापस चले जाओ या फिर पुलिस के घर चलो। इसके बाद हमें गिरफ्तार कर लिया गया। ये बहुत ही दुखद है।

बता दें कि बुधवार रात को जंतर मंतर पर हुए बवाल के बाद पहलवानों में काफी गुस्सा है। पहलवानों का आरोप है कि दिल्ली पुलिस ने बुधवार रात को धरना दे रहे पहलवानों के साथ मारपीट की। इस हाथापाई में कुछ पहलवानों के सिर में चोटें भी आई हैं। इस घटना के बाद विनेश फोगाट ने ऐलान किया है कि पहलवान राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जीते हुए सभी मेडल लौटाएंगे। विनेश फोगाट ने कहा, हमें अपमानित किया जा रहा है, जमीन पर घसीटा जा रहा है। ऐसे में हम अपने सभी मेडल लौटा देंगे। वहीं, बजरंग पूनिया ने कहा, अगर ऐसे ही सम्मान हुआ, तो हम मेडल का क्या करेंगे। हम वो मेडल लौटा देंगे भारत सरकार को।

मणिपुर में हिंसा पर सरकार सख्त, दंगाइयों को देखते ही गोली मार देने का आदेश

#manipur_violence_shoot_at_sight_governor_order 

मणिपुर हिंसा की आग में जल रहा है। इस बीच राज्य सरकार ने हिंसा पर काबू पाने के लिए ‘शूट एट साइट’ का ऑर्डर दिया है। हालांकि यह केवल एक्ट्रीम केस में ही इस्तेमाल किया जाएगा। दरअसल, मणिपुर में मैतेई समुदाय को एसटी कैटेगरी में शामिल करने के खिलाफ एक आदिवासी स्टूडेंट यूनियन ने मार्च बुलाया था। इसमें हिंसा भड़क गई थी। फिलहाल मणिपुर में स्थिति तनावपूर्ण है।

मणिपुर के राज्यपाल ने हिंसाग्रस्त इलाकों में दंगाइयों को देखते ही गोली मार देने के राज्य सरकार के फैसले को मंजूरी दे दी है।राज्यपाल की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि जब समझाना-बुझाना, चेतावनी और उचित बल का प्रयोग की सीमा पार हो गई हो और स्थिति को नियंत्रित नहीं किया जा सके, तो देखते ही गोली मारने का सहारा लिया जा सकता है। अधिसूचना राज्य सरकार के आयुक्त (गृह) के हस्ताक्षर हैं। अधिसूचना आपराधिक प्रक्रिया संहिता 1973 के प्रावधानों के तहत जारी की गई है।

इस बीच मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने वीडियो जारी कर लोगों से अपील की है कि शांति के लिए सरकार का सहयोग करें। राज्य में दो समुदायों के बीच हिंसा गलतफहमी के कारण हो रही है। उन्होंने आगे कहा कि जो भी तोड़फोड़ या हिंसा करेंगे उसके खिलाफ हम कार्रवाई करेंगे।

इधर बुधवार को भड़की हिंसा के बाद राज्य में स्थिति तनावपूर्ण है। भारतीय सेना और असम राइफल्स के जवानों ने हिंसाग्रस्त इलाकों से अब तक 7500 से अधिक नागरिकों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। बताया जा रहा है कि नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए रातभर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया।

दरअसल, ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ मणिपुर ने बुधवार को चुराचांदपुर के तोरबंग में मैतेई समुदाय को एसटी में शामिल करने के लिए आदिवासी एकता मार्च निकाला था। आदिवासी एकता मार्च में हजारों प्रदर्शनकारी शामिल हुए। इस दौरान ट्राइबल और नन-ट्राइबल के बीच हिंसा भड़क उठी। इसके बाद कई जिलों में कर्फ्यू लगा दिया गया था। इतना ही नहीं पूरे मणिपुर में 5 दिनों के लिए इंटरनेट सर्विस को सस्पेंट कर दिया गया है। कई जिलों में धारा 144 लागू कर दी गई थी। स्थिति को काबू में करने के लिए भारतीय सेना के जवानों ने फ्लैग मार्च भी निकाला था।

शराब घोटाला मामले में ईडी की चौथी सप्लीमेंट्री चार्जशीट, मनीष सिसोदिया को बनाया आरोपी

#ed_files_supplymentry_charge_sheet_against_aap_leader_sisodia 

दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। अब दिल्‍ली आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के केस में आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया को आरोपी बनाया गया है। गुरुवार को प्रवर्तन निदेशायलय (ईडी) ने राउज़ एवेन्यु कोर्ट में 2100 पन्‍नों की सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की है।इसमें ईडी ने आप नेता मनीष सिसोदिया को आरोपी बनाया है। आबकारी नीति मामले में मनीष सिसोदिया 29 वें आरोपी हैं।इससे पहले आबकारी नीति में मनीष सिसोदिया के खिलाफ सीबीआई भी चार्जशीट दाखिल कर चुकी है।

मनी लांड्रिंग के मामले में ईडी ने राउज एवेन्यु कोर्ट में मनीष सिसोदिया के खिलाफ सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की है। जहां ईडी ने चार्जशीट में मनीष सिसोदिया सिसोदिया को आरोपी बनाया है। हालांकि, राउज एवेन्यू कोर्ट के स्पेशल जज एमके नागपाल की कोर्ट मामले पर शनिवार को सुनवाई करेगी।बता दें कि ईडी ने सिसोदिया को आबकारी नीति मामले में 9 मार्च को गिरफ्तार किया था। इससे पहले सीबीआई ने उन्हें 26 फरवरी को लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया था।

ईडी की गिरफ्तारी के मामले में जमानत के लिए सिसोदिया ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है। इस याचिका पर गुरुवार (4 मई) को सुनवाई हुई. इस दौरान कोर्ट ने ईडी को नोटिस जारी किया और मामले की अगली सुनवाई के लिए 11 मई की तारीख तय की। सिसोदिया ने अपनी पत्नी की बीमारी के आधार पर मामले में नियमित जमानत अर्जी के साथ-साथ अंतरिम जमानत याचिका भी दाखिल की है। पूर्व उप मुख्यमंत्री की पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता दयान कृष्णन और मोहित माथुर ने हाई कोर्ट में दलील दी कि ‘आप’ नेता की पत्नी पिछले 20 सालों से मल्टीपल स्क्लेरोसिस से जूझ रही हैं, जो तंत्रिका तंत्र (नर्वस सिस्टम) से जुड़ी एक गंभीर दीर्घकालिक बीमारी है और उनकी स्थिति और बिगड़ने की आशंका है।